Re: पहली नज़र की प्यास pahli najar ki pyaas raj sharma
Posted: 21 Mar 2018 21:26
लंड बाहर निकालकर उसने देखा की ढेर सारा खून भी उस रस में शामिल था...
जो कामिनी के कुंवारेपन का सबूत था.
दोनो बाथरूम में गये और अच्छे से एक दूसरे के अंगो को सॉफ किया..
करीब आधे घंटे बाद कामिनी के नंगे जिस्म को अपनी बाहों मे लेकर अपने बिस्तर पर नंगा लेटा हुआ था
अब उसे अपने दिल में उठ रहे उन सभी सवालों के जवाब लेने थे जो उसे काफी समय से परेशान कर रहे थे
कुणाल : "मुझे एक बात समझ नही आ रही कामिनी...तुम मुझसे आज ही मिली हो....और पहली ही बार में तुमने अपने आप को मेरे सुपुर्द कर दिया...अपनी वर्जिनिटी मुझे सौंप दी''
कामिनी ने मुस्कुराते हुए उसे देखा और बोली : "किसने कहा की मैं तुमसे आज ही मिली हूँ .... मैने तो तुम्हे अक्सर उस बार में देखा है...एक कोने में आकर बैठ जाते हो अपने दोस्त के साथ और चुपचाप बियर पीकर निकल जाते हो....कभी ये देखने की कोशिश भी नही की की कोई तुम्हे भी देख रहा है...और सच कहूं मुझे तो तुम्हे देखकर पहली बार में ही लव हो गया था...मेरी सहेली है ना रजनी , वो जो मेरे साथ कार्ड गेम खेल रही थी, ये उसी का आइडिया था...उसके बर्थडे पर हमने शोर मचाकर तुम्हारा ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया....मुझे अपनी खूबसूरती का एहसास है और इतना कॉन्फिडेंस तो है ही की एक बार जो मुझे देख ले तो अपनी नज़रें मुझसे दूर नही रख सकता...इसलिए तुमने जब मुझे देखा तो बार-2 देखने लगे...और फिर हमने वो गेम प्लान की ताकि तुम्हे किस्स करके मैं रिझा सकूँ ...''
इतना कहकर वो चुप हो गयी..
कुणाल का चेहरा देखने लायक था उसके बाद...
यानी वो जिसे अभी तक इत्तेफ़ाक़ समझ रहा था वो उसकी सोची समझी चाल थी...
पर जो भी थी, उसे इस बात का ज़रा भी बुरा नही लग रहा था...
आख़िर एक लड़की ने अपनी भावना को व्यक्त करने का जो तरीका सही समझा उसने वो वही किया...
इस बात से साबित होता है की वो कितने खुले विचारो की है..
कामिनी : "और सच कहूं ..तुम्हे देखने से पहले मैने अपने आप को किसी से टच भी नही करवाया था...एक दो लड़कों ने गुस्ताख़ी की थी, पर उनके हाथ तोड़कर रख दिए थे मैने...उसके बाद किसी की हिम्मत नही हुई थी मुझसे पंगा लेने की...इनफॅक्ट मैने तो पहली बार किस्स भी आज ही किया...''
कुणाल ये सब सुनकर हैरान हो रहा था...
उसने तो उसे मन में चालू और ना जाने क्या-2 सोच लिया था...
और ये कामिनी तो अपने पहली नज़र के प्यार के लिए ये सब कर रही थी...
कुणाल : "पर...ये ये मेरे साथ ही क्यों...और ये फकिंग...इसकी क्या ज़रूरत थी...और वो भी पहली ही बार में ...''
कामिनी : "मैने तो मन में तुम्हे अपना सब कुछ मान लिया है..इनफॅक्ट मैं तो तुमसे शादी भी करना चाहती हूँ ..पर ... ये तुमपर डिपेंड करता है...मैं कोई दबाव नही बना रही तुमपर...और रही बात इस फकिंग की तो ये भी मैने आज गेम में हारकर ही करवाई है...तुम्हे याद है वो डेयरिंग वाली गेम ...जिसमें आज मैं हार गयी थी...वो इसलिए ही थी की मैं हारने के बाद तुमसे फकिंग करवाउंगी ...''
कुणाल हैरान रह गया...
की कैसे सिर्फ़ एक गेम के लिए उसने अपनी चूत की बाजी लगा दी ...
हालाँकि इसके पीछे उसका प्यार भी शामिल था, पर कोई लड़की अपना कुँवारापन भला कैसे दाँव पर लगा सकती है...
इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता था की ये जुआ उसकी लाइफ में कितना महत्व रखता है...
कामिनी ने उसके चेहरे के भाव पड़ लिए और बोली : "तुम इस बात को लेकर इतना परेशान मत हो जाओ....हमे एक दूसरे को सोचने और समझने के लिