Raj-Sharma-stories
खाला के घर में
हाई फ्रेंड्स आप की सेक्सी ग़ज़ल आहमेद ऐक बार फिर आप लोगो की खिदमत मे हाज़िर है. अब मैं आती हूँ कहानी की तरफ और ये कहानी भी मैं वही से शुरू करूँगी जहाँ मैं ने अपनी दोसरि कहानी ख़तम करी थी, जब मैं अब्बू के साथ असग़र साहिब के घर से अपने घर मे शिफ्ट हो गई तो मेरे दिन बोहत बोर गुज़रने लगे, क्यूँ मैं पिछले कुछ मंत्स सेलगातार चुदवा रही थी और मुझे यहा किसी से भी अभी तक बेड रीलेशन बनाने का मोका नही मिल पाया था. किसी मर्द के बगैर मैं अपने आप को बोहत अधूरी महसूस कर रही थी, मुझे अभी तक किसी का साथ नही मिल पाया था इसी लिए मैं बोहत बोरियत महसूस करने लगी थी, फिर ऐसा हुआ के मेरी खाला के घर से शादी का इन्विटेशन आगेया, आफ्टर वन वीक मेरी कज़िन नरेन की शादी थी. मेरी खाला फ़ैसलाबाद मे रहती हैं. खाला के 2 ही बच्चे हैं बड़ी बेटी नरेन 22 साल की और छोटा बेटा कामरन जिसकी उमर 15 साल थी और सब उसे कमी कहते थे. पहले तो अब्बू शादी मे जाने को तय्यार नही हुए के अभी अभी मैं ने यहा जाय्न किया है अगर छुट्टियाँ ली तो कोई प्रॉब्लम्स हो सकती है, मगर फिर मेरे इसरार पर अब्बू मुझे इस शर्त पर ले जाने के लिए तय्यार होगये के वो जल्द ही वापिस आजान्गे. दोसरे दिन मैं और अब्बू फ़ैसलाबाद के लिए निकल पड़े. अभी शादी मे ऐक हफ़्ता था. मेरे आने से नरेन और कामी बोहत खुश हुए. खाला भी बोहत खुश थी मेरे आने पर. खलू को मैं ने नोट किया के वो बोहत कम बोलते हैं और वो बोहत गुस्से वाली तबीयत के हैं पर वो मुझे घूरते रहते हैं. खलू की खामोश और गुस्से वाली तबीयत की वजा से कभी मेरे दिल मे ये बात नही आई के खलू मेरे बारे मे बुरा सोच सकते हैं. हालंके मेरी जिन्सी भूक खलू का सेहतमंद जिस्म देख कर चमक उठी थी मगर खलू की तबीयत की वजा से मैं खुद भी खलू से दूर रही. फिर नरेन और कामी भी खलू से डरते थे. घर मे शादी की तैयारी चल रही थी. अब्बू सारा दिन खलू के साथ होते थे. खाला ने नरेन को कमरे तक सीमित कर दिया था ताकि उसका रूप रंग निखर जाय और मैं शादी की तैयारियो मे खाला का हाथ बटा रही थी. रात मे मैं कमी के कमरे मे सोती थी. 5 दिन तक तो मैं ने अपनी जिन्सी भूक को बर्दाश्त किया मगर फिर मुझ से रहा नही गया. खलू का घर डबल स्टोरी था नीचे 3 कमरे थे जिस मे ऐक ड्रॉयिंग रूम ऐक खाला खलू का बेडरूम ऐक टीवी लौन्च जब के उपर के हिस्से मे भी 3 कमरे थे जिस मे ऐक कमरा नरेन का ऐक कामी का और ऐक कमरा था जो इस वक़्त अब्बू के इस्तीमाल मे था. इस वक़्त रात का 1 बजा था मुझे नींद नही आराही थी और मुझे इस वक़्त ऐक लंड की शदीद ख्वाइश हो रही थी. मैं ने कामी की तरफ देखा तो वो बिल्कुल बे सुध सोरहा था, वैसे भी कामी अभी कम उमर था पर जब कुछ ना हो तो जो भी मिले काम चल ही जाता है, मुझे बेचेनी होने लगी तो मैं बेकरार होकर कमरे से निकल आई, सब से पहले मैं ने अब्बू के कमरे मे झाँका तो वो बे खबर सो रहे थे, फिर मैं ने नरेन के कमरे मे झाँका तो उस के कमरे मे भी अंधेरा