हिंदी सेक्स कहानी - मेरी आशिकी तुमसे ही है

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sexy
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Re: हिंदी सेक्स कहानी - मेरी आशिकी तुमसे ही है

Unread post by sexy » 09 Jul 2016 10:34

हॉलमें फिरसे एकबार लोगोंने तालियां बजाते हूए हॉल सर पर उठा लिया. तालीयां थमनेके बाद भाटीयाजी फिरसे आगे बोलने लगे. लेकिन स्टेजपर बैठी अंजली उनका भाषण सुनते हूए कब अपने खयालोंमे डूब गई उसे पताही नही चला …

अंजली और शरवरी कॉफी हाऊसमें एकदुसरेके सामने बैठे थे और दोनो अपने अपने सोच मे डूबी धीरे धीरे कॉफीकी चुस्कीयां ले रही थी. उनमें एक अजिबसा सन्नाटा फैला हुवा था. आखिर अंजलीने उस सन्नाटेको भंग किया –

” बराबर 2 दिन हो गए है … उसकी अगली मेल अभीतक कैसे नही आई ? ”

” शायद उसे शक हुवा होगा ” शरवरीने कहा.

” ऐसाही लगता है … ” अंजली आह भरती हुई बोली.

” मुझे लग रहा था की इस बार हम उसे पकडनेमें जरुर कामयाब होंगे … लेकिन अब मुझे चिंता होने लगी है की हम उसे कभी पकडनेमें कामयाबभी होंगे की नही ” अंजलीने कहा.

” और हा उसे शक होना भी उतनाही खतरनाक है .. उसने सारे फोटो अगर इंटरनेटपर डाले तो सारा ही खेल बिगड जाएगा … और बदनामीभी होगी वह अलग ” शरवरीने कहा.

अंजलीने अपने सोचमें डूबे हूए हालतमें सिर्फ सर हिलाया.

” एकही झटकेमें उसे पकडना जरुरी है … नही तो अपना प्लान पुरा फेल हो जाएगा ” अंजलीने कहा ….

…. हॉलमें चल रहे तालीयोंकी गुंजसे अंजली अपने सोचके विश्वसे बाहर आ गई. उसने चारो तरफ अपनी नजरे दौडाई. भाटीयाजींका स्पीच खत्म हो चुका था और वे उसके बगलकेही सिटपर वापस आ रहे थे. वह उनके तरफ देखकर मुस्कुराई, मानो उनके स्पिचकी सराहना कर रही हो. उधर ऍन्कर फिरसे माईकके पास गया था और उसने ऐलान किया – ” अब मै पारितोषीक वितरणके लिए जी. एच. इन्फॉरमेटीक्सकी मॅनेजींग डायरेक्टर … दि आय. टी वुमन ऑफ दिस इयर… मिस. अंजली अंजुळकर … उन्हे आमंत्रित करता हूं …”

अंजली उठ खडी होगई और माइकके पास चली गई. फिरसे हॉल तालीयोंसे गुंज उठा.

” तो अब हम पारितोषीक वितरणके लिए आगे बढते है … ” एन्करने माइकपर जाहिर किया.

”… जैसे आप लोग जानते हो … इस प्रतियोगिता को जब जाहिर किया गया तब हमे इसमें भाग लेनेके लिए इच्छूक लोगोंका बहुत प्रतिसाद मिला… देशभरसे लगभग तिन हजार लोगोंके अप्लीकेशन फॉर्मस हमें मिले …. पहले छाननीमें हमनें उसमेंसे सिर्फ 50 अप्लीकेशन्स चूने … और अब फायनलमें जो चुने है वे है सिर्फ तिन … लेकिन उन तिन लोगोंके नाम जाननेके पहले हमें थाडा रुकना पडेगा. क्योंकी पहले हम कुछ लोगोंको कुछ प्रोत्साहनपर प्राईजेस देने वाले है ….”

प्रोत्साहनपर प्राइजेस देनेमें जादा समय न बिताते हूए ऍन्कर एक एकको स्टेजपर बुला रहा था और अंजली उनको प्राईज देकर उनको शाबासकी देकर उनकी वहांसे रवानगी कर रही थी. प्रोत्साहनपर प्राईजेस खत्म हूए वैसे लोगोंमे फिरसें उत्साह बढता हूवा दिखने लगा.

