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Mai sex kyun kiya: desi sex stories, indian porn kahani

Posted: 08 Aug 2018 21:33
by admin


आपने बहुत सी कहानियां पढी होंगी पर इस बार मैं एक बिलकुल नई और मजेदार कहानी के साथ आपका स्वागत करता हूँ जिसमे एक कमीना लड़का रहता है और उसका नाम उन्नित है | वेसे तो उन्नित और मैं एक ही स्कूल के छात्र हैं पर हमारे विभाग अलग थे | हमारी मित्रता बिलकुल पक्की थी क्यूंकि वो भी मेरे घर आता जाता था और मम्मी-पापा उसे बिलकुल अपना बेटा मानते थे | मैं घर में अकेला था पर उसके होने से लगता था कि मेरा कोई भाई भी है | वो बाहर हॉस्टल में रहता था और काम भी करता था क्यूंकि उसके माँ बाप नहीं थे और सारी चीज़े खुद से करता था तो मुझे उसपे गर्व था |

मेरा घर काफी बड़ा है और उसमे खाली कमरे भी हैं तो पापा ने एक दिन कहा बेटा उन्नित से बोल देना की वो अब यहाँ आकर रहे | माँ ने भी कहा बेटा उसे ले आना कम से कम उसे घर का अच्छा खाना मिलेगा और तुम दोनों पढाई में खूब आगे जाओगे | मेरे मन में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी और में झट से साइकिल उठा के निकल पड़ा उसे लेने के लिए | हम दोनों ने मिलके सारा सामान बाँधा और घर आ गए | घर में सब बहुत खुश थे क्यूंकि अब हम चार हो गए थे और रोज़ घर में ख़ुशी का मौसम बना रहता था | मेरी माँ और उन्नित की बहुत बनती थी क्यूंकि वो उनकी खूब सेवा करता था |

अब हमलोग 12 क्लास में आ गए थे और हम दोनों को डॉक्टर बनना था | चूँकि हम दोनों अलग अलग विषय में अच्छे थे इसलिए एक दुसरे की खूब मदद की और बहुत मेहनत की | हमलोगों ने पूरे जिले में अव्वल स्तन प्राप्त किआ और हमारा दाखिला भी देश के एक बहुत बड़े कॉलेज में हुआ | उसके बाद क्या था बस अपनी जिंदगी सेट थी क्यूंकि हम दोनों पढने में मस्त थे और हमें एक अच्छी जगह नौकरी भी मिल चुकी थी पढाई ख़त्म होने के बाद | हम दोनों को बड़ी मोती तनख्वाह मिलती थी जो हम अपने घर में दे देते थे | अब सबसे बड़ी चीज़ हमारे साथ यह हुई की हमारा घर वालो से मिलना कम हो गया था पर हम साल में दो बार होली और दिवाली पे ज़रूर घर में होते थे |

अब आप लोग तो जानतें ही हैं की घरवाले लड़की देखना शुरू कर देतें हैं एक बार लड़का कमाने लग जाये बस | हमारे घर में भी यही चल रहा था और माँ बाप को कोई फ़िक्र नहीं थी क्यूंकि उनके दोनों बच्चे काफी अच्छा कमा रहे थे | पहले माँ ने सोचा की उन्नित की शादी पहले कर देंगे क्यूंकि वो मुझसे एक साल बड़ा था पर फिर उन्हें दो ऐसी लड़कियां मिल गयी जो बहुत सुन्दर और घरेलू थीं | उन्नित इन सब के लिए तैयार था पर मैं बिलकुल भी नहीं क्यूंकि मुझे अभी शादी नहीं करनी थी | फिर उन्नित एक दिन मेरे पास आया और समझाने लगा की देख अब माँ पापा को भी घर में किसी की ज़रूरत है और अगर हम दोनों ने शादी कर ली तो उन्हें बहु भी मिल जाएँगी और एक दो साल में वो दादा दादी भी बन जाएँगे | तो मैंने हाँ कर दी पर फिर भी में किसी पुख्ता नतीजे पर नहीं आ पा रहा था फिर मैंने सोचा आगे जो होगा सब अच्छा होगा |

हम दोनों लड़कियों से मिलने उनके घर गए और जेसे ही मैंने अपनी वाली को देखा तो में फूला नहीं समां रहा था क्यूंकि वो बहुत सुन्दर थी | उन्नित की होने वाली बीवी भी भी काफी सुन्दर थी | पर में अपनी वाली से बड़ा खुश था | हम दोनों ने सोचा अक्सर जो खूबसूरत होते हैं उनके मन में चोर होता है और वो गलत होते हैं | हमने उन दोनों की जासूसी की और करीब एक महीने ये सब करने के बाद पता चला लड़कियां घर से बाहर नही निकलती न दिन में न रात में | अब मैं पूरी तरह से संतुष्ट था की हमारे माँ बाप ने हमारे लिए एकदम सही जीवन साथी चुना है | हम दोनों की उनसे बातें शुरू हो गई और मेरी स्टोरी बिलकुल सही जाने लगी क्यूंकि मेरी ऋतू बड़ी सीधी थी |

