सहेली के पापा compleet

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raj..
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Re: सहेली के पापा

Unread post by raj.. » 01 Nov 2014 22:10

रीता का कहना सही था. चूत चटवाने वाला मज़ा तो कभी नही मिला
था. वह जीभ को अंदर तक पेल कर चाट रही थी. मेरी भी झड़ने
वाली थी और 1 मिनिट बाद जो फल्ल से पानी उसके मुँह पर फेंका तो
रीता बोली,

"निकाल दो पानी, बड़ा मज़ेदार है तेरा पानी नमकीन- नमकीन." और वह
मेरी चूत को चाटती रही. पहली-पहली बार मज़ा पाकर मेरी चूत
झड़ी थी. चूत और राने लसलसा गयी थी. रीता की चूत से गाढ़ा
पानी निकला था पर मेरी चूत से पतला. रीता ने टवल मुझे देते कहा,

"लो पोछ लो. जानती हो पापा पहले लड़कियों की चूत को इसी तरह गीला
करते है फिर गीली चूत को चोद्ते हैं. पापा चुदवाने वाली लड़कियों
से ही अपने लंड पर तेल लगवाते हैं. पापा कहते हैं तुम जितनी भी
सयानी सहेलियों को लाओगी, सबको बारी-बारी से चोद्कर मज़ा देंगे. पापा
ने बताया है कि 14 से 17 साल की लड़कियों को चुदवाने मे बहुत मज़ा
आता है. पापा कहते हैं कि हर बाप को अपनी बेटी की चूत को शादी
से पहले चोदना चाहिए जिससे ससुराल जाने पर उसे परेशानी ना हो."
मैं अभी मस्त थी. झाड़ चुकी थी. टवल से चूत पोछ बोली,

"रीता क्रीम दो मैं भी सॉफ कर के चिकनी कर लूँ."

"ओह पापा को आने दो, हो सकता है तुम्हारी अपने हाथ से सॉफ करके चोदे."

"तुम्हारी चूत कोपापा ने साफ करके चोदा था?"

"हां पापा ने मेरी चूत को अपने हाथ से चिकनी करके चोदा था. तुम भी अपने
पापा को फँसाओ. मेरे पापा कुच्छ दिनो मे तुम्हारी भी बड़ी कर देंगे."

"कितनी देर मे आएँगे तुम्हारे पापा."

"बस आते ही होंगे. तुम ज़रा मेरी चूत सहलाओ." उसने अपनी मोटी-मोटी
राने खोली तो मैं रीता की चूत देख निहाल हो गयी. उसकी पूरी
औरत की तरह बड़ी हो गयी थी. फाँक खुले थे. मैं एक हाथ से
रीता की चूत सहलाते हुवे उसकी चूची को दूसरे हाथ से पकड़ बोली,

"ईस्को भी?"

"हां." मैं उसकी चूत और चूची सहला रही थी. सहेली के नंगे
बदन से लड़के की तरह खेलते अनोखा मज़ा आ रहा था. धीरे-धीरे
मेरी उंगली उसकी चूत मे घुसती जा रही थी. वह टाँग फैलाए बेड
पर लेटी थी. मैने उससे कहा,

"रीता अपने पापा को कैसे फँसाऊं कोई रास्ता बताओ."

raj..
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Re: सहेली के पापा

Unread post by raj.. » 01 Nov 2014 22:11


"पहले तो किसी तरह से अपने पापा का लंड देखो. कितना लंबा और मोटा
है. फिर मैं तरीका बताउन्गि. अगर तुमको शरम लगे तो बताना मैं
खुद चलकर तुम्हारे पापा को फसाउन्गि. अभी तुम नादान हो." फिर हम
दोनो आपस मे मज़ा लेते रहे. 30-40 मिनिट बाद रीता मेरे गाल
सहलाते हुए बोली,

"अब पापा आते ही होंगे, चलो तैय्यार हो जाओ." फिर हम दोनो बाथरूम
मे जा पेशाब करने लगे. हम दोनो एक दूसरे की चूत से गिरते पेशाब
को देखते रहे तो रीता ने कहा,

"पापा चोदेन्गे तो थोडा दर्द होगा. घबराना नही, पहली बार दर्द होता
है फिर मज़ा आने लगता है."

