एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 19 Sep 2015 10:12

“पर बात क्या है इनस्पेक्टर साहब” संजय ने कहा

कमरे से बाहर आ कर चौहान ने कहा,”सच-सच बता क्या रिश्ता है तेरा इसे लड़की से”

“सिर…वो मेरी फियान्से है”

“अछा क्या कराती है तेरी फियान्से”

“वो ब.आ फाइनल में है”

“कौन से कॉलेज में”

“भूल गया सिर पता नही”

“अछा…चल ये बता कहा रहती है तेरी फियान्से अड्रेस तो पता होगा तुझे उष्का”

“आप ये सब क्यों पूछ रहे हैं”

तभी चौहान ने एक थप्पड़ रसीद कर दिया संजय के मूह पर. थप्पड़ इतनी ज़ोर का था की संजय का सर घूम गया.

“अब सच बताता है या के एक और दम कान के नीचे”

“बताता हूँ-बताता हूँ सिर…वो एस्कॉर्ट है”

“क्या कहा?” चौहान को इसे सच की उम्मीद नही थी. वो तो सोच रहा था की उनका कोई इल्लिसिट अफेर है.

“सच कह रहा हूँ सिर…वो लड़की एस्कॉर्ट है”

“तुम कहाँ से आए हो”

“सिर मैं देल्ही से आया हूँ”

“कब आए थे यहा”

“मैं रात 12 बजे आया था यहा”

“विजय…” चौहान ने विजय को आवाज़ लगाई जो की कमरे में था.

“जी सिर” विजय फ़ौरन हाजिर हो गया.

“ये लड़की तो वो नही है जीशकि हमें तलास थी…कमरा अच्छे से चेक किया और कोई तो नही है अंदर” चौहान ने कहा.

“नही सिर कमरे में और कोई नही है…हन पर कमरे में बेड के तकिये के नीचे से ये चाकू मिला है” विजय ने कहा.

“इतने बड़े चाकू को तकिये के नीचे रख कर क्या कर रहे थे तुम”

“जी वो मैं…मैं” संजय ने हकलाते हुवे कहा.

“क्या मैं-मैं लगा रखा है…क्या मतलब है ऐसा चाकू रखने का”

“सिर मेरे ग्रह-नक्षटरा खराब चल रहे है उशी के उपाए के लिए मैं रोज अपने तकिये के नीचे ये चाकू रखता हूँ. ज्योतिषी ने बताया था.”

“छोटे-मोटे चाकू से काम नही चलता था तुम्हारा जो इतना बड़ा चाकू रख लिया” चौहान ने कहा.

“सिर मुझे यही पसंद आया…मैने रख लिया”

“ह्म….विजय एक मिनिट इधर आओ” चौहान ने विजय को कहा.

“जी सिर” विजय ने कहा.

“तुम इशे थाने ले जाओ और डरा धमका कर चोद देना. और हाँ 1 पेटी से कम मत लेना. ज़्यादा टीन-पाँच करे तो अंदर डाल देना” चौहान ने कहा.

“सिर एक बात कहूँ अगर बुरा ना माने तो” विजय ने कहा.

“हन-हन बोलो”

“जीश कॉलेज गर्ल का कटाल हुवा था उसकी फ़्रेंड है ना ये लड़की”

“हन ठीक कहा वही है ये…तुम इशे ले कर जाओ मैं यही रूम में रुकुंगा” चौहान ने कहा.

“जी सिर समझ गया…सिर सुन्दर लड़की है… थोड़ा हमारा भी ध्यान….”

“पहले मुझे तो घोड़ी चाड़ने दे…”

“ओक सिर समझ गया…मैं फ़ौरन इसे लफंगे को लेकर थाने पहुँचता हूँ” विजय ने कहा.

“और हन…उष प़ड़्‍मिनी का कुछ भी पता चले तो फ़ौरन मुझे फोन करना” चौहान ने कहा.
सब इनस्पेक्टर विजय को भएज कर इनस्पेक्टर चौहान वापिस कमरे में घुसटा है और कमरे का डर्ब्वाजा अंदर से बंद कर लेता है.

“हन तो पूजा जी…क्या आप अब सच बताएँगी की आप यहा क्या कर रही हैं,” चौहान ने रोब से पूछा.

“सिर मैने बताया ना की मैं अपने फियान्से से मिलने आई हूँ.”

“वो तो आपका नाम मुस्कान बता रहा था.”

“मुस्कान…नही नही आपको कोई ग़लत फ़हमी हुई है…मेरा नाम तो पूजा है आप भी जानते हैं.”

“ह्म हो सकता है की ग़लतफहमी हुई हो.”

“जी बिल्कुल आप से सुन-ने में ग़लती लगी है.”

“वो तो ये भी कह रहा था की तुम एस्कॉर्ट हो…”

“क्या…?” लड़की के चेहरे का रंग उस गया.

“हन-हन और उसने ये भी बताया की उसने 50,000/- दिए हैं तुम्हे.”

“ये सब झुत है.”

“पर्स दिखाओ अपना.”

“सिर प्लीज़ मेरा यकीन कीजिए…आप तो जानते हैं ना की मैं ऐसी लड़की नही हूँ.”

“तभी इतनी नर्मी से पेश आ रहा हूँ…वरना अब तक वो हो जाता यहा जो तुम सोच भी नही सकती…दीखाओ पर्स अपना”

“सिर प्लीज़…ऐसा कुछ नही है जैसा आप सोच रहे हैं.”

चौहान ने उशके हाथ से पर्स चीन लिया और उसे खोल कर देखा. 50,000 की गद्दी बाहर निकाल कर बोला, “ये क्या है…एक दिन का किराया तुम्हारा.”

“सिर मुझे छोड़ दीजिए मैं अपनी ग़लती मानती हूँ.”

“मुझ से झुत बोल कर कोई बच नही सकता. कब बनी तुम एस्कॉर्ट?”

“ये मेरा पहला असाइनमेंट था…अभी बस एक हफ़्ता पहले ही जाय्न किया था”

“कौन सी एस्कॉर्ट एजेन्सी में जाय्न किया तुमने?”

“मिस्टर कुमार इसे एजेन्सी को चलाता है.”

“अछा मिस्टर कुमार…कामीने ने नयी चिड़िया भाराती कर ली और हमें बताया भी नही.”

“सिर…मैं अभी ये सब छोड़ दूँगी प्लीज़ मुझे जाने दीजिए.”

“देखो हमारी रेजिस्ट्रेशन फीस तो तुम्हे देनी ही पड़ेगी.” चौहान ने कहा.

“मैं समझी नही सिर.”

“देखो इसे सहर में हर कराइम करने वाले को पुलिस को रेजिस्ट्रेशन फीस देनी होती है.”

“ठीक है…आप ये 50,000 रख लीजिए”

“हर जगह पैसा नही चलता पूजा जी”

“फिर और क्या दम आपको.”

“कैसी बात कराती हैं आप भी…इतना शुनदर मुखड़ा दिया है और इतना शुनदर शरीर दिया है भगवान ने आपको…ये कब काम आएगा”

“सिर मैं ये काम आज ही अभी से छोड़ रही हूँ. वैसे भी मैं अपनी ख़ुसी से नही आई थी इसे लाइन में.”

“वो सब मुझे नही पता…तुमने कदम तो रखा है ना इसे लाइन में फीस तो लगेगी ही. और अगर फीस नही देना चाहती तो जैल जाकाएर चक्की पिशो…चाय्स तुम्हारी है…मैं तुम्हे मजबूर नही करूँगा”

“क्या करना होगा मुझे?”

“उष नालयक के साथ जो करने वाली थी वही हमारे साथ करो”

“ ठीक है सिर…उशके बाद तो मुझे छोड़ देंगे ना आप?”

“हन-हन अगर तुम इसे लाइन में आज के बाद नही रहोगी तो तुम्हे कोई परेशान नही करेगा. वैसे मैं यहा प़ड़्‍मिनी की तलाश में आया था.”

“कौन प़ड़्‍मिनी?”

“वही जीशणे तुम्हारी फ्रेंड को मारा था.”

“क्या?…तो क्या सीरियल किल्लर एक लड़की है.”

“हन…वैसे तुमने इंक्वाइरी में कोई ज़्यादा सपोर्ट नही किया था. ”

“सिर…मुझे जितना पता था…मैने बता दिया था.”

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 19 Sep 2015 10:15

“दरवाजा पटक दिया था आपने मेरे मूह पर…ये कह कर की मुझे परेशान मत करो में कुछ और नही जानती”

“सिर उष वक्त…बार-बार मुझसे सवाल किए जा रहे थे…मैं परेशान हो चुकी थी.”

