रूम सर्विस -लास्ट पार्ट
ऋतु रूम नंबर 137 के सामने पहुचि. यह होटेल के सबसे बढ़िया रूम्स में से एक था. उस रूम का टॅरिफ हर किसी के बस की बात नही थी. उस कमरे के बाहर खड़े खड़े ऋतु ने अपना मन मज़बूत किया, एक लंबी साँस ली और हल्के से खटखटाया. अंदर से “कम इन” की आवाज़ आई.
ऋतु ने दरवाज़ा खोला और कॉन्फिडेंट्ली अंदर गयी. अंदर स्टीवन रोब पहने सोफा पे बैठा हुआ था. ऋतु उसकी तरफ बढ़ी और हाथ बढ़ाया मिलाने के लिए
“हाय आइ आम ऋतु”
स्टीवन उठा और उसने ऋतु का हाथ अपने हाथ में लिया और बोला “आइ आम स्टीवन” और यह कहते हुए उसने धीरे से ऋतु के हाथ को चोंमा. “बट यू कॅन कॉल मी स्टीव.”
स्टीव की नज़रें ऋतु पे से हट नही रही थी. ऋतु भी पुर शबाब में थी. स्टीव ऋतु को लेके सूयीट की बार की और गया और वहाँ ऋतु के लिए एक ड्रिंक बनाने लगा.
“ऋतु हियर इस युवर ड्रिंक.”
“थॅंक्स हनी.”
“आइ लव इंडियन गर्ल्स. दे आर सो ब्यूटिफुल. सो एग्ज़ोटिक. सो मस्की. आंड सो टाइट”
ऋतु हंस दी… “ओह रियली स्टीवन… लगता हैं तुमने बहुत इंडियन गर्ल्स के साथ टाइम बिताया हैं.”
“वेल… आइ आडमाइर ब्यूटी.. आंड योउ कॅन कॉल मी स्टीव”
“ओके स्टीव”
“लेट्स गो टू दा बाल्कनी आंड हॅव अवर ड्रिंक्स देअर.”
दोनो सूयीट की बाल्कनी की तरफ चल दिए. बाल्कनी से नज़ारा बहुत खूबसूरत था…
दूर हाइवे पर चलती गाड़ियों की हेडलाइट्स ऐसे लग रही थी जैसे किसी नदी में असंख्या दिए तेर रहे हो. हल्की हल्की रात की हवा. नीचे स्विम्मिंग पूल जिसमे और उसके किनारे बैठे लोग. सामने लॉन में टहलते हुए लोग. उपर आसमान में टिमटिमाते तारे और स्टीव के पहलू में खूबसूरत शोख ऋतु. पूरा समा बहुत ही खूबसूरत था.
हवाएँ ऋतु की ज़ुल्फो से खेल रही थी और उसकी एक दो लट उसके गालो को मुसल्सल चूम रही थी. ऋतु ने उनको अपने कान के पीछे किया और स्टीव की और देख के हल्के से मुस्कुराइ. स्टीव ऋतु की अदाओं का दीवाना हो रहा था. उसका लंड ऋतु की चूत में घुसने के ख़याल से ही झूम रहा था…. उसके रोब में टेंट सा बन गया था. ऋतु की नज़रें उसपे पड़ी तो उसने स्टीव से कहा
“ईज़ दट ए गन इन यू पॉकेट ऑर आर यू ग्लॅड टू सी मी?” इस बात पे दोनो ज़ोर ज़ोर से हासणे लगे. स्टीव ऋतु के करीब गया और बोला “वाइ डॉन’ट यू चेक आउट फॉर युवरसेल्फ.”
ऋतु ने हाथ बढ़ाया और रोब के उपर रखा. रखते ही उसे स्टीव के लंड की गरमाई का एहसास हुआ. उसने आछे से हाथ में ले लिए लंड को और वो चौंक गयी.
