मेरा चोदू परिवार compleet

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rajaarkey
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Re: मेरा चोदू परिवार

Unread post by rajaarkey » 01 Nov 2014 23:57

दरवाज़े पर घंटी बजते ही मैंने दरवाज़ा खोला। भैय्या आए थे....
"अरे भैय्या आप... कैसे है... आइये॥"
भैय्या ने ज़ोर से मुझे बाँहों के बीच जकडा और मेरे होठों को चूम लिया और मेरे बूब्स को दबाने लगे।
"ऋतू तेरे बूब्स हमेशा की तरह अभी भी मस्त टाइट है"
"मेरे बूब्स माँ पर गए है ना... उनके भी तो अभी तक टाइट है"
"हाँ, माँ अभी तक मस्त है और उनके जैसे बूब्स कम ही देखने को मिलते है"

बात करते करते हम सोफे पर बैठ गए। मैंने बैठते ही भइया की पंट खोल दी और उनका लौड़ा बहार निकाल दिया और उसको सहलाने लगी। भैये मेरे बूब्स ब्रा से बाहर निकल चुके थे और अब मेरे निप्पल चूस रहे थे। उनका लौड़ा एकदम सख्त था और पुरा 8" खड़ा था। मैंने धीमे से अपने बूब्स उनसे छुडाये और उनका लुंड चूसने लगी। पहले उनके लाल मोटे सुपदे को चूसा और फ़िर पुरा लौड़ा अपने मुह में लेकर चूसने लगी। मेरे हाथ उनके बाल्स को सहला रहे थे और भैय्या मेरे बूब्स को मसल रहे थे।

तभी मेरे पति राज भी आ गए। वोह भैय्या के पास सोफे पर ही बैठ गए।
" हे मनोज तू कब आया"
भैय्या ने अपना हाथ मेरे बूब्स से हटा कर राज से हाथ मिलाया। "बस अभी ही आया हूँ जीजू। आप बताईये कैसा चल रहा है"
"बढ़िया मनोज॥ सब ठीक है। तू बता घर पर सब कैसे है"

मैं अभी भी भैय्या का लौड़ा और बाल्स चूस रही थी और भइया ने राज से हाथ मिलाने के बाद फ़िर अपना हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया और दोनों बूब्स फ़िर से मसलने लगे।
"सब ठीक है जीजू। माँ बापू और मनीषा सब मजे मैं है"

मनीषा नीरज की बीवी है। नीरज मुझसे उम्र में २ साल छोटा है। मेरी उम्र अब 30 की है और नीरज 28 साल का और उसकी बीवी मनीषा २७ साल की।
"हाँ मनोज सबसे मिले काफ़ी दिन हो गए, जल्दी आयूंगा सबसे मिलने"
" हाँ जीजू सब आपको याद भी बहुत करते है। एक दिन सब प्रोग्राम बना कर आईये ना"

मैं अब भैय्या का लौड़ा छोड़ कर उठी। वोह अभी तक सख्त था और उसने पानी भी नहीं छोड़ा था। मैं राज और मनोज के बिच बैठ गई। बूब्स मेरे अभी तक बाहर झूल रहे थे। पास बैठते ही भैय्या ने मेरी स्कर्ट ऊपर उठा दी और मेरी चूत पर अपना हाथ फेरने लगे। राज ने भी मेरे बूब्स सहलाने शुरू कर दिए।

"निधि तुने मनोज का लौड़ा ऐसे ही छोड़ दिया। उसका पानी नहीं निकाला अब मनोज को तकलीफ होगी। कैसी बहिन है तू"
"राज मैंने जान बुझ कर लौड़ा बिना पानी निकाले छोड़ दिया ... तू तो जानता है रजनी को ... उसको भैय्या का लौड़ा बहुत पसंद है। अभी वोह आती ही होगी"
"ओक्क्क पर रजनी है कहाँ ... दिखी नहीं सुबह से" ... राज बोला
"वोह अभी कमरे में ही थी... अभी वोह अपनी झांटे साफ़ कर हठी थी। मैं अभी उसकी चूत चाट कर आई ही थी के भइया आ गए"
राज ने मनोज का लंड देखा और बोला... "साले साहब थोड़ा और इंतज़ार करिए अपने लौडे की पुरी प्यास बुझाने में।

रजनी मेरी बड़ी ननद है जिसकी उम्र 35 साल की है। बदन काफ़ी भरा है और बूब्स मेरे जैसे बड़े बड़े और गोल गोल है। उसके निप्प्ल्स मेरे से भी बड़े है और जब खड़े होते है तो देखने का मजा आ जाता है। राज तो उसके निप्प्ल्स ही चूसता रहता है... कहता है ऐसे निप्प्ल्स नसीब वालों को मिलते है। और सच भी है। रजनी जैसी सुंदर लड़की बहुत ही कम होती है.

