मस्त टाइट चूत थी उसकी और ऐसी टाइट चूत को चोदने का मज़ा बोहोत आ रहा था. मैं उसके मम्मो को चूस रहा था. उसके निपल्स उतने बड़े तो नही लैकिन अच्छे थे जैसे छोटे साइज़ का अंगूर और लगता था के चुचियाँ रस्स भरी हो और टाइट थी मज़ा आ रहा था चूसने का और उसकी टाइट चूत को चोदने का.
चुदाई ज़ोर पकड़ती जा रही थी और झटके तेज़ हो रहे थे उसी के साथ उसकी आवाज़ भी ऊऊऊओईईईई म्म्म्ममाआआअ आअहह बहुत मज़ा आवे है रीए आअहह ऊऊईईइ सस्स्स्स्स्सस्स आआआहह और फिर दोनो के बदन टाइट होने लगे वो मुझ से फिर से ज़ोर से लिपट गई और ज़ोर से मुझे पकड़ लिया और मैं ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था मुझे लगा के मेरे बॉल्स मे से क्रीम अब ट्रॅवेल कर के लंड के डंडे मे से होती हुई सूपदे के सुराख के तरफ आ रही है और फिर लंड को पूरा बाहर निकाल के एक बोहोत ही ज़ोर का धक्का मारा तो वो काँप गई और आआआआआआआआआआआआहह की आवाज़ के साथ ही उसके बदन मे जैसे एलेक्ट्रिक जैसे झटके लगने शुरू हो गये और वो ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी और साथ ही झड़ने भी लगी और मैं भी झड़ने लगा. मेरी मलाई की पिचकारियाँ निकलती रही और उसकी चूत को भरती रही. दोनो की साँसें तेज़ी से चल रही थी लंड को चूत ने टाइट पकड़ा हुआ था जैसे कोई लंड को अपने हाथ से मुट्ठी मे ज़ोर से दबा के पकड़ लेता है और मुझे लगा के उसकी चूत के मसल्स मेरे लंड को निचोड़ रहे हैं ता के लंड मे से निकली हुई मलाई का एक एक क़तरा निचोड़ लेना चाहती हो.
मैं बे दम होके उसके बदन पे ही गिर पड़ा. दोनो गहरी गहरी साँसें लेते ऐसे ही पड़े रहे जैसे दोनो के बदन मे जान ही ना रही हो. उसने मेरे होंठो पे एक ज़बरदस्त टंग सकिंग किस किया और उसने भी मेरे कान मे बोहोत ही धीरे से कहा और इतना धीरे से कहा के मुझे बही सुन के समझने मे टाइम लगा “यह चुदाई मुझे ज़िंदगी भर याद रहेगी सच मे मज़ा आ गया तुम ने मुझे चोद के लड़की से औरत बना दिया. मुझे खुशी है के Mआईन ने अपनी कुवारि चूत की सील इतने कड़क और मस्त लंड से खुलवाई” और “आइ लव यू” कहते हुए मुझे अपने ऊपेर से पुश किया और उठ के शाएद बाथरूम चली गई. मुझे यह भी याद नही के कब मैं उसके बदन से लुढ़क के नीचे बेड शीट पे आ गया और कब मैं सो गया. सुबह जब आँख खुली तो रात का सीन दिमाग़ मे आ गया और मैं लेटे लेटे सोचने लगा के कही मैं कोई हसीन और रंगीन सपना तो नही देख रहा था ??.
देखा तो अभी कुछ लोग और भी सो रहे थे कुछ लोग उठ के नाश्ते के लिए जा चुके थे. मैं ऐसे ही लेटा रहा और रात के सीन को सोचता रहा. यकीन नही हो रहा था के वो एक हसीन सपना था या हक़ीक़त. नीचे बिछी हुई बेडशीट डिफरेंट कलर की थी. बेड शीट पे नज़र पड़ी तो पता चला के वाहा तो थोड़ा सा खून भी गिरा हुआ है जिसका धब्बा बेडशीट पे लगा हुआ है तब यकीन हो गया के मैने कोई सपना नही देखा और जो भी हुआ रियल मे हुआ. मैं ने अपने लंड को देखा तो पता चला के उस पर भी थोड़ा सा खून लगा हुआ है जो ड्राइ हो चुका है. उफ्फ तो क्या सच मे वो कोई कुवारि चूत थी जिसकी मैने सील तोड़ डाली. मैं यह सोचता ही रह गया के वो कौनसी कुवारि चूत थी जिसने मेरे लंड को पसंद किया था और आख़िर वो कौन थी ?????? दोस्तो आप भी हैरान होंगे लेकिन मेरी भी समझ मे कुछ नही आ रहा था पर जो भी हो रहा था मुझे बहुत मज़ा आ रहा था
सुबह जब मैं नीचे आया तो फिर से सब कुछ वैसा ही था. कुछ लोग नाश्ता कर रहे थे.. कुछ लोग वेट कर रहे थे. कुछ लोग वापसी की तय्यारि कर रहे थे. वैसे ही लड़किया और औरतें हंस रही थी मुस्कुरा रही थी. इतना तो शुवर था के जिसे मैं ने चोदा उसमे से एक लड़की पहले ही से चुदी चुदाई थी और दूसरी कवारी चूत थी. मैं किसी को भी पॉइंट आउट कर के नही कह सकता था के जिसे मैं ने दो रातों को चोदा पहली रात को क्या वो अरुण की बड़ी बहेन कलमा की गुजराती गरम और प्यासी चूत थी या अरुण की वाइफ उषा की चंचल बेंगाली चूत थी या मेहमानो मे से किसी की नटखट चंचल और प्यासी चूत थी ?? आख़िर वो कौन थीं ???????????किसकी चूते थी जिन्है मैं ने चोदा ????????????? ??.