स्टीव का लंड कम से कम 10 इंच लंबा था और ऋतु के दोनो हाथों में भी पूरा नही आ रहा था. गोलाई भी बहुत थी. एक पल के लिए तो ऋतु डर गयी और उसे लगा की आज वो मर ही जाएगी. लेकिन तभी उसे ख़याल आया की स्टीव को खुश करना ही उसका मकसद हैं और उसके लिए वो कुछ भी करेगी.
Raj Sharma stories--रूम सर्विस compleet
Re: Raj Sharma stories--रूम सर्विस
स्टीव का लंड अब रोब से बाहर खनक रहा था. ऋतु उसको अपने हाथों से सहला रही थी. दोनो के होंठ मिल चुके थे और स्टीव ऋतु के होंठों का आछे से मज़ा ले रहा था. उसके होंठों ऋतु के होंठों पे थे, गर्दन पे थे.. छाती पे थे… उसके हाथ ऋतु के बदन को एक्सप्लोर कर रहे थे. तभी एक झटके से वो ऋतु से अलग हो गया. अपना ड्रिंक ख़तम किया और ऋतु को घुमा के बाल्कनी की रेलिंग के साथ खड़ा कर दिया. ऋतु नीचे लोगों को देख रही थी. उसके बूब्स रेलिंग से बाहर लटक रहे थे. अभी भी उसके बदन पे सारे कपड़े थे. स्टीव उसके पीछे आके खड़ा हो गया. उसने अपने हाथ ऋतु की कमर पर रखे और वहाँ से धीरे धीरे सरकता हुआ नीचे उसके आस पे ले गया.
ऋतु को यह बहुत ही उत्तेजक लग रहा था. दोनो बाल्कनी में खड़े थे खुले में और कोई भी बीच से ऋतु को देख सकता था. स्टीव क्यूकी ऋतु के पीछे था इसलिए वो सबको नही दिख रहा था. स्टीव के रोब से झाँकता हुआ उसका बेकाबू लंड ऋतु के चूतडो के बीच चुभ रहा था. स्टीव ने पीछे से हाथ आगे बढ़ाए और ऋतु के बूब्स को जकड़ा. ऋतु डर गयी. अगर कोई नीचे से उपर देखता तो उसको स्पष्ट दिख जाता की ऋतु के बूब्स पे किसी और के हाथ हैं.
ऋतु ने पीछे हटने की कोशिश की लेकिन स्टीव ने उसे हिलने नही दिया. ऋतु यही प्रार्थना कर रही थी भगवान से की नीचे से कोई उपर ना देखे और उसे ना पहचाने. स्टीव को इस सब में अजीब सा मज़ा आ रहा था.
स्टीव एक हाथ नीचे ले गया और ऋतु की ड्रेस को उपर खीचा. ऋतु ने पॅंटी और ब्रा तो पहनी थी ही नही… उसकी मस्त मुलायम और चिकनी चूत पे हाथ फिरते हुए स्टीव का लंड और भी तन गया था. अब स्टीव ने अपनी एक उंगली ऋतु की चूत में डाल दी. ऋतु आआअह करने लगी. वहीं दूसरी और स्टीव का लंड ऋतु के चूतडो के बीच की गहराई में जा बैठा था. स्टीव धीरे धीरे उपर नीचे हो रहा था और अपने लंड को दोनो मांसल चुतडो के बीच रगड़ रहा था.
ऋतु को कुछ डर कुछ मज़ा यह बसब का मिला जुला एहसास सा रहा था. उसे बाहर यह सब करने में आनंद आ रहा था. पकड़े जाने के डर से उसकी चूत भड़क रही थी. स्टीव की उंगलियाँ भी बहुत आछे से अपना काम कर रही थी. ऋतु को थोड़ा दर्द और थोड़ा मज़ा आ रहा था. बहुत दीनो से वो चुदी नही थी इसलिए चूत थोड़ी टाइट हो गयी थी. टाइट होने के बावजूद स्टीव की उंगलियाँ आराम से अंदर फिसल रही थी क्यूकी अब तक ऋतु 2 बार पानी छोड़ चुकी थी.
ऋतु के हाथ अब पीछे गये और स्टीव के लंड को पकड़ के ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगे. स्टीव का लंड पहले से ही तना हुआ था. बस अब उससे नही रहा गया. उसने वहीं बाल्कनी की रेलिंग पे ऋतु को थोड़ा सा आगे को झुकाया और उसकी टांगे फैलाने को बोला. स्टीव थोड़ा झुका और अपने लंड का सिरा ऋतु की चूत पर टीकाया. एक ज़ोरदार झटके के साथ की स्टीव का लंड ऋतु की चूत में था और ऋतु के मूह से एक चीख छूट गयी. काफ़ी लोग उपर देखने लगे. ऋतु ने पीछे हटने की कोशिश की लेकिन स्टीव ने उसे हटने ना दिया. नीचे खड़े लोगों को स्टीव नही दिख रहा था. एक दो बार उपर देखने के बाद लोग वापस अपने काम में लग गये.
स्टीव तो पहले से ही बेख़बर था उन लोगों के बारे में. उसको तो बस ऋतु की टाइट चूत का मज़ा लेना था. वो कस कस के झटके मारे जा रहा था. ऋतु ने अपनी आँखें बंद कर ली थी और उसकी आँखों के किनारे से आँसू निकल रहे थे. स्टीव का लंड ऋतु की चूत की उन गहराइयो को छू रहा था जिनके होने का एहसास ऋतु को भी नही था.
15 मिनट की इस ज़बरदस्त चुदाई के बाद स्टीव ऑर्गॅज़म करने के लिए तैयार हुआ… उसके टटटे शॉर्ट होने लगे. उसने ऋतु की चूत से लंड निकाला और उसको घुटनो के बल बाल्कनी के फ्लोर पे बिठाया. ऋतु आँखें बंद करके बैठ गयी. उसे पता था स्टीव क्या करने वाला हैं. स्टीव ज़ोर से मूठ मारने लगा ऋतु के मूह के पास. थोड़ी ही देर में उसके वीर्य की एक तेज़ गर्म धार निकल कर ऋतु के चेहरे पे पड़ी. फिर एक और और उसके बाद एक और. यह सिलसिला करीब 1 मिनिट तक चलता रहा. स्टीव ने जो भी वीर्य स्टॉक में था सब का सब ऋतु पे न्योछार कर दिया. ऋतु का पूरा चेहरा स्टीव के लेस से सना हुआ था .. उसके बालों पे भी वही था और कुछ बहकर उसके गर्दन और छाती पे भी चला गया था.
ऋतु को यह बहुत ही उत्तेजक लग रहा था. दोनो बाल्कनी में खड़े थे खुले में और कोई भी बीच से ऋतु को देख सकता था. स्टीव क्यूकी ऋतु के पीछे था इसलिए वो सबको नही दिख रहा था. स्टीव के रोब से झाँकता हुआ उसका बेकाबू लंड ऋतु के चूतडो के बीच चुभ रहा था. स्टीव ने पीछे से हाथ आगे बढ़ाए और ऋतु के बूब्स को जकड़ा. ऋतु डर गयी. अगर कोई नीचे से उपर देखता तो उसको स्पष्ट दिख जाता की ऋतु के बूब्स पे किसी और के हाथ हैं.
ऋतु ने पीछे हटने की कोशिश की लेकिन स्टीव ने उसे हिलने नही दिया. ऋतु यही प्रार्थना कर रही थी भगवान से की नीचे से कोई उपर ना देखे और उसे ना पहचाने. स्टीव को इस सब में अजीब सा मज़ा आ रहा था.
