उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, Novel

Contains all kind of sex novels in Hindi and English.
novel
Silver Member
Posts: 405
Joined: 16 Aug 2015 14:42

Re: उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, N

Unread post by novel » 16 Aug 2015 17:02

Valuable thoughts -

Lots of times you have to pretend to join a parade in which you're not really interested in order to get where you're going.

---Christopher Darlington Morley (1890-1957)


स्टॆला और जाकोब उनके सामने गिरकर, टूकडे होकर बिखर गए पत्थरकी तरफ अबभी डर और आश्चर्यसे देख रहे थे. वे उन हादसेसे संभलते ना संभलते तभी उस गुंफाके एकदम दूसरे किनारे एक कुंएमें बडासा विस्फोट होगया. उनके चेहरे डरके मारे एकदम सफेदसे हो गए. उनके शरीरकी एक एक कोशीका डरके मारे शिथील हो गई थी. एक बडे पत्थरके पिछे छूपनेके लिए वे दौड पडे. पुरी गुंफामें उस विस्फोटकी वजहसे पत्थरोंके टूकडे इधर उधर फैल गए थे. कुछ टूकडे तो उनके एकदम सामने आकर गीर पडे थे. जिस कुंएमें विस्फोट होगया था वह अब कुंवा नही बचा था, वह एक पत्थरोंका बडासा एक ढेर बन गया था.

'' यह क्या हो रहा है ?'' स्टेलाने डरसे और सांस फुली हालमें पुछा.

'' चलो जल्दी... कुछ गडबड दिख रही है ... हमें यहांसे जल्द से जल्द बाहर निकलना चाहिए.....'' जाकोबने कहा.

एकदूसरेका हाथ कसकर पकडकर वे 'exit' कुंएकी तरफ दौडने लगे.

'exit' कुंएके पास पहूंचतेही उन्होने तुरंत दौडते दौडतेही उस कुंएमें छलांग लगाई.

'डी' लेव्हलसे स्टेला और जाकोब अब 'सी' लेव्हलके एक गुंफामें जमिनपर गिर गए थे. वे तुरंत उठकर खडे होगए.

'' चलो जल्दी उठो '' जाकोब उठते हूए उसका हाथ पकडकर उसे उठाता हूवा बोला.

उसने उसे उठकर खडे होनेमें मदत की. और उठे बराबर वे दोनोंभी 'सी' लेव्हलकी 'एक्झीट' कुंएकी तरफ जोरसे दौडने लगे. जाकोब उसका हाथ अपने हाथमें पकडकर, उसे लगभग खिंचते हूए सामने दौड रहा था और स्टेला उसके दौडनेके गतिसे अपने दौडनेकी गति मिलानेकी जी तोड कोशीश करते हूए दौड रही थी. जब वे लगभग 'एक्झीट' कुंएके पास पहूंचेही थे , दुसरा एक कुंआ 'सी2' में एक भयानक स्फोट हो गया.

'' देखो .. संभलकर ... उन पत्थरोंके टूकडे अपनी तरफ आ सकते है '' स्टेला दौडते हूए बोली.

फिरभी ना रुकते हूए उन्होने दौडते हूए 'एक्झीट' कुंएमें छलांग लगाई. वे 'एक्झीट' कुंएमें लगभग आधे अंतरतक पहूंचे होगे, तब उसी लेव्हलका और एक कुंआ 'सी1' मेंभी भयानक स्फोट हो गया था.

जाकोब और स्टेला 'बी' लेव्हलके पथरीले गुंफामें निचे जमिनपर गिर गए और उनके पिछे पिछे 'सी' लेव्हलके पत्थरके टूकडेभी उनके शरीरपर गिरने लगे. जाकोबने स्टेलाका शरीर अपने शरीरसे ढंकते हूए, उसका रक्षण करनेके लिए मानो अपने शरीकी ढाल बनाई थी.

