गतान्क से आगे......
बुधवार – सन्नी और रश्मि
अगले दिन जब प्रशांत काम पर चला गया तो बबिता और में शॉपिंग पर जाने के लिए तैयार हो गये. पीछे रह गये सन्नी, राज, रवि और रश्मि. मेने बबिता से कहा कि हम जाने का सिर्फ़ बहाना करेंगे और चुप कर उनका कारनामा देखेंगे. मेने बबिता को वो मेरी ख़ास जगह भी बताई जहाँ छुप कर मेने पहली बार राज, रवि और रश्मि को देखा था.
राज रवि और सन्नी हमारे गॅरेज मे चले गये पर रश्मि उपर कमरे मे ही रही. मेने रश्मि को बता दिया कि हमारे मन में क्या है तो उसने कहा की हम खामोश रहें और तमाशा देखें.
रवि और राज अपने कपड़े उतार कर नंगे हो गये. सन्नी वैसे ही खड़ा रहा है फिर पूछा, "ये रश्मि कहाँ रह गयी?"
"ओह वो थोड़ी देर में आ जाएगी पर उसने कहा था कि हम शुरू हो जाएँ," राज ने बताया.
सन्नी अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया. राज और रवि अपने लंड को मसल रहे थे. सन्नी भी उन दोनो को देख गरमाने लगा था, उसका लंड भी धीरे धीरे खड़ा होता जा रहा था.
"सन्नी तुम क्या करना चाहोगे, क्या तुम रवि से या मुझसे पहले गंद मरवाना चाहोगे?" राज ने उससे पूछा.
"मुझे लगता है पहले तुम ही अपना लंड मेरी गंद मे घुसा दो जिससे रवि का लंड लेने मे मुझे आसानी होगी." सन्नी ने राज से कहा.
"ठीक है फिर अपने घुटनो पर झुक जाओ और अपने हाथो से अपने चुतताड पकड़ कर थोड़ा फैला दो." राज ने कहा.
सन्नी बिस्तर का कोना पकड़ झुक गया. राज उसके पीछे आकर उसकी गंद पर क्रीम लगाने लगा. रवि उसके चेहरे के सामने आया और अपना लंड उसके होठों पर रगड़ने लगा. राज ने अपना लंड उसकी गंद मे डाल दिया और रवि उसके मुँह को चोदने लगा.
बबिता हैरत से खड़ी अपने बेटे को देख रही थी जिसके मुँह मे रवि का लंड अंदर बाहर हो रहा था, और राज ने अपना लंड उसकी गंद मे अंदर तक पेला हुआ था.
बबिता इस नज़ारे को देख गर्माती जा रही थी. तभी रश्मि एक दम नंगी कमरे मे दाखिल होती है और सन्नी के पास झुक कर उसका लंड अपने मुँह मे ले चूसने लगती है. सन्नी ने चौंकते हुए रश्मि की ओर देखा जो उसके लंड को जोरों से अपने मुँह मे ले चूस रही थी.
सन्नी इस तीहरे मज़े से इतना उत्तेजित हो गया था की उसे ज़्यादा देर नही लगी अपना पानी रश्मि के मुँह मे छोड़ने मे. सन्नी का वीर्य रश्मि के गले के अंदर छूट रहा था और वो उसे निगलते जा रही थी. रश्मि उसका वीर्य छूटने के बाद भी उसके लंड को चूस उसे बहते पानी को पीती रही. रश्मि का लंड चूसना जारी रखने से सन्नी का लंड मुरझाया नही बल्कि खड़ा खड़ा रहा.
"वाआह माआज़ाअ आअगाअ में साचमुच रश्मि के मुँह मईए झदादा एक लड़की के मूँह मे." सन्नी खुशी से उछलते बोला.
"हां सुन्न्नी तुमने ऐसा कर दिया, और तुम्हारे वीर्य का स्वाद भी बहोत अच्छा है." रश्मि अपने होठों पर अपनी जीब फेरते हुए बोली.
"सन्नी अब ऐसा करो रश्मि रवि के लंड पर चढ़ अपनी चूत मे लंड लेगी और तुम पीछे से उसकी गांद मे अपना लंड डालना. तुम्हे गंद के अंदर से रवि के लंड का एहसास होगा." रवि ने सन्नी से कहा.
रवि बिस्तर पर पीठ के बल लेट गया और रश्मि ने उसके उपर चढ़ उसके लंड को अपनी चूत मे ले लिया. रस्मी उपर नीचे होते हुए उसके लंड को अंदर तक लेने लगी. जब रवि का लंड पूरी तरह उसकी चूत मे घुस गया तो वो बैठ गयी और आगे को झुक गयी.
राज ने रश्मि की गांद क्रीम से चिकना किया फिर सन्नी के लंड को पकड़ उसकी गंद के छेद पर लगा दिया. सन्नी ने थोड़ा ज़ोर लगाते हुए अपना लंड उसकी गंद मे घुसा दिया वहीं राज ने अपनी उंगलियाँ सन्नी की गंद मे घुसा दी.
