Re: New Romantic Thriller Saga - शायद यहीं तो हैं ज़िंदगी – प्यार की अधूरी दास्तान
Posted: 09 Nov 2016 00:08
है. अब की बार लंड करीब 8 इंच तक चला जाता है. और मोनिका बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ती है.
विजय- क्या हुआ मेरी बुलबुल आज तेरी गांड इतनी टाइट क्यों लग रही है. अरे मैंने तो बस अपनी लाइफ में सिर्फ़ 2 बार ही तेरी मारी है. और इतना बोलकर विजय हंसता है.
मोनिका- तुम्हें हँसी आ रही है और मेरी जान जा रही है प्लीज़ विजय निकल लो ना बहुत दर्द हो रहा है.
विजय- चिंता मत कर थोड़ी डियर में तुझे भी मजा आएगा इतना कहकर फिर विजय पूरा लंड निकल कर एक बार फिर पूरे गति से अंदर डाल देता है और मोनिका की हालत खराब होने लगती है. कुछ डियर तक वो कुछ नहीं करता फिर आगे पीछे अपने लंड मोनिका के गांड में करता है.
मोनिका भी सिसकारी लेती है उसे तकलीफ और मजा दोनों का एहसास एक साथ होता है. कुछ डियर में विजय अपनी लंड की रफ्तार को तेज कर देता है और मोनिका की आहें तेज हो जाती है.
विजय- कसम से क्या गांड है तेरी जी करता है जिंदगी भर अपना लंड इसी में डाले रखूं.
करीब 20 मिनट तक विजय मोनिका की गांड को चोदता है और फिर उसका शरीर अकड़ने लगता है और उसका वीर्य मोनिका के गांड में ही झाड़ जाता है. और शांत हो कर मोनिका के ऊपर ही पसर जाता है.
करीब 5 मींते तक दोनों की साँसें बहुत तेज चलती है और दोनों एक दूसरे को देखते है.
मोनिका- अब मन भर गया ना तुम्हारा अब मैं चलती हूँ. और हाँ मुझे अब तुम आज़ाद कर दो अब मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता.
विजय- वाहह …. मेरी सटी सावित्री क्या बात है आज प्यास भुज गयी तो आज़ादी की दुआ माँग रही है. याद कर मैं तेरे पास नहीं गया था बल्कि तू खुद चुदवाने मेरे पास आई थी , तू ये बात कैसे भूल सकती है …आज मैं तेरी जिस्म की आग को ठंडा करता हूँ तो तू अब कह रही है मुझे आज़ाद कर दो. तू इतनी स्वार्थी कैसे हो सकती है….
विजय के बात का मोनिका के पास कोई जवाब नहीं था. इसलिए वो कुछ नहीं बोलती और अपनी गर्दन नीचे झुका लेती है.
विजय- तुझे मेरे साथ एक डील करनी होगी. अगर तू मेरा डील मानेगी तो मैं वादा करता हूँ की मैं तुझे हमेशा के लिए आज़ाद कर दूँगा.
मोनिका- के…..कैसी डील??????
विजय- घबरा मत तुझे मेरा एक छोटा सा काम करना होगा . अगर तू मेरा वो काम करेगी तो समज़ ले तू आज़ाद हो गयी नहीं तो काजीरी है ना दूसरा ऑप्शन तेरे लिए.
मोनिका- मुझे करना क्या होगा.
विजय- तू सवाल बहुत पूछती है . वक्त आने दे तुझे सब बता दूँगा.इतना कहकर विजय घर से बाहर निकल जाता है.
मोनिका- हे भगवान !!! ये मेरी कैसी जिंदगी बन गयी है .कितनी खुश थी मैं जब मेरी शादी तय हुई थी. मेरा भी हंसता खेलता परिवार था. सब की में लड़ली थी.मोनिका के साथ ऐसा क्या हुआ था वो आपने आतीत में खो जाती है………………………………………
घर पर सब खुश थे. मेरा बी.ए फाइनल एअर था. मेरा भी सपना था की मैं पढ़ लिख कर खुद अपनी जिम्मेदारी निभौं, अपनी परिवार और अपने होने वाले पति को सारी ख़ुसीयान दम. मगर खुशियों को ग्रहण लगते डियर नहीं लगती. मेरी जिंदगी का सूरज भी ऐसा डूबा की आज भी मेरे जीवन में अंधकार के सिवाय कुछ नहीं है.
आज मेरे घर पर आंटी पापा, और मेरा एक छोटा भाई के साथ मैं बहुत खुश थी. आज मैंने अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट कर ली. और मेरे को देखने लड़के वाले आ रहे थे. कुछ डियर में वो लोग आए और मुझे देखकर पसंद भी कर लिया. मैं भी बहुत खूबसूरत थी. गोरा बदन उमर करीब 25 .
