Re: यमदूत की लापरवाही
Posted: 15 Dec 2014 16:33
“लेकिन पापा हम उसकी मदद क्यों करेंगे?” फूलचंद ने आश्चर्य से पूछा.
“अरे बेवकूफ अगर हम उस औरत की मदद नहीं करेंगे तो मलूका उसको मदद दे कर उसका मुंह बंद करवा देगा और अगर वो औरत झुक गयी तो मलूका के बेटे की जमानत होने से कोई नहीं रोक सकता. लेकिन हम मलूका के बेटे की जमानत हर हाल में नहीं होने देंगे इस लिए मदद दे कर उस औरत को मजबूत करना जरुरी है.
अजय को पुलिस ने ले जा कर अदालत में पेश किया उस पर गीता नाम की उस औरत ने ही बलात्कार कोशिश का इल्जाम लगाया था ये वही गीता है जिसका पति कुछ दिन पहले ही मलूका इंडस्ट्री में ही काम करते हुए करंट लगने से मर गया था. गीता के वकील खुराना ने अजय पर आरोप लगाते हुए कहा की मुजरिम अजय ने रात को बारह बजे पीडिता के घर में घुस कर कहा की मैं तुम्हारा पति हूँ और उसके साथ बदसलूकी की. लेकिन बचाव पक्ष के वकील ने गीता के वकील द्वारा लगाये आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा की उसके मुवकिल अजय की दिमागी हालत ठीक नहीं है उसे रात को नींद में चलने की बिमारी है उसने जो कुछ किया वो उसकी खराब दिमागी हालत की वजह से हुआ है. उसने जानबुझ कर नहीं किया. इसलिए अजय की जमानत हो जानी चाहिए. बचाव पक्ष के वकील ने अजय की जमानत के लिए डॉक्टर की जांच रिपोर्ट भी सबूत के तौर पर पेश की. बचाव पक्ष के वकील की दलील पर गौर करके के बाद अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए अजय की जमानत मंजूर कर ली लेकिन उसके खिलाफ जांच जारी रखने के आदेश दिए.
अगर इंसान दो चीजों में विश्वास करता है.पहली ये की इस दुनिया को चलाने के लिए कोई व्यस्थापक है. और दूसरी ये की इंसान मरता है लेकिन आत्मा नहीं मरती. आत्मा मरने के बाद दूसरा जन्म ले कर वापस इस दुनिया में आ जाती है. इन दो बातों पर यकीन करने के बाद तीसरी बात पर अपने यकीन हो जाता है कि कुछ लोग जिंदगी भर मेहनत करते है फिर भी उन्हें मजदूरी के नाम पर दो वक्त की रोटी के अलावा कुछ नहीं मिलता.और उनकी मेहनत का फायदा शातिर दिमाग वाले उठाते है. और कुछ लोग जिंदगी में कुछ भी मेहनत किये बिना ही सब कुछ प्राप्त कर लेते है.
लेकिन इन सबका हिसाब इस सृष्टि को चलाने वाले व्यस्थापक के पास दर्ज हो जाता है. जो लोग बिना मेहनत किये इस दुनिया में एशो आराम की जिंदगी बिताते है या तो व्यस्थापक के पास उनका पिछले जन्म की बचत है या फिर उनके उधारी खाते में लिख दिया जाएगा जो अगले जन्म में उसे मेहनत करके चुकाना होगा. और जो लोग दिन रात मेहनत करने के बाद भी कुछ नहीं पाते, उनका हिसाब भी सृष्टि के व्यस्थापक के पास मौजूद है. क्योंकि ऐसे लोगों ने या तो पिछले जन्म में बिना कुछ किये ही खर्चा किया और गरीबों का हक़ दबाया. वो उनके उधारी खाते में लिख दिया गया. या फिर इनके बचत खाते में लिख दिया जाएगा जो अगले जन्म में बिना कुछ किये ही मिल जाएगा. ये सब इसलिए की सृष्टि की व्यवस्था सही तरीके से चलती रहे. अगर सबके पास करोडो की दौलत हो तो मेहनत कौन करेगा. बिना मेहनत ये सृष्टि चलेगी कैसे? इसलिए सृष्टि के लिए प्रकृति ने जो व्यवस्था की है अगर उस व्यवस्था को स्वीकार कर ले तो ये दुनिया स्वर्ग बन जायेगी.
