शोभा ने हथेलियोँ से मम्मी के चुचियोँ को दबाती अपनी चूत को उसके मुहं के ठीक ऊपर हवा में व्यवस्थित किया । दीप्ति ने सिर को उठा जीभ की नोंक से चूत की पंखुड़ियों को सहलायी । सामने ही अजय अपनी मम्मी की लंड की चूसाई में व्यस्त था । अब शोभा की चूत जेठानी के मुहं में समाने के लिये तैयार थी और उसकी आंखों के सामने अजय अपनी माँ की लंड खाने में जुटी हुई थी । शोभा ने अपनी टांगें चौड़ा की ताकि नीचे बैठने में आसानी हो । मम्मी ने भी फ़ुर्ती दिखाते हुये चाची की नंगी कमर को जकड़ा और सहारा दे उनकी खुली चूत को अपने मुहं के ठीक ऊपर रखा । शोभा ने एक नाखून पेट में गड़ा उसे इशारा दिया तो मम्मी ने अपनी जीभ चूत के बीच में घुसेड़ दी । आधी लम्बाई तक चाची की चूत में जीभ सरकाने के बाद मम्मी ने उसे चूत की फ़ूली दीवारों पर फ़िराया और फ़िर किसी रसीले संतरे के फ़ांक के जैसे चाची की चूत के होंठों को चाटने लगी । शोभा को तो जैसे जन्नत का मज़ा आ रहा था पर अभी जेठानी की असली दीक्षा बाकी थी । चाची ने दो उन्गलियों से चूत के दरवाजे को चौड़ाया और खुद आगे पीछे होते हुये अपनी तनी हुई चिकनी क्लिट को मम्मी की जीभ पर मसला ।
“हांआआआ.. आह”, चाची ने मम्मी को इशारा करने के लिये आवाज़ निकाली । जब मम्मी की जीभ क्लिट पर से हटी तो चाची शान्त बैठी रहीं । दुबारा मम्मी की जीभ ने जब क्लिट को सहलाया तो “हां..” की ध्वनि के साथ चाची ने नाखून मम्मी के पेट में गड़ा दिया । कुछ “हां हां” और थोड़े बहुत धक्कों के बाद मम्मी समझ गई की उनकी देवरानी क्या चाहती हैं । चाची की ट्रैनिंग पा मम्मी पूरे मनोयोग से उनकी चूत को चाटने चोदने में जुट गई । मम्मी का ध्यान अब अपने मोटे लन्ड और बेटे से हट गया था । शोभा चाची हथेलियां मम्मी के उरोजोँ पर जमाये दोनों आंखें बन्द किये उकड़ू अवस्था में बैठी हुई थीं । उनकी पूरी दुनिया इस समय मम्मी की जीभ और उनकी चूत के दाने में समाई हुई थी । मम्मी की जीभ में जादू था । जब पहली बार आईसक्रीम चाटने की भांति मम्मी ने अपनी जीभ को क्लिट पर फ़िराय़ा, लम्बे और टाईट स्ट्रोक, तो चाची की चूत बह निकली । कितनी देर से बिचारी दूसरों के आनन्द के लिये कुर्बानियां दिये जा रही थी । लेकिन अब भी काफ़ी धीरज और सावधानी की जरुरत थी । अजय जैसे कुशल मर्द तक उनकी पहुंच पूरी तरह से जेठानी के मूड पर ही निर्भर थी ।
चूत के दाने से उठी लहरें शोभा के पूरे शरीर में चींटी बन कर रेंगने लगी थीं । बार-बार जेठानी के स्तनोँ में नाखून गड़ा वो उनको रफ़्तार बढ़ाने के लिये उकसा रही थीं । दोनों जेठानी-देवरानी मुख मैथुन के मामले में अनुभवहीन थे किन्तु शोभा जो थोड़ी देर पहले ही अपनी जेठानी के साथ काम संसार के इस मजेदार रहस्य से परिचित हुई थी, जानती थी कि अगर जेठानी रफ़्तार के साथ छोटे स्ट्रोक से उसकी क्लिट
