चाचा बड़े जालिम हो तुम compleet

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raj..
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Re: चाचा बड़े जालिम हो तुम

Unread post by raj.. » 01 Nov 2014 22:32

Raj-Sharma-stories
चाचा बड़े जालिम हो तुम--7

गतान्क से आगे......


अपना पूरा बदन रज़िया से तुझसे चटवाके रज़िया की गांद मे उंगली करने लगा हरी. फिर उसने रज़िया को टर्न करते कुतिया बनाते पीछे से चूत पे लंड दबाते मम्मे मसल्ते बोला, "ठीक है मेरी रंडी बेटी, तेरी मा को ही सुला मेरे नीचे. चल अब कुतिया बनके पीछे से चूत चोद्ता हूँ तेरी रंडी. मुझे मुसलमान लड़की को कुतिया बनाके चोदने बड़ा मज़ा आता है, इससे लॉडा पूरा अंदर जाता है और मम्मे भी मसल सकता हूँ जैसा चाहे वैसे."


रज़िया कुतिया बनते हरी का लंड लेने लगी. हरी धक्के मारता तो मम्मे ज़ोरो से हिलते और उन्हे बड़ी ही बेरहमी से हरी मसलता जैसे कोई आटा गूँथ रहा हो. रज़िया ने इतनी चुदाई पहले कभी नही अनुभव की थी. उसकी सास फूल गयी और वो हान्फ्ते बोली, "चाचा और कितना अंदर डालना है? कुतिया की तरह झुकके लॉडा लिया है ना तो अब और कितना झूकू?"


इतना कहते रज़िया एक बार झाड़ गयी. हरी पीछे से ज़ोर्से धक्के मारते मम्मे मसालते बोला, "रज़िया बेटी यह क्या? तू थक गयी? पूरी रात चुदवाना है ना रंडी? देख तू 1 बार झाड़ गयी पर मेरा लॉडा अब भी टाइट है. मादरचोद अभी तो मैं एक बार भी नही झाड़ा और तू बस बोल रही है."

हरी भी अब झड़ने के करीब था. हरी की बात का रज़िया ने कोई जवाब नही दिया थकावट से. एक बार झड़ने से रज़िया एकदम ढीली हो गयी. हरी के झटको से उसका पूरा बदन हिलता है. उसका जिस्म पूरा पसीने से तर बतर हो गया था. रज़िया अब मानो एक बेजान लाश की तरह हरी के धक्को को सहन कर रही थी. रज़िया अपनी गंद हिलाते हरी के धक्के ले रही थी. इधर हरी कभी उसके मम्मो को पकड़ के या कभी उसकी कमर से पकड़ के एकदम से ज़ोर्से चोद रहा था. चोदते - चोद्ते जैसे हरी झड़ते के करीब आया उसने कस के रज़िया की कमर दबोचते लंड पूरा उसकी चूत मे घुसाते कहा, "उफ़फ्फ़ आह रंडी साली मज़ा आया तुझे चोदने रज़िया. ऐसे मस्त चूत आजतक नही चोदि, रंडी अब मैं भी ज़ड़नेवाला हूं. तेरी मस्त गर्म चूत मे झड़के तुझे मा बनाउन्गा मेरी जान." अचानक रज़िया को टर्न करके फिर पीठ पे सुलाते टाँगे पेट पे मोडके दबाते, लंड चूत मे घुसाके हाफ्ते हुए धक्के देने लगा हरी. जैसेही लंड झड़ने लगता है बड़ी बेरहमी से रज़िया के मम्मे निचोड़ते वो बोला, "अहह उउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ र्र्र्र्र्र्र्राआन्न्न्न्न्न्द्द्द्द्दीईईई कककचहुउऊउउत्त्त्तत्त लीईई म्म्म्म्मीईर्र्र्र्र्र्राआअ पााआन्न्‍नन्निईीई अहह."

रज़िया ने भी हरी को कस्के पकड़ते टाँगे उसकी पीठ पे रगड़ते कहा, "आआहह नूओ चाचा आमम्मानं बाररर भी आआपप काअ अररासस्स तो लगता हैं मेरी बाकच्छेददाअणी माऐइं जाएगा."


"हाआअन्न इसलिए तो चोद रहा हूँ रंडी तुझे, तू मेरे बच्चे की मा बनेगी, लीई सलल्ल्ल्लीइीई निचोड़ मेरे लॉड का पूरा पानी." ज़ोर्से लंड चूत पे रगड़ते हरी लंड चूत मे पूरी तरह घुसा देता है. दोनो के बदन पसीने से भीग गये है. हरी अब रज़िया को किस करने लगा. रज़िया भी हरी से लिपटके उसके किस का मज़ा लेने लगी. अब धीरे - धीरे हरी के धक्के कम होते जाते है और वो रज़िया से लिपटके उसी पोज़िशन मे रज़िया के उप्पर सोए रहता है. रज़िया की चूत हरी के लंड का पानी निचोड़ लेती है. लंड अब भी चूत मे ही है. रज़िया का फेस और मम्मे चाटते हरी बोला, "रज़िया बेटी, मेरी प्यारी रंडी बेटी, माज़ा आया ना तुझे? पूरी मस्ती मिली ना?या कोई कमी रह गयी चुदाई मे?"

