एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Horror stories collection. All kind of thriller stories in English and hindi.
User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 23 Oct 2016 20:36

“देख मोहित हम पूजा के लिए ही आए हैं यहां. अगर यू खोए रहोगे तो कुछ भी नहीं कर पाओगे अपनी पूजा के लिए. अपना पूरा ध्यान यहां रखो.”

“वो तो ठीक है यार…मेरी जान किस हाल में होगी सोच कर ही रूह काँप रही है मेरी. वो बहुत डरती है रोहित. बहुत डरती है वो. नहीं सह पाएगी इतना कुछ…नहीं सह पाएगी.” मोहित बहुत इमोशनल हो रहा था. ये सावभाविक भी था.

“सब समझ रहा हूँ भाई…तू ऐसे करेगा तो मेरी भी हिम्मत जवाब दे जाएगी. संभाल खुद को. वो इंतजार कर रही होगी तेरा की तू कुछ करेगा.”

“मुझे पता है तभी तो इमोशनल हो रहा हूँ. अगर कुछ कर नहीं पाया तो मेरा प्यार उस साइको के आगे हार जाएगा.”

“ऐसा कुछ नहीं होगा. उम्मीद का दामन आख़िर तक नहीं छोड़ना चाहिए. वक्त चाहे कितना भी बुरा आ जाए हमें उम्मीद रखनी चाहिए. वक्त कब करवट लेगा हम कह नहीं सकते.”
“सॉरी यार. बहुत ज्यादा इमोशनल हूँ पूजा के लिए मैं. इसलिए ऐसी बातें कर रहा हूँ. अब ठीक हूँ. चल देखते हैं क्या करने वाला है ये साइको. इसे से पहले की वो अपनी गेम में कामयाब हो हमें उसे पकड़ना होगा.”

“ये हुई ना बात.”

“अभी तो यहां शांति लग रही है. हमें हर व्यक्ति पर कड़ी नज़र रखनी होगी.”

“मुझे एक बात समझ में नहीं आई. यहां मेरे लिए क्या खास करेगा वो.”

“तेरी मैडम आ रही है ना यहां…”

“बस यार सुबह सुबह बोल. बड़ी मुश्किल से बची थी पिछली बार वो साइको के जाल से.”

“देखा नहीं होता ना बर्दास्त. अब पता चला की क्या बीत रही है मेरे दिल पर.”

“वो पहले से समझा हुआ हूँ….एक मिनट.”

“क्या हुआ?”

“मैडम से मिल कर आता हूँ.”

“अरे वो तुम्हें नहीं पहचानेगी?”

“देखा जाएगा तू यही रुक.”

रोहित शालिनी की तरफ बढ़ा. वो पिंक सारी में थी और एक दूसरी लेडी से बात कर रही थी.

शालिनी के पास आकर रोहित ने कहा, “एक्सक्यूस में मैडम, आपसे जरूरी बात करनी है.”

“दो ई नो यू?”

“शायद.” रोहित ने कहा.

“गेट लॉस्ट फ्रॉम हियर. तुम्हें पता नहीं मैं कौन हूँ और क्या कर सकती हूँ.” शालिनी को लगा की उसे छेड़ा जा रहा है.

“आस्प साहिबा हैं आप और मुझे जेल में डाल सकती हैं. लेकिन फिर भी जोखिम लेने को तैयार हूँ. प्लीज़ थोड़ा सा इधर आकर मेरी बात सुन लीजिए.” रोहित थोड़ी आवाज़ बदल कर बोल रहा था इसलिए शालिनी उसे पहचान नहीं पाई. लेकिन वो उसके साथ एक कोने में आ गयी.

“हाँ बोलो क्या बात है.”

“अपने दिल की बात बोल क्यों नहीं देती आप उसे.”

“एक्सक्यूस में….क्या बकवास है ये.”

“रोहित को बोल देना चाहिए आपको सब कुछ.”

“ई हटे हिं. कैसे काहु उसे ये कड़वा सच.”

“क्या कहा आपको नफरत है रोहित से.” रोहित अब अपनी आवाज़ में बोल पड़ा.

“जी हाँ बहुत ज्यादा नफरत है. आपको क्यों तकलीफ हो रही है इसे बात से.”

“हे हेट्स यू टू.” रोहित कह कर चल दिया.

“रोहित रुको”

“तो आपने मुझे पहचान लिया.”

“तुम्हारी आंखों से तुम्हें भीड़ में भी पहचान सकती हूँ.”

“मैडम साइको यहां कोई गेम खेलने वाला है. उसने मुझे यहां बुलाया है. मेरे दोस्त मोहित की गर्लफ्रेंड को अगवा कर लिया है उसने. वो वापिस आ गया है और अब लगता है बहुत कुछ करने के मूंड़ में है. आप यहां से चली जाओ.”

“वैसे मैं कुछ ही देर में जाने वाली थी पर अब तो बिलकुल नहीं जाऊंगी मैं कही.”
“मैडम आप यहां रहेंगी तो मेरा ध्यान आप पर रहेगा.”

“तुम्हें छोड कर नहीं जाऊंगी रोहित. मुझे लाइयबिलिटी मत समझो तुम. आस्प हूँ मैं ऐसे रिस्क लेना मेरी ड्यूटी है.”

“हाँ आप आस्प हैं और मैं इंस्पेक्टर जो सस्पेंड हो चुका है. मेरी बात क्यों मानेगी आप.”

“कैसी बात करते हो रोहित. वो सब अपनी जगह है और तुम्हारा मेरा रिश्ता अपनी जगह है.”

“मेरा और आपका रिश्ता? बस थोड़ा सा और आगे बढ़िए और बोल दीजिए आज अपने दिल की बात.”

“चलो-चलो अपना रास्ता देखो.”

“मैडम प्लीज़ यहां से चली जाओ…मुझे कुछ अजीब होने की आसंका हो रही है. उसने मुझे यहां बुलाया है. हो सकता है वो मुझे परेशान करने के लिए आपको टारगेट करे. मुझे डर लग रहा है.”

“क्यों डरते हो मेरे लिए.”

“पता है आपको.”

“तुम मुझे तो कहते रहते हो की बोल दो…बोल दो. खुद तो तुमने अब तक नहीं कहा कुछ.”