कुछ दिन में मेरी शादी हो गयी और मैं अपने ससुराल चली गयी. घर से बहुत दूर. मैं वहां बहुत खुश थी. गोपाल मेरे पति करीब 28 साल के थे. वो ट्रक ड्राइवर थे.मेरे सास ससुर गाँव में रहते थे. हम शहर में आ कर रहने लगे क्यों की गाँव का माहुला कुछ ठीक नहीं था. इस लिए गोपाल भी यही चाहता था की मैं भी शहर में ही रहूं. हमारी शादी हुए अभी 2 साल ही हुए थे की एक दिन उसका रोड आक्सिडेंट में उनकी मौत हो गयी. मेरे सर पर मानो पहाड़ टूट पड़ा. मैंने भी सोचा की अब शहर में क्या रखा है सोचा अपने सास ससुर के पास जाकर उनकी सेवा करूं.
लेकिन गाँव के कुछ औरतों ने मुझे ये कहकर मेरे सास ससुर की नज़रोइन में गिरा दिया की तुम्हारी बहू के कदम ठीक नहीं हैं. आते ही घर के औलाद को कहा गयी. मैंने उन्हें बहुत समझने की कोशिश की पर वे लोग नहीं मैंने. फिर हारकर मैंने अपने आंटी बाप के पास जाने का फैसला किया तो उन्होंने भी अपने हाथ खींच लिए. ये कह दिया की जो भी है तेरा ससुराल है अब ये तेरा घर नहीं है. उस वक्त तो मुझे आत्महत्या करने के सिवाय कुछ नहीं सूजा. और मैं वो कर भी देती.
मगर मेरी नास्सेब में और रोना लिखा था. मेरा विजय से मुलाकात हो गया. मैंने भावुक होकर उसे वो सारी बात बताई जो मेरे सात बीती थी. तो उसने मुझे झट से शादी करने के लिए हाँ कर दी. मैं बहुत खुश हुई. मगर मुझे क्या पता था की वो इंसान की खाल में छुपा हुआ भेड़िया है. उसकी नियत शुरू से ही मेरे जिस्म पर थी. आइसिस बहाने मुझे अपनी क्लीनिक में काम दिलवाकर एक दिन उसने धोके से मुझे ड्रग्स के नशे में सिड्यूस किया.
मैं इस लिए….
विजय- क्या हुआ मेरी बुलबुल आज तेरी गांड इतनी टाइट क्यों लग रही है. अरे मैंने तो बस अपनी लाइफ में सिर्फ़ 2 बार ही तेरी मारी है. और इतना बोलकर विजय हंसता है.
मोनिका- तुम्हें हँसी आ रही है और मेरी जान जा रही है प्लीज़ विजय निकल लो ना बहुत दर्द हो रहा है.
विजय- चिंता मत कर थोड़ी डियर में तुझे भी मजा आएगा इतना कहकर फिर विजय पूरा लंड निकल कर एक बार फिर पूरे गति से अंदर डाल देता है और मोनिका की हालत खराब होने लगती है. कुछ डियर तक वो कुछ नहीं करता फिर आगे पीछे अपने लंड मोनिका के गांड में करता है.
मोनिका भी सिसकारी लेती है उसे तकलीफ और मजा दोनों का एहसास एक साथ होता है. कुछ डियर में विजय अपनी लंड की रफ्तार को तेज कर देता है और मोनिका की आहें तेज हो जाती है.
विजय- कसम से क्या गांड है तेरी जी करता है जिंदगी भर अपना लंड इसी में डाले रखूं.
करीब 20 मिनट तक विजय मोनिका की गांड को चोदता है और फिर उसका शरीर अकड़ने लगता है और उसका वीर्य मोनिका के गांड में ही झाड़ जाता है. और शांत हो कर मोनिका के ऊपर ही पसर जाता है.
करीब 5 मींते तक दोनों की साँसें बहुत तेज चलती है और दोनों एक दूसरे को देखते है.
मोनिका- अब मन भर गया ना तुम्हारा अब मैं चलती हूँ. और हाँ मुझे अब तुम आज़ाद कर दो अब मुझे ये सब अच्छा नहीं लगता.
विजय- वाहह …. मेरी सटी सावित्री क्या बात है आज प्यास भुज गयी तो आज़ादी की दुआ माँग रही है. याद कर मैं तेरे पास नहीं गया था बल्कि तू खुद चुदवाने मेरे पास आई थी , तू ये बात कैसे भूल सकती है …आज मैं तेरी जिस्म की आग को ठंडा करता हूँ तो तू अब कह रही है मुझे आज़ाद कर दो. तू इतनी स्वार्थी कैसे हो सकती है….