स्टीव एक हाथ नीचे ले गया और ऋतु की ड्रेस को उपर खीचा. ऋतु ने पॅंटी और ब्रा तो पहनी थी ही नही… उसकी मस्त मुलायम और चिकनी चूत पे हाथ फिरते हुए स्टीव का लंड और भी तन गया था. अब स्टीव ने अपनी एक उंगली ऋतु की चूत में डाल दी. ऋतु आआअह करने लगी. वहीं दूसरी और स्टीव का लंड ऋतु के चूतडो के बीच की गहराई में जा बैठा था. स्टीव धीरे धीरे उपर नीचे हो रहा था और अपने लंड को दोनो मांसल चुतडो के बीच रगड़ रहा था.
ऋतु को कुछ डर कुछ मज़ा यह बसब का मिला जुला एहसास सा रहा था. उसे बाहर यह सब करने में आनंद आ रहा था. पकड़े जाने के डर से उसकी चूत भड़क रही थी. स्टीव की उंगलियाँ भी बहुत आछे से अपना काम कर रही थी. ऋतु को थोड़ा दर्द और थोड़ा मज़ा आ रहा था. बहुत दीनो से वो चुदी नही थी इसलिए चूत थोड़ी टाइट हो गयी थी. टाइट होने के बावजूद स्टीव की उंगलियाँ आराम से अंदर फिसल रही थी क्यूकी अब तक ऋतु 2 बार पानी छोड़ चुकी थी.
ऋतु के हाथ अब पीछे गये और स्टीव के लंड को पकड़ के ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगे. स्टीव का लंड पहले से ही तना हुआ था. बस अब उससे नही रहा गया. उसने वहीं बाल्कनी की रेलिंग पे ऋतु को थोड़ा सा आगे को झुकाया और उसकी टांगे फैलाने को बोला. स्टीव थोड़ा झुका और अपने लंड का सिरा ऋतु की चूत पर टीकाया. एक ज़ोरदार झटके के साथ की स्टीव का लंड ऋतु की चूत में था और ऋतु के मूह से एक चीख छूट गयी. काफ़ी लोग उपर देखने लगे. ऋतु ने पीछे हटने की कोशिश की लेकिन स्टीव ने उसे हटने ना दिया. नीचे खड़े लोगों को स्टीव नही दिख रहा था. एक दो बार उपर देखने के बाद लोग वापस अपने काम में लग गये.
स्टीव तो पहले से ही बेख़बर था उन लोगों के बारे में. उसको तो बस ऋतु की टाइट चूत का मज़ा लेना था. वो कस कस के झटके मारे जा रहा था. ऋतु ने अपनी आँखें बंद कर ली थी और उसकी आँखों के किनारे से आँसू निकल रहे थे. स्टीव का लंड ऋतु की चूत की उन गहराइयो को छू रहा था जिनके होने का एहसास ऋतु को भी नही था.
15 मिनट की इस ज़बरदस्त चुदाई के बाद स्टीव ऑर्गॅज़म करने के लिए तैयार हुआ… उसके टटटे शॉर्ट होने लगे. उसने ऋतु की चूत से लंड निकाला और उसको घुटनो के बल बाल्कनी के फ्लोर पे बिठाया. ऋतु आँखें बंद करके बैठ गयी. उसे पता था स्टीव क्या करने वाला हैं. स्टीव ज़ोर से मूठ मारने लगा ऋतु के मूह के पास. थोड़ी ही देर में उसके वीर्य की एक तेज़ गर्म धार निकल कर ऋतु के चेहरे पे पड़ी. फिर एक और और उसके बाद एक और. यह सिलसिला करीब 1 मिनिट तक चलता रहा. स्टीव ने जो भी वीर्य स्टॉक में था सब का सब ऋतु पे न्योछार कर दिया. ऋतु का पूरा चेहरा स्टीव के लेस से सना हुआ था .. उसके बालों पे भी वही था और कुछ बहकर उसके गर्दन और छाती पे भी चला गया था.