“मेरी औकात ही क्या है आपके सामने. कही ठुकरा ना दिया जाऊं… डरता हूँ इसे बात से”

“इसमें औकात की बात कहा से आ गयी. जाओ तुम मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी.”

“सॉरी मैडम.”

“सॉरी की कोई जरूरत नहीं है. तुम जाओ यहां से.”

“ठीक है मैं जाता हूँ. आप अपना ख्याल रखना. मुझे साइको को ढूंढ़ना है. इसे से पहले की वो कुछ करे मुझे उसे पकड़ना है.”

रोहित कह कर चल दिया.

“रुको…” शालिनी चल कर उसके पास आई और बोली, “तुम भी अपना ख्याल रखना.”

“ओके…” रोहित मुस्करा कर आगे तरफ गया.

रोहित वापिस मोहित के पास आ गया.

“कुछ दीखा ऐसा वैसा कुछ.” रोहित ने कहा

“इतने सारे लोग हैं यहां. सब पर कैसे फोकस करे.” मोहित ने कहा.

“मेरे लिए रीमा की शादी में खास क्या हो सकता है?” रोहित सोच में पड़ गया.

“कही वो रीमा की आर्ट तो नहीं बना रहा.”

“ऑम्ग ये तो मैंने सोचा ही नहीं. चल देखते हैं की रीमा कहा है.” रोहित ने कहा.

दोनों भाग कर पूछते हुए उस जगह पहुँचे जहां रीमा को शादी के लिए तैयार किया जा रहा था.

“एक्सक्यूस में रीमा कहा है.” रोहित ने एक लेडी से पूछा.

“वो ज़रा फ्रेश होने गयी है. जैमला के लिए अभी टाइम है. आप चिंता ना करे वो टाइम से पहुँच जाएगी.”

“कौन से कमरे में है वो” रोहित ने पूछा.

“जीशके सामने मैं खड़ी हूँ.”

रोहित ने तुरंत दरवाजा पीटना शुरू कर दिया. तब तक छुआहं भी वहां पहुँच गया था.

“हे कोन हो तुम और ये दरवाजा क्यों पीट रहे हो.”

“सर मैं रोहित हूँ. रीमा की जान को खतरा है.”

“क्या बकवास कर रहे हो. दफा हो जाओ यहां से.”

मगर रोहित ने चौहान की एक ना शुनि. उसने वो दरवाजे पर इतनी ज़ोर से धक्का मारा की वो गिर गया. जब रोहित अंदर गुस्सा तो उसके रोंगटे खड़े हो गये. वो देख नहीं पाया अंदर का दृश्या.

कमरे में खून से लथपथ रीमा की नंगी लाश पड़ी थी. सर से लेकर पाँव तक वो खून के रंग में रंगी थी. कमरे के शीसे पर साइको कुछ लिख गया था. जिसे पढ़ कर किसी की भी रूह काँप जाएगी

“मेरे हाथों से कोई बच जाता है तो मुझे बर्दास्त नहीं होता. लेकिन कोई एक बार बच सकता है दूसरी बार नहीं. दूसरी बार मेरा प्लान और भी ज्यादा भयानक होता है. मिस्टर रोहित पांडे…रीमा को लाल सारी की बजाए लाल खून से रंग दिया है मैंने. रीमा की शादी मुमारक हो तुम्हें.”

रोहित खुद को थाम नहीं सका और रो पड़ा. चौहान तो बेहोश हो कर गिर गया वही.

“सॉरी रीमा…कुछ नहीं कर पाया तुम्हारे लिए. मैंने आने में देर कर दी.”

मोहित ने ध्यान दिया की कमरे की खिड़की खुली पड़ी है.

“रोहित वो मर्डर करके खिड़की से भगा है.” मोहित ने कहा.

“छोड़ेंगे नहीं साले को….आओ देखते हैं” रोहित चिल्लाया.

दोनों खिड़की से कूद कर बाहर आते हैं. उन्हें एक साया भागता हुआ नज़र आता है.

रोहित और मोहित दोनों उसके पीछे भागते हैं.

“हे रुक जाओ वरना गोली मर दूँगा.” रोहित छील्लता है.

पर वो साया नहीं रुकता.

वो साया भागता हुआ किसी चीज़ से टकरा कर गिर जाता है और रोहित और मोहित उसे दबोच लेते हैं.

“अरे चोदा मुझे कोन हो तुम लोग. इंस्पेक्टर सिकेण्दर पर हाथ डालने का आज़ाम बहुत बुरा होगा जान लो.”

रोहित ने सिकेण्दर के सर पिस्तौल रख दी और बोला, “क्या कर रहे थे तुम यहां और जब हम रुकने को बोल रहे थे तो रुके क्यों नहीं. जल्दी बोलो वरना भेजा उड़ा दूँगा. मेरा दिमाग घुमा हुआ है अभी.”

“सिकेण्दर का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता पांडे जी. पीछे हटिए बंदूक मेरे पास भी है.”

“पहले तुम ये बताओ यहां कर क्या रहे थे.”

“मैंने किसी को खिड़की से कूद कर भागते देखा. उसी का पीछा कर रहा था मैं.”

“झूठ बोल रहे हो तुम. हमने किसी को नहीं देखा तुम्हारे आगे. तुम अकेले ही भागे जा रहे थे.”

“सिकेण्दर वॉक्स अलोन इन थे डार्क लेकिन आज मैं अंधेरे में किसी का पीछा कर रहा था. मेरा यकीन करो.”

“रोहित जरूर कुछ गड़बड़ है. हमने किसी को भी नहीं देखा. बस ये अकेला भगा जा रहा था.” मोहित ने रोहित के कान में कहा.

राजू और पद्‍मिनी अपने प्यार की खुमारी में खोए थे. उन्हें ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था की पूजा को किडनॅप कर लिया है साइको ने और रीमा को मर दिया है. दोनों दुनिया की हर बात से बेख़बर थे. राजू पद्‍मिनी को बाहर डिनर करवा कर आज फिर से अपने घर ले आया था.

“पूरे एक महीने बाद वापिस आए हैं हम इसे छोटे से घर में. हमारी जंग अभी भी जारी है.”

“वो तो जारी रहेगी राजू…हार मान-ने वालो में से नहीं हूँ मैं.”

