पहली नज़र की प्यास pahli najar ki pyaas raj sharma

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Nitin
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Re: पहली नज़र की प्यास pahli najar ki pyaas raj sharma

Unread post by Nitin » 21 Mar 2018 21:25

वो एक बार फिर से 10 साल पीछे पहुँच गया..

जहां वो हर रोज स्कूल से आते हुए बाहर खड़ा होकर उसका इंतजार करता था..
उसे अपनी साइकल पर बिठाकर वो रोज उसके घर छोड़ता, जो उसके घर से करीब 10 किलोमीटर दूर था...
और फिर वापिस अपने घर आता..

और ऐसे ही एक दिन जब घनघोर बारिश की वजाह से वो रास्ते में एक पुराने बस स्टॅंड के नीचे खड़े थे तो उसने अपने दिल की बात उसे बोल ही दी..
कामिनी को भी शायद इसी बात का इंतजार था शायद पिछले 3 सालो से...
उसने भी उसे गले लगाकर अपने प्यार का इज़हार कर दिया था..

और उस दिन कुणाल ने कामिनी के नन्हे होंठो को जी भरकर चूमा था...
बाहर घनघोर बारिश हो रही थी और इन दोनो के बारिश से भीगे जिस्मो में एक तूफान उठ रहा था...
पर उम्र की नादानी ही ऐसी थी की उन्हे ये नही पता था की उस आग को कैसे बुझाना है..
इसलिए एक दूसरे के होंठो और अर्धविक्सित अंगो को मसलकर ही वो काम चलाते रहे..



हालाँकि उस दिन के बाद उन्हे वैसा कुछ करने का मौका नही मिला,
पर दोनो के बीच फुल टू प्यार की पींगे ज़रूर बढ़ती रही थी दोनो के बीच..

और फिर अगले ही महीने उसके पापा का ट्रान्स्फर कोलकत्ता हो गया...
जहां जाने के बाद उसकी कोई खबर नही आई...

और उसके बाद का हर दिन और रात कुणाल ने अपनी कामिनी के बारे में सोचकर ही निकाली थी.

अचानक उसके दोस्त जय ने उसे झंझोड़ा : "ओये हीरो....ओ हेलो...कहाँ खो गया भाई...घर नही चलना क्या...12 बज रहे है भाई...चल...सब जा चुके है..''

कुणाल ने झत्ट से गर्दन घुमा कर दूसरी टेबल पर देखा, वहां कोई नही था...
इन्फेक्ट पूरे पब में सिर्फ़ वही दोनो बैठे थे अब...
अपनी जिंदगी के बारे में सोचकर पता नही कितना टाइम वो सपने देखता रहा था फिर से...

अगले दिन ऑफीस जाना भी ज़रूरी था...
इसलिए जल्दी से पेमेंट करके दोनो बाहर आ गये...
जय ने अपनी बाइक निकाली और वहां से निकल गया...
कुणाल के पास कार थी, और जैसे ही वो कार के करीब पहुँचा उसे कुछ ही दूरी पर कामिनी खड़ी हुई दिखाई दी.

जिसे देखकर एक बार फिर से उसके दिल की धड़कन बढ़ सी गयी..
और वो सोचने लगा की इतनी रात को वो यहाँ अकेले में क्या कर रही है..
और वो भी उसकी कार के पास खड़ी होकर..

खैर, धड़कते दिल से वो अपनी कार की तरफ चल दिया..
और अंदर ही अंदर ना जाने क्यो उसे ये महसूस हो रहा था की आज कुछ होकर रहेगा उसके साथ.

कुणाल जब उसके करीब पहुँचा तो कामिनी ने मुस्कुराते हुए एक बार फिर से अपना हाथ आगे बढ़ाया और बड़ी ही सैक्सी आवाज़ में बोली : "हाय ....कामिनी अगेन....''

कुणाल ने भी बड़े प्यार से उसका हाथ अपने हाथो में ले लिया....
और अचानक कामिनी उसके करीब आई और उसके गले से लग गयी..
कुणाल के लिए ये एकदम अजीब सा था..
क्योंकि आज से पहले इतनी खूबसूरत लड़की ने उसके साथ ऐसी हरकत नही की थी.