Re: Raj Sharma stories--रूम सर्विस
स्टीव ने झाड़ते हुए आँखें मूंद ली थी. उसने आखें खोली और ऋतु को देखा. उसे ऋतु के पुर चेहरे पे अपना वीर्य ही दिख रहा था. उसने ऋतु को उठाया और उसको टाय्लेट का रास्ता दिखाया. खुद भी अंदर आ गया और एक और ड्रिंक बनाना लगा. तभी उसने बाथरूम में ऋतु को एक आवाज़ लगाई.
“लीव युवर क्लोद्स देअर इटसेल्फ बेबी.”
ऋतु बाथरूम में वॉश बेसिन के सामने लगे शीशे में अपने आप को घूर रही थी. वीर्य से सने उसके चेहरे में उसको दुनिया भर की बदसूरती नज़र आ रही थी. उसे अपने आप से घिंन आ रही थी. उसे अपने शरीर के दर्द से ज़्यादा अपने आत्मा पे लगे घाव का मलाल था.
ऋतु ने अपने शरीर से उस ड्रेस को उतार दिया और सिर्फ़ हील्स पहने हुए रूम में आ गयी. स्टीव सोफे पे बैठा अपनी ड्रिंक पी रहा था. ऋतु को देखते ही उसके मूह से एक सीटी निकल गयी. ऋतु हल्के से मुस्कुराइ और उसके पास आके बैठ गयी. स्टीव ने उसके गले में हाथ डाला और कंधे के उपर से नीचे लाते हुए ऋतु का एक बूब दबा दिया.
“वाउ यू आर ब्यूटिफुल”
“थॅंक्स स्टीव”
“वी आर नोट डन यट हनी. बी रेडी फॉर ए सेकेंड राउंड सून.”
“आइ आम ऑल्वेज़ रेडी. वेनेवर यू से डार्लिंग.”
स्टीव के हाथ ऋतु के जिस्म हर घूम रहे थे. ऋतु की चूत अभी भी स्टीव के लंड के एहसास से धधक रही थी. स्टीव ने ऋतु को अपनी गोद में बिठा लिया. ऋतु के जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था. स्टीव अभी भी अपना रोब पहने हुए था जिसमे में उसका लंड बाहर झाँक रहा था. ऋतु जब स्टीव की गोद में बैठी तो उसका लंड सीधा ऋतु की गांद के छेड़ पे था. ऋतु उछल के खड़ी हो गयी और दोबारा ठीक से बैठी. स्टीव इस बात पर हस पड़ा. गोद के नीचे ऋतु को स्टीव के लंड की गर्मी और ठॉस्पान का एहसास हो रहा था. एक बार झड़ने के बाद भी स्टीव का लंड वापस पहले जैसे सख़्त हो गया था.
स्टीव ने अपना हाथ ऋतु के चूतडो पे हिलाया और धीरे धीरे ऋतु के गान्ड के छेद की और ले गया. ऋतु को इस बात का एहसास हो गया की स्टीव का अगला लक्ष्या उसकी गान्ड हैं. वो सहम गयी. स्टीव के लंड ने उसका बुरा हाल कर दिया था. अब गान्ड का ना जाने क्या हाल होगा. स्टीव धीरे धीरे उसके गान्ड के छेद पे उंगली हिलाने लगा. ऋतु को भी इस काम में मज़ा आने लगा.
अब तक सिर्फ़ एक ही बार उसकी गान्ड मारी थी करण ने लेकिन उस दिन को याद करके ऋतु सिहर उठी. क्या स्टीव भी वही सब करेगा?
स्टीव ऋतु के साथ गुज़र रही इस शाम का पूरा मज़ा ले रहा था. वो होटेल का पुराना और बहुत बड़ा क्लाइंट था. वो होटेल के स्टाफ को और होटेल का स्टाफ उसे अच्छी तरह से जानता था. कुमुद से उसकी ख़ास दोस्ती थी. कुमुद उसकी हर ज़रूरत का ख़याल रखती थी और इसके बदले वो कुमुद को मूह माँगी कीमत देता था.