“मैंने भी जींदगी में हारना नहीं सीखा. मैं जीतूँगा जरूर एक दिन. हो सकता है आज ही जीत जाऊं.”

“कुछ भी हो राजू. ई लव यू फ्रॉम थे बॉटम ऑफ में हार्ट.”

“ई लव यू टू बेबी. अगर ऐसा है तो आज हार मान लो तुम…दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही तुमसे.”

“इमोशनल करने की कोशिश कर रहे हो. खूब समझ रही हूँ मैं. कुछ भी कर लो शादी से पहले कुछ नहीं.”

“अफ…कब होगा डाइवोर्स तुम्हारा. मेरी तो जान पर बन आई है. कोई आशिक अपनी महबूबा के लिए इतना नहीं तड़पा होगा जितना मैं तड़प्ता हूँ तुम्हारे लिए.”

“धीरज रखो मेरे दीवाने. डाइवोर्स फाइल कर तो दिया है ना. थोड़ा वक्त तो लगता ही है इन बातों में”

“तड़प तड़प कर मर ना जाए ये दीवाना.” राजू ने कहा.

पद्‍मिनी राजू से लिपट गयी और बोली, “ऐसे मत बोलो….ई लव यू सो मच.”

राजू ने पद्‍मिनी के नितंबों को दोनों हाथों से थाम लिया और उसे ज़ोर से अपनी तरफ खींचा.

“क्या कर रहे हो.”

“जंग लड़ रहा हूँ और क्या….मेरा हत्यार महसूस नहीं हो रहा क्या तुम्हें”

“अफ फिर से शुरू हो गये…क्या करूँ तुम्हारा मैं.”

“अतचा बस एक बात मान लो मेरी.”

“क्या?”

“जैसे हम दोनों चुंबन लेते हैं होठों से होंठ मिला कर. कम से कम एक बार एक चुंबन तो ले लेने दो दोनों को.”

पद्‍मिनी की सांसें तेज चलने लगी ये सुन कर.

“प्लीज़ राजू ऐसी बातें मत करो.”

“पर सच कह रहा हूँ…आज बहुत तड़प रहा हूँ मैं. तुम इसे हवस कहो या कुछ और…पर मैं तुम में समा जाना चाहता हूँ आज.”

पद्‍मिनी को राजू का लिंग ठीक अपनी योनि के ऊपर महसूस हो रहा था. राजू की बातें और लिंग की चुवन कुछ अजीब सा जादू कर रही थी पद्‍मिनी पर. मगर वो फिर भी खुद को संभाले हुए थी.

“आज कुछ ज्यादा ही दीवाने लग रहे हो.”

“सब तुम्हारे कारण है. क्या लग रही हो तुम आज.कसम से तुम्हें कच्छा चबाने का मान कर रहा है. वैसे एक बात कहूँ.”

“हाँ बोलो.”

“तुम्हारे नितंबों को थामे खड़ा हूँ…कुछ बोल नहीं रही आज तुम.”

“ओह हाँ भूलो गयी. हटाओ हाथ जल्दी.”

“नहीं हथवँगा…कर लो जो करना है.”

“अफ आज तुम खतरनाक मूंड़ में हो. मुझे डर लग रहा है तुमसे.”

“डरना भी चाहिए हहहे.”

राजू ने अपने हाथों से पद्‍मिनी के नितंबों को मसनला शुरू कर दिया. पद्‍मिनी की सांसें उखाड़ने लगी.

“राजू नहीं……आआअहह” पद्‍मिनी ने कहा और राजू को धक्का दे कर उसकी बाहों से आज़ाद हो गयी.

User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 23 Oct 2016 20:36

“क्या हुआ जानेमन…इतना करीब तो हम रोज ही रहते हैं.”

“आज बर्दास्त नहीं हो रही ये नज़दीकियाँ.”

“मतलब आप जंग हार रही हैं…वेरी गुड”

“हार नहीं मानूँगी मैं.”

“ज़बरदस्ती मत करो अपने साथ पद्‍मिनी…कभी कभी खुद को आज़ाद छोड दिया करो.”

“वाह…वाह क्या शिकसा दे रहे हो अपनी प्रेमिका को. अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कह सकते हो तुम” पद्‍मिनी कह कर वॉश रूम की तरफ चल दी.

“कहा जा रही हो.”

“नहाने जा रही हूँ”

“ये आग नहाने से नहीं बुझेगी. इसे आग को बुझाने के लिए एक अलग ही पानी बनाया है भगवान ने. वो पानी मेरे पास है. फ्री ऑफ कॉस्ट तुम्हें देने के लिए तैयार हूँ.”

“मुझे नहीं चाहिए…”

राजू ने भाग कर पद्‍मिनी को पीछे से दबोच लिया और उसकी गर्दन पर किस करके बोला, “एक बार ट्राइ तो करो…सारी आग ठंडी हो जाएगी”

“मेरे अंदर कोई आग नहीं लगी. मैं तो वैसे ही नहाने जा रही थी. चोदा मुझे.”

राजू के डाई तरफ एक छोटी सी टेबल थी. वो पद्‍मिनी को खींच कर वहां ले आया और उसका नाडा खोने लगा.

“राजू नहीं प्लीज़…”

“नहीं रोक सकता खुद को मैं अब. चाहे कुछ भी सजा देना मुझे बाद में परवाह नहीं मुझे. अब मैं ये जंग जीतने जा रहा हूँ.”

“नहीं राजू प्लीज़….”

नाडा खोल चुका था राजू और हल्की से सलवार भी नीचे सरका चुका था. पद्‍मिनी ने अपने दोनों हाथों से अपनी सलवार को अपने कुल्हो पर थाम लिया और अपना नाडा वापिस बंद करने की कोशिश करने लगी. राजू ने पद्‍मिनी की परवाह किए बगैर अपने लिंग को बाहर निकाल लिया और बोला, “नहीं रोक पाएगी इसे तूफान को मान लो. खुद को आज़ाद छोड तो इन हवाओं में…प्यार है ये कोई पाप नहीं.”

राजू ने एक झटके में सलवार नीचे सरका दी पद्‍मिनी की.

“राजू क्या अपनी पद्‍मिनी की बात नहीं मानोगे तुम. प्लीज़ रुक जाओ.”