पर जो भी उसके साथ हो रहा था, वो उसे अच्छा भी बहुत लग रहा था...
कामिनी के जिस्म से महंगे परफ्यूम की महक आ रही थी और साथ ही जो दारू उसने पी थी उसकी स्मेल भी आ रही थी...नशे में तो वो थी ही पर इतना भी नही की अपने बुरे भले का ख्याल ना रख सके.

कामिनी ने कुणाल के कान में फुसफुसा कर कहा : "मुझे जो चीज़ पसंद आती है उसके बारे में मैं खुल कर बोल देती हू...एंड आई लाइक द वे यू किस्ड मी टुडे...''

कुणाल के पूरे शरीर में झुरजुरी सी दौड़ गयी...

Nitin
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Re: पहली नज़र की प्यास pahli najar ki pyaas raj sharma

Unread post by Nitin » 21 Mar 2018 21:25

अंधेरी रात में इस तरह से खुल्ले में खड़ी होकर ये कितनी बेशर्मी से उसे ये बात कह रही थी...
और वो भी तब जब वो पहली बार ही उससे मिली थी..

और फिर वो हुआ जिसकी कुणाल को आशंका हो रही थी....
कामिनी ने एक बार फिर से उसके होंठो पर अपने नर्म होंठ रखे और उन्हे चूसना शुरू कर दिया..



और इस बार तो उन्हे देखने और रोकने वाला भी कोई नही था, इसलिए हर सेकेंड उनकी किस्स और गाड़ी होती चली गयी...
कुणाल के हाथ कामिनी के पूरे शरीर को खंगालने लगे...
उसकी पीठ से फिसलते हुए जब उसके हाथ कामिनी के कुल्हो पर पहुँचे तो वो भी अपनी चूत वाले हिस्से को उसके लंड पर दबाकर थोड़ी और आगे हो गयी...
कुणाल ने उसके मांसल चूतड़ों को जी भरकर दबाया...
और फिर एक हाथ उपर करके जब उसने कामिनी का मुम्मा दबाया तो वो बिफर ही गयी...
अपनी मुँह से गीली लार बाहर फेंकते हुए उसने कुणाल को कार मे घसीटा और पिछली सीट पर लेटते हुए उसे अपने उपर खींच लिया...



कुणाल को तो विश्वास ही नही हो पा रहा था की पहली ही मुलाकात में उसके साथ ये सब हो रहा है...
ऐसी खूबसूरत लड़की जो हाथ लगाने से भी मैली हो जाए, वो अस्त व्यस्त हालत में उसकी कार की पिछली सीट पर लेटी हुई थी...
अंधेरा काफ़ी था इसलिए किसी और का वहां आकर उनका शो देखने का सवाल ही पैदा नही होता था.

कामिनी ने अपनी ड्रेस के स्ट्रेप्स नीचे करके अपने बूब्स उसके सामने नंगे कर दिए...

ये वो नज़ारा था जिसकी कल्पना मात्र से ही कई लंडो का पानी निकल सकता था...

उसके दूध जैसे मम्मों को देखकर कुणाल ने एक मिनट भी नही लगाया उन्हे पकड़ने में ...
कामिनी के उपर लेटते हुए उसने उसकी ब्रेस्ट को पकड़ा और उसे मुँह में लेकर ज़ोर-2 से चूसना शुरू कर दिया...

ऐसा लग रहा था जैसे कच्चा नारियल खा रहा है वो...
जितना कठोर था उतना ही मीठा भी...



जगह कम थी...
इसलिए जितना हो सकता था उन दोनो ने एक दूसरे के साथ उतना मज़ा लूटा उस कार में ...

और जब दोनो उस छोटी सी जगह में हाथ पैर मारते हुए थक से गये तो कामिनी ने उसके कान में फुसफुसा कर कहा : "लेट्स गो टू योर प्लेस....''

ये शायद कामिनी के वो शब्द थे, जिन्हे कुणाल एक्सपेक्ट नही कर रहा था...
यहां तक तो ठीक था, पर इस सीमा से आगे बढ़ने में उसकी भी फट्ट रही थी...

