पड़ोसन की कोरी चूत को चोदा new hindi lund choot

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पड़ोसन की कोरी चूत को चोदा new hindi lund choot

Unread post by admin » 13 Oct 2017 16:31

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आसिफ़ ख़ान है। ये मेरी पहली कहानी है, जो आज से 1 महीने पहले की बात है, वो आज में आपके सामने पेश कर रहा हूँ। मेरी यह कहानी एकदम रियल है। यह आज से 1 महीने पहले की बात है, हमारे घर के सामने के घर में एक फेमिली रहती है जिसके 3 लडकियां है, बड़ी तो कुछ ख़ास नहीं है, लेकिन उससे छोटी बहुत सुंदर है, लेकिन वो मुझे छोटी लगती थी। अभी कुछ दिन से वो मुझे देखकर मुस्कुरा देती थी। फिर जब मैंने उसको ध्यान से देखना शुरू किया तो उसके बूब्स कुछ बड़े से लगे, तो तब मैंने अहसास किया कि वो अब बड़ी होने लगी है। अब मेरा दिल उसके साथ सेक्स करने का करने लगा था। फिर मैंने सोचा कि ऐसा क्या किया जाए कि ये अपने आप तैयार हो जाए? फिर एक दिन में घर पर अकेला था कि वो एक मूवी की सी.डी के लिए मेरे पास आई और बोली कि मुझे विवाह मूवी देखनी है, आप ला दोगे क्या? तो तब मैंने कहा कि कल ला दूँगा और उसे अपनी सी.डी दिखाकर कहा कि कोई चाहिए तो इनमें से देख लो। तो वो कुर्सी पर बैठ गयी और मूवी देखने लगी।

में अक्सर जब सेक्स स्टोरी पढ़ता हूँ तो उसका प्रिंट निकालकर घर ले जाता हूँ और रात में आराम से पढ़ता हूँ। तो उस दिन भी रात को जो स्टोरी पढ़ी थी, उसका प्रिंट पेपर फ़्रिज़ पर रखा था और में बाथरूम में चला गया। फिर जब में वापस आया, तो उसके एक हाथ में एक सी.डी थी और एक हाथ में वो स्टोरी थी और वो उसे पढ़ रही थी। फिर जब उसे अहसास हुआ कि कोई है, तो उसने वो तुरंत वहीँ पर रख दी और मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली कि में ये सी.डी ले जा रही हूँ और चली गयी। फिर तब मैंने सोचा कि इसने तो ये पढ़ ली होगी। फिर में सोचने लगा कि इसको तैयार करने का यही तरीका है और अब में रोजाना एक स्टोरी लाता और जब वो अकेली होती तो उसके घर के दरवाजे पर डाल देता था था, तो कुछ देर के बाद में देखता तो वो पेपर वहाँ नहीं होता था।

अब मुझे लगने लगा था कि वो सब स्टोरी पढ़ती है। फिर एक दिन मेरे घर पर मेरी माँ के बड़े भाई आए और माँ से बोले कि मेरे साथ चलो, मैंने अपना हाउस लिया है, उसका मुहर्त है, तो तब माँ तो उनके साथ चली गयी और मुझे बाद में आने के लिए बोल गयी। अब में अपने बिजनेस की वजह से नहीं गया था। अब एक दिन मेरा ऑफ था, में उस दिन घर पर ही था और इतेफाक से उसकी माँ भी बाजार गयी थी। अब वो भी घर पर अकेली थी। अब में मूवी देख रहा था और एक कमसिन उम्र की लड़की की स्टोरी फ्रिज पर रखी थी, तो तभी वो आ गयी और बोली कि कौन सी मूवी देख रहे हो। तब मैंने कहा कि बैठो, तो वो भी बैठकर मूवी देखने लगी। फिर मैंने देखा कि उसकी नजर बार-बार उसी पेपर पर पड़ रही थी, जो फ्रिज पर रखा था।

