Re: New Romantic Thriller Saga - शायद यहीं तो हैं ज़िंदगी – प्यार की अधूरी दास्तान
Posted: 13 Nov 2016 11:56
करूँगी.ये राधिका का वादा हैं……………………..
कुछ डियर में ऐसी बथीईन करते करते कृष्णा राधिका के गोद में ही सो जाता हैं और राधिका बहुत डियर तक आइसिस उधेरबुन में फाँसी रहती है की उसने जो किया क्या वो सही था. …………………
फिर वो धीरे से कृष्णा को बेड पर सुलकर उसे कंबल से ढक देती हैं. और खाना बनाने किचन में चली जाती हैं.
आज उसकी जिंदगी का बहुत बड़ा दिन था. आज एक तरफ तो उसका प्यार उसे मिल गया था तो दूसरी तरफ उसका परिवार बनता सा नज़र आ रहा था. आज पता नहीं क्यों पर आज उसे अपने भैया पर बहुत प्यार आ रहा था. और वो काफी खुश थी. उसके दिल से मानो बहुत बड़ा बोझ उतार गया था. वो भी खाना कहा कर बिस्तर पर लेट जाती हैं और उसके दिमाग में कई तरह के सवाल अब भी घूम रहे थे. यही सब सोचते सोचते कब उसकी आँख लग गयी उसे पता भी नहीं चला………………………..
सुबह वो जल्दी से उठकर नाश्ता बनती है और कृष्णा भैया के कमरे में जाती है. देखती हैं की वो अब भी सोए हुए हैं. वो जाकर उन्हें जागती हैं.
राधिया- भैया उठो ना कब तक सोते रहोगे. नाश्ता तैयार हैं.
कृष्णा- राधिका तू तो आज कमाल की लग रही हैं. आओ ना मेरे पास मेरे बाजू में आकर बैठ जाओ.
राधिका- क्यों घर का काम आप करोगे क्या. मुझे इस वक्त बहुत काम हैं.
जैसे ही राधिका जाने के लिए मुड़ती हैं कृष्णा उसको एक झटके से अपनी तरफ खींच लेता हैं और वो कृष्णा के ऊपर गिर पड़ती हैं. कृष्णा राधिका के कमर में हाथ डाल देता हैं वो अपने से राधिका को चिपका लेता हैं.
राधिका- ये क्या कर रहे हो भैया. चोदो मुझे, भला कोई ऐसे भी अपनी बहन के साथ करता हैं क्या.
कृष्णा- राधिका एक किस का तो मेरा हक़ बनता हैं. तुम मुझे रोज़ सुबह एक प्यारा सा किस दिया करो फिर मेरा दिन भी बहुत बढ़िया जाएगा.
राधिका- अगर नहीं दिया तो क्या कर लोगे. ….
कृष्णा- तो ज़बारजस्ति लूँगा.
राधिका- अच्छा आपको तो ज़बारजस्ति कोई भी चीज़ पसंद नहीं हैं ना फिर ……………..
कृष्णा- अगर ऐसी ही मेरे ऊपर सोई रहोगी तो सचमुच मुझे तुम्हारे साथ जबारजस्ति करनी पड़ेगी.
राधिका भी तुरंत अपने होश संभालती हैं और वो झट से कृष्णा के ऊपर से उठ जाती हैं.
कृष्णा- राधिका फिर जाने के लिए मुड़ती हैं तो कृष्णा राधिका के हाथ पकड़ लेता हैं और वो वही रुक जाती हैं.
राधिका- चोदो ना मेरा हाथ भैया. आपको ज़रा भी शर्म नहीं आती.
कृष्णा- हां तुझसे कैसे शरमाना तू तो मेरी अपनी हैं. गैरों से परदा किया जाता हैं अपनों से नहीं.
राधिका- तो इसका मतलब अब मैं आपके सामने बिलकुल बेशरम बन जाऊं क्या. ???