” अब जिन तिनोंके नाम जाननेके लिए हम उत्सुक है वह वक्त आ चुका है … सबसे पहले मै तिसरा प्राईज जिसे मिला उस प्रतियोगीका नाम जाहिर करने वाला हूं … ” एन्करने सब लोगोंकी जिज्ञासा और बढाते हूए एक बडा पॉज लिया , ” तिसरा प्राईज है 1 लाख रुपये कॅश और मोमेंटो… तो थर्ड प्राईज… मि. अमोल राठोड फ्रॉम जयपूर… प्लीज कम ऑन द स्टेज… ”

हॉलमें तालियां गुंजने लगी. एक पतलासा सावला 20 -22 जिसकी उम्र होगी ऐसा एक लडका सामनेके दसमेंसे एक कतारमेंसे खडा होकर स्टेजकी तरफ जाने लगा. उस प्रतियोगीकी तरफ देखकर किसे लगेगा नही की उसे तिसरा प्राईज मिल सकता है … लेकिन उसके चलनेमें एक जबरदस्त आत्मविश्वास झलक रहा था. अमोल राठोड स्टेजपर आया. जिस आत्मविश्वाससे वह चला था उसी आत्मविश्वासके साथ उसने पुरस्कारका स्विकार किया और अंजलीसे हस्तांदोलन किया. हॉलमें मेडीयाकी भी काफी उपस्थिती थी. पुरस्कार स्विकार करते वक्त बिजली चमकें ऐसे फोटोंकें फ्लॅश दोनोंके उपर चमक रहे थे.

फिरसे हॉलमें मानो जोरसे बारिश हो ऐसे लोगोंने तालियां बजाई. अमोल राठोड स्टेजसे उतरकर फिरसे अपने कुर्सीकी तरफ जाने लगा वैसे ऍन्कर दुसरा प्राईज जिसे मिला उसके नामका ऐलान करनेके लिए सामने आया,

” दुसरा पारितोषीक है 1.5 लाख रुपये कॅश और मोमेंटो… तो थर्ड प्राईज गोज टू… मिस. अनघा देशपांडे फ्रॉम पुणे … प्लीज कम ऑन द स्टेज… ”

हॉलमें फिरसे तालियां बजने लगी. एक गोरी उंची पतली नाजूकसी लगभग 20-21 सालकी युवती स्टेजपर आने लगी. अंजली शायद वह खुदभी एक स्त्री होनेसे उस लडकीकी तरफ आंखे भरकर देख रही थी. अनघा स्टेजपर अंजलीके पास आ गई. पुरस्कार देकर अंजलीने उसे गले लगा लिया. फिरसे कॅमेरेके फ्लॅश जैसे बिजली चमके ऐसे चमकने लगे.

अनघा जैसेही स्टेजसे निचे उतरकर अपने जगहपर वापस आगई ऍन्करने फिरसे माईकपर कब्जा कर लिया था ,

” अब आखिरमें हम जिस पलकी इतनी बेसब्रीसे राह देख रहे है वह पल एकदम नजदिक आ पहूंचा है … पहला पुरस्कार ऐलान करनेका पल … इन फॅक्ट मै अपने आपको बडा भाग्यशाली समझता हूं की पहला पुरस्कार किसको जानेवाला है यह ऐलान करनेका सौभाग्य मुझे मिल रहा है … क्योंकी वह प्रतिस्पर्धी सारे भारतमें एक अव्वल प्रतिस्पर्धी रहनेवाला है … तो पहले देखते है की वह प्रथम पुरस्कार क्या है … प्रथम पुरस्कार है 3 लाख रुपए कॅश, मोमेंटो ऍन्ड अ जॉब ऑफर इन नेट सेक्यूरा… ”

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Re: हिंदी सेक्स कहानी - मेरी आशिकी तुमसे ही है

Unread post by sexy » 09 Jul 2016 10:34

सब लोग शांत होकर सुन रहे थे. मानो उस पलके लिए उन्होने अपनी सांसे रोककर रखी थी. बहुत लोग अपनी गर्दन उंची कर सामने देखने की कोशीश कर रहे थे. हॉलमें सब तरफ पिनड्रॉप सायलेन्स था ….