raj..
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Re: चाचा बड़े जालिम हो तुम

Unread post by raj.. » 01 Nov 2014 22:33



रज़िया को बोलने का होश नही है पर वो अपने मूह के आवभाव से एकदम आश्वस्त दिखते वैसा जताते हरी को यह मेसेज कॉनवे करती है कि उसे इस चुदाई से बहुत मज़ा आया. फिर हरी लंड चूत से निकालते, वही पड़ी नाइटी से लंड और चूत पोंछ के रज़िया को खड़ी करके पानी लाने को बोलता है तो रज़िया नंगी जाके पानी लाती है. नंगी रज़िया को गोद मे बिठा दोनो पानी पीते है. पानी पीके हरी बोला, "रज़िया तेरा चहेरा तो खिल गया है, लगता है बड़े दिनो से प्यासी थी और आज इस जिस्म को चुदाई से शांति मिली. देख तेरा चहेरा कैसे खुशी से फूल गया है और यह मम्मे देख कैसे एक पराए मर्द के हाथ लगने से अब भी कड़क हो गये है." हरी के गले मे हाथ डालते रज़िया खुशी से बोली, "हां चाचा..सही कह रहे हो, यह मम्मे ढीले होने का नाम ही नही लेते और यह चूत को देखिए, बंद होने का नाम नही लेती, देखो खुली की खुली ही है आप जैसे मस्त मर्द से मसलके चुदवाने के बाद ."


रज़िया के निपल पिंच करते हरी बोला, "आरे मेरी मदरचोड़ रंडी रज़िया, मेरा लॉडा गया था ना तो अब यह हमेशा मेरा लॉड की याद मे तेरी चूत खुली ही रहेगी. अब तेरी इस रंडी मुसलमानी चूत को तेरे हिजड़े पति के लंड का नही हरी चाचा के लॉड का इंतज़ार रहेगा." इस बात पे शरमाते हस्ते रज़िया अपना चहेरा हरी के सीने मे छुपा है. रज़िया की इस अदा पे खुश होते हरी उसे किस करते बोला, "उफ़फ्फ़ आह क्या शरमाती है. आरे बेटी तेरे इस शरमाने से मैं और ही तेरा दीवाना बन गया हूँ. चुदवाते वक़्त रंडी होती हो पर बाद मे ऐसे मस्त शरमाती हो कि क्या कहे."


रज़िया हरी की गोदी मे मूह डालके लेट जाती है. हरी के लंड और झाँत से आती खुशुबू वो करीब से सूंघते बोली, "चाचा क्या मैं पूरी रात आपके लंड को अपने मूह मे लेके इसी तरह सो जाउ?" इस बात पे हरी बोला, "हां बेटी, अब तेरी सास आने तक हर्दिन,हर रात हर पल मेरा लॉडा तेरे पास रहेगा. अब मेरा लॉडा मूह मे लेक सो जा पर बेटी सुबह होने के बाद तेरी चूत फिर चोदुन्गा. वैसे रात मे अगर तेरी नींद खुली तो लंड चूत या मूह मे ले लेना और मेरी खुली तो मैं तुझे मेरे उप्पर लेके लंड चूत मे डालके सो जाउन्गा ठीक है?"

"ऐसी बात है चाचा तो अभी ही चूत मे डालके सो जाओ ना. जब भी टाइट हो तो धीरे - धीरे मुझे धक्के देते देना ताकि उसका रस चूत मे टपकता रहे."


हरी हां बोलते अब खुद नीचे लेट जाता है और रज़िया को उप्पर लेता है. पर रज़िया ज़िद करके खुद हरी के नीचे आती है. एक बार फिर हरी अपना लंड रज़िया की चूत मे घुसाके निपल चूस्ते सो गया .


चुदाई का यह सिलसिला यूँ ही 10-15 दिन चलता रहा. रहमान के आने के बाद हरी दिन मे रज़िया को चोदने जाता. रज़िया की सास आने तक यह खेल चलता रहा. जब अगली बार रज़िया को पीरियड्स नही आए तब उसने जाके डॉक्टर से जाच कराई और डॉक्टर ने उसे खुश ख़बरे दी. खबर सुनके घर आके उसने पहले हरी को बुलाया और उसके पैर पकड़े. मा बनने की उसकी तमन्ना हरी ने पूरी की थी. फिर उसने अपनी सास को यह खबर हरी के सामने दी. रेहाना बी समझी कि रज़िया को सब बात पता चल गई है पर उससे अब कोई दिक्कत नही थी.


जल्द ही रेहाना बी घर आई और हरी को बुलाके उसका शुक्रिया अदा किया. जब रज़िया को लड़का हुआ तो खुशी से रेहाना बी ने हरी को 200000 रुपये और दिए. सब के लिए जिंदगी मस्त हो गई दोस्तो इस तरह ये कहानी यही समाप्त होती है आप सब को कहानी कैसी लगी मुझे ज़रूर बताना आपका दोस्त राज शर्मा

समाप्त

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