उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, Novel

Contains all kind of sex novels in Hindi and English.
novel
Silver Member
Posts: 405
Joined: 16 Aug 2015 14:42

Re: उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, N

Unread post by novel » 16 Aug 2015 17:04

Famous saying -

The man who never makes a mistake always takes orders from one who does.

---Daisy Bates (1863-1951)


एक बुक स्टोअरमें डॅनिययलने रॅकपर रखी हूई एक किताब उठाई और वह उस किताबके पन्ने पलटने लगा. उसके बगलमेंही सुझान खडी थी. लेकिन वह अपनेही सोचमें डूबी हूई लग रही थी.

'' देखो ... यह किताब इंडियन रेसीपीजके बारेमें है ...'' डॅनियलने किताबके पन्ने पलटते हूए सुझानसे कहा.

'' यह देखो .. यहां इंडीयन करी बनानेका विधी बताया है ... तुम्हे करी पसंद है ना ?'' डॅनियलने आगे कहा.

डॅनियल अबभी उस किताबके पन्ने पलट रहा था. जब उसने किताबसे अपनी नजर हटाकर बगलमें सुझानकी तरफ देखा, तब उसके खयालमें आया की सुझान वहा खडी नही थी.

उसने वह किताब रॅकपर वापस रख दि और ढूंढती हूई नजरोंसे बुक स्टोअरमें सुझानको ढूंढने लगा. उस हॉलमेंतो वह दिख नही रही थी. इसलिए वह बगलके हॉलमें उसे ढूंढनेके लिए गया. वह वहांभी नही थी.

अभीतो मेरे बगलमें खडी थी....

अभीके अभी कहा गई होगी ?...

बगलमेंही एक छोटी मॅगझीनकी रुम थी. वहा उसने झांककर देखा. वह वहांभी नही थी.

हालहीमें वह वैसेभी अजिबसा बर्ताव करने लगी है ...

भाईभी नही मिला और भाभीभी गायब होनेसे होगा शायद...

मुझे यहां अकेला छोडकर घर तो नही चली गई ?...

उसके दिमागमें एक सवाल झांककर गया.

वह जल्दी जल्दी दुकानके बाहर चला गया. बाहर इधर उधर देखा. वह कहीभी नही दिख रही थी.

गाडीकी चाबी उसके पासही थी....

गाडी लेकर तो नही गई होगी ?...

वह दौडते हूए पार्कीग लॉटकी तरफ गया. पार्कींग लॉटमें पहूंचकर देखता है तो गाडी अपनी जगहपरही थी.

गाडी तो जगहपरही है ...

मतलब वह यही कहीं होना चाहिए ...

स्टोअरके बाहर तो नही है ...

फिर एकबार दुकानमेंही ठिकसे देखना चाहिए ...

वह फिरसे बुक स्टोअरमें घुस गया. एक एक रुम , एक एक हॉल ठिकसे देखने लगा. वह कहीं नही दिख रही थी. तभी उसके खयालमें आगया की बुकस्टोअरको और एक फ्लोअर है.

शायद वह पहले मालेपर गई हो ...

वह पहले मालेपर गया. पहले मालेपर तिन चार हॉल होंगे. वह एक एक हॉलमें जाकर ढूंढने लगा. वैसे पहले मालेपर ग्राहक बहुतही कम थे. चारो हॉलमें उसने झांककर देखा. वह वहां नही थी.

कहां गई होगी वह ?...

अब डॅनियलको चिंता होने लगी थी. पहले मालेसे निचे उतरनेसे पहले उसने वहीं बगलमें एक किताबोंकी छोटी रुम थी उसमें झांककर देखा. उसे वह वहीं एक कोनेमें उधरकी तरफ मुंह करके खडी दिखाई दी. उसने राहतकी सांस ली. उसने उसके करीब जाकर देखा. उसके हाथमें एक काले कव्हरवाली किताब थी. और वह उस किताबमें पुरी तरह मानो डूबकर उस किताबके पन्ने पलट रही थी.

'' हनी... तूम यहां क्या कर रही हो ?'' उसने उसके पास जाकर पुछा.

'' मै कितना घबरा गया था ... '' उसने आगे कहा.

उसने कोई प्रतिक्रिया जाहिर नही की. अबभी वह उस किताबमें डूबी हूई दिख रही थी.

'' सुझान ...'' डॅनियल उसके कंधेपर हाथ रखकर उसका कंधा हिलाते हूए बोला.

सुझानने आरामसे वह किताब बंद की, सामने रॅकपर वापस रख दी और डॅनियल की तरफ एक अजनबी नजर डालते हूए वह आगेकी रॅककी तरफ बढ गई. डॅनियल आश्चर्यसे उसकी तरफ देख रहा था. डॅनियलने उसने रॅकपर रखी हूई किताब बाहर निकाली. उसने उस किताब का टायटल पढा. टायटल था - ' ब्लॅक होल'

novel
Silver Member
Posts: 405
Joined: 16 Aug 2015 14:42

Re: उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, N

Unread post by novel » 16 Aug 2015 17:04

Famous quotes -

No person can be a great leader unless he takes genuine joy in the successes of those under him.

---W. A. Nance


डॅनियल अपने बेडरुममें सोया हूवा था लेकिन उसे ठिकसे निंद नही आ रही थी. वह निंदमें रह रहकर अपनी करवट बदल रहा था. अचानक वह चौंककर निंदसे जाग गया. उसने वैसेही पडे हूए स्थितीमें अपने बेडरुमके खिडकीसे बाहर झांका. लगभग आधी रात हो गई थी. उसने बेडपर उसके बगलमें सुझानके लिए देखा. लेकिन वह वहां नही थी. उसकी रही सही निंदभी चली गई. वह झटसे उठकर बैठ गया और उसने बेडरुममें अपनी ढूंढती हूई नजरें चारों तरफ घुमाई. सुझान बेडरुममें कही नही थी. अटॅच्ड बाथरुमका दरवाजाभी बाहरसे बंद था. वह तुरंत बेडसे निचे उतर गया और बेडरुमके बाहर चला गया. पहले उसने सुझानको किचनमें ढूढा. वह वहांभी नही थी.

कहां गई होगी ?...

और इतने रात गए ...

वह बादमें ड्रॉईंगरुममें गया. वह वहाभी नही थी.

अब उसे चिंता होने लगी थी.

वह घरसे बाहर तो नही गई होगी ?...

वह सामनेके दरवाजेके पास गया. सामनेका दरवाजा अंदरसे खुलाही था.

मतलब वह बाहरही गई होगी....

वह तुरंत उसे ढूंढनेके लिए घरके बाहर निकल गया. बाहर आंगनमें उसने उसे ढूंढा. वह आंगनमेंभी नही थी. दूर कहीसे कुतोंके रोनेकी आवाज आ रही थी. सुझानभी दिख नही रही थी और उस दर्दभरे आवाजने उसे और ही बेचैन कर दिया. वह आंगन लांघकर कंपाऊंड गेटके पास गया. गेट खोलकर उसने बाहर झांककर देखा. उसे इतनीभी सुध नही थी की गेट अंदरसे बंद था मतलब वह बाहर नही गई होगी. फिरभी उसने गेट खोलकर बाहर झांककर देखा. बाहर रस्तेपर अंधेरेके सिवा कुछ नजर नही आ रहा था. अचानक उसे अहसास होगया की उसके मकानके छतपर कुछ है. उसने पलटकर देखा. उसे छतपर सुझान अकेली बैठी हूई दिखाई दी. उपर आंसमानमें पुरा चांद दिख रहा था और उस चांदकी रोशनीमें उसे उधर मुंह करके बैठी हूई सुझानकी आकृती दिखाई दि. वह एकदम स्तब्ध अपने हाथकी तरफ या हाथमें पकडे किसी वस्तूकी तरफ अपना होशो हवास खोकर एकटक देख रही थी ऐसा प्रतित हो रहा था.

डॉनियल हल्के पैरसे, कोई आवाज ना हो इसका ध्यान रखते हूए, धीरे धीरे उपर छतपर जानेके लिए सिढीयां चढने लगा. सिढीयां चढकर छतपर पहूंचनेके बाद वह एक जगह निश्चल खडा हो गया.

इतनी रात गए वह अकेली यहां क्या कर रही होगी ?...

उसे उसको मालूम ना होते हूए देखना था की वह क्या कर रही है. फिरसे वह धीरे धीरे अपने चलनेका आवाज ना हो इसका ध्यान रखते हूए उसकी तरफ जाने लगा. अबभी सुझानका पिछला हिस्साही उसे दिख रहा था. और आगे जानेके बाद उसे उसका सामनेका हिस्साभी दिखने लगा. वैसेतो वह अपने विचारोंमें खोई हूई दिख रही थी. लेकिन उसके हाथमें कोई छोटी चिज थी, जिसके साथ वह खेल रही थी ऐसा उसे अहसास हो गया. उसने और नजदिक जाकर देखा. वह जिस वस्तूके साथ खेल रही थी वह 'वह' चमकिला पत्थर था, जो उसे हवेलीके सामने जमिनपर पडा हूवा मिला था. वह देखतेही डॅनियलके चेहरेपर उसके बारेमे घोर चिंता के भाव उभरने लगे.

novel
Silver Member
Posts: 405
Joined: 16 Aug 2015 14:42

Re: उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, N

Unread post by novel » 16 Aug 2015 17:04

Quote of the day -

No man or woman who tries to pursue an ideal in his or her own way is without enemies.

---Daisy Bates (1863-1951)


सुझान और डॅनियल बेडरुममें गहरी निंदमें सोए हूए थे. अचानक सुझान निंदमेंही अस्वस्थ दिखने लगी. वह बेचैनीसे करवटे बदलने लगी. उसके पुरे शरीरमें पसिना आया था. कुछ पसिनेकी बुंदे चेहरेपरभी दिखने लगी. अचानक घबराकर सुझानने चौंककर अपनी आंखे खोली और वह उठकर बैठ गई.

उसे इतनेंमें सपनेमें रह रहकर एक पथरीली गुंफा और उसमें हूवा विस्फोट दिखाई देता था..

हवेलीके सामने विस्फोट होनेके बादही उसे यह अजीब सपना दिखने लगा था.....

और तबसे उसमें हूए परिवर्तनका उसेभी अहसास था... .

लेकिन वह कुछ नही कर सकती थी और ना किसीसे खुलकर बात कर सकती थी. ....

वह बेडसे निचे उतर गई और बेडरुमके दरवाजेकी तरफ जाने लगी. उसने बेडरुमका दरवाजा खोला. उसकी सब हरकते किसी यंत्रकी तरह हो रही थी. मानो वह हरकते उसकी अपनी खुदकी ना होकर दुसराही कोई और उसे नियंत्रीत कर रहा हो. बेडरुमके खुले दरवाजेमें खडे होकर उसने मुडकर एक बार डॅनियलकी तरफ देखा. शायद वह अबभी गहरी निंदमें है या नही इसकी वह तसल्ली करना चाहती हो. डॅनियल गहरी निंदमें था.

लगभग आधी रात हो गई थी. सुझानके घरके सामने पुरी तरहसे अंधेरा छाया हूवा था. झिंगुरोंका किर्र किर्र आवाज आ रहा था. तभी सुझानके घरका सामनेका दरवाजा खुला और घरसे सुझान बाहर आ गई. बाहर आतेही उसने सामनेका दरवाजा खिंचकर बंद कर लिया और वह अपनी कारकी तरफ चल पडी. बाहरका वातावरण भयानक लग रहा था. दूर कही कुतोंके रोनेजैसी आवाजे आ रही थी. लेकिन उसका सुझानपर कोई असर दिखाई नही दे रहा था. वह ना रुकते हूए, ना गडबडाते हूए अपने कारकी तरफ सिधी चली जा रही थी. वह कारके पास पहूंचतेही उसने कारका दरवाजा खोला, और अंदर बैठकर दरवाजा खिंचकर बंद कर लिया. कार शुरु कर उसने रिव्हर्स गियर डालकर पार्कीगसे बाहर निकाली. कार रास्तेपर आतेही उसने अपनी कार तेज गतिसे दौडाई.

सुझान कार चला रही थी. तभी स्टेलाके बगलवाली सिटपर स्टेलाका अंधूकसा साया दिखने लगा. फिरभी सुझान अपनी कार चलानेमें लीन थी. कारके पिछले सिटपर अब डॉ. स्टिव्हनका अंधूकसा साया दिखने लगा.

'' जाकोब, मै तुम्हे फिरसे चेतावनी देता हूं ... यह सब मत करो ... वह बहुत खतरनाक है '' डॉ. स्टिव्हनके सायेने चेतावनी दी.

अब सुझानके शरीरमें जाकोबका धुंधलासा साया दिखने लगा.

'' जाकोब... मुझे लगता है तुमने डॉ. स्टिव्हन जो कह रहे है वह सुनना चाहिए '' स्टेलाके सायेने समर्थन किया.

'' नही ... मै अपने फैसलेपर एकदम अटल हूं '' सुझानके शरीरमें दिखनेवाला जाकोबका साया पहली बार बोल पडा. तभी अचानक सामनेसे एक कार तेजीसे एकदम सुझानके कारके सामने आ गई. यह सब कुछ इतने जल्दी हो गया की एक पल तो सुझानको लगा की टक्कर होनेवाली है. लेकिन उसने झटसे अपनी कार बायी ओर मोडकर टक्कर बचानेका प्रयास किया. और टक्कर बचभी गई. सुझान, स्टेला और डॉ. स्टिव्हनने टक्कर बच गई है यह देखकर राहतकी सांस ली. लेकिन यह क्या ? अगलेही पल उनके चेहरेपर फिरसे डर और चिंता झलकने लगी. सुझानके खयालमें आ चूका था की अब उसके कारकी रास्तेके किनारे खडे एक बडे पेढके तनेसे टक्कर होने वाली है . कारमें बैठे सब लोक एकदम जोरसे चिल्लाये. सुझानने जितने जल्दी, जितने जोरसे हो सकता है उतने जोरसे अपने कारके ब्रेक दबाये. सुझानकी कार अब बेकाबू होकर तेडेमेडे रास्तेसे मुडने लगी. और आगे रास्तेके किनारे खडे एक दुसरे बडे पेढके तनेसे जा टकराई.

Post Reply