rajsharma story चुदाई का सिलसिला

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Nitin
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Re: rajsharma story चुदाई का सिलसिला

Unread post by Nitin » 26 Feb 2018 21:12

चुदाई का सिलसिला पार्ट -१०



मुस्कान के इशारे पर शास ने अपने ठुमके मार रहे लंड पर दबाव बढ़ाया.....पर शास का लंड फिशल कर मुस्कान की चूत की क्लिट को रगड़ता हुवा उप्पेर हो गया.....इस पर मुस्कान की तेज सिसकारी निकल गयी....उउउउउउउउउईईईईईईईईईईईएम्म्म्म्म्म्म्म्म. ...शास ने अपने लंड को दुबारा अड्जस्ट किया अओर इस बार एक भारी धक्का लगाया.....मुस्कान की चीख के साथ लंड का सूपड़ा चूत मैं दाखिल हो गया.....ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवूऊवुयीईयियीयियायायेयीययाया आअहह.. चुदाई मैं माहिर हो चुके शास ने दूसरा धक्का अओर ताक़त से लगाया तो आधा लंड मुस्कान की चूत मैं समा गया.....मुस्कान की चीखे...अओर आँखों से आँसू छलक आए.....आसहनीया पीड़ा अओर दर्द से मुस्कान छटपटाने लगी......मुस्कान शास की पकड़ से निकलने की अ-सफल कोशिस मैं लग गयी....दर्द उससे अब बर्दास्त नही हो रहा था.....शास ने मुस्कान को चुम्म कर धीरे से कहा...मुस्कान जान....बस थोडा सा सब्र करो उसके बाद दर्द पीड़ा सब गायब हो जाएगी....पहली बार एसा होता ही है.......शास इस प्रकार समझा रहा था...जैसे वो चुदाई का विद्वान हो......मगर मुस्कान तो दर्द से मरी जा रही थी......उसे तो चूत मैं शास का लंड किशी शूल की तरह चुभ रहा था.....सारी उत्तेजना दर्द मैं बह गयी थी.....शास की बातों का कोई परभाव अब उस पर नही हो रहा था........दर्द की सिसकियाँ...आँखों से आँसू......दर्द की रेखाए उसके चेहरे, अओर सिसकारियों से झलक रही थी.......अब शास भी मुस्कान का दर्द देख कर परेशान हो चला था....लंड को बाहर निकाल ले....या नही..???? अगर आज लंड बाहर निकाल लिया तो मुस्कान हमेशा की लिए सायेद सेक्स से दूर हो जाएगी...???? इस दर्द का अहसास उसे सेक्स से दूर कर देगा.....???? इसी उलझन मैं शास......शास की निगाहें मुस्कान पर ही केंद्रित थी.....मुस्कान के चेहरे पेर आते जाते भाव व समझने का पारियास कर रहा था......

शास.....अब दर्द कुछ कम हुवा...???? मुस्कान......

मुस्कान............................................ ....????

शास......कुछ तो बोलो मुस्कान....???? ये तुम्हारी परेशानी अब मुझसे देखी नही जा रही है...???? है...अगर आज मैने ये लंड बाहर निकाल लिया तो तुम हमेशा के लिए उस सुख से सायेद दूर हो जाओगी..... जिसके लिए नर अओर मादा.... तरेस्ते है.....यही सुख तो उन्हे एक दूसरे के करीब...इतने करीब लाता है..... कि दुनिया तक से बागावत पर उतेर आते है.....जो दोनो के मिलन की बुनियाद है..... सेक्स....???? ये दर्द तो कुछ ही लम्हों मैं ख़तम हो जाएगा.....पर वो दूरी सायेद कभी कम ने हो पाए.....फिर ये भी तो सोचो की नर-मादा मैं आकर्षण की बुनियाद सेक्स ही तो है.... अगर इसमे सिर्फ़ दर्द ही होता तो कयूं ये संसार इसके पीछे पागलों की तरह भागता....बोलो मुस्कान..बोलो....अगर तुमने अब भी जवाब नही दिया...तो मैं ये लंड बाहर निकाल लूँगा....क्यूँ की तुम्हारा कोई भी दर्द मेरा अपना है....अओर मैं तुम्हे कोई दर्द देने की सोच भी नही सकता हूँ.....?????