"ओह रवि मुझे ऐसा लग रहा है कि तुम्हारा लंड मेरे लंड को छू रहा है, में उसके मोटे लंड को महसूस कर रहा हूँ." सन्नी उत्तेजित होते हुए बोला.
तभी राज ने अपना लंड सन्नी की गांद मे डाल दिया. अब चारों ताल से ताल मिलाने की कोशिश करते हुए एक दूसरे को चोद रहे थे.
"ऊवू प्ररीईटी आब्ब्ब में ज़्यादा नााी डेक्ककख साकटि मईरी चूत मे आअग लगग्गी हु है." बबिता धीरे से मेरे कान मे फुस्फुसाइ.
"लाओ में तुम्हारी मदद करती हूँ," कहकर मेने बबिता की स्कर्ट उपर उठा कर उसकी पॅंटी उसके घुटनो तक नीचे कर दी.
मेने अपना हाथ बबिता की चूत पर रख दिया और उसे मसल्ने और रगड़ने लगी. बबिता इतनी उत्तेजित थी कि वो अपनी चूत को मेरे हाथो पर दबा रही थी. में समझ गयी की बबिता काफ़ी उत्तेजित है मेने अपने हाथ की रफ़्तार बढ़ा दी. बबिता का बदन थोडा सा आकड़ा और उसकी चूत ने मेरे हाथों परपानी छोड़ दिया. उसने अपने बाहों से अपने मुँह को दबा रखा था जिससे उसकी सिसकारियाँ ना सुनाई दे.
"ओह थॅंक यूऊ प्रीएटी." वो धीरे से बोली और मेरी बाहों मे समा गयी.
हम दोनो फिर चारों को देखने लगे. तीनो लड़के अपने लंड को ताल से ताल मिला चोद रहे थे. जब रवि का लंड रश्मि की चूत से निकलता तो सन्नी का लंड उसकी गंद मे अंदर तक घुस जाता. जब सन्नी अपना लंड रश्मि की गंद से निकलता हुए पीछे को होता तो रवि का लंड रश्मि की चूत मे अंदर घुसता वहीं राज का लंड सन्नी की गंद मे.
चारों काफ़ी उत्तेजित थे ये उनके चेहरों से दिखाई दे रहा था. रश्मि जोरों से सिसकते हुए तीहरी चुदाई का मज़ा ले रही थी. वहीं सन्नी तो जैसे दूसरी दुनिया था, एक तो वो रश्मि की गांद मार रहा था वही अपनी गंद राज से मरवा रहा था.
मैं और मेरी बहू compleet
वो चारों भयंकर चुदाई मे जुटे हुए में देख रही थी की सभी झड़ने की कगार पर थे, तभी सन्नी जोरों से चिल्ला पड़ा, "ऊवू राअज ओह राआज."
"ठीक है सन्नी घबराव मत, झाड़ जाने दो तुम्हारे लंड को हम सभी का छूटने वाला है." राज ने सन्नी से कहा.
"ऊवू मेराा चूऊओटने वाअला हाई ओह चूओता." सन्नी जोरों से चिल्ला पड़ा.
सन्नी का शरीर आकड़ा और उसके लंड रश्मि की गंद वीर्य उगल दिया. सन्नी उत्तेजित हो जोरों के धक्के लगा रहा था. उसके धक्कों की वजह से राज के लंड ने सन्नी की गंद मे वीर्य छोड़ दिया. रश्मि का इस दौरान कितनी बार पानी छूटा पता नही पर वो निढाल होकर रवि की सीने पर पड़ गयी जब रवि के लंड ने उसकी चूत को अपने पानी से भर दिया.
"मुबारक हो सन्नी पहले तुम मेरे मुँह मे झाडे और अब मेरी गंद मे." रश्मि ने उससे कहा.
"हे भगवान, इतनी भयंकर चुदाई मेने अपनी जिंदगी मे पहेले कभी नही की. तुम सही कहते थे राज में बड़ी आसानी से रश्मि मे झाड़ गया और मुझे मज़ा भी बहोत आया." सन्नी खुश होते हुए बोला.
"ठीक है हम थोड़ी देर आराम करते है और एक दूसरे के शरीर सिर्फ़ खेलेंगे. फिर मे चाहता हूँ कि इसके बाद तुम अकेले रश्मि के साथ चुदाई करो. मेरा मतलब है की तुम दोनो अकेले तीसरा कोई नही. या तो रश्मि तुम्हारा लंड चूसेगी या तुम रश्मि की गंद एक बार फिर मारोगे, बिना कोई लंड अपनी गंद मे लिए." राज ने उससे कहा.
"सन्नी यहाँ मेरे पास आओ. में चाहती हूँ कि तुम मेरी चुचियाँ से खेलो. में चाहती हूँ कि तुम इन्हे चूसो और मेरे निपल को अपनी उंगलियों ले भींचो." रश्मि ने उसे सिखाते हुए कहा.
