राज और उसकी विधवा भाभी compleet

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rajaarkey
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Re: राज और उसकी विधवा भाभी

Unread post by rajaarkey » 01 Nov 2014 23:07


मैने ऋतु से कहा, अब तुम मेरे लंड को तोड़ा सा चूस लो जिस से ये
पूरी तरह से टाइट हो जाए. ऋतु ने मेरे लंड को चूसना शुरू कर
दिया तो थोड़ी ही देर में मेरा लंड पूरी तरह से टाइट हो गया.
मैने ऋतु के मूह से अपना लंड बाहर निकाला और लाली के पिछे आ
गया. मैने लाली की गांद के छेद पर अपने लंड का सूपड़ा रखा और
पूरे ताक़त के साथ ज़ोर का धक्का मारा. लाली दर्द के मारे तड़पने
लगी. वो अपना सिर इधर उधर कने लगी. उसका मूह बँधा हुआ था इस
लिए उसके मूह से केवल गूओ गूओ की आवाज़ ही निकल रही थी. एक धक्के
में ही मेरा लंड उसकी गांद को चीरता हुआ 2" तक घुस गया. उसकी
गांद से खून निकल आया. मैने दूसरा धक्का लगाया तो लाली के मूह
से बहुत ज़ोर ज़ोर से गूऊ गूऊ की आवाज़ निकलने लगी. मेरा लंड 4"
अंदर घुस गया. लाली की गांद से और ज़्यादा तेज़ी के साथ खून
निकलने लगा. मैने फिर से एक धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी गांद
में 5" तक घुस गया. उसके बाद मैने एक ही झटके से अपना लंड उसकी
गांद से बाहर खीच लिया. पक की आवाज़ के साथ मेरा लंड लाली की
गांद से बाहर आ गया. लाली के मूह से अभी भी ज़ोर ज़ोर से गूओ गूओ
की आवाज़ निकल रही थी.

मैने ऋतु को अपना लंड दिखाते हुए कहा, इसकी गांद तो बहुत ही
टाइट है. देखो कितना खून निकल आया है. ऋतु बोली, क्यों तड़पाते
हो बेचारी को. घुसा दो ना अपना पूरा लंड इसकी गांद में. मैने
कहा, ठीक है बाबा, घुस देता हूँ. मैने लाली की गांद के छेद पर
फिर से अपने लंड का सूपड़ा रख दिया. उसकी गांद खून से भीगी हुई
थी. मैने बहुत ही ज़ोर का एक धक्का लगाया तो मेरा लंड उसकी गांद
में 5" तक घुस गया. उसके बाद मैने 2 धक्के और लगाए तो मेरा
लंड उसकी गांद में 7" तक अंदर घुस गया. लाली का सारा बदन
पसीने से भीग गया था. वो अपना सिर पिलर पर पटक रही थी. उसकी
आँखो से आँसू बह रहे थे. मुझे खूब मज़ा आ रहा था. मैं
लाली की गांद इसी तरह से मारना चाहता था. मेरी तमन्ना पूरी हो
रही थी. ऋतु आँखें फाडे मुझे देख रही थी. उसने कहा, रहम
करो इस बेचारी पर. क्यों तडपा रहे हो इसे. मैने 2 बहुत ही जोरदार
धक्के और लगाए तो मेरा पूरा का पूरा लंड लाली की गांद में समा
गया.

पूरा लंड घुसा देने के बाद भी मैं रुका नहीं, मैने तेज़ी के साथ
लाली की गांद मारनी शुरू कर दी. लाली के मूह से गूओ गूओ की आवाज़
निकल रही थी. उसकी गांद बहुत ही ज़्यादा टाइट थी इस लिए मेरा लंड
उसकी गांद में आसानी से पूरा अंदर बाहर नहीं हो पा रहा था.
मैं पूरी ताक़त के साथ धक्के लगा रहा था. 10 मिनट के बाद मेरा
लंड थोड़ा आसानी से अंदर बाहर होने लगा. लाली के मूह से भी ज़्यादा
आवाज़ नहीं निकल रही थी. मैने लाली से पुछा, मूह खोल दूँ. उसने
अपना सिर हां में हिला दिया. मैने पुछा, चिल्लाओगी तो नहीं. उसने
अपना सिर ना में हिला दिया.

rajaarkey
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Re: राज और उसकी विधवा भाभी