कृष्णा- राधिका प्लीज़ एक किस ही तो माँग रहा हूँ ना. इससे ज्यादा कुछ नहीं.बस तुम वो दे दो मैं तुम्हें चोद दूँगा.
राधिका- भैया मुझे बहुत शर्म आ रही हैं. ये मैं नहीं कर सकती. प्लीज़ छोड़िए मेरा हाथ……कृष्णा- देखो राधिका, कहीं ऐसा ना हो की मेरा इरादा बदल जाए तो मैं कुछ और ना माँग लूँ. इस लिए …………..इतना बोलकर कृष्णा चुप हो जाता हैं.
राधिका- लगता हैं आप मुझे अपनी तरह पूरा बेशरम बनाने पर तुले हुए हैं. खुद तो बेशरम हो और अब……………
कृष्णा- तू बहुत नखरे करती है. इतना बोलकर कृष्णा तुरंत राधिका के होंठ पर अपनी जुबान रख देता हैं और तुरंत ही वो किस करके अपना मुंह हटा लेता है. राधिका इससे पहले कुछ समझ पति वो किस करके हाथ चुका था.
राधिका- ये क्या किया आपने सच में आप बहुत गंदे हो. इतना बोलकर राधिका किचन में दौड़कर चली जाती हैं.
राधिका का दिल ज़ोर ज़ोर से धधक रहा था. उसका अपने जिंदगी में दूसरा किस था. एक तो राहुल के साथ और दूसरा अपने भैया के साथ.
ऐसे ही वक्त बीत जाता हैं और राधिका तैयार होकर कॉलेज चली जाती हैं……………………………………..
कॉलेज पहुँच कर वो अपनी क्लासस अटेंड करती है और दोपहर के बाद वो और निशा बिलकुल फ्री हो जाती हैं और वो दोनों एक गर्दन में चली जाती हैं.
निशा- बता मेरी जानेमन क्या हाल खबर हैं.
राधिका- यार मुझे तुझसे एक बात करनी है समझ में नहीं आ रहा की तुझे कैसे बताऊं.
निशा- ओह……..हो……… क्या बात हैं आज तो आपके तेवर कुछ बदले बदले से लग रहे हैं. कहिए जान क्या बात हैं.
राधिका-राधिका थोड़े डियर इधर उधर की बातें करती हैं फिर वो उसे कृष्णा भैया वाली सारी बातें बता देती हैं. लेकिन राहुल वाली बातें छुपा लेती है.
निशा- राधिका!!! अरे यू मद!!!!!!!!!!!! क्या तुम पागल तो नहीं हो गयी हो. भला ये कैसी शर्त तूने अपने भैया से लगा दी. यार तू ऐसा कैसे कर सकती हैं. ई कांट बिलीव.???
राधिका- लगता हैं जैसे मैंने कोई बहुत बड़ी गुनाह कर दी हैं जो तू ऐसे बोल रही हैं.
निशा- बेवकूफी कहूँगी मैं इसे. जानती भी है अगर कृष्णा भैया शर्त जीत गये तो क्या ………… तू भला ऐसे कैसे कर सकती हैं.
राधिका- चिंता मत कर कुछ भी हो जाए निशा मैं खुद कभी अपने मुंह से भैया से सेक्स करने को नहीं कहूँगी.
निशा- तू जानती नहीं हैं ये मर्द लोग बहुत पहुँचे चीज़ होते हैं. खास कर तेरे भैया. ना जाने कितनी रंडियन से साथ अब तक सो चुके हैं.
राधिका- निशा माइंड युवर लॅंग्वेज. मुझे मेरे भैया के बारे में ये सब बातें बिलकुल पसंद नहीं है. प्लीज़…………..चुप हो जाओ.
निशा भी चुप हो जाती हैं. और कुछ डियर तक गहरी विचार करती हैं.