पर उसे मना करने का भी मन नही कर रहा था उसका...
इसलिए मन ही मन में कुछ सोचकर उसने हामी भर दी और दोनो कुणाल के घर की तरफ निकल पड़े..

कुणाल एक मल्टिस्टोरी बिल्डिंग में 10वी मंज़िल पर रहता था...
लिफ्ट से उपर जाते हुए भी कामिनी ने उसे ज़ोर से किस्स किया...
ये तो कुणाल की भी फेंटसी थी की ऐसे लिफ्ट में वो किसी को किस्स करे...



और लगभग एक दूसरे के होंठ चूसते हुए वो फ्लॅट तक पहुँचे...
कुणाल ने जल्दी से अपनी जेब से चाभी निकाली और दरवाजा खोल दिया...
अंदर घुसने के साथ ही दोनो के कपड़े इधर उधर उछालने शुरू हो गये...

कुणाल के दरवाजा बंद करने तक तो कामिनी ने अपने सारे कपड़े निकाल कर एक तरफ फेंक दिए थे और अब वो पूरी नंगी होकर उसके सामने खड़ी थी...
उपर से आ रही रोशनी मे उसका दूध जैसा बदन कमाल का लग रहा था...
एकदम अँग्रेजन लग रही थी वो...
चिकनी चूत ...फूले हुए मम्मे , निकली हुई गांड और मांसल जांघे....

एकदम पर्फेक्ट फिगर था उसका..

Nitin
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Re: पहली नज़र की प्यास pahli najar ki pyaas raj sharma

Unread post by Nitin » 21 Mar 2018 21:26

कुणाल ने भी अपने बचे खुचे कपड़े निकाल फेंके और वो भी आदमजात में आ गया...
उसका लंड भी 8 इंच लंबा और करीब 4 इंच मोटाई लिए हुए था...
एक चूत में जाने के लिए पर्फेक्ट साइज था उसका...

और उसके लंड को देखते ही कामिनी ने उसे बेड पर धक्का दिया और खुद उसकी टाँगो के बीच बैठकर उसे चूसने लगी...

ऐसा लग रहा था जैसे बरसो की प्यासी चुड़ैल को मटन कबाब का टुकड़ा मिल गया है...
उपर से नीचे तक वो उसे अपनी लार से गीला करती हुई चूस रही थी और मुँह में लेकर ज़ोर-2 से आइस्क्रीम की तरह चूस भी रही थी.



लंड के साथ-2 वो उसकी गोटियो को भी मुँह मे लेकर उनका स्वाद ले रही थी....
कुणाल को तो जैसे कुछ होश ही नही था...
वो अपनी आँखे बंद करके उस लंड चुसाई का मज़ा लेने लगा...
और जल्द ही उसके लंड को अच्छी तरह से चूसने के बाद वो मछली की तरह फिसलती हुई उपर आई और उसके होंठो को एक बार फिर से मुँह में लेकर चूसने लगी..

कुणाल के दोनो हाथ उसके शरीर पर उपर से नीचे तक फिसल रहे थे...
एकदम रेशम का एहसास हो रहा था उसे , इतना चिकना कोई कैसे हो सकता है भला.

और फिर कुणाल ने उसके कुल्हो को पकड़ कर उपर की तरफ खींचना शुरू कर दिया...
और तब तक खींचता रहा जब तक उसकी चूत कुणाल के चेहरे के उपर आकर नही रुक गयी...
कामिनी की चूत में से निकल रही भीनी खुश्बू का एहसास उसे किसी और ही दुनिया में ले गया...
ऐसा लग रहा था जैसे हज़ारों - लाखों गुलाब के फूलों को पीसकर उसकी चूत की दीवारों के पीछे चुनवा दिया गया है...
अब तो उसे उस दीवार के पीछे छिपी उस खुश्बू की तह तक जाना ही था...
इसलिए उसने ढपाक करके उसकी चूत को अपने चेहरे पर पटका और उसे ज़ोर-2 से चूसने लगा..

''आआआआआआआआआआआआआअहह.....ओह.... मे.....गोद........... उम्म्म्ममममममममममममममममम ..........आई लाइक इट.......''

