चाचा बड़े जालिम हो तुम compleet

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: चाचा बड़े जालिम हो तुम

Unread post by raj.. » 01 Nov 2014 22:24



हरी फिर मम्मा नंगा करते उसे टटोलते बोला, "अच्छी बात है, यह बता रज़िया तुम हफ्ते मे कितनी बार मस्ती करती हो? मस्ती समझी ना? बिस्तर मे कपड़े उतार के एक दूसरे की प्यास बुझाते हो ना?


हरी के हाथ पे हाथ रखते रज़िया बोली, "चाचा मेरे कपड़ो और आपके इलाज के बीच के संबंध मे मस्ती कहा से आई? उससे मेरे इलाज का क्या वास्ता?"

रज़िया का मम्मा हल्के हल्के दबाते हरी बोला, "देख तू ऐसे सवाल पूछेगी तो इलाज़ नही कर सकता? डॉक्टर के पास जाती है तो सब पूछता है ना वो? अब मुझे डॉक्टर समझके जवाब दे."


रज़िया हरी के हाथ मम्मे से हटा अपनी नंगी जाँघ पे रखते बोली, "हां लेकिन मेरे सवाल का जवाब पहले देता है और मुझे समझाता है फिर आगे सवाल करता है डॉक्टर."


जांघे सहलाते अब दूसरा हाथ नंगे मम्मे पे रखते हरी बोला, "मैं अलग किसम का डॉक्टर हूँ इस लिए पहले सब सवाल पूछके बाद मैं इलाज़ बताउन्गा. अब बता कितनी बार मस्ती करते हो तुम दोनो?"


रज़िया बोली,"महीने मैं एक दो बार,बस."


"क्या बोलती हो? बस 1-2 बार? क्यों ऐसा क्यो रज़िया? तुझे इच्छा नही होती और करने की या वो नही करना चाहता और मस्ती?


हरी की गले मे एक हाथ डालते रज़िया बोली,"वो महीना-महीना भर तो बाहर रहते है तो कैसे हम ज़्यादा मस्ती कर सकते है चाचा.और वैसे भी मुझे ही पहल करनी पड़ती है. रहमान बोलता है कि वो थक गया है और मस्ती नही करना चाहता."


हरी रज़िया को अब पूरी तरह गोद मे लिटाके उसके सिर के नीचे लंड रखता है.रज़िया के मम्मे नंगे करके गाउन कमर तक उप्पर करता है.रज़िया की चूत अब नंगी होती है. मम्मे मसल्ते निपल से खेलते चूत को देखते हरी बोला,"हां बेटी,बहुत मर्दो को वो काम करने के बाद यह काम करने की ताक़त नही रहती.जाने दे वो बात,अब यह कपड़े क्यों पहनने को कहा मैने यह बताता हूँ.देख बेटी,तुझे यह निघ्त्य इसलिए पहनाई क्योकि जब तेरा इलाज़ करू तब तेरे दिलो दिमाग़ मे वासना भरनी चाहिए.तुझे ऐसा लगे कि तेरा पति तेरे साथ खेल रहा है,तू इतनी उत्तजीत हो कि बेशर्म बनके बिना रोक टोक के इलाज़ करके ले.अच्छा अब यह बता बेटा कि तेरे पति का हथियार कितना लंबा और मोटा है?यह भी बता कि उसका हथियार तेरी जाँघो के बीच की दरार मे जाता है तो कितना टाइम लेता है पानी उगलने?बेटी बेशर्म होके मेरी बात का जवाब दे तो इलाज़ अच्छा होगा तेरा समझी?"

अपने सिर के नीचे गर्म लंड का टच,मम्मो पे हरी के कड़क हाथ और उसके सामने नीचे फैली नंगी चूत यह हाल रज़िया को अजीब लगा.एक पराए मर्द ने उसे करीब-करीब नंगी किया हुआ था और अब पर्सनल सवाल पूछ रहा था.जाँघो मे अपनी चूत छुपाते हरी की तरफ देखते रज़िया एकदम ही बेशर्मी से बोली, "पति खेल रहा है ऐसा लगना चाहिए ना चाचा? लेकिन कभी उसने खेला हो तब पता चले ना कि खेल किसे कहते है? वो तो बस कपड़े निकालके ज़रा चूमता है और घुसा देता है. रही बात रहमान के औज़ार की, तो होगा उसका औज़ार कोई 4-4.5" का. पानी छोड़ने की बात करते हो चाचा मेरे छेद मे जाने से पहले ही या तो हमारी रज़ाई या कंबल गीली हो जाती है तो मैं क्या करू? चाचा आपने यह सब पूछा और मैने जवाब दिया लेकिन ऐसी नाइटी से वासना कैसे बढ़ेगी यह तो बताओ ना?"