मुस्कान...दर्द की रेखाए अभी तक उसके चेहरे पर थी.....मगर पहले से कुछ कम हुवा था......उसने सोचा ये तो एक दिन होना ही था..... कियूं ना आज कुछ देर के लिए बार्देस्ट कर लूँ.......फिर शास ने अगर अपना लंड बाहर निकाला तो सायेद उसका दिल टूट जाए......वह कितनी उम्मीदों के साथ, ने जाने कितनी ही देर से यहाँ मेरा ही एंतजार कर रहा था.....मेरी हर भावना का ध्यान रखखा, फिर उसे भी बड़ी बात तो ये है.....उसने कितनी दूर का सोच कर सीमा भाभी से दूर यहाँ पर मेरा एंतजार किया, कि कभी सीमा भाभी बाद मैं मुझे ब्लॅकमेल ने करे.....मेरा अओर शास का संबंध ही कया था....कियूं शास ने मेरे लिए इतना सोचा.......मुस्कान शास तुम्हे प्यार करता है.....अओर प्यार मैं त्याग होता है.....चाहे कष्ट भी कियूं ना उठाना पड़े.....फिर शास तो कह भी रहा है कि दर्द कुछ ही देर मैं समाप्त हो जाएगा........मुस्कान शास को मत रोको, अगर तूने जबाब नही दिया तो....????????? मुस्कान कह दे उसे , कह भी दे उसे

मुस्कान....शास मुझे नही मालूम था कि इतना दर्द होता ही.......

शास...शिरफ़ पहली बार ही होता है...वो भी कुछ देर के लिए...अगर तुम भी एंजाय करो तो अओर कम होगा......

मुस्कान...ठीक है शास अब जो भी हो तुम अपना काम करो....मेरी चिंता मत करो....

शास...नही मुस्कान तुम्हारी चिंता तो मुझे होगी ही....पर अगर तुम भी सह-योग करो तो तुम्हे दर्द कम होगा.......

मुस्कान...मैं कया करूँ...दर्द बहुत हुवा है.....????

शास...अब कैसा है...???

मुस्कान ... अब तो कम है.......

शास...ठीक है....मैं धीरे धीरे करता हूँ....मुस्कान दर्द के बाद भी धीरे से मुस्कुरा दी इस पर शास भी मुस्कुरा दिया.....अओर मुस्कान के होंठ चूम लिए....फिर मुस्कान की चुचियाँ दबाते हुवे बोला...कया लाजबाब है...तुम्हारी ये चुचियाँ...???? इस पर मुस्कान फिर से मुस्कुरा दी......अओर शास ने मुस्कान की चुचियाँ दबाते हुवे मुस्कान के होंठ चूमता रहा अओर चूत मैं लंड धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.....मुस्त टाइट लंबा तगड़ा...मोटा लंड चूत मैं मस्ती से आगे पीछे हो रहा था.......अब मुस्कान का दर्द लगभग ख़तम हो चुक्का था...वो भी इस चुदाई को एंजाय करने लगी थी.....लगभाफ़ 10-15 मिनूट तक ऐसे ही चलता रहा अओर अब मुस्कान फिर से मस्ती मैं आ चुकी थी.....उसकी उत्तेजना...फिर बढ़ चली थी.......मगर शास का आधा लंड अभी भी मुस्कान की चूत मैं जाने के लिए मचल रहा था....

शास...मुस्कान अभी आधा लंड तो बाहर ही है...इसे भी अब अंदर कर दूं????

मुस्कान...ब्स अओर रहने दो...इसी से कम चला लो....

शास....मैं तो चला लूँगा पर तुम्हारी चूत प्यासी ही रह जाएगी.....अओर ये लंड भी तड़फता ही रह जाएगा......सारी चुदाई ही अधूरी ही रह जाएगी......

मुस्कान...तुम्हारी जो एच्छा...जब मैने इतना दर्द झेल लिया तो बाकी भी देखा जाएगा.....एक पुरानी कहावेत है जब ओखली मैं सर दे ही दिया तो अब मूसलों से कया डरना...मुस्कान ने मुस्कुराते हुवे जबाब दिया.....

शास...अच्छा...तो ये बात है....लो फिर बाकी भी झेल ही लो.....

मुस्कान...मैं तय्यार हूँ....इतना तो मैने अब जान ही लिया की एस दर्द के बाद फिर थोड़ी देर मैं सब ठीक हो जाता है.... अओर इस बार मैं पूरी तरह से तय्यार हूँ....

