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Re: खाला के घर में

Posted: 02 Nov 2014 00:06
by rajaarkey
मेरे आगे झुकने से वो कुछ और दब गये, और दर्द के मारे मैं फिर चीख पड़ी. अब की बार खलू रुके नही और खूब ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगे, ये चुदाई मेरे ज़िंदगी की सब से तकलीफ़ देय चुदाई थी क्यूँ के ऐक तो खलू का लंड बोहत बड़ा और मोटा था और फिर वो जिस तरहा से मेरे उपर सवार थे ऐक तो उनका पूरा वज़न मेरे उपर था दोसरा उन्हो ने मेरे बूब्स को बोहत कस कर पकड़ रखा था और फिर झटके मारने के साथ साथ मेरे बूब्स इंतिहा हद तक दब रहे थे जिस से मुझे तीन तरफ से दर्द बर्दाश्त करना पड़ रहा था, ऐक दर्द मेरी चूत का दोसरा दर्द मेरी कमर का और तीसरा दर्द मेरे माखन जेसे मुलायम बूब्स का जिस को खलू बड़ी बेदर्दी से दबा रहे थे. मैं खलू के 10 वे झटके पर ही झाड़ चुकी थी, आज तक किसी से चुदवाते हुए मैं इतनी जल्दी नही झड़ी थी, मैं बुरी तरहा से चीख रही थी, और खलू मेरी चीखों की परवाह ना करते हुए बोहत बुरी तरहा से मेरी चुदाइ कर रहे थे, 5 मिनिट बाद मे फिर झाड़ गई, फिर खलू ने अपना लंड मेरी चूत से निकाला तो मैं ने थोड़ा सूख का साँस लिया, मगर दोसरे ही लम्हे मैं बुरी तरहा से चीख पड़ी क्यूँ के खलू ने बड़ी बे दरदी से अपना लंड मेरी गंद मे घुस्सा दिया था, अब वो कुत्तों की तरहा मेरी गंद मार रहे थे और मैं फिर से बुरी तरहा से चीख रही थी, मेरी गंद का सूराख मेरी चूत से ज़ियादा टाइट था और मुझे बोहत दर्द बर्दाश्त करना पड़ रहा था. मैं पसीने मे शराबोर हो चुक्की थी और खलू के वज़न से मेरी कमर दुखने लगी थी, शायद खलू को इतनी टाइट चूत और गंद कभी नही मिली थी इस लिए वो बोहत बुरी तरहा से मुझे चोद रहे थे, खलू 20 मिनिट तक मेरी गंद मारते रहे, इसी दोरान दोसरे कमरे से फोन की बेल बजने की आवाज़ आने लगी, पहले तो खलू ने बेल पर कोई तवज्जा नही दी, मगर जब बेल लगातार बजती रही तो खलू मेरे उपर से उतर गये और दोसरे कमरे मे फोन सुनने चले गये,
क्रमशः.......

