सास हो तो ऐसी compleet

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rajaarkey
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Re: सास हो तो ऐसी

Unread post by rajaarkey » 02 Nov 2014 17:17


अन्दर आतेही उसने मुझे बाहोमे लेकर उठाया। मुझे उठाके वो नाच रहा था। धीरे धीरे मुझे थोडा निचे करके मेरे नितम्ब पे अपना हाथ लाया। मेरी चूत कपड़ोके उपरसे उसके लंडपे घिस रही थी। बेचैन होते हुए फटाफट अपने कपडे उतारे। उसी जोश में वो मेरे कपडे उतारने लगा। उसके जोश में कही कपडे फट न जाये इसीलिए मैंने उसे शांत होने को कहा और कपडे उतारने लगी मेरे बदन से एक एक कपड़ा दूर हो रहा था, वैसे वैसे रवि की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। उसके हाथ में अब उसका लंड था। वो लंड सहला रहा था। मेरे बदन पे अब बस ब्रा और निकर बची थी। रविसे रहा नहीं गया। वो आगे आया और उसने मेरी ब्रा मेरे छाती से दूर की। मेरे गोरे गोरे वक्ष उसके सामने खुले थे। जैसेही मैंने मेरे दोनों हाथ से वक्ष छुपानेकी कोशिश की उसने तुरंत मेरी निकर मेरेसे अलग करनेकेलिएमेरी कमर से उसे निचा किया। मेरे समझ में नहीं आ रहा था के मै अपने वक्ष छिपाऊ या अपनि चूत। मै दोनों कोशिशोमें नाकामयाब रही। रवि मुझे उठाके मेरे बेड रूम में ले गया। मुझे मेरे बेडपे लिटाकर उसने मेरी निकर मेरे पैरोसे अलग की। अब मै बिलकुल नंगी मेरे दामाद के सामने थी। वो भी नंगा था। उसका लंड तावमें आके ऊपर निचे -ऊपर निचे हो रहा था। मुझे घूरते हुए रविने अपना मुह मेरे जान्घोके बीच लाया और मेरे चूतपे अपना नाक लगाके सूंघने लगा। थोड़ी ही देरमें वो मेरी चूतको चूसने लगा। अपने हाथसे कभी मेरे चुचे तो कभी मेरी गांड दबातेहुए वो सचमच बच्चे आइसक्रीम जैसे चाटते-कुरेदते है वैसे चटाने लगा। मै हवामें उड़ने लगी। मेरी चूत गीली होके लंडके लिए छुट छुट करने लगी। मेरी गांड अपने आप उचकने लगी। रवि नासमझ था। उसके दिमागमें ये बात घुस नहीं रही थी। अंतमें मैंने ही उसे अपना लंड चूतमें डालनेका इशारा किया। रवि झटसे अपने घुतनोपे बैठा। मेरे पैर पसारकर उसने अपने लंडकी टोपी मेरे चूतमें दबाई। मुझे नानी याद आ गयी। मैंनेही जल्दी में उसे लंड चूतमें डालनेको कहा था। उसने भी बिना लंड गिला किये मेरी चूतमें लंड का प्रवेश किया। अब रोके कोई फायदा नहीं था। रवि को तो बस मेरे चुतमे अपना लंड जल्दी से जल्दी डालने की पड़ी थी। अन्दर पूरा लंड डालनेकी फिराकमे उसे मेरी कहा सुध थी। जैसेही पूरा लंड अन्दर प्रवेश कर चूका उसने किसी विजयी वीर जैसे मेरी तरफ देखा। उसका इतना बड़ा लंड चुतके अन्दर लेते लेते मेरी आंखोमे आसू आये थे। ये देखके रवि घबराके बोला -सासुजी,इतनी तकलीफ होती होगी तो निकालता हु। मैंने उसे हाथसेही मना करते हुए धीरे धीरे चोदने को कहा। रवि मुझे चोदने लगा। मेरी बेरी उसका पूरा लंड अन्दर नहीं लेती होगी। तभी वो पूरा लंड अन्दर जानेसे बहोत खुश था। अपनेसे दस साल जवान लड़केका लंड बहोत टाइट था। उसका हार्डनेस मेरी चूत के अन्दर बहोत अच्छा फील कर रहा था। चूतके अन्दरकी स्किन एक साथ सब तरफ से रगड़ जा रही थी। धीरे धीरे मेरी चूत आराम महसूस करने लगी। मैंने रवि को इशारा करके जोर जोर से चोदनेको कहा। उसकी ट्रेन फुल स्पीडसे चलने लगी। वो जवान होने की वजहसे बहोत जोरसे और तेजीसे धक्के दे रहा था। उसका बड़ा और लम्बा लंड मेरे चुतमे घिसते हुए मेरे बच्चेदानीतक जा रहा था। दुनियामें कोई भी औरत किसी भी कीमतपर ये सुख हासिल करना चाहेगी। मै नसिबवाली थी जो मुझे ये सुख मिल रहा था। रवि जोरसे चोद रहा था। उसका हौसला बढ़ानेकेलिए मैभी निचेसे गांड उठाने लगी। शाबास मेरे दामाद, और जोरसे-और जोरसे, तुम्हारे लंडका जवाब नहीं, जिंदगीमें पहली बार इतना सुख मिल रहा है , क्या ताकत पाई है तुमने।