शास...ये हुई ना कुछ बात.....लो अब झेलो...अओर चूतड़ पीछे करके एक ही जूरदार धक्का लगा दिया.....मुस्कान की एक तेज चीख निकल गयी अओर शास का पूरा लंड चूत को फाडता हुवा मुस्कान की चूत मैं समा गया......मुस्कान दर्द से बेहाल होने लगी थी....दर्द उसे बिल्कुल भी बर्दस्त नही हो रहा था.....उधर शास मुस्कान की चुचियाँ दबा दबा कर उसके होंठ चूम रहा था.....अओर अब लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करते हुवे चुचियाँ पीना शुरू कर चुक्का था.....मुस्कान को शास का अंदर बाहर होता लंड किशी गरम रोड की तरह कंट मैं चुभ रहा था.....मुस्कान अपने टीत अओर हूथ भींच लिए...अओर दर्द को बर्दास्त करने की कोसिस करने लगी......मगर उसकी दर्दीली सिसकारिया नही रुक पा रही थी......उउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउ उउउउउईईईईईईस्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईईईइ लगभग 10 मिनिट्स तक एसे ही दर्दीली चुदाई के बाद अब मुस्कान को भी मज़ा आना शुरू हो गया था.....उसकी दर्दीली सिसकियाँ अब उतत्ज़क सिसरारियों मैं बदेलने लगी थी.....उसके चूतड़ भी हरकत करने लगे थे......अब मुस्कान पूरा लंड मस्ती से ले रही थी....इस अहसास से शास ने धड़कको की रफ़्तार कम कर दी अओर मुस्कान का चेहरा दोनो हाथों मैं लेकर मुस्कान की आँखों मैं झाँका....जो सुर्ख लाल हो चली थी.....मुस्कान ने मुस्कुरकर अपना चेहरा शास के सीने मैं छुपा लिया.....अओर...

मुस्कान...कया देखते हो शास.....???????

शास...देखता हूँ की मेरी जानम मुस्कान का अब कया हाल है...???

मुस्कान...कियूं, मेरी बहुत चिंता है...????

शास...कया तुम्हे नही मालूम की मुझे तुम्हारी कितनी चिंता है....????

मुस्कान...जब मेरी इतनी ही चिंता है.....तो धक्को की रफ़्तार कम कियूं कर दी....???? अब तो मज़ा आया है अओर तुमने स्पीड घटा दी......?????

शास...तो लो अभी बढ़ा देते है...अओर मुस्कान का चेहरा पकड़ कर उप्पेर उठाया....उसकी अंखँ बंद थी .....शास ने मुस्कान के होंठ चूमे....मुस्कान ने आँखें खोलकर शास को देखा अओर हंस कर फिर से मूह शास के शीने मैं छुपा लिया.........

शास का लंड अब तूफान मैल की तरह मुस्कान की चूत मैं आ जा रहा था......मुस्कान अब अपनी उत्तेजना छुपा नही पा रही थी....उसकी उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआआआहह जैसी सिसकियाँ शास को अओर तूफ़ानी बना रही थी.....अओर मुस्कान शास से पूरी तरह से चिपक गयी थी.....उसकी उखड़ी साँसे बता रही थी की इस बीच उसका पानी चूत मैं ही निकल चुक्का था.......लंड की रफ़्तार पर फुच..फूच जैसी आवाज़....चूत के जीयादा गीले होने कई कारण थे.....इसका अहसास शास को भी ही चुक्का था.....कि मुस्कान एक बार झाड़ चुकी है......

मुस्कान..मुस्कान ने चेहरा उप्पेर किया अओर शर्मीली आँखों से शास की अओर देख कर बोली.....कयूं शास इतनी देर की चुदाई पर, भी अभी मन नही भरा है..?????.

शास...तुम्हारा मन भर गया कया.....????

मुस्कान...मैने एस्सा कब कहा...???

शास..... तो फिर कया कहा...???

मुस्कान....तुम्हारा लंड तो अभी भी चूत मैं ठुमके लगा रहा है....???

शास... लंड चूत मैं ठुमके लगाकर ही तो उसे पटा-ता है.....

मुस्कान...अच्छा जी....लंड के ठुमके से चूत पट जाती है....???

शास... बिना लंड के ठुमके के कया चूत पानी छोड़ती है.....???

मुस्कान...चलो...तुम बड़े वो हो ????

शास...बड़े वो कया....खराब..????

मुस्कान...नही अच्छे....अओर फिर से शास से चिपक गयी.....