राजू ने पैंटी भी नीचे सरका दी और बोला, “प्लीज़ ऐसा मत कहो…तुम जानती हो मैं रुक नहीं सकता.”

राजू ने दोनों हाथों से पद्‍मिनी के नग्न नितंबों को थाम लिया.

“अफ ये मखमली गान्ड….सच में तुम्हारा कोई मुकाबला नहीं पद्‍मिनी. यू अरे मोस्ट ब्यूटिफुल वुमन इन थे वर्ल्ड.”

पद्‍मिनी कुछ भी बोलने की हालत में नहीं थी. कुछ अजीब सी मदहोशी छा रही थी उस पर. शायद सब राजू के प्यार का असर था.

“क्या हुआ पद्‍मिनी…कुछ करो यार ये जंग तुम हार रही हो.”

“तुम्हारी जीत में ही मेरी जीत है राजू. ई लव यू सो मच. तुम्हें तड़प्ता छोड कर मैं जीत भी गयी तो क्या मिल जाएगा मुझे. बहुत प्यार करती हूँ तुम्हें. कर लो जो करना है तुम्हें. बस मेरा विश्वास मत तोड़ना कभी. हमेशा साथ रहना मेरे.”

“ओह पद्‍मिनी…ई लव यू सो मच. नाउ फर्स्ट लेट देम किस. बहुत तरसे हैं दोनों एक दूसरे के लिए.”

“आआहह राजू तुम चुप नहीं रही सकते क्या?” राजू की बातें कुछ अजीब सा असर कर रही थी पद्‍मिनी पर.

राजू ने अपने लिंग को पद्‍मिनी के योनि के द्वार पर रख दिया. पद्‍मिनी के शरीर में मानो जैसे बीजली की लहर दौड़ गयी. वो थर थर काँपने लगी.

“बहुत प्यारा चुंबन ले रहे हैं दोनों…क्या तुम्हें फील हो रहा है ये चुंबन पद्‍मिनी. मुझे तो मेरी आत्मा तक महसूस हो रहा है. ये अहसास जींदगी भर नहीं भूलूंगा मैं.”

“आहह राजू तुम जीत गये और मैं हार गयी. लेकिन एक बात याद रखना…सिर्फ़ तुम्हारे लिए हारी हूँ मैं…खुद को थामना मुझे आता है.”

“जानता हूँ…तभी तो इतना प्यार आ रहा है तुम पर. ई लव यू बेबी. क्या मैं अब प्रवेश करूँ.”

“मना करूँगी तो क्या रुक जाओगे.”

“तुम बोल कर तो देखो.”

“ठीक है फिर यही रुक जाओ…वैसे भी तुम पहले सिर्फ़ चुंबन के लिए बोल रहे थे.” पद्‍मिनी ने हंसते हुए कहा.

लेकिन अगले ही पल पद्‍मिनी की छींख गूँज उठी कमरे में. राजू का भारी भरकम लिंग 2 इंच पद्‍मिनी की योनि में समा चुका था.

“आआआअहह रजुउुुुुुुउउ धोकेबाज…मक्कार” पद्‍मिनी कराहते हुए बोली.

“ओह सॉरी पीछे हटने की बजाए आगे को पुश हो गया गलती से. ई आम रियली सॉरी फॉर डेठ.

पद्‍मिनी अचानक लिंग के प्रवेश के कारण छटपटा रही थी. टेबल पर बुक्स का ढेर था. एक के ऊपर एक रखी हुई थी. छटपटाहट में कुछ बुक्स ज़मीन पर गिर गयी. एक किताब में से कुछ तस्वीरें बाहर निकल आई. एक तस्वीर को देख कर पद्‍मिनी सोच में पड़ गयी. मगर अगले ही पल वो फिर से छीनखने पर मजब्ूओर हो गयी. राजू ने 2 इंच और सरका दिया था पद्‍मिनी के अंदर.

“ऊऊओह……. राजू मेरी जान ले लोगे आज तुम. तुम्हारा प्यार बहुत दर्दनाक साबित हो रहा है…..आआअहह”

“ई लव यू स्वीट हार्ट. ये दर्द का दौड़ जल्द गुजर जाएगा…फिर धीरे धीरे मजा आएगा.”

“एक मिनट रुकोगे तुम.”

“एनितिंग फॉर में पद्‍मिनी. बोलो क्या बात है.”

“थोड़ी देर रुको बताती हूँ.”

पद्‍मिनी ने उस तस्वीर को बारे गौर से देखा. देखते देखते कब उसके चेहरे पर पसीने आ गये और रोंगटे खड़े हो गये उसे पता ही नहीं चला.

“राजू ये तस्वीर किशकि है?” पद्‍मिनी ने ज़मीन पर पड़ी तस्वीर की तरफ इशारा किया.

“ये तो नगमा है. तुम मिल तो चुकी हो उसे. भूल गयी क्या?”

“अरे नगमा को कैसे भूल सकती हूँ मैं. उसकी तस्वीर के ऊपर जो तस्वीर है उसकी बात कर रही हूँ. कौन है ये.” पद्‍मिनी की आवाज़ में डर और खौफ साफ दीखाई दे रहा था.

“बात क्या है पद्‍मिनी. तुम डरी हुई सी क्यों लग रही हो.”

“यही साइको है राजू…यही साइको है.” पद्‍मिनी ने एक साँस में कहा.

राजू के तो पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गयी ये सुन कर.

“क्या बोल रही हो होश में तो हो तुम. तुम तो कह रही थी की याद नहीं तुम्हें अब उसका चेहरा.”

“हाँ भूल गयी थी उसका चेहरा मैं. लेकिन ये तस्वीर देख कर फिर से याद आ गया. मेरा यकीन करो राजू यही साइको है.”

राजू ने एक ज़ोर का झटका मारा और अपने लिंग को इसे बार पूरा गुस्सा दिया पद्‍मिनी की योनि में.फिर से दर्दनाक छींख गूँज उठी पद्‍मिनी की कमरे में.

“आआययईीीईईई….. आआअहह…..क्या कर रहे हो राजू…मैंने इतनी इंपॉर्टेंट बात बताई तुम्हें और तुम बस इसमें खोए हो. ई हटे यू.” पद्‍मिनी ने गुस्से में कहा.

