Re: New Romantic Thriller Saga - शायद यहीं तो हैं ज़िंदगी – प्यार की अधूरी दास्तान
Posted: 07 Dec 2016 11:51
आज अपने आपको तुम्हारे हवाले करना चाहती हूँ. प्लीज़ राहुल मुझे पूरी तरह से अपना बना लो.
राहुल- ठीक हैं अगर यही तुम्हारी ख्वाहिश हैं तो आज मैं तुम्हें मना नहीं करूँगा. आज हमारा मिलन होगा,मगर जानती हो इसमें तुम्हें दर्द भी होगा, और मैं तुम्हारे आँखों में आँसू नहीं देख सकता.
राधिका- मैं तुम्हारे खातिर सब तकलीफें हंस कर से लूँगी . मैं तैयार हूँ राहुल. मुझे बस तुम्हारा प्यार चाहिए.
थोड़ी डियर मेनी राहुल बाहर चला जाता हैं और फिर आते वक्त वो अपना कमरा का दरवाजा बंद कर देता हैं. और राधिका के करीब चला जाता हैं.
अपने हाथ में एक लाल गुलाब लेकर राधिका को देता हैं और प्यार से कहता हैं ई लव यू राधिका.
राहुल- विल यू लव में???
राधिका एक दम से उसे अपने सीने से लगा लेती हैं और खुशी से उसके आँख से आँसू आ जाते हैं.
राधिका- अपनी जान से ज्यादा तुम्हें चाहती हूँ राहुल, मर जाऊंगी मगर तुम्हारे ऊपर आँच तक नहीं आने दूँगी.
थोड़ी डियर तक वो दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते हैं और फिर राधिका और राहुल बेड पर जाकर बैठ जाते हैं.
राधिका- आओ राहुल मेरे एकदम करीब आओ ना, मुझे हमेशा हमेशा के लिए अपना बना लो.
राहुल भी धीरे से राधिका के करीब आता हैं और उसकी गर्दन को चूम लेता हैं और वो फिर फिर बहुत धीरे धीरे वो अपने होंठ और जीभ उसके गर्दन पर फिरने लगता हैं. अब राधिका भी धीरे धीरे मदहोश होने लगती हैं. फिर वो अपने होंठ को राधिका के होंठ पर रख देता हैं और फिर धीरे धीरे चूसना चालू कर देता हैं. कुछ डियर तक वो राधिका के ऊपर उसके होंठ को चूसता हैं फिर धीरे से नीचे होंठ को भी चूसना शुरू कर देता हैं.
राधिका भी अपनी आँखें बंद कर लेती हैं और वो राहुल में पूरी तरह खो जाती है. काफी डियर तक वो एक दूसरे के होंठ को चोंटे हैं. फिर राधिका अपना हाथ बड़ा कर राहुल के हाथ में दे देती हैं और वो धीरे धीरे उसको हरकत देनी शुरू कर देती हैं. राहुल अब भी राधिका का होंठ चूस रहा था.
अब राधिका धीरे धीरे उसके हाथ को बढ़ते हुए अपने चेहरे से लेजाती हैं और फिर गर्दन से होते हुए अपने सीने पर रख देती हैं और फिर अपना हाथ का दबाव तेज कर देती हैं.
राहुल भी अब राधिका के सीने पर हाथ रखकर उसे धीरे धीरे फिरने लगता हैं. कुछ डियर में राधिका के निपल्स एकदम हार्ड होने लगते हैं और वो भी जोश में आने लगती हैं.
राहुल एकदम धीरे धीरे अपनी उंगली राधिका के निपल्स पर फिरा रहा था, और राधिका भी धीरे धीरे सिसकारी लेती जा रही थी उसकी आँखें एक दम लाल हो गयी थी. हवस साफ उसकी आँखों में चालक रहा था. राधिका अपने होंठ एक बार फिर राहुल के होंठ पर रख देती हैं और खूब तेजी से उसे चूसना चालू करती हैं. पहले धीरे धीरे फिर बहुत तेजी से अपने जीभ से उसके होठों को चत्ति हैं.कुछ देर के बाद राहुल फिर से अपने होंठ राधिका के गर्दन पर रख देता हैं फिर धीरे से वो अपने होंठ फिरते हुए राधिका के गर्दन के पीछे से होता हुआ उसके पीठ तक चाहता था हैं. राधिका के आँख अपने आप ही बंद होने लगते हैं. फिर वो उसका दुपट्टा को उसके जिस्म से अलग कर देता हैं.
राधिका भी अब बिस्तर पर लेट जाती हैं और राहुल को अपने ऊपर आँसे का इशारा करती हैं. राहुल जैसे ही राधिका के ऊपर आता हैं वो एक बार कस कर राधिका के निपल्स को अपने हाथों की दोनों उंगलियों से मसल देता हैं. और राधिका के मुंह से आआआः…….. की कराह एक बार फिर निकल जाती हैं.