शास पूरी रफ़्तार से चुदाई कर रहा था.....मुस्कान के हाथ उसकी पीठ अओर चुतदो पर घूम रहे थे तथा....उसका मूह...शास की चेस्ट के साथ छेड़छाड़ कर रहा था ....उत्तेजना चरम पर थी.....चुदाई अपने पूरे योवेन पर पहुँच चुकी थी.....शास अओर मुस्कान का कशाव एक दूसरे पर बढ़ता जा रहा था......मुस्कान का सरीर गुनगुनाने लगा था.....उसकी साँसे लंबी अओर तेज हो रही थी......उसके चूतड़ अब उछाल कर पूरा लंड अंदर लेने की कोशिस कर रहे थे.....धीरे धीरे मुस्कान का सरीर उसका साथ छोड़ने ही वाला था.....वो जाने लगी थी उस दुनिया मैं......जिसके लिए...उसने इतना दर्द झेला था.....उसकी आँखों पर , बेधता दबाव उन्हे बंद होने के लिए मजबूर कर रहा था.......यही स-तिति अब शास की भी हो चली थी.....अब वो डूबने ही वाले थे चुदाई के अंतिम भंवर मैं.....जहाँ शिरफ़ ...अपार शान्ती होता...है चेतना.....भी कुछ देर के लिए सू-न्य हो जाती है........

आख़िर बाँध टूट ही गया......दोनो एक दूसरे मैं सामने की कोशिस मैं....लंड चूत के अंतिम छोर पेर पहुँच कर होली की पिचकाई छोड़ने के लिए तय्यार......अओर चूत बाल्टी भरकर पानी लंड पर उदेलने ही वाली थी......उउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआआआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउस्म्म्म्म्म्म्म्म्म्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सी ईयियेयीययेयेयीयाथ्हीयीयियूयूवूऊवूऊयूयुयूवयू उउउउउस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स की लंबी धुन...अओर शास अओर मुस्कान पूरी तरह से चिपक गये...दोनो मजबूती से एक दूसरे को अपनी बाहों मैं बँधे हुवे......बंद आँखें.....बस...लंबी..छोटी साँसे अओर उउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्मीईईईईईईईईह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह की धुन......फिर उसके बाद एक लंबी शान्ती....को भंग करती तेज तेज साँसे............................एक दूसरे की बाहों मैं बँधे शास अओर मुस्कान............

कुछ देर शास अओर मुस्कान एक दूसरे की बाहों मैं बँधे यूँ ही पड़े रहे.....फिर शास ने अपना मूह मुस्कान के कंधे से निकाल कर मुस्कान को देखा.....वह अब भी शांत थी....शास ने मुस्कान के गुलाबी होंठ एक बार फिर चूम लिए..... अब मुस्कान ने आँखें खोलकर शास की तरफ देखा..... अओर शर्मा कर अपने चेहरे को अपने दोनो हाथों से ढक लिया.....

शास...कया हुवा मुस्कान...????

मुस्कान...कुछ नही....

शास...फिर चेहरा कियूं छुपा लिया....???

मुस्कान...हमे शर्म आती है...

शास....कैसी शर्म,...अब तो हम एक हो चुके हैं.....???

मुस्कान...एक कैसे हुवे...???

शास....लंड तो अभी भी तुम्हारी चूत मैं है...कया ये प्रमाण कम है...???

मुस्कान...चलो हम बात नही करते हैं....

शास...कियूं मुस्कान....बात कियूं नही करती है.....????

मुस्कान... चलो अब हटाओ...हमें छोड़ो.....आप को तो लज्जा नही है हमें तो शर्म आ रही है.......

शास....कया अपनो से शर्म होती है....???

मुस्कान...अब छोड़ो भी....कोई आ गया तो...????

शास ने सोचा ये तो मुस्कान ठीक कह रही है....कोई आ भी सकता है....अओर मुझे अओर मुस्कान को एक साथ देखकर, ??? सब मामला गड़बड़ हो जाएगा.....शास ने लंड को बाहर खिछा...जो फूच की आवाज़ के साथ बाहर निकल आया.....उसके साथ ढेरसारा वीर्या अओर हल्का सा खून मिला वीर्या भी मुस्कान की चूत से बाहर निकालने लगा था.....

मुस्कान...बस अब मन भर गया...???

शास...नही मन तो नही भरा...पर तुम्हारी एक बात ठीक लगी है....अगर कोई आ गया अओर हम दोनो को एक साथ देखार.....सारा मामला बिगड़ जाएगा.....तुम्हारी इस प्यारी सी चूत को तो सो बार चोद कर भी मन नही भरने वाला है.....