एक हाथ से मम्मे मसल्ते दूसरा हाथ रज़िया की नंगी जाँघ पे घूमते हरी बोला, "ओह अच्छा? मतलब वो क्या तुझे नंगी करके घुसाता है? तुझे नंगी करके, जिस्म मसलके, होत, सीना पेट नही चूमता? तेरे यह नोकिले निपल बच्चे जैसा नही चूस्ता? तेरी जाँघो के बीच की दरार सहला के कभी चाटता नही ? सिर्फ़ 4-4.5" का हथियार है उसका? तभी इतनी जल्दी पानी छोड़ देता है साला. अब रही बेटी इन कपड़ो की बात, रज़िया अब तू एक पराए हिंदू मर्द के सामने ऐसे आधी नंगी गाउन मे रहेगी तो तेरी वासना भड़केगी ना? तेरी वासना भड़की तो मुझे तेरा इलाज़ करने मे आसानी होगी क्योकि तू मेरी सब बाते मानेगी."

raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: चाचा बड़े जालिम हो तुम

Unread post by raj.. » 01 Nov 2014 22:25



"चाचा ...कितनी बार कहु अपने बेडरूम की बाते? ऐसा कुछ नही होता था, पल्लू सरकने पे तो सब कुछ ख़तम होता था. मेरे जिस्म को मसल्ते-मसल्ते ही रहमान का दम निकल जाता है. इतने तजुर्बेदार होके पे भी आप यह बचकाना सवाल करते हो. और चाचा आधी नंगी मैं नही खड़ी थी आपने किया है मुझे आधी नंगी.इससे मेरी वासना कैसे भड़केगी?"


"रज़िया बेटी तेरा पति बचकानी हरकत करता है इसलिए तुझे बच्चा नही होता समझी? साला तेरी चूत मे लंड घुसाने के पहले ही झाड़ जाता है तो खाक तेरी कोख मे बच्चा होगा? यह बता क्या मेरे हाथ से मेरे सामने आधी नंगी हुई तो गरम नही हुई? क्या अब भी तेरी चूत ठंडी और निपल कड़क नही हुए?" रज़िया का जिस्म मसल्ते हरी डाइरेक्ट्ली लंड ,चूत और चुदाई की बात करता है."


"शियी, चाचा, कैसे बाते करते हो? चूत!!??? लंड !!!??? चुदाई!!!??? अपनी बेटी की उमर की लड़की के सामने यह बात कैसे करते हो चाचा?" रज़िया एकदम मासूम बनती है. हाला कि उसे यह शब्द पहले से पता है पर नाटक करना उसकी फ़ितरत थी.


हरी रज़िया को अब खड़ी करके उसकी नाइटी पूरी उतारता है. नंगी रज़िया का जिस्म देखते हरी बोला, "हां बेटी, मर्द का लंड औरत की चूत मे घुसाके औरत को चोद्ता है, अच्छे से चोदने के बाद चूत मे पानी निकालता है जो औरत की कोख मे जाके उसे मा बनाता है, पर तुझे कैसे पता होगा? बहानचोड़ तेरा पति तो नमार्द है, मैं दिखाता हूँ तुझे मर्द क्या होता है, लंड किस कहते है और चुदाई कैसे करते है लंड से."


हरी ज़रा सख्ती से मम्मे मसलके निपल चूसने लगता है जिससे रज़िया दर्द से चीखते बोली, "ऊहह.. तो ऐसे बच्चा होता है? तो फिर कैसे होगा मेरे बच्चा ? वो तो घुसाने के पहले ही पानी उगलता है मेरे जिस्म पे ही. आहह चाचा धीरे दबाओ ना, इन दोनो को क्या ज़ोर से दबाने से क्या फ़र्क पड़ेगा?"


हरी और ज़ोर्से निपल मसल्ते उनको हल्के बाइट करते बोला, " आरे बेटी, अब यह हरी चाचा तुझे बच्चा देगा समझी? तेरी यह चूत को चोद्के उसमे इतना पानी भर दूँगा कि तू ज़रूर मा बनेगी. तेरा पति जो बच्चा तुझे नही दे सका वो यह हरी चाचा देगा. रज़िया ऐसे ज़ोर्से मम्मे दबाने और इन निपल को चबाने पे दर्द होता है? मज़ा नही आ रहा तुझे?


"हां चाचा दर्द होता है. तुम धीरे करते हो ना तब मज़ा आता है. होले - हौले मसलके चूसो ना इनको चाचा."
क्रमशः.......
......

raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: चाचा बड़े जालिम हो तुम

Unread post by raj.. » 01 Nov 2014 22:26

Raj-Sharma-stories
चाचा बड़े जालिम हो तुम--4
गतान्क से आगे......

हरी बिना रुके मम्मो से खेलते बोला, "इतना साल पति के साथ धीरे से किया अब असली मर्द के हाथ से दर्द क्यो होता है जान ले. माज़ा आएगा, बेटी चल तेरे बेडरूम मे, आज तुझसे मेरा बिस्तर गर्म करवा के तुझे चोद्के इलाज करूँगा."


रज़िया खुद दोनो बाँहे हरी के गले मे डालते बोली, "चाचू, अब यहा करे या बिस्तर मे बेडरूम मे उससे क्या फ़र्क पड़ेगा? जो भी करना हो करो लेकिन मेरी अंदर की प्यास बुझा दो. हां पर हौले - हौले मसलके करो चाचा, मेरा जिस्म . . हाई, धीरे - धीरे सब . करके .. पहली बार का है ना इसलिए कहती हूँ प्यार से करना जो करना है."


. हरी ने रज़िया का एक हाथ लूँगी के उप्पर से अपने लंड पे रखते उसके मम्मे और ज़ोर्से मसल्ते रज़िया को दर्द देते बोला, " आरे बेटी, धीरे - धीरे तेरे पति जैसे नमार्द करते है, हम जैसे गरम मर्द नही. तुझे बच्चा चाहिए ना तो जैसा मैं चाहू वैसा करूँगा, तेरे इस मुसलमानी जिस्म का भोसड़ा बना दूँगा, तुझे एक इज़्ज़तदार बीवी से एक रंडी औरत बनाके रखूँगा. अब तू मेरी लूँगी खोल औरमेरा लॉडा देख उसे सहला, उसकी पूजा कर और मुझसे मिन्नत कर तुझे चोद्के मा बनाने की."


एक पराए मर्द के हाथ नंगी होके उससे जिस्म मसलवाने और उसका लंड सहलाने मे रज़िया को ज़रा भी शर्म नही आई बल्कि अब दोनो हाथ से लंड सहलाते हरी के हाथ अपने मम्मो पे दबाते वो बोली, "अच्छा चाचा जैसे आपका जी चाहे वैसे मस्लो, लेकिन ध्यान रखना मेरा पहली बार का है एक पराए मर्द के साथ यह सब करना इसलिए मुझे ज़्यादा दर्द मत देना. और क्या बोला अपने? मिन्नत करू आपसे? पूजा करू इसकी? वो क्यों चाचा? आपका तो औज़ार है कि लंबा पाइप? देखो कितना बड़ा और मोटा हो गया है. अब इसकी मैं मिन्नत करूँगी तो अल्लाह जाने क्या हॅश्र होगा मेरा. मेरे मिया का औज़ार तो घुसाने से पहले ही झाड़ जाता है और आपका औज़ार घुसा तो बाहर ही नही निकलेगा. चाचा यह भोसड़ा क्या होता है? रंडी क्या होती है? रंडी तो बुरा शब्द है ना?"


रज़िया के जवाब से खुश होके हरी बोला, "आरे बेटी, पहली बार तू इतना मस्त लंड लेने वाली है पता है पर उसके लिए मिन्नत इसलिए माँगने को बोल रहा हूँ ताकि तुझे अहसास हो कि तुझे चोद्के मेहरबानी करनेवाला हूँ. जितनी तू मिन्नत करेगी उतने ज़्यादा जोश मे तुझे चोदुन्गा समझी बेटी? और भोसड़ा मतलब आज तुझे मेरे इस लंड से चोदने के बाद जब कभी तेरा मिया तेरी चूत मे लंड डालेगा, तुझे लगेगा जैसे किसी बच्चे की उंगली घुसी है तेरी चूत मे, तेरी चूत और गांद चोद्के इतनी चौड़ी कर डालूँगा कि तुझे सिर्फ़ मेरे लंड जैसे बड़े लंड से ही चुदवाने मज़ा आएगा. रंडी खराब शब्द है तो ज़रूर पर क्या एक पराए मर्द से चुदवाके तू रंडी बाजी नही कर रही? इसलिए तुझे अब मैने रंडी बुलाया."

हाथ नीचे करके हरी की लूँगी उप्पर उठाते रज़िया बोली, "चाचा यह बात सही है कि आप अपने इस औज़ार को मेरे नीचेवाले छेद मे डालके अपना कीमती रस अंदर डालके मुझे मा बनाओगे यह मुझ पर मेहेरबानी होगी. पर सच बोलो आपको मेरा जिस्म बहुत पसंद है ना? सच्ची बोलो. चाचा मैं भी सच कहती हूँ कि आप मेरे छेद मे रस डाल रहे हो इसके लिए मैं आपके औज़ार को चुस्के और बड़ा बनाउंगी." रज़िया अब नंगे लंड को पकड़के सर्प्राइज़्ड होके उसे मसल्ते बोली, "हाई अल्लाह, कितना लंबा और मोटा है आपका औज़ार. बाप रे बाप, इतनी मोटी तो मेरे पति की कलाई भी नही. अब समझी की आपने क्यों बोला कि मस्ती करने के बाद मेरा भोसड़ा बन जाएगा. चाचा मस्ती करने के बाद अगला पिछला छेद चौड़ा होता है और उसे भोसड़ा कहते है यह तो मुझे आज ही मालूम हुआ है ."

Post Reply