कमीना compleet

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rajaarkey
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Re: कमीना

Unread post by rajaarkey » 05 Nov 2014 10:23

सोनिया थोड़ा रिलॅक्स होकर जब रवि को देखती है और रवि उसकी ओर देखता है तो दोनो की नज़रे एक बार को मिलती है और रवि सोनिया को देख कर थोड़ा मुस्कुरा देता है और सोनिया बिना मुस्कुराए ही अपनी नज़रो को नीचे कर लेती है, कुछ देर बाद सोनिया फिर रवि को देखती है तो रवि सोनिया को देख कर इशारे से अपने कान को पकड़ता हुआ उसे सॉरी कहता है तो सोनिया फिर से अपनी निगाहे झुका कर फिर उपर उठाते हुए रवि की साइड से पायल को देखती है जो अपने मुँह पर हाथ लगाए अपनी जाँघो पर अपने हाथ की कोहनी को टिकाए पर्दे की ओर देख रही थी, सोनिया, पायल की खामोशी से अंजान सोनिया- चल पायल बाहर होकर आते है, दरअसल सोनिया की चूत के रस के कारण उसकी पूरी पेंटी चिपचिपा रही थी और उसे बैठने मे काफ़ी दिक्कत हो रही थी, और वह बाथरूम जाकर अपनी चूत को पानी से धोना चाहती थी.

पायल- उसकी ओर घूर कर देखती हुई, मुझे नही जाना तुझे जाना हो तो जा,

सोनिया- पायल की बात सुन कर अरे चल ना बाथरूम से आते है

पायल- थोड़ा कड़क आवाज़ मे मेने कहा ना मुझे नही जाना

रवि- चलो सोनिया मे चलता हू

सोनिया- नही मे चली जाउन्गि और सोनिया उठ कर चल देती है

रवि -उसके जाते ही खुद भी उठ कर सोनिया के पीछे जाने लगता है तो पायल का गुस्सा और बढ़ जाता है और वह रवि का हाथ पकड़ कर सीट पर ज़ोर से बैठाते हुए,

पायल-अब बाथरूम मे जाकर उसको पेशाब भी करवाएगा क्या,

रवि- मुस्कुरा कर बैठते हुए, दीदी आख़िर हुआ क्या है जो तुम इस तरह गुस्सा दिखा रही हो और यह कोई तरीका है सोनिया से बात करने का वह तो तुम्हारी खास दोस्त है ना, एक तो बेचारी तुम्हारे कहने पर यहा चली आई और तुम हो की उसके साथ जाने मे भी नखरा कर रही थी

पायल- रवि को पीठ पर मारते हुए मुझे ज़्यादा ज्ञान देने की कोशिश मत कर समझे, और रवि की आँखो मे घूर कर

देखती हुई, कमीना कही का,

रवि- दीदी तुम भी ना, तुम्हारा छोटा भाई क्या हो गया तुम तो जब देखो मुझे मारती ही रहती हो, कभी तो अपने भाई से

प्यार भी कर लिया करो

पायल- रवि की बात सुन कर उसे गुस्से से अपनी आँखे निकाल कर देखती है और

रवि- उसको देख कर मुस्कुराता हुआ हाय दीदी मेरी जान ऐसे ना देखो तुम जब अपनी कातिल नज़रो के तीर मुझ पर ऐसे चलाती हो तो मेरा दिल करता है की तुम्हे पकड़ कर चूम लू,

रवि की बात सुन कर पायल अपने मुँह को सामने कर लेती है और मन ही मन थोड़ा खुस हो जाती है,

रवि- सच दीदी जब तुम इस कदर अपनी नज़रे मुझ पर मारती हो तो तुम बहुत खूबसूरत लगती हो, तुम्हारी इसी अदा ने तो तुम्हारे भाई को ही तुम्हारा दीवाना बना दिया है, उसकी बात सुन कर पायल फिर से उसको देखती है तो रवि उसके सामने उसके मोटे-मोटे गदराए दूध को देख कर मुस्कुराने लगता है और पायल उसके बाजू मे हस के धक्का मारती हुई,

कमीना कही का, और इतने मे जैसे ही पायल सोनिया को आते देखती है तो उसकी हसी फिर गायब हो जाती है और वह सोनिया के आने से पहले ही