” फर्स्ट प्राईज गोज टू … द वन ऍन्ड ओन्ली वन… मि. अतूल बिश्वास फ्रॉम चेन्नई …”

दुसरी कतार विचलित हूई दिखी, क्योंकी दुसरी कतारसे कोई उठा था. सब लोगों के सर उस दिशामें मुड गए. इसबार हॉलमें सबसे बडा और सबसे दिर्घ तालियोंका आवाज हुवा. सचमुछ उसका यश उसके नामके अनुरुप ‘अतूल’ यानी की अतूलनिय था. वह उठकर लगभग दौडते हूए ही स्टेजपर चला गया, इससे उसका अपूर्व उत्साह और आत्मविश्वास दिख रहा था. गोरा, उंचा, स्मार्ट, कसा हूवा शरीर ऐसा वह सशक्त यूवक था. अंजलीने अपनी दिशामें आते उस पहले पुरस्कारके हकदारकी तरफ देखा. उसके चेहरेपर एक तेज चमक रहा था. आंखे निली और चमकीली थी. उसकी आखोंमे देखकर पलभरके लिए अंजलीको विवेककी याद आ गई. लेकिन अपने विचारोंको दिमागसे झटककर वह आगे गई. वह अंजलीके सामने आकर खडा होगया और उसने लोगोंकी तरफ मुडकर उनको अभिवादन किया. पहलेका तालियोंका आवाज जो अब भी बरकरार था वह और बढ गया. लोगों को अभिवादन कर उसने अंजलीकी तरफ देखा और उसकी नजर अंजलीपर से हटनेका नाम नही ले रही थी, मानो वह उसके मदहोश करनेवाली आंखोमें अटकसा गया था. तालियोंकी गुंज अब भी चल रही थी. लेकिन अचानक एक अजिब घटना घटी, अंजलीने जितने जोरसे हो सकता है उतनी जोरसे उसके गालपर एक चाटा जड दिया था. तब कहा वो होशमें आगया. हॉलमें चल रहा तालियोंका आवाज एकदमसे बंद होगया, मानो किसीने स्विच ऑफ किया हो. उसने और वहां उपस्थित किसीनेभी सोचा नही होगा वैसी अजिब वह घटना थी. हां अंजलीने उसके गालपर एक जोरका चाटा जमा दिया था. उसका ही क्यों सारे उपस्थित लोगोंका इस बातपर यकिन नही हो रहा था. हॉलमें एकदम श्मशानवत चुप्पी फैल गई.. एकदम पिनड्रॉप सायलेन्स.

” यस आय स्लॅप्ड हिम… ऍन्ड ही डीजर्व इट… क्योंकी वह एक क्रॅकर है … सिर्फ क्रॅकरही नही तो ही इज आल्सो अ ब्लॅकमेलर…” हॉलमें चुप्पीका भंग हुवा वह अंजलीके इन शब्दोनें .

अंजली लगातार बोल रही थी. उसकी आंखोमें आग थी. गुस्सेसे अंजलीका पुरा शरीर कांप रहा था. तभी इन्स्पेक्टर कंवलजीत, जो पहलेसे ही तैयार थे, वे डायसपर दो कॉन्स्टेबलके साथ आ गए. उन्होने प्रथम अतूलकी कॉलर पकडकर दो तिन तमाचे उसके कानके निचे जड दिए.

” इन्स्पेक्टर ” अतूल गुर्राया.

उसके मासूम, स्मार्ट चेहरेने अब उग्र रुप धारण किया था. उसे जडाए हुए तमाचोंकी वजहसे लाल हुवा उसका चेहरा औरही भयानक लग रहा था. इन्स्पेक्टरने जादा वक्त ना दौडाते हूए उसे हथकडीयां पहनाकर अरेस्ट किया और वे गुस्सेसे चिल्लाए, ” टेक दिस बास्टर्ड अवे…”

कॉन्स्टेबल उसे लेकर, लगभग खिंचते हूएही वहांसे चले गए. उसका मद और नशा अबभी उतरा हुवा नही दिखाई दे रहा था. वह वहांसे जाते हूए कभी गुस्सेसे इन्स्पेक्टरकी तरफ तो कभी अंजलीकी तरफ देख रहा था.

” याद रखो मुझे अरेस्ट करना तुम्हे बहुत महंगा पडनेवाला है ” जाते जाते वह चिल्लाया.

कॉन्स्टेबल जब अतूलको वहांसे ले गया और अतूल सब लोगोंके नजरोंसे ओझल हुवा तब कहां इतनी देरसे हक्काबक्का रहे लोगोंमे खुसुरफुसुर शुरु हो गई. कुछ लोग अबभी डरे, सहमे और सदमे मे थे, तो कुछ लोगोंको यह सब क्या हो रहा है कुछ समझ नही आ रहा था. प्रथम पुरस्कार जिसे मिला उस लडकेको अचानक अंजलीने मारा और इन्स्पेक्टरने डायसपर आकर उसे गिरफ्तार किया. सबकुछ कैसे लोगोंके समझके बाहर था. लोगोंमें चलरही खुसुफुसुर देखकर इन्स्पेक्टरने ताड लिया की लोगोंको पुरी केस और उसकी गंभिरता समझाना जरुरी है, नही तो लोग और गडबडी मचा सकते है. क्योंकी अतूल जो कुछ पल पहलेही सबलोगों का हिरो था उसे अंजलीने अगलेही पल उसे व्हिलन करार दिया था. लोगोंको वह सच्चा या अंजली सच्ची यह जाननेकी उत्कंठा होनाभी लाजमी था.