निशा- एक बात कहना चौँगी राधिका ये जान ले की अगर तू शर्त हार गयी और वो सब तू अपने भैया के साथ करेगी तो समझ में तेरी कितनी बदनामी होगी इसका तुझे….
कुछ डियर में ऐसी बथीईन करते करते कृष्णा राधिका के गोद में ही सो जाता हैं और राधिका बहुत डियर तक आइसिस उधेरबुन में फाँसी रहती है की उसने जो किया क्या वो सही था. …………………
फिर वो धीरे से कृष्णा को बेड पर सुलकर उसे कंबल से ढक देती हैं. और खाना बनाने किचन में चली जाती हैं.
आज उसकी जिंदगी का बहुत बड़ा दिन था. आज एक तरफ तो उसका प्यार उसे मिल गया था तो दूसरी तरफ उसका परिवार बनता सा नज़र आ रहा था. आज पता नहीं क्यों पर आज उसे अपने भैया पर बहुत प्यार आ रहा था. और वो काफी खुश थी. उसके दिल से मानो बहुत बड़ा बोझ उतार गया था. वो भी खाना कहा कर बिस्तर पर लेट जाती हैं और उसके दिमाग में कई तरह के सवाल अब भी घूम रहे थे. यही सब सोचते सोचते कब उसकी आँख लग गयी उसे पता भी नहीं चला………………………..
सुबह वो जल्दी से उठकर नाश्ता बनती है और कृष्णा भैया के कमरे में जाती है. देखती हैं की वो अब भी सोए हुए हैं. वो जाकर उन्हें जागती हैं.
राधिया- भैया उठो ना कब तक सोते रहोगे. नाश्ता तैयार हैं.
कृष्णा- राधिका तू तो आज कमाल की लग रही हैं. आओ ना मेरे पास मेरे बाजू में आकर बैठ जाओ.
राधिका- क्यों घर का काम आप करोगे क्या. मुझे इस वक्त बहुत काम हैं.
जैसे ही राधिका जाने के लिए मुड़ती हैं कृष्णा उसको एक झटके से अपनी तरफ खींच लेता हैं और वो कृष्णा के ऊपर गिर पड़ती हैं. कृष्णा राधिका के कमर में हाथ डाल देता हैं वो अपने से राधिका को चिपका लेता हैं.
राधिका- ये क्या कर रहे हो भैया. चोदो मुझे, भला कोई ऐसे भी अपनी बहन के साथ करता हैं क्या.
कृष्णा- राधिका एक किस का तो मेरा हक़ बनता हैं. तुम मुझे रोज़ सुबह एक प्यारा सा किस दिया करो फिर मेरा दिन भी बहुत बढ़िया जाएगा.
राधिका- अगर नहीं दिया तो क्या कर लोगे. ….
कृष्णा- तो ज़बारजस्ति लूँगा.
राधिका- अच्छा आपको तो ज़बारजस्ति कोई भी चीज़ पसंद नहीं हैं ना फिर ……………..
कृष्णा- अगर ऐसी ही मेरे ऊपर सोई रहोगी तो सचमुच मुझे तुम्हारे साथ जबारजस्ति करनी पड़ेगी.
राधिका भी तुरंत अपने होश संभालती हैं और वो झट से कृष्णा के ऊपर से उठ जाती हैं.
कृष्णा- राधिका फिर जाने के लिए मुड़ती हैं तो कृष्णा राधिका के हाथ पकड़ लेता हैं और वो वही रुक जाती हैं.
राधिका- चोदो ना मेरा हाथ भैया. आपको ज़रा भी शर्म नहीं आती.
कृष्णा- हां तुझसे कैसे शरमाना तू तो मेरी अपनी हैं. गैरों से परदा किया जाता हैं अपनों से नहीं.
राधिका- तो इसका मतलब अब मैं आपके सामने बिलकुल बेशरम बन जाऊं क्या. ???
कृष्णा- राधिका प्लीज़ एक किस ही तो माँग रहा हूँ ना. इससे ज्यादा कुछ नहीं.बस तुम वो दे दो मैं तुम्हें चोद दूँगा.
