एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

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sexy
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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 19 Sep 2015 10:09

“हन…और ज़बरदस्ती मत करना बेचारी की गान्ड के साथ. अगर ना जाए तो रहने देना… अगली बार में कर के दिखावँगा… ओक.”

“पहले फ़तेह करने को कहते हो फिर मायूस करते हो.”

“मेरा कहने का मटकलब है की आराम से शांति से काम लेना. ठीक है.”

“ओक गुरु… तुम सच में गुरु हो.”

“हन-हन ठीक है जाओ अब.”

“अगर मन करे तो आ जाना मेरे कमरे पे ठीक है गुरु.”

“ठीक है…बाइ”

राजू के जाने के बाद. प़ड़्‍मिनी गुस्से में आग-बाबूला हो कर बोली, “तुम्हे शरम नही आई मेरे सामने ऐसी बाते करते हुवे.”

“इसमें शरम की क्या बात है…तुम कोई बची तो हो नही. शादी-शुदा हो.”

“मुझे ये सब अछा नही लगा. तुम मुझसे अभी भी कोई बदला ले रहे हो है ना.”

“ऐसा कुछ नही है…देखो वो अचानक आ गया…मैं तो बस नॅचुरली बात कर रहा था उशके साथ.”

“इशे तुम नॅचुरल कहते हो.”

“हम तो रोज ऐसे ही बात करते हैं.”

“च्ीी…शरम आनी चाहिए तुम्हे ऐसी गंदी बाते करते हुवे. उष बेचारी नगमा का शोषण कर रहे हो तुम.”

“जिशे तुम शोषण कह रही हो, हो सकता है उशके लिए वो जन्नत हो. वैसे अभी एक बार ही ली है मैने उष्की. आज तुम साथ ना होती तो सारी रात मज़े कराता मैं.”

“हन तो मुझसे बदला लेने का प्लान तो तुम्हारा ही था ना…भुगत्ो अब…वैसे तुम जाना चाहो तो जा सकते हो.”

“नही जब साथ में तुम्हारे जैसी हसीना हो तो उशके साथ कुछ करने का मन नही करेगा.” मोहित ने धीरे से कहा

“क्या कहा तुमने…” प़ड़्‍मिनी ने शन तो सब लिया था पर फिर भी उसने यू ही पूछ लिया.

“कुछ नही शो जाओ…” माहित ने जवाब दिया.

“कमीना कहीं का. इश्कि नीयत ठीक नही है. मुझे सावधान रहना होगा. पता नही क्या हो रहा है आज मेरे साथ,” प़ड़्‍मिनी से अपने सर पर हाथ रख कर खुद से कहा.

“वैसे एक बात कहूँ.” मोहित ने कहा.

“क्या है अब.”

“जीश कामुक अंदाज से तुमने मेरा लंड मेरी ज़िप खोल कर बाहर निकाला था उसने बहुत उत्तेजित कर दिया था मुझे.”

“वो कोई कामुक अंदाज नही था. डारी हुई थी मैं. मेरे हाथ काँप रहे थे.”

“वैसे मेरे लंड को हाथ में ले कर तुम किशी सोच में डूब गयी थी. इतना बड़ा पहले नही देखा ना तुमने?”

“बकवास बंद करो और चुपचाप शो जाओ.”

“मुझे तुम्हारा साथ बहुत अछा लग रहा है.”
“बस्टर्ड…” प़ड़्‍मिनी ने दाँत भींच कर कहा.

प़ड़्‍मिनी रज़ाई में डुबक कर चुपचाप बैठी थी. ऐसी हालत में उसे नींद आना नामुमकिन था. उसे बस सुबह होने का इंतेज़ार था.

“हे भगवान किशी तरह से ये रात बीट जाए. ना जाने किशका मूह देखा था सुबह.”

“मेडम एक बात बठाना भूल गया.” मोहित ने अचानक कहा.

प़ड़्‍मिनी जो की अपनी सोच में दुबई थी अचानक मोहित की आवाज़ शन कर चोंक गयी.

“क्या है अब?”

“तुम्हारी डाई तरफ पर्दे के पीछे टाय्लेट है…”

“ठीक है…ठीक है”

“मुझे लगा तुम्हे बता दूं… कहीं तुम परेशान रहो.”

“ठीक है…तुम शो जाओ”

“वैसे सच कहूँ तो मुझे भी नींद नही आ रही.”

“क्यों तुम्हे क्या हुवा है…तुम्हे तो खुश होना चाहिए आज. तुम्हारा बदला जो पूरा हो गया.”

