रूठना तुम्हारा एक दिखावा होता था
और सताने की आशा करते थे तुम
मसरूफ होते थे मेरे कहानियों मे
मेरी हर बात पे हँसा करते थे तुम
भिगे लब मेरे सबूत है इस बात के
कभी प्यासा भी हुआ करते थे तुम
मेरी हर आह और सिसकी गवाह है
ये बदन तराशा भी करते थे तुम
Shero shayries शेरो शायरी
Re: Shero shayries शेरो शायरी
जरुरत है एक हमसफर की
ले लो हमें अपनी बाहों मे
आना है इस अन्धेरे से बहार
भटके है जो अंजान राहों मे
देखली ये दुनिया जी भर के
समाने दो गहरी निगाहों मे
थक गया हूं तपती धूप मे
सो जाने दो अपनी पनाहों मे
ले लो हमें अपनी बाहों मे
आना है इस अन्धेरे से बहार
भटके है जो अंजान राहों मे
देखली ये दुनिया जी भर के
समाने दो गहरी निगाहों मे
थक गया हूं तपती धूप मे
सो जाने दो अपनी पनाहों मे
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Re: Shero shayries शेरो शायरी
उदास नहीं होना, क्योंकि मैं साथ हूँ!
सामने न सही पर आस-पास हूँ!
पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे!
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ!
कभी किसी सपने को दिल से लगाया करो!
किसी के ख्वाबों में आया-जाया करो!
जब भी जी हो कि कोई तुम्हें भी मनाये!
बस हमें याद करके रूठ जाया करो!
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको दिखाई न दी!
चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी!
चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर!
दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी!
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे!
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे!
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का!
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा!
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा!
न जाने क्या बात थी उन मे और हम मे!
सारी महफिल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा!
आज यह कैसी उदासी छाई है!
तन्हाई के बादल से भीगी जुदाई है!
रोया है फिर मेरा दिल!
जाने आज किसकी याद आई है!
सामने न सही पर आस-पास हूँ!
पल्को को बंद कर जब भी दिल में देखोगे!
मैं हर पल तुम्हारे साथ हूँ!
कभी किसी सपने को दिल से लगाया करो!
किसी के ख्वाबों में आया-जाया करो!
जब भी जी हो कि कोई तुम्हें भी मनाये!
बस हमें याद करके रूठ जाया करो!
मोहब्बत ऐसी थी कि उनको दिखाई न दी!
चोट दिल पर थी इसलिए दिखाई न गयी!
चाहते नहीं थे उनसे दूर होना पर!
दुरिया इतनी थी कि मिटाई न गयी!
दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे!
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे!
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का!
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा!
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा!
न जाने क्या बात थी उन मे और हम मे!
सारी महफिल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा!
आज यह कैसी उदासी छाई है!
तन्हाई के बादल से भीगी जुदाई है!
रोया है फिर मेरा दिल!
जाने आज किसकी याद आई है!