incest "खून का असर" compleet

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Guest

Re: incest "खून का असर"

Unread post by Guest » 14 Oct 2014 06:02

"खून का असर"--6

गतान्क से आगे........................

तभी बिरजू ने सुधिया काकी की चूत पर मूह लगा दिया और राजू उसके मोटे मोटे दूध पीने लगा, उनकी इस जोरदार चटाई से सुधिया काकी की गंद धीरे धीरे उपर की ओर कूदने लगी थी, तब बिरजू ने राजू को इशारा किया तो राजू ने धीरे से सुधिया काकी के मूह से बँधा कपड़ा हटा दिया तब सुधिया काकी आह आह मदर्चोदो ये क्या किया तुम दोनो ने बहन्चोद ज़ोर से चाट कुत्ते, और ज़ोर से चाट और सुधिया काकी दूसरी बार झाड़ चुकी थी उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी उसके गाल लाल टमाटर की तरह हो गये थे और राजू उसके रसीले होंठो को चूसने लगा और साथ ही उसके मोटे मोटे दूध दबाता हुआ बिरजू काकी के दूध अपनी मा से कम नही है बहन्चोद की गंद भी तो हमारी मा की तरह ही गदराई हुई है क्यो काकी हम सही कह रहे है ना, सुधिया काकी आह आह ओह ओह हाँ बेटा तुम ठीक कह रहे हो पर अब मत तड़पाव और अपनी काकी को चोद दो बेटा चोद दो, बिरजू अरे काकी सब्र करो अभी तो हमने चूत चाटना चालू ही किया है, अभी अपना रस हमे पिलाती रहो जब तक की हमारा पेट ना भर जाए, फिर दोनो भाइयो ने सुधिया की दोनो टाँगो को खोल दिया और बिरजू ने सुधिया काकी की जाँघो को उसके कंधो तक मोड़ कर सुधिया काकी की फूली बुर का रस खूब कस कस कर दबोचते हुए पीते रहे, करीब 10 मिनिट के बार सुधिया काकी तीसरी बार झाड़ चुकी थी और वह ओह ओह आह आह की आवाज़ निकालने लगी और ज़ोर से अरे मदर्चोदो अब मुझे चोद भी दो,