“सॉरी…पूरा डाल कर ही निकालना चाहता था बाहर.” राजू ने अपने लिंग को बाहर खींचते हुए कहा.

“आआहह…” पद्‍मिनी कराह उठी.

“ये बात तुरंत रोहित सर को बतानी होगी.” राजू ने कहा.

पद्‍मिनी ने तुरंत अपनी पैंटी और सलवार ऊपर खींच ली, “आहह ये प्यार दर्द देने वाला है बहुत.” पद्‍मिनी कराहते हुए बोली.

राजू ने रोहित को फोन मिलाया. उस वक्त रोहित सिकेण्दर पर बंदूक ताने खड़ा था. रोहित ने फोन उठाया.

“हेलो राजू…कहा हो भाई…कितने लापरवाह हो गये हो. फोन भी नहीं उठाते हो. हो कहा तुम”

“सर फोन साइलेंट मोड पर था.”

“ओके…क्यों फोन किया अब”

“सर साइको का पता चल गया है.”

“क्या?”

“हाँ, पद्‍मिनी ने उसे पहचान लिया है. उसे सब कुछ याद आ गया उसकी तस्वीर देख कर.?”

“जल्दी बोलो कोन है वो.”

राजू ने जब साइको के बारे में बताया तो उसके चेहरे का रंग उड़ गया. उसे विश्वास ही नहीं हुआ राजू की बात पर.

“पद्‍मिनी को फोन देना.” रोहित ने कहा.

राजू ने फोन पद्‍मिनी को थमा दिया, “रोहित सर बात करना चाहते हैं.”

“हाँ पद्‍मिनी राजू ने जो कहा क्या सही है वो सब.”

“हाँ…100 परसेंट.”

“ठीक है तुम दोनों वही रहो. कही जाना मत.” रोहित ने फोन काट दिया.

“सरकार उठिए…यू कॅन नाउ वॉक अलोन इन थे डार्क…हम चलते हैं.”

“अजीब बात कर रहे हैं सरकार. वो जो कोई भी था वो तो निकल गया ना हाथ से.”

“तो अतचा है ना…नाउ यू कॅन फ्रीली वॉक अलोन हहहे.”

रोहित सिकेण्दर को वही छोड कर मोहित को लेकर वहां से चल दिया.

“मोहित तुम्हारी पूजा को कुछ नहीं होगा. साइको का पता चल गया है. पद्‍मिनी ने उसे पहचान लिया है.”

“सच कह रहे हो.”

“हाँ एक दम सच. लेकिन हम उसे उसके तरीके से ही मारेंगे. चल साले के लिए एक आर्टिस्टिक मर्डर का प्लान बनाते हैं. पैंटिंग नहीं आती मुझे मगर मैं उसकी मौत की पैंटिंग जरूर बनावँगा. उल्टी सीधी जैसी भी बने…बनावँगा जरूर.”

“कोन है वो मुझे बता तो सही.”

रोहित ने मोहित को साइको की पहचान बता दी. मोहित भी हैरान रही गया सुन कर.

रोहित ने अपनी दाढ़ी मूच निकाल कर एक तरफ फेंक दी. मोहित मैं मैडम से मिल कर आता हूँ. तुम यही रुको.

रोहित को अपनी और आते देख शालिनी एक तरफ को आ गयी लोगों की भीड़ को छोड कर

“दाढ़ी मूच क्यों उतार दी.” शालिनी ने पूछा.

“जिस काम के लिए यहां आया था वो हो गया इसलिए उतार दी.”

“क्या मतलब?”

“साइको का पता चल गया मैडम.”

“क्या! कोन है वो?”

“अपने स्प साहिब.”

“वॉट…तुम होश में तो हो.”

“जी हाँ पूरे होश में हूँ.पद्‍मिनी ने पहचान ली उसकी फोटो. अब उनका मायाजाल समझ में आया. खुद को हॉस्पिटल में भरती करवा दिया उसने. ताकि किसी का भी शक ना जाए उस पर. फिर पद्‍मिनी के घर पर हमला हुआ. हम सब हैरान थे की आख़िर साइको सिर्फ़ पैंटिंग रख कर क्यों चला गया. ये सब हमें भटकाने के लिए था. स्प साहिब को डर था की कही उस पर किसी का शक ना जाए इसलिए ये मायाजाल बुन कर खुद को शक के दायरे से हटा लेना चाहता था वो. मुझे पूरा यकीन है की हॉस्पिटल में नकली इलाज हुआ होगा उसका. डॉक्टर उसकी जान पहचान का था. ज़बरदस्ती आइक्यू में रहा वो हमें बेवकूफ़ बनाने के लिए.”

“विश्वास नहीं हो रहा मुझे ये सुन कर. पुलिस के इतने बारे ऑफिसर जिन पर की लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है…लोगों को मारते फिर रहे हैं.”

“आपको अभी ये नहीं पता की यहां क्या किया उसने. जिसकी शादी में आप आई हैं उसे मर दिया हमारे स्प साहिब ने.”

“ओह माइ गॉड”

“उसे उसी के तरीके से मारेंगे मैडम. वो एक आर्टिस्टिक मर्डर डिज़र्व करता है. हम उसे इसे तरह से मारेंगे की उसे गर्व होगा की वो हमारे हाथों मारा गया.”

“मैं तुम्हारे साथ हूँ.”

“एक बात कहनी थी आपसे.” रोहित ने कहा.

“हाँ बोलो.”

रोहित ने शालिनी का हाथ पकड़ा और उसे भीड़ से दूर तन्हाई में ले आया.

“क्या कर रहे हो…वहां नहीं बोल सकते थे क्या?”

रोहित ने शालिनी को दीवार से सटा दिया और उसके बहुत करीब आ कर बोला, “क्या आप प्यार करती हैं मुझसे.”

“मुझे नहीं पता.” शालिनी ने टालने की कोशिश की

इतने करीब खड़े थे वो दीवार के सहारे की दोनों की सांसें टकरा रही थी आपस में.

“लेकिन मुझे पता है की मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ.” रोहित ने कहा.

शालिनी खामोश रही. रोहित ने शालिनी के होठों पर अपने होंठ टीकाने की कोशिश की तो उसने अपना चेहरा घुमा लिया. रोहित ने शालिनी के कंधे पर सर रख दिया और दो आँसू टपक गये उसकी आंखों से.

