उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, Novel

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Re: उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, N

Unread post by novel » 16 Aug 2015 17:01

Precious thoughts -

When people are free to do as they please, they usually imitate each other.

--- Eric Hoffer (1902-1983)


हवेलीके सामने अब स्टेला और पुलिसकी गाडीके बाजुमें और एक गाडी आकर खडी होगई. उसमेंसे ब्रॅट जल्दी जल्दी निचे उतर गया और पिछे मुडकर ना देखते हूएही उसने गाडीका दरवाजा जोरसे पिछे धकेलते हूए बंद किया. वह उतरतेही उसके लिए रुका पुलिस तुरंत अदबके साथ उसके सामने आकर खडा होगया.

'' अपनी टीम कहा है ? '' ब्रॅटने पुछा.

'' सर वे अंदर ... हवेलीमें गए हूए है '' उस पुलिसने जवाब दिया.

ब्रॅट उस हवेलीकी तरफ बढते हूए, उस पुलिसकी तरफ ना देखते हूए बोला, '' चलो''

वे दोनो जल्दी जल्दी हवेलीमें जाने लगे.

स्टेलाने अंदर एक ब्लॅकहोलमें फिरसे छलांग लगाई. उसने छलांग लगातेही वह जंगली कुत्ता एक पत्थरके पिछेसे, मुंहमे एक हड्डी लेकर उसे चबाते हूए उस कुंएके पास आगया. उस हड्डीको अबभी कही कही मांस बाकी था. वह उस कुंएके किनारेपर खडा होकर, वह हड्डी चबाते हूए अंदर झुककर, शायद स्टेलाको देखने लगा.

स्टेला दुसरे एक लेव्हलके पथरीली गुंफामें जमिनपर गिर गई थी. वह तुरंत उठकर खडी हो गई. तभी 'थड' एक आधा अधूरा खाया हूवा, कही कही मांस लगा हूवा हड्डीका टूकडा उसके सामने आकर गिरा. डरके मारे घबराकर उसके मुंहसे एक चिख बाहर निकल गई और वह उस हड्डीके टूकडेसे दो कदम पिछे हट गई.

हवेलीके सामने स्टेला और पुलिसकी गाडीयोंके बगलमें अब सुझानकीभी कार आकर रुक गई. उस हवेली और आसपासके परिसरकी तरफ अवाक होकर देखते हूए सुझान और डॅनियल कारसे उतर गए.

'' ऐसे इस डरावनी जगहपर वह क्या कर रही होगी ?'' डॅनियलने पुछा.

'' चलो जल्दी अंदर चलते है ... अबतक ब्रॅटने उसे ढूंढाभी होगा .'' सुझान हवेलीमे जानेकी जल्दी करते हूए बोली. सुझान सामने और डॅनियल पिछे पिछे, ऐसे दोनोभी जल्दी जल्दी हवेलीमें घूस गए.

स्टेला अंदर एक 'D' लेव्हलके गुंफामें थी. वह अपने टॉर्चकी रोशनी गुंफामें चारो ओर घूमाकर देख रही थी. आखिर उसके टॉर्चकी रोशनी एक कुंएके बगलमें खडे पत्थरपर आकर स्थिर होगई. उस पत्थरपर 'D1' ऐसा खुदा हूवा था. स्टेला फिरसे अपने टॉर्चकी रोशनी अब उस कुंएके आसपास डालकर देखने लगी. तभी वह चौक गई, उसे जाकोब एकदम उसके सामने खडा हूवा दिखाई दिया. उसके एक हाथमें बडासा एक छूरा था और दुसरे हाथमें एक पत्थर. जैसेही रोशनी उसके उपर गिर गई, वह धीरे धीरे स्टेलाकी तरफ बढने लगा. स्टेलाभी ना डरते हूए उसकी तरफ चलने लगी.

'' तूम यहां क्या कर रही हो ?...'' जाकोबने उसे पुछा.

स्टेलाने एक अर्थपूर्ण कटाक्षसे उसकी तरफ देखा और वह उसकी तरफ एकटक देखती रही. धीरे धीरे उसकी आंखोमें आंसू आने लगे.

'' तूम कौन हो ?'' स्टेलाका गंभीर स्वर गुंजा.

जाकोब उसकी तरफ बढते हूए वहीं रुक गया.

'' बोलो तूम कौन हो ?... मैने तुम्हे पुरी तरहसे पहचान लिया है '' स्टेलाने कहा.

जाकोबकी उसके हाथमें पकडे छूरेपर और पत्थर पर पकड कस गई. वह अब उसके एकदम सामने आकर उसकी आंखोके भाव समझनेकी कोशीश करने लगा.

'' मुझे यकिन था की एक ना एक दिन तुम्हे सच पता चलेनाही था ..'' जाकोबने कहा.

वह और सामने आकर उसके चेहरेके सामने खडा हो गया. उसकी हाथमें पकडे छूरे पर और पत्थपर पकड ढीली होकर वे उसके हाथसे छूटकर निचे गिर गए. वहभी अब उसकी तरफ एक अर्थपुर्ण नजरसे देखने लगा.

'' हनी... तूमने मुझे सही पहचाना... हां मै गिब्सनही हूं ... तुम्हारा गिब्सन..'' वह अपने दोनो हाथ उसके कंधेपर रखकर बोला. वह और नजदीक जाकर उसकी आंखोंमें देखने लगा. वे अब इतने नजदिक आ गए थे की उनको एकदुसरेके सांसोंकाभी अहसास हो रहा था. एकदम आवेगके साथ दोनोने एक दुसरोकों कसकर एक प्रदिर्घ आलिंगनमें बद्ध किया.

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Re: उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, N

Unread post by novel » 16 Aug 2015 17:01

Famous quotes -

Don't say you don't have enough time. You have exactly the same number of hours per day that were given to Helen Keller, Pasteur, Michaelangelo, Mother Teresa, Leonardo da Vinci, Thomas Jefferson, and Albert Einstein.

--- H. Jackson Brown


काफी समयतक स्टेला और जाकोब एकदुसरेके बाहोंमें अलिंगणबद्ध थे. उसे आखिर समझ चूका था की जाकोब ही गिब्सन है .

वह जाकोबकी बाहोंसे बाहर आगई और उसका चेहरा अपने हथेलियोंमें लेकर उसके चेहरेकी तरफ एकटक देखे जा रही थी.

गिब्सनके और जाकोबके चेहरेमें बिलकूल समानता नही थी.

'' लेकिन हनी, यह कैसे हूवा ?'' उसने उसके चेहरेकी तरफ गौरसे देखते हूए पुछा.

उधर बाहर सुझान, डॅनियल, ब्रॅट और बाकी पुलिस स्टाफने हवेलीका चप्पा चप्पा छान मारा था लेकिन स्टेला उन्हे कही नही दिख रही थी. ब्रॅटको उम्मीद थी की आज उसे गिब्सनभी मिलेगा. लेकिन उसकी उम्मीदके अनुसार कुछ नही हो रहा था. ब्रॅट अब चिढ चूका था.

ठिक है गिब्सन मिल नही रहा है लेकिन यह स्टेला कहा गई. ?...

उसे जमिन निगल गई की आसमान खा गया....

वह उसका गुस्सा आपने साथीयोंपर निकाल रहा था.

स्टॆला और जाकोब जिस कुंएके पास खडे थे वहा एक पत्थरपर 'D4' ऐसा खुदा हूवा था. उस पत्थरपर 'D4' के निचे 'खतरा ' ऐसा लिखा हूवा था और उसके और निचे प्रिझमकी तरह एक आकृती बनाई हूई थी. जाकोबने उस प्रिझमजैसे आकृतीको स्पर्ष किया और वह उस स्पर्षका अहसास करते हूए बोला,

'' यही वह ब्लॅकहोल है जो इन सब बातोंके लिए जिम्मेदार है ''

स्टेला उसकी तरफ देखते हूए वह और आगे क्या कहता है इसकी राह देखने लगी.

जाकोब अपनी कहानी बताने लगा .....


.... गिब्सन जब 'D' लेव्हलपर पहूंचा तब किसी अजनबीकी तरह अपने टॉर्चकी रोशनीमें इधर उधर देख रहा था. अपने हाथमें पकडे कागजादका संदर्भ लेकर वह धीरे धीरे चलते हूए 'D4' कुंएके पास आगया. उसने झुककर उस कुंएमें झांककर देखा. उसने अपने हाथमें पकडे कागजाद कुंएके किनारे एक जगह रखकर उसपर एक छोटा पत्थर रख दिया और दो कदम पिछे हटकर, दौडते हूए आकर उस कुंएमें छलांग लगा दी.

गिब्सन एक दुसरे पथरीले गुंफामें जमिनपर गिर गया. इधर उधर देखते हूए, अपने टॉर्चकी रोशनी गुंफामें डालकर वह उठकर खडा हो गया. उसने उसके सामने पत्थरके दिवारकी तरफ देखा. वह उस दिवारकी पास गया और उसने उस दिवार पर एक सफेद भूरभूरे पत्थरसे लिखा, ' वर्ल्ड इज ए मॅथेमॅटीकल एक्स्प्रेशन विच इज ए फन्क्शन ऑफ स्पेस ऍन्ड टाईम'

पुरा वाक्य लिखनेके बाद वह उन शब्दोंकी तरफ गौरसे देखने लगा. उसके खयालमें आगया की वे शब्द जिस क्रमसे लिखे गए थे उसी क्रममें एक एक करके उस दिवारसे गायब हो रहे है. उसने गुंफामें चारो तरफ नजर घुमाई. उसने अपने टॉर्चकी रोशनी गुफांमे इधर उधर डालकर उस गुंफामें 'Exit' कुंआ ढूंढा और वह उस कुंएकी तरफ चलने लगा.

वह चल रहा था और उसके शरीरपर पहने कपडे एक एक करके गायब होने लगे...

फिर उसके हाथमें पकडा टॉर्च गायब होगया ....

बादमें तो जो बदल हो रह थे उसकी गती और तेज हो गई.

धीरे धीरे गिब्सनकी उम्र कम होने लगी ....

इतनी कम की अब वह 7-8 सालका लडका हो गया था. ....

उसकी उम्र और कम होकर अब उसका लगभग 4-5 माहके छोटे बच्चेमें रुपांतर हो गया ....

आखिर तो वह पुरी तरह गायब होगया...

वह जहा खडा था वह अब कुछ भी बाकी नही बचा था ....

आगे तो जो गुंफा दिख रही थी वह गुंफाभी धीरे धीरे अदृष्य होने लगी...

एक क्षण ऐसा आगया की पुरी गुंफा अदृष्य होकर वहा कुछभी नही बचा...

.....

.....

अचानक मानो शून्यसे फिरसे वह गुंफा फिरसे अवतिर्ण होने लगी....

पुरी गुंफा अवतिर्ण होनेके बाद थोडी देरमें ...अचानक वह जहां खडा था वहा फिरसे एक बालक अवतिर्ण होगया .....

और धीरे धीरे उस बालककी उम्र बढने लगी .....

वह बालक धीरे धीरे बडा होकर उसका एक लडकेमें रुपांतर होने लगा...

वह लडकाभी अब धीरे धीरे उम्रसे बढने लगा. .....

वह लडका धीरे धीरे बढकर उसका अब एक आदमीमें रुपांतर होने लगा...

लेकिन वह आदमी अब गिब्सन नही बचा था...

वह पुरी तरहसे अलग आदमी... जाकोब बन गया था .....

धीरे धीरे उसके शरीरपर पहने कपडे वापस आ गए ....

उसके हाथमें पकडा टॉर्चभी वापस आ गया .....

अब घट अरही घटनाओंकी गती फिरसे कम हो गई. जाकोबको उसके सामने अब टॉर्चके रोशनीमें 'Exit'कुंआ फिरसे दिखने लगा. उसने सामने दिवारपर देखा, उस दिवारपर उसने लिखे शब्द धीरे धीरे फिरसे अवतिर्ण होने लगे -

' वर्ल्ड इज ए मॅथेमॅटीकल एक्स्प्रेशन विच इज ए फन्क्शन ऑफ स्पेस ऍन्ड टाईम'

जाकोब वह वाक्य पुरी तरहसे उस दिवारपर अवतिर्ण होनेकी राह देख रहा था. जैसेही वह वाक्य पुरी तरहसे उस दिवारपर अवतिर्ण हो गया, जाकोब उसके सामने दिख रहे 'Exit' कुंएकी तरफ तेजीसे दौडने लगा. कुंएके नजदिक पहूंचतेही , एक पलभी ना गंवाते हूए उसने झटसे उस कुंएमें छलांग लगा दी.

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Re: उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, N

Unread post by novel » 16 Aug 2015 17:02

Famous proverbs -

One who sits between two chairs may easily fall down.

--- Proverb from Romania and Russia


जब जाकोब 'D' लेव्हलकी गुंफामें जमिनपर गिर गया, उसकी आंखे बंद थी. उसके शरीरमें कुछभी हरकत नही थी, लेकिन उसके शरीरमें एक सुक्ष्म स्तरपर कुछ हरकत चल रही थी. उसके शरीरसे एक चेतना बाहर निकलनेके लिए बेताब थी. वह चेतना उसके शरीरसे बाहर निकलनेके लिए जी तोड कोशीश कर रही थी, क्योंकी वह चेतना गिब्सनकी थी और शरीर अलगही था. बहुत प्रयास करनेके बाद, कोई रबड खिंचा जाए ऐसी वह चेतना उस शरीरसे बाहर निकल गई. लेकिन उस चेतनाका बेचैन उगम अबभी उस शरीरमें मौजूद था.

वह जाकोबके शरीरसे बाहर निकली हूई चेतना सिधे जाकर स्टेलाके बेडरुममें पहूंच गई. स्टेला बेडरुममें गहरी निंदमें सो रही थी. जैसेही वह चेतना उसके पास पहूंच गई, स्टेला घबराकर जैसे सपनेसे जाग गई हो ऐसे उठ गई. उसी समय उस चेतनाका उगम जो गुंफामें उस शरीरमें बेचैनीसे तडप रहा था, वह उस चेतनाको अपनी ओर खिचने लगा और वह चेतना बेडरुमसे खिडकीके मार्गसे अदृष्य हो गई.

जाकोबके शरीरमें जो उस चेतनाका उगम बडी बेचैनीसे तडप रहा था, उसकी वजहसे वह चेतना उस शरीरमें फिरसे खिंच ली गई और हमेशाके लिए उस शरीरमें कैद होकर रह गई, क्योंकी भलेही दिखनेमें वह शरीर अलग हो, उस शरीरका कण कण उस चेतनाका था. उस शरीरके हर कणपर उस चेतनाका हक था. अचानक उस शरीरने - जाकोबने उस गुंफामें पडे हूए अवस्थामें अपनी आंखे खोली ...


... 'D4' कुंएके किनारे खडा होकर जाकोब अपनी आपबीती स्टेलाको बता रहा था. स्टेला आश्चर्यसे उसकी कहानी सुनती हूई उसकी तरफ एकटक देख रही थी.

जाकोब उस कुंएके बगलमें खडे पत्थरपर तराशे प्रिझमजैसी आकृतीको स्पर्ष करते हूए बोला, '' जैसे तुम्हे पता हैही की ब्लॅकहोल 'A3' में 15 मिनट बाहेरके अंदरके 1 घंटे बराबर होते है ..... यानीकी वहां वक्त अपने वक्तके तुलनामें सामने दौडता है ..'' जाकोब अपना हाथ घडीकी दिशामें घुमाकर दिखाते हूए बोला.

उसने उसके टॉर्चकी रोशनी अब दुसरे कुंएके किनारे खडे एक पत्थरपर डाली, जिसपर 'D5' ऐसी खुदे हूए अक्षर दिख रहे थे.

'' और इस 'D5' ब्लॅकहोलमें वक्त उलटी दिशामें दौडता है ...'' जाकोब अपना हाथ घडीके उलटी दिशामें घुमाता हूवा बोला.

जाकोब फिरसे अपने हाथसे 'D4' कुंएके पास खडे पत्थरपर तराशे प्रिझमको हलकेसे छूकर बोला, '' लेकिन इस 'D4' ब्लॅकहोलमें वक्तका परिमाण पुरी तरह अलग है ... यहां वक्त आगे पिछे ... दोलायमान होता है ...'' जाकोबने अपना हाथ एक बार घडीकी दिशामें और फिर घडीके विरुद्ध दिशामें घुमाते कहा.

'' दोलायमान होता है मतलब ?'' स्टेलाने पुछा.

'' मतलब वहां वक्त किसी पेंडूलमकी तरह आगे पिछे दौडता है ...'' जाकोबने अपना हाथ पेंडूलमजैसा आगे पिछे करते हूए कहा,

स्टेला अबभी जाकोबकी तरफ आश्चर्यसे एकटक देख रही थी. उसकी आश्चर्यसे बडी हूई आंखोमें अब प्रेमका अंशभी दिख रहा था. जाकोब उसकी आंखोमें खोकर उसकी तरफ प्यारसे देखने लगा. वे एकबार फिरसे कसकर अलिंगणमें बद्ध होगए .

'' लेकिन इतने दिन तूमने मुझे यह सब क्यों नही बताया ?'' स्टेलाने पुछा.

वे अबभी आलिंगनमें बद्ध थे.

जाकोब आलिंगणसे बाहर आते हूए बोला, '' अपना पती ... वह भी एक पुरी तरह अलग शरीरमें ... मुझे आशंका थी की तूम इस बातपर यकिन कर पाती या नही ...''

उसने उसका हाथ अपने हाथमें लेकर थपथपाया और आगे कहा, '' इसलिए मैने तुम्हे यह सब धीरे धीरे ... इस गुंफामें सब बतानेके बाद, यानीकी तुम्हे यह टाईम, स्पेस और दुसरे विश्वकी थिअरी पुरी तरह समझनेके बाद बतानेका तय किया था ''

अब वे हाथमें हाथ लेकर धीरे धीरे उस गुंफामें चलने लगे थे.

'' मेरा मुझेही पता है की मै तुम्हारेसिवा यह सब दिन कैसे बिता सकी... तुम्हारे सिवा और फिरभी तुम्हारे साथ..'' स्टेलाने कहा.

'' मै तुम्हारी भावनाएं समझ सकता हूं ... फिरभी मुझे कहीं लगही रहा था की तुम सच एक दिन जरुर जानोगी'' जाकोब उसकी आंखोमें देखते हूए बोला.

तभी 'धप्प' अचानक एक बडासा पत्थर उनके सामने आकर गिरा. गिरनेके बाद उस पत्थरके टूकडे टूकडे होकर इधर उधर बिखेर गए थे. घबराकर और चौंककर वे एकदमसे दो कदम पिछे हट गए.

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