था, मैं नीचे आगाई, मैं किचन मे घुस्स गई ताकि कोई ऐसी चीज़ तलाश करने लगी जिस को मैं अपनी चूत मे डाल सकू, फिर मुझे ऐक मोमबत्ती मिल गई जिस की लंबाई 7 इंच और मोटाई 2 इंच थी, मैं ने जल्दी से वो उठा ली. फिर जब मे वापिस उपर जाने लगी तो मुझे खाला और खलू के कमरे मे से हल्की हल्की रोशनी बाहर आती देखाई दी. रात के इस वक़्त कमरे मे रोशनी के होने का ये ही मतलब था के अंदर खाला और खलू जाग रहे हैं. मैं समझ गई के इस वक़्त कमरे मे क्या हो रहा होगा. मैं आहिस्ता से कमरे के नज़दीक गई तो मुझे खाला की सिसकारियाँ बाहर आती हुई महसूस हुई मैं मुस्करा दी और मैं ने की होल से आँख लगा दी. अंदर का मंज़र देख कर मेरे जिस्म मे चोंटियाँ सी रेंगने लगी. अंदर खाला और खलू बिल्कुल नंगे थे. खलू ने खाला को बेड पर लिटाया हुआ था और उन्हो ने खाला की टाँगे उठा कर अपने कंधो पर रखी हुई थी और खुद वो पूरा खाला के उपर झूके होवे थे और खूब ज़ोर ओ शोर से झटके मार रहे थे, खाला बिल्कुल गठरी सी बनी होई थी. मुझे सॉफ महसूस होरहा था के अब खाला का जिस्म ढल चुक्का है, जबके खलू बिल्कुल नोजवानो की तरहा सेहतमंद थे, खाला खलू के शानदार झटके बर्दाश्त नही कर पा रही थी और बुरी तरहा से मचल रही थी, फिर आख़िर कार जब खाला से बर्दाश्त नही होसका तो वो मन्नत भरे लहजे मे बोली, बस करो नरेन के अब्बा बस अब मुझ मे तुम्हारा लंड बर्दाश्त करने की हिम्मत नही है, मैं अब बूढी हो गई हूँ मेरे हाल पर रहम करो अब मुझ से और बर्दाश्त नही होगा. खलू ने ऐक करारा झटका मारा जिस से खाला की चीख निकल गई, खलू हंस कर बोले, बस बेगम साहिबा इतनी जल्दी हिम्मत हार गई अभी तो मैं ऐक बार भी फारिग नही हुआ. खाला बोली, अरे तुम तो जवानो के जवान हो मगर मेरा तो जिस्म ढाल गया है अब मुझे बखस दो तुम तो अपनी ज़रूरत रंडियों को चोद कर पूरी कर लेते हो बस अब मुझे माफ़ करदो मेरी बूढ़ी हड्डियाँ ये ज़ुलूम बर्दाश्त नही कर सकती. खलू बोले, मुझे रंडियों को चोद कर सकून नही मिलता, मेरे लंड की प्यास नही बुझती रंडियों को चोद कर. खाला मचल कर बोली तो मैं और क्या करू तुम्हारे लंड के लिए. खलू ने कहा, बेगम तुमने मेरे लिए किसी लड़की का इंतज़ाम करना है. खाला ने हैरत से कहा, मगर मैं किसी लड़की का इंतज़ाम कहाँ से करू? खलू ने कहा, बेगम तुम कर सकती हो. खाला फिर बोली, मैं कहा से करू तुम ही कोई लड़की बता दो. खलू कुछ देर खामोश रहे और फिर बोले, तुम्हारा गाज़ल के बारे मे किया ख़याल है, जब से वो आई है मेरे लंड की खुजली उसे देख कर बढ़ गई है. खलू की बात सुनकर खाला की आँखे फाट गई और वो बोली, क्या कह रहे हो नरेन के अब्बा गाज़ल नरेन से भी छोटी है और तुम उसके खलू हो कुछ शरम करो. खलू की बात सुनकर मुझे भी झटका लगा और मेरी चूत की खुजली कुछ और बाढ़ गई. खलू कहने लगे, मुझे पता है के गाज़ल मेरी भांजी है पर वो बोहत सेक्सी है तुमने कभी उसके जिस्म को गोर से देखा है कितने बड़े बड़े मम्मे है साली के और कितनी पतली सी कमर है मैं जब भी