मुस्कान की चूत से बहता गर्म लावा....चूत अंदर से कई जगह से छिल गयी थी....अओर पहली चुदाई होने के कारण.....चूत का गुलाबी द्वार अब शुर्ख लाल मैं बदल गया था.....उसका मूह भी अब खुला नज़र आ रहा था.....उस से बहता खून मिला हुवा वीर्या....एसा लग रहा था जैसे ज्वलमुखी के मूह से गरम लावा बहार निकल कर बह रहा हो.......शास ने रुमाल निकाल कर मुस्कान की चूत को सॉफ किया......अभी भी कभी...कभी...चूत का मूह खुल-बंद हो रहा था.....इस द्रस्य को देख कर शास का ढीले पड़े लंड ने फिर ठुमका मार दिया अओर सरसराहट के साथ उसका साइज़ बढ़ने लगा.......शास कभी मुस्कान के कयामत सरीर अओर कभी उसकी चूत पर देखा रहा था......लगता था कि उसके लंड की भूख अभी नही मिटी थी...पर कोई आ जाएगा का डर......उसने मुस्कान के चेहरे की अओर देखा.....जो शास को ही निहार रही थी....आँखें मिलते ही दोनो मुस्कुरा दिए.......

मुस्कान...कया सोच रहे हो शास...???

शास....कुछ नही...बस देखा रहा था की तुम अओर तुम्हारी ये चूत कितनी सुंदर है....

मुस्कान...कया अब भी....????

शास...है.....अब तो अओर जीयादा सुंदर हो गयी ...???

मुस्कान...पहले से जीयादा सुंदर ...???? के. मतलब...????

शास...बस ये समझ लो की अब मैं तुम्है पहले से भी जीयादा प्यार करने लगा....

मुस्कान...मुस्कान ने मुस्कुरकर पूछा...कया पहले कम प्यार था..???

शास...नही....अब अओर जीयादा बढ़ गया है.....

मुस्कान...अच्छा जी....??? मुस्कान की मुस्कुराहट से मानो शास पर बिजलियाँ गिरा गयी हों....कया कामुक मुस्कुराहट थी मुस्कान की.......??? शास तो पहले से ही उसके रूप-योवेन से घायल था....इस पर उसके सरीर मैं अओर बिजलिया सी दौड़ गयी.....मुस्कान ने फिर कहा....ऐसे ही बैठे रहोगे की अब जाओगे भी....??? कया इरादा है जनाब का...???

शास...इरादा तो बुलंद हैं जाने-जान पर वही डर...कि कोई....????

मुस्कान...शास अपनी बात पूरी भी नही कर पाया था, मुस्कान बोल उठी.....आ जाएगा....??? यही ना...??? बड़े डरपोक हो शास तुम तो....???

शास...तुम्हारी वेजेह से ही.....???? तुम्हाइन किशी के सामने सरमिंदा ना होना पड़े....वेर्ना तुम्हे अओर तुम्हारी इस चूत को रात भर चोदने का इरादा था......

मुस्कान... अब नही है कया.....???

शास... मुस्कान के इस सवाल पर शास चोंक गया....???....कया...???

मुस्कान...कया हिन्दी समझ मैं नही आती है....??? अओर मुस्कान ने एक अदा के साथ मुस्कुरा कर मूह दूसरी तरफ फेर लिया....पर बिजली तो वो फिर से गिरा ही चुकी थी.....

शास... आती है अओर शास तुरंत मुस्कान के उप्पेर आ गया....अओर उसके चेहरे को अपने हाथों मैं लेकर मुस्कान के होंठ चूमकर बोला.....जानू-जान मैं तो तुम्हरी इस गुलाब से सुर्ख लाल हुई चूत को चाटने का पहले ही मन बना चुक्का था.....पर अब तो मेरा ये तनटनाता हुवा लंड ही इसकी पप्पी लेगा.........इसको तो बस हिन्दी ही आती है.....एसीलिए ये गुलाबी चूत पर फिदा होकर अब एस्को चूमने के लिए तय्यार है.......इस बीच शास के दोनो हाथ मुस्कान की चुचियों से खेल रहे थे......

मुस्कान...नही शास...कोई आ जाएगा....मैं तो मज़ाक कर रही थी....अब रहने दो...???

शास...तुमने ही कहा था मुस्कान जब ओखली मैं सर दे ही दिया तो अब मूसलों से कया डर्ना??????? अब तो जो भी होगा देखा जाएगा.....मैं तो मान ही चुक्का था....पर ये तो अभी भी नही मान रहा है....शास ने अपने लंड की अओर एशारा करते हुवे कहा.....

मुस्कान...सच क्यो नही कहते की तुम्हारा ही मन अभी नही भरा है.....???

शास...है...डियर मुस्कान...तुम भी तो काहदो...की मन अभी नही भरा...नही भरा...नही भरा...नही भरा....के मन अभी नही भरा......

इस बात पर शास अओर मुस्कान दोनो खिलखिलाकर हंस पड़े......

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