चाचा बड़े जालिम हो तुम compleet
Re: चाचा बड़े जालिम हो तुम
रज़िया की आदाओ और बातो से खुश होके हरी ने उसका सीना चूमते कहा, "हां री मेरी रंडी बेटी, तू तो मेनका है. साली तुझे देख के बड़े - बड़े साधु और मौलवी भी तुझे चोदना चाहँगे. इतनी करारी जवानी और कसा जिस्म तो आज तक नही देखा. बेटी जब भी मैं किसी औरत को चोद्ता हूँ तो उससे मैं मिन्नत करवाने लगता हूँ. इससे मेरे लॉड को अच्छा लगता है और इसलिए तू भी मुझसे मिन्नत कर, मेरे लॉड की भीक माँग ताकि मैं बेरहमी से तुझे चोद सकु. गांद और चूत चुदाई से बड़े होते है तो उसे भोसड़ा कहते है. अब मेरे साथ है तो आगे - आगे देखती जा तुझे बहुत सारी बाते समझ आएगी, चल मेरी रंडी बेटी, अपने हरी चाचा से भीक माँग लॉड कि."
हरी का मोटा गर्म लंड सहलाते रज़िया उसका सीना चूमते बोली, "चाचा आपके बिना कहे और बोले ही देखिए मैने तो मिन्नते शुरू कर दी है. देखो कैसे तना हुआ है मेरे हाथो मे आपका औज़ार. मैं क्या इसे अपने पेट पे रगडू ताकि मेरी नाभि थोड़ी बड़ी हो जाए और आपको उसके अंदर अपनी जीब डालने मे मज़ा आए. एक बात बोलो चाचा, तुम्हारा लंड सहलाती हूँ तो आप कहते हो मैं मेनका जैसी हूँ तो मैं जब रास्ते पे निकलती थी तब तो कोई मुझे वासना भरी नज़र से नही देखता था या आहे नही भरता था क्यों?"
"सिर्फ़ ऐसा मसल मत मेरा लॉडा रज़िया, मेरी प्यारी रंडी बेटी, मेरा लंड हाथ मे लेके, उसको चुमके मुझे बोल तेरी प्यास बुझाने को मेरे लॉड को चूम, उसकी पूजा कर जिससे खुश होके मैं तुझे चोदने की मेहरबानी करू. पहले तू मेरा लॉडा चूस, . चाट, मेरी . जीब से साफ कर उसके बाद मैं तेरी नाभि और चूत चाटूँगा मेरी रंडी बेटी." रज़िया को नीचे बिठा लंड उसके चहेरे पे घुमाते अब हरी आगे बोला, "बेटी तेरी सास बड़ी खाड़ुस और गुस्सेवाली औरत है और सब लोग उससे डरते है इस लिए तुझे रास्ते पे देखके भी कोई आहे नही भरता. पर मेरे जैसे मर्द तुझे चोदने की तमन्ना रखते है, तुझे नंगी करके बेरहमी से चोदने की बड़ी इच्छा है कई मर्दो को."
हरी चाचा का चहेरे पे घूमता गर्म लंड रज़िया बेशर्मी से पकड़ते 1 - 2 बार उसकी टोपी चूमते मूह मे डालते गन्ने की तरह चूसने लगी. फिर धीरे - धीरे पूरा लंड निगलके उसे निकालके हरी की गोतिया अब चाट के 1 - 1 करके दोनो को बारी - बारी मूह मे लेके बोली , ". मेरी सास खाड़ुस और गुस्से वाली है तो क्या हुआ? मैं तो करीबन अकेली ही बाहर निकलती हूँ. मैने तो तब कभी यह फील नही किया कि कोई मर्द मुझपे मरता है. और आप कह रहे हो तुम्हारे जैसे मर्दो की इच्छा है . जी भरके मस्ती करने की?"