Re: खाला के घर में

Posted: 02 Nov 2014 00:07
by rajaarkey
Raj-Sharma-stories


खाला के घर में--3 गतान्क से आगे.....
खलू के जाते ही मैं ने सूख का सांस लिया और वही पर लेट कर लंबे लंबे सांस लेने लगी, आज तक 2 या 3 लोगों से ऐक साथ घंटों चुदवा कर भी मेरी ये हालत नही हुई थी जो खलू ने कुछ देर मे ही करदी थी, मैं सोचने लगी के पता नही खलू का लंड कब फारिग होगा और वो ऐक ही शॉट मारेंगे या अगला शॉट भी लगाएँगे , फिर मुझे शादी का ख़याल आया तो मैं परेशान होगई, चुदाई मे मैं तो भूल ही गई थी सब हमारा शादी हॉल मे इंतिज़ार कर रहे होंगे. मैं ने सोचा के खलू को भी इस बात का ख़याल भी है या वो भी मेरी तरहा भूले हुए थे. थोड़ी देर बाद कमरे मे आगाये, उनका लंड अभी भी वैसे का वेसा ही आकड़ा हुआ था, फिर जब वो चलते हुए मेरे पास आने लगे तो चलने की वजा से उनका लंबा और मोटा लंड बुरी तरहा से हिलने लगा, खलू के लंड की ये हालत देख कर मैं बुरी तरहा से गरम होगई, खलू मेरे पास आए तो मैं ने उठ कर उनका लंड पकड़ लिया और अपने मुँह मे ले लिया और चूसने लगी, खलू कहने लगे, गाज़ल तुम्हारी खाला का फोन था वो पूछ रही थी के इतनी देर क्यूँ हो रही है तो मैं ने बता दिया. खलू की बात सुनकर मैं ऐक दम से घबरा गई और मैं ने उनका लंड अपने मुँह से निकाल दिया और बोली, क्या बोल दिया आप ने, खलू मेरी बात सुनकर मुस्कुराए और बोले, अरे घबरा क्यूँ रही हो, मैं ने बोल दिया है के कार खराब होगई है इस लिए देर हो रही है. खलू की बात सुनकर मैं ने सूख का सांस लिया और बोली, खलू जान आप ने तो मुझे डरा ही दिया था, खलू मुस्करा कर बोले, मगर तुम ने हमारी बाते सुन ली थी जब मैं तुम्हारा ज़िक्र कर रहा था और तुम्हारी खाला को तुम्हे चुदवाने के लिए राज़ी कर रहा था, मैं बोली, हा वो तो ठीक है पर अभी सही लगे गा क्या, आज आपकी बेटी की शादी है और आप मुझे यहा चोद रहे हैं. खलू ने झुक कर मुझे चूम लिया और बोले, वैसे गाज़ल तुम्हारी चूत और गंद बोहत टाइट है तुम्हे चोद कर बोहत माज़ा आरहा था, मैं थोड़ी नाराज़गी से बोली, हा आप को तो मज़ा आरहा था पर मेरी तो मा चोद गई ना आप से चुदवा कर, खलू ने हंस कर मेरे बूब्स को ज़ोर से दबाया और बोले, मेरी जान अभी मैं फारिग कहा हुआ हूँ, अभी तो तुम्हारी बोहत चुदाई बाकी है, मैं लाड भरे लहजे मे बोली, लगता है आप मुझे इस