यमदूत की लापरवाही

Horror stories collection. All kind of thriller stories in English and hindi.
The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: यमदूत की लापरवाही

Unread post by The Romantic » 15 Dec 2014 16:33

“लेकिन पापा हम उसकी मदद क्यों करेंगे?” फूलचंद ने आश्चर्य से पूछा.

“अरे बेवकूफ अगर हम उस औरत की मदद नहीं करेंगे तो मलूका उसको मदद दे कर उसका मुंह बंद करवा देगा और अगर वो औरत झुक गयी तो मलूका के बेटे की जमानत होने से कोई नहीं रोक सकता. लेकिन हम मलूका के बेटे की जमानत हर हाल में नहीं होने देंगे इस लिए मदद दे कर उस औरत को मजबूत करना जरुरी है.

अजय को पुलिस ने ले जा कर अदालत में पेश किया उस पर गीता नाम की उस औरत ने ही बलात्कार कोशिश का इल्जाम लगाया था ये वही गीता है जिसका पति कुछ दिन पहले ही मलूका इंडस्ट्री में ही काम करते हुए करंट लगने से मर गया था. गीता के वकील खुराना ने अजय पर आरोप लगाते हुए कहा की मुजरिम अजय ने रात को बारह बजे पीडिता के घर में घुस कर कहा की मैं तुम्हारा पति हूँ और उसके साथ बदसलूकी की. लेकिन बचाव पक्ष के वकील ने गीता के वकील द्वारा लगाये आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा की उसके मुवकिल अजय की दिमागी हालत ठीक नहीं है उसे रात को नींद में चलने की बिमारी है उसने जो कुछ किया वो उसकी खराब दिमागी हालत की वजह से हुआ है. उसने जानबुझ कर नहीं किया. इसलिए अजय की जमानत हो जानी चाहिए. बचाव पक्ष के वकील ने अजय की जमानत के लिए डॉक्टर की जांच रिपोर्ट भी सबूत के तौर पर पेश की. बचाव पक्ष के वकील की दलील पर गौर करके के बाद अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए अजय की जमानत मंजूर कर ली लेकिन उसके खिलाफ जांच जारी रखने के आदेश दिए.
अगर इंसान दो चीजों में विश्वास करता है.पहली ये की इस दुनिया को चलाने के लिए कोई व्यस्थापक है. और दूसरी ये की इंसान मरता है लेकिन आत्मा नहीं मरती. आत्मा मरने के बाद दूसरा जन्म ले कर वापस इस दुनिया में आ जाती है. इन दो बातों पर यकीन करने के बाद तीसरी बात पर अपने यकीन हो जाता है कि कुछ लोग जिंदगी भर मेहनत करते है फिर भी उन्हें मजदूरी के नाम पर दो वक्त की रोटी के अलावा कुछ नहीं मिलता.और उनकी मेहनत का फायदा शातिर दिमाग वाले उठाते है. और कुछ लोग जिंदगी में कुछ भी मेहनत किये बिना ही सब कुछ प्राप्त कर लेते है.

लेकिन इन सबका हिसाब इस सृष्टि को चलाने वाले व्यस्थापक के पास दर्ज हो जाता है. जो लोग बिना मेहनत किये इस दुनिया में एशो आराम की जिंदगी बिताते है या तो व्यस्थापक के पास उनका पिछले जन्म की बचत है या फिर उनके उधारी खाते में लिख दिया जाएगा जो अगले जन्म में उसे मेहनत करके चुकाना होगा. और जो लोग दिन रात मेहनत करने के बाद भी कुछ नहीं पाते, उनका हिसाब भी सृष्टि के व्यस्थापक के पास मौजूद है. क्योंकि ऐसे लोगों ने या तो पिछले जन्म में बिना कुछ किये ही खर्चा किया और गरीबों का हक़ दबाया. वो उनके उधारी खाते में लिख दिया गया. या फिर इनके बचत खाते में लिख दिया जाएगा जो अगले जन्म में बिना कुछ किये ही मिल जाएगा. ये सब इसलिए की सृष्टि की व्यवस्था सही तरीके से चलती रहे. अगर सबके पास करोडो की दौलत हो तो मेहनत कौन करेगा. बिना मेहनत ये सृष्टि चलेगी कैसे? इसलिए सृष्टि के लिए प्रकृति ने जो व्यवस्था की है अगर उस व्यवस्था को स्वीकार कर ले तो ये दुनिया स्वर्ग बन जायेगी.

आज चर्चा इतनी ही बाकी अगले भाग में. पढ़िए ये रहस्यी भरी कहानी, इस कहानी में प्रकृति की ज़रा सी चूक ने एक परिवार की व्यवस्था को ही उलट पलट करके रख दिया.

मनीराम को ज्योहीं खबर लगी की अजय मलूका की जमानत हो गई है. उसने अपने वकील खुराना को अपने दरबार में तलब किया.

“खुराना मैंने तुमको ये केस इसलिए दिलवाया था कि अजय मलूका की जमानत न होने पाए. फिर भी उसकी जमानत कैसे हो गई?” मनीराम ने वकील खुराना से सवाल किया.

“सेठजी मैंने उसे सजा दिलाने की पूरी कोशिश की लेकिन क्या करता? कोर्ट के आदेश से ऊपर तो जा नहीं सकता ना” खुराना ने मनीराम को जवाब दिया.

“नहीं नहीं तुमने कोई कोशिश ही नहीं की. लेकिन मैंने पूरी जांच करवा ली है कि अजय मलूका और उस पर बलात्कार की कोशिश का इल्जाम लगाने वाली औरत के बीच कनेक्शन क्या है. इस औरत का पति मलूका इंडस्ट्री में मजदूर था. अजय मलूका ने इस औरत को पहली बार तब देखा था जब इसका पति अपने बीमार बच्चे के इलाज के लिए मदद माँगने के लिए अजय मलूका के पास गया था. तब ये औरत अपने पति के साथ थी. और ठीक इसके दूसरे दिन मलूका इंडस्ट्री में काम करते हुए इसके पति की करंट लगने से मौत हो गई. और फिर अजय मलूका ने इस औरत के घर में घुस कर इसका बलात्कार करने कि कोशिश की. खुराना तुमने पूरी जिंदगी लोगों को फीस ले कर सलाह दी है. लेकिन में तुम्हे ये सलाह फ्री में दे रहा हूँ कि ये तीन पॉइंट अजय मलूका को हत्यारा साबित करने के लिए काफी है” मनीराम ने वकील खुराना को सलाह दी.

The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: यमदूत की लापरवाही

Unread post by The Romantic » 15 Dec 2014 16:34

“ये क्या कह रहे है आप सेठजी? ये बातें उस औरत ने मुझे नहीं बताई वरना में अजय मलूका की जमानत होने ही नहीं देता” मनीराम कि बात पर वकील ने अपनी प्रतिक्रया दी.

“उस औरत के दिमाग में ही नहीं आई होगी ये बात. लेकिन ये तुम्हारी जिमेदारी है कि उसके दिमाग में ये बात पूरी तरह बिठा दो कि उसकी खूबसूरती पर अजय मलूका की नजर थी. इसीलिए उसके पति को रास्ते का कांटा समझ कर करंट से मरवा दिया” मनीराम ने वकील को सलाह दी.

“मैं आपसे वादा करता हूँ सेठजी इस बार अजय मलूका कातिल साबित हो कर रहेगा. उसकी जमानत हर हाल में नहीं होगी” खुराना ने मनीराम को विश्वास दिलाया. और चल दिया गीता से मिलने.

अजय को जमानत होने के बाद मलूकदास उसे घर ले कर आ गया था. मलूकदास और उसके पूरे घर को पूरा यकीन हो गया था कि अजय पर किसी भूत का साया पड़ गया है. और अब किसी तांत्रिक के पास जाने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं था.