सन्नी रश्मि के पास आ गया और उसकी चुचियों से खेलने लगा. जिस तरह रश्मि ने उसे समझाया था ठीक उसी तरह वो उन्हे मसल्ने लगा, और अपनी उंगली और अंगूठे से उसके निपल को भींचने लगा. फिर रश्मि के बताए अनुसार वो उन्हे चूमने और चूसने लगा.
"सन्नी मेरे निपल्स को अपने मुँह मे लेकर इस तरह चूसो जैसे कि वो छोटा सा लंड हो." रश्मि ने सन्नी से कहा.
सन्नी रश्मि की बाते मानता गया और ठीक वैसे ही करने लगा जैसा रश्मि कहती जाती. अपने बेटे सन्नी को रश्मि के साथ देखते हुए बबिता अपनी उंगली अपनी चूत मे डाल अंदर बाहर कर रही थी. मैं खुद अपना हाथ अपनी पॅंटी मे डाल अपनी चूत को मसल रही थी. लड़कों के लंड भी एक बार फिर खड़े हो गये थे.
"तुम क्या लेना चाहोगे सन्नी? मेरे मुँह को या मेरी गंद को?" रश्मि ने सन्नी से पूछा.
"तुम्हारी गंद लेकिन तुम एक बार फिर उसी तरह रवि के लंड को अपनी चूत मे ले लो." सन्नी ने अपनी इच्छा बताई.
एक बार फिर रश्मि रवि के लंड पर चढ़ गयी और उसके लंड को अपनी चूत के अंदर ले लिया. राज ने अपना लंड उसके मुँह के सामने किया जिसे रश्मि ने अंदर लेकर चूसना शुरू कर दिया.
सन्नी अब उसके पीछे आ गया और अपना लंड उसकी गंद के अंदर डाल धक्के लगाने लगा. वो चारों फिर एक बार चुदाई मे लग गये.
"अब में ज़्यादा नही देख सकती मुझे अपनी चूत की खुजली किसी तरह मिटानी होगी." बबिता ने कहा.
बबिता और में अपनी छुपने वाली जगह से बाहर आए भाग कर मेरे कमरे मे पहुँचे. एक बार कमरे मे आते ही हम दोनो ने अपनी पॅंटी उत्तर दी. बबिता बिस्तर पर लेट गयी और में 69 अवस्था मे उसके उपर लेट गयी. हम दोनो ने एक दूसरे की चूत चूसना शुरू कर दिया. एक बार हमारा पानी छूट गया तो हमने बाकी के भी कपड़े उतार दिए और फिर से एक दूसरे के साथ प्यार करने लगे. थोड़ी देर बाद हम दोनो नकली लंड अपनी चूत मे घुसा एक दूसरे का पानी छुड़ाने लगे.
जब हम थक कर लेटे हुए थे, में उन चारों के बारे मे सोच रही थी. मुझे विश्वास था कि अभी भी वो चारों चुदाई मे लगे हुए होंगे और सन्नी दूसरी बार रश्मि की गंद मे झदेगा.
थोड़ी देर बाद बबिता और मेने खुद को सॉफ किया और कपड़े पहन बाहर आ गये. हम दोनो इस तरह आए कि किसी को ये लगे की हम शॉपिंग कर के आ रहे है.
वो चारों अभी भी कमरे मे ही थे. में और बबिता हॉल मे कुछ खाने पीने का इंतज़ाम करने लगे. थोड़ी देर बाद वो चारों भी आ गये और हमारे साथ चाइ नाश्ता करने लगे.
थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद हम सब नहाने और तय्यार होने चले गये. प्रशांत करीब एक घंटे मे काम से वापस आने वाला था, हम उसके आने से पहले रात के खाने के लिए तय्यार हो जाना चाहते थे.
प्रशांत हम सब को रात के खाने के लिए बाहर ले गया. हम सब ने वो रात नाचते गाते खाते पीते गुज़री. जब सब थक गये तो हम सब घर की ओर चल पड़े.
एक बार घर पहुँचते सब सो जाना चाहते थे. एक बार फिर जोड़े बने, हमेशा की तरह प्रशांत ने रश्मि को चूना. रवि बबिता के साथ चला गया और में आकेली कमरे मे आ गयी. पर थोड़ी देर बाद राज और सन्नी मेरे कमरे मे आ गये. उस रात मैने बेटे और भतीजे ने मिलकर मुझे दोहरी चुदाई का मज़ा दिया.
गुरुवार: सन्नी का काम ज्ञान और बढ़ा
दूसरे दिन मेरी आँख खुली तो राज और सन्नी मेरे बिस्तर मे ही थे. एक बार फिर दोनो ने मेरे साथ साथ चुदाई की. चुदाई के बाद हम सबने स्नान किया और नीचे नाश्ते के लिए आ गये. जब हम नीचे की और बढ़ रहे थे तो मुझे प्रशांत के कमरे से मादक आवाज़ें सुनाई दी, और हम उसके कमरे मे झाँकने से अपने आपको नही रोक पाए.