राधिका- भैया मुझे बहुत शर्म आ रही हैं. ये मैं नहीं कर सकती. प्लीज़ छोड़िए मेरा हाथ……कृष्णा- देखो राधिका, कहीं ऐसा ना हो की मेरा इरादा बदल जाए तो मैं कुछ और ना माँग लूँ. इस लिए …………..इतना बोलकर कृष्णा चुप हो जाता हैं.
राधिका- लगता हैं आप मुझे अपनी तरह पूरा बेशरम बनाने पर तुले हुए हैं. खुद तो बेशरम हो और अब……………
कृष्णा- तू बहुत नखरे करती है. इतना बोलकर कृष्णा तुरंत राधिका के होंठ पर अपनी जुबान रख देता हैं और तुरंत ही वो किस करके अपना मुंह हटा लेता है. राधिका इससे पहले कुछ समझ पति वो किस करके हाथ चुका था.
राधिका- ये क्या किया आपने सच में आप बहुत गंदे हो. इतना बोलकर राधिका किचन में दौड़कर चली जाती हैं.
राधिका का दिल ज़ोर ज़ोर से धधक रहा था. उसका अपने जिंदगी में दूसरा किस था. एक तो राहुल के साथ और दूसरा अपने भैया के साथ.
ऐसे ही वक्त बीत जाता हैं और राधिका तैयार होकर कॉलेज चली जाती हैं……………………………………..
कॉलेज पहुँच कर वो अपनी क्लासस अटेंड करती है और दोपहर के बाद वो और निशा बिलकुल फ्री हो जाती हैं और वो दोनों एक गर्दन में चली जाती हैं.
निशा- बता मेरी जानेमन क्या हाल खबर हैं.
राधिका- यार मुझे तुझसे एक बात करनी है समझ में नहीं आ रहा की तुझे कैसे बताऊं.
निशा- ओह……..हो……… क्या बात हैं आज तो आपके तेवर कुछ बदले बदले से लग रहे हैं. कहिए जान क्या बात हैं.
राधिका-राधिका थोड़े डियर इधर उधर की बातें करती हैं फिर वो उसे कृष्णा भैया वाली सारी बातें बता देती हैं. लेकिन राहुल वाली बातें छुपा लेती है.
निशा- राधिका!!! अरे यू मद!!!!!!!!!!!! क्या तुम पागल तो नहीं हो गयी हो. भला ये कैसी शर्त तूने अपने भैया से लगा दी. यार तू ऐसा कैसे कर सकती हैं. ई कांट बिलीव.???
राधिका- लगता हैं जैसे मैंने कोई बहुत बड़ी गुनाह कर दी हैं जो तू ऐसे बोल रही हैं.
निशा- बेवकूफी कहूँगी मैं इसे. जानती भी है अगर कृष्णा भैया शर्त जीत गये तो क्या ………… तू भला ऐसे कैसे कर सकती हैं.
राधिका- चिंता मत कर कुछ भी हो जाए निशा मैं खुद कभी अपने मुंह से भैया से सेक्स करने को नहीं कहूँगी.
निशा- तू जानती नहीं हैं ये मर्द लोग बहुत पहुँचे चीज़ होते हैं. खास कर तेरे भैया. ना जाने कितनी रंडियन से साथ अब तक सो चुके हैं.
राधिका- निशा माइंड युवर लॅंग्वेज. मुझे मेरे भैया के बारे में ये सब बातें बिलकुल पसंद नहीं है. प्लीज़…………..चुप हो जाओ.
निशा भी चुप हो जाती हैं. और कुछ डियर तक गहरी विचार करती हैं.
निशा- एक बात कहना चौँगी राधिका ये जान ले की अगर तू शर्त हार गयी और वो सब तू अपने भैया के साथ करेगी तो समझ में तेरी कितनी बदनामी होगी इसका तुझे….