विजय के बात का मोनिका के पास कोई जवाब नहीं था. इसलिए वो कुछ नहीं बोलती और अपनी गर्दन नीचे झुका लेती है.
विजय- तुझे मेरे साथ एक डील करनी होगी. अगर तू मेरा डील मानेगी तो मैं वादा करता हूँ की मैं तुझे हमेशा के लिए आज़ाद कर दूँगा.
मोनिका- के…..कैसी डील??????
विजय- घबरा मत तुझे मेरा एक छोटा सा काम करना होगा . अगर तू मेरा वो काम करेगी तो समज़ ले तू आज़ाद हो गयी नहीं तो काजीरी है ना दूसरा ऑप्शन तेरे लिए.
मोनिका- मुझे करना क्या होगा.
विजय- तू सवाल बहुत पूछती है . वक्त आने दे तुझे सब बता दूँगा.इतना कहकर विजय घर से बाहर निकल जाता है.
मोनिका- हे भगवान !!! ये मेरी कैसी जिंदगी बन गयी है .कितनी खुश थी मैं जब मेरी शादी तय हुई थी. मेरा भी हंसता खेलता परिवार था. सब की में लड़ली थी.मोनिका के साथ ऐसा क्या हुआ था वो आपने आतीत में खो जाती है………………………………………
घर पर सब खुश थे. मेरा बी.ए फाइनल एअर था. मेरा भी सपना था की मैं पढ़ लिख कर खुद अपनी जिम्मेदारी निभौं, अपनी परिवार और अपने होने वाले पति को सारी ख़ुसीयान दम. मगर खुशियों को ग्रहण लगते डियर नहीं लगती. मेरी जिंदगी का सूरज भी ऐसा डूबा की आज भी मेरे जीवन में अंधकार के सिवाय कुछ नहीं है.
आज मेरे घर पर आंटी पापा, और मेरा एक छोटा भाई के साथ मैं बहुत खुश थी. आज मैंने अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट कर ली. और मेरे को देखने लड़के वाले आ रहे थे. कुछ डियर में वो लोग आए और मुझे देखकर पसंद भी कर लिया. मैं भी बहुत खूबसूरत थी. गोरा बदन उमर करीब 25 .
कुछ दिन में मेरी शादी हो गयी और मैं अपने ससुराल चली गयी. घर से बहुत दूर. मैं वहां बहुत खुश थी. गोपाल मेरे पति करीब 28 साल के थे. वो ट्रक ड्राइवर थे.मेरे सास ससुर गाँव में रहते थे. हम शहर में आ कर रहने लगे क्यों की गाँव का माहुला कुछ ठीक नहीं था. इस लिए गोपाल भी यही चाहता था की मैं भी शहर में ही रहूं. हमारी शादी हुए अभी 2 साल ही हुए थे की एक दिन उसका रोड आक्सिडेंट में उनकी मौत हो गयी. मेरे सर पर मानो पहाड़ टूट पड़ा. मैंने भी सोचा की अब शहर में क्या रखा है सोचा अपने सास ससुर के पास जाकर उनकी सेवा करूं.
लेकिन गाँव के कुछ औरतों ने मुझे ये कहकर मेरे सास ससुर की नज़रोइन में गिरा दिया की तुम्हारी बहू के कदम ठीक नहीं हैं. आते ही घर के औलाद को कहा गयी. मैंने उन्हें बहुत समझने की कोशिश की पर वे लोग नहीं मैंने. फिर हारकर मैंने अपने आंटी बाप के पास जाने का फैसला किया तो उन्होंने भी अपने हाथ खींच लिए. ये कह दिया की जो भी है तेरा ससुराल है अब ये तेरा घर नहीं है. उस वक्त तो मुझे आत्महत्या करने के सिवाय कुछ नहीं सूजा. और मैं वो कर भी देती.
मगर मेरी नास्सेब में और रोना लिखा था. मेरा विजय से मुलाकात हो गया. मैंने भावुक होकर उसे वो सारी बात बताई जो मेरे सात बीती थी. तो उसने मुझे झट से शादी करने के लिए हाँ कर दी. मैं बहुत खुश हुई. मगर मुझे क्या पता था की वो इंसान की खाल में छुपा हुआ भेड़िया है. उसकी नियत शुरू से ही मेरे जिस्म पर थी. आइसिस बहाने मुझे अपनी क्लीनिक में काम दिलवाकर एक दिन उसने धोके से मुझे ड्रग्स के नशे में सिड्यूस किया.
मैं इस लिए….