सागर के दो किनारे होते है,
कुछ लोग जान से भी प्यारे होते है,
ये ज़रूरी नहीं हर कोई पास हो,
क्योंकी जिंदगी में यादों के भी सहारे होते है !
दिलको हमसे चुराया आपने ,
दूर होकर भी अपना बनाया आपने,
कभी भूल नहीं पायेंगे हम आपको,
क्योंकि याद रखना भी तो सिखाया आपने.
याद करते है तुम्हे तनहाई में,
दिल डूबा है गमो की गहराई में,
हमें मत धुन्ड़ना दुनिया की भीड़ में,
हम मिलेंगे में तुम्हे तुम्हारी परछाई में.
मौत के बाद याद आ रहा है कोई,
मिट्ठी मेरी कबर से उठा रहा है कोई,
या खुदा दो पल की मोहल्लत और दे दे,
उदास मेरी कबर से जा रहा है कोई.
सांसो का पिंजरा किसी दिन टूट जायेगा
फिर मुसाफिर किसी राह में छूट जायेगा
अभी साथ है तो बात कर लिया करो
क्या पता कब साथ छूट जायेगा.....
Shero shayries शेरो शायरी
-
- Platinum Member
- Posts: 1803
- Joined: 15 Oct 2014 22:49
-
- Platinum Member
- Posts: 1803
- Joined: 15 Oct 2014 22:49
Re: Shero shayries शेरो शायरी
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा .a
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है ,
पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा .a
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है ,
पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
-
- Platinum Member
- Posts: 1803
- Joined: 15 Oct 2014 22:49
Re: Shero shayries शेरो शायरी
खिल जाए बस फूल एक गुलाब का ,
कुछ और मेरे आंगन में .
खिले न खिले.
मिल जाए वो जिसकी चाहत है.
कुछ और मुझे जिंदगी में,
मिले न मिले .
तोड़ दूंगा हर रोक मैं समाज की ,
कुछ एक रिश्तो से अगर ,
आज़ादी मुझे मिले.
कहना चाहता हूँ उससे बहुत कुछ,
मगर जब भी मिले हम बस,
गहमा गहमी में मिले.
सहेज ले जगतार इन्हें अपने दिल में,
प्यार के जो तुझको अनमोल,
अहसास हैं मिले.
कुछ और मेरे आंगन में .
खिले न खिले.
मिल जाए वो जिसकी चाहत है.
कुछ और मुझे जिंदगी में,
मिले न मिले .
तोड़ दूंगा हर रोक मैं समाज की ,
कुछ एक रिश्तो से अगर ,
आज़ादी मुझे मिले.
कहना चाहता हूँ उससे बहुत कुछ,
मगर जब भी मिले हम बस,
गहमा गहमी में मिले.
सहेज ले जगतार इन्हें अपने दिल में,
प्यार के जो तुझको अनमोल,
अहसास हैं मिले.