एक दिन मेरे मन में ख्याल आया की क्यों न उन्नित से पूछा जाये की सब कैसा चल रहा है | में उसके पास गया और बोला क्यों भाई ! केसा चल रहा है सब ? सब चीजों के लौड़े लगे हुए हैं ! अरे अरे ……. रुक जा मेरे भाई हुआ क्या ये तो बता | कुछ नहीं यार मेरी अपर्णा कुछ ज्यादा ही सीधी है और उससे कोई एडल्ट बातें करो तो वो शर्मा जाती है और फ़ोन काट देती है | मैंने कहा मेरे भाई तो ये सब बातें क्यों करते हो तो वो बोला भाई अभी तक चुदाई नहीं की है इसलिए ऐसा करना पड़ता है ताकि मुठ मार सकूँ|

वाह रे लड़के ! मुझे ये पहले बताया होता में अभी तक तेरी सेटिंग कर चुका होता | तो वो बोला भाई अभी कर दे यार मुझे उसे शादी से पहले ही चोदना है और मैं ये कर के रहूँगा | अब मैं क्या बोलता मेरा भाई जो ठहरा | तो मैंने फैसला किया की तू भाभी को शादी से पहले ही चोदेगा | इसके लिए इन दोनों का रोज़ मिलना ज़रूरी था और उसके लिए ऋतू को पटना ज़रूरी था |

सबसे ज्यादा मज़ा आया ऋतू से बात करने में पर मैंने उसे यह नहीं बताया की क्या होना है | मैंने सिर्फ उससे यह कहा की यार ये दोनों आपस में घुल मिल जाये इसलिए इनका मिलना ज़रूरी है | वो भी मान गयी ओर मेरा भी भला हो गया क्यूंकि मुझे भी उससे मिलने का बहाना मिल जाता था | अब मैंने उन्नित से कहा पहले तू उसके पास जा और बाते करते करते कभी उसका हाथ पकड़ और आँखों में आंखे डालके उसे प्यार का एहसास दिला | वो तो साला एक कदम आगे निकला उसने सीधा हाथ पकड़ लिया ओर सारा केस एक बार में निपटा दिया |

फिर मैंने कहा भाई अब इतना कर ही लिया है तो धीरे से उसकी चुम्मी भी ले लेना | उसने ने इस बार बिलकुल वैसा ही किया पर साले ने उसके होंठो पे किस किया | मैंने भी कहा बढ़िया है लगा रह | एक दिन उसे बोला की भाभी को अपने दुसरे घर पे बुला ले | हमलोगों ने एक छोटी सी पार्टी रखी थी और उसका सारा इंतजाम हम चारों ने ही किया था | मैंने एसा बंदोबस्त किया कि वो दोनों मिल न पाए | अपर्णा उन्नित से मिलने को पागल हो गई थी पर हम दोनों ने ऐसा गेम सेट किया थी भाभी तड़प उठे | ऐसा ही हो रहा था और जब ये आग हद से आगे बढ़ गई तब हमने उन दोनों को एक कमरे में भेज दिया | दोस्तों प्यार में बड़ी ताकत होती है ये अच्छे लोगों की गांड मरवा देता है | भाभी की तड़प साफ दिख रही थी और वो दोनों जेसे ही कमरे गए हैं बस क्या समां था | उन्नित ने बताया की अपर्णा ने मुझे होंटो पे किस करना शुरू किया और धीरे धीरे सारे कपडे उतार दिए |

फिर उसने उन्नित के सरे बदन को चूमना शुरू कर दिया | उसके बाद उन्नित भी गरम हो गया और भाभी को नंगा करके चूमने लगा | भाभी के दूध ऋतू से ज्यादा बड़े है और उसने उनको लगातार एक घंटे तक दबाये और चूसा | एक हाथ दूध पे और दूसरा चूत पे | सपाट चूत पे जेसे ही उन्नित ने हाथ रखा भाभी आअह्ह्ह्ह करके रह गई | ऊओह्ह्ह्ह्ह्ह् उन्नित तुमसे में बहुत प्यार करती हु और तुम्हरे बिना रह नहीं सकती अब शादी से पहले मुझे माँ बना दो |

उन्नित भी साला हरामी था उसने सीधा भाभी की चूत में ऊँगली डाली और चाटने लगा | उसके बाद साले ने अपना बड़ा लुंड सीधा उनकी चूत में डाल दिया | ऊऊऊऊऊ इतनी जोर से आवाज़ आयी की हम दोनों ने सुनी वो आवाज़ | आआआह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह उन्नित चोदो और जोर से चोदो मुझे में आज साड़ी हदें पार करना चाहती हूँ | ऋतू समझ गयी थी की अन्दर क्या हो रहा है पर वो शर्मा के मुझसे लिपट गयी और बोली की प्लीज हम शादी के बाद करेंगे | मैंने कहा ठीक हा मेरी जान |

अन्दर मस्त चुदाई चल रही थी और आह्हह्हह्हह्हह ऊउह्ह्ह्ह की आवाज़े आ रही थी | उन्नित ने बताया कि उसने गांड भी मारी थी भाभी की घोड़ी बना के | उसने एक घंटा चोद के भाभी की चूत में अपना सारा माल छोड़ दिया | उसने भाभी की चूत का पानी भी पिया था | ये सब सुनके मेरा भी लंड खड़ा हो गया था और मैंने भाभी से बात नहीं की पर इतना पता चला की वो 6 महीने में माँ बन जाएगी इसलिए जल्दी शादी भी कर ली | अब मैं भी चुदाई करता हूँ और भाभी को यह नहीं पता कि उनकी पहली चुदाई का खून आज भी उन्नित को याद है |