और दूसरी रात जिस कुँवारी चूत ने चुदवाया कही वो चंचल चूत शांता की तो नही या किसी मेहमानो मे से कोई ब्रांड न्यूचूत जिस मे खुजलीहुई थी. क्या इस मैं से एक गरम गुजराती चूत थी और एक रस्स भरी बेंगाली चूत थी या दोनो रस भरी बेंगाली चूते या दोनो गरम गुजजु चूते थी लैकिन जो भी थी ; थी दोनो ही सेक्सी. मैं आज तक नही जान पाया के जिन्होने अपनी चूते मेरे लंड की भेंट चड़ा दीं वो किनकी चूते थी और आख़िर वो कौन थी ???
आख़िर वो कौन थी ???
Wo koun thi ??? वो कौन थी ??? compleet
********************दोस्तो मैं भी इस हसीन इत्तेफ़ाक पर हैरान था अब आप मेरी ये कहानी पढ़ो फ़ैसला करो और सोचो
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थियेटर मे
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मैं मुंबई को अपने बिज़्नेस के सिलसिले मे आया हुआ था. सारा दिन काम करके रात मे 9 से 12 वाला शो देखने के लिए एक थियेटर मे चला गया.. अब यह तो याद नही के फिल्म का नाम क्या था बट थी कोई सेक्सी इंग्लीश फिल्म और उस्मै हॉट सेक्स बॉम्ब शॅरन स्टोन हेरोइन थी जिसके तकरीबन 6 या 7 क्लियर चुदाई के सीन्स थे पूरी फिल्म मे.
मुझे फर्स्ट क्लास मे सब से लास्ट रो जो सब से ऊपेर भी होती है वाहा पे राइट साइड की लास्ट सीट मिली थी. इस रो के पीछे थोड़ी सी जगह खाली थी पॅसेज के लिए और डोर्स थे बाहर जाने के लिए. राइट साइड मे थोड़ी सी गली जैसी पॅसेज थी जहा से लोग नीचे उतर के भी डोर से बाहर जा सकते थे.
हा तो मैं लास्ट रो की सब से लास्ट वाली राइट साइड की सीट पे बैठा था. थियेटर अछा ख़ासा फुल था. मेरे बाज़ू वाली सीट पे कोई लड़की बैठी थी जिसकी और दूसरी साथी लड़कियाँ हमारी नीचे वाली रो मे हमारे सामने ही बैठी थी. शाएद टिकेट साथ नही लिए होंगे इसी लिए अलग से जगह मिली थी उसको. एनिहाउ मैं ने शुरू मे तो ध्यान नही दिया और शुरू शुरू की फिल्म मे तो वो अपने साथ वाली लड़कियों से झुक के बात भी कर रही थी. लड़की कॉलेज की लगती थी इतनी बड़ी एज की भी नही थी. फिल्म की लाइट मे उसको देखा तो ठीक ठाक लगी. रंग भी अछा था. बदन भी अछा मीडियम साइज़ का था. ऑन दा होल वो एक खूबसूरत लड़की
लग रही थी. मिद्डी स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था इतना तो मैं ने देख ही लिया था कुछ फिल्म शुरू होने से पहले कुछ फिल्म के बीच मे. उसके पास से एक्सपेन्सिव पर्फ्यूम की खुसबू भी आ रही थी. कपड़ो से और बात करने के अंदाज़ से लगता था कि किसी बड़े घर की और पढ़ी लिखी पॉश लड़की लग रही है.