“इसलिए झीजक रहा था अपने दिल की बात बोलने से. ठुकरा दिया ना मेरा प्यार…” रोहित ने भावुक आवाज़ में कहा.
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 53

User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 23 Oct 2016 20:37

मेरे अंकल ने मेरे लिए लड़का ढूंढ. लिया है रोहित. उन्हें मना नहीं कर पा रही हूँ मैं.” शालिनी ने कहा.

रोहित शालिनी से दूर हाथ गया और बोला, “कोई बात नहीं मैडम. मैं बस साइको के पीछे जाने से पहले अपने दिल की बात कहना चाहता था. क्योंकि जींदगी का कोई भरोसा नहीं है. आप ने मेरी बात प्यार से सुन ली वही बहुत है मेरे लिए. गोद ब्लेस्स यू.”

“रोहित मुझे साथ नहीं ले जाओगे.”

“मुश्किल से आपके घाव भरे हैं. बहुत दीनों बाद आप बिस्तर से उठी हैं. अभी बस 2-3 दिन ही तो हुए हैं. आप घर जाओ और आराम करो.”

“नहीं रोहित मैं चलूंगी तुम्हारे साथ. मुझे अपनी ड्यूटी भी तो करनी है.”

“अभी जाय्न नहीं किया है आपने. आपको मेरी कसम है…घर जाओ आप. मेरी इतनी सी बात तो मान लो. होगी मुझे. बाकी आपकी मर्जी है. आस्प साहिबा हैं आप. हम कोन होते हैं आपको कुछ कहने वाले.”

दो आँसू टपक गये शालिनी की आंखों से.
“अपना ख्याल रखना रोहित.”

रोहित जाते जाते मुड़ा और बोला, “आपके बहुत नज़दीक पहुँच गया था आज. ये रात कभी नहीं भूलूंगा मैं. पूर्णिमा का चाँद चमक रहा है ऊपर. बहुत सुंदर दीख रहा है आज वो. लेकिन एक चाँद ज़मीन पर भी है. वो भी बहुत सुंदर दीख रहा है आज. उसके बहुत करीब पहुँच गया था मैं. सांसें टकरा रही थी हमारी. चूम लेना चाहता था अपने चाँद को. पर मेरा चाँद मुझसे रूठ गया. मुंह फेयर लिया उसने. भूला नहीं पऊंगा इसे चाँदनी रात को. अपने चाँद के नज़दीक आकर बहुत दूर हो गया मैं.जब-जब ऐसी रात आएगी…मुझे तेरी याद आएगी. ख़ूस्स रहें आप हमेशा यही ड्यूवा है. मेरी उमर आपको लग जाए. चलता हूँ अब…घर चली जाना…यहां मत रुकना.”

रोहित कह कर चल दिया.

शालिनी थाम नहीं पाई खुद को और रो पड़ी, “पता नहीं क्यों हो रहा है ऐसा मेरे साथ. अंकल को बताया भी की मुझे रोहित पसंद है पर वो सुन-ने को तैयार ही नहीं. उन्हें तो मुझे ईयेज़ के घर ही भेजना है. इतना पढ़ लिख कर, इतनी बड़ी ऑफिसर बन कर भी कोई कंट्रोल नहीं मेरा अपनी जींदगी पर. सच ही कहा है किसी ने, नारी कुछ भी कर ले मगर अपनी औकात नहीं बदल सकती समाज में. उसकी किस्मत का फैसला फिर भी दूसरे ही करते हैं.”

रोहित दिल में गम लिए चल पड़ा था शालिनी को वहां छोड कर. आंखें इतनी नाम हो गयी थी की कभी भी ज़ोर शोर से बरस सकती थी. अपना गम तो वो जानता था पर उसे ये नहीं पता था की वो शालिनी को रोते हुए छोड आया है अपने पीछे. प्यार हो तो जाता है दो दिलों को पर कभी कभी हालात ऐसे होते हैं की प्यार को ज़बरदस्ती दबा देना पड़ता है दिल के किसी कोने में. ऐसा ही कुछ रोहित और शालिनी के साथ हो रहा था.

मोहित ने जब रोहित को देखा ऐसी हालत में तो बोला, “क्या हुआ भाई…सब ठीक तो है.”

“भाई बस कुछ पूछो मत मुझसे अभी…कुछ भी नहीं बता पऊंगा मैं.”

“समझ रहा हूँ कुछ-कुछ”

“छोड ये सब…अपनी पूरी टीम को इकट्ठा करना होगा हमें.”

“ऐसा करते हैं राजू के घर चलते हैं. वही बुला लेते हैं सब को.”

“ठीक है.”

कुछ देर बाद राजू के छोटे से कमरे में पूरी टास्क फोर्स इकट्ठा होती है.

“साइको का पता तो चल गया मगर अब उसे ट्रॅप करना भी एक चुनोती से कम नहीं है. स्प साहिब के घर पर काफी सुरक्षा इंतजाम हैं. हर तरफ गन्मन हैं. उसके घर में किसी भी परकार का आर्टिस्टिक मर्डर संभव नहीं है. किसी भी तरह उसे उसके घर से बाहर निकालना होगा. तभी हम कुछ कर पाएँगे. हमारे पास ज्यादा वक्त भी नहीं है. जो भी करना है आज की रात ही करना है क्योंकि पूजा की जान खतरे में है. हमें साइको को भी मारना है और पूजा को भी बचाना है.” रोहित ने कहा.

“लेकिन उसे बाहर निकालेंगे कैसे.” मोहित ने कहा.

रोहित ने सभी को अपना प्लान बताया. उसका प्लान सुन कर सभी के होश उड़ गये. सभी एक दूसरे की तरफ देख रहे थे.

“यार रोहित बहुत ही चॅलेंजिंग है ये काम. पर इसे करेगा कौन. हम में से कोई भी वहां गया तो उसे शक हो जाएगा.”

“ये काम मिनी बहुत अतचे ढंग से कर सकती है” रोहित ने कहा.

ये शुंते ही मिनी चौंक गयी. “ क्या?”

“हाँ मिनी इसे वक्त तुम्हीं हमारी होप हो”

“यार हम पुलिस को इन्वॉल्व क्यों नहीं करते…ये कोई बच्चों का खेल नहीं है.”

