lesbian hindi sex story - मेरा पहला लेस्बियन सेक्स का अनुभव

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rajkumari
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lesbian hindi sex story - मेरा पहला लेस्बियन सेक्स का अनुभव

Unread post by rajkumari » 04 Jun 2016 09:09

जब मै जवान हुई और मेरे शरीर में बदलाव आये, तो मुझे बड़ा अजीब सा लगता था, लेकिन मेरी माँ ने मुझे उसके बारे में बताया; तो मुझे शरीर में होने वाले बदलाव के बारे में तो पता चल गया, लेकिन उस बदलाव के साथ-साथ जवानी में होने वाली बैचनी से मेरा परिचय मेरी सहेली ने करवाया. मै 18 साल की हो चुकी थी और मेरा 18व जन्मदिन था और मुझे मेरी सहेली ने अपने घर पर बुलाया. उसने मेरे माँ- बापू से मुझे उसके घर रात में रुकने की परमिशन भी ले ली. मुझे तो पता भी नहीं चलने दिया किसी ने. वो मेरी सहेली थी रीमा, मेरी सबसे अच्छी दोस्त और मेरे बारे मुझसे ज्यादा वो जानती थी और मेरे छोटी-बड़ी सब समस्या वो ही सुलझती थी. जब मेरे बूब्स बढ़ने शुरू हुए और चूत पर कुछ बाल आये; तो मैने सबसे पहले रीमा को बताया; मेरी माँ ने तो अपने आप नोटिस करके मुझे पकड़ लिया और पूरा का पूरा कामसूत्र का ज्ञान बाँट दिया. मुझे रीमा अपने घर ले गयी और रास्ते में ऑटो में जाते हुए, मेरे कानो में फुसफुसाई, कि घर में तेरे लिए एक मस्त गिफ्ट है. मेरे दिल में खलबली मच गयी थी, क्युकि मुझे मालूम था रीमा बहुत शैतान है और उसने मुझे सताने के लिए कुछ का कुछ बदमाशी की होगी.

जब मै उसके घर में घुसी, तो कोई जश्न का माहौल नहीं था; बल्कि उसके माँ-बाप को तो मेरे जन्मदिन के बारे मालूम भी नहीं था. हम लोगो ने किसी आम दिन की तरह खाना खाया और सोने के लिए उसके कमरे में चले गए. घर में सब सो चुके थे और रीमा और मै भी लाइट बंद करके लेट गए थे. रीमा की उंगलिया मेरे बदन पर चल रही थी और वो मुझे नंगा कर रही थी. मैने उसके हाथ पर मारा और बोली, क्या कर रही है शैतान? उसने हँसकर बोला, जानेमन अभी नहीं. थोड़ी देर में लाइट जलाकर जादू दिखाउंगी और जब रीमा ने लाइट जलायी; तो मै दंग रह गयी. रीमा ने मुझे एक कामुक और सेक्सी नाइटी पहना दी थी. उसमे बड़ी मुश्किल से मेरे चुचे ढक रहे थे और उसकी लम्बाई मेरी चूत को और गांड के छेद को बड़ी मुश्किल से ढक पा रही थी. मैने रीमा के गाल पर बड़ी प्यारी से चपत लगायी और बोली, तू बड़ी बदमाश है, क्या चाहती है? रीमा बोली, जानेमन; आज की रात लूट जाने का अरमान है और कुछ लूटने का अरमान है और बड़ी जोर से हँसने लगी.