काबिल ही नही छोड़ेंगे के मैं किसी और से चुदवा सकू, खलू ने हंस कर मुझे अपनी गौद मे उठा लिया और बोले, हा मेरी जान मे यही चाहता हूँ के तुम मेरे बाद किसी से भी नही चुदवा सको, ये कह कर वो मुझे लेकर बाथरूम मे आ गये. खलू ने मुझे शावर के नीचे बिठाया और खुद मेरे सामने खड़े होगे, उनका लंड बिल्कुल मेरे मुँह की सीध मे था, मैं ने उनका लंड मुँह मे लेने के लिए जैसे ही आगे की तरफ झुक कर अपना मुँह खोला तो ऐक दम से खलू के लंड से पेशाब की ऐक तेज़ धार निकल कर मेरे मुँह मे जाने लगी, मैं ने ऐक दम से घबरा कर अपना मुँह बंद कर लिया, पर फिर भी काफ़ी सारा पेशाब मेरे हलाक़ से नीचे उतर गया, मुँह बंद होजाने की वजा से उनकी धार सीधी मेरे मुँह से टकराने लगी, मैं पेशाब की धार से बचने के लिए ऐक दम से लेट गई, खलू ने आगे बढ़ कर अपना पेशाब मेरे पूरे जिस्म पर करना शुरू कर दिया, मैं बोली, खलू ये किया हरकत है, मेरी बात पर खलू फिर हंस दिए और बोले, जानू ये तो सेक्स का ऐक अंदाज़ है कहो पसंद आया, मैं क्या बोलती खामोश रही, उधर खलू की पेशाब की तेज़ धार मेरे जिस्म का मसाज कर रही थी. खलू ने पूरे 5 मिनिट तक मेरे उपर पेशाब किया, फिर उन्हो ने शवर खोल दिया और फिर पानी से मेरा सारा जिस्म धुल गया. फिर खलू ने साबुन उठाया और मेरे पूरे जिस्म पर मलना शुरू कर दिया, मैं भी खलू को साबुन मलने लगी, खलू ने काफ़ी सारा साबुन मेरी चूत और गंद मे अंदर तक लगाया, फिर उन्हो ने मुझे दीवार से उल्टा कर के लगा दिया और फिर उन्हो ने मेरे पीछे आकर मुझे थोड़ा सा झुकाया और अपना लंड मेरी चूत मे घुसा दिया, साबुन की वजा से उनका लंड फिसलता हुआ मेरी चूत मे पूरा का पूरा चला गया और फिर खलू खूब ज़ोर ज़ोर से झटके मार कर मेरी चूत की चुदाई करने लगे. खलू बोहत तेज़ी के साथ झटके मार रहे थे, मैं जो दीवार से बिल्कुल लगी हुई थी उनके झटको की वजा से मैं दीवार से रगड़ खा रही थी, मेरे बड़े बड़े मम्मे दीवार के साथ बुरी तरहा से घिस रहे थे, मुझे तकलीफ़ के साथ साथ माज़ा भी खूब आरहा था, और मैं अपनी चुदाई को पूरी तरहा से एंजाय कर रही थी, खलू ने 10 मिनिट मेरी चूत चोदि फिर उन्हो ने अपना लंड मेरी चूत से निकाल कर उसी पोज़िशन मे मेरी गंद मे डाल दिया और फिर वो खूब तेज़ी के साथ मेरी गंद मारने लगे. खलू आधे घंटे तक बारी बारी मेरी चूत और गंद मारते रहे,