आज चर्चा इतनी ही बाकी अगले भाग में. पढ़िए ये रहस्यी भरी कहानी, इस कहानी में प्रकृति की ज़रा सी चूक ने एक परिवार की व्यवस्था को ही उलट पलट करके रख दिया.
मनीराम को ज्योहीं खबर लगी की अजय मलूका की जमानत हो गई है. उसने अपने वकील खुराना को अपने दरबार में तलब किया.
“खुराना मैंने तुमको ये केस इसलिए दिलवाया था कि अजय मलूका की जमानत न होने पाए. फिर भी उसकी जमानत कैसे हो गई?” मनीराम ने वकील खुराना से सवाल किया.
“सेठजी मैंने उसे सजा दिलाने की पूरी कोशिश की लेकिन क्या करता? कोर्ट के आदेश से ऊपर तो जा नहीं सकता ना” खुराना ने मनीराम को जवाब दिया.
“नहीं नहीं तुमने कोई कोशिश ही नहीं की. लेकिन मैंने पूरी जांच करवा ली है कि अजय मलूका और उस पर बलात्कार की कोशिश का इल्जाम लगाने वाली औरत के बीच कनेक्शन क्या है. इस औरत का पति मलूका इंडस्ट्री में मजदूर था. अजय मलूका ने इस औरत को पहली बार तब देखा था जब इसका पति अपने बीमार बच्चे के इलाज के लिए मदद माँगने के लिए अजय मलूका के पास गया था. तब ये औरत अपने पति के साथ थी. और ठीक इसके दूसरे दिन मलूका इंडस्ट्री में काम करते हुए इसके पति की करंट लगने से मौत हो गई. और फिर अजय मलूका ने इस औरत के घर में घुस कर इसका बलात्कार करने कि कोशिश की. खुराना तुमने पूरी जिंदगी लोगों को फीस ले कर सलाह दी है. लेकिन में तुम्हे ये सलाह फ्री में दे रहा हूँ कि ये तीन पॉइंट अजय मलूका को हत्यारा साबित करने के लिए काफी है” मनीराम ने वकील खुराना को सलाह दी.
“अरे बेवकूफ अगर हम उस औरत की मदद नहीं करेंगे तो मलूका उसको मदद दे कर उसका मुंह बंद करवा देगा और अगर वो औरत झुक गयी तो मलूका के बेटे की जमानत होने से कोई नहीं रोक सकता. लेकिन हम मलूका के बेटे की जमानत हर हाल में नहीं होने देंगे इस लिए मदद दे कर उस औरत को मजबूत करना जरुरी है.
अजय को पुलिस ने ले जा कर अदालत में पेश किया उस पर गीता नाम की उस औरत ने ही बलात्कार कोशिश का इल्जाम लगाया था ये वही गीता है जिसका पति कुछ दिन पहले ही मलूका इंडस्ट्री में ही काम करते हुए करंट लगने से मर गया था. गीता के वकील खुराना ने अजय पर आरोप लगाते हुए कहा की मुजरिम अजय ने रात को बारह बजे पीडिता के घर में घुस कर कहा की मैं तुम्हारा पति हूँ और उसके साथ बदसलूकी की. लेकिन बचाव पक्ष के वकील ने गीता के वकील द्वारा लगाये आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा की उसके मुवकिल अजय की दिमागी हालत ठीक नहीं है उसे रात को नींद में चलने की बिमारी है उसने जो कुछ किया वो उसकी खराब दिमागी हालत की वजह से हुआ है. उसने जानबुझ कर नहीं किया. इसलिए अजय की जमानत हो जानी चाहिए. बचाव पक्ष के वकील ने अजय की जमानत के लिए डॉक्टर की जांच रिपोर्ट भी सबूत के तौर पर पेश की. बचाव पक्ष के वकील की दलील पर गौर करके के बाद अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए अजय की जमानत मंजूर कर ली लेकिन उसके खिलाफ जांच जारी रखने के आदेश दिए.