“बहुत अछा दोस्त था विकास मेरा.”

“कौन विकास?”

“वही जीशणे तुम्हारी कार रुकवाई थी.”

“उशके परिवार में कौन-कौन है.”

“उष्का छोटा भाई है और मा है. उशके बापू का बहुत पहले देहाथ हो गया था. शादी अभी तक उष्की हुई नही थी. बड़ी मुषक्लिल से माना था मेरा साथ दें के लिए. आख़िर तक मुझे समझाता रहा की सोच लो…मुझे ये सब ठीक नही लग रहा”

“पर तुमपे तो मुझसे बदला लेने का बहोत सवार था है ना.” प़ड़्‍मिनी ने कहा.

“ठीक है जो हो गया शो गया…पर मुझे विकास के लिए बहुत दुख है.”

“मुझे बस सुबह होने का इंतेज़ार है.”

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 19 Sep 2015 10:10

इधर राजू अपने कमरे में वापिस आ जाता है.

“गुरु नही आएगा…वो तका हुवा है…”

“तो मैं कौन सा उसे बुला रही थी…तुम ही चाहते थे उसे बुलाना.” नगमा ने कहा.

“क्यों अच्छे से नही मारी थी क्या गान्ड गुरु ने तुम्हारी पीचली बार जो ऐसे कह रही हो.”

“मुझे बहुत दर्द हुवा था राजू…इशईलिए तो मैं दुबारा वाहा से नही करूँगी…”

“ये खूब कहा…तू मेरी गर्ल फ्रेंड है…गुरु को तो गान्ड दे दी…मुझे देने से माना कर रही है.”

“तुम ही लाए थे उष दिन उसे वरना मैं कभी नही होने देती ऐसा…”

“चल छोड़ ये सब आ ना घूम जा…आज बहुत मन कर रहा है गान्ड मारने का, देखूं तो सही की इसमे कैसा मज़ा आता है.” राजू ने नगमा के चूतादो पर हाथ रख कर कहा.

“आगे से करो ना…वाहा ऐसा कुछ अलग नही है.” नगमा ने कहा.

“मुझे एक बार टेस्ट तो कर लेने दे…”

“नही मुझे दर्द होता है वाहा.”

“कुछ नही होगा…मैं गुरु से सीख कर आया हूँ.”

“क्या सीख कर आए हो.”

“यही की गान्ड कैसे मारनी है.”

“मुझे नही करना ये सब…आगे से करते हो तो ठीक है वरना मैं चली…मुझे सुबह बहुत काम देखने हैं…लाते हो रही हूँ.”

“तू तो कहती थी की सारी रात रहेगी मेरे साथ.”

“तो तुमने कौन सा बताया था की तुम ये सब करोगे…”

“तो तुमने गुरु को क्यों डालने दिया था गान्ड में”

“वो उसने मुझे बातो में फँसा लिया था बस…वरना मेरा कोई इरादा नही था.”

“ह्म…यार ऐसे मत तडपा मन जा ना.” राजू ने नगमा को बाहों में भर के कहा.

“ठीक है एक शर्त पर…दुबारा नही करूँगी…ये पहली और आखड़ी बार होगा.”

“ठीक है मंजूर है मुझे…” राजू ने हंस कर कहा. उष्की आँखो में चमक आ गयी थी.

नगमा जो की पूरी तरह नंगी थी उल्टी घूम कर पेट के बाल लाते गयी.

“ऐसे नही…कुतीया बन जाओ…गान्ड मारने का मज़ा कुत्ता-कुट्टी बन कर ही आएगा.”

नगमा ने पोज़िशन ले ली और बोली, “भो-भो”

“ये क्या है…”

“तुम्ही तो कह रहे थे कुतीया बन जाओ…अब तुम भी कुत्ते की तरह ही करना ओक…” नगमा ने हंस कर कहा.

“वह यार क्या आइडिया है…तू सच में हॉट आइटम है…मज़ा आएगा तेरी गान्ड मार कर.”

“अब मारेगा भी या बकवास ही कराता रहेगा, मेरा मूड बदल गया तो मैं कुछ नही करने दूँगी.”

“ओक…ओक…बस डाल रहा हूँ…वो मैं गुरु की बताई बाते सोच रहा था. उसने मुझे बताया था की कैसे करना है.”

“गुरु को छोड़ो…उसने बहुत दर्द किया था मुझे…तुम अपने दीमग से काम लो…आराम से धीरे से डालो.”