“वैसे तुमने तो किशी आदमी का जीकर किया था, लेकिन कातिल तो एक लड़की निकली”

“मैं और रागिनी जब सिनिमा से निकले तो कोई आदमी हमारा लगातार पीछा कर रहा था…मैने उसकी शकल भी देखी थी. अगले दिन रागिनी का खून हो गया. इतना ही मैं जानती थी और ये सब मैने पुलिस को बता दिया था…इश् से ज़्यादा और क्या बताती मैं.”

“हो सकता है वही आदमी नकाब पॉश हो, क्या तुम्हे अभी भी याद है उष्का चेहरा?”

“अब तो वो शकल मेमोरी में ढुंदली हो चुकी है. वैसे भी शाम का वक्त था उष वक्त. वो आदमी सामने आए तो शायद पहचान लू. वैसे ये नकाब पॉश कौन है?”

तभी अचानक चौहान का फोन बाज उठा. “न्यूज़ नही देखती क्या…एक मिनिट…किशका फोन है?” चौहान ने पेंट की जेब से फोन निकालते हुवे कहा.

चौहान ने फोन उठाया और बोला, “परवीन कहा है तू यार…काईं बार फोन किया…उठाता ही नही है”

परवीन चौहान का कॉलेज के दीनो का दोस्त था.

“यार फोन दराज में पड़ा था…सुनाई नही दिया.” परवीन ने कहा.

“पर तू तो घर पर भी नही था…रात 2 बजे निकला था मैं तेरे घर के आगे से…कहा था तू इतनी रात को.”

“वो यार रात ज़्यादा पे ली थी…बार में ही पड़ा रहा. अभी घर आया हूँ.”

“तुझे दर नही लगता सहर में सीरियल किल्लर घूम रहा है.”

“तेरे रहते मुझे किश बात का दर दोस्त”

“वो तो धीक है…एक बात शन बर्तडे बॉय…तेरे लिए बहुत शुनदर तौफा है मेरे पास.”

“क्या बात कर रहा है…कैसा तोहफा है?”

“तू ऐसा कर अपने फार्म हाउस पे पहुँच बहुत दिन हो गये साथ में मस्ती किए आज हो ही जाए.”

“अछा समझ गया ये तोहफा है…कॉलेज के दीनो की यादे ताज़ा करना चाहता है हूँ”

“ये ही समझ ले…तेरा जानम दिन भी है…ऐसा कर तू फार्म हाउस पहुँच और हरी-हरी घास में खुले आसमान के नीचे अछा इंतेज़ां कर”

“ये सब खुले में करेगा तू.”

“तो क्या हुवा…तेरे नौकर रामू के अलावा वाहा और कौन होगा. खूब मस्ती करेंगे…अब देर मत कर जल्दी पहुँच.”

“ठीक है…मैं अभी के अभी निकलता हूँ.”

“ठीक है मैं भी निकल ही रहा हूँ.”

फोन कॉन्वर्सेशन ख़त्म हो जाती है.

“सिर मैं चालू फिर…आप तो बर्तडे मनाने जा रहे हैं”

“नही मेरे दोस्त की बर्तडे पार्टी में तुम भी शामिल होगी…चलो”

जब पूजा को इनस्पेक्टर की बात समझ में आई तो उशके रोंगटे खड़े हो गये. “हे भगवान कहा फँस गयी मैं…अब क्या करूँ?” पूजा ने खुद से कहा.

कुछ ही देर में इनस्पेक्टर अपनी जीप में पूजा को बिठा कर परवीन के फार्म हाउस की तरफ बढ़ रहा था.

“सिर में बर्तडे पार्टी में क्या करूँगी…प्लीज़ मुझे जाने दीजिए” पूजा गिदगड़ाई.

“पार्टी में हसीन लोग साथ हो तो रोनक बढ़ जाती है…तुम चिंता मत करो खूब एंजाय करोगी तुम.”

“सिर प्लीज़ मुझे जाने दीजिए…मैं एस्कॉर्ट एजेन्सी से आज ही नाता तौड लूँगी…”
“पूजा जी घबराओ मत…जन्नत दीखाएगे हम आपको आज…आप बेवजह परेशान हो रही हैं.” चौहान ने कहा और एक विकेड स्माइल उशके चेहरे पर उभर आई.

