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Re: ख्वाबो के दामन से ...

Posted: 04 May 2016 23:41
by sexy
तन्हाई
जानां , अब सिर्फ तन्हाई है जीवन में , एक अजीब सा सूनापन..
अब कुछ नहीं है सिर्फ तन्हाई के ..
जानां ...अगले जनम पहले मिल जाना ...बस यही एक गुजारिश है ..

Re: ख्वाबो के दामन से ...

Posted: 04 May 2016 23:41
by sexy
क्या यही प्यार है .. हाँ यही प्यार है ...!!!

आज के दिन तुमने मुझे ये लिखा था की " मैं खुद को आईने में देखती हूँ और पीछे तुम नजर आते हो मुझे बाँहों में घेरते हुए ,कंधे पर चूमते हुए .ये कैसा प्यार है ?"
हाँ जानां यही प्यार है . इसी को प्यार कहते है .. इसी को सच में सपना कहते है , यही एक बेपनाह मोहब्बत है जो हम दोनों के बीच में है .. लेकिन ये दूरी , ये दुनिया के बंधन , ये दीवारे , ये सब भी है हम दोनों के बीच में .. मैंने तुम्हे और तुमने मुझे न जानते हुए भी प्यार किया और ज़िन्दगी के स्वर्णिम पलो को जिया .. ...हाँ यही तो प्यार है ....!!!

Re: ख्वाबो के दामन से ...

Posted: 04 May 2016 23:41
by sexy
हाँ , मुझे मोहब्बत है जानां....
मैं सोचता हूँ , की तुम हो यहाँ मेरे पास ,
मैं सोचता हूँ , की तुम नहीं हो यहाँ मेरे पास,
मैं सोचता हूँ की ....
क्या वो ख्वाब थे जो तेरे संग गुजरे
या हकीक़त थी कोई ...
जानां , क्या कोई ऐसी बस्ती नहीं है ,
जहाँ मैं तेरे साँसों में अपनी साँसे मिला सकूँ ?
हाँ , मुझे मोहब्बत है जानां....