” शांत हो जाईए … शांत हो जाईए प्लीज…” इन्स्पेक्टर हात उपर कर, जो कुछ लोग उठ खडे हूए थे उन्हे बिठाते हूए बोले, ” कोई डरनेकी या घबरानेकी कोई जरुरत नही… दिस इज अ केस ऑफ ब्लॅकमेलींग ऍन्ड सायबर क्राईम… मैने खुद इस केसपर काम किया है … और इस केसका गुनाहगारके तौरपर अभी अभी आपके सामने अतूल सरकारको पकडा गया है …”

फिरभी लोग शांत होनेके लिए तैयार नही थे, तब ऍन्करने फिरसे माईकका कब्जा लिया, ” दोस्तो शांत हो जाईए .. प्लीज शांत हो जाईए .. हमारी प्रतिस्पर्धाभी इथीकल हॅकींग … यानीकी हॅकिंगके बारेमेही थी… और इन्स्पेक्टरने अभी आप लोगोंके सामने हॅन्डल की केसभी हॅकींग और क्रॅकींगके बारेमेंही थी .. इसलिए इन्स्पेक्टर साहेबको मेरी बिनती है की वे इस केसके बारेमें… उन्होने यह केस कैसे हॅन्डल की… यह केस हॅन्डल करते वक्त कीन कीन चुनौतीयोंका सामना उन्हे करना पडा… और आखिर वह गुनाहगारतक कैसे पहूंचे … यह सब यहां इकठ्ठा हूए लोगोंको विस्तारसे बतायें …”

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Re: हिंदी सेक्स कहानी - मेरी आशिकी तुमसे ही है

Unread post by sexy » 09 Jul 2016 10:34

अब कहा लोग फिरसे शांत हो चुके थे. यह केस क्या है? … और इन्स्पेक्टरने उसे कैसे हॅन्डल किया.. यह जाननेकी लोगोंमें उत्सुकता दिखने लगी. एन्करने एकबार फिरसे इन्स्पेक्टरकी तरफ देखा और उन्हे आगे आकर पुरी कहानी बयां करनेकी बिनती की. इन्स्पेक्टरने अंजलीकी तरफ देखा. अंजलीने आखोंसेही इजाजत दे दी. इन्स्पेक्टर सामने आये और उन्होने माईक ऍन्करसे अपने पास ले लिया .

इन्स्पेक्टर कहानी कथन करने लगे –

” सायबर क्राईम यह अब भारतमें नया नही रहा है … आजकल पुरे देशमें लगभर रोज कुछना कुछ सायबर क्राईमकी घटनाएं घटीत होती रहती है …. लेकिन तहकिकात करते वक्त मुझे हमेशा इस बातका अहसास होता है की लोगोंकी सायबर क्राइमके बारेंमे बहूत गलतफहमीयां है … जितनी उनकी सायबर क्राईमके बारेमें गलतफहमीयां है उतनाही उनका अपने देशके पुलिस डिपार्टमेंटपर भरोसा उडा हूवा दिखाई देता है … उन्हे हमेशा आशंका लगी रहती है की यह टोपी और डंडे लेकर घुमनेवाले पुलिस यह इतना ऍडव्हान्स… यह इतना टेक्नीकल क्राईम कैसे हॅन्डल कर सकते है? … उन्हे सायबर क्राईमके बारेमें अपना पुलिस डिपार्टमेंट कितना सक्षम है इसके बारेमें आशंकाए लगी रहती है. … लेकिन अब अभी अभी मैने हॅन्डल किए केसके जरीए मै लोगोंको यकिन दिलाना चाहता हूं की … सायबर क्राईमके बारेमें अपना पोलीस डीपार्टमेंट सिर्फ सक्षमही नही तो पुरी तरहसे तैयार है … इस तरह का या और किसी तरहका गुनाह होनेके बाद जिस कार्यक्षमतासे हम दुसरे गुनाहगारोंको तुरंत पकड सकते है उसी कार्यक्षमतासे हम सायबर क्रिमीनल्सको भी पकड सकते है…. लेकिन फिर भी कुछ चिजोंके बारेंमे हम गुनाह हॅन्डल करते वक्त कम पडते है … खासकर जब उस गुनाहको दुसरे किसी देशके जमिन से अंजाम दिया जाता है तब… उस केसमें वह गुनाहगार किसी दुसरे देशके कानुनके कार्यक्षेत्रमें आता है … और फिर वह देश हमें उस गुनाहके बारेमें उस गुनाहगारको पकडनेके लिए कितना सहकार्य करते है इसपर सब निर्भर करता है…. सायबर गुनाहके बारेमें और एक महत्वपुर्ण बात… इसमें इंटरनेट इस्तेमाल करनेवाले लोगोंको कुछ चिजोंमे बहुतही जागरुक होना आवश्यक होता है .. जैसे किसीको, उस सामनेके पार्टीकी पुरी जानकारी रहे बिना खुदकी जानकारी … … पासवर्ड .. फोन … मोबाईल देना बहुतही खतरनाक होता है … वैसे अनसेफ, अनप्रोटेक्टेड, अनसेक्यूअर कनेक्शनपर फायनांसीयल ट्रान्झेक्शन करना … अपने खुदके प्रायव्हेट फोटो इंटरनेटपर भेजना … इत्यादी… यहभी खतरेसे खाली नही है… अब मै यह जो केस विस्तारपुर्वक बतानेवाला हूं … इससे आपको किस तरह जागरुक रहना पडेगा इसका अंदाजा आ जाएगा …”