राहुल- क्या हुआ राधिका अभी तो आपके बूब्स को हल्का से मसाला हैं तो आप इतना चीख रहीं हैं.अगर पूरा बदन को मैं रगुंडा तो आपका क्या हाल होगा.
राधिका- राहुल मैं तो यही चाहती हूँ की तुम मुझपर कोई तरस मत खाओ. जितनी बहरामी से तुम मुझे रगार्डना चाहते हो रगार्ड डालो. मेरी परवाह बिलकुल मत करो.
राहुल- अरे आप तो हमारी जान हैं, और हमारी जान को तकलीफ होगी तो हमें भी दुख होगा. लेकिन क्या करे ये खेल ही ऐसा हैं इसमें जितना तकलीफ होती हैं उतना ही मजा आता हैं और मैं अपनी जान को आज पूरा जन्नत का मजा देना चाहता हूँ. बोलो डोगी ना मेरा पूरा साथ.
राधिका- हाँ राहुल मरते दम तक दूँगी, तुम्हारे दिल में जो आए तुम मेरे साथ करो ,मैं तुम्हें किसी भी चीज़ के लिए मना नहीं करूँगी. तुम्हारी मैं सारी इकचयायन पूरी करूँगी.
राहुल- फिर से उसके हाथ को अपने हाथ में ले लेता हैं और उसपर अपना जीभ फिरने लगता है. राधिका फिर से तड़प उठती हैं.
फिर वो राधिका को अपने ऊपर आने को बोलता हैं. और राहुल नीचे लेट जाता हैं. राधिका भी अब अपनी जीभ उसके गर्दन पर रख देती हैं और धीरे धीरे वो नीचे की ओर बढ़ती हैं. फिर राधिका उसे शर्ट के स्तनों को अपने मुंह में फंसकर धीरे धीरे एक एक करके अपनी उंगली की मदद से खोलना चालू करती हैं.
कुछ डियर में राहुल का शर्ट पूरा खुल जाता है. फिर राहुल उसे अपने जिस्म से अलग कर देता हैं. अब वो बनियान में था. राधिका को शरारत शहुजती हैं और वो राहुल के लंड को पेंट के ऊपर से ही पकड़ लेती हैं. राहुल के मुंह से तेज सिसकारी निकल पड़ती हैं. और राधिका मुस्करा देती हैं.
फिर वो धीरे से झुक कर अपने होंठ उसके पेंट के हुक पर रख देती हैं और फिर….
राहुल- ठीक हैं अगर यही तुम्हारी ख्वाहिश हैं तो आज मैं तुम्हें मना नहीं करूँगा. आज हमारा मिलन होगा,मगर जानती हो इसमें तुम्हें दर्द भी होगा, और मैं तुम्हारे आँखों में आँसू नहीं देख सकता.
राधिका- मैं तुम्हारे खातिर सब तकलीफें हंस कर से लूँगी . मैं तैयार हूँ राहुल. मुझे बस तुम्हारा प्यार चाहिए.
थोड़ी डियर मेनी राहुल बाहर चला जाता हैं और फिर आते वक्त वो अपना कमरा का दरवाजा बंद कर देता हैं. और राधिका के करीब चला जाता हैं.
अपने हाथ में एक लाल गुलाब लेकर राधिका को देता हैं और प्यार से कहता हैं ई लव यू राधिका.
राहुल- विल यू लव में???
राधिका एक दम से उसे अपने सीने से लगा लेती हैं और खुशी से उसके आँख से आँसू आ जाते हैं.
राधिका- अपनी जान से ज्यादा तुम्हें चाहती हूँ राहुल, मर जाऊंगी मगर तुम्हारे ऊपर आँच तक नहीं आने दूँगी.
थोड़ी डियर तक वो दोनों एक दूसरे की आँखों में देखते हैं और फिर राधिका और राहुल बेड पर जाकर बैठ जाते हैं.
राधिका- आओ राहुल मेरे एकदम करीब आओ ना, मुझे हमेशा हमेशा के लिए अपना बना लो.
राहुल भी धीरे से राधिका के करीब आता हैं और उसकी गर्दन को चूम लेता हैं और वो फिर फिर बहुत धीरे धीरे वो अपने होंठ और जीभ उसके गर्दन पर फिरने लगता हैं. अब राधिका भी धीरे धीरे मदहोश होने लगती हैं. फिर वो अपने होंठ को राधिका के होंठ पर रख देता हैं और फिर धीरे धीरे चूसना चालू कर देता हैं. कुछ डियर तक वो राधिका के ऊपर उसके होंठ को चूसता हैं फिर धीरे से नीचे होंठ को भी चूसना शुरू कर देता हैं.