“मेरी एक घालती की इतनी बड़ी सज़ा…कहा तक जायज़ है.”

“अब शैठानी कीजिएगा तो सज़ा तो मिलेगी ना…वैसे हम सच कह रहे है…जन्नत की सैर कराएँगे आपको…आप बस अपने दिल से दर को दूर भगा दीजिए…वैसे एक बात बताओ…क्यों बनी तुम एस्कॉर्ट ?”

“इश् सब के लिए मेरा बॉय फ्रेंड ज़िम्मेदार है.”

“वो कैसे?”

“मैं उसे प्यार कराती थी…अँधा प्यार और उसने मेरी वीडियोस बना ली. मुझे कभी शक नही हुवा. हर मुलाकात की चुपचाप रेकॉर्डिंग की उसने.”

“तो ये ब्लॅकमेलिंग का मामला है”

“हन उसने मुझे ज़बरदस्ती एस्कॉर्ट बनाया. अब मुझे पता चला की मिस्टर कुमार का पार्ट्नर है वो.”

“ह्म इंट्रेस्टिंग स्टोरी है”

“ये स्टोरी नही हक़ीकत है…मेरे जैसे हज़ारो शायद यू ही बर्बाद हुई होंगी.”

“छोड़ो ये सब जो होना था हो गया…”

“ये सब सुन-ने के बाद भी आप मुझे पार्टी में ले जाएँगे.”

“बिल्कुल…घोड़ा घास से दोस्ती करेगा तो खाएगा क्या…हन तेरे बॉय फ्रेंड को सीधा करने की ज़िम्मेदारी मेरी” चौहान ने घिनोनी हँसी के साथ कहा.

“सूकर है कुछ तो राहत मिली मुझे. उशो तो मैं जैल में देखना चाहती हूँ.”

“सब हो जाएगा पूजा जी…आप बस मुझे खुश कर दो.”

“ये ख़ुसी मुझे रोज तो नही देनी होगी ना?”

“अगर लत प़ड़ गयी तुम्हारी तो कह नही सकता…वैसे मैं रोज नया शिकार पसंद कराता हूँ. अपनी नौकरी भी कुछ ऐसी है…नया-नया माल मिलता रहता है.”

कुछ ही देर में जीप शुन्सान सड़क पर आ गयी.

“ये तो हम सहर से बाहर ही आ गये.”

“फार्म हाउस है पूजा जी…सहर से दूर तो होगा ही.”

“कितना टाइम रुकना पड़ेगा मुझे….पार्टी में” पूजा ने पूछा.

“पार्टी है…देर भी हो सकती है….हहहे.”

कुछ ही देर में जीप एक बड़े से फार्म हाउस पर आ कर रुक गयी. परवीन वही खड़ा था.

जीप से उतराते ही चौहान ने परवीन को गले लगाया और बोला, “हॅपी बर्तडे यार…देख ध्यान से पटाखा लाया हूँ तेरे लिए.”

परवीन ने पूजा को उपर से नीचे तक देखा और एक अजीब सी हँसी उसके चेहरे पर उभर आई जिसे देख कर पूजा ने फ़ौरन अपनी नज़रे झुका ली.

“बोल ना कैसा लगा बर्तडे गिफ्ट?” चौहान ने कहा.

“कुछ बोलने लायक चोदा है तूने जो बोलूं मैं. एक तो ये लड़की वैसे ही बहुत शुनदर है उपर से ये इश्का चुदीदार शूंट शीतम ढा रहा है…तेरे हाथ कैसे लगी ये” परवीन ने कहा.

“वो सब चोद तू आम खा गुठलिया मत गिन.” चौहान ने कहा.

पूजा चुपचाप सर झुकाए सब सुनती रही.

परवीन पूजा के पास आया और बोला, “क्या नाम है तेरा?”

“जी पूजा?”

“क्या कराती हो?”

“जी कॉलेज में पढ़ती हूँ.”

“तुझे अंदाज़ा भी है की आज तेरे साथ क्या होगा.”

“जी क्या मतलब”

“मतलब कभी एक साथ 2 आदमियों को दी है तूने या नही…”

पूजा ने चौहान की तरफ देखा और बोली, “सिर……”

“अरे परवीन चल अंदर डरा मत बेचारी को ये बाजारू लड़की नही है…समझा कर”

“क्या बात है…फिर तो सच में नायाब तोहफा है ये…सच बता कहा मिली ये तुझे.”

