मजदूर नेता compleet

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rajaarkey
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Re: मजदूर नेता

Unread post by rajaarkey » 01 Nov 2014 22:40


“देखा मुझसे पंगा लेने का अंजाम. बड़ा गुरूर था इसको अपने रूप पर. देख आज मेरे सामने कैसे नंगी अपनी योनि फैला कर बैठी हुई है.” भोगी भाई ने अपनी दो मोटी मोटी उंगलियाँ मेरी योनि मे घुसा दी. मैं एक दम से सिहर उठी. मैं भी अब गरम होने लगी थी. मेरा दिल तो नहीं चाह रहा था मगर जिस्म उसकी बात नहीं सुन रहा था. उसकी उंगलियाँ कुच्छ देर तक अंदर खलबली मचाने के बाद बाहर निकली तो योनि रस से चुपड़ी हुई थी. वह अपनी उंगलिओ को अपनी नाक तक ले जाकर सूँघा फिर सब को दिखा कर कहा,

“अब ये भी गरम होने लगी है.” मेरे होंठों पर अपनी उंगलियाँ च्छुआ कर कहा.

“ले चाट इसे.” मैने अपनी जीभ निकाल कर अपने कामरस को पहली बार चखा. सारे एक दम से मेरे बदन पर टूट पड़े. कोई मेरी चूचियो को मसल रहा था तो कोई मेरी योनि मे उंगली डाल रहा था. मैं उनके बीच मे छटपटा रही थी. भोगी भाई ने सबको रुकने का इशारा किया. मैने देखा उसके कमर से तहमद हटी हुई है. और काला भुजंग सा लिंग तना हुआ खड़ा है. उसने मेरे सिर को पकड़ा और अपने लिंग पर दाब दिया.

“इसे ले अपने मुँह मे” उसने कहा

“मुँह खोल.” मैने झिझकते हुए अपना मुँह खोला तो उसका लिंग अंदर घुसता चला गया. बड़ी मुश्किल से ही उसके लिंग के उपर के हिस्से को मुँह मे ले पा रही थी. वा मेरे सिर को अपने लिंग पर दाब रहा था. उसका लिंग गले के द्वार पर जाकर फँस गया. मेरा दम घुटने लगा मैं च्चटपटा रही थी. उसने अपने हाथों का ज़ोर मेरे सिर से हटाया. कुच्छ सेकेंड्स के लिए कुच्छ राहत मिली तो मैने अपना सिर उपर खींचा. लिंग के कुच्छ इंच बाहर निकलते ही उसने वापस मेरा सिर दबा दिया. इस तरह वो मेरे मुँह मे अपना लिंग अंदर बाहर करने लगा. मैने कभी मुख मैथुन नहीं किया था इसलिए मुझे शुरू शुरू मे काफ़ी दिक्कत हुई. उबकाई सी आ रही थी. धीरे धीरे उसके लिंग की अभ्यस्त हो गयी. अब मेरा शरीर भी गर्म हो गया था. मेरी योनि गीली होने लगी.

बाकी तीनों मेरे बदन को मसल रहे थे. मुख मैथुन करते करते मुँह दर्द करने लगा था मगर वो था कि छ्चोड़ ही नहीं रहा था. कोई बीस मिनिट तक मेरे मुँह को चोदने के बाद उसका लिंग झटके खाने लगा. उसने अपना लिंग बाहर निकाला.

” मुँह खोल कर रख.” उसने कहा. मैने मुँह खोल दिया. ढेर सारा वीर्य उसकी लिंग से तेज धार सी निकल कर मेरे मुँह मे जा रही थी. जिसे एक आदमी मूवी कॅमरा मे क़ैद कर रहा था जब मुँह मे और आ नही पाया तो काफ़ी सारा वीर्य मुँह से छातियो पर टपकने लगा. उसने कुच्छ वीर्य मेरे चेहरे पर भी टपका दिया.

” बॉस का एक बूँद वीर्य भी बेकार नहीं जाए” एक चम्चे ने कहा. उसने अपनी उंगलियों से मेरी चूचियो एवं मेरे चेहरे पर लगे वीर्य को समेट कर मेरे मुँह मे डाल दिया. मुझे मन मार कर भी सारा गटाकना पड़ा…….

rajaarkey
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Re: मजदूर नेता

Unread post by rajaarkey » 01 Nov 2014 22:41


इस रंडी को बेडरूम मे ले चल.” भोगी भाई ने कहा. दो आदमी मुझे उठाकर लगभग खींचते हुए बेडरूम मे ले गये. बेडरूम मे एक बड़ा सा पलंग बिच्छा था. मुझे पलंग पर पटक दिया गया. भोगी भाई अपने हाथों मे ग्लास लेकर बिस्तर के पास एक कुर्सी पर बैठ गया.

” चलो शुरू हो जाओ” उसने अपने चम्चो से कहा. तीनो मुझ पर टूट पड़े. मेरी टाँगें फैला कर एक अपना मुँह मेरी योनि पर चिपका दिया. अपनी जीभ निकाल कर मेरे योनि को चूसने लगा. उसकी जीभ मेरे अंदर गर्मी फैला रही थी. मैने उसके सिर को पकड़ कर अपने योनि पर ज़ोर से दबा रखा था. मैं छटपटाने लगी.मुँह से

“आहूऊहह ऑफ आहह उ” जैसी आवाज़ें निकल रही थी. मैं अपना सिर झटक रही थी अपने उपर काबू रखने के लिए मगर मेरा शरीर था की बेकाबू होता जा रहा था.

बाकी दोनो मे से एक मेरे निपल्स पर दाँत गढ़ा रहा था तो एक ने मेरे मुँह मे अपना लिंग डाल दिया. सामूहिक संभोग का द्रिश्य था. और भोगी भाई पास बैठा मुझे नौचते हुए देख रहा था. भोगी भाई का लेने के बाद इस आदमी का लिंग तो बच्चे जैसा लग रहा था. वो बहुत जल्दी झाड़ गया. अब जो आदमी मेरी योनि चूस रहा था वो मेरी योनि से अलग हो गया. मैने अपनी योनि को जितना हो सकता था उँचा किया कि वो वापस अपनी जीभ अंदर डाल दे. मगर उसका इरादा कुच्छ और ही था.

उसने मेरे टाँगों को मोड़ कर अपने कंधे पर रख दिया और एक झटके मे अपना लिंग मेरी योनि मे डाल दिया. इस अचानक हुए हमले से मे छॅट्पाटा गयी. अब वो मेरी योनि मे तेज तेज झटके मारने लगा. दूसरा जो मेरी छातियोंको मसल रहा था मेरी छाती पर सवार हो गया और मेरे मुँह मे अपना लिंग डाल दिया. फिर मेरे मुँह को योनि की तरह चोदने लगा. उसके अंडकोस मेरी ठुड्डी से रगर खा रहे थे. दोनो ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहे थे. मेरी योनि पानी छ्चोड़ने लगी. मैं चीखना चाह रही थी मगर मुँह से सिर्फ़“उम्म्म्म उंफ़्ह” जैसी आवाज़ ही निकल रही थी. दोनो एक साथ वीर्य निकाल कर मेरे बदन पर लुढ़क गये. मैं ज़ोर ज़ोर से साँसें ले रही थी. बुरी तरह थक गयी थी मगर आज मेरे नसीब मे आराम नहीं लिखा था. उनके हट ते ही भोगी भाई उठा और मेरे पास आकर मुझे खींच कर उठाया और बिस्तर के कोने पर चौपाया बना दिया. फिर वो बिस्तर के पास खड़े होकर अपना लिंग मेरी टपकती योनि पर लगाया और एक झटके से अंदर डाल दिया. योनि गीली होने के कारण उसका मूसल जैसा लिंग लेते हुए भी कोई दर्द नहीं महसूस हुआ. मगर ऐसा लग रहा था मानो वो मेरे पूरे शरीर को चीरता हुआ मुँह से निकल जाएगा. फिर वो धक्के देने लगा. मजबूत पलंग भी उसके धक्के से चरमराने लगा. फिर मेरी क्या हालत हो रही होगी इसकी तो सिर्फ़ कल्पना ही की जा सकती है. मैं चीख रही थी.

rajaarkey
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Re: मजदूर नेता

Unread post by rajaarkey » 01 Nov 2014 22:41



“आहह ऊओ प्लीज़. प्लीज़ म्मुझे छोड़ दो. अया अया नाअहीइन प्पल्ल्लीस्ससी” मैं तड़प रही थी मगर वो था कि अपनी रफ़्तार बढ़ाता ही जा रहा था. पूरे कमरे मे फूच फूच की आवाज़ें गूँज रही थी. बाकी तीनो उठ कर मेरे करीब आ गये थे और मेरी चुदाई का नज़ारा देख रहे थे. मैं बस दुआ कर रही थी कि उसका लिंग जल्दी पानी छ्चोड़ दे. मगर पता नही वो किस चीज़ का बना हुआ था कि उसकी रफ़्तार मे कोई कमी नहीं आ रही थी. कोई आधे घंटे तक मुझे चोदने के बाद उसने अपना वीर्य मेरी योनि मे डाल दिया. मैं मुँह के बल बिस्तर पर गिर गयी. मेरा पूरा शरीर बुरी तरह टूट रहा था. गला सूख रहा था.

“पानी” मैने पानी माँगा तो एक ने एक ग्लास पानी मेरे होंठों से लगा दिया. मेरे होठ वीर्य से लिसडे हुए थे उन्हे पोंच्छ कर मैने गटगट पूरा पानी पी लिया.

पानी पीने के बाद शरीर मे कुच्छ जान आई. तीनो वापस मेरे बदन से चिपक गये. अब मैं बिस्तेरके किनारे पैर लटका के बैठ गयी. एक का लिंग अपनी दोनो चूचियो के बीच ले रखी थी और बाकी दोनो के लिंग को बारी बारी से मुँह मे लेकर चूस रही थी. वो मेरी चूचियो को चोद रहा था. मैं अपने दोनो हाथों से अपनी चूचियो को उसके लिंग पर दोनो ओर से दबा रखी थी. उसने मेरी चूचियो पर वीर्य गिरा दिया. फिर बाकी दोनो मुझे बारी बारी से चौपाया बना कर चोदे. उनके वीर्य पात हो जाने के बाद वो चले गये.

मैं बिस्तर पर चित पड़ी हुई थी. दोनो पैर फैले हुए थे. मेरी योनि से वीर्य चुहकर बिस्तर पर गिर रहा था. मेरे बाल चेहरा छातिया सब पर वीर्य फैला हुआ था. छातियो पर दांतो के लाल नीले निशान नज़र आ रहे थे. भोगी भाई पास खड़ा मेरे बदन की तस्वीरें खींच रहा था मगर मैं उसे मना करने की स्थिति मे नहीं थी. गला भी दर्द कर रहा था. भोगी भाई बिस्तर के पास आकर मेरे निपल्स को पकड़ कर उन्हे उमेठते हुए अपनी ओर खींचा. मैं दर्द के मारे उठती चली गयी और उसके बदन से सॅट गयी.

” जा किचन मे. भीमा ने खाना बना लिया होगा. टेबल पर खाना लगा. और हाँ तू इसी तरह रहेगी” मुझे कमरे के दरवाजे की तरफ धकेल कर मेरे नग्न नितंब पर एक चपत लगाई.
क्रमशः.............


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