rajaarkey
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Re: सास हो तो ऐसी

Unread post by rajaarkey » 02 Nov 2014 17:18

मै चिल्लाते जा रही थी और रवि उससे मोटीवेट होके अपनी पूरी ताकत लगाके चोद रहा था। मै बार बार निहाल हो रही थी। आखिर रविने पूछा-सासुजी अन्दर करू या बाहर। मैंने उसे अन्दरही करनेको कहा। उससे खुश होकर उसने रफ़्तार बढाई। आखिर वो क्षण आया। रवीने जोर जोरसे चोदतेहुए मेरी चूतको अपने वीर्यसे नहलाना शुरू किया। और बीस-पच्चीस धक्के लगातेहुए वो मेरे बदनपर गिर गया। पूरी रूम शांत हो गयी। इतना समय पूरी रूम में चुदाईकी आवाज गूंज रही थी वहा अब रविके सांस की बस आवाज आ रही थी। मै पूरी तरह शक्तिहिन् फील कर रही थी। थोड़ी देर बाद रवि मेरे उपरसे उतरा। मै नंगीही दोनों पैर फैलायेहुई पड़ी थी। थोड़ी देर आराम करने के बाद रवि के हाथ फिर एक बार मेरे शरीरसे खेलने लगे।मुझमे अब इतनी शक्ति नहीं थी के मै दोबारा उसका साथ दे सकू। मैंने रवि को थोडा आराम करनेको कहा और मै बाथरूम जानेकेलिए उठी। मेरी कमर दर्द कर रही थी। मैंने पैरोकी तरफ देखा। मेरी चूत लाल हुई थी। मुझे नहीं लगता था की मै अभी तुरंत या थोड़ी देर बाद रवि का पुनः साथ दे पाऊँगी। मगर वो तो अभीसे अपना लंड तानके अपने हाथमे लेके अगली बारी की तय्यारी में बैठा था।मैंने सोचा देखेंगे थोड़ी देर बाद। पहले कुछ खा तो लेते है।

फ्रेश होनेकेलिये जब मै बाथरुमकी ओर चली तब मेरे तरफ घूरतीहुई रविकी निगाहे मुझे मेरे नितंबोपे महसूस हुई। मैंने मुडके देखा तो रवि ललचाई नजरोसे मेरी गांडको देखता हुआ पाया। मैंने उसके नजरोकी भाषा तुरंत भांप ली। उसे खुदको फ्रेश होनेकेलिये इतनासा समय काफी था। पच्चीस सालका बांका जवान था वो। मगर मेरी हालत पस्त थी। मैंने पहले खुदको बाथरूमके अन्दर लाया फिर दरवाजा आधा बंद करके उससे पूछा- रवि, मेरे पीछे की तरफ इतना घुर के क्या देख रहा था?कभी किसी को ऐसा देखा नहीं है क्या? रवि ने कहा- आपकी बेटी को ही ऐसा नंगा देखा है। मगर आपकी ये कसक अलगही है। ये कहते कहते वो बाथरूम की तरफ आया इसका मुझे पताही नहीं लगा। मेरा पूरा ध्यान वो अपने हाथसे लंडको मसल रहा था उसपेही था। जब मुझे पता लगा तब तक वो दरवाजेका हैंडल अपने हाथ में पकड़के दूसरा हाथ मेरे चुचिके अनारदानेको मसलनेमे लगा था। उसका इरादा मेरे समझ आ रहा था। मेरा मन दुसरे राउंडके लिए तैयार हो रहा था। मगर मुझे शक था की मेरा बदन उसे साथ देने कही कम न पड़ जाये।मेरी चूत अभीभी लाल -लाल नजर आ रही थी। रवि जोर लगाके बाथरूमके अन्दर आया। मैंने पलभर सोचके उसे अन्दर आने दिया।दोनोही नंगे थे।मैंने शावर शुरू किया। रवि के तपे बदन पे जैसेही ठन्डे पानीकी बौछारे गिरी उसे सुकून मिलने लगा। उसने वहीपर मूत्र-विसर्जन किया। उसके तुरंत बाद उसका लंड सिकुड़ने लगा। दो मिनट के अन्दर उसका लंड नार्मल हुआ। मैंने भी खुदको शावर के निचे लाया। दोनों पानी से थे। दोनों एक-दुसरे के बदन से छेड़-छाड़ करने लगे।