अपनी लूँगी निकाल डालते हरी रज़िया के बालो मे हाथ घूमाते प्यार से चहेरा सहलाते रज़िया के मूह मैं लंड डालके उसका मूह चोद्ते बोला, ". ऐसे ही चूस चाचा का लॉडा मेरी रंडी बेटी. भगवान से दुआ है तेरी जैसी रंडी बेटी मेरे जैसे हर एक चुड़क्कड़ को मिले. अरे तेरी हरामी सास से कौन पंगा ले इसलिए कोई तुझे नही छेड़ता था. तेरी हरामी सास गाली देने मे तो झोपड़पट्टी की औरत को भी शर्माके रख दे. एक बार जब बाजू का केलवाला तुझे देखके कुछ बोला तो इत्तफाक से तेरी सास वही खड़ी थी और तब उसे जो खरी खोटी सुनाई उसको कि बेचारा दूसरे दिन से आया ही नही यहा."
हरी का लॉडा रज़िया के मूह मे पूरा घुसा हुआ था और रज़िया बारी - बारी उसे चुस्के बाहर निकाल के गोतिया और लंड के बेस को चाटने लगी. फिर हरी एके झांट के बालो को भी अपनी जीब से सॉफ करते वो बोली, "मुझे तो ऐसा कुछ सासू जी ने नही बताया था. वैसे वो केलेवाला कौन था और वो क्या बोला था? वैसे क्या आप अभी बोल रहे हो ऐसा बोला था क्या चाचा?"
इतने बोलते रज़िया हरी की गांद की तरफ अपनी जीब का रुख़ करती है. हरी बड़े प्यार से रज़िया के बालो मे हाथ घूमाते एक पैर सोफे पे रखके उसका सिर अपनी गांद तक ले जाते बोला, "अब तेरी सास क्या बताती तुझे? वो केलेवाला बोला था 'हरी भाई रज़िया को मेरा केला देने की बड़ी इच्छा है, साली क्या मस्त माल है, . गांद मे केला डालना चाहिए. साली बहुत गांद मटका कर चलती है, एक दम रंडी जैसी चाल है इसकी.' जब रहीम यह बोल रहा था तेरी सास पीछे खड़ी थी, मैने उससे देखा था इसलिए मैं कुछ नही बोला क्योंकि मैं तेरी सास का गुस्सा जानता था. पर तेरी सास ने सुना और मा बेहन की गालिया देते बहुत डांटा रहीम को. वो बेचारा डर के निकल ही गया वाहा से और फिर कभी ठेला नही लगाया उसने इधर. वैसे मेरी रंडी बेटी रज़िया, तुझे अच्छा लगता है जब मैं तुझे रंडी बोलता हूँ, गालिया देता हूँ? क्या तू मेरी रंडी बनेगी, मेरी रखैल बनेगी, एक हिंदू बाप की रखैल मुसलमान बेटी बनेगी तू?"
Re: चाचा बड़े जालिम हो तुम
हरी की गांद हाथो से फैलाते रज़िया ने 1 - 2 बार चाटी. एक पनजेंट स्मेल और टेस्ट का अनुभव हुआ उसे. फिर 1 - 2 बार गंद चाट के वो बोली, "लेकिन चाचा कुछ तो बोलती ना मेरी सास मेरे पहनावे पे? कि रज़िया ऐसा मत पहनो, ऐसा मत करो, पर उन्होने तो मुझे कभी नही टोका. नॉर्मल रहती थी वो तो. और क्या चाचा, हर कोई मर्द ऐसा तो नही सोचता ना जैसा आप और केलेवाला सोचते है. शायद उस. वजह से सास ने मुझे कभी टोका नही किसी बात पे."