उसकी चूत की परतें इतनी कसावट लिए हुए थी जैसे आज से पहले उन्हे किसी ने छुआ भी ना हो...
कुणाल ने बड़ी मुश्किल से अपनी जीभ को उस कसी हुई चूत के अंदर डाला...
और उसे ऐसा एहसास हुआ जैसे उसने गन्ने की मशीन में अपनी जीभ डाल दी है...
वो अपनी चूत के मसल्स से उसकी जीभ को ऐसे मसल रही थी जैसे उसका रस निकाल कर अपने अंदर ले जाना चाहती हो...


और उसे अच्छी तरह से गीला करने के बाद कुणाल ने उसे फिर से नीचे धकेलना शुरू कर दिया...
और जब कुणाल के लंड का सुपाड़ा उसकी चूत से टकराया तो उसने अपनी हिरनी जैसी आँखो को उसकी आँखो में डालते हुए धीरे से कहा : "प्लीज़ धीरे करना...इट्स माय फर्स्ट टाइम..''

ये सुनते ही कुणाल को एक बहुत जोरदार झटका लगा...

कुणाल ने तो उसका पहनावा देखकर..
उसकी अभी तक की गयी हरकतें देखकर एक धारणा सी बना ली थी की ये एक चालू किस्म की लड़की है...
जो शायद उसके जैसे लड़को को फंसाकर इस तरह के मज़े लूटा करती है...
ऐसा उसने अपने दोस्त जय से ही सुना था..
और आज ये सब जब उसके साथ हो रहा था तो उसे यही लग रहा था की आज उसकी किस्मत खुल गयी है...
इसी बहाने वो भी अपनी पहली चुदाई कर सकेगा..

पर कामिनी की इस एक बात ने तो पूरा खेल ही बदल कर रख दिया था..पर ये वक़्त इन सब बातों को पूछने का नहीं था इसलिए उसने भी उसकी आँखो में देखते हुए कहा : "एंड बिलीव मी..आई एम् ऑल्सो वर्जिन ....मेरा भी ये पहली बार है...''

कुणाल की बात सुनकर उसे भी उतना ही अचंभा हुआ जितना कुणाल को हुआ था...

और इसी तरह एक दूसरे की आँखो में देखते हुए, कुणाल ने अपना लंड उसकी चूत पर लगाकर उसे नीचे की तरफ धकेला..
और उसे पहले झटके में ही विश्वास हो गया की वो सही कह रही थी...
कुणाल का लंड उसकी चूत में फंसकर ही रह गया...
उपर से उसकी चीख ने उसे रुके रहने पर मजबूर कर दिया...

''आआआआआआआआआआआआअहह..........मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाइिईईईईईईई....''

कुणाल का मन हुआ की वो उसे छोड़ दे, पर कामिनी ने खुद हिम्मत करके अपना शरीर नीचे धकेला और अगले 2-3 झटकों में कुणाल का मेरठिया लंड उसकी चूत के अंदर तक घुस चुका था..



कुणाल की लाइफ का सबसे हसीन पल था...
और शायद कामिनी की भी..

दोनो के चेहरे पर एक अजीब सी खुशी देखी जा सकती थी...
कामिनी ने नीचे झुककर उसे चूम लिया...
स्मूच लिया और फिर अपनी कमर हिलाते हुए ज़ोर-2 से कुणाल के लंड से चुदवाने लगी...



और उसके बाद तो कुणाल भी नही रुका...कभी उसे नीचे लिटाकर तो कभी घोड़ी बनाकर उसने भी उसके रसमलाई जैसे चूतड़ों को पकड़कर नीचे से ऐसे-2 झटके मारे की बेचारी के पूरे शरीर के पुर्ज़े हिल गये...



और अंत में आकर जब वो झड़ने के करीब पहुँचा तो कामिनी ने चिल्लाते हुए कहा : "प्लीज़ कम इनसाइड मी ....आई वॉंट टू फील इट...माय फर्स्ट टाइम....इनसाइड मी .....''

और कुणाल के लिए भी ये पल एक यादगार बनकर रह गया जब उसके लंड ने ढेर सारा रस कामिनी की कुँवारी चूत में निकाला....
ऐसा रेशमी एहसास तो उसे आज तक नही मिला था..

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