तभी बिरजू ने सुधिया काकी के बदन से घाघरा और चोली को

पूरी तरह अलग कर दिया अभी भी सुधिया काकी के हाथ खाट के

सिरहाने पर बँधे थे उसकी नंगी मदमस्त जवानी देख कर

दोनो भाई का हाल बहाल हो गया और दोनो ने अपनी जीभ से

काकी के एक एक अंग को चूसना चाटना शुरू कर दिया

और सुधिया काकी आह आह ओह ओह आह आह ओह मा मर जाउन्गि और

ज़ोर से चट को चूस मेरे राजा और ज़ोर से ये सुधिया काकी कितने

बरसो से लंड खाने को तरस रही है तुम दोनो के मोटे लंड

को बेटा अब मेरी चूत मे डाल दो नही तो मैं मर जाउन्गि, अब देर

ना करो बेटा आह आह तभी बिरजू ने सुधिया काकी की गंद के

मोटे छेद मे अपनी दो उंगलिया अपने थूक से गीला करके

घुसेड दिया सुधिया काकी की गंद का छेद एक दम भूरे रंग

का और काफ़ी कसा हुआ लग रहा था और बिरजू की उंगलिया बहुत

टाइट घुस रही थी, सुधिया काकी को मज़ा भी आ रहा था और

दर्द भी हो रहा था लेकिन राजू और बिरजू उसकी गंद मारने के

मूड मे दिख रहे थे तभी बिरजू ने अपना काला लंड सुधिया

काकी की गंद मे लगाकर एक झटका मारा तो सुधिया काकी चीख

पड़ी ओह ओह एयाया..आआआआ...आआ राजू ने बैठे बैठे ही

अप्नी दो उंगलिया सुधिया काकी की चूत मे घुसेड दी तभी बिरजू

ने दूसरा झटका मारा और सुधिया काकी की गंद फॅट गई और

सुधिया काकी की आँखे उपर की ओर उलट गई तभी राजू ने

सुधिया काकी के मोटे मोटे दूध को कस कस कर दबोचना

शुरू कर दिया इधर बिरजू अपने लंड को सुधिया काकी की मोटी

गंद मे ज़ोर लगा कर अपना लंड पेल रहा था और सुधिया काकी

दर्द के तड़प रही थी सुधिया काकी की गंद का छेद इतना टाइट

था कि वह बिरजू के लंड को बिल्कुल अपनी जाकड़ मे जकड़े हुए

था और बहुत मुश्किल से आगे पीछे हो रहा था इतनी कसी

हुई गंद मार मार कर बिरजू ने अपना रस सुधिया काकी की गंद

मे छ्चोड़ दिया और जब लंड बाहर निकाला तो सुधिया काकी की

गंद उसके माल से भर गई थी तभी राजू ने सुधिया काकी के

दूध दबोचते हुए एक कस कर धक्का सुधिया काकी की गंद

मे मारा तो उसका लंड फिसलता हुआ सीधे सुधिया काकी की मोटी

गंद को चीरता हुआ पूरा एक ही बार मे अंदर तक फिट हो गया

और सुधिया काकी ओह ओह आ आ करके अपने पाँव उठा उठा कर

पटकने लगी मदर्चोद मार डालेगा क्या धीर चोद कुत्ते इतनी

बेरहमी से अपनी मा की गंद मारना हरामी उसकी गंद तो मेरी

गंद से बहुत मोटी है कामीने धीरे चोद रे हरामी, राजू को

उसे दर्द से तड़प्ता देख कर मज़ा आगेया और वह सतसट

लंड सुधिया काकी की कसी हुई गंद मे ठोक ठोक कर सुधिया

काकी की गंद मारने लगा इधर बिरजू सुधिया काकी की चूत को

फैला फैला कर अप्नी चार चार उंगलियाँ उसकी चूत मे पेलने

लगा सुधिया काकी की चूत मूतने लगी और फिर एक तगड़े झटके

के साथ ही राजू का पानी भी सुधिया काकी की गंद मे भर गया

तब तक बिरजू का काला लंड फिर खड़ा हो गया और राजू के लंड

निकालते ही बिरजू ने फिर अपना लंड सुधिया काकी की गंद मे पेल

दिया और फिर उसकी गंद की ठुकाई चालू करदी, इस बार बिरजू ने

करीब आधे घंटे तक सुधिया काकी की गंद मारी उसके बाद जब

बिरजू ने अपना लंड निकाला तो राजू फिर अपना लंड लेकर खड़ा हो

गया तब बिरजू ने कहा और चोदेगा क्या तब राजू ने कहा कि यार

तू दो बार गंद मार चुका है मैने तो अभी एक ही बार मारी है

अब मेरी बारी है, सुधिया काकी उन दोनो की बाते सुन कर घबरा

गई और उनसे विनती करने लगी नही बेटा अब नही मुझे बहुत

दर्द हो रहा है राजू मदर्चोद बहुत मा चुदति है तुझे

मालूम नही हम तेरी मोटी गंद के कब से दीवाने है आज जी

भर कर तेरी गंद कूट कूट कर लाल कर देंगे और फिर राजू ने

भी लगभग आधे घंटे तक सुधिया काकी की गंद को कस कर

ठोका, दोनो भाई सुधिया काकी की गंद ठोक ठोक कर मस्त हो

चुके थे, सुधिया काकी अपनी गंद मरवा मरवा कर पस्त हो

चुकी थी तभी बिरजू ने कहा काकी एक राउंड और हो जाए तब

शुधिया काकी नही बेटा अब मुझे छ्चोड़ दो नही तो मैं मर

जाउन्गि, तब बिरजू काकी हम तुझे एक ही शर्त पर छ्चोड़ सकते

है अगर तू हमे रोज अपनी चूत और गंद मारने देगी नही तो

समझ ले कि हम आज तेरी गंद को पूरी फाड़ डालेंगे और तू

घर जाने लायक नही बचेगी, सुधिया हाँ बेटा मैं वादा करती

हू तुम जब चाहोगे मैं तुमसे अपनी चूत और गंद मर्वौन्गि

लेकिन अभी मुझे छ्चोड़ दो बेटा मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हू,