पायल- रवि को देख कर खड़ा हो

रवि- पायल को देख कर क्यो

पायल- मे कहती हू खड़ा हो

रवि- अपनी सीट से खड़ा होकर लो हो गया अब

पायल- खड़ी होकर रवि को थोडा आगे की धकेल कर उसे सोनिया की सीट पर बैठा देती है और खुद रवि की सीट पर बैठ

जाती है और जब सोनिया उसके पास आती है तो

पायल - सोनिया यहा बैठ जा, सोनिया पायल को कुछ अजीब नज़रो से देखते हुए बैठ जाती है अब रवि और सोनिया पायल के आस पास बैठे थे, उसकी इस हरकत पर जहा रवि थोड़ा मुस्कुराता है वही सोनिया कन्फ्यूज़ नज़र आती है, लेकिन पायल काफ़ी खुस नज़र आती है,

मूवी फिर से शुरू हो जाती है और रवि अपने मन मे सोचता हुआ, दीदी कितना जल रही है, इसको और जलाना चाहिए तभी

इसका दिमाग़ ठिकाने आएगा और रवि चुपचाप मूवी देखने लगता है. उधर पायल नही जानती कि वह किस चीज़ का इंतजार कर रही थी लेकिन उसकी नज़रे बराबर रवि की ओर कनखियो से देख रही थी, शायद वह यह एक्सपेक्ट कर रही थी की रवि उसके साथ भी सोनिया जैसी कोई हरकत करने की कोशिश करे, लेकिन रवि अपने इरादे को पक्का करते हुए अपनी गदराई बहन को हाथ भी नही लगाता है और पायल बैठे-बैठे ही ना जाने किस तरह की आग मे जल रही थी, एक दो बार तो उसने मूवी देखते हुए भी रवि को एक दो लप्पड़ उसकी पीठ मे मारे लेकिन रवि मंद-मंद मुस्कुराता हुआ पर्दे की ओर देखता रहा, अंत मे मूवी ख़तम हो गई और पायल का भेजा उस सिनिमा हॉल मे फ्राइ हो गया, उन तीनो ने एक नई मूवी देखी थी लेकिन तीनो मे से किसी से भी आप पूछ लो कि मूवी की स्टोरी क्या थी तो वह तीनो ही जवाब देने मे असमर्थ नज़र आते, क्यो की उन्होने तो मूवी पर ध्यान ही नही दिया, तभी रवि सोनिया को देख कर

रवि- मुस्कुराता हुआ, क्यो सोनिया कैसी थी मूवी

सोनिया- रवि को गुस्से से देखती हुई, बकवास

पायल- अरे सोनिया से क्या पूछ रहा है मे बताती हू, सोनिया को इंटेरवाल के पहले तक ही मूवी अच्छी लगी इंटर्वल के बाद

सोनिया को मूवी बिल्कुल पसंद नही आई

रवि- मुस्कुराता हुआ पर दीदी मे आपके बारे मे गारंटी से कह सकता हू कि आपको इंटर्वल के पहले मूवी बहुत खराब

लगी और आपने सोचा कि शायद इंटर्वल के बाद कुछ अच्छी लगे लेकिन उसके बाद भी आपको बोरियत का सामना ही करना पड़ा,

rajaarkey
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Re: कमीना

Unread post by rajaarkey » 05 Nov 2014 10:23

रवि की बात सुन कर पायल उसको घूर कर देखती है और सोनिया पायल को देखती है और रवि दोनो मस्तानी लोंदियो की जवानी को देख-देख कर खुस होता हुआ आगे चलने लगता है, उसके बाद पायल और रवि सोनिया से बाइ कहते हुए अपने घर की ओर आ जाते है, घर आते ही पायल अपने रूम मे जाकर लेट जाती है और रवि टीवी ऑन करके सोफे पर बैठ जाता है, पायल की आँखो के सामने रवि द्वारा सोनिया के दूध दबाने का द्रश्य नज़र आने लगता है और उसे पता नही क्या होता है और वह सीधे उठ कर रवि के पास जाकर उससे टीवी का रिमोट छीन कर टीवी बंद कर देती है,

रवि- क्या हुआ दीदी टीवी क्यो बंद कर दी

पायल- उसको गुस्से से घूर कर देखती हुई, सिनिमा मे तू सोनिया के साथ क्या कर रहा था

रवि- मुस्कुराता हुआ कुछ भी तो नही

पायल- ज़्यादा बनने की कोशिश मत कर मे सब जानती हू तू क्या कर रहा था

रवि- उसके खरबूजो की तरह मोटे दूध को घूर कर मुस्कुराते हुए देख कर क्या कर रहा था

पायल- अपनी नज़रे उससे हटा कर तुझसे तो बात ही करना बेकार है और फिर से टीवी ऑन करके उसकी ओर रिमोट फेंकते हुए अपने रूम की और तेज-तेज कदमो से चल देती है

