अजय, शोभा चाची और माँ दीप्ति compleet

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kamdevbaba
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Re: अजय, शोभा चाची और माँ दीप्ति

Unread post by kamdevbaba » 02 Nov 2014 16:16

एक बार , अकबर के दरबार में एक रंडी ने मुजरा किया . वोह बड़ी ही कंटीली नचनिया थी. इतनी जोर से नाची के सबके टट्टे शोर्ट हो गये . अकबर बहुत खुश हो गया .
उसने रंडी को कहा , "जमनाबाई , बोल तुझे क्या इनाम चाहिए मेरी जान ? सोना -चाँदी , हीरे -मोती ,जागीर .... क्या चाहिए , बोल .अगर तेरी किसीसे दुश्मनी हो तो भी बता दे ......उसकी बहेन चोद दी जायेगी ."

रंडी बहुत खुश हुई मुह मांगे इनाम की बात सुनके .पर वोह बहुत ही भेनचोद किस्म की औरत थी . उसके गांडू दिमाग में तो कुछ और ही था . वोह अकबर से बोली , "जहाँपनाह , जान की सलामती मिले तो कुछ अर्ज़ करुँ ".

अकबर वैसे ही उसके नाच पे बहुत सेंटी था .वोह बोला , "जो मर्ज़ी मांग , जमना डार्लिंग ." रंडी बोली ,"जहाँपनाह , मुझे आपकी राजगदी पे टट्टी करनी है ."

एक बार तो अकबर को समझ ही नहीं आया कि क्या यह रंडी बावली गांड तो नहीं हो गयी ?
लेकिन वोह मना भी नहीं कर सकता था ....प्रोमिस जो कर दिया था .

उसने रंडी को कुछ और मांगने के लिए कहा , पर रंडी भी बहुत हरामखोर थी .... वोह नहीं मानी .
अकबर भी बेचारा क्या करता , उसने 15 दिन बाद की डेट देदी .
उसने सोचा कि बाद में रंडी पे प्रेशर डलवा के कैंसल करवा देगा , पर बहेन की लौड़ी मान के नहीं देती थी.
जब टट्टी -डे नज़दीक आ गया , अकबर की गांड बहुत ज्यादा फट गयी ....

उसने उस वक़्त बीरबल को याद किया.
उसने बीरबल से कहा कि अब मुग़ल सल्तनत की इज्ज़त उसी के हाथ में है .
बीरबल ने भी अकबर को प्रोमिस कर दिया कि चाहे उसे अपनी माँ चुद्वानी पड़े , वोह मुग़ल सल्तनत की इज्ज़त पे आंच नहीं आने देगा.

अकबर भी निश्चिंत हो गया . फाईनली टट्टी -डे आ गया . अकबर तो रात भर सो भी नहीं सका . भेनचोद की खुद की टट्टी बंद हो गयी . सुबह -सुबह रंडी ने दरबार में ग्राण्ड एंट्रेंस मारा.

कहने लगी , "जहाँपनाह , मैं तीन दिन से नहीं हगी हूँ ... जल्दी से राजगद्दी पे हग्गी मारने की व्यवस्था कीजिये ."

अकबर ने फटती गांड के साथ बीरबल की तरफ देखा.
बीरबल तो बहेन का लौड़ा हसी हस रहा था.
अपनी सीट से खड़ा हुआ और बोला , "जमनाबाई , तुमने टट्टी करने की डिमांड की थी ....सो करो .

लेकिन अगर एक बूँद भी मूत निकल आया तो यह तलवार चूत में घुसा के गांड से निकाल दूंगा ...."

रंडी को समझ आ गया कि इस बार उसका पाला किसी अन्डू पांडू से नहीं , बीरबल से पड़ा है

वोह चुपचाप उठी और घर चली गयी ...

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