“अरे हाँ यही तो गुरु भी कह रहा था…अछा ऐसा करो दोनो हाथो से अपनी गान्ड के पुतो को फहइला लो, लंड को अंदर जाने में आसानी होगी.” राजू ने अपने लंड पर थूक रगड़ते हुवे कहा.

“तोड़ा सा मेरे वाहा भी थूक लगा देना…” नगमा ने सर घुमा कर कहा और अपने चूतादो को राजू के लंड के लिए फैला लिया.

“हन-हन लगा रहा हूँ पहले अपने हथियार को तो चिकना कर लू. चिंता मत कर तेरी गान्ड को चिकनी करके ही मारूँगा.” राजू ने बहके-बहके अंदाज में कहा.

“वैसे तुम्हे आज ये सब करने का बहोत कैसे सवार हो गया.”

“गुरु ने मुझे बताया था की उसे तेरी गान्ड मार के बड़ा मज़ा आया था. तभी से मैं भी लेने को तड़प रहा था.” राजू ने जवाब दिया.

“वैसे मुझे ज़्यादा मज़ा नही आया था.”

“कोई बात नही अब आएगा मज़ा तुझे.” राजू ने कहा

राजू ने नगमा के होल पर ढेर सारा थूक गिरा दिया और उष पर अपने लंड को रगड़ने लगा.

“आ… धीरे से डालना…” नगमा सिहर उठी.

“अभी तो तेरे छेद को चिकना कर रहा हूँ. चिंता मत कर धीरे-धीरे ही अंदर डालूँगा.” राजू ने कहा.

नगमा की गान्ड को अच्छे से चिकना करने के बाद राजू ने अपने लंड को नगमा की गान्ड पर तां दिया. जैसी की किशी के सर पे बंदूक रखते हैं.

“मैं आ रहूं हूँ तुम्हारे अंदर.” राजू ने कहा और अपने लंड को हल्का सा धक्का दिया.

“ऊऊई मा मार गयी…निकालो इशे बाहर मुझसे नही होगा.”

खेल बिगड़ता देख राजू ने अपने लंड को पूरा का पूरा नगमा की गान्ड में धकेल दिया. “अगर बाहर निकालना ही है तो पूरा डाल कर निकालूँगा. एक बार अच्छे से गान्ड में लंड डालने का मज़ा तो ले लू” राजू ने खुद से मन ही मन कहा.

“नहियीईई ये क्या कर रहे हो राजू…निकालो इशे मैं मार जवँगी…तुमने तो एकदम से पूरा डाल दिया.”

“सॉरी नगमा…वो लंड चिकना होने के कारण खुद-बा-खुद अंदर फिसल गया.”

“झुत बोल रहे हो तुम…तुम तो अपने गुरु के भी बाप निकलने…निकालो वरना मैं फिर कभी तुम्हारे पास नही अवँगी.”

“अछा थोड़ा रूको तो सही…मुझे ठीक से अहसास तो होने दे की मैं तेरी गान्ड के अंदर हूँ.”

“तेरे अहसास के चक्कर में मैं मार जवँगी.”

“ऐसा कुछ नही होगा धीरज रखो…” राजू ने नगमा के सर पर हाथ फिरा कर कहा.

नगमा छटपटाती रही पर राजू ने अपने लंड को बाहर नही निकाला.

कुछ देर बाद नगमा का दर्द कम हो गया और वो बोली, “तुम बहुत खराब हो.”

“आराम है ना अब.”

“हन…पर मैं तुम्हे करने नही दूँगी…निकालो बाहर,.”

“ठीक है जैसी तुम्हारी मसर्जी.”

राजू ने अपना लंड नगमा की गान्ड की गहराई से बाहर की तरफ खींचा. लेकिन इसे से पहले की वो पूरा बाहर आ पता एक झटके में उसे पूरा का पूरा फिर से अंदर धकेल दिया. राजू के अँड नगमा की गान्ड पर जा कर सात गये.

“ऊओयइी….तुम नही मानोगे.”

“बिल्कुल नही…बड़े दिन से तम्मानना थी तेरी गान्ड मारने की. आज अच्छे से मार कर ही दम लूँगा.”

“आहह…धीरे से मारो ना फिर…तुम तो ज़ोर से डाल रहे हो.” नगमा ने कहा

“क्या करूँ कंट्रोल ही नही होता.”

“आगे से तुम्हारे पास नही अवँगी मैं.” नगमा ने गुस्से में कहा.