को सहलायेगी तो वो जल्दी ही आर्गैज्म की चरमसीमा पार कर लेंगी । “आह..और तेज..तेज !”, शोभा अपने विशाल नितंबों को दीप्ति के ऊपर थोड़ा हिलाते हुये कराही । अजय के हाथ भी शोभा की आवाज सुन कर रुक गये । जब उसने चाची के चेहरे की तरफ़ देखा तो आश्चर्यचकित रह गया । दोनों आंखें बन्द किये चाची पसीने से लथपथ जैसे किसी तपस्या में लीन थी । चाची ने मम्मी के पेट पर उन्गलियों से छोटे घेरे बना जतला दिया कि उसे क्या पसन्द है । मम्मी भी तुरन्त ही चाची के निर्देश को समझ गई । जैसे ही मम्मी की जीभ सही जगह पर आती शोभा उसके जवान भरे हुये सीने पर चिकोटी काट लेती । अपनी चूत के मजे में उन्हें अब मम्मी के दर्द की भी परवाह नहीं थी ।
“ऊह.. आह.. आह.. उई मांआआआ… आह”, शोभा के मुहं से हर सांस के साथ एक सीत्कार भी छुटती । पागलों की तरह सारे बाल खोल जोर जोर से सिर हिलाने लगी थीं । शर्मो हया से दूर शोर मचाती हुई शोभा को दीन दुनिया की कोई खबर ना थी । अभी तो खुद अगर कमरे में उसका पति भी आ जाता तो भी वो जेठानी के मुहं को ना छोड़ती थी । दीप्ति की जीभ इतने परिश्रम से थक गयी थी । क्षण भर के लिये रुका तो शोभा ने दोनों हाथों के नाखून उसकी खाल में गहरे घुसा दिये “नहीं दीदी अभी मत रुक.. प्लीज…आह” । बेचारा दीप्ति कितनी देर से अपनी देवरानी की हवस बुझाने में लगी हुई थी । चाची तो अपनी भारी भरकम गांड लेकर मम्मी के चेहरे के ऊपर ही बैठ गय़ीं थीं । फ़िर भी बिना कुछ बोले पूरी मेहनत से चाची को बराबर खुश कर रही थी । मम्मी का लंड थोड़ा मुरझा सा गया था । पूरा ध्यान जो देवरानी की चूत के चोंचले पर केन्द्रित था । अजय बिना पलकें झपकाये एकटक चाची की भारी चौडी नितम्ब मम्मी के मुहं पर उछलते देख रहा था । शोभा, उसकी चाची, इस वक्त पूरी तरह से वासना की मूर्ति बनी हुई थी । सब कुछ पूरी तरह से आदिम और पाशविक था । उसका अधेड़ मादा शरीर जैसे और कुछ नहीं जानता था ना कोई रिश्ता, ना कोई बंधन और ना कोई मान्यता । कमरे में उपस्थित तीनों लोगों में सिर्फ़ वही अकेली इस वक्त मैथुन क्रिया के चरम बिन्दु पर थीं । उनकी इन स्वभाविक भाव-भंगिमाओं से किसी ब्लू-फ़िल्म की नायिकायें भी शरमा जायेंगी । दीप्ति की समझ में आ गयी कि अगर किसी औरत को इस तरीके से इस हद तक गरम कर दिया जाये तो वो सब कुछ भूल कर उसकी गुलाम हो सकती है । दीप्ति के दिल में काफ़ी सालों से शोभा के अलग ही जज्बात थे ।
hindi sex story long- जेठानी का लंड
- MotherOfDragons
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Re: hindi sex story long- जेठानी का लंड
मज़ा आ गया। एक औरत होने के नाते ऐसी कहानिया और लिखनी चाहिए \