मेरी छोटी ननद का नाम पायल है और उसकी उम्र 22 साल है। वोह भी एकदम मस्त है। उसके बूब्स अभी भर रहे है पर जैसे हमारे परिवार में सबके बड़े बूब्स है उसके भी अभी से काफ़ी बड़े हो गए है।

rajaarkey
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Re: मेरा चोदू परिवार

Unread post by rajaarkey » 01 Nov 2014 23:58



"जीजू, दीदी के बूब्स अभी तक पहले जैसे ही मस्त है। जब भी इनको चूस्ता हूँ तो मेरा मस्त खड़ा होता है। रजनी पहले मेरा लौदा चूस ले फ़िर मैं दीदी के बूब्स की चुदाई करूँगा। बहुत टाइम हो गया निधि के बूब्स की चुदाई किए हुए। कल पापा जब मनीषा के बूब्स चोद रहे थे तो दीदी की याद आ गयी. तभी मैं आज चला आया"
"मनोज, निधि के बूब्स भी मम्मी पर गए है. क्या उनके अभी तक ६० साल की उम्र में मस्त नहीं है. तने भी तो काफी चुदाई की है मम्मी की, तू तो जानता ही है"
"हाँ जीजू, मम्मी को तो अब भी चोदने में उतना ही मजा आता है जितना पहले आता था"

इतने में रजनी आ गयी कमरे में. उसने टी-शर्ट और स्कर्ट पहनी थी. साफ़ दिख रहा था निचे ब्रा नहीं है और पक्का था के पैंटी भी नहीं पहनी होगी. मनोज को देखते ही वोह एकदम चेहेक उठी.
"भैया, आप कब आए... और मुझे किसी ने बताया ही नहीं" और रजनी मनोज से लिपट गयी और उसके होठों को चूसने लगी. और बिना इंतज़ार किये मनोज का खडा लंड हाथों से सहलाने लगी. और एकदम से सरक कर निचे आ गयी और मनोज का लंड अपने मुह में भर लिया और भूकी कुतिया की तरह उसको चूसने लगी. उसको देख हमारी एकदम हंसी छुट गयी. मनोज ने भी उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके बूब्स अपने हाथों में भर लिए और प्यार से सहलाने लगा. रजनी भी जोर जोर से मनोज का लौड़ा चूस रही थी. राज अब अपना हाथ मेरी चुत पर ले गया और अपनी ऊँगली मेरी चुत के अन्दर बाहर करने लगा. मैंने भी राज का पजामा खोल निचे कर दिया और उसका काला मोटा लौड़ा बाहर निकाल लिया और हाथ में लेकर उसकी धीरे से मुठ मारने लगी. रजनी ने मनोज की पंट अब पूरी ऊपर से खोल के निचे सरका दी. मनोज ने भी अपनी गांड उठा उसको आसानी से उतर जाने दिया. अब मनोज पूरा निचे से नंगा था और रजनी का सर उसकी जांघो के बीच उसके लंड को चूस रहा था. मनोज ने अपने आप ही अपनी शर्ट भी उतार दी और एकदम नंगा हो गया. वही रजनी ने मनोज का लंड चूसते चूसते अपनी स्कर्ट निचे सरका दी और वोह भी पूरी नंगी हो गयी. राज भी रजनी को देख और ज्यादा गरम हो गया और मुझको सोफे से निचे उतार मेरे मुह में अपना घोडे जैसा लौड़ा अन्दर दे दिया. राज का लौड़ा चुसते हुए मुझे इतने साल हो गए थे पर अब भी मुझको पूरा मजा देता था. राज ने मेरे बाल पकड़ कर आगे पीछे मेरा सर करते हुए मेरा मुह चोदने लग गया.

"जिजु जोर से चोदो दीदी का मुह. आपका लौड़ा दीदी के मुह में देख कर मजा आ जाता है. दीदी जैसे लोलीपोप की तरह चुस्ती है वैसे ही रजनी भी परफेक्ट हो गयी है."
"मनोज रजनी की तो चुत भी अभी टाइट है. मुझे रजनी का मुह और चुत दोनों चोदने में मजा आता है. और निधि तो मस्त रांड है. जब चाहो इसको तुम चोद सकते हो. हमेशा गीली रहती है."
अब वो दोनो हम दोनों ननद भाभी का मुह चोद रहे थे और जोर जोर से धक्के मार रहे हे. इतने में मनोज का पानी निकलने को तैयार हो गया और वोह और जोर से धक्के मारने लगा. और २मिनत बाद ही उसने अपना पानी रजनी के मुह के अन्दर डालना शुरू कर दिया.
"आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह रजनी मै झाडा. ले मेरा पानी अपने मुह में मेरी रांड. पी ले आशिक का रस."
रजनी मनोज के लंड का पानी पीने लगी और फिर मुह से निकाल अपने चेहरे पर मनोज के रस की धार ली. मनोज का लंड भी उछाल उछाल कर रस निकाल रहा था. रजनी का चेहरा पूरा मनोज के रस से भर गया और मुह से भी टपक रहा था. पूरा रस ख़तम होने के बाद रजनी ने मनोज का लौड़ा अच्छे से चूसा और साफ़ कर दिया. मैं एक तरफ राज का लौड़ा चूस रही थी और दूसरी तरफ रजनी को तृप्त होते हुए देख रही थी. लौड़ा साफ़ करने के बाद रजनी ने अपनी जीभ मनोज के मुह में डाल उसको चूमने लगी. और मनोज भी जम के उसके वीर्य से भरे मुह को चूम रहा था. फिर रजनी मनोज के ही पास बैठ गयी और मुझे राज का लौड़ा चूसते देखने लगी. राज ने अपना हाथ बढ़ा कर रजनी के बूब्स मसल दिए और उसकी चुत में ऊँगली करने लगा. रजनी ने अपने भाई राज की ऊँगली चुत से निकाली और अपने मुह के अन्दर लेली और उसको चूसने लगी. रजनी बुरी तरह से गीली थी और मैं जानती थी के उसको मोटे लंड की ज़रुरत है अब. मैंने अपना सर राज की जांघो से निकाला और वही राज के ही पास बैठ गयी.

"तू रजनी किसी को एक मिनिट भी आराम नहीं करने देती. अभी तो आए ही थे और तूने उनको झाड़ दिया."
"अब इनका का लौड़ा ही इतना प्यारा है के रहा ही नहीं जाता. मेरा तो मन करता है हर वक़्त इसको चुस्ती राहु. देखो अब कैसा मज़े से लेता है झड़ने के बाद. "
"तेरी भी चुत पूरी तरह से गीली है. चल तू मेरे लॉड पर बैठ और चोद ले अपनी चुत, बुझा ले इसकी प्यास" राज बोला
"भैया आपका लौड़ा भाभी ने मस्त खडा कर दिया है चूस चूस कर लाओ अब मै इसकी सेवा करती हूँ."
और रजनी राज के लौडे पर बैठ गयी और उसका लौड़ा अपनी चुत के अन्दर डाल लिया और उछल उछल कर चुदाई करने लगी. मैं मनोज के पास बैठ गयी और उसका मुरझाया हुआ लौड़ा सहलाने लगी. मनोज ने अपना मुह मेरे बूब्स में डाल उनको चूसने लगा. राज अब जोर जोर से अपनी बहन रजनी की चुत में धक्का मार रहा था.
"हाँ भैया और जोर से. चोदो मुझे .... फाड़ दो मेरी चुत. चोदो अपनी रांड बहन को... चोदो भैया ... चोदो... आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह"
अब राज ने रजनी को सोफे पर लिटा लिया और जोर जोर से उसको चोदने लगा. थोडी ही देर में रजनी झड़ने को तैयार थी और राज से उछल उछल कर चुदने लगी.

rajaarkey
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Re: मेरा चोदू परिवार

Unread post by rajaarkey » 01 Nov 2014 23:59


" मैं झड़ी भैया...... आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह..... और रजनी की चुत ने पानी छोड़ दिया. मनोज लपक कर रजनी की चुत पर गया और राज के लंड से भरी हुई रजनी की चुत चाटने लगा. ऐसे में मनोज राज का लंड भी चाट रहा था और रजनी की चुत का पानी भी पी रहा था. राज भी धक्के मारता हुआ अब झड़ने को तैयार था. उसने अपना लौड़ा रजनी की चुत से बाहर निकाला और उसके मुह में डाल दिया.
"ले मेरी रांड बेटी चूस अपने भाई के लंड को और निकाल इसका पानी. ले कुतिया चूस ... और राज ने अपना पूरा लौड़ा रजनी की चुत में पेल दिया. मनोज अभी भी रजनी की चुत का पानी चाट रहा था. इतने में राज ने भी अपना पानी छोड़ दिया और लंड बहार निकाल उसका पूरा चेहरा अपने वीर्य से भर दिया. राज का वीर्य गाडा और बहुत सारा निकलता था. रजनी का पूरा चेहरा राज के वीर्य से भर गया. मैंने मनोज को देखा और वो अभी भी रजनी की चुत में मस्त था. राज पूरा पानी रजनी के चेहरे पर छोड़ने के बाद अपना लंड फिर उसके मुह में डाल दिया और रजनी ने उसको चाट कर साफ़ कर दिया.
अब राज रजनी के पास ही सोफे पर बैठ गया. मैं उठी और रजनी के चेहरे से राज के गाडे वीर्य को चाट कर साफ़ करने लगी. रजनी ने मेरे बूब्स अपने हाथों में भर लिए और जोर जोर से उनको दबाने लगी. मैंने उसका पूरा मुह साफ़ किया और वही सोफे पर बैठ गयी.
राज और मनोज अब पूरी तरह से तृप्त नज़र आ रहे थे रजनी को चोदने के बाद. दोनों के लंड अब मुरझा गए थे. मनोज भी रजनी का पानी पीकर और मस्त हो गया था.
"वाह रजनी तेरी चुत का पानी क्या स्वादिष्ट है. मुझे हमेशा पसंद आता है"
"भाई आपके लिए तो यह चुत हमेशा तैयार है... जब चाहो चोदो और इसका पानी पियो"

हम चारो बैठे ही थे के पायल भी वहां आ गयी.......






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