तब राजू चल काकी तू कहती है तो तुझे छ्चोड़ देते है पर अब

हमे तुझ पर दया आ रही है और अब हम तुझे थोड़ा आराम

पहुचाना चाहते है और फिर राजू एक बाल्टी मे पानी लेकर

आया और फिर दोनो भाइयो ने सुधिया काकी की गंद को पानी डाल

डाल कर हल्के हाथो से रगड़ते हुए उसे धोना शुरू कर

दिया वह दोनो थोड़ा थोड़ा पानी डाल डाल कर बड़े प्यार से

सुधिया कई की गंद और चूत पर ठंडा ठंडा पानी डाल रहे

थे जिससे सुधिया काकी की चूत से गरम गरम पानी बहने लगा

और सुधिया काकी ने अपनी दोनो जाँघो को अच्छे से फैला दिया

तब बिरजू ने सुधिया काकी की चूत को चाटना शुरू कर दिया और

सुधिया काकी सीसीयाने लगी 10 मिनिट तक बिरजू ने सुधिया काकी

की चूत चाती उसके बाद राजू ने भी सुधिया काकी की चूत को

चटा फिर दोनो भाइयो ने सुधिया काकी की चूत को इतने प्यार से

चोदा कि सुधिया काकी मस्त हो गई और उसकी चूत ने बहुत दिन

बाद इतने तगड़े और मोटे लंड का स्वाद चख कर उसकी आत्मा

तृप्त हो गई, फिर दोनो ने सुधिया काकी के हाथ खोल दिए लेकिन

सुधिया काकी नंगी ही खाट पर पड़ी रही उसके शरीर मे उठने

की शक्ति नही बची थी, राजू और बिरजू अपने कपड़े पहनकर

लूँगी लगाकर सुधिया काकी के पास आए और उसके गालो को

चूमते हुए काकी तेरी चूत और गंद ने आज हमे अपना गुलाम

बना लिया है इतनी कसी गंद आज तक हमने कभी नही मारी

उनकी बाते सुन कर सुधिया काकी हल्के से मुस्कुरा दी और फिर

दोनो भाइयो ने सुधिया काकी को हाथ पकड़कर उठा दिया, फिर

धीरे धीरे सुधिया काकी ने अपने कपड़े पहने और राजू और

बिरजू को कहा तुम दोनो अब यहा से जाओ नही तो कोई देख लेगा

मैं थोड़ी देर बाद आती हू, और दोनो भाई खेत से अपने घर की

ओर चल दिए.

raj..
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Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: incest "खून का असर"