“सॉरी बाबा ग़लती हो गयी…अब मैं धीरे-धीरे करूँगा.”

राजू धीरे-ढजीरे अपना लंड नगमा की गान्ड में रगदता रहा. कुछ ही देर में दोनो की साँसे फूलने लगी. और राजू के धक्को की बढ़ता खुद-बा-खुद तेज होती चली गयी.

“सॉरी अब धीरे से करना मुस्किल हो रहा है…बहुत मज़ा आ रहा है…क्या कहती हो… बना तू तूफान मैल तुम्हारी गान्ड को.”

“ठीक है पर जल्दी ख़त्म करना मुझसे सहा नही जा रहा.”

राजू ने अपने धक्के तेज कर दिए…वो अपने चरम के करीब था. कोई 2 मिनिट तेज-तेज धक्के मारने के बाद वो नगमा की गान्ड में झाड़ गया.

“आआहह मज़ा गया कसम से…गुरे ठीक कहता था…तेरी गान्ड बदसी मस्त है.”

“हटो अब…मुझे लेतना है…तक गयी हूँ इसे पोज़िशन में.”

राजू बहुत खुश था आख़िर उष्की मुराद जो पूरी हो गयी थी…..

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 19 Sep 2015 10:10

प़ड़्‍मिनी अभी भी जाग रही है. रात के 2:30 हो गये हैं.

पर मोहित के खरंटो की गूँज पूरे कमरे में गूँज रही है.

“कम्बख़त मुझे मुसीबत में फँसा कर खुद चैन से शो रहा है”

जैसे-जैसे रात बीट रही थी प़ड़्‍मिनी मन ही मन राहत की साँस ले रही थी. 4 बजने को थे. कमरे में अभी भी मोहित के खरंटो की आवाज़ गूँज रही थी. प़ड़्‍मिनी रात भर आँखे खोले बैठी रही. भूल कर भी उष्की आँख नही लगी. जैसे हर बुरा सपना बीट जाता है ये रात भी बीट ही रही थी. कब 5 बाज गये पता ही नही चला.

‘क्या मुझे चलना चाहिए…पर सर्दी का वक्त है सदके अभी भी शुन्सान ही होंगी. मुझे 6 बजने तक इंतेज़ार करना चाहिए. उष वक्त शायद कोई ऑटो मिल जाए. जहा इतना इंतेज़ार किया थोड़ा और सही.‚ प़ड़्‍मिनी ने सोचा.

अचानक कमरे का दरवाजा ज़ोर-ज़ोर से खड़कने लगा. मोहित गहरी नींद में था उसे कुछ शुनाई नही दिया. ‘कौन हो सकता है…मुझे क्या लेना होगा कोई मोहित की पहचान वाला…पर मोहित उठ क्यों नही रहा‚ प़ड़्‍मिनी ने सोचा.

दरवाजा लगातार खड़कता रहा. जब मोहित नही उठा तो प़ड़्‍मिनी ने बेड से उठ कर उसे हिलाया.

‘उठो बाहर कोई है…लगातार दरवाजा खड़क रहा है तुम्हे शुनाई नही देता क्या.‚ प़ड़्‍मिनी ने मोहित को हिलाते हुवे कहा.

‘क…कौन है‚ मोहित उठते ही हड़बड़ाहट में बोला.

‘मैं हू…दरवाजा खोलो कोई कब से खड़का रहा है‚

‘क्या टाइम हुवा है‚

‘5 बाज कर 5 मिनिट हो रहे हैं‚

‘इतनी सुबह-सुबह कौन आ गया‚

मोहित ने पहले की तरह लाइट बंद करके दरवाजा खोला. प़ड़्‍मिनी इसे बार टाय्लेट में चली गयी.

‘राजू तू इतनी सुबह क्या कर रहा है. बताया था ना रात मैने तुझे की मैं तका हुवा हूँ‚

‘सॉरी गुरु बात ही कुछ ऐसी थी की मुझे आना पड़ा.‚ राजू ने कहा

‘क्या हुवा अब नही दी क्या नगमा ने गान्ड तुझे‚

‘गुरु मज़ाक की बात नही है…बहुत सीरीयस बात है…मुझे अंदर तो आने दो‚

‘क्या बात है यार तू इतना डरा हुवा क्यों है‚

‘जब तुम्हे पता चलेगा तो तुम्हारी भी मेरी जैसी हालत हो जाएगी‚

‘यार पहेलिया मत बुझा सॉफ-सॉफ बता की बात क्या है‚ मोहित ने कहा.