रवि मुस्कुराता हुआ अपनी दीदी की गदराई गान्ड के मोटे-मोटे लहराते हुए पाटो को देखने लगता है, और अपने मन मे हाय दीदी जल बिन मछली की तरह तड़प रही हो, क्यो जलती हो अगर मेरी बाँहो मे आने के लिए तुम्हारा जी मचल रहा है तो आ क्यो नही जाती,

रवि उठ कर पायल के रूम मे जाता है पायल अपने बेड पर उल्टी होकर लेटी हुई थी रवि उसकी मोटी गदराई गान्ड को देख कर उसके पास जाता है और उसकी गान्ड को अपने हाथो से सहला देता है और पायल एक दम पलट कर उठ कर बैठ जाती है और

पायल- क्या है क्यो आया है यहा

रवि- मेरी दीदी ना जाने मुझसे क्यो खफा है सो उसको मनाने आया हू

पायल- अपनी नज़रे इधर उधर करती हुई मे तुझसे क्यो नाराज़ होने लगी आख़िर तुझ पर मेरा हक ही क्या है

रवि- दीदी आख़िर मुझे समझ नही आता कि तुम मुझसे चाहती क्या हो

पायल- कुछ सोचती हुई, अपने चेहरे को सीरीयस बना कर रवि मुझे तेरा सोनिया के साथ रहना बिल्कुल अच्छा नही लगता है

रवि- क्यो

पायल- मे नही जानती

रवि- तुम झूठ बोलती हो, जबकि तुम अच्छी तरह जानती हो

पायल रवि की ओर देखती है और फिर अपनी नज़रे नीचे कर लेती है, रवि पायल के पास बैठ जाता है और उसके चेहरे को गौर से देखता हुआ

रवि- दीदी एक बात कहु

पायल- रवि की ओर देख कर क्या

रवि- मुस्कुराता हुआ, दीदी तुम बहुत सेक्सी हो

पायल- मुस्कुरा कर मार खाएगा तू मेरे हाथ से

रवि- सच दीदी तुम मुझे बहुत सेक्सी लगती हो और उसके गालो को अपने हाथो से सहला देता है

पायल- मुस्कुरा कर उसका हाथ झटकते हुए, रवि तू अपना मुँह बंद रखेगा

रवि- दीदी एक बार मुझसे कस कर चिपक जाओ ना

पायल- उठ कर मे जा रही हू

रवि- उसका हाथ पकड़ कर प्लीज़ दीदी बस एक बार

पायल- उससे अपना हाथ छुड़ाते हुए, उस दिन का थप्पड़ भूल गया

रवि- उसका हाथ छोड़कर, दीदी वह थप्पड़ तो मे भूल गया लेकिन वह स्कार्पियो की रात मुझे रह-रह कर याद आती है

पायल- अपना सर झुकाते हुए, देख रवि मे वो सब बात नही करना चाहती

रवि- पायल की मोटी गदराई जाँघो पर अपना हाथ रख कर, पर दीदी मे तो उस दिन हुई हम दोनो के बीच की घटना को बार-बार दोहराना चाहता हू, और तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर उसी तरह चूमना चाहता हू

पायल- रवि तुझे शर्म आनी चाहिए क्या तू यह नही सोचता कि मे तेरी बहन हू और तुझे मेरे साथ ऐसी बात नही करना चाहिए

रवि- उस दिन जो हुआ उसके बाद से तो मे तुम्हे पूरी नंगी देखने के लिए तड़प रहा हू

पायल- रवि को गुस्से से देखती हुई, कमीना कही का अपनी बहन को नंगी देखेगा

रवि- दीदी एक बार बस एक बार मुझे अपने पास आने दो ना

पायल- देख रवि मे तुझे बहुत बर्दास्त कर चुकी क्यो कि तू मेरा भाई है, लेकिन अगर तूने मुझे ज़्यादा परेशान किया तो मे तेरी शिकायत भैया से कर दूँगी

रवि- जब देखो भैया की धमकी देती हो, जाओ कह दो, ज़्यादा से ज़्यादा क्या होगा भैया मुझे मारेंगे या घर से निकाल देंगे, और तुम भी यही चाहती हो ना