rajaarkey
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Re: सास हो तो ऐसी

Unread post by rajaarkey » 02 Nov 2014 17:19

रवीने हाथ में साबुन लिया और मेरे बदनपे साबुन लगाने लगा। मेरे बदन को वो मल-मलके साबुन लगा रहा था। साबुन से उसने मेरे चुचिको बहोत देर तक दबाया।फिर वो साबुन लेके मेरे गान्डको रगड़ने लगा। मेरे चुतको साबुन लगाके वो अगड़ने लगा। पहले उसने एक उंगली अन्दर डाली फिर दो उंगली से वो मेरे चुतमे अन्दर-बाहर करने लगा।मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने भी साबुन लेके उसके लंड और गोटियोको मालिश शुरू की। मेरे हाथ का स्पर्श होतेही रवि के लंड्मे फिर से जान आने लगी। वो फिरसे बढ़ने लगा। देखते-देखतेही लंड मेरे हाथ से बड़ा हो गया।मेरे एक हाथकी मुठीमें नहीं समां रहा था। मैंने फिर दोनों हाथसे उसे आगे-पीछे करना शुरू किया। पानी की बौछारे मुझे भी सुकून दे रही थी। मेरी थकावट दूर हो रही थी। रवि मेरे पीछे आया। अपने लंडको मेरे दोनों चुतडका जो गैप था उसमे दबाके मुझसे पिछेसे चिपक गया। उसने अपने हाथ आगे लिए और मेरे चूची को दोनों हाथसे दबाने लगा। कभी मेरे दाई चूची की घुंडी मरोड़ता , मै आह करती तो फिर वो छोडके मेरे बायीं चूची की घुंडी को मरोड़ने लगता। अपने जीभसे वो मेरे दोनों कानको चूमने लगा। बीच-बीचमे वो मेरे कानको हलकेसे कांटने लगा। कभी कान छोडके मेरे गलेको/मानको अपने दातोसे हलकेसे कांटने लगा।उसकी ये सब प्रयास मुझे चुदाईके लिए फिर से तैयार करने के लिए थी और वो इसमें सफलभी हो रहा था। मेरे गांड के बीच रगड़ता हुआ उसका फौलादी लंड मुझे अब गरम कर रहा था। मेरे चुतमे धीरे-धीरे आग लग रही थी। ऊपर से गिरता हुआ पानी मेरे चूत के अन्दर से आ रहे गिलेपनको रोकनेमें काफी नहीं था। मै धीरे धीरे आगे की ओर झुकने लगी। रवि के समझमे बात आ रही थी उसने मुझे बाथरूममेंही आगे झुकाया। मेरे एक पैरको नहानेके स्टूलपर रखके मेरे पैर अलग किये। नीचे झुकके एक बार मेरे चूत का रास्ता देखा और अपने लंडको हाथमें लेके उसने सही निशानेपर अपना लंड रखा और मुझसे पूछा-सही ? मैंने अपनी मुंडी हिलाकर अपनी रजामंदी जाहिर की। उसे जैसे ग्रीन सिग्नल मिला हो। उसके अपना घोडा मेरे चुतके अन्दर ऐसे डाला जैसे उसे एक मिनट के अन्दर खेल ख़तम करना हो। मैंने अपने जान्घोको थोडा दबाकर उसके लंड को अन्दर ही अन्दर थोडा दबाया। अब उसे अन्दर बाहर करने में थोड़ी कठनाई होने लगी। उसका स्पीड अपने आप कम हुआ। फिर उसने धीरे धीरे मुझे चोदना शुरू किया। उसका लंड मस्त चोद रहा था। ऊपर से शावर से पानी गिर रहा था और नीचे रवि का लंड मुझे प्यार की बारिश कर रहा था। मै पूरी तरह आनंद-विभोर हो रही थी। जैसे ही वो लंड आगे घुसाता मै भी अपने गांड को पीछे धकलती। इससे उसका स्ट्रोक डबल हो जाता था। उसकी गोटिया मेरे चुतके उपरवाले हिस्से पे आती थी। उससे भी मुझे खूब मजा आने लगा। एक तो रवि का लंड फौलादी था ऊपर से उसमे जवानीकी गर्मी थी।अजीब तेजी उसके धक्कोमे थी। उसका लंड अन्दरतक जातेही मुझे मेरा पेट भरा हुआ है ऐसा एहसास होता था।
शावर से गिरती हुई पानी की आवाज अब हमारे चुदाई की आवाज से सुनाई नहीं दे रही थी। फचक-फचाक बहोत मस्तीभरी और मादक आवाज अब बाथरूम में गूंज रही थी। ऐसा लगा रह था सालोंसे मै मेरे दामाद के साथ चुदाई का खेल खेल रही हु और आगे सालोंतक ये खेल ख़तम नहीं होगा। मै मस्त होकर चुदवा रही थी। थोड़ी देर पहलेही वीर्यपतन होनेसे रवि भी जल्दी झडनेका नाम नहीं ले रहा था। अचानक मैंने सामने देखा, सामने वाले शीशेमें रवि मुझे चोदते हुए दिख रहा था। मैंने खुदको थोडा तीरछा किया। रवि मस्त लंड मेरे गांड को घिसते हुए पिछेसे मेरे चुतमे आ-जा रहा था। मेरे दोनों वक्ष किसी नारियल की तरह हिल रहे थे। मेरे गांडपे उसकी जंघे दब जाती थी तब मेरी गांड भी दबी जा रही थी। रवि अपने हाथ मेरे गांडपे रखकर गांड ऊपर उठानेकी कोशिश कर रहा था।

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