अपनी गांद और झांट और गांद को चटवाकर हरी को अच्छा लग रहा था. यह साली रज़िया तो एकदम रंडी निकली. कैसे बिना बोले हरी की गांद चाट रही थी. जब रज़िया ने जीब हरी की गंद के छेद पे दबाई तो हरी उसका सिर गांद पे दबाते बोला, ". और अच्छे से चाट बेटी अपने हिंदू बाप की गांद, मज़ा आ रहा है तेरे चाटने से रंडी बेटी. रज़िया तेरी सास तुझे कभी कोई पहरावे के बारे मे टोकती नही वो इसलिए कि तेरी सास को तेरा सजना धजना अच्छा लगता है. वो मुझसे बोली कि लाखो मे एक बहू है मेरी. कितना अच्छा दिखती है पर ज़रा भी घमंडी नही, ना किसी दूसरे मर्द को देखती है ना कोई दर्द किसी से शेअर् करती है, सबको खुश रखती है मेरी प्यारी बहू. देख अभी तू कैसे तेरे हरी चाचा को खुश कर रही है."
हरी को टर्न करके झुकाते रज़िया उसकी गांद खोलके चाटने लगी. इससे उसके मम्मे हरी की नंगी जाँघो पे रगडे जा रहे थे. ऐसे ही गांद चाटते और मम्मे झांग पे रगड़ते रज़िया बोली, ". आप ठीक कहते है चाचा. इसलिए मेरी सास कभी मुझे टोकती नही क्योकि मैने आजके पहले कभी छिछोरिपन नही किया था जैसे आज आपके साथ कर रही हूँ. चाचा मैं ऐसे चाट्ती हूँ और आप को अच्छा लगता है तो क्या सभी मर्दो को आता है ऐसा मज़ा? मैं अपने पति की भी यही सेवा करती हूँ तो वो इतना उछलता नही जैसे आप कर रहे है. शायद उसका खून आपके इतना गर्म नही होता होगा. पर चाचा, पता नही मुझे बोहुत मज़ा आता है ऐसा करने मे. मेरे जिस्म मे मानो सरसराहट सी होती है, मर्द का लिंग मूह मे लेने और उसका पिछवाड़ा चाटने मे."
रज़िया का एक हाथ अपने लंड पे रखते हरी बोला, "हां बेटी, तेरी जैसे जवानी औरत से गांद चाटवाके सब मर्दो को मज़ा आता है. आजतक जितनी औरतो ने गांद चाती मेरी वो तेरे सामने कुछ नही. तू जी जान से गांद चाट्ती है, पूरे प्यार से चाट रही है, तू मेरी गांद चाट और मैं तेरी गांद मारूँगा. बेटी तूने यह बताया नही कि तुझे तेरा यह हिंदू बाप पसंद है या नही? इस हिंदू बाप की रंडी मुसलमान बेटी बनके रहेगी?"
रज़िया हरी को तुर्न करके सोफे पे बिठाते उसकी गोदी मे अपना मूह डालके उसकी झांट को चाटने लगी. झतो से आती खुशुबू से रज़िया मदहोश होके अपनी टाँगे खोलके हरी को अपनी नंगी चूत का दर्शन करवाते बोली, "हाई रब्बा, इसका मतलब मेरे जैसी कई लड़कियो के साथ..चाचा? और हां चाचा, मुझे आपकी रंडी मुसलमान बेटी बनके रहना पसंद है. आजसे यह रंडी मुसलमान बेटी अपने हिंदू बाप की जो वो चाहे वैसे सेवा करेगी."
रज़िया का मूह झांतो पे दबा कर पैर के अंगूठे से रज़िया की चूत कुरेदते हरी बोला," हां बेटी, तेरी जैसे बहुत लड़कियो को चोदा है मैने , कमसिन और शादी शुदा औरतो को चोदना मेरा शौक है. मेरा लॉडा देखके तेरी जैसे लड़किया कुछ भी करने लगती है मेरे लिए. वैसे तू लंड , झाट और गांद चाटने मे बड़ी माहिर लगती है रज़िया? कितने लॉड चूसने है तूने आज तक?"
पैर फैलाक़े चौड़े करते रज़िया हरी के अंगूठे को चूत मे घुसने के लिए चूत का मूह खोलके लंड को मूह से निकालते उसकी तरफ मूह करते बोली, "आपकी कसम चाचा, आज से पहले सिर्फ़ अपने मिया का ही लंड चूसा और उसकी गांद चाती थी. पर पता नही आज मुझे क्या हो गया है. कुछ पता ही नही चलता कि मैं ऐसा क्यूँ करती हून. शायद इतने तगड़े लंड के सामने होने से मैं बेशर्म हो गये हूँ और रंडी जैसे बर्ताव कर रही हूँ.