“पुलिस फोर्स उसके हाथ में है. उसके खिलाफ ऑपरेशन स्टार्ट करने से पहले ही उसे खबर मिल जाएगी. और हो सकता है हम सभी को जेल में डाल दिया जाए. ये काम सिर्फ़ हमें ही करना होगा.”

“मुझसे ये नहीं होगा…मैं वहां जा कर फँस गयी तो. मेरी पैंटिंग ना बन जाए कही इसे चक्कर में.” मिनी ने कहा.

तभी अचानक कमरे का दरवाजा खड़का. सभी फौरन हरकत में आ गये. राजू,रोहित और मोहित ने अपनी अपनी पिस्तौल निकाल ली.

“कौन हो सकता है?”

“वैसे मैंने भोलू को कुछ समान लाने को बोला था हो सकता है वो हो.”

“मैं देखता हूँ सर की कौन है.” राजू ने कहा.

“राजू….ध्यान से.” पद्‍मिनी ने कहा.

“शुक्र है पद्‍मिनी कुछ तो बोली. राजू तो छा गया.” मोहित ने चुस्की ली.

“गुरु…” राजू ने मोहित की तरफ पद्‍मिनिन को लेकर मज़ाक ना करने का इशारा किया.

“हूँ इस तीस.” राजू ने अंदर से आवाज़ लगाई.

“राजवीर दरवाजा खोलो”

“ये तो आस्प साहिबा की आवाज़ है.” राजू ने कहा.

रोहित ने तुरंत आगे तरफ कर दरवाजा खोला. दरवाजे के बाहर सच में शालिनी खड़ी थी.

रोहित अपने पीछे दरवाजा बंद करके शालिनी का हाथ पकड़ कर उसे एक तरफ ले गया.

“आप यहां क्या कर रही हैं.”

“रोक नहीं पाई खुद को रोहित. प्लीज़ मुझे अपने साथ रहने दो. मैं घर जा कर भी तो बेचैन ही रहूंगी.”

“मेरे साथ क्यों रहना चाहती हैं आप.”

“ई केर फॉर यू”

“काश झूठ ही सही एक बार तो कह देती मुझे वो बात जिसे सुन ने के लिए मैं दिन रात बेचैन रहता हूँ.”

“कहना तो बहुत कुछ चाहती थी पर……” शालिनी बोलते बोलते रुक गयी फिर गहरी साँस ले कर बोली, “खैर चोदा”

“अब आप यहां आ ही गयी हैं तो अकेले वापिस भी नहीं भेज सकता. आपने हर्ट किया है मुझे. मेरी कोई भी बात नहीं मानती हैं आप. हाँ भाई आस्प साहिबा जो हैं आप….क्यों मानेगी मेरी बात आप.”

“प्लीज़ रोहित ये ताना देना बंद करो…मैं साथ रहूंगी तो कुछ मदद ही करूँगी. कोई बोझ नहीं बनूँगी तुम पर.”

“ठीक है आओ अंदर.”

शालिनी रोहित के पीछे-पीछे अंदर आ गयी.

“ही एवेरिवन…मुझे उम्मीद है की मेरी उपस्थिति किसी को परेशान नहीं करेगी.” शालिनी ने कहा.

“मैं आपको ब्रीफ में सारी सिचुयेशन बताता हूँ.” रोहित ने शालिनी को अपना प्लान बताया.

“हम मगर पहले हमें ये पता करना होगा की साइको घर पर है की नहीं.”

“वो मैंने पता कर लिया है. वो घर पर ही है”

“हम लेकिन उसे घर से बाहर कोन लाएगा.”

“मिनी से रिकवेस्ट कर रहे हैं हम. पर ये डर रही है.”

“डरने की बात भी है. बहुत चालाक और धूर्त है साइको.वो आसानी से इसे जाल में फासने वाला नहीं है.”

“लेकिन हम क्या करे. हमारे पास वक्त कम है. जो भी करना है तुरंत करना है.”

“लेकिन ये सीसी कोन है. स्प का नाम तो राहुल महाजन है.” शालिनी ने कहा.

“इसका जवाब तो साइको को ही देना होगा. हम बहुत परेशान रहे इसे सीसी को लेकर. बस अब और नहीं. “ रोहित ने कहा.

“पद्‍मिनी कैसे पहचाना तुमने साइको को. कब और कैसे आई उसकी फोटो तुम्हारे सामने.” शालिनी ने पूछा

पद्‍मिनी की तो साँस अटक गयी ये सवाल सुन कर. उसने राजू की तरफ देखा. राजू मान ही मान हंस दिया पद्‍मिनी की हालत पर. उसे पता था की पद्‍मिनी दुविधा में है इसलिए शालिनी के प्रशण का जवाब खुद दे दिया, “पद्‍मिनी कुछ बुक्स उठा रही थी टेबल से. उठाते वक्त एक किताब नीचे गिर गयी. उसमें कुछ फोटोस थी. एक फोटो स्प साहिब की भी थी उसमें.”

“लेकिन आप लोग एक बात का जवाब दे. स्प से तो काफी फ्रीक्वेंट्ली मिलते होंगे आप लोग. फिर आपने उसकी अस्वाज क्यों नहीं पहचानी कभी.” मिनी ने पूछा.

“क्योंकि साइको के रूप में, स्प बिलकुल डिफरेंट आवाज़ रखता होगा. तुम ये बताओ…ये काम तुम करोगी की नहीं. रिपोर्टर होने के कारण तुम ये काम आसानी से कर सकती हो.” रोहित ने कहा.

“ठीक है मैं तैयार हूँ. मुझे कैसे…कैसे क्या करना है सब बता दो.”

“आअहह….” पूजा कराह रही थी ज़मीन पर पड़ी हुई. आंखें बंद थी अभी भी उसकी. बेहोशी अभी पूरी तरह टूटी नहीं थी. बेख़बर थी इसे बात से वो की वो साइको के कब्जे में है और एक अंजान जगह पर एक अंजान कमरे में पड़ी है. धीरे-धीरे वो होश में आ रही थी. बेहोशी में हाथ पाँव हिला रही थी वो.