Re: खाला के घर में

Posted: 02 Nov 2014 00:07
by rajaarkey
फिर जब वो फारिग होने लगे तो उन्हो ने अपना लंड मेरी चूत से निकाला और मुझे सीधा कर के मुझे घोटनों के बल बिठा दिया, मैं ने घोटनों के बल बैठ कर खलू के लंड की तरफ देखा ही था के उनके लंड से वीर्य ऐक फव्वारे की तरहा निकला और मेरे चेहरे से टकराया, मैं तो दीवार से लगी हुई थी इस लिए मैं अपना मुँह घुमा भी नही सकती थी, खलू ने अपने लंड की सारी मनी मेरे चेहरे पर फेंक दी, काफ़ी सारी मनी मेरे मुँह मे भी चली गई थी. खलू ने फिर मुझे नहलाना शुरू कर दिया, नहाने के बाद मैं जल्दी जल्दी कपड़े पहेन कर तय्यार हुई और फिर हम वापिस शादी हॉल मे पहुच गये. हॉल मे बारात आचुकी थी और निकाह भी होगया था अब बस खाना खोलने ही वाला था, खाला स्टेज के पास ही खड़ी थी, मैं और खलू खाला के पास पहुच तो खाला मुझे देख कर मुस्कराई और बोली, इतनी देर कहा लगा दी यहा तो निकाह भी होगया है, मैं कहने लगी, वो खाला जान कार खराब होगई थी इस लिए देर होगई, खाला मेरी बात सुनकर मेरे नज़दीक आगई और बोली, कार ही खराब होई थी या कोई और बात है, मैं ऐक दम से घबरा गई और बोली, नही खाला जान कार ही खराब हुई थी, खाला मुस्कराई और बोली, अछा तुम्हारे खलू ने तो मुझे कुछ और ही बताया था, मैं और ज़ियादा घबराई और फिर मैं ने खलू को देख कर खाला से बोली, कक क्या बताया था खलू ने, मेरी बात पर खलू हंस दिए, जब के खाला भी मुस्करा कर बोली, यही के तुम अपने खलू के साथ उनके बेडरूम मे थी, अब तो मेरे हाथो से तोते उड़ गये, मैं ने घबरा कर शिकायती नज़रों से खलू को देख तो खलू हंस कर बोले, गाज़ल वो मुझ से झूट नही बोला गया और मैं ने घर पर ही फोन परतुम्हारी खाला को सब कुछ सच सच बता दिया था के हमे देर होजायेगी इस लिए वो यहा बात संभाल लेना. खाला ने आगे बढ़ कर मुझे गले लगा लिया और बोली, गाज़ल बेटी मैं तुम से बोहत खुश हूँ तुम ने मेरी बोहत बड़ी मुश्किल हाल कर दी है, ये जो तुम्हारे खलू हैं ना बड़े ही ताड़की हैं, इनकी हविस ही कम नही होती, मैं तो अब बूढ़ी होगई हूँ और्र अब मुझ मे इनका लंड सहने की हिम्मत नही बची है, तुम ये बताओ के तुम्हे ज़ियादा दर्द तो नही हुआ, काफ़ी बड़ा और मोटा लंड है तुम्हारे खलू का, अब मैं भी नॉर्मल हो चुक्की थी पर मुझे खाला के सामने शरम आराही थी और मैं शरमाती होई बोली, हा खाला जान दर्द तो बोहत हुआ था पर मज़ा उस से भी ज़ियादा आया था, खलू ने फिर मुझे प्यार से चूमा और मेरे गाल पर किस कर के बोली, खुश रहो मेरी बच्ची. अभी खाला मुझे प्यार ही कर रही थी के पीछे से अब्बू की आवाज़ आई, बोहत प्यार हो रहा है खाला भांजी मे, अब्बू की आवाज़ सुनकर मैं ऐक दम से घबरा गई, दिल मे डर हुआ के कही अब्बू ने हमारी बाते सुन ना ली हो, खाला ने मुझे अलग किया और अब्बू से बोली, भाई साहिब क्या गाज़ल मेरी बेटी नही? किया मैं ऐसे प्यार नही कर सकती? अब्बू भी मुस्करा कर बोले, हा हा क्यूँ नही गाज़ल आप ही की तो बेटी है, भला मैं कोन होता हूँ मा बेटी के प्यार के बीच मे आने वाला



. खाला कहने लगी, भाई साहिब आज से नरेन बेटी अपने घर की होगई है और मेरा घर बोहत सूना होजायेगा , इस लिए मैं गाज़ल को अभी जाने नही दूँगी. अब्बू बोले, हा हा क्यूँ नही मुझे क्या अतराज़ हो सकता है, आप जीतने दिन चाहे गाज़ल को अपने पास रखे. फिर ऐसे ही कुछ और बाते चलती रही और मैं ने सूख का सांस लिया. रुखसती के बाद जब हम घर पहुचे तो रात के 3 बज गये थे, कामी तो वैसे ही नींद मे डूब रहा था इस लिए वो तो फॉरन ही सोगया, घर मे अभी कुछ और मेहमान भी थे इस लिए खलू को भी मोका नही मिला के वो मुझे चोद सकते. दोसरा दिन भी मूसरूफ़ गुज़र गया और दिन मे ना ही कामी को कोई मोका मिला और ना ही खलू को, इस दिन भी काफ़ी मासरॉफियत रही थी इस लिए कामी नींद से नही जीत सका और जल्द ही सोगया, मैं भी बिस्तर पर लेट चुक्की थी और फिर मेरी भी आँख लग गई, रात 3 बजे के बाद किसी ने मुझे झंझोड़ा तो मेरी आँख खोली, मुझे जगाने वाले खलू थे, मैं ने बड़े प्यार से अपनी बाहे उनके गले मे डाल दी, खलू बोले, गाज़ल मेरा बोहत दिल चाह रहा था इस लिए मैं खुद को रोक नही पाया और मैं ने तुम्हे आकर जगा दिया,