बबिता पीठ के बल लेटी हुई थी और उसकी टाँगे रवि के कंधो पर रखी हुई थी. रवि उसकी टाँगो को पकड़ जोरों से उसकी चूत चोद रहा था. उसके हर धक्के के साथ उसकी टाँगे उसकी छाती से चिपेट जाती और उसका लंड जड़ तक बबिता की चूत मे घुस जाता. बबिता की चूत पानी पर पानी छोड़ रही थी, आख़िर थक कर उसने उसे रुकने को कहा.
"रुक जाओ रवि, अब में और नही सह सकती."
रवि ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसे मुठियाने लगा. थोड़ी देर मुठियाते ही उसके लंड ने ज़ोर की पिचकारी छोड़ दी. लंड से वीर्य बबीता के पेट और छाती पर गिर रहा था. रवि के वीर्य ने बबिता को उसके सिर से लेकर उसकी चूत तक भिगो दिया था और बबिता बड़े प्यार से उस वीर्य को अपने शरीर पर मलने लगी.
सन्नी ने कभी अपने माता पिता को चुदाई करते नही देखा था, और ना ही उसे उम्मीद थी कि वो रवि को अपनी मा को चोद्ते देखेगा. उसके मुँह से आवाज़ नही निकल रही थी. वो अजीब नज़रों से अपनी मा को देख रहा था जो रवि के वीर्य को अपनी उंगली मे ले चाट रही थी.
जैसे ही हम तीनो दरवाज़े से हटने लगे रवि और बबिता की नज़रें हम पर पड़ गयी.
"पिताजी कहाँ है?" सन्नी ने अजीब से आवाज़ मे अपनी मा से पूछा.
"लगता है वो अभी तक मेरी पत्नी को चोद रहे है." राज ने जवाब दिया.
"हहे भगवान ये क्या हो रहा है. इसका मतलब है कि तुम सब आपस मे चुदाई करते हो? मेरी मा और पिताजी भी इसमे शामिल है." सन्नी ने चौंकते हुए कहा.
तभी रश्मि और प्रशांत अपने कमरे से बाहर आए, "ये इंसान तो सही मे पूरा गान्डू है. इसे गांद मारने के अलावा कुछ सुझाई ही नही देता. ऐसा नही है कि मुझे गंद मरवाना पसंद नही है, पर मेरी चूत को भी तो लंड की ज़रूरत है." रश्मि ने कहा.
"ठीक है सन्नी घबराव मत, झाड़ जाने दो तुम्हारे लंड को हम सभी का छूटने वाला है." राज ने सन्नी से कहा.
"ऊवू मेराा चूऊओटने वाअला हाई ओह चूओता." सन्नी जोरों से चिल्ला पड़ा.
सन्नी का शरीर आकड़ा और उसके लंड रश्मि की गंद वीर्य उगल दिया. सन्नी उत्तेजित हो जोरों के धक्के लगा रहा था. उसके धक्कों की वजह से राज के लंड ने सन्नी की गंद मे वीर्य छोड़ दिया. रश्मि का इस दौरान कितनी बार पानी छूटा पता नही पर वो निढाल होकर रवि की सीने पर पड़ गयी जब रवि के लंड ने उसकी चूत को अपने पानी से भर दिया.
"मुबारक हो सन्नी पहले तुम मेरे मुँह मे झाडे और अब मेरी गंद मे." रश्मि ने उससे कहा.
"हे भगवान, इतनी भयंकर चुदाई मेने अपनी जिंदगी मे पहेले कभी नही की. तुम सही कहते थे राज में बड़ी आसानी से रश्मि मे झाड़ गया और मुझे मज़ा भी बहोत आया." सन्नी खुश होते हुए बोला.
"ठीक है हम थोड़ी देर आराम करते है और एक दूसरे के शरीर सिर्फ़ खेलेंगे. फिर मे चाहता हूँ कि इसके बाद तुम अकेले रश्मि के साथ चुदाई करो. मेरा मतलब है की तुम दोनो अकेले तीसरा कोई नही. या तो रश्मि तुम्हारा लंड चूसेगी या तुम रश्मि की गंद एक बार फिर मारोगे, बिना कोई लंड अपनी गंद मे लिए." राज ने उससे कहा.
"सन्नी यहाँ मेरे पास आओ. में चाहती हूँ कि तुम मेरी चुचियाँ से खेलो. में चाहती हूँ कि तुम इन्हे चूसो और मेरे निपल को अपनी उंगलियों ले भींचो." रश्मि ने उसे सिखाते हुए कहा.
सन्नी रश्मि के पास आ गया और उसकी चुचियों से खेलने लगा. जिस तरह रश्मि ने उसे समझाया था ठीक उसी तरह वो उन्हे मसल्ने लगा, और अपनी उंगली और अंगूठे से उसके निपल को भींचने लगा. फिर रश्मि के बताए अनुसार वो उन्हे चूमने और चूसने लगा.
"सन्नी मेरे निपल्स को अपने मुँह मे लेकर इस तरह चूसो जैसे कि वो छोटा सा लंड हो." रश्मि ने सन्नी से कहा.