आज शाम जब उसने चेक इन किया था तो रूम में आने के बाद कुमुद को फोन करके बताया की वो बहुत थका हुआ हैं और अकेला भी. कुमुद ने उसको आश्वासन दिया की आज उसकी पूरी थकान रात को उतार दी जाएगी. कुमुद स्टीव से $1000 ले चुकी थी. ऋतु को . 25000 रुपये देने के बाद कुमुद के पास भी 25000 बचेंगे. कुमुद का सिंपल 50% वाला हिसाब था. कस्टमर की नीड और जेब के हिसाब से वो उनके लिए सर्विस का इंतज़ाम करती थी. रूम सर्विस.
होटेल की कुछ लड़कियाँ जैसे की ऋतु और कुछ बाहर की लड़कियों की मदद से कुमुद यह काम कर रही थी. महीने में 10-15 ऐसे कस्टमर्स तो मिल ही जाते थे जिससे की करीब 1-1.5 लाख रुपये की कमाई हो जाती थी कुमुद की. लेकिन ज़्यादातर लड़कियाँ इतनी खूबसूरत नही थी की उनके लोग बहुत ज़्यादा दाम दें. ऋतु उन सब से अलग थी. कुमुद को पूरा यकीन था की अगर ऋतु ने स्टीव को खुश कर दिया तो अगली बार स्टीव ऋतु के लिए $1500 भी दे देगा आराम से.
उधर कमरे में सहमी हुई ऋतु को देख के स्टीव खुश था. स्टीव ने अपनी उंगली ऋतु की गान्ड में घुसाई तो ऋतु के मूह से आह छूट गयी. स्टीव ने ऋतु से पूछा
“हॅव यू बिन फक्ड इन दा आस बिफोर.”
“नो स्टीव… आइ हेअर्ड इट्स वेरी पेनफुल टू डू इट देअर.” ऋतु ने ना कह दी ताकि स्टीव को यह खुशी मिले की ऋतु की गान्ड सबसे पहले उसी ने मारी हैं.
“नो बेबी.. इट्स नोट दट… आइ विल डू इट गेंट्ली.” स्टीव मन ही मन खुश हुआ की ऋतु की कुँवारी गान्ड को आज वो चोदेगा.
“लीव युवर क्लोद्स देअर इटसेल्फ बेबी.”
ऋतु बाथरूम में वॉश बेसिन के सामने लगे शीशे में अपने आप को घूर रही थी. वीर्य से सने उसके चेहरे में उसको दुनिया भर की बदसूरती नज़र आ रही थी. उसे अपने आप से घिंन आ रही थी. उसे अपने शरीर के दर्द से ज़्यादा अपने आत्मा पे लगे घाव का मलाल था.
ऋतु ने अपने शरीर से उस ड्रेस को उतार दिया और सिर्फ़ हील्स पहने हुए रूम में आ गयी. स्टीव सोफे पे बैठा अपनी ड्रिंक पी रहा था. ऋतु को देखते ही उसके मूह से एक सीटी निकल गयी. ऋतु हल्के से मुस्कुराइ और उसके पास आके बैठ गयी. स्टीव ने उसके गले में हाथ डाला और कंधे के उपर से नीचे लाते हुए ऋतु का एक बूब दबा दिया.
“वाउ यू आर ब्यूटिफुल”
“थॅंक्स स्टीव”
“वी आर नोट डन यट हनी. बी रेडी फॉर ए सेकेंड राउंड सून.”
“आइ आम ऑल्वेज़ रेडी. वेनेवर यू से डार्लिंग.”
स्टीव के हाथ ऋतु के जिस्म हर घूम रहे थे. ऋतु की चूत अभी भी स्टीव के लंड के एहसास से धधक रही थी. स्टीव ने ऋतु को अपनी गोद में बिठा लिया. ऋतु के जिस्म पर एक भी कपड़ा नही था. स्टीव अभी भी अपना रोब पहने हुए था जिसमे में उसका लंड बाहर झाँक रहा था. ऋतु जब स्टीव की गोद में बैठी तो उसका लंड सीधा ऋतु की गांद के छेड़ पे था. ऋतु उछल के खड़ी हो गयी और दोबारा ठीक से बैठी. स्टीव इस बात पर हस पड़ा. गोद के नीचे ऋतु को स्टीव के लंड की गर्मी और ठॉस्पान का एहसास हो रहा था. एक बार झड़ने के बाद भी स्टीव का लंड वापस पहले जैसे सख़्त हो गया था.