हमारे सीट्स को डिवाइड करने वाला हॅंड रेस्ट पे एक बटन था जिसे दबाने से सो वो दोनो सीट्स के बीच मे नीचे गिर जाता था और 2 अलग अलग सीट्स मिल के 1 हो जाते थे. उस लड़की की तरफ बार बार मेरा ध्यान जा रहा था और मेरे लंड मे भी हल चल मच रही थी. एक तो फिल्म भी सेक्सी थी और फिर बाज़ू मे बैठी हुई एक सुन्दर लड़की का स्पर्श पागल किए दे रहा था. हॅंड रेस्ट पे कभी कभी हम दोनो के हाथ एक साथ रखे होते तो सारे बदन मे करेंट जैसे दौड़ जाता.
इंग्लीश फिल्म्स छोटी होती है इसी लिए फिल्म से पहले दूसरे फिल्म्स के ट्रेलर्स और अड्वर्टाइज़्मेंट्स दिखाए जाते हैं और फिर इंटर्वल. आक्चुयल फिल्म तो इंटर्वल के बाद ही शुरू होती है ता के ऑडियेन्स एक ही सिट्टिंग मे फिल्म को सही एंजाय कर सके. फिल्म स्टार्ट हो गई सब लोग अपनी अपनी सीटन पे बैठ गये और फिल्म की सेक्सी कहानी मे खो गये किसी को होश नही था के कौन क्या कर रहा है. मैं ने हमारी चेर्स के बीचे के हॅंड रेस्ट पे हाथ रखा तो उसका हाथ वाहा ऑलरेडी रखा हुआ था. मेरा हाथ उसके हाथ पे टिक गया तो मैं ने चेक करने के लिए के उस लड़की का क्या मूड है ऐसे ही अपना हाथ उसके हाथ पे रखा छोड़ दिया तो उसने कोई ऑब्जेक्षन नही किया. मैं ने भी अपना हाथ उसके हाथ के ऊपर ही रख दिया और धीरे से अपनी उंगलियाँ उसके हाथ पे आगे पीछे करने लगा जैसे धीरे से उँगलिओ से मसाज करते हैं पर उसने कोई विरोध नही किया. फिल्म मे किस्सिंग सीन शुरू हो गया था हेरोइन ने बोहोत कम कपड़े पहने थे. उसकी ब्रा मे से उसकी चुचियाँ दिखाई दे रही थी और पॅंटी मे से उसकी मोटी चूत उभर के आई हुई थी पता नही के वो उसके झटों की वजह से फूली हुई थी या उसकी चूत ही मोटी थी.
अब मैं ने अपने हाथ से उसके हाथ को दबाया पहले धीरे से तो उसने कोई विरोध नही किया मेरी हिम्मत बढ़ी तो मैं ने उसका हाथ अपने हाथ से पकड़ लिया और मस्ती मे दबा ने लगा. गरम फिल्म से शाएद वो भी गरम हो गई थी. मैं ने हॅंड रेस्ट के बटन को दबाया और धीरे से नीचे पुश किया तो वो नीचे सरक गया और मेरा हाथ उसके थाइस पे लगा तो मैं ने अपना हाथ वाहा से नही हटाया. उसने कोई विरोध नही किया तो मैं ने अपना हाथ उसके थाइस पे आगे पीछे किया.
थियेटर मे अंधेरा था बस फिल्म की रौशनी आ रही थी लैकिन सब ही लोग फिल्म देखने मे मस्त थे. अब मुझे पता चल गया था के वो भी गरम फिल्म
देख के गरम हो चुकी है और मेरे साथ कुछ देर के लिए मज़े लेने को रेडी भी है.
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थियेटर मे
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मैं मुंबई को अपने बिज़्नेस के सिलसिले मे आया हुआ था. सारा दिन काम करके रात मे 9 से 12 वाला शो देखने के लिए एक थियेटर मे चला गया.. अब यह तो याद नही के फिल्म का नाम क्या था बट थी कोई सेक्सी इंग्लीश फिल्म और उस्मै हॉट सेक्स बॉम्ब शॅरन स्टोन हेरोइन थी जिसके तकरीबन 6 या 7 क्लियर चुदाई के सीन्स थे पूरी फिल्म मे.
मुझे फर्स्ट क्लास मे सब से लास्ट रो जो सब से ऊपेर भी होती है वाहा पे राइट साइड की लास्ट सीट मिली थी. इस रो के पीछे थोड़ी सी जगह खाली थी पॅसेज के लिए और डोर्स थे बाहर जाने के लिए. राइट साइड मे थोड़ी सी गली जैसी पॅसेज थी जहा से लोग नीचे उतर के भी डोर से बाहर जा सकते थे.
