Raj-Sharma-stories
सहेली के पापा
सहेली की सच्ची कहानी सुन बड़ा अजीब लगा. रीता मेरी बेस्ट फ्रेंड थी.
वह मुझसे कुच्छ नही छुपाती थी हर बात बताती थी. उसने बिना किसी
शरम के अपनी चुदाई की कहानी सुनाई थी. अजीब इसलिए लगा कि वह
अपने पापा के साथ ही घर मैं चुदाई का मज़ा ले रही थी. वह कई
दिनो से बता रही थी कि उसके पापा उसके साथ क्या क्या करते हैं पर
आज की तो बात ही कुच्छ और थी. वह बोली,
"हाए आज रात मुझे पूरा मज़ा मिला पापा से. अब मैं पूरी जवान हो
गयी हूँ." मैं उसकी बात सुन बेताब हो बोली,
"कल फिर मज़ा लिया क्या?"
"हां कल तो पूरा मज़ा लिया. पापा ने खूब प्यार से मेरी प्यास
बुझाई. हाए मेरे पापा अभी पूरे जवान हैं. मैं उनको बहुत अच्छी
लगती हूँ. कह रहे थे कि रोज़ मेरे पास सोया करो. पापा ने मुझे कल
पूरी जवान कर दिया. आ चल तुझे दिखाउ." वह मुझे स्कूल के
टाय्लेट मे ले गयी और अपनी शलवार के ज़रबंद को खोलती बोली,
"मुझे नही मालूम था कि इस'मे इतना मज़ा आता है वरना मैं पहले ही
पापा के पास सोया करती. लो देखो मेरे पापा ने मुझे कितना जवान कर
दिया है." और मस्ती से भरी सहेली ने शलवार को नीचे खिसकाया तो
मैं उसकी चुदी चूत को देख मस्त हो गयी. .
"देख रही हो पहले कैसी थी और अब कैसी है." उसने अपनी टांगे
फैलाकर अपनी कुंवारेपन मैं चुदी मस्त चूत दिखाई. देखकर मेरी
भी गुदगुदाने लगी. टांगे फैलाकर मुझे दिखा शलवार को ऊपर कर
ज़रबंद बाँध अपनी चूचियों को उचकाती बोली,
"मेरी पहले से बड़ी लग रही हैं ना?"
"हां रीता."
"इनको भी पापा खूब मज़ा देते हैं. मुझे तो बहुत अच्छा लगता है
इनको पापा को पिलाने मे. अब पापा के साथ ही सोउंगी. जानती हो पापा
क्या कह रहे थे?"
"क्या कह रहे थे?"
"कह रहे थे कि अगर कोई सहेली मज़ा लेने को तैय्यार हो तो उसे भी
लाना उसे भी जवान कर दूँगा. बोलो अगर तुम्हारा मन हो कहूँ अपने
पापा से? बहुत मज़ा आएगा." सहेली की चुदी चूत देख मुझे लगा की
मैं कोई भूल कर रही हूँ. मुझे भी किसी से मज़ा लेना चाहिए.
उसकी इस बात ने तो मज़े के रास्ते खोल दिए. मैं ललचा गयी. मज़ा
लेने से उसकी चूचिया बड़ी हो गयी थी जो बहुत खूबसूरत लग रही
थी. मैने बेताब हो पूचछा,
"मुझे मज़ा देंगे तुम्हारे पापा?"
"हां तुम रेडी हो तो बोलो."
"ठीक है रीता अपने पापा से बात करो."
"ठीक है मेरे पापा तेल लगाकर खूब प्यार से चोद्ते हैं फाड़ते
नही. बहुत मज़ा आता है चुदवाने मे. देखा है तुमने मेरी भी नही
फटी है."
"नही रीता फैल गयी है." मैं मस्त हो बोली.
सहेली के पापा compleet
Re: सहेली के पापा
"जब पापा तेल लगाकर तुम्हारी चोदेन्गे तो तुम्हारी भी फैल जाएगी.
पापा कह रहे थे कि एक साथ दो लड़कियो को चोदने मैं ज़्यादा मज़ा
आता है. तुमको रात मे मेरे घर पर सोना होगा."
"मैं मोम से स्टडी का बहाना कर दूँगी."
"हां कह देना कि रीता के पापा पढ़ाते हैं." फिर वह रात के मज़े के
बारे मैं बताने लगी जिसे मैं ध्यान से सुनने लगी. मेरे बदन को
हर पार्ट सनसनाने लगा. रानो के बीच चूत पर चींटी सी चलने
लगी थी. रीता ने मुझे एक-एक बात बताई कि किस तरह उसके पापा ने
उसकी चूत मे लंड पेला. वह मुझसे चिपकती बोली,
"हाए कल रात पापा ने दो बार पूरा डालकर चोदा."
"मोटा है तुम्हारे पापा का?"
"हां पर ज़्यादा नही. तेल लगाकर पहले पूरा अंदर करते हैं फिर
चोद्ते हैं. बहुत मज़ा आता है."
"पूरा चला गया था रीता?"