क्रमशः.......
Re: चाचा बड़े जालिम हो तुम
Raj-Sharma-stories
चाचा बड़े जालिम हो तुम--5
गतान्क से आगे......
एक पैर से रज़िया की नंगी टाँगे सहलाते दूसरे का अंगूठा चूत पे रगड़ते अंदर दबाते हरी रज़िया के बाल पकड़के अपनी गंद चाटने वाले रज़िया के होंठ और झीब चूमते उसके मम्मे मसल्ते बोला, "आरे बेटी, तू ऐसी रंडी बाजी इसलिए कर रही है क्योकि तू बहुत दिनो से प्यासी थी और ऐसा लंड देखने के बाद तू अपने आप पे कॉंट्रल नही रख सकी समझी? रज़िया मेरा यह लॉडा देखके तो कितनी औरतो ने चुदवाने से इनकार किया पर तू मेरा लंड चुस्के उसे और ही कड़क कर रही है. बहनचोड़ साली आज तुझे खूब चोदुन्गा मदेर्चोद रंडी."
हरी के मूह से गंदी गलिया सुनके भी रज़िया खुश थी. आज उसे ऐसा लंड मिला था जिसके सामने वो खुद रंडी बनने तय्यार थी तो गालिया कौनसी बड़ी बात थी. रज़िया हरी को बाक़ायदा किस करते उसके लंड से खेलते बोली, "ह्म्म्म्म इस्श चाचा कुछ हो रहा है आपके मसल्ने और गालिया देने से. चाचा मुझे मारे मम्मे और कड़क लगने लगे है और चूत और ही प्यासी लगती है. चाचा, आपको कैसे पता चला कि मैं प्यासी हून?"
नंगी रज़िया को गोद से उठाके खड़ी करके पूरे जिस्म को सहलाते, गंद मसल्ते, मम्मे चूस्ते, चूत मे उंगली करते हरी बोला, "रज़िया, मेरी रंडी बेटी, मैने तेरी नज़र से समझा क़ि तू प्यासी है, अगर प्यासी नही होती तो वो जिस्म दिखानेवाली नाइटी पेहन्के आती क्या मेरे सामने? मेरी रंडी बेटी, इतनी लड़किया चोदि पर तेरी जैसे लड़की नही देखी, शादी के 6 साल बाद भी इतने सख़्त मम्मे, टाइट गोल गांद, ऐसी चॉक्लेट रंग की चूत और यह कसा हुआ जिस्म. आह मस्त माल है तू, मैं बहुत दिनो से तुझे चोदना चाहता था, पर हिम्मत नही हुई, आज पूरी इच्छा पूरी करूँगा. बेटी यह बता तू क्या सोचती थी मेरे बारे मैं?"
हरी का लंड पकड़के खुद अपनी चूत पे रगड़ते रज़िया बोली, "मैं क्या सोचती आपके बारे मे? आप तो मेरे पिता की उमर के थे, पर आपका तना हुआ लंड देखा तो मैने सोचा पचास साल के बूढ़े या पचास साल के जवान. मानने मे ही नही आता..और अभी जब आपने कहा कई लड़कियो को आपने खुश किया है, यह सुनके तो मैं हैरान ही हो गयी हूँ. पता नही मैं भी खुश होके रात को सोयूँगी कि नही. चाचा यह बात रहने दो कि मैं बेचैन थी इसलिए मैने नाइटी पहनी है. यह तो मैं हर रात पहनती हूँ. और मेरी चूत के कलर का मेरी प्यास से क्या लेना देना चाचा?"