हा तो मैं लास्ट रो की सब से लास्ट वाली राइट साइड की सीट पे बैठा था. थियेटर अछा ख़ासा फुल था. मेरे बाज़ू वाली सीट पे कोई लड़की बैठी थी जिसकी और दूसरी साथी लड़कियाँ हमारी नीचे वाली रो मे हमारे सामने ही बैठी थी. शाएद टिकेट साथ नही लिए होंगे इसी लिए अलग से जगह मिली थी उसको. एनिहाउ मैं ने शुरू मे तो ध्यान नही दिया और शुरू शुरू की फिल्म मे तो वो अपने साथ वाली लड़कियों से झुक के बात भी कर रही थी. लड़की कॉलेज की लगती थी इतनी बड़ी एज की भी नही थी. फिल्म की लाइट मे उसको देखा तो ठीक ठाक लगी. रंग भी अछा था. बदन भी अछा मीडियम साइज़ का था. ऑन दा होल वो एक खूबसूरत लड़की
लग रही थी. मिद्डी स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था इतना तो मैं ने देख ही लिया था कुछ फिल्म शुरू होने से पहले कुछ फिल्म के बीच मे. उसके पास से एक्सपेन्सिव पर्फ्यूम की खुसबू भी आ रही थी. कपड़ो से और बात करने के अंदाज़ से लगता था कि किसी बड़े घर की और पढ़ी लिखी पॉश लड़की लग रही है.
हमारे सीट्स को डिवाइड करने वाला हॅंड रेस्ट पे एक बटन था जिसे दबाने से सो वो दोनो सीट्स के बीच मे नीचे गिर जाता था और 2 अलग अलग सीट्स मिल के 1 हो जाते थे. उस लड़की की तरफ बार बार मेरा ध्यान जा रहा था और मेरे लंड मे भी हल चल मच रही थी. एक तो फिल्म भी सेक्सी थी और फिर बाज़ू मे बैठी हुई एक सुन्दर लड़की का स्पर्श पागल किए दे रहा था. हॅंड रेस्ट पे कभी कभी हम दोनो के हाथ एक साथ रखे होते तो सारे बदन मे करेंट जैसे दौड़ जाता.
इंग्लीश फिल्म्स छोटी होती है इसी लिए फिल्म से पहले दूसरे फिल्म्स के ट्रेलर्स और अड्वर्टाइज़्मेंट्स दिखाए जाते हैं और फिर इंटर्वल. आक्चुयल फिल्म तो इंटर्वल के बाद ही शुरू होती है ता के ऑडियेन्स एक ही सिट्टिंग मे फिल्म को सही एंजाय कर सके. फिल्म स्टार्ट हो गई सब लोग अपनी अपनी सीटन पे बैठ गये और फिल्म की सेक्सी कहानी मे खो गये किसी को होश नही था के कौन क्या कर रहा है. मैं ने हमारी चेर्स के बीचे के हॅंड रेस्ट पे हाथ रखा तो उसका हाथ वाहा ऑलरेडी रखा हुआ था. मेरा हाथ उसके हाथ पे टिक गया तो मैं ने चेक करने के लिए के उस लड़की का क्या मूड है ऐसे ही अपना हाथ उसके हाथ पे रखा छोड़ दिया तो उसने कोई ऑब्जेक्षन नही किया. मैं ने भी अपना हाथ उसके हाथ के ऊपर ही रख दिया और धीरे से अपनी उंगलियाँ उसके हाथ पे आगे पीछे करने लगा जैसे धीरे से उँगलिओ से मसाज करते हैं पर उसने कोई विरोध नही किया. फिल्म मे किस्सिंग सीन शुरू हो गया था हेरोइन ने बोहोत कम कपड़े पहने थे. उसकी ब्रा मे से उसकी चुचियाँ दिखाई दे रही थी और पॅंटी मे से उसकी मोटी चूत उभर के आई हुई थी पता नही के वो उसके झटों की वजह से फूली हुई थी या उसकी चूत ही मोटी थी.
अब मैं ने अपने हाथ से उसके हाथ को दबाया पहले धीरे से तो उसने कोई विरोध नही किया मेरी हिम्मत बढ़ी तो मैं ने उसका हाथ अपने हाथ से पकड़ लिया और मस्ती मे दबा ने लगा. गरम फिल्म से शाएद वो भी गरम हो गई थी. मैं ने हॅंड रेस्ट के बटन को दबाया और धीरे से नीचे पुश किया तो वो नीचे सरक गया और मेरा हाथ उसके थाइस पे लगा तो मैं ने अपना हाथ वाहा से नही हटाया. उसने कोई विरोध नही किया तो मैं ने अपना हाथ उसके थाइस पे आगे पीछे किया.