इतनी प्रस्तावना देकर इन्स्पेक्टर अतूलके केसके बारेंमे बताने लगे …

एक रुममें अतूल और अलेक्स रहते थे. रुमके स्थितीसे यह जान पडता था की उन्होने रुम किराएसे ली होगी. कमरे में एक कोने में बैठकर अतूल अपने कॉम्प्यूटरपर बैठकर चॅटींग कर रहा था और कमरेके बिचोबिच अलेक्स डीप्स मारता हूवा एक्सरसाईज कर रहा था. अतूल अपने कॉम्प्यूटरपर दिख रहे चॅटींग विंडोमें धीरे धीरे उपर खिसक रहे चॅटींग मेसेजेस एक एक करके पढ रहा था. शायद वह चाटींगके लिए कोई अच्छा साथीदार ढूंढ रहा होगा. जबसे उसे चॅटींगका अविश्कार हूवा तब से ही उसे यह बहुत पसंद आया था. पहले खाली वक्तमें वक्त बितानेका गप्पे मारना इससे कारगर कोई तरीका नही होगा ऐसी उसकी सोच थी. लेकिन अब जबसे उसे चॅटींगका अविश्कार हुवा उसकी सोच पुरी तरह बदल गई थी. चॅटींगकी वजहसे आदमीको मिले बिना गप्पे मारना अब संभव होगया था. कुछ जान पहचानवाले तो कुछ अजनबी लोगोंसे चॅट करने में उसे बडा मजा आने लगा था. अजनबी लोगोंसे आमने सामने मिलने के बाद कैसे उन्हे पहले अपने कंफर्टेबल झोन में लाना पडता है और उसके बाद ही बातचित आगे बढ सकती है. और उसके लिए सामनेवाला कैसा है इसपर सब निर्भर करता है और उसको कंफर्टेबल झोन में लाने के लिए कभी एक घंटा तो कभी कई सारे दिनभी लग सकते है. चॅटींगपर वैसा नही होता है. कोई पहचान का हो या अजनबी बिनदास्त मेसेज भेज दो. सामनेवाले ने एंटरटेन किया तो ठीक नही तो दुसरा कोई साथी ढूंढो. अपने पास सारे विकल्प होते है. कुछ न समझनेवाले तो कुछ गाली गलोच वाले कुछ संवाद उसे चॅटींग विंडोमें उपर उपर खिसकते हूए दिखाई दे रहे थे.

तभी उसे बाकी मेसेजसे कुछ अलग मेसेज दिखा ,

” अच्छा तुम क्या करती हो? … मेरा मतलब पढाई या जॉब?”

किसी विवेक का मेसेज था.

वह उसका असली नामभी हो सकता था या नकली …

” मैने बी. ई. कॉम्प्यूटर किया हूवा है … और जी. एच. इन्फॉरमॅटीक्स इस खुदके कंपनीकी मै फिलहाल मॅनेजींग डायरेक्टर हूं ” विवेकके मेसेजके रिस्पॉन्सके तौरपर यह मेसेज अवतरीत हूवा था.

भेजनेवाले का नाम अंजली था.

अचानक मेसेज पढते हूए अतूलके दिमागमें एक विचार कौंधा.

इस मेसेजसे क्या मै कुछ फायदा ले सकता हूं ?…

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