"खून भी निकलेगा क्या रीता, सुना है पहली बार मे खून भी
निकलता है."

"ईसीलिए तो तुम्हारी चूत को उंगली से नही चोदा. जब पापा अपने लंड से
तुम्हारा खून निकालेंगे तो तुम दोनो को खूब मज़ा आएगा."

"रीता मुझे तो चुदवाना आता नही है."

"जब पापा मुझे चोदे तो पास बैठकर ध्यान से देखना. वैसे पापा
तुमको सिखा देंगे. एक बार मे मज़ा ना आए या मंन ना भरे तो
बताना पापा से फिर चुदवा दूँगी." फिर हम्दोनो मूत्कर कमरे मे आए
और जब मैं कप'डे पहन'ने लगी तो रीता बोली,

"क्या फायेदा. पापा बिना नंगी किए चोद्ते नही हैं. बस शरमाना नही.
जैसे कहे वैसे करना." फिर मुझे नंगी ही एक कुर्सी पर बिठा मेरे
हाथ को मेरी चूत पर रखकर कहा,

"चूत को छुपा लो, जब पापा कहे तभी दिखाना." रीता की हर्कतो से
बहाल हो चुकी थी. नंगी होकर गदराई चूत को हाथ से ढॅक कर
बैंठी थी. चूचियाँ फदक रही थी. मैं आज बहुत मस्त थी. रात
के 9 बज चुके थे और हम्दोनो एकदम रेडी थे. रीता की चूत चिकनी
थी पर उसके पापा ने चोद्कर फैला दिया था. तभी उसके पापा रोज़ की
तरह मज़ा लेने की नियत से नीचे से तैय्यार हो लूँगी पहन कर ऊपर आए.
वो जानते थे कि रीता ऊपर कमरे मे होगी ही. आहट पाने पर रीता
मेरी लेफ्ट चूची को मसल्ति बोली,

"पापा आ रहे हैं." और खुद नंगी ही दरवाज़े से बाहर निकल गयी.
ईस बात से मेरा नंगा बदन सनसना गया . चूत की फाँक खुलने
लगी. रीता के पापा के साथ आने वाले मज़े की बात सोच पूरा बदन
सनसना गया . मैं चूत को हाथ से ढके कुर्सी पर बैठी रही.

raj..
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Re: सहेली के पापा

Unread post by raj.. » 01 Nov 2014 22:11


तभी रीता अपने पापा के साथ कमरे मे आई. जिस तरह दोनो अंदर
आए थे, उसे देख और भी मस्त हुई. सहेली के पापा रीता की पीठ के
पीछे से लेफ्ट हॅंड डाले उसकी लेफ्ट चूची को पकड़े थे और रीता
राइट हॅंड से अपने पापा का लंड पकड़ लूँगी से बाहर किए. लंड अभी
पूरी तरह खड़ा नही था. दोनो को इस तरह देख तो कोई 60 साल की
भी चुदवाने को मचल जाती, मैं तो फिर 16 साल की थी. देखते ही
मस्ती जवान हुई और चूत मे लहर उठने लगी. चूचियाँ गुदगुदा
उठी. लंड पहली बार देख रही थी. रीता अपने पापा के लंड को पकड़े
थी इसलिए केवल आगे का सूपड़ा ही दिख रहा था. मुझे नशा सा हो
गया और रीता की तरह मैं भी लंड पकड़ने को बेताब हुई. मेरी ओर
उंगली से इशारा करती रीता बोली,

"पापा यह मेरी सहेली है."
क्रमशः...............


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