राधिका भी अपनी आँखें बंद कर लेती हैं और वो राहुल में पूरी तरह खो जाती है. काफी डियर तक वो एक दूसरे के होंठ को चोंटे हैं. फिर राधिका अपना हाथ बड़ा कर राहुल के हाथ में दे देती हैं और वो धीरे धीरे उसको हरकत देनी शुरू कर देती हैं. राहुल अब भी राधिका का होंठ चूस रहा था.
अब राधिका धीरे धीरे उसके हाथ को बढ़ते हुए अपने चेहरे से लेजाती हैं और फिर गर्दन से होते हुए अपने सीने पर रख देती हैं और फिर अपना हाथ का दबाव तेज कर देती हैं.
राहुल भी अब राधिका के सीने पर हाथ रखकर उसे धीरे धीरे फिरने लगता हैं. कुछ डियर में राधिका के निपल्स एकदम हार्ड होने लगते हैं और वो भी जोश में आने लगती हैं.
राहुल एकदम धीरे धीरे अपनी उंगली राधिका के निपल्स पर फिरा रहा था, और राधिका भी धीरे धीरे सिसकारी लेती जा रही थी उसकी आँखें एक दम लाल हो गयी थी. हवस साफ उसकी आँखों में चालक रहा था. राधिका अपने होंठ एक बार फिर राहुल के होंठ पर रख देती हैं और खूब तेजी से उसे चूसना चालू करती हैं. पहले धीरे धीरे फिर बहुत तेजी से अपने जीभ से उसके होठों को चत्ति हैं.कुछ देर के बाद राहुल फिर से अपने होंठ राधिका के गर्दन पर रख देता हैं फिर धीरे से वो अपने होंठ फिरते हुए राधिका के गर्दन के पीछे से होता हुआ उसके पीठ तक चाहता था हैं. राधिका के आँख अपने आप ही बंद होने लगते हैं. फिर वो उसका दुपट्टा को उसके जिस्म से अलग कर देता हैं.
राधिका भी अब बिस्तर पर लेट जाती हैं और राहुल को अपने ऊपर आँसे का इशारा करती हैं. राहुल जैसे ही राधिका के ऊपर आता हैं वो एक बार कस कर राधिका के निपल्स को अपने हाथों की दोनों उंगलियों से मसल देता हैं. और राधिका के मुंह से आआआः…….. की कराह एक बार फिर निकल जाती हैं.
राहुल- क्या हुआ राधिका अभी तो आपके बूब्स को हल्का से मसाला हैं तो आप इतना चीख रहीं हैं.अगर पूरा बदन को मैं रगुंडा तो आपका क्या हाल होगा.
राधिका- राहुल मैं तो यही चाहती हूँ की तुम मुझपर कोई तरस मत खाओ. जितनी बहरामी से तुम मुझे रगार्डना चाहते हो रगार्ड डालो. मेरी परवाह बिलकुल मत करो.
राहुल- अरे आप तो हमारी जान हैं, और हमारी जान को तकलीफ होगी तो हमें भी दुख होगा. लेकिन क्या करे ये खेल ही ऐसा हैं इसमें जितना तकलीफ होती हैं उतना ही मजा आता हैं और मैं अपनी जान को आज पूरा जन्नत का मजा देना चाहता हूँ. बोलो डोगी ना मेरा पूरा साथ.
राधिका- हाँ राहुल मरते दम तक दूँगी, तुम्हारे दिल में जो आए तुम मेरे साथ करो ,मैं तुम्हें किसी भी चीज़ के लिए मना नहीं करूँगी. तुम्हारी मैं सारी इकचयायन पूरी करूँगी.
राहुल- फिर से उसके हाथ को अपने हाथ में ले लेता हैं और उसपर अपना जीभ फिरने लगता है. राधिका फिर से तड़प उठती हैं.
फिर वो राधिका को अपने ऊपर आने को बोलता हैं. और राहुल नीचे लेट जाता हैं. राधिका भी अब अपनी जीभ उसके गर्दन पर रख देती हैं और धीरे धीरे वो नीचे की ओर बढ़ती हैं. फिर राधिका उसे शर्ट के स्तनों को अपने मुंह में फंसकर धीरे धीरे एक एक करके अपनी उंगली की मदद से खोलना चालू करती हैं.
कुछ डियर में राहुल का शर्ट पूरा खुल जाता है. फिर राहुल उसे अपने जिस्म से अलग कर देता हैं. अब वो बनियान में था. राधिका को शरारत शहुजती हैं और वो राहुल के लंड को पेंट के ऊपर से ही पकड़ लेती हैं. राहुल के मुंह से तेज सिसकारी निकल पड़ती हैं. और राधिका मुस्करा देती हैं.
फिर वो धीरे से झुक कर अपने होंठ उसके पेंट के हुक पर रख देती हैं और फिर….