“छोड़ यार ये सब और ये बता की सारा इंतेज़ां किया की नही.”

“सब इंतेज़ां पूरा है. खुली हवा में धूप कर नीचे बिस्तर लगवा दिए हैं. बोतल-शॉतल पानी-वाणी सब रखवा दिया है.”

“नौकर को कहना वाहा से दूर ही रहे…डिस्टर्ब ना करे हमें.”

“तुम तो जानते ही हो उसे वो वाहा फटकेगा भी नही. हम तीनो बिल्कुल अकेले रहेंगे.”

चलते-चलते परवीन ने पूजा के पिछवाड़े पर हाथ रखा और उन्हे मसालते हुवे बोला, “बहुत सॉफ्ट हैं…मज़ा आएगा दोस्त ये गान्ड मारने में…तू भी हाथ लगा के देख.”

चौहान ने भी पूजा की गान्ड पर हाथ रखा और उसे मसालने लगा, “बिल्कुल सही कहा यार एक दम मस्त गान्ड है. इश्कि गान्ड ऐसी है तो चुत कैसी होगी.”

पूजा ने घूम कर चौहान को घूरा. चौहान के चेहरे पर घिनोनी हँसी उभर आई.

“चुत भी अभी सामने आ जाएगी…क्यों पूजा क्या कहती हो?” परवीन ने गान्ड पर थप्पड़ मार कर पूछा.

पूजा ने कोई जवाब नही दिया. “हे भगवान ये वक्त बीट जाए मेरा…” पूजा ने मन ही मन कहा.

कुछ ही देर में वो वाहा पहुँच गये जहाँ परवीन ने सारा इंतेज़ां कर रखा था.

“दोस्त इंतेज़ां तो सारा कर रखा है मैने पर मुझे नही लगता की इसे शराब के आगे वो बोतल की शराब टिक पाएगी.”

“तो क्या कहता है…मान गया ना बर्त दे तेरा”

“हन यार उम्मीद से बढ़कर…इशे कहते है साची दोस्ती…इशे मैं नंगी करूँगा समझे… तू बीच में नही आएगा.”

“तेरा गिफ्ट है…रॅपर तू ही तो खोलेगा…हहहे.”

“हहा….हहे….” डौनो ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे. पूजा एक खिलोने की तरह खड़ी रही.

परवीन पूजा के पास आया और उष्का चेहरा पकड़ कर उसके होंटो को काश के अपने होंटो में दबा लिया. पूजा छटपटा कर रह गयी. पागलो की तरह किस कर रहा था परवीन उशे. ऐसा लग रहा था जैसे की पहली बार लड़की के होन्ट मिले हैं उसे चूमने को

पूरे 5 मिनिट बाद चोदा परवीन ने पूजा को.

“वाह रसमलाई है…तू भी चख कर देख” परवीन ने चौहान से कहा.

चौहान ने पूजा को बाहों में लिया और बोला, “पूजा जी थोड़ा रस मुझे भी पीला दो”

चौहान ने भी पूजा के होंटो को काश के चूसा और बोला. “सच कहा यार…एक दम रस मलाई है.”

“चल पीछे हट अब मुझे अपना गिफ्ट खोलने दे.”

“बिल्कुल जनाब ये लो” चौहान ने पीछे हट-ते हुवे कहा.

परवीन ने पूजा की चुननी पकड़ी और दूर फेंक दी. पूजा ने उसे घास पर गिराते हुवे देखा. परवीन ने पूजा की कमीज़ को पकड़ा और बोला, “चल हाथ उपर कर.”

पूजा ने चौहान की तरफ देखा. वो पागलो की तरह हँसे जा रहा था.

पूजा की कमीज़ भी परवीन ने दूर उछाल दी. वो भी एक तरफ घास पर जा कर गिरी. परवीन ने पूजा की ब्रा पर गीदड़ की तरह झप्पता मारा और उशके बूब्स को खुले आसमान के नीचे नंगा कर दिया.

“वाउ क्या बूब्स हैं…देख यार दूध से भी सफेद हैं” परवीन ने कहा.

“ये तो पूरी की पूरी मस्त है.” चौहान ने कहा.

“अब इश्कि चुत देखी जाए.” परवीन ने कहा.

“जल्दी खोल नाडा यार सबर नही होता…तूने थोड़ी भी देर की तो तेरा गिफ्ट मैं खोल दूँगा.”