स्टीव ने अपना हाथ ऋतु के चूतडो पे हिलाया और धीरे धीरे ऋतु के गान्ड के छेद की और ले गया. ऋतु को इस बात का एहसास हो गया की स्टीव का अगला लक्ष्या उसकी गान्ड हैं. वो सहम गयी. स्टीव के लंड ने उसका बुरा हाल कर दिया था. अब गान्ड का ना जाने क्या हाल होगा. स्टीव धीरे धीरे उसके गान्ड के छेद पे उंगली हिलाने लगा. ऋतु को भी इस काम में मज़ा आने लगा.
अब तक सिर्फ़ एक ही बार उसकी गान्ड मारी थी करण ने लेकिन उस दिन को याद करके ऋतु सिहर उठी. क्या स्टीव भी वही सब करेगा?
स्टीव ऋतु के साथ गुज़र रही इस शाम का पूरा मज़ा ले रहा था. वो होटेल का पुराना और बहुत बड़ा क्लाइंट था. वो होटेल के स्टाफ को और होटेल का स्टाफ उसे अच्छी तरह से जानता था. कुमुद से उसकी ख़ास दोस्ती थी. कुमुद उसकी हर ज़रूरत का ख़याल रखती थी और इसके बदले वो कुमुद को मूह माँगी कीमत देता था.
आज शाम जब उसने चेक इन किया था तो रूम में आने के बाद कुमुद को फोन करके बताया की वो बहुत थका हुआ हैं और अकेला भी. कुमुद ने उसको आश्वासन दिया की आज उसकी पूरी थकान रात को उतार दी जाएगी. कुमुद स्टीव से $1000 ले चुकी थी. ऋतु को . 25000 रुपये देने के बाद कुमुद के पास भी 25000 बचेंगे. कुमुद का सिंपल 50% वाला हिसाब था. कस्टमर की नीड और जेब के हिसाब से वो उनके लिए सर्विस का इंतज़ाम करती थी. रूम सर्विस.
होटेल की कुछ लड़कियाँ जैसे की ऋतु और कुछ बाहर की लड़कियों की मदद से कुमुद यह काम कर रही थी. महीने में 10-15 ऐसे कस्टमर्स तो मिल ही जाते थे जिससे की करीब 1-1.5 लाख रुपये की कमाई हो जाती थी कुमुद की. लेकिन ज़्यादातर लड़कियाँ इतनी खूबसूरत नही थी की उनके लोग बहुत ज़्यादा दाम दें. ऋतु उन सब से अलग थी. कुमुद को पूरा यकीन था की अगर ऋतु ने स्टीव को खुश कर दिया तो अगली बार स्टीव ऋतु के लिए $1500 भी दे देगा आराम से.
उधर कमरे में सहमी हुई ऋतु को देख के स्टीव खुश था. स्टीव ने अपनी उंगली ऋतु की गान्ड में घुसाई तो ऋतु के मूह से आह छूट गयी. स्टीव ने ऋतु से पूछा
“हॅव यू बिन फक्ड इन दा आस बिफोर.”
“नो स्टीव… आइ हेअर्ड इट्स वेरी पेनफुल टू डू इट देअर.” ऋतु ने ना कह दी ताकि स्टीव को यह खुशी मिले की ऋतु की गान्ड सबसे पहले उसी ने मारी हैं.
“नो बेबी.. इट्स नोट दट… आइ विल डू इट गेंट्ली.” स्टीव मन ही मन खुश हुआ की ऋतु की कुँवारी गान्ड को आज वो चोदेगा.