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Re: ख्वाबो के दामन से ...

Posted: 04 May 2016 23:40
by sexy
लिफ्ट में मैंने जब तुम्हे छुआ था ...

याद है तुम्हे जानां, उस छोटे से शहर के होटल की लिफ्ट में मैंने जब तुम्हे छुआ था .....उस वक़्त मेरा मन ये हो रहा था की वो लिफ्ट बंद हो जाए और मैं तुम्हे ये गाना सुनाऊं ..मैं ये गाना बहुत गाता था , जब मैं 10th में था .. कभी कभी सोचता हूँ तो वो सारे दिन जो तुम्हारे संग बिताये थे , बहुत याद आते है ...मन भाग भाग कर वही जा पहुँचता है .. तब एक समाधि की स्थिति में मैं अपने आपको देखता हूँ तो ये पता चलता है की , मेरा शरीर मात्र ही यहाँ है , मन और आत्मा तुम्हारे साथ ही उन अजनबी शहरो और जंगलो में विचर रही है ....तुम बहुत याद आ रही हो जानां ...

Re: ख्वाबो के दामन से ...

Posted: 04 May 2016 23:40
by sexy
तुम्हे याद करते करते............!!

अक्सर राते करवटे बदल बदल कर गुजार देता हूँ.... मुझे ख्याल भी नहीं आता की जिंदगी भी कुछ ऐसे ही करवटे बदल बदल कर बीत रही है और तुम कहीं नहीं हो..........वो सारे दिन और वो सारी राते ...जो तेरे संग गुजारी थी अपने नर्म और गर्म अहसासों के साथ nonstop दिल पर दस्तक देती रहती है... और मैं चुपचाप दिन को रात में और रात को सुबह में और फिर सुबह को शाम में और शाम को रात में पिघल कर घुलते हुए देखते रहता हूँ... तुम जानती हो ? मैं कितने दिनों से सो नहीं पाया हूँ... अब तो गिनती भी भूल गया हूँ.. कुछ याद नहीं सिवाय तेरे...... और तेरे प्यार के ...कुछ याद नहीं जानां ..तुम्हे याद करते करते कटती है ज़िन्दगी सारी ...... !!

Re: ख्वाबो के दामन से ...

Posted: 04 May 2016 23:40
by sexy
ओं मेरे उदास मन..चल कहीं दूर चले .

जानां ; ज़िन्दगी में जब रिक्तता आ जाती है तो सिर्फ शुन्य के अलावा कुछ नहीं बचता है . कुछ ऐसा ही अब है मेरी उस झोली में जिसमे तुमने कभी अपने प्यार से भरा था . तुमसे दूरी इतनी ज्यादा है की कुछ सहा नहीं जाता ,मन उदास हो चला है ,और लगता है की दुनिया में कुछ नहीं बचा सिवाय उन प्यार भरे लम्हों के , जिसमे हमने प्राण फूंके थे . जानां , बहुत अकेला हूँ ..