“धीरज रख यार…मज़ा तो लेने दे.” परवीन ने कहा और पूजा के बाए बूब को मूह में ले कर सक करने लगा. उशके दाँत पूजा को चुबहे तो वो कराह उठी, “आअहह”

“क्या हुवा मेरी जान…मज़ा आया ना” परवीन ने पूछा.

“दाँत लग रहे थे आपके.”

“अब मूह में दाँत हैं तो लगेंगे भी…भूढ़ा टीओ मैं हूँ नही क्यों भाई रंजीत.”

“सही कहा…तोड़ा दर्द तो प्यार में होता ही है.”

पूजा कुछ नही बोली.

परवीन ने पूजा का नाडा खोलना शुरू किया. पूजा ने आँखे बंद कर ली. पहली बार वो 2 आदमियों के आगे नंगी होने जा रही थी.

कुछ ही देर में पूजा हरी-हरी घास में खिलखिलाती धूप में नंगी खड़ी थी.

“इशे कहते हैं चुत…एक भी बाल नही है.” परवीन ने कहा.

“आ ज़ाऊ नझडीक अब मैं. अब तो तुमने अपना गिफ्ट खोल लिया है.” चौहान ने कहा.

“हन-हन आओ यार देख क्या रहे हो देखो तो सकी कितनी चिकनी चुत है, लंड रखते ही फिसल जाएगा” परवीन ने कहा.

“लगता है आज-कल में बाल सॉफ किए हैं…हैं ना?” चौहान ने पूजा की तरफ देख कर कहा.

पूजा ने हाँ में सर हिलाया.

“पहले मैं मारूँगा” परवीन ने कहा.

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 21 Sep 2015 08:09

तेरा बर्तडे है इश्लीए मन लेता हूँ तेरी बात वरना पहले मैं ही माराता”

“थॅंक यू यार.” परवीन ने कहा औ फटा-फॅट कपड़े उतारने लगा.

जब परवीन सिर्फ़ अंडरवियर में रह गया तो पूजा की निगाह परवीन के अंडरवियर में उभरे भारी-भरकम तनाव पर पड़ी. वो समझ गयी की अंडरवियर के पीछे भारी-भरकम हथियार है.

“देख कैसे देख रही है. रुक मेरी जान अभी माराता हूँ तेरी गान्ड मैं” परवीन ने कहा और अपना कचा नीचे सरका दिया और टाँग से निकाल कर दूर फेंक दिया.

पूजा ने अपनी नज़रे झुका ली. लेकिन अगले ही पल क्यूरीयासिटी के कारण उसने आँखे उठा कर परवीन के लंड को देखा.

“ओह माई गोद?” पूजा के मूह से निकला.

“देख रंजीत दर गयी बेचारी मेरा लंड देख के.” परवीन बोला

“कौन सी लड़की नही डारी हमारे लंड देख के.” चौहान ने कहा और दोनो हासने लगे.

“मुझसे नही रुका जा रहा मैं तो सीधे चुत मारूँगा…फॉरपले को मारो गोली.” परवीन ने कहा.

“जैसी तेरी मर्ज़ी… पर थूक लगा लेना लंड पे…इशे भारी पड़ेगा ये…देखा नही कैसे आँखे फाड़ कर देख रही है…शायद इतना बड़ा नही लिया ईसणे अंदर.”

“तो अब घुस्सा देते हैं…क्यों पूजा…चलो बिस्तर का सहारा ले कर झुक जाओ पीछे से डालूंघा तुम्हारी चुत में.”

पूजा झीजकते हुवे घूम कर झुक गयी.

वो अभी झुकी ही थी की परवीन ने लंड को चुत पे रख कर ज़ोर का धक्का मारा.

“ऊऊऊययययययीीईईईईई माआआआआ मार गयी”

परवीन का आधा लंड पूजा की चुत में घुस्स गया था.
परवीन ने एक जोरदार धक्का और मारा और उष्का पूरा लंड पूजा की चुत में उतार गया. इसे बार पूजा और ज़ोर से छील्लाई.

पूजा साँस भी नही लेने पाई थी की उष्की चुत में परवीन ने धक्का पेल शुरू कर दी. अपने बॉय फ्रेंड से काई बार किया था पूजा ने पर ऐसी चुदाई पहली बार हो रही थी.