पायल- उसकी बात सुन कर थोड़ा सीरीयस होकर, रवि के कंधे पर हाथ रख कर, देख रवि तू मेरा अच्छा भाई है ना, तो फिर तुझे मेरे लिए अपना नज़रिया बदालना चाहिए, मे तो अपनी ग़लती पर पछता रही हू और तू है कि एक और ग़लती करने पर आमादा है,

रवि- कुछ सोच कर, दीदी मे जानता हू कि मे जो चाहता हू वह ग़लत है, और पायल के भरे हुए गालो को अपने हाथो से सहलाता हुआ, लेकिन दीदी तुम्हारे इस खूबसूरत हुस्न को देख कर मुझसे रहा नही जाता है और मेरा दिल करता है कि मे तुम्हे पूरी नंगी करके तुम्हारे एक -एक अंग को चूम कर तुम्हे खूब प्यार करू, तुमसे ज्यदा खूबसूरत और सेक्सी लड़की मेने नही देखी, तुम्हारा भाई तुम पर मर मिटा है उसे और मत तद्पाओ

पायल- उसकी बाते सुन कर मन ही मन खुस होती है लेकिन चेहरे पर गुस्सा दिखाने की कोशिश करती है फिर भी उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान आ ही जाती है और वह बेड से उठते हुए, रवि को अपनी कातिल नज़रे दिखाती हुई उसे धकेल कर तू बहुत बड़ा कमीना है रवि तू कभी नही सुधर सकता अब अपने मुँह से एक भी शब्द मत निकालना मे कॉफी बनाने जा रही हू, तू पिएगा क्या,

क्रमशः.........................


rajaarkey
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Re: कमीना

Unread post by rajaarkey » 05 Nov 2014 10:24

KAMINA--13

gataank se aage.............................

dusri taraf payal ravi ke hath ko soniya ki seat ko aur jate hue dekh leti hai aur bade dhyan se thoda jhuk kar apni najre

soniya ke doodh ki aur kar deti hai, tabhi ravi apne munh ko soniya ke kandhe par rakh deta hai aur soniya apne kandhe

uchka kar ravi ka munh hata deti hai, ravi dusre hath se soniya ki banho ko apni aur dabata hai aur phir apne hath ko uske

gale me daal kar dhire-dhire apni ungliyo ko usle gadaraaye doodh par pherne lagta hai, soniya gusse se ravi ki aur dekhti

hai aur ravi usko dekh kar muskura deta hai,

soniya apne man me, kitna kamina hai apni bahan ke samne hi mere doodh ko chune ki koshish kar raha hai, ravi phir se

apne sar ko uske kandhe par rakh deta hai aur apne hath ko soniya ke upar se thoda hatakar ek dam se apne pure hath

ke panje ko soniya ke pure bhare hue mote-mote kase doodh par rakh deta hai, soniya uski is harkat se kanp jati hai par

kuch kar nahi pati, vah sochti hai ki kahi payal ko pata na chal jaye, payal sidhi baith kar movie dekh rahi thi aur uska

dhyan ravi ke hath ki aur nahi tha lekin beech -beech me vah ravi ke sar ko soniya ke kandhe par rakhe dekh kar man hi

man use kamin- kutta kahi ka kah kar phir samne dekhne lagti,

udhar ravi ke pure hath ko apne gadaraaye doodh par rakhe jane se soniya ko bahut dar bhi lag raha tha lekin use thoda

achcha bhi lag raha tha isliye vah uska virodh bhi nahi kar pa rahi thi tabhi ravi ne apne hatho ke panjo par thodi takat

laga kar soniya ke pure gadaraaye kase hue doodh ko apne hath me bhar liya aur soniya uski is harkat se sihar gai, ravi

ne jab soniya ke mote-mote kase hue gadaraaye doodh ko apne hatho ke panjo me puri tarah tham kar dabaya to uska

lund uska pent phadne ko reddy ho gaya kyo ki soniya ke doodh itne thos aur kase hue the ki use aisa lag raha tha ki

iske doodh ko dabane bhar se uska lund pani chod dega, ravi ne jab dekha ki soniya chupchap baithe gahri sanse lekar

movie dekh rahi hai aur koi objection nahi le rahi hai to ravi bilkul free ho gaya aur soniya ke doodh ko apne hatho ke