टाय्लेट में प़ड़्‍मिनी भी सब कुछ बड़ी उत्सुकता से शन रही थी. उसे लग गया था की कोई गंभीर बात है. पहले तो उसने सोचा की मुझे क्या लेना देना लेकिन फिर उत्सुकता के कारण उनकी बाते शन-ने लगी.

‘यार अभी थोड़ी देर पहले में नगमा को घर छोड़ कर जब वापिस आया तो मैने यू ही टीवी ऑन करके देखा‚

‘क्या देखा टीवी में‚

‘यार तेरा वो दोस्त है ना विकास‚

मोहित समझ गया की टीवी पर विकास के कटाल की खबर आ रही होगी पर उसने अंजान बन-ने की कोशिस की.

‘क्या हुवा विकास को‚

‘गुरु वो सीरियल किल्लर के हाथो मारा गया‚

‘क्या ऐसा नही हो सकता‚

‘सच कह रहा हूँ तुम खुद टीवी चला कर देख लो…पर वो कामिनी बचेगी नही‚ राजू ने कहा.

‘क्या मतलब…ये कामिनी कौन है.‚

‘और कौन, वही जीशणे विकास को मारा है. ये सीरियल किल्लर जीशणे देहरादून में ख़ौफ़ मचा रखा है कोई आदमी नही औरात है. वो भी खूबसूरात. यकीन नही आता तो टीवी चला कर देख लो‚

ये सब शन कर प़ड़्‍मिनी के होश उस गये. उसे पूर्वाभास हो रहा था की हो ना हो जीश औरात की बात राजू कर रहा है वो, वो खुद है. मोहित भी उतना ही सर्प्राइज़्ड था. उसने फॉरन टीवी ऑन किया.

‘किश चॅनेल पर आ रही है खबर‚ मोहित ने पूछा.

‘कोई भी चॅनेल लगा लो हर किशी पे यही खबर है.

मोहित ने आज तक चॅनेल लगा लिया. उष पर वाकाई वही खबर चल रही थी.

‘ध्यान से देखिए इस खूबसूरात चेहरे को यही है वो जीशणे देहरादून में ख़ौफ़ फैला रखा है‚ न्यूज़ आंकर छील्ला-छील्ला कर बोल रहा था.

वो चेहरा किशी और का नही प़ड़्‍मिनी का था.

‘राजू तू जा…हम बाद में बात करेंगे‚

‘क्या हुवा गुरु‚

‘कुछ नही मैं विकास की मौत के कारण दुखी हू तुम जाओ अभी बाद में बात करेंगे.

‘ठीक है…मुझे भी बहुत दुख हुवा ये न्यूज़ देख कर. पता नही विकास के घर वालो का क्या हाल होगा भगवान उष्की आत्मा को शांति दे और इसे कातिल हसीना को मौत का फंडा‚

‘ठीक है-ठीक है जाओ अब….‚

जैसे ही मोहित ने दरवाजा बंद किया प़ड़्‍मिनी फ़ौरन टाय्लेट से बाहर आई. टीवी स्करीन पर अपनी तस्वीर देख कर उष्की उपर की साँस उपर और नीचे की साँस नीचे रह गयी.

“ये सब क्या है मोहित?”

“पता नही क्या बकवास है…मुझे खुद कुछ समझ नही आ रहा.” मोहित ने कहा.

“मैं अभी पुलिस स्टेशन जा कर पुलिस को सब कुछ बता देती हूँ…” प़ड़्‍मिनी ने कहा.

“रूको पहले पूरी न्यूज़ तो शन लें की माजरा क्या है…”

टीवी पर न्यूज़ लगातार चल रही थी…

“बने रहिएगा हमारे साथ…आगे हम बताएँगे कैसे हुवा परदा फास इस हसीन कातिल का…हम अभी हाज़िर होते हैं ब्रेक के बाद.” न्यूज़ आंकर ने कहा.

प़ड़्‍मिनी को सब कुछ एक बुरे सपने की तरह लग रहा था. ऐसा सपना जीश से वो चाह कर भी नही जाग पा रही थी. जागती भी कैसे ये सब हक़ीकत जो थी.

“तुम्हारी बेवकूफ़ हरकत की वजह से मैं इसे मुसीबत में फाँसी हूँ.” प़ड़्‍मिनी ने कहा

“शांति रखो सब ठीक हो जाएगा…पहले देख तो लें की माजरा क्या है.”

टीवी पर न्यूज़ वापिस आई तो वो दोनो एक दम चुप हो गये.