Unread post by raj.. » 14 Oct 2014 06:04

यार राजू जब सुधिया काकी की गंद मारने मे इतना मज़ा आया तो

सोच ज़रा हमारी अपनी मा की गंद मारने मे कितना मज़ा

आएगा उसकी तो गंद इतनी जबरदस्त और मोटी है कि उसकी मोटी

गंद को घंटो हम दोनो भाइयो को मिलकर ठोकना पड़ेगी तब

जा कर हमारी मा को कुछ असर होगा, हाँ बिरजू तो बिल्कुल ठीक कह

रहा है अपनी मा की गंद इतनी सुंदर और फैली हुई है कि मेरा

तो दिल करता है की उसका घाघरा उठा कर उसकी मोटी गंद मे

अपना मूह भर दू और तो और उसका फूला हुआ भोसड़ा देख कर

तो मैं पागल हो जाता हू उस दिन जंगल मे जब उसकी मस्तानी

चूत की गंध सूँघी थी तो मुझे तो बिना दारू पिए ही नशा

आ गया था, उसका गदराया उठा हुआ पेट जैसे साली पेट से हो

उसकी गहरी नाभि उसके मोटे मोटे दूध, बिरजू जब हम उसे

पूरी नंगी देखेंगे तो हमारा लंड कच्छा फाड़ कर बाहर

निकल आएगा, और दोनो भाई अपनी मा को नंगी करके चोदने के

बारे मे बाते करते हुए घर पहुच गये, और अपनी कुर्सी

पर जाकर बैठ गये, घर के अंदर कमला ज़मीन पर अपने

दोनो पैरो को फैलाए हुए अपने घाघरे को अपनी मोटी

जाँघो तक चढ़ा कर दीवार से टिक कर बैठी थी और गाँव की

दाई कमला के पैरो की सरसो के तेल से मालिश कर रही थी अपनी

मा की मखमली गोरी गोरी मोटी मोटी जाँघो को देखते ही उनका

लंड खड़ा हो गया और लूँगी को तंबू जैसा आकर दे दिया,

दोनो अपनी मा की गदराई जवानी को बड़े प्यार से घूरते हुए

अपने लोडो को हल्के हल्के दबा रहे थे तभी संध्या उसके

घर से निकल कर कपड़े लेकर हॅंडपंप पर आई तो राजू ने

बिरजू को इशारा किया, संध्या जब हॅंडपंप से पानी भर कर

कपड़ो को धोने लगी तो उसकी गोल मोटी मोटी चुचिया जो कि काफ़ी

कसी हुई थी उसकी चोली मे आधी से ज़्यादा उसके वी शेप से

नज़र आ रही थी, संध्या कनखियो से दोनो भाइयो को देख

रही थी तभी राजू ने अपना लंड लूँगी से बाहर निकालकर

संध्या को दिखा दिया संध्या उसका मोटा और क़ाला लंड देख

कर चौंक गई और बार बार अपनी नज़रे बचा बचा कर राजू के

लंड का दीदार करने लगी, संध्या को अपने पति से चुदे हुए

काफ़ी समय हो चुका था और एक तरह से वह लंड के लिए

तरस रही थी तभी राजू ने एक बार को अपना पूरा मोटा केला

निकालकर संध्या भाभी को दिखा दिया तो संध्या की नज़रे एक

पल के लिए राजू के लंड पर ठहर गई फिर जैसे ही संध्या ने

राजू की आँखो मे देखा राजू मुस्कुरा दिया और संध्या के

चेहरे पर भी एक हल्की सी स्माइल आ गई और वह कपड़े गला कर

अंदर भाग गई, उसके इस तरह के रिक्षन को देख कर राजू ने

बिरजू से कहा बिरजू आज रात को हमे नई चूत मिलेगी, बिरजू अपनी

मा की मोटी जाँघो को घूरता हुआ भला वह कैसे राजू आज रात

को जब संध्या भाभी संडास के लिए खेतो की ओर जाएगी तब

हमे उसका पीछा करना है और आज उसको खेतो मे लेजा कर

चोदना है, बिरजू तो यार ऐसा क्यो नही करते आज हम खेतो की

और पहले से ही जाकर वही दारू पिएगे और जब संध्या भाभी

उधर संडास के लिए आएगी तब उसको वही पकड़ कर चोद

देंगे, राजू हाँ ये ठीक रहेगा, और फिर तभी उधर से सुधिया

काकी आती हुई नज़र आई सुधिया काकी अपनी टाँगे थोड़ा

फैलाकर चल रही थी, उसे देखते ही दोनो भाइयो के चेहरे

पर मुस्कान फैल गई, तभी अंदर से शीला चाइ लेकर दोनो के

पास आई बिरजू ने चाइ लेते हुए शीला की चूत को घाघरे के

उपर से अपने हाथो मे भर लिया तभी शीला की नज़र उनके

मोटे लंडो पर पड़ी जो लूँगी उठाए खड़े थे शीला ने पुछा

तुम दोनो का लंड किसको देख कर खड़ा हुआ है, तो बिरजू ने

बोला अपनी बहन को देख कर, शीला झूठ मत बोलो भैया मैं तो

अभी अभी आई हू सच सच बताओ तुम्हारा लंड किसको देख

देख कर फनफना रहा है, राजू शीला ने राजू की नज़र को

पकड़ लिया जो अपनी मा की गदराई जाँघो को कनखियो से देख

रहा था, और शीला को समझते देर ना लगी कि इनका लंड अपनी

मा की गदराई जवानी को देख देख कर लूँगी फाड़ने की कोशिश

कर रहा है, हाय राम शीला का मूह खुला का खुला ही रह गया

और वह जल्दी से घर के अंदर आ गई,

क्रमशः....................


raj..
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Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: incest "खून का असर"

Unread post by raj.. » 14 Oct 2014 06:09

"खून का असर"--7

गतान्क से आगे........................