सन्नी रश्मि की बाते मानता गया और ठीक वैसे ही करने लगा जैसा रश्मि कहती जाती. अपने बेटे सन्नी को रश्मि के साथ देखते हुए बबिता अपनी उंगली अपनी चूत मे डाल अंदर बाहर कर रही थी. मैं खुद अपना हाथ अपनी पॅंटी मे डाल अपनी चूत को मसल रही थी. लड़कों के लंड भी एक बार फिर खड़े हो गये थे.
"तुम क्या लेना चाहोगे सन्नी? मेरे मुँह को या मेरी गंद को?" रश्मि ने सन्नी से पूछा.
"तुम्हारी गंद लेकिन तुम एक बार फिर उसी तरह रवि के लंड को अपनी चूत मे ले लो." सन्नी ने अपनी इच्छा बताई.
एक बार फिर रश्मि रवि के लंड पर चढ़ गयी और उसके लंड को अपनी चूत के अंदर ले लिया. राज ने अपना लंड उसके मुँह के सामने किया जिसे रश्मि ने अंदर लेकर चूसना शुरू कर दिया.
सन्नी अब उसके पीछे आ गया और अपना लंड उसकी गंद के अंदर डाल धक्के लगाने लगा. वो चारों फिर एक बार चुदाई मे लग गये.
"अब में ज़्यादा नही देख सकती मुझे अपनी चूत की खुजली किसी तरह मिटानी होगी." बबिता ने कहा.
बबिता और में अपनी छुपने वाली जगह से बाहर आए भाग कर मेरे कमरे मे पहुँचे. एक बार कमरे मे आते ही हम दोनो ने अपनी पॅंटी उत्तर दी. बबिता बिस्तर पर लेट गयी और में 69 अवस्था मे उसके उपर लेट गयी. हम दोनो ने एक दूसरे की चूत चूसना शुरू कर दिया. एक बार हमारा पानी छूट गया तो हमने बाकी के भी कपड़े उतार दिए और फिर से एक दूसरे के साथ प्यार करने लगे. थोड़ी देर बाद हम दोनो नकली लंड अपनी चूत मे घुसा एक दूसरे का पानी छुड़ाने लगे.
जब हम थक कर लेटे हुए थे, में उन चारों के बारे मे सोच रही थी. मुझे विश्वास था कि अभी भी वो चारों चुदाई मे लगे हुए होंगे और सन्नी दूसरी बार रश्मि की गंद मे झदेगा.
थोड़ी देर बाद बबिता और मेने खुद को सॉफ किया और कपड़े पहन बाहर आ गये. हम दोनो इस तरह आए कि किसी को ये लगे की हम शॉपिंग कर के आ रहे है.
वो चारों अभी भी कमरे मे ही थे. में और बबिता हॉल मे कुछ खाने पीने का इंतज़ाम करने लगे. थोड़ी देर बाद वो चारों भी आ गये और हमारे साथ चाइ नाश्ता करने लगे.
थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद हम सब नहाने और तय्यार होने चले गये. प्रशांत करीब एक घंटे मे काम से वापस आने वाला था, हम उसके आने से पहले रात के खाने के लिए तय्यार हो जाना चाहते थे.
प्रशांत हम सब को रात के खाने के लिए बाहर ले गया. हम सब ने वो रात नाचते गाते खाते पीते गुज़री. जब सब थक गये तो हम सब घर की ओर चल पड़े.
एक बार घर पहुँचते सब सो जाना चाहते थे. एक बार फिर जोड़े बने, हमेशा की तरह प्रशांत ने रश्मि को चूना. रवि बबिता के साथ चला गया और में आकेली कमरे मे आ गयी. पर थोड़ी देर बाद राज और सन्नी मेरे कमरे मे आ गये. उस रात मैने बेटे और भतीजे ने मिलकर मुझे दोहरी चुदाई का मज़ा दिया.
गुरुवार: सन्नी का काम ज्ञान और बढ़ा
दूसरे दिन मेरी आँख खुली तो राज और सन्नी मेरे बिस्तर मे ही थे. एक बार फिर दोनो ने मेरे साथ साथ चुदाई की. चुदाई के बाद हम सबने स्नान किया और नीचे नाश्ते के लिए आ गये. जब हम नीचे की और बढ़ रहे थे तो मुझे प्रशांत के कमरे से मादक आवाज़ें सुनाई दी, और हम उसके कमरे मे झाँकने से अपने आपको नही रोक पाए.
बबिता पीठ के बल लेटी हुई थी और उसकी टाँगे रवि के कंधो पर रखी हुई थी. रवि उसकी टाँगो को पकड़ जोरों से उसकी चूत चोद रहा था. उसके हर धक्के के साथ उसकी टाँगे उसकी छाती से चिपेट जाती और उसका लंड जड़ तक बबिता की चूत मे घुस जाता. बबिता की चूत पानी पर पानी छोड़ रही थी, आख़िर थक कर उसने उसे रुकने को कहा.
"रुक जाओ रवि, अब में और नही सह सकती."