उसे देखता हूँ मेरा तो लंड ही खड़ा हो जाता है. खलू के मुँह से अपनी तारीफ सुनकर मैं मुस्कराने लगी. खाला तिनक कर बोली, आय हे तुम्हारा लंड तो गधि को देख कर भी खड़ा हो जाता है तुम हो ही इतने ताड़की. खलू हँसे और बोले, हा मैं ताड़की हूँ पर तुम कुछ करो वरना किसी दिन मुझ से बर्दाश्त नही होवा तो उसको सब के सामने ही चोदुन्गा. खाला ने कहा, केसी बेशर्मी की बाते कर रहे हो घर मे गाज़ल का बाप आहमेद अली भी है, तुम शादी तक सबर करो मैं शादी के बाद गाज़ल को रोक लूँगी फिर मैं किसी की मय्यत का बहाना बना कर 3, 4 दिन के लिए कामी को लेकर किसी रिश्ते दार के घर चली जाउ गी फिर घर मे तुम और गाज़ल ही होगे फिर तुम उसको चोद कर अपने लंड की खुजली मिटा लेना. खलू ने कहा, ये तो बाद की बात है पर मैं अभी केसे अपने लंड की खुजली मिताउ, मेरा लंड तो अभी ऐक बार भी फारिग नही हुवा और तुम ठंडी हो गई हो. खाला बोली, इसे मैं चूस चूस कर फारिग कर देती हूँ और तुम कुछ दिन सबर कर्लो. खाला की बात सुनकर खलू ने अपना लंड खाला की चूत मे से निकाला तो मैं खलू का लंड देख कर बेताब हो गई. खलू का लंड कोई 11 इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा था. खलू खाला के सीने पर बैठ गये फिर उन्हो ने खाला के दोनो मम्मो के दरमियाँ अपना लंड रखा तो उनका लंड खाला के मुँह के उपर तक जाने लगा. खाला ने उनका लंड अपने मुँह मे ले लिया उसके बाद खलू ने अपने लंड पर खाला के दोनो मम्मो को दबाया और फिर वो तेज़ी से अपना लंड खाला के मम्मो को चोदते हुए उनके मुँह मे अंदर बाहर करने लगे. मेरे दिल चाह रहा था के खाला को हटा कर खुद खलू के नीचे लेट जाउ और बोलू “ली जिए खलू जान आप के लंड के लिए आप की भांजी की चूत हाज़िर है जितना चाहे इसे चोदे और अपनी प्यास भुजाए” पर मैं इस वक़्त अंदर नही जा सकती थी पर मैं ने सोच लिया था के मैं शादी से पहले खुद ही खलू को मोका ज़रूर डोंगी क्यूँ खलू से ज़ियादा मैं बेताब थी उनसे चुदवाने के लिए. मेरी चूत मे अब बोहत जलन होने लगी थी और मुझे ये जलन मिटानी थी इस लिए मैं वाहा से हट गई और कामी के कमरे मे वापिस आगाई. कामी अभी तक बेख़बर सो रहा था. मैं ने लाइट जला दी और अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई, उसके बाद मैं बिस्तर पर लेट गई और फिर मैं ने मोमबत्ती अपनी चूत मे ऐक झटके से घुसा दी, मुझे तकलीफ़ तो बोहत हुई पर मैं ने फिकर नही करी और तेज़ी से मोमबत्ती को अपनी चूत मे अंदर बाहर करने लगी. मुझे मोमबत्ती से लंड जेसा मज़ा तो नही मिल रहा था मगर फिर भी मुझे काफ़ी लज़्ज़त मिल रही थी, लज़्ज़त के मारे मेरी आँखे बंद हो गई और मैं खलू के बारे मे सोचती हुई लज़्ज़त भरी सिसकारियाँ लेने लगी. काफ़ी देर तक मैं अपनी चूत मे मोमबत्ती चलाती रही फिर जब मैं फारिग हो गई तो मैं ने अपनी आँखे खोली फिर जब मे ने कमी की तरफ देखा तो मैं बे सुध हो गई क्यूँ के कमी जाग रहा था उसका नेकर उतरा हुआ था और वो अपने लंड को सहलाता हुआ मुझे देख रहा था.