थियेटर मे अंधेरा था बस फिल्म की रौशनी आ रही थी लैकिन सब ही लोग फिल्म देखने मे मस्त थे. अब मुझे पता चल गया था के वो भी गरम फिल्म
देख के गरम हो चुकी है और मेरे साथ कुछ देर के लिए मज़े लेने को रेडी भी है.
मैं ने अपना लेफ्ट हॅंड उसके थाइस पे रखे रखे अपने राइट हॅंड से उसकी चुचि को पकड़ा और मसल्ने लगा उसने कोई विरोध नही किया बलके अपने शर्ट को सामने से कुछ ऐसे पुल किया के शर्ट ढीली हो गई और मैं आसानी से उसकी चुचिओ को दबा सकूँ और निपल्स को मसल सकु. आहह क्या मस्त बूब्स थे उसके एक दम मस्त ऐप्पल के साइज़ के और एक दम से टाइट. फिर अपना लेफ्ट हॅंड उसके थाइस पे से निकाल के उसके शोल्डर्स से उसके टी-शर्ट के अंदर डाल के उसके चुचिओ को दबा ने लगा. आअहह बोहोत मज़ा आया. आज कल की लड़किया वैसे भी ब्रस्सिएर नही पहन रही हैं ता के उनकी चुचियाँ चलते समय सेक्सी स्टाइल मे ऊपेर नीचे डॅन्स करें ता के लोग ऐसी मस्त चुचियाँ देखे और अप्रीशियेट करे तो उसने भी अंदर ब्रस्सिएर नही पहनी थी बोहोत मस्त चुचियाँ थी उसकी दबाने और मसल्ने मे बोहोट मज़ा आ रहा था एक दम से कड़क चुचियाँ थी.
अब फिल्म मे किस्सिंग के साथ चुदाई का भी सीन शुरू हो गया था सारा हॉल पिन ड्रॉप साइलेन्स था ऑलमोस्ट सब ही लोग गहरी गहरी साँसें ले रहे थे. मैं ने अपना हाथ उसकी चुचिओ से निकाल के से उसके थाइस पे रखा और दबाया तो उसने अपनी टाँगें सीट पे बैठे बैठे खोल दी यह एक सीक्रेट इशारा था के अब मैं उसकी चूत पे हाथ लगा सकता हू. और मैं ने वोही किया जो वो चाह रही थी. येस मेरा हाथ उसकी चूत पे लगा. आअहह मुझे लगा शाएद उसने अंदर पॅंटी भी नही पहनी है. शाएद आज कल की लड़कियो मे घर से बाहर निकलते समय ब्रस्सिएर और पॅंटी पेहेनने का फैशन ख़तम हो गया था इसी लिए उसने भी ब्रस्सिएर और पॅंटी नही पहनी थी. हा तो उसके टाँगें खुल गई थी और मुझे उसने अपनी चूत का रास्ता साफ कर के दिया था के मैं उसकी चूत को मसाज कर सकु. वाउ उसकी चूत तो गर्मी से जल रही थी बोहोत ही गरम हो गई थी वो.
क्रमशः.......................
अब फिल्म मे किस्सिंग के साथ चुदाई का भी सीन शुरू हो गया था सारा हॉल पिन ड्रॉप साइलेन्स था ऑलमोस्ट सब ही लोग गहरी गहरी साँसें ले रहे थे. मैं ने अपना हाथ उसकी चुचिओ से निकाल के से उसके थाइस पे रखा और दबाया तो उसने अपनी टाँगें सीट पे बैठे बैठे खोल दी यह एक सीक्रेट इशारा था के अब मैं उसकी चूत पे हाथ लगा सकता हू. और मैं ने वोही किया जो वो चाह रही थी. येस मेरा हाथ उसकी चूत पे लगा. आअहह मुझे लगा शाएद उसने अंदर पॅंटी भी नही पहनी है. शाएद आज कल की लड़कियो मे घर से बाहर निकलते समय ब्रस्सिएर और पॅंटी पेहेनने का फैशन ख़तम हो गया था इसी लिए उसने भी ब्रस्सिएर और पॅंटी नही पहनी थी. हा तो उसके टाँगें खुल गई थी और मुझे उसने अपनी चूत का रास्ता साफ कर के दिया था के मैं उसकी चूत को मसाज कर सकु. वाउ उसकी चूत तो गर्मी से जल रही थी बोहोत ही गरम हो गई थी वो.
क्रमशः.......................