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Re: चिकनी भाभी

Posted: 04 Nov 2014 15:26
by raj..
"उूुउउइई म्‍म्म्माआआआआ…… आ …क्या कर रहा है आशु?"

"कुच्छ नहीं भाभी आपका ये वाला छेद दुखी था कि उसकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा. मैने सोचा इसकी भी सेवा कर दूं." ये कह कर मैने पूरी उंगली भाभी की गांद में घुसा दी.

"आआआआआआह…ओओओऊऊओह…अघ… धीरे मेरे राजा, एक छेद से तेरा दिल नहीं भरा जो दूसरे के पीछे पड़ा है." भाभी को गांद में उंगली डलवाने में मज़ा आ रहा था. मैने ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए. भाभी शायद दो तीन बार झार चुकी थी क्योंकि उनकी चूत का रस बह कर मेरे अमरूदों को भी गीला कर रहा था. 15- 20 धक्कों के बाद मैं भी झर गया और ढेर सारा वीर्य भाभी की चूत में उंड़ेल दिया.

भाभी भी इस भयंकर चुदाई के बाद पसीने से तर हो गयी थी. वीर्य उनकी चूत में से बाहर निकल कर टाँगों पर बहने लगा. भाभी निढाल हो कर चटाई पर लेट गयी.

"आशु आज तीन महीने तड़पाने के बाद तूने मेरी चूत की आग को ठंडा किया है. एक दिन मैं ग़लती से तेरा ये मूसल देख बैठी थी बस उसी दिन से तेरे लंड के लिए तडप रही थी. काश मुझे पता होता कि खड़ा हो कर तो ये 8 इंच लंबा हो जाता है.""तो भाभी आपने पहले क्यों नहीं कहा. आपको तो अच्छी तरह मालूम था कि मैं आपकी चूत का दीवाना हूँ. औरत तो ऐसी बातें बहुत जल्दी भाँप जाती है."

"लेकिन मेरे राजा, औरत ये तो नहीं कह सकती कि आओ मुझे चोदो. पहल तो मर्द को ही करनी पड़ती है.और फिर मैं तेरी भाभी हूँ."

"ठीक है भाभी अब तो मैं आपको रोज़ चोदुन्गा."

"मैं कब मना कर रही हूँ? एक बार तो तूने चोद हिदिया है. अब क्या शरमाना? इतना मोटा लंबा लंड तो बहुत ही किस्मत से नसीब होता है. जब तक तेरी शादी नहीं हो जाती तेरे लंड का मैं ख्याल करूँगी.

इसको मोटा ताज़ा बनाए रखने के लिए मैं तेरे लंड की रोज़ मालिश कर दूँगी. अच्छा अब मुझे जाने दे मेरे राजा, तूने तो मेरी चूत का बॅंड बजा दिया है."

उसके बाद भाभी उठ कर नंगी ही अपने कमरे में चली गयी. जाते समय उनके चौरे भारी चूतड़ मस्ती में बल खा रहे थे. उनके मटकते हुए चूतड़ देख दिल किया कि भाभी को वहीं लिटा कर उनकी गांद में अपना लॉडा पेल दूं.


Re: चिकनी भाभी

Posted: 04 Nov 2014 15:27
by raj..
अगले दिन मेरा बॉडीबिल्डिंग कॉंपिटेशन था. मैने ये प्रतियोगिता इस साल फिर से जीत ली. अब मैं दूसरी बार कॉलेज का बॉडी बिल्डिंग चॅंपियन हो गया. मैं बहुत खुश था. घर आ कर मैने जब भाभी को यह खबर सुनाई तो उसकी खुशी का ठिकाना ना रहा.

"आज तो जश्न मनाने का दिन है. आज मैं तेरे लिए बहुत अच्छी अच्छी चीज़ें बनाउन्गि. बोल तुझे क्या इनाम चाहिए?"

"भाभी आप जानती हैं मैं तो सिर्फ़ इसका दीवाना हूँ, ये ही दे दीजिए"मैं भाभी की चूत पर हाथ रखता हुआ बोला.

"अरे वो तो तेरी ही है जब मर्ज़ी आए ले लेना. आज तू जो कहेगा वही करूँगी."

"सच भाभी ! आप कितनी अच्छी हो." यह कह कर मैने भाभी को अपनी बाहों में भर लिया और अपने होंठ भाभी के रसीले होंठों पर रख दिए. मैं दोनो हाथों से भाभी के मोटे मोटे चूतड़ सहलाने लगा और उनके मुँह में अपनी जीभ डाल कर उनके होठों का रस पीने लगा.

ज़िंदगी में पहली बार किसी अनुभवी औरत को इस तरह चूमा था. भाभी की साँसें तेज़ हो गयी. अब मैने धीरे से भाभी की सलवार का नारा खोल दिया और सलवार सरक कर नीचे गिर गयी.

"आशु, तू इतना उतावला क्यों हो रहा है ? मैं कहीं भागी तो नहीं जा रही. पहले खाना तो खा ले फिर जो चाहे कर लेना. चल अब छ्चोड़ मुझे." यह कह कर भाभी ने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की.

मैने कुर्ते के नीचे हाथ डाल कर भाभी के चूतदों को उनकी सॅटिन की पॅंटी के उपर से दबाते हुए कहा,

"ठीक है भाभी जान, छ्चोड़ देता हूँ, मगर एक शर्त आपको माननी पड़ेगी."

"बोल मेरे राजा क्या शर्त है ?"

"शर्त यह है कि आप अपने सारे कपड़े उतार दीजिए, फिर हम खाना खा लेंगे." मैं भाभी के होंठ चूमता हुआ बोला. "क्यों तू किसी ज़माने में कौरव था जो अपनी भाभी को द्रौपदी की तरह नंगी करना चाहता है?" भाभी मुस्कुराते हुए बोली. मैं भाभी की पॅंटी में हाथ डाल कर उनके चूतरो को मसल्ते हुए बोला,

"नहीं मेरी जान आप तो द्रौपदी से कहीं ज़्यादा खूबसूरत हैं, और मैने अपनी प्यारी भाभी को आज तक जी भर के नंगी नहीं देखा."

"झूट बोलना तो कोई तुझसे सीखे. कल तूने क्या किया था मेरे साथ? बाप रे ! सांड़ की तरह ……. ……..भूल गया?"

Re: चिकनी भाभी

Posted: 04 Nov 2014 15:27
by raj..
"कैसे भूल सकता हूँ मेरी जान, अब उतार भी दो ना." यह कहते हुए मैने भाभी का कुर्ता भी उपर करके उठा दिया. अब भाभी सिर्फ़ ब्रा और छ्होटी सी पॅंटी में थी.

"अच्छा तेरी शर्त मान लेती हूँ लेकिन तुझे भी अपने कपड़े उतारने पड़ेंगे." और भाभी ने मेरी शर्ट के बटन खोल कर उतार दिया. इसके बाद उन्होने मेरी पॅंट भी नीचे खींच दी. मेरा लंड अंडरवेर को फाड़ने की कोशिश कर रहा था. भाभी मेरे लौदे को अंडरवेर के उपर से सहलाते हुए बोली,

क्रमशः...............