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Re: खाला के घर में
पहले तो मैं कामी को देख कर घबराई और फिर जब मे ने उसका लंड देखा तो मेरी आँखों मे चमक आ गई क्यूँ के कामी का लंड 15 साल की उमर मे भी 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था, शायद ये खलू का असर था के उसका लंड इस उमर मे भी इतना बड़ा था. मैं बोली, क्या देख रहे हो कामी? कामी ने कहा, आप ये मोमबत्ती अपनी चूत मे क्यूँ डाल रही थी. चूत का सुनकर मुझे झटका लगा और मैं बोली, तुम्हे केसे पता के इस को चूत कहते हैं और ये तुम अपने लंड को क्यूँ सहला रहे थे. मेरी बात सुनकर कामी घबरा गया और फिर वो बोला, वो वो गाज़ल बाजी मैं ने दो तीन बार अब्बू को अपना लंड अम्मी की चूत मे डालते हुए देखा है और जब ही से मुझे पता चला था के इसे चूत कहते हैं. मैं ने कहा अब ये बताओ तुम ने अपनी नेकर उतार कर अपना लंड क्यूँ बाहर निकाला है. कामी फिर घबरा कर बोला, वो गाज़ल बाजी जब आप मोमबत्ती अपनी चूत मे डाल रही थी तो मुझे बोहत अछा लग रहा था इस लिए मेरा लंड खड़ा होगया. मैं मुस्कराई और बोली, अछा ये बताओ के जब तुम ने अपने अब्बू को उनका लंड तुम्हारी अम्मी की चूत मे डालते होवे देखा था तो तुम्हे केसा लगा था? अब कामी की हिम्मत बढ़ी और वो बोला, गाज़ल बाजी मुझे उस वक़्त भी बोहत मज़ा आया था और मेरा दिल चाह रहा था के मैं भी अपना लंड किसी की चूत मे डाल दू. मैं मुस्कराई और बोली, अगर मैं ये बोलू के तुम अपना लंड मेरी चूत मे डाल दो तो. कामी मेरी बात से खुश होवा और बोला, गाज़ल बाजी अगर आप ने मुझे ऐसा करने दिया तो मैं आप की हर बात मानूँगा और जो आप बोलो गी मैं वेसा ही करूँगा . मैं हँसी और बोली बस मेरी ज़ियादा खुशमाद करने की ज़रूरत नही है तुम अपना लंड मेरी चूत मे डाल कर मुझे चोद सकते हो जिस तरहा तुम्हारे अब्बू तुम्हारी अम्मी को चोदते हैं, मगर मेरी इक शर्त है. कामी बोला, केसी शर्त गाज़ल बाजी? मैं बोली, मेरी शर्त ये है के तुम अपनी और मेरी ये बात किसी को नही बताओ गे वरना मैं दुबारा तुम्हे अपने साथ ऐसा करने नही दूँगी. कामी जल्दी से बोला, नही नही गाज़ल बाजी मैं किसी से नही बोलूँगा . मैं फिर बोली दोसरा ये के अब जेसा मैं बोलू तुम ने वेसा ही करना है क्यूँ के तुम इस काम मे नए हो तुम्हे अभी सब सीखना होगा और तुम ने मेरे कहने पर अमल किया तो तुम्हे बोहत मज़ा आयेगा . कमी खुशी से राज़ी होगया और बोला, हा गाज़ल बाजी जेसा आप बोलो गी मैं वेसा ही करूँगा . मैं मुस्कराई और बोली, चलो अब तुम अपने सारे कपड़े उतार दो और बेड पर सीधे लेट जाओ. कामी ने मेरे कहने के मुताबिक अपने कपड़े उतार दिए और बेड पर चित लेट गया. कामी के लेटने से उसका लंड किसी नाग की तरहा खड़ा झूमने लगा था. मैं ने उठ कर कामी का लंड पकड़ लिया और फिर मैं ने झुक कर उसके लंड की टोपी से अपने होन्ट मिला दिए. मैं ने कामी के लंड की टोपी का ऐक लंबा किस लिया फिर जब मैं ने अपने होन्ट लंड की टोपी से हटाये तो टोपी के सुराख से वीर्य का ऐक कतरा निकल आया. मैं ने अपनी ज़बान से कतरे को पूरी टोपी पर फेला दिया और फिर मैं टोपी को मुँह मे लेकर चूसने लगी. काफ़ी देर तक मैं ने लंड की टोपी को चूसा फिर मैं कामी के लंड को चारों तरफ से अपनी ज़बान से चाटने लगी. कामी का ये पहला सेक्स एक्सपीरियेन्स था, इस लिए वो अपनी आन्खै बंद किए मदहोश हो