"हां मज़ा तो पूरे लंड से चुदवाने मैं ही है. पहली रात आधे से
चोदा था तो मज़ा ही नही आया था. कल आया असली मज़ा चुदाई का. एक
बार मेरे पापा से चुद कर देखो. पहले तुम मेरे पापा को अपनी
चखाओ फिर मैं तुम्हारे पापा को अपनी चखाउंगी. देखकर बताना
तुम्हारे पापा का कैसा है? पापा कह रहे थे कि इस उमर मैं लड़किया
तगड़ी होती हैं और उनको चुदवाने मे मज़ा भी खूब आता है. शादी
के बाद अपने हज़्बेंड से चुदवाने मैं कोई दिक्कत नही होती. शादी के
बाद तो लड़किया घर- बार मैं फँस कर मज़ा नही ले पाती. मज़ा तो इसी
उमर मैं लिया जाता है." फिर वह मेरी चूचियों को पकड़ बोली,
"ईनमे भी खूब मज़ा है. पापा जब इनको मुँह मे लेकर चूस्ते हैं
तो मेरा पानी निकल जाता है. ईन्को चूसने के बाद पापा मेरी चूत को
जीभ से खूब चाटते हैं. हाए बहुत मज़ा है चटवाने मे. मैं
अपनी चूत को फैलाकर खूब चटवाती हूँ. चाटने के बाद पापा लंड
को चूत पर रगड़-रगड़ उसपर सफेद पानी गिराते हैं और उंगली
डालकर चूत को फैलाते हैं फिर लास्ट मे अपने लंड पर मुझसे तेल
लगवाकर पेलते हैं. हाए सहेली इतना मज़ा आता है कि क्या बताउ."
सहेली की कहानी सुनकर इतना मज़ा आया कि मेरी चड्डी गीली हो गयी.
हम दोनो ही 16 साल के हो गये थे और बदन भी अच्छा निकला था.
चूचिया एक हाथ मे आने वाली थी. उसकी बात सुन मेरी चूत से
पानी निकला तो मैं अपनी चूत को दबाती बोली,
"आज ही ले चलो ना?"
"ठीक है स्कूल से तुम्हारे घर चल'ते हैं तुम अपनी मोम से कह
देना कि रात को मेरे पापा इंग्लीश बताएँगे."
Re: सहेली के पापा
मैं पूरी तरह तैय्यार थी अपने कुंवारेपन को सहेली के पापा के
साथ लुटाने को. जहाँ चाह होती है वहाँ राह निकल ही आती है.
मोम भला क्यों रोकती. मैं शाम 5 बजे ही रीता के घर आ गयी. उसकी
मोम मुझे जानती थी. रीता ने उनसे बताया कि यह भी रात को पापा से
इंग्लीश पढ़ेगी तो वह बोली,
"ठीक है बेटी आ जाया करो. मास्टर ढूँढ रहे क़ायदे का मिला तो
रीता को ट्यूशन रखवा दूँगी." उसके पापा अभी घर पर नही थे. वह
9 बजे तक आते थे. मैं रीता के साथ उसके कमरे मे आ गयी. उसका
कमरा ऊपर था. उसकी मोम को साँस की बीमारी थी इसलिए वह ऊपर नही
आती थी. रीता ऊपर मुझे अपने पापा के रूम मे लाई और बोली,
"रात मे पापा इसी कमरे मे मुझे नंगी करके चोद्ते हैं, तुमको
भी यहीं चोदेन्गे."
"कब आते हैं पापा?"
"ठीक 9 बजे ऊपर आते हैं और आते ही मज़ा लेते हैं. 12 बजे तक
मज़ा ले चोद्कर मुझे नंगी ही चिपकाकर सो जाते हैं. सुबह होते ही
कपड़े पहना देते हैं."
"जब तुमको चोदेन्गे तो मुझे?"
"हम दोनो को छोड़ेंगे. आने तो दो पापा को. पापा को एक साथ दो
लड़कियो से बहुत मज़ा आता है." रीता ने मेरी गांद मसल्ते कहा. 16
साल की थी इसलिए जानती सब थी पर रीता ने रात की कहानी सुना
मुझे बेचैन कर दिया था. स्कूल मे रीता की चूत पर बाल नही
दिखे थे पर मेरी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे. मैं रीता से बोली,
"रीता तुम्हारी तो एकदम चिकनी थी."
"हां और अब तुमको भी बाल सॉफ रखना होगा. क्योंकि पापा चिकनी ही
चाटते हैं और मज़ा चटवाने मे ही है. मैं तो खूब
फैला-फैलाकर चटवाती हूँ. तुम भी सॉफ कर लो."
"कैसे?"
"क्रीम से 5 मिनिट मे सब सॉफ. पापा ने दी थी."
"मेरी भी सॉफ कर दो ना रीता अपनी तरह." मैने उसे चूमकर कहा तो
वह बोली,
"अभी मत करो पापा को दिखाना अगर कहेंगे तो कर दूँगी. पापा जो
कहे करना. अपने पापा का देखना कैसा है?" रीता ने मेरी चूचियों
को मसल कहा. फिर हम लोग खा पीकर इधर उधर की बातकरते रहे और फिर
उसके पापा के कमरे मे आ गये. अभी भी 8 बजे थे. एक घंटा था
अभी रीता के पापा के आने मे. हमलोग आपस मे मज़ा लेने लगे.