शाम को कमला गाँव मे किसी के यहाँ बैठने चली गई तब

शीला बिरजू और राजू के पास कमरे मे गई जहा दोनो भाई बीड़ी

के कस लगा रहे थे शीला उनके पास जाकर बैठ गई तब राजू ने

बोला शीला एक बार अपनी गंद दिखा ना शीला वो तो मैं दिखा

दूँगी पर मुझे यह बताओ उस टाइम तुम मा को देख देख कर

अपना लंड सहला रहे थे ना, बिरजू शीला को अपनी ओर खिचते

हुए क्यो तुझे जलन हो रही है क्या, शीला भैया मुझे क्यो

जलन होने लगी, मैं तो बस इतना जानना चाहती थी कि क्या तुम

दोनो मा को भी.. बिरजू शीला की मोटी मोटी चुचियो को मसलता

हुआ उसका हाथ अपने लंड पर रख लेता है, तू तो जानती है कि

हमे औरतो की मोटी गंद कितनी पसंद है और फिर अपनी मा की

गंद तो इस गाँव मे सबसे ज़्यादा मतवाली और मोटी है शीला

हम से अब सहा नही जाता है दिन रात मा जब अपने मोटे मोटे

चूतड़ मतकती हुई हमरे सामने आती है तो हमारा लंड

हरकत मे आ जाता है, मेरे इस मोटे लोदे का बड़ा मन है

अपनी मा की मस्तानी गंद और चूत फाड़ने का, शीला बिरजू के

लंड को मसल्ते हुए तो तुम्हे क्या लगता है मा तुम दोनो को

अपनी चूत देगी, राजू क्यो तूने नही दी क्या, शीला भैया मेरी बात

और है, वो अपनी मा है और वो हमसे कितनी बड़ी है वो

तुम्हारे सामने कभी नंगी नही होगी, तुम दोनो उसकी गंद

चाटने के लिए तरसते ही रहोगे, बिरजू शीला मा बड़ी है तो क्या

हुआ उसकी चूत ने कई सालो से लंड नही चखा है, और फिर

अपनी मा की उमर की औरत को चोदने मे एक अनोखा मज़ा मिलता

है, जिस दिन मा हमारा मोटा लंड देखेगी उस दिन उसकी भी चूत

पानी पानी हो जाएगी और वह अपनी चूत का दरवाजा हमारे लंड

के लिए धीरे से खोल देगी, नही भैया मुझे तो नही लगता कि

मा तुम दोनो से अपनी चूत और गंद मरवाएगी, राजू शीला तू

अपने भाइयो को जानती नही है, उसे तो हम अपना काला लंड

दिखा चुके है, और वह बड़े प्यार से हमारा लंड देख देख

कर साँसे भर रही थी, शीला क्या तुमने मा को अपना लोडा

दिखा दिया है, हाँ शीला, मगर वह कैसे तब बिरजू ने जंगल

वाली बात उसे बता दी, अरे शीला तूने काफ़ी मा को मुतते हुए

देखा है, शीला देखा है लेकिन ठीक से उसकी चूत नही देखी,

पर ये तुम क्यो पुंछ रहे हो, बिरजू अरे अपनी बहन के मोटे

मोटे दूध को अपनी हथेलियो से कस कस कर मसल्ते हुए अरे

मेरी प्यारी बहना मा जब अपनी चूत फैला कर मुत्ती है तो उसका

भोसड़ा इतना चोडा हो जाता है और एक मोटी धार छ्चोड़ती है और

फिर रुक रुक कर जब मुतति है तो दिल करता है कि उसकी फूली हुई

चूत से अपना मूह लगा का चाट डालु, और उसकी गंद का छेद

इतना कसा हुआ लगता है कि मैं तो दिन रात उसकी गंद मारने के

सपने देखता हू साली इस उमर मे भी जब अपनी गंद और चूत

मरवाएगी तो कुवारि लोंदियो को पिछे छ्चोड़ देगी, अच्छा

बता मा के चूतड़ कैसे लगते है तुझे और शीला की गंद के

सुराख मे अपनी उंगली से रगड़ता है, शीला हाँ भैया मा के

चूतड़ तो बहुत फैले हुए हैं ऐसा लगता है जैसे अपनी गंद

ही गंद मे लंड लेती हो, अरे शीला जब मा के चूतड़ तू नंगी