panjo me bhar kar kas-kas kar dabane laga, soniya ravi ki is harkat se pagal ho gai aur uska man kar raha tha ki vah ravi

se kas-kar chipak jaye,

ravi soniya ke mote-mote kharbujo ki tarah pake hue mastane doodh ko dabata hua masti se bhar gaya tha, usne apne

hontho se soniya ke nange gale ko chumte hue uske doodh ko khub jor -jor se daboch-daboch kar masal raha tha, soniya

ka bas nahi chal raha tha nahi to vah jor se ek siskari marna chahti thi lekin use itna maza aa raha tha ki uski chut puri

gili ho chuki thi, soniya ki himmat ravi dwara uske gadaraaye doodh ko kas-kas kar daboche jane se tut chuki thi aur usne

apne sar ko piche seat par tikate hue apni aankhe band kar li aur uski jangho ke beech apne aap gape badh gaya, ab

soniya ko kuch dikhai nahi de raha tha aur vah man hi man bas yahi kah rahi thi ki aah ravi tum kitne achhce ho aah,

aah ravi bahut achcha lag raha hai aise hi dabaate raho aah,aah

ravi soniya ke doodh ko khub jor-jor se masal raha tha, yadi ujala hota aur soniya ki tshirt ko utar kar usko nangi karke

uske doodh dekhe jate to vah pure lal dikhai dete, ravi ne uske doodh ko daboch-daboch kar itna dabaya ki koi pati apni

bibi ke doodh ko suhagrat me bhi itna nahi masalta hoga, jab picture ke interval ko sirf 5 minute rah gaye to payal ne

ravi ko jab soniya ke gale me apna munh lagaye dekha to usne thoda jhuk kar soniya ke doodh ko dekhne ki koshish ki

aur use jaise hi ravi ka hath uske mote-mote gadaraaye doodh ko masalta najar aaya to uska dimag kharab ho gaya aur vah

apne aap ko rok nahi saki aur usne ravi ki peeth me ek jor dar mukka mar diya, apni peeth par payal ka mukka padte hi

ravi ne ek dam se soniya ke doodh ko chod kar sidha baith kar payal ki aur dekhne laga aur payal ne jaldi se apne munh ko

parde ki aur kar liya lekin uske chehre se aisa lag raha tha jaise khoon utar aaya ho, soniya is bat ko madhoshi me dubi

hone ke karan samajh nahi paai ki abhi kya hua tha, lekin ravi ab sidha baith kar payal ko bina kuch kahe mand-mand

muskurata hua parde ki aur dekhne laga tabhi samne interval likha hua aa gaya,

interval hone par cinema hal ki sari light on ho jati hai aur ravi payal ke chehre ki aur dekhta hai jo ki gusse se lal ho

raha tha lekin payal interval hone ke bad bhi apni ghurti najro ko bina palak jhapkaye parde ki aur hi tikaye hue thi,

soniya thoda relax hokar jab ravi ko dekhti hai aur ravi uski aur dekhta hai to dono ki najre ek bar ko milti hai aur ravi

soniya ko dekh kar thoda muskura deta hai aur soniya bina muskuraye hi apni najro ko niche kar leti hai, kuch der bad

soniya phir ravi ko dekhti hai to ravi soniya ko dekh kar ishare se apne kan ko pakdta hua use sorry kahta hai to soniya

phir se apni nigahe jhuka kar phir upar uthate hue ravi ki side se payal ko dekhti hai jo apne munh par hath lagaye apni

jangho par apne hath ki kohni ko tikaye parde ki aur dekh rahi thi, soniya, payal ki khamoshi se anjan

soniya- chal payal bahar hokar aate hai, darasal soniya ki chut ke ras ke karan uski puri penty chipchipa rahi thi aur use

baithne me kaphi dikkat ho rahi thi, aur vah bathroom jakar apni chut ko pani se dhona chahti thi.

payal- uski aur ghur kar dekhti hui, mujhe nahi jana tujhe jana ho to ja,

soniya- payal ki bat sun kar are chal na bathroom se aate hai

payal- thoda kadak aawaj me mene kaha na mujhe nahi jana

ravi- chalo soniya me chalta hu

soniya- nahi me chali jaaungi aur soniya uth kar chal deti hai

ravi -uske jate hi khud bhi uth kar soniya ke piche jane lagta hai to payal ka gussa aur badh jata hai aur vah ravi ka hath

pakad kar seat par jor se baithate hue,

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