अगर इंसान दो चीजों में विश्वास करता है.पहली ये की इस दुनिया को चलाने के लिए कोई व्यस्थापक है. और दूसरी ये की इंसान मरता है लेकिन आत्मा नहीं मरती. आत्मा मरने के बाद दूसरा जन्म ले कर वापस इस दुनिया में आ जाती है. इन दो बातों पर यकीन करने के बाद तीसरी बात पर अपने यकीन हो जाता है कि कुछ लोग जिंदगी भर मेहनत करते है फिर भी उन्हें मजदूरी के नाम पर दो वक्त की रोटी के अलावा कुछ नहीं मिलता.और उनकी मेहनत का फायदा शातिर दिमाग वाले उठाते है. और कुछ लोग जिंदगी में कुछ भी मेहनत किये बिना ही सब कुछ प्राप्त कर लेते है.
लेकिन इन सबका हिसाब इस सृष्टि को चलाने वाले व्यस्थापक के पास दर्ज हो जाता है. जो लोग बिना मेहनत किये इस दुनिया में एशो आराम की जिंदगी बिताते है या तो व्यस्थापक के पास उनका पिछले जन्म की बचत है या फिर उनके उधारी खाते में लिख दिया जाएगा जो अगले जन्म में उसे मेहनत करके चुकाना होगा. और जो लोग दिन रात मेहनत करने के बाद भी कुछ नहीं पाते, उनका हिसाब भी सृष्टि के व्यस्थापक के पास मौजूद है. क्योंकि ऐसे लोगों ने या तो पिछले जन्म में बिना कुछ किये ही खर्चा किया और गरीबों का हक़ दबाया. वो उनके उधारी खाते में लिख दिया गया. या फिर इनके बचत खाते में लिख दिया जाएगा जो अगले जन्म में बिना कुछ किये ही मिल जाएगा. ये सब इसलिए की सृष्टि की व्यवस्था सही तरीके से चलती रहे. अगर सबके पास करोडो की दौलत हो तो मेहनत कौन करेगा. बिना मेहनत ये सृष्टि चलेगी कैसे? इसलिए सृष्टि के लिए प्रकृति ने जो व्यवस्था की है अगर उस व्यवस्था को स्वीकार कर ले तो ये दुनिया स्वर्ग बन जायेगी.
आज चर्चा इतनी ही बाकी अगले भाग में. पढ़िए ये रहस्यी भरी कहानी, इस कहानी में प्रकृति की ज़रा सी चूक ने एक परिवार की व्यवस्था को ही उलट पलट करके रख दिया.
मनीराम को ज्योहीं खबर लगी की अजय मलूका की जमानत हो गई है. उसने अपने वकील खुराना को अपने दरबार में तलब किया.
“खुराना मैंने तुमको ये केस इसलिए दिलवाया था कि अजय मलूका की जमानत न होने पाए. फिर भी उसकी जमानत कैसे हो गई?” मनीराम ने वकील खुराना से सवाल किया.
“सेठजी मैंने उसे सजा दिलाने की पूरी कोशिश की लेकिन क्या करता? कोर्ट के आदेश से ऊपर तो जा नहीं सकता ना” खुराना ने मनीराम को जवाब दिया.
“नहीं नहीं तुमने कोई कोशिश ही नहीं की. लेकिन मैंने पूरी जांच करवा ली है कि अजय मलूका और उस पर बलात्कार की कोशिश का इल्जाम लगाने वाली औरत के बीच कनेक्शन क्या है. इस औरत का पति मलूका इंडस्ट्री में मजदूर था. अजय मलूका ने इस औरत को पहली बार तब देखा था जब इसका पति अपने बीमार बच्चे के इलाज के लिए मदद माँगने के लिए अजय मलूका के पास गया था. तब ये औरत अपने पति के साथ थी. और ठीक इसके दूसरे दिन मलूका इंडस्ट्री में काम करते हुए इसके पति की करंट लगने से मौत हो गई. और फिर अजय मलूका ने इस औरत के घर में घुस कर इसका बलात्कार करने कि कोशिश की. खुराना तुमने पूरी जिंदगी लोगों को फीस ले कर सलाह दी है. लेकिन में तुम्हे ये सलाह फ्री में दे रहा हूँ कि ये तीन पॉइंट अजय मलूका को हत्यारा साबित करने के लिए काफी है” मनीराम ने वकील खुराना को सलाह दी.