Unread post by rajaarkey » 01 Nov 2014 23:08



मैने लाली का मूह खोल दिया और उसके मूह से कपड़ा बाहर निकाल लिया. वो
रोते हुए बोली, जीजू, आप ने तो मुझे मार ही डाला. क्या इसी तरह से
गांद मार जाती है. मैने कहा, हां, गांद इसी तरह से मारी जाती
है. अगर मैने तुम्हारा मूह बँधा नहीं होता तो तुम कितनी ज़ोर ज़ोर से
चिल्लाति, ये तुम अब समझ गयी होगी. वो बोली, आप सही कह रहे हो,
तब तो मैं बहुत चिल्लाति. मैने कहा, अगर मैने तुम्हें पिलर से
ना बाँधा होता तो अब तक कयि बार अपने चूतड़ इधर उधर करती और
मैं तुम्हारी गांद में अपना लंड नहीं घुसा पाता. वो बोली, जीजू, आप
एक दम सही कह रहे हो. मैने तो आप को धकेल ही दिया होता. मैने
कहा, अब तुम ही बताओ मैने सही किया या नहीं. वो बोली, आप ने बिल्कुल
ठीक किया. ऐसे ही करना चाहिए था. अब तो मुझे पिलर से खोल दो.
मैने कहा, पहले मैं तुम्हारी गांद तो मार लूँ फिर खोल दूँगा. वो
बोली, तो मारो ना. मैने पुछा, कुच्छ मज़ा आ रहा है. वो बोली, अभी
तो बहुत ही कम मज़ा आ रहा है. क्रमशः...........

rajaarkey
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Re: राज और उसकी विधवा भाभी

Unread post by rajaarkey » 01 Nov 2014 23:09

गतान्क से आगे..........
मैने लाली की गांद मारनी शुरू कर दी. मैं पूरे ताक़त के साथ ज़ोर
ज़ोर के धक्के लगा रहा था. लाली को भी अब मज़ा आ रहा था. उसके मूह
से सिसकारियाँ निकल रही थी. 10 मिनाट तक उसकी गांद मारने के बाद मैं
झाड़ गया. मैने अपना लंड लाली की गांद से बाहर निकाला और लाली को
दिखाते हुए कहा, देखो कितना खून निकला है तुम्हारी गांद से. वो
आँखें फाडे मेरे लंड को देखने लगी. वो बोली, जीजू, अब तो खोल दो
मुझे. मैने कहा, एक बार तुम्हारी गांद और मार लूँ फिर खोल दूँगा.
वो बोली, कमरे में मार लेना. मैने कहा, तुम फिर से चिल्लाओगी. वो
बोली, मैं अपना मूह बंद रखने की कोशिश करूँगी. मैने ऋतु से
कहा, खोल दो लाली को.

ऋतु ने लाली के हाथ पैर खोल दिए. लाली बाथरूम जाना चाहती थी
लेकिन वो बिल्कुल भी चल फिर नहीं पा रही थी. ऋतु ने उसे सहारा
देकर बाथरूम में ले गयी. लाली ने अपनी गांद और चूत को साबुन से
सॉफ किया. फिर ऋतु उसे कमरे में ले आई. मैं कमरे में आया तो
लाली बेड पर लेटी थी. मैं उसके बगल में लेट गया. 1 घंटे के बाद
मैने फिर से लाली की गांद मारनी शुरू की. वो थोड़ी देर तक चिल्लाई
फिर शांत हो गयी. उसके बाद उसे खूब मज़ा आया और मुझे भी. उसने
मुझसे खूब जम कर गांद मरवाई.

धीरे धीरे 6 महीने गुजर गये. लाली मुझसे खूब जम कर चुदवाती
रही और गांद मरवाती रही. मुझे भी लाली की चुदाई करने में और
उसकी गांद मारने में खूब मज़ा आता था. एक दिन मैने दुकान के
नौकर रामू को कुच्छ फाइल लाने के लिए घर भेजा. उसने घर पर लाली
को देखा तो लाली उसे बहुत पसंद आ गयी. रामू की उमर भी 20 साल की
थी और वो अभी कुँवारा था. उसने मुझसे लाली के बारे में पुछा तो
मैने उसे बता दिया कि वो ऋतु के गाओं की रहने वाली है. उसने मुझसे
कहा कि वो लाली से शादी करना चाहता है. मैने कहा, ठीक है, मैं
लाली से पूच्छ लूँ फिर बता दूँगा. रात में जब मैं घर आया तो
मैने लाली से बात की तो वो तय्यार हो गयी. उसे भी रामू पसंद आ
गया था. उसने मुझसे कहा, जीजू, एक दिक्कत है. मैने पूछा, वो क्या.
वो बोली, आप मुझे बहुत ही अच्छि तरह से चोद्ते हैं और मेरी
गांद भी मारते हैं. अगर मैं शादी कर लूँगी तब मैं आप से मज़ा
कैसे ले पाउन्गि. मैने कहा, पगली, तू अपनी दीदी से मिलने के बहाने आ
जाया करना. मैं तेरी चुदाई कर दूँगा और तेरी गांद भी मार
दूँगा. सारी ज़िंदगी तू कुँवारी तो नहीं रह सकती. वो बोली, फिर
ठीक है.

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