हरी रज़िया को टर्न करके उसकी नंगी गांद पे अपना मोटा गर्म लंड रगड़ते, उसकी नेक पर बाइट करते, चूत मैं उंगली करते बोला, " आरे पिता की उमर का हुआ पर बाप नही हूँ ना? बहनचोड़ साली देख खुद कैसे मेरा लंड अपनी चूत पे रगड़ रही थी हरामी? तेरी मा की चूत मदरचोड़, आख़िर मैं भी एक मर्द हूँ, अब तेरे चूतिया मिया का इस उमर मे लॉडा खड़ा नही होता तो मैं क्या कर सकता हूँ? हम जैसे हिंदुओं ने तेरी जैसी मुसलमान लड़की को देखा नही क़ि लॉडा बोलता है चोदो इसे, अब तू देख आज रात भर तुझे कैसे चोद्ता हूँ, तेरी चूत, मूह और गांद मारके तुझे बहाल करूँगा, तुझे वो खुशी दूँगा जो आज तक नही मिली समझी? आज रात भर तेरी चूत मे मेरा लॉडा होगा और तुझे चोद्ता रहूँगा साली हरामी."
अपना हाथ पीछे करके अपनी गांद पे दस्तक दे रहे लंड को पकड़के, गांद पे रगड़ते अब रज़िया बोली, "इस्शह चाचा बोहुत लंबा और मोटा है आपका लॉडा, लेकिन ग़लत जगह पे ग़लत चीज़ क्यों करते हो? आपके इस लॉड की आज रात की सही जगह पीछे नही आगे का छेद है. वैसे अगर अपने लॉड को पीछे घुसाया तो आगे के छेद की क्या आपकी उंगली लेगी? चाचा सच बोलो ऐसा जिस्म आजतक नही देखा ना? मुझे तो पता नही, लेकिन तुम्हारे लंड की सख्ती देखके कहती हूँ कि मैने आजतक आपके लंड जैसा सख़्त लॉडा देखा नही. लगता है इसको मेरा जिस्म बहुत रास आएगा.ये गुलाबी चुचियो के उपर की नौक और यह काली नही हुई चूत, सही मैं चाचा आपकी सख्ती और सहलाना मुझे बेचैन कर रहा है चाचा. देखो मेरे जिस्म मे कही सख्ती और कही नर्मी आ गयी है."
चाचा बड़े जालिम हो तुम--5
गतान्क से आगे......
एक पैर से रज़िया की नंगी टाँगे सहलाते दूसरे का अंगूठा चूत पे रगड़ते अंदर दबाते हरी रज़िया के बाल पकड़के अपनी गंद चाटने वाले रज़िया के होंठ और झीब चूमते उसके मम्मे मसल्ते बोला, "आरे बेटी, तू ऐसी रंडी बाजी इसलिए कर रही है क्योकि तू बहुत दिनो से प्यासी थी और ऐसा लंड देखने के बाद तू अपने आप पे कॉंट्रल नही रख सकी समझी? रज़िया मेरा यह लॉडा देखके तो कितनी औरतो ने चुदवाने से इनकार किया पर तू मेरा लंड चुस्के उसे और ही कड़क कर रही है. बहनचोड़ साली आज तुझे खूब चोदुन्गा मदेर्चोद रंडी."
हरी के मूह से गंदी गलिया सुनके भी रज़िया खुश थी. आज उसे ऐसा लंड मिला था जिसके सामने वो खुद रंडी बनने तय्यार थी तो गालिया कौनसी बड़ी बात थी. रज़िया हरी को बाक़ायदा किस करते उसके लंड से खेलते बोली, "ह्म्म्म्म इस्श चाचा कुछ हो रहा है आपके मसल्ने और गालिया देने से. चाचा मुझे मारे मम्मे और कड़क लगने लगे है और चूत और ही प्यासी लगती है. चाचा, आपको कैसे पता चला कि मैं प्यासी हून?"