फिर तभी मेरे मोबईल की बेल बजी और में बात करता हुआ रूम से बाहर चला गया और फिर करीब 15 के बाद अंदर आया, तो तब मैंने देखा कि वो फ्रिज के पास खड़ी थी। अब उसकी पीठ मेरी तरफ थी। फिर में धीरे से उसके पास गया तो मैंने देखा कि वो उस स्टोरी को पढ़ रही थी। फिर में कुछ देर तक खड़ा रहा। फिर मैंने कुछ आवाज़ की ताकि उससे लगे कि में रूम में आ गया हूँ। फिर वो जल्दी से कुर्सी पर बैठ गयी, लेकिन वो स्टोरी अभी भी उसके हाथ में थी। फिर में भी बेड पर बैठ गया और मूवी देखने लगा, ताकि उसे ये लगे कि मैंने कुछ नहीं देखा है। फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके हाथ में पेपर देखकर कहा कि ये क्या है? तो पहले तो वो उसे छुपाने लगी। फिर मैंने उसके हाथ से पेपर ले लिया और खोलकर देखा और फिर उसकी तरफ देखा, तो वो डर से चुपचाप बैठकर मूवी देख रही थी। फिर मैंने उससे कहा कि तुमको ये स्टोरी अच्छी लगती है? तो तब वो कुछ नहीं बोली। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर मैंने कहा कि तुम अभी छोटी हो, तुमको ये सब नहीं पढ़ना चाहिए। तब वो बोली कि में इतनी छोटी भी नहीं हूँ, में सब समझती हूँ। तब मैंने कहा कि अगर सब समझती हो तो बताओ जब ये स्टोरी पढ़ती हो तो कैसा लगता है? तो तब वो बोली कि अच्छा लगता है। फिर तब मैंने कहा कि बस अच्छा और कुछ नहीं, तो वो बोली कि नहीं और कुछ नहीं। फिर मैंने कहा कि रियल में महसूस करना पसंद करोगी? तो तब वो बोली कि नहीं मुझे डर लगता है। फिर मैंने कहा कि अगर डरोगी तो कभी इसके मज़े नहीं ले पाओगी और फिर में तुम्हारे साथ हूँ, में कुछ गलत नहीं होने दूँगा। तब वो बोली कि ठीक है, लेकिन कैसे करना है? फिर मैंने उससे पूछा कि ये बताओ तुम्हारी माँ कब तक आएँगी? तो वो बोली कि वो बाजार गयी है, शायद 2 घंटे के बाद। फिर ये सुनकर मैंने दरवाजा बंद किया और उसको बेड पर बैठने को कहा। जब उसने टी-शर्ट और जीन्स पहनी थी, तो पहले तो मैंने उससे कहा कि अपनी टी-शर्ट उतार दो।

फिर तब वो बोली कि नहीं मुझे शर्म आती है। फिर तब मैंने ही स्टार्ट किया और फिर मैंने पहले तो उसके लिप्स पर किस किया और फिर हम करीब 10 मिनट तक किस करते रहे और फिर मैंने अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा था। अब उसे कुछ-कुछ मज़ा आने लगा था। फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके बूब्स छोटे-छोटे थे और अब उसके पिंक कलर के निप्पल खड़े हो गये थे। फिर में उसके बूब्स को सक करने लगा। अब शायद उसे और मज़ा आने लगा था। फिर वो लेट गयी और में उसके बूब्स सक करने लगा और धीरे से उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और अपना एक हाथ उसकी पेंट के ऊपर से ही उसकी जीन्स के अंदर डाल दिया और रब करने लगा था। अब वो बहुत ज्यादा गर्म हो गयी थी और फिर मैंने उसकी जीन्स उतार दी। अब वो पेंटी में थी और उसकी आँखों में नशा था, ऐसा जैसे उसने काफ़ी विस्की पी रखी हो। फिर मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी, उसकी चूत बहुत छोटी थी और ब्राउन कलर के बाल बहुत कम थे, लेकिन उसकी चूत बिल्कुल पिंक थी।

फिर मैंने अपना एक हाथ जब उसकी चूत पर रखा तो वो जैसे पागल सी हो गयी और फिर में उसकी चूत के दाने को अपनी उंगली से रब करने लगा तो वो मचल गयी और अपने हाथों से अपने बूब्स प्रेस करने लगी थी। फिर मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी और उसके पिंक लिप्स को किस करने लगा, तो वो तो जैसे पागल ही हो गयी थी। अब उसकी आँखें बंद थी और अब वो अपने मुँह से आवाजें निकाल रही थी और अब उसकी दिल की धड़कन काफ़ी तेज हो गयी थी। फिर मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत के अंदर डाली तो वो तड़प गयी। तभी मुझे बाहर एक कार रुकने की आवाज आई तो मैंने खिड़की से देखा कि कौन है? तो उसकी माँ वापस आ गयी थी, लेकिन वो इन बातों से बेखबर बेड पर लेटी मछली की तरह तड़प रही थी।

फिर मैंने उसके कान में कहा कि तुम्हारी माँ आ गयी है, तो तब वो बोली कि प्लीज आप जल्दी से मुझे डिसचार्ज कर दो, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है। फिर तब मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डालकर उसकी चुदाई स्टार्ट की और उसके लिप्स चूसने लगा, तो कुछ ही देर में वो डिसचार्ज हो गयी। फिर उसने झट से अपने कपड़े पहने और जाते वक़्त मुझे किस की और बोली कि आज तक में इस खूबसूरत मजे को नहीं जान पाई थी कि कैसे होता है? आज आपने मुझे बहुत कुछ सीखा दिया, लेकिन आप ऐसे ही रह गये, में जल्द ही ये प्रोग्राम फिर से बनाती हूँ ।।

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