“ये लड़की इसे बार भी खून करके निकल जाती लेकिन इसे बार किशी ने इशे खून करते हुवे देख लिया. कौन है वो शाकस?…जीशणे 2 खून होते हुवे देखे और पुलिस को इनफॉर्म किया. हम अभी आपको उष्की लाइव तस्वीरे दीखाते हैं. वो इसे वक्त पुलिस स्टेशन में है और पुलिस को बयान दे रहा है.” न्यूज़ आंकर ने कहा.

टीवी पर कुछ फुटैंग्स दीखाई गयीं. उसमें एक आदमी को दीखाया जा रहा था. उशके मूह पर कपड़ा लिपटा हुवा था.

“ये आदमी भयभीत है और अपना चेहरा नही दीखाना चाहता. इशे दर है की कही वो भी ना मारा जाए. पर ईसणे फिर भी इसे खौफनाक काटिक का परदा फास तो कर ही दिया. ईसणे खुद अपनी आँखो के सामने 2 कटाल होते हुवे देखें है. हम इश्कि हालत समझ सकते हैं. इशके अनुशार अकेले शिकार नही कराती ये कातिल हसीना. उशके साथ एक आदमी भी था जीशणे चेहरे पर नकाब पहन रखा था.” न्यूज़ आंकर ने कहा.

“क्या बकवास है ये?” मोहित ने कहा

“इश् आदमी का चेहरा नही दीखा रहे पर मुझे पूरा यकीन है की यही है वो सीरियल किल्लर.” प़ड़्‍मिनी ने कहा

“ठीक कह रही हो. कल हम जब उशके चंगुल से बच निकले तो बोखलाहट में वो ये सब कर रहा है.” मोहित ने कहा

“बहुत चालाक है ये साएको…हमारे पुलिस तक पहुँचने से पहले ही अपनी झुटि कहानी शुना दी. मैं अभी पुलिस स्टेशन जवँगी.”

“नही रूको…जल्दबाज़ी में कोई कदम मत उठाओ…हमें सोच समझ कर चलना होगा.”

“हमें से तुम्हारा क्या मतलब है.”

“मेरा जीकर भी तो हो रहा है न्यूज़ में.”

“पर मेरी तो शकल दीखाई जा रही है. पता नही कहा से मिल गयी ये फोटो इन्हे. ये मीडीया वाले भी ना…बिना किशी इंक्वाइरी के फैंसला शुना रहे हैं की मैं ही कातिल हूँ.”

“मीडीया का तो यही काम है…वो सब छोड़ो…मुझे ऐसा लगता है की वो साएको किल्लर ये सब किशी सोची समझी साजिस के तहत कर रहा है…इश्लीए कह रहा हूँ की हमें सोच समझ कर चलना होगा.” मोहित ने कहा.

“मैं फिलहाल घर जा रही हूँ.”

तभी टीवी पर न्यूज़ आंकर ने कहा, “पुलिस ने चारो तरफ सहर की नाकेबंदी कर दी है. हर वाहन को अच्छे से चेक किया जा रहा है. पुलिस को शक है की ये हसीन कातिल जीशका की पूरा नाम प़ड़्‍मिनी अरोरा है देहरादून से बाहर भागने की कोशिस करेगी. पुलिस प़ड़्‍मिनी के घर वालो से पूचेटाछ कर रही है…लेकिन कोई भी उशके बड़े में बतने को तैयार नही है. उन्हे लगता है की प़ड़्‍मिनी को फँसाया जा रहा है. लेकिन चस्मडीद गवाह को झुतालाया नही जा सकता. एक ना एक दिन प़ड़्‍मिनी के परिवार वालो को भी मान-ना ही होगा की वो एक सीरियल किल्लर है जिसे की शाक्त से शाक्त सज़ा मिलनी चाहिए.”

“मुझे नही लगता की इसे वक्त तुम्हारा घर जाना ठीक होगा.” मोहित ने कहा

“पर मैं यहा हाथ पर हाथ रख कर तो नही बैठ सकती. इसे से तो साहबित हो जाएगा की मैं ही कातिल हूँ.”

‘मेरे साथ जो कुछ भी हो रहा है उशके लिए मैं तुम्हे कभी माफ़ नही करूँगी‚ प़ड़्‍मिनी ने कहा

‘देखो मुझे नही पता था की बात इतनी बढ़ जाएगी‚

‘तुम्हारी बेवकूफी की सज़ा मुझे मिल रही है‚

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