थोडी देर बाद एकदूसरेको आधार देते हूए, पत्थरोंके टूकडे बाजू हटाते हूए, वे उठकर खडे होगए . उन्हे कुछ मामूली चोटे आई थी. उठनेके बाद उन्होने अपने टॉर्चेसके रोशनीमें 'एक्झीट' कुंआ ढूंढनेके लिए अपनी नजरे इधर उधर दौडाई, तो उन्हे 'बी2' कुंआ वे वहां आनेके पहलेही विस्फोटसे नष्ट हूवा दिखाई दिया . उस कुंएके जगह सिर्फ एक पत्थरोंका ढेर बचा था और पत्थरोंके टूकडे उस गुंफामें सब तरफ बिखरे हूए दिख रहे थे. उस सब तरफ बिखरे पत्थरोंके ढेरसे वे 'एक्झीट' कुंएकी तरफ जानेके लिए रास्ता ढूंढने लगे. 'एक्झीट' कुंआ तो उन्हे दिख रहा था, लेकिन बिचमें पत्थरके ढेर आ रहे र्थे, जो लांघकर उने दुसरी तरफ जाना था. वे बिचमें आ रहे पत्थरोंके ढेरपर चढ गए. चढते हूए उन्हे कोई दिक्कत नही हूई. लेकिन दुसरी तरफसे निचे उतरते हूए वे लगभग गिरते लूढकते हूए निचे गिरने लगे. उन पत्थरोंके बिचसे रास्ता निकालते हूए अचानक स्टेला जोरसे चिखी.

'' क्या हूवा ?'' जाकोबने पुछा.

जाकोबने देखा तो वह जंगली कुत्ता एक जगह पत्थरोंके ढेरके निचे कुचलकर मर गया था. उसका खून सब तरफ फैला हूवा था और आसपासके पत्थरभी उसके खूनसे सने थे.

पत्थरके ढेरसे लूढकते हूए निचे पहूंचनेके बाद, वे दोनों तुरंत उठ गए, और जितना हो सकता है उतने जोरसे 'एक्झीट' कुंएकी तरफ दौडने लगे. दौडते और चिल्लाते हूए उन्होने 'एक्झीट' कुंएके पास पहूंचतेही उस कुंएमें छलांग लगाई. उनके चिल्लानेका आवाज कम कम होते गया. वे उस कुंएमें लगभग बिचतक पहूंचे होगे तब अचानक उन्होने जिस 'एक्झीट' कुंएमें छलांग लगाई थी उसी कुंएमें एक भयानक स्फोट हो गया.

novel
Silver Member
Posts: 405
Joined: 16 Aug 2015 14:42

Re: उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, N

Unread post by novel » 16 Aug 2015 17:02

Thoughts -

To be absolutely certain about something, one must know everything or nothing about it.