रीमा मेरे पास आई और बड़े ही कामुक तरीके से मेरी जांघो पर हाथ रख दिया, मेरे मुँह से इश्श्श्स करके आहें निकल गयी और मैने रीमा का हाथ पीछे हटा दिया. लेकिन, आज की रात रीमा कहां मानने वाली थी और फिर वो मेरे पास आई और मेरी गर्दन को अपने हाथो में पकड़कर मुझे अपनी तरफ खीच लिया और मेरे होठो पर अपने होठो को रख लिया. मैने उसको पीछे धक्का देने की कोशिश की; लेकिन रीमा की पकड़ मुझसे ज्यादा मज़बूत थी और वो पीछे जाने की बजाय मेरे और भी ज्यादा करीब आ गयी और मेरे होठो को मस्ती में चूमने लगी. मेरे दिल में भी अब कुछ-कुछ होने लगा था और बदन में अजीब सी आग लगने लगी थी. मैने भी रीमा को अपनी बाहों में भर लिया और उसके होठो को अपने होठो के बीच में दबा लिया और मस्ती मै भी उसके होठो को चूस रही थी. हम दोनों की साँसे गरम हो चुकी थी और बहुत तेज चल रही थी. हम एक दूसरे की साँसों को सुन सकते थे और उसकी गर्मी को महसूस कर सकते थे.

इतने में, रीमा ने अपना टॉप निकल लिया और उसके चुचे मेरे सामने लटक गए. हम दोनों ने ही अंदर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी. रीमा ने मेरी नाइटी उतारकर मुझे नंगा कर दिया. मुझे बड़ी शर्म आई और मैने तेजी से उठकर लाइट बंद कर दी. रीमा ने नाईट लेम्प जलाकर कमरे में हलकी रौशनी कर दी. अब हम दोनों बिस्तर पर नंगे पड़े हुए थे और एक दूसरे के शरीर को मस्ती में छू रहे थे. मुझे कुछ मालूम नहीं था, तो मै वही कर रही थी, जो रीमा कर रही थी. रीमा ने मुझे हल्का सा धक्का देकर बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर आ गयी और मेरे होठो पर अपने होठो को रखकर चूसने लगी. हम दोनों के चुचे एक दूसरे से टकरा रहे थे, तभी रीमा ने थोड़ा का नीचे झुककर मेरे चुचो को अपने हाथो पर पकड़ लिया और उसको दबाने लगी और मेरे निप्प्लेस को अपने मुँह में दबा लिया. मेरे मुँह से कामुक आहें निकल रही थी अहहहः मर गयी. तू क्या कर रही रीमा? प्लीज मत कर. कुछ- कुछ हो रहा है. मुझे महसूस हुआ कि मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी थी और मेरी चूत से रिसाव हो रहा था. मुझे लगा शायद मेरा मूत निकल गया और जब मैने नीचे अपना हाथ लगा कर देखा, तो रीमा हँस पड़ी और बोली जानेमन आज जन्नत की सैर करोगी और नीचे आ गयी.

नीचे आकर रीमा ने अपने होठ मेरी जांघ पर रख दिए और अपनी जीभ से चाटने लगी. मेरा बदन उस कामुक अहसास में अकड़ गया और मै अपने पैरो को चलाते हुए इधर-उधर मचलने लगी. रीमा मुस्कुरा रही थी और उसने मेरे पैरो को अपने हाथो में जकड लिया और अपनी जीभ चुत पर लगा दी. ऊऊओ. .ओओओओओ मर गयी. .सहसहसहसहसह क्या गरम अहसास था. मुझे ऐसा लग रहा था, कि कोई गरम लावा मेरी चूत के अंदर धधक रहा है और बाहर आने को बेताब है. मैने रीमा को बालो को पकड़कर पूरी ताकत से खींचा, लेकिन रीमा टस से मस नहीं हुई और उसकी जीभ मेरी चूत पर और भी तेज चलने लगी. उसकी जीभ इतनी गरम थी, कि कुछ ही देर में मुझे अपने अंदर से गरम लावा बाहर आता हुआ महसूस हुआ और मैने अपना पानी पूरा का पूरा रीमा की जीभ पर छोड़ दिया. रीमा ने मेरी चूत को पूरा चाटकर साफ़ कर दिया. बहुत ही कामुक और गरम था. फिर रीमा ने अपने मोबाइल पर एक लेस्बियन फिल्म दिखाई और मैने उसको उसी अंदाज़ में चोदा. हम लोगो ने पूरी रात मस्ती की और उस रात ने मुझे बाईसेक्सुअल बना दिया.

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