रवि ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसे मुठियाने लगा. थोड़ी देर मुठियाते ही उसके लंड ने ज़ोर की पिचकारी छोड़ दी. लंड से वीर्य बबीता के पेट और छाती पर गिर रहा था. रवि के वीर्य ने बबिता को उसके सिर से लेकर उसकी चूत तक भिगो दिया था और बबिता बड़े प्यार से उस वीर्य को अपने शरीर पर मलने लगी.
सन्नी ने कभी अपने माता पिता को चुदाई करते नही देखा था, और ना ही उसे उम्मीद थी कि वो रवि को अपनी मा को चोद्ते देखेगा. उसके मुँह से आवाज़ नही निकल रही थी. वो अजीब नज़रों से अपनी मा को देख रहा था जो रवि के वीर्य को अपनी उंगली मे ले चाट रही थी.
जैसे ही हम तीनो दरवाज़े से हटने लगे रवि और बबिता की नज़रें हम पर पड़ गयी.
"पिताजी कहाँ है?" सन्नी ने अजीब से आवाज़ मे अपनी मा से पूछा.
"लगता है वो अभी तक मेरी पत्नी को चोद रहे है." राज ने जवाब दिया.
"हहे भगवान ये क्या हो रहा है. इसका मतलब है कि तुम सब आपस मे चुदाई करते हो? मेरी मा और पिताजी भी इसमे शामिल है." सन्नी ने चौंकते हुए कहा.
तभी रश्मि और प्रशांत अपने कमरे से बाहर आए, "ये इंसान तो सही मे पूरा गान्डू है. इसे गांद मारने के अलावा कुछ सुझाई ही नही देता. ऐसा नही है कि मुझे गंद मरवाना पसंद नही है, पर मेरी चूत को भी तो लंड की ज़रूरत है." रश्मि ने कहा.
रश्मि जब ये सब कह रही थी तो सन्नी उसे घुरे जा रहा था. अचानक रश्मि की नज़र सन्नी पर पड़ी.
"धात तेरी, माफ़ करना सन्नी पर में क्या करूँ तुम्हारे पिताजी मेरी गांद को छोड़ते ही नही. बस एक बार हाथ मे आनी चाहिए." उसने लगभग माफी माँगते हुए कहा.
"रवि और बबिता कहाँ है?" रश्मि ने पूछा.
"उनकी चुदाई अभी अभी ख़त्म हुई है." राज ने कहा.
"वो दोनो अभी तक बिस्तर मे है, फिर तो मज़ा आएगा मेरी चूत मे जोरों की खुजली हो रही है." कहते हुए रश्मि कमरे मे घुस गयी.
"देखना चाहोगे?" मेने सन्नी से पूछा.
सन्नी ने सिर्फ़ अपनी गर्दन हां मे हिला दी. हम तीनो फिर कमरे मे झाँकने लगे. रश्मि बिस्तर पर चढ़ अपनी चूत बबिता के मुँह पर रख दी थी, और बबिता जोरों से उसकी चूत को चूसने लगी थी. हमने उन तीनो को उनके हाल पर छोड़ा और नीचे आकर नाश्ते का इंतेज़ाम करने लगे.
थोड़ी देर बाद प्रशांत नाश्ते की टेबल पर आया. नाशत करने के बाद वो अपनी ऑफीस काम पर चला गया. थोड़ी देर बाद रवि आया तो मेने पूछा की बबिता और रश्मि क्या कर रहे है.
"वो दोनो अभी भी चुदाई कर रहे है, में जब कमरे से निकला तो बबिता नकली लंड लगा रश्मि को चोद रही थी." रवि ने जवाब दिया.
जब रवि ने ये कहा तो वो सन्नी को देख रहा था उसे लगा की सन्नी कुछ कहेगा. पर अब सन्नी सब कुछ समझ गया था इसलिए वो चुपचाप अपना नाश्ता करता रहा. रवि हम सब के साथ नाश्ता करने लगा, तभी बबिता और रश्मि भी आ गयी.
"में तो भूक के मारे मरे जा रही हूँ." बबिता ने कहा.
"में भी." रश्मि भी बोल पड़ी.
"एक दूसरे की चूत चूस कर क्या तुम दोनो का पेट नही भरा," रवि उन्हे चिढ़ाते हुए बोला.
"रवि तुम अपने काम से काम रखो समझे." बबिता और रश्मि साथ मे बोल पड़ी.
हम सब इनकी बाते सुनकर जोरों से हंस पड़े. हम सब ने नाश्ता किया और फिर सब हॉल मे आकर बैठ गये.
"तो फिर तुम सबका आज का प्रोग्राम क्या है?" मेने पूछा.
हम सबके बीच ये तय हुआ कि सुबह हम सब आराम करेंगे. फिर दोपहर का खाना खाने के बाद थोड़ी देर गार्डेन मे धूप सेकेंगे.
करीब शाम के वक़्त रवि मुझे और बबिता को नीचे बुलाने आया. जब हम नीचे पहुँचे तो राज और सन्नी को रश्मि की चुदाई करते देख चौंक पड़े.