नंगी रज़िया को गोद से उठाके खड़ी करके पूरे जिस्म को सहलाते, गंद मसल्ते, मम्मे चूस्ते, चूत मे उंगली करते हरी बोला, "रज़िया, मेरी रंडी बेटी, मैने तेरी नज़र से समझा क़ि तू प्यासी है, अगर प्यासी नही होती तो वो जिस्म दिखानेवाली नाइटी पेहन्के आती क्या मेरे सामने? मेरी रंडी बेटी, इतनी लड़किया चोदि पर तेरी जैसे लड़की नही देखी, शादी के 6 साल बाद भी इतने सख़्त मम्मे, टाइट गोल गांद, ऐसी चॉक्लेट रंग की चूत और यह कसा हुआ जिस्म. आह मस्त माल है तू, मैं बहुत दिनो से तुझे चोदना चाहता था, पर हिम्मत नही हुई, आज पूरी इच्छा पूरी करूँगा. बेटी यह बता तू क्या सोचती थी मेरे बारे मैं?"
हरी का लंड पकड़के खुद अपनी चूत पे रगड़ते रज़िया बोली, "मैं क्या सोचती आपके बारे मे? आप तो मेरे पिता की उमर के थे, पर आपका तना हुआ लंड देखा तो मैने सोचा पचास साल के बूढ़े या पचास साल के जवान. मानने मे ही नही आता..और अभी जब आपने कहा कई लड़कियो को आपने खुश किया है, यह सुनके तो मैं हैरान ही हो गयी हूँ. पता नही मैं भी खुश होके रात को सोयूँगी कि नही. चाचा यह बात रहने दो कि मैं बेचैन थी इसलिए मैने नाइटी पहनी है. यह तो मैं हर रात पहनती हूँ. और मेरी चूत के कलर का मेरी प्यास से क्या लेना देना चाचा?"
हरी रज़िया को टर्न करके उसकी नंगी गांद पे अपना मोटा गर्म लंड रगड़ते, उसकी नेक पर बाइट करते, चूत मैं उंगली करते बोला, " आरे पिता की उमर का हुआ पर बाप नही हूँ ना? बहनचोड़ साली देख खुद कैसे मेरा लंड अपनी चूत पे रगड़ रही थी हरामी? तेरी मा की चूत मदरचोड़, आख़िर मैं भी एक मर्द हूँ, अब तेरे चूतिया मिया का इस उमर मे लॉडा खड़ा नही होता तो मैं क्या कर सकता हूँ? हम जैसे हिंदुओं ने तेरी जैसी मुसलमान लड़की को देखा नही क़ि लॉडा बोलता है चोदो इसे, अब तू देख आज रात भर तुझे कैसे चोद्ता हूँ, तेरी चूत, मूह और गांद मारके तुझे बहाल करूँगा, तुझे वो खुशी दूँगा जो आज तक नही मिली समझी? आज रात भर तेरी चूत मे मेरा लॉडा होगा और तुझे चोद्ता रहूँगा साली हरामी."
अपना हाथ पीछे करके अपनी गांद पे दस्तक दे रहे लंड को पकड़के, गांद पे रगड़ते अब रज़िया बोली, "इस्शह चाचा बोहुत लंबा और मोटा है आपका लॉडा, लेकिन ग़लत जगह पे ग़लत चीज़ क्यों करते हो? आपके इस लॉड की आज रात की सही जगह पीछे नही आगे का छेद है. वैसे अगर अपने लॉड को पीछे घुसाया तो आगे के छेद की क्या आपकी उंगली लेगी? चाचा सच बोलो ऐसा जिस्म आजतक नही देखा ना? मुझे तो पता नही, लेकिन तुम्हारे लंड की सख्ती देखके कहती हूँ कि मैने आजतक आपके लंड जैसा सख़्त लॉडा देखा नही. लगता है इसको मेरा जिस्म बहुत रास आएगा.ये गुलाबी चुचियो के उपर की नौक और यह काली नही हुई चूत, सही मैं चाचा आपकी सख्ती और सहलाना मुझे बेचैन कर रहा है चाचा. देखो मेरे जिस्म मे कही सख्ती और कही नर्मी आ गयी है."