देख लेती ना तो अगर तेरे पास लंड होता तो तू खड़े खड़े अपने

लंड को मा की गंद मे डाल देती ऐसी गदराई गंद मारने मे

मर्दो को बहुत मज़ा आता है, बस एक बार चोदने को मिल जाए तो

मज़ा आ जाएगा और फिर बिरजू ने शीला की चूत को हाथ लगाया तो

वह पानी पानी हो चुकी थी तभी बिरजू ने उसको अपनी गोद मे

बैठा कर अपनी लूँगी हटा कर अपना मोटा लंड अपनी बहन की

खुली हुई गदराई चूत पर रख कर उसकी चूत को अपने लंड पर

दबाया तो लंड सॅट से उसकी चूत मे उतर गया और शीला आह

भैया तुम्हारी बातो ने तो मेरी चूत का पानी निकाल दिया मैं तो

इस बात को सोच सोच कर रोमांचित हो रही हू कि कैसे तुम दोनो

भाई मा को पूरी नंगी करके कैसे उसे चोदोगे और कैसे वह

अपनी मोटी गंद और चूत फैला फैला कर तुम दोनो का लंड

अपनी चूत और गंद मे लेगी, क्या मस्त घोड़ी की तरह तुम दोनो

से अपनी चूत कुटवाएगी, तभी राजू भी शीला की गंद के पीछे

आ जाता है और बैठे बैठे शीला की गंद मे थूक लगाने

लगता है और फिर अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाकर उकड़ी

बैठ कर अपनी बहन की मोटी गंद के छेद मे अपना लंड

लगाकर उसकी गंद मे एक झटका मारता है और उसका लंड अपनी

बहन की मोटी गंद मे समा जाता है और शीला आह भैया ज़रा

आराम से आह आह और दोनो भाई आगे से और पीछे से अपनी

बहन की नंगी जवानी को धीरे धीरे ठोकने लगते हैशीला

बंदरिया की तरह अपने भाई से चिपकी होती है और दोनो भाई

उसकी चूत और गंद का मर्दन करना शुरू कर देते है राजू

पीछे से शीला के चुचियो को कस कस कर मसलता हुआ उसकी

गंद मे अपना लंड उसकी गंद की जड़ तक ठुसने लगता है और

बिरजू अपनी बहन के रसीले होंठो को चूस्ता हुआ आगे से उसकी

चूत मारता रहता है, फिर बिरजू धीरे से अपनी बहन की चूत

मे लंड फसाए खड़ा हो जाता है और शीला उसके लंड पर

टंग जाती है साथ ही राजू भी अपनी बहन की गंद मे लंड

फसाए खड़ा हो जाता है फिर दोनो भाई अपने दोनो हाथो

से शीला को हवा मे झुलाते हुए उसकी चूत और गंद को कस

कस कर ठोकने लगते हैंजब वह तीनो अपनी चुदाई मे मस्त रहते

है तो उन्हे नही मालूम होता है कि कमला घर के अंदर आ

चुकी है और वह देख रही है कि कैसे उसके दोनो बेटे अपनी

बहन को अपने लंड पर खड़े खड़े हवा मे झूला झूला

रहे है, कमला यह सीन देख कर हत्प्रत रह जाती है और

थोड़ा छुपते हुए उन तीनो को देखती रहती है उसका हाथ

अपने आप अपनी चूत की फांको को खुरेदने लगता है, और वह

उनकी चुदाई देख कर बहुत ज़्यादा गरम हो जाती है और अपना

घाघरा उठा कर अपनी चूत मे अपनी तीन उंगलिया सतसट

पेलने लगती है, और उसे ऐसा लगने लगता है जैसे उसके दोनो

बेटे शीला को नही उसे ही अपने लंड से चोद रहे है, लगभग

आधे घंटे तक शीला की गंद और चूत मारने के बाद दोनो

भाई अपना अपना माल अपनी बहन की गंद और चूत मे छ्चोड़

देते है उधर कमला भी उनकी मस्त चुदाई देख कर झाड़ जाती

है और फिर दबे पाँव घर के बाहर चली जाती है,

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