रवि हमे घसीट कर कमरे मे ले आया और अपने कपड़े उतार बबिता के कपड़े उतारने लगा. मेने भी उनकी देखा देख अपने कपड़े उतारे और अब कमरे हम छ लोग एक दम नंगे थे.
बबिता को देख मुझे लग रहा था कि वो थोड़ी चिंतित है, अपने बेटे के सामने उसे इस तरह नंगा होना अलग बात है, पर साथ मे सामूहिक चुदाई मे हिस्सा लेना अलग बात थी. पर राज और रश्मि शायद तय कर चुके थे कि किसे क्या करना है.
राज ने ये तय किया कि सन्नी और बबिता हम सब के बीच मे रहेंगे क्यों कि वो हमारे मेहमान थे. बबिता इस तरह लेटी थी कि रश्मि उसपर 69 की अवस्था मे थी. सन्नी बबिता की गंद मारेगा, और रवि रस्मी क़ी. मुझे इस तरह घोड़ी बना दिया गया था कि में चारों को देख सकूँ और मेरा बेटा मेरी गंद मारेगा.
सन्नी को अपनी मा के साथ इस तरह चुदाई मे हिस्सा लेने मे तकलीफ़ हो रही थी, इसलिए राज ने अपना लंड मेरी गंद से निकाला और सन्नी की गंद मे घुसा दिया. जब सन्नी काफ़ी उत्तेजित हो गया तब उसने अपना लंड अपनी मा की गंद मे घुसा दिया.
राज ने फिर अपना लंड मेरी गंद मे घुसा दिया और मेरी गंद मारने लगा.
सन्नी इतना उत्तेजित हो गया था कि अब उसे ये परवाह नही थी कि वो अपना लंड किसकी गंद या चूत मे घुसा रहा है, उसे तो मतलब था सिर्फ़ चोदने से.
बबिता भी रश्मि की चूत चूस्ते हुए उत्तेजना मे इतनी खोई हुई थी कि वो ये भूल गयी की उसकी गंद मे उसके बेटे का लंड अंदर बाहर हो रहा है. उसे तो बस इतना पता था कि रश्मि उसकी चूत को चूस कर उसे मज़ा दे रही थी.
थोड़ी देर मे रवि ने अपना वीर्य रश्मि की गंद मे छोड़ दिया और सन्नी ने बबिता की और दोनो औरतें अपने चूत का रस एक दूसरे के मुँह मे छोड़ रही थी. राज मेरी गंद मे झाड़ा तभी मेने अपना रस अपने हाथों पे छोड़ दिया.
"हे भगवान मुझे विश्वास नही हो रहा कि मेने अपनी मा की गंद मारी है और उसकी गंद मे अपना वीर्य छोड़ा है." सन्नी उत्तेजना मे बोला.
"हां सन्नी अब तुम्हारा इस परिवार मे स्वागत है जहाँ तुमने परिवार की सब औरतों की चुदाई की जैसे मेने और रवि ने." राज ने सन्नी से कहा.
"आज मे पूरी तरह से छिनाल और रंडी बन गयी हूँ." बबिता रोते हुए बोली.
"अपने आपको इतना मत कोसो. ये सिर्फ़ जिस्मानी सुख के लिए किया गया और हम सब भी तो करते है." राज ने उसे समझाते हुए कहा.
"चलो अब सुख दुख, अच्छा बुरा इन सब बातों को छोड़ो और भविष्य मे हम कितना मज़ा कर सकते है ये सोचो." रश्मि ने कहा.
"धात तेरी, माफ़ करना सन्नी पर में क्या करूँ तुम्हारे पिताजी मेरी गांद को छोड़ते ही नही. बस एक बार हाथ मे आनी चाहिए." उसने लगभग माफी माँगते हुए कहा.
"रवि और बबिता कहाँ है?" रश्मि ने पूछा.
"उनकी चुदाई अभी अभी ख़त्म हुई है." राज ने कहा.
"वो दोनो अभी तक बिस्तर मे है, फिर तो मज़ा आएगा मेरी चूत मे जोरों की खुजली हो रही है." कहते हुए रश्मि कमरे मे घुस गयी.
"देखना चाहोगे?" मेने सन्नी से पूछा.
सन्नी ने सिर्फ़ अपनी गर्दन हां मे हिला दी. हम तीनो फिर कमरे मे झाँकने लगे. रश्मि बिस्तर पर चढ़ अपनी चूत बबिता के मुँह पर रख दी थी, और बबिता जोरों से उसकी चूत को चूसने लगी थी. हमने उन तीनो को उनके हाल पर छोड़ा और नीचे आकर नाश्ते का इंतेज़ाम करने लगे.
थोड़ी देर बाद प्रशांत नाश्ते की टेबल पर आया. नाशत करने के बाद वो अपनी ऑफीस काम पर चला गया. थोड़ी देर बाद रवि आया तो मेने पूछा की बबिता और रश्मि क्या कर रहे है.
"वो दोनो अभी भी चुदाई कर रहे है, में जब कमरे से निकला तो बबिता नकली लंड लगा रश्मि को चोद रही थी." रवि ने जवाब दिया.