धीरे से आंखें खोली उसने. एक पल को उसे लगा की वो कोई सपना देख रही है. मगर अगले ही पल डर और खौफ ने उसके पूरे अस्तिताव को घर लिया. वो तर-तर काँपने लगी. उसे अहसाह हो गया था की वो फार्स पर पड़ी है और उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं है. बड़ी मुषलकील से उठ पाई वो फार्स से क्योंकि हाथ पाँव तर-तर काँप रहे थे. उठ कर चारों तरफ देखा उसने. कमरे में बस एक दरवाजा था. एक छोटी सी टेबल रखी थी कमरे में जिस पर की एक छोटे से पठार के नीचे एक पेपर रखा था.

“हे भगवान मैं यहां कैसे पहुँच गयी?” पूजा ने कहा.

कॉलेज से जल्दी निकल गयी थी पूजा. मार्केट जाना था उसे एक जरूरी काम के लिए. पॉकेट मनी बच्चा रखी थी कुछ उसने. खर्च करना चाहती थी उसे आज वो. जिसे वो बहुत प्यार करती थी उसके लिए एक गिफ्ट लेना चाहती थी. एक पेंट और शर्ट लेने का प्लान था उसका. सोच रही थी की शाम को जब मोहित उसे कॉलेज लेने आएगा डिनर के लिए तो उसे सर्प्राइज़ देगी. बहुत ख़ूस्स थी गिफ्ट खरीद कर. दिल में प्यार और उमंग लिए शॉप से निकली थी वो. मगर अचानक उसे पीछे से दबोच लिया साइको ने और कोई नासीली चीज़ सूँघा कर बेहोश कर दिया. आगे क्या हुआ उसे कुछ याद नहीं.

पूजा को ये पूरा दृश्या याद आ गया था. ये सब याद आने के बाद उसकी हालत और नाज़ुक हो गयी.

“मोहित प्लीज़ मुझे बच्चा लो…कहा हो तुम…अब तो जीना शुरू किया था मैंने तुम्हारे प्यार के कारण. मैं अब मारना नहीं चाहती. प्लीज़ मुझे बच्चा लो.” पूजा रो पड़ी.

रोते-रोते पूजा की नज़र टेबल पर रखे पेपर पर पड़ी. उसे दूर से ऐसा लग रहा था की उस पर कुछ लिखा है. वो लड़खड़ाते कदमों से टेबल की तरफ बढ़ी. कांम्पते हाथों से उसने पेपर टेबल से उठाया.
वो उस पेपर को पढ़ने लगी तो चेहरे पर खौफ और ज्यादा उभर आया.

“ही पूजा,

यही नाम है ना तुम्हारा. कैसी हो तुम. तुमसे पूछे बिना तुम्हें यहां उठा लाया. सॉरी नहीं बोलूँगा क्योंकि मैं अपनी मर्जी का मालिक हूँ. तुम यहां मोहित की वजह से हो. मोहित की प्रेमिका ना होती तुम तो मेरा तुम पर ध्यान ही नहीं जाता. बहुत सुंदर हो तुम पूजा. मैंने तुम्हारी खूबसूरती बारे करीब से देखी है. तुम्हारे कपड़े मैंने ही तो उतारे हैं. तुम्हारे बूब्स पर फीडा हो गया मैं. थे अरे अमेज़िंग पीस ऑफ टिट्स. तुम्हारी चुत के तो क्या कहने. एक दम चिकनी है. लगता है मोहित के लिए चुत सजा कर रखी हुई है तुम्हें हहहे. तुम्हारी गान्ड भी कम नहीं है. गान्ड पर खूब चाकू रगड़ा मैंने तुम्हारी. तुम नींद में थी इसलिए जान नहीं पाई. मेरी आर्ट के लिए तुम परफेक्ट हो. एक सुंदर मौत दूँगा तुम्हें मैं. वो भी तुम्हारे आशिक के सामने. मोहित के सामने चुत मारूँगा मैं तुम्हारी. पूरा चाकू गुस्सा दूँगा तुम्हारी चुत में. घबरा गयी. अरे घबराओ मत ऐसा करने से एक खूबसूरत मौत मिलेगी तुम्हें. एक परफेक्ट आर्ट का हिस्सा बन जाओगी तुम. तुम्हें गर्व होगा की तुम मुझसे चुदी. बस इसे चुदाई में मजे की बजाए दर्द होगा. उतना तो तुम सह ही सकती हो. आख़िर खूबसूरत मौत हर किसी को नहीं मिलती. ना ही मैं हर किसी को इसे काबिल समझता हूँ. लेकिन इसे मौत के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा तुम्हें. तुम्हारे आशिक को भी तो आना है यहां. तुम बस चेहरे पर खौफ बनाए रखो…बाकी सब मुझ पर छोड दो. इंतजार इसे मौत को और ज्यादा खूबसूरत बना देगा.”
हाथ कुछ इसे कदर काँप रहे थे पूजा के की पेपर चुत गया उसके काँपते हाथों से. उसे विश्वास नहीं हो रहा था की उसके साथ ये सब हो रहा है. वो दीवार के सहारे घुटने पर सर रख कर बैठ गयी.

“मोहित…क्या हमारे सपने, हमारी उम्मीदें सब बिखर जाएँगे. क्या हमारे प्यार का यही अंज़ाम लिखा है भगवान ने. बहुत डर लग रहा है मुझे. इतनी भयानक मौत भगवान किसी को ना दे. और ना ही किसी के प्यार को इसे तरह से जुड़ा करे.” पूजा सुबकते हुए सोच रही थी.

42 इंच ल्क्ड पर साइको सब कुछ देख रहा था. “बहुत खूब पूजा….बहुत खूब. मुझे तुमसे ऐसे ही खौफ की उम्मीद थी.तुम्हारी जितनी तारीफ की जाए कम है. अब बस मोहित को लाना है तुम्हारे पास. तुम चिंता मत करो तुम्हें ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. तुम आ गयी हो तो वो भी आ ही जाएगा. मैं बस उसे तड़पा रहा हूँ हाहहाहा.”

………………………………………………..

राजू के घर सभी बैठे रोहित का इंतजार कर रहे हैं.

“कहा रही गये रोहित सर…इतना टाइम नहीं है हमारे पास.” राजू ने कहा.

“रोहित आता ही होगा…कीप पटेंसे.” शालिनी ने कहा.

Post Reply