10 मिनिट तक परवीन पूजा को उशी पोज़िशन में ठोकता रहा. चौहान परवीन के पास आया और बोला. इशे अपने उपर ले आओ और नीचे से मारो.”

“ठीक है” परवीन ने कहा.

पूजा ने भी ये शन लिया पर उसे समझ नही आया की इसे से क्या फराक पड़ेगा.

परवीन बिस्तर पर लाते गया और पूजा को अपने उपर लिटा कर उष्की चुत में लंड पेलने लगा. अगले ही पल पूजा की नज़र चौहान पर पड़ी. वो भी अपने कपड़े उतार रहा था.

जब चौहान पूरा नंगा हो गया तो पूजा ने सरसरी नज़र से चौहान के लंड को देखा. वो भी भीमकाय था.

पूजा ने अपनी आँखे बंद कर ली. परवीन लगातार उष्की चुत में लंड रगडे जा रहा था. पूजा को भी मज़ा आ रहा था अब, जिसे वो झुताला नही सकती थी…इशईलिए उन पॅलो में खोने के लिए उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी.

कुछ देर बाद पूजा को अपनी गान्ड पर 2 हाथ महसूस हुवे. उसने मूड कर देखा तो पाया की चौहान उष्की गान्ड पर लंड तने खड़ा है. लेकिन वो परवीन के धक्को के कारण इतनी मदहोश अवस्था में थी की कुछ नही बोल पाई.

चौहान ने अपने लंड को चिकना करके पूजा की गान्ड पर रख दिया और परवीन से बोला, “थोड़ी देर रुक यार मुझे गान्ड में डालने दे.”

“ठीक है” परवीन ने कहा और रुक गया.’

जैसे ही परवीन के धक्के रुके पूजा को होश आया. पर अब कुछ नही हो सकता था लंड ने उशके होल पर पोज़िशन ले ली थी. लेकिन वो फिर फाइ छील्लाई, “नही वाहा नही जाएगा ये.”

“जाएगा क्यों नही पूजा जी…बिल्कुल जाएगा आप धीरज रखें.” चौहान ने कहा.

पूजा ने अपनी साँसे रोक ली. चौहान ने ज़ोर का धक्का मारा और लंड का मूह पूजा की गान्ड में उतार गया.

“ऊऊओह…….म्‍म्म्ममम….नूऊओ” पूजा कराह उठी.

“थोड़ी देर की बात है पूजा…सब ठीक हो जाएगा.” चौहान ने हंसते हुवे कहा.

चौहान ने पूजा की गान्ड के पुतो को पकड़ कर फैलाया और लंड को और अंदर धकेलने लगा. लंड का कुछ और हिस्सा गान्ड में उतार गया.

“म्‍म्म्ममम….नूऊ….नही जाएगा ये…मेरे बॉय फ्रेंड का नही गया तो ये कैसे जाएगा.” पूजा ज़ोर से बोली.

“तेरे बॉय फ्रेंड को गान्ड मारनी नही आती होगी…मुझे आती है…देख अभी कैसे जाता है ये.” चौहान ने कहा और पूरा ज़ोर लगा कर एक और धक्का मारा.

“उउऊयईी मार गयी…..” पूजा फिर से छील्लाई.

“ले देख अपना हाथ लगा कर…पूरा उतार चुका है मेरा तेरी गान्ड में.” चौहान ने कहा

पूजा ने हैरात में हाथ लगा कर डेका. उसके होल के उपर चौहान के अँड थे और उष्का पूरा लंड उष्की गान्ड में उतरा हुवा था. “हे राम” पूजा बड़बड़ाई.

“देखा है ना तेरा बॉय फ्रेंड चूतिया.”

“वो कुत्ता भी है आप तो जानते ही हैं.” पूजा ने कहा.

“अरे यार शुरू करें अब अगर तुम लोगो की बात-चीत ख़त्म हो गयी हो तो.” पूजा के नीचे पड़ा परवीन बोला.

“हन यार चल एक साथ रयतें से माराते
हैं…एक…दो…टीन….चल शुरू हो जा.”

फिर पूजा की चुत और गान्ड में एक साथ धक्का पेल शुरू हो गयी और पूजा सातवे आसमान पे पहुँच गयी. उशक्ली दर्द भारी छीनखो की जगह अब लस्टफुल आहें थी.
“आअहह…..नो…..आअहह …म्‍म्म्मम”

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