जब रवि ने ये कहा तो वो सन्नी को देख रहा था उसे लगा की सन्नी कुछ कहेगा. पर अब सन्नी सब कुछ समझ गया था इसलिए वो चुपचाप अपना नाश्ता करता रहा. रवि हम सब के साथ नाश्ता करने लगा, तभी बबिता और रश्मि भी आ गयी.
"में तो भूक के मारे मरे जा रही हूँ." बबिता ने कहा.
"में भी." रश्मि भी बोल पड़ी.
"एक दूसरे की चूत चूस कर क्या तुम दोनो का पेट नही भरा," रवि उन्हे चिढ़ाते हुए बोला.
"रवि तुम अपने काम से काम रखो समझे." बबिता और रश्मि साथ मे बोल पड़ी.
हम सब इनकी बाते सुनकर जोरों से हंस पड़े. हम सब ने नाश्ता किया और फिर सब हॉल मे आकर बैठ गये.
"तो फिर तुम सबका आज का प्रोग्राम क्या है?" मेने पूछा.
हम सबके बीच ये तय हुआ कि सुबह हम सब आराम करेंगे. फिर दोपहर का खाना खाने के बाद थोड़ी देर गार्डेन मे धूप सेकेंगे.
करीब शाम के वक़्त रवि मुझे और बबिता को नीचे बुलाने आया. जब हम नीचे पहुँचे तो राज और सन्नी को रश्मि की चुदाई करते देख चौंक पड़े.
रवि हमे घसीट कर कमरे मे ले आया और अपने कपड़े उतार बबिता के कपड़े उतारने लगा. मेने भी उनकी देखा देख अपने कपड़े उतारे और अब कमरे हम छ लोग एक दम नंगे थे.
बबिता को देख मुझे लग रहा था कि वो थोड़ी चिंतित है, अपने बेटे के सामने उसे इस तरह नंगा होना अलग बात है, पर साथ मे सामूहिक चुदाई मे हिस्सा लेना अलग बात थी. पर राज और रश्मि शायद तय कर चुके थे कि किसे क्या करना है.
राज ने ये तय किया कि सन्नी और बबिता हम सब के बीच मे रहेंगे क्यों कि वो हमारे मेहमान थे. बबिता इस तरह लेटी थी कि रश्मि उसपर 69 की अवस्था मे थी. सन्नी बबिता की गंद मारेगा, और रवि रस्मी क़ी. मुझे इस तरह घोड़ी बना दिया गया था कि में चारों को देख सकूँ और मेरा बेटा मेरी गंद मारेगा.
सन्नी को अपनी मा के साथ इस तरह चुदाई मे हिस्सा लेने मे तकलीफ़ हो रही थी, इसलिए राज ने अपना लंड मेरी गंद से निकाला और सन्नी की गंद मे घुसा दिया. जब सन्नी काफ़ी उत्तेजित हो गया तब उसने अपना लंड अपनी मा की गंद मे घुसा दिया.
राज ने फिर अपना लंड मेरी गंद मे घुसा दिया और मेरी गंद मारने लगा.
सन्नी इतना उत्तेजित हो गया था कि अब उसे ये परवाह नही थी कि वो अपना लंड किसकी गंद या चूत मे घुसा रहा है, उसे तो मतलब था सिर्फ़ चोदने से.
बबिता भी रश्मि की चूत चूस्ते हुए उत्तेजना मे इतनी खोई हुई थी कि वो ये भूल गयी की उसकी गंद मे उसके बेटे का लंड अंदर बाहर हो रहा है. उसे तो बस इतना पता था कि रश्मि उसकी चूत को चूस कर उसे मज़ा दे रही थी.
थोड़ी देर मे रवि ने अपना वीर्य रश्मि की गंद मे छोड़ दिया और सन्नी ने बबिता की और दोनो औरतें अपने चूत का रस एक दूसरे के मुँह मे छोड़ रही थी. राज मेरी गंद मे झाड़ा तभी मेने अपना रस अपने हाथों पे छोड़ दिया.
"हे भगवान मुझे विश्वास नही हो रहा कि मेने अपनी मा की गंद मारी है और उसकी गंद मे अपना वीर्य छोड़ा है." सन्नी उत्तेजना मे बोला.
"हां सन्नी अब तुम्हारा इस परिवार मे स्वागत है जहाँ तुमने परिवार की सब औरतों की चुदाई की जैसे मेने और रवि ने." राज ने सन्नी से कहा.
"आज मे पूरी तरह से छिनाल और रंडी बन गयी हूँ." बबिता रोते हुए बोली.
"अपने आपको इतना मत कोसो. ये सिर्फ़ जिस्मानी सुख के लिए किया गया और हम सब भी तो करते है." राज ने उसे समझाते हुए कहा.
"चलो अब सुख दुख, अच्छा बुरा इन सब बातों को छोड़ो और भविष्य मे हम कितना मज़ा कर सकते है ये सोचो." रश्मि ने कहा.