“मेरी समझ में आ गया है पापा कि अजय भैया कि तकलीफ क्या है” आरती ने कहा मलूकदास और बाकि सब आरती कि तरफ आश्चर्य देखने लगे.

“आपको मालुम है कुछ दिन पहले हमारी कंपनी में काम करते हुए एक मजदूर करंट से मर गया था. वो इसी औरत का पति था जिसने अजय भैया पर जबरदस्ती का आरोप लगाया है” आरती ने कहा.

“हाँ वो तो मुझे मालुम है? लेकिन उसका क्या? मलूकदास ने आरती कि बात सुन कर पूछा.

“लेकिन शायद आपको ये मालुम नहीं कि अजय भैया पर जिस प्रेत का साया पड़ा है, ये कोई और नहीं बल्कि वही है जो हमारी कंपनी में करंट लगने से मर गया था” आरती ने कहा तो सबकी आँखे आश्चर्य से फटी कि फटी ही रह गयी.

“अरे हाँ! साला सारे लफड़े कि जड़ भी वही है अब समझ में आया कि अजय रात को भाग कर जाता कहाँ है” मलूकदास ने आरती की बात सुन कर प्रतिक्रया दी.


“इसका मतलब रात में अजय नहीं भागता बल्कि वो भूत भाग कर उस औरत के पास जाता है और कहता है की मैं तुम्हारा पति हूँ” शीतल ने कहा.


“करेक्ट. अजय भैया को तो ये एहसास तक नहीं है की वे कर क्या रहे है. सब नाटक तो वो भूत कराता है” आरती ने शीतल की बात से सहमत हो कर कहा.


“साला उस दुष्टात्मा ने तो हम सबका जीना हराम कर दिया और हम कुछ समझ ही नहीं पाए” मलूकदास ने कहा.


“लेकिन अब हमें ज़रा भी देर नहीं करनी चाहिए जल्दी से जल्दी उस तांत्रिक के पास चल कर इस दुष्ट आत्मा से पीछा छुडा लेना चाहिए” आरती ने सलाह दी.

मलूकदास और उसके परिवार को अँधेरे में एक रोशनी की तरह समस्या का हल नजर आने लगा था सबके चहरे पर थोड़ी सी राहत नजर आने लगी थी. लेकिन वो राहत भी ज्यादा देर तक नहीं टिकी. मलूकदास अपने परिवार के साथ अजय को ले कर तांत्रिक के पास जाने की तैयारी कर ही रहे थे की बंगले के आगे आ कर पुलिस की जीप रुकी. कुछ सिपाही साथ में लिए इंस्पेक्टर बंगले के अन्दर मलूकदस के पास आ कर बोला,

“मैं आपके बेटे को गिरफ्तार करने आया हूँ. मेरे पास इसकी गिरफ्तारी का वारंट है” इंस्पेक्टर की बात सुन कर मलूकदास का परिवार फिर नई मुसीबत की आशंका से घिर गया. सबके चहरे पर खौफ की लकीरें खिंच गई.

“ये क्या कह रहे है इंस्पेक्टर? मेरे बेटे को अदालत ने जमानत दे दी है” इंस्पेक्टर की बात पर मलूकदास ने अपनी प्रतिक्रिया दी.

“मालुम है इसकी जमानत हो गई है. लेकिन वो बलात्कार की कोशिश का मामला था. लेकिन अब एक और मामला दर्ज हुआ है. एक गरीब मजदूर की ह्त्या का मामला” इंस्पेक्टर की बात सुन कर सबके दिलों पर एक बार फिर बिजली टूट पड़ी. सबके चहरे पर खौफ छा गया.

“ह्त्या का मालमा? अरे भाई क्या कह रहे हो मेरे बेटे ने तो आज तक मुर्गा तक नहीं काटा आप किसी इंसान की हत्या की बात कर रहे हो” मलूकदास ने हैरानी से कहा.

The Romantic
Platinum Member
Posts: 1803
Joined: 15 Oct 2014 22:49

Re: यमदूत की लापरवाही

Unread post by The Romantic » 15 Dec 2014 16:45

“देखिये इस बारे में आपको कुछ भी बताने की जरुरत तो मैं नहीं समझता क्योंकि अदालत में आपके हर सवाल का जवाब दिया जाएगा और आपकी हर बात सुनी जायेगी. फिर भी में आपको बता देता हूँ कि अजय नाम का मजदूर आपकी कंपनी में काम करता था. आपके बेटे ने उसकी औरत को देखा तो उसकी खूबसूरती पर आपके बेटे की नीयत खराब हो गई उस औरत का कहना है कि इसी वजह से उसके पति को अपने रास्ते का काँटा समझ कर आपके बेटे ने उस गरीब मजदूर की करंट लगवा कर ह्त्या करवाई है इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता. मैं आपके बेटे को गिरफ्तार करने आया हूँ और इसे ले कर जा रहा हूँ” इंस्पेक्टर ने जानकारी दी और अजय को ले कर जाने लगा.मलूकदास ने फिर इंस्पेक्टर को रोकने क़ी कोशिश करते हुए कहा.

“इंस्पेक्टर तुम इस तरह मेरे बेटे को गिरफ्तार करके नहीं ले जा सकते. क्योंकि मेरा बेटा निर्दोष है.इस पर प्रेत का साया है. और ये वही प्रेत है जो हमारी कंपनी में करंट लगने से मर गया था. मेरे बेटे को तो ये होश तक नहीं है क़ी ये कर क्या रहा है. जो कुछ हो रहा है सब उसी प्रेतात्मा क़ी वजह हो रहा है” मलूकदास ने इंस्पेक्टर से कहा.

“सेठ मलूकदास आप कितने भोले है. ये भी नहीं जानते क़ी अदालत किसी भी अंश्विश्वास के आधार पर फैसला नहीं सुनाती. अगर आपने प्रेतात्मा वाली बात अदालत में कह दी तो जानते हो क्या होगा? उस औरत ने शक क़ी बुनियाद पर आपके बेटे पर अपने पति क़ी हत्या का इल्जाम लगाया है वो शक यकीन में बदल जाएगा” इंस्पेक्टर ने मलूकदास को समझाते हुए कहा.
“वो कैसे मैं समझा नहीं?” मलूकदास ने हैरान हो कर इंस्पेक्टर से पूछा.

“ये सवाल उठाया जाएगा क़ी अगर आपकी कंपनी में करंट से मरने वाला मजदूर भूत बन गया है तो उसने आपके बेटे को ही अपनी गिरफ्त में क्यों लिया? और जवाब सीधा सा उसने अपनी हत्या का बदला लेने के लिए ही आपके बेटे को अपनी गिरफ्त में लिया. इसलिए अगर आप अपने बेटे क़ी जमानत चाहते है तो भूल कर भी ये प्रेत वाली बात अदालत में मत कीजियेगा. आपके बेटे पर इल्जाम लगाने वाली औरत ही अगर अपना ब्यान बदल दे तो ही आपके बेटे क़ी जमानत हो सकती है. वरना कोई चांस नहीं” इंस्पेक्टर ने मलूकदास को सलाह दी फिर अजय को गाड़ी में बिठाया और और चला गया.

“अजय तो पहले से ही बीमार है और ये कानून का फंदा अलग से पता नहीं क्यों इस घर क़ी तकदीर ही रूठ गयी है” बोलते बोलते मलूकदास क़ी आँखे छलक आई थी.


“हे भगवान किस जन्म का बदला ले रहा है हम सबसे. दस दिनों से हमारे घर का सुख चेन चला गया है” शान्ति देवी अजय क़ी गिरफ्तारी से दुखी हो कर विलाप करने लगी.


“हौसला रखिये मम्मी सब ठीक हो जाएगा” आरती ने माँ को हौसला दिलाने क़ी कोशिश करते हुए कहा लेकिन आंसू उसकी आँखों में भी छलक आये थे..

Post Reply