रहा था. मैं पागलों की तरहा चारों तरफ से कामी के लंड को चाट रही थी फिर मैं ने उसका पूरा लंड अपने मुँह मे ले लिया जो मेरे गले के अंदर तक गया फिर मे कामी का लंड दबा दबा कर मज़े से चूसने लगी. थोड़ी देर बाद कामी मचल कर बोला, उफफफफफफफफफ्फ़ गाज़ल बाजी मुझे बोहत ज़ोर का पीशाब लगा है आप मेरा लंड मुँह से निकाल ले. कामी की बात सुनकर मैं और जोश से कामी का लंड चोसने लगी. कामी बोला, आआआहह आआअहह गाज़ल बाजी मुझ से रुक नही रहा है उउउउउउफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ और फिर उसके लंड ने झटका खाया और मेरा मुँह कामी के लंड से निकलने. वाली. वीर्य से भर गया. मैं मज़े से कामी का नमकीन वीर्य पी गई. पूरी. वीर्य पीने के बाद मैं ने कामी का लंड अपने मुँह से निकाला तो वो वीर्य से खराब होरहा था, मैं ने उसका लंड चाट चाट कर सॉफ किया और फिर मैं कामी के ब. मे लेट गई और बोली, कामी डार्लिंग अब तुम मेरे पूरे जिस्म को चॅटो पहले मेरे होंटो का रस चूसो फिर आहिस्ता आहिस्ता नीचे जाकर मेरे पूरे जिस्म को चॅटो, मेरा जिस्म बोहत बेताब होरहा है तुम से चटवाने के लिए, अब जल्दी करो देर ना करो. कामी मेरी बात सुनकर उठ कर बैठ गया मैं ने उसे अपने उपर लिटा लिया और उसके होंटो से अपने होन्ट मिला दिए,
Re: खाला के घर में
मैं बेताबी से कामी के होंटो को चूसने लगी. पहले शायद कामी को मज़ा नही आया था फिर उसको मज़ा आने लगा और उसका लंड अकड़ गया और वो मेरे पेट मे चुभने लगा. अब कामी ने भी मुझे लिपटा लिया और वो भी बड़ी बेताबी से मेरे रसीले होंटो को चूसने लगा. अब कामी को सेक्स का माज़ा आरहा था और फिर उसने खुद ही सब काम करना शुरू कर दिया, पहले वो मेरे होंटो को चूमता हुआ मेरी गर्दन तक आया और वो मेरी गर्दन को चूमने लगा, फिर वो और नीचे आया, अब वो मेरे बड़े बड़े बूब्स पर था, जब कामी ने पहली बार मेरे दोनो बूब्स को दबाया तो मेरी ऐक लज़्ज़त भरी सिसकारी निकल गई, और मैं बोली आआआआआआआअहह कामी अब इन्है दबा दबा कर चूसो, मेरे मम्मो मे बोहत रस है तुम्हे बोहत मज़ा आए गा. कामी ने झट से मेरे बूब्स को खूब दबाना शुरू कर दिया, मुझे बोहत मज़ा आरहा था पर मुझ से भी ज़ियादा मज़ा कामी को आरहा था और वो पूरे जोश के साथ मेरे बूब्स को दबा रहा था, फिर उसने मेरे बूब्स को चूमना और चाटना शुरू कर दिया, काफ़ी दिनो बाद किसी के हाथ मेरे बूब्स को लगे थे और मैं इसका पूरा मज़ा लेरही थी. 20 मिनिट तक कामी ने मेरे बूब्स को चूमा और चॅटा, और फिर से मेरे जिस्म को चूमता हुआ नीचे जाने लगा, वो मेरे पेट से होता हुआ मेरी माखन जेसी मुलायम चूत पर आगेया, कामी मेरी चूत को सूंघ कर बोला, गाज़ल बाजी इस मे से तो बोहत अछी खुसबू आराही है, जेसे माखन की होती है, मैं सिसकारी ले कर बोली आआआआआहह कामी ये माखन तुम्हारे लिए ही तो है, अब देर ना करो और मेरी चूत का सारा माखन खा जाओ. मेरी बात सुनकर कामी मेरी चूत पर ज़बान फेरने लगा, कामी के ज़बान फेरने से मेरी चूत मे गुदगुदी सी होने लगी और मेरे पूरे जिस्म मे जेसे करेंट सा दौड़ने लगा. फिर वो अपनी ज़बान से शापाड़ शापाड़ मेरी चूत को चाटने लगा. मेरी मुँह से तेज़ सिसकारियाँ निकलने लगी थी, मुझे डर हुआ के कही मेरी सिसकारियाँ अब्बू या नरेन तक ना पोहुन्च जाए इसी लिए मैं ने पास ही पड़ा हुआ अपना ब्रेज़र उठाया और अपने मुँह मे ठूंस लिया.
क्रमशः.......