--- Olin Miller


जैसेही जाकोब और स्टेला 'ए' लेव्हलके पथरीली गुंफामें निचे जमिनपर गिर गए, वे तुरंत उठकर खडे होते हूए दौडने लगे. क्योंकी उन्हे पता था की उनके पास अब बहुत कम समय रह गया है. उसके सबुतके तौर परही शायद वे जब 'ए1' कुंएसे थोडेही सामने गए होगे तब 'ए1' कुंएमेभी भयानक विस्फोट हो गया. सब तरफ पत्थरके टूकडे फैल गए. कुछ पत्थरके टूकडे उन्हे लगे भी. लेकिन उन्हे रुकनेके लिए, या कहां लग गया है यह देखनेके लिए अब बिलकूल वक्त नही था. वे वैसेही जख्मी हालतमें ना रुकते हूए और पिछेभी ना देखते हूए दौडते रहे. उन्हे पता था की अब आखरी लेव्हल, जो एक बार पार करनेके बाद वे सकुशल बाहर निकल सकते है. दौडते हूए वे 'ए3' कुंएके पाससे गुजर गए. और थोडीही दुर गए होगे जब 'ए3' कुंएमेंभी एक भयानक विस्फोट हो गया. इस बार वे एकदम उस कुंएके पास थे. इसलिए वे उस विस्फोटके साथ पत्थरोंके टूकडोंके साथ हवामें उछाल दिए गए. इसबार उन्हे काफी चोटें आयी थी. लेकिन अब उनके बसमें कुछ नही बचा था. उस विस्फोटका बहाव उन्हे जहां ले जा रहा था उधर वे पत्थरोंके साथ हवामें उड रहे थे. उन्हे पता था की वे एकबार निचे गिर गए की उन्हे सबकुछ पथरीला होनेके कारण जोरोंकी चोटें आयेगी. शायद उस मारसे वे बचभी ना पाएं. लेकीन जब वे निचे गिरने लगे, उनके खयालमें आ गया की वे एकदम 'एक्झीट' कुंएके उपरही है. और निचे गिरनेके बाद वे बराबर 'एक्झीट' कुंएमेंही गिरने वाले है. इतनी भयानक परिस्थीतीमेंभी उनके चेहरेपर एक खुशीकी लहर दौड गई. एकबार वे उस कुंएमें गिरकर बाहर निकल गए की वे इस भयानक हालातसे छूटनेवाले थे. वे धीरे धीरे पत्थरोंके टूकडोंके साथ 'एक्झीट' कुंएमें गिरने लगे. गिरते हूए उन्हे पत्थरोंके टूकडोंसे चोटेंभी आ रही थी. लेकिन उन चोटोंके दर्दसे हम थोडीही देरमें इस गुंफासे बाहर निकलने वाले है यह खुशी जादा महत्वपुर्ण थी. अब वे 'एक्झीट' कुंएके उपरही थे. तभी जाकोबके कलाईपर जो चमकिला पत्थर बंधा हूवा था वह, शायद पत्थरोंकी मारकी वजहसे उसके कलाईसे खुल गया और निचे गिरने लगा. वह पत्थर उन दोनोंके पहलेही उस कुंएमें गिरने लगा. और उस पत्थरके पिछे अब जाकोब और स्टेलाभी धीरे धीरे उस कुंएमें गिरने लगे. लेकिन यह क्या ... वे उस 'एक्झीट' कुंएमें कुछ ही फासलेतक पहूंचे होगे तब उस 'एक्झीट' कुंएमेही अचानक एक भयानक विस्फोट हो गया. पत्थरोंके टूकडे सब तरफ फैल गए. वे पत्थरोंके टूकडे इधर उधर गिरकर, आसपासके पत्थरोंसे टकराकर आवाज होने लगा था. और वह सब खत्म होनेके बाद सब तरफ सन्नाटा और अंधेरा फैल गया. तुफानके बाद वाला सन्नाटा और आंखे चौधानीवाली रोशनीके बादवाला अंधेरा!

बाहर उस हवेलीमें ब्रॅट, डॅनियल, सुझान और बाकि पुलिस कर्मचारी अबभी स्टेला और गिब्सनको ढूंढ रहे थे. उन्हे वे तो मिलही नही रहे थे, लेकिन उनका कुछ नामोनिशानभी नही मिल रहा था. ब्रॅट उसके सहकर्मीयोंपर लगातार चिढकर चिल्लाए जा रहा था.

'इधर देखो'

'उधर देखो '

ऐसे निर्देश दे रहा था. उसके सहकर्मी उन्हे ढूंढ ढूंढकर थक चूके थे. तभी उन्हे एक भयानक विस्फोटका आवाज सुनाई दिया. कुछ क्षण तो उन्हे कुछभी समझमें नही आया. पागलों जैसे वे सब लोग अपनी अपनी जान बचाते हूए इधर उधर दौडने लगे. आखिर उनके खयालमें आ गया की विस्फोट हवेलीमें ना होकर हवेलीके बाहर हो गया है. लेकिन विस्फोट इतना बडा था की पुरी हवेली कांप गई थी. वे तुरंत हवेलीके बाहर दौडते हूए आ गए. जब वे हवेलीके मुख्य दरवाजेमें खडे होकर बाहर देखने लगे, वे भौंचके होकर स्तब्धतासे बाहरका दृष्य देखने लगे. बाहर जहां कुंआ था उसके आसपास और हवेलीके सामने सब तरफ पत्थरोंके टूकडे फैले हूए थे. अबभी विस्फोटसे बना हूवा धूल का घना बादल धीरे धीरे निचे आता हूवा दिखाई दे रहा था.

novel
Silver Member
Posts: 405
Joined: 16 Aug 2015 14:42

Re: उपन्यास - ब्लैकहोल (संपूर्ण)Black Hole - Hindi horror, N

Unread post by novel » 16 Aug 2015 17:03

The quotes from past -

The most difficult thing in the world is to know how to do a thing and to watch somebody else doing it wrong, without comment.

---T. H. White


हवेलीके सामने सब तरफ पत्थरोंके टूकडे फैले हूए थे और कुंएके पासतो पत्थरोंके छोटे छोटे ढेर बन गए थे. सब तरफ एक डरावना सन्नाटा फैला हूवा था. और कुंएमेंका वह ना खत्म होनेवाला अंधेरा खत्म होकर वहा कुंएके तलमें पाणी चमकने लगा था. कुंएके पास एक पत्थरके ढेरमें कुछ हरकत हो गई. उस ढेरसे धीरे धीरे एक आकृती उठकर खडी हो गई. वह स्टेला थी. खडी होनेके बाद उसने अपनी ढूंढती हूई निगाहे आसपास दौडाई. वह जाकोबको ढूंढ रही थी. वही एक जगह उसे जाकोब निचे गिरा हूवा दिखाई दिया. वह तुरंत उसके पास गई. उसने उसे सिधा कर उसका चेहरा अपनी तरफ किया.

'' जाकोब ...'' खुशीसे वह उसे आवाज देते हूए बोली.

लेकिन वह एकदम निश्चल था. उसने उसके शरीरको हिलाकर देखा. लेकिन कुछभी हरकत नही दिख रही थी. उसकी खुशी अब निराशामें बदलने लगी थी.

'' जाकोब ... चलो उठो ... .'' वह उसे और जोरसे हिलाकर चिंतायूक्त स्वरमें बोली.

फिरभी उसके शरीरमें कोई हरकत नही दिख रही थी. वह अब उसकी सांसे जांचकर देखते हूए उसे जोर जोरसे हिलाने लगी. जैसे ही उसने जाकोबके एक हाथकी उंगलियोंमे कंपन महसूस किया उसका चेहरा फिरसे खुशीसे खिल उठा. थोडीही देरमें जाकोबने धीरे धीरे अपनी आंखे खोली. उसके सामने उसकी स्टेला थी. दोनोंने आवेगसे एक दुसरेंको बाहोंमे भर लिया. उनके चेहरेपर खुशी समाये नही समा रही थी.

'' सचमुछ भगवानका शुक्रिया अदा करना चाहिए की हम सही सलामत बाहर निकल गए. '' जाकोबने कहा.

वे एक दुसरेकी बाहोंसे बाहर आ गए. स्टेलाने आधार देकर उसे खडे होनेमें मदद की. उनके शरीरपर जगह जगह चोटें आई थी और जख्म हो गए थे. उस ब्लॅकहोलसे बाहर निकलनेके लिए लगातार दौडनेसे वे काफी थक भी चूके थे. वे एकदुसरेको सहारा देते हूए धीरे धीरे चलने लगे.

'' लेकिन यह सारे विस्फोट क्यो होगए?... कुछ तो कारण होगा ?'' स्टेलाने पुछा.

'' तुम्हे पता है ... यह सब ब्लॅकहोल्स कैसे बने ?'' जाकोबने पुछा.

'' नही ... कैसे बने ?'' स्टेलाने पुछा.

'' ये सारे ब्लॅकहोल्स तैयार होगए वे 'इम्प्लोजन' इस प्रक्रियासे ... और वे एक दिन 'एक्सप्लोजन' इस प्रक्रियासे नष्ट होनेही वाले थे. ...'' जाकोबने कहा.

'' 'इम्प्लोजन' ?'' स्टॆलाने आश्चर्यसे पुछा.

'' हां 'इम्प्लोजन' यह ... 'एक्सप्लोजन' के एकदम उलटी प्रक्रिया है ... मुझे लगता है वे कृत्रिम तरीकेसे बनाए गए थे इसलिए जल्दी नष्ट हो गए. ...'' जाकोबने कहा.

'' मतलब ?... कही यह विश्वभी एक दिन ऐसेही विस्फोट होकर नष्टतो नही होनेवाला ?'' स्टेलाने उसके कहनेका मतलब समझकर पुछा.

'' हां एकदम बराबर ... लेकिन वह समय मानवी जिवनके हिसाबसे काफी बडा होनेसे वह इतने जल्दी नही आयेगा... कभीना कभी वह वक्त आयेगा यह निश्चित है .. लेकिन वह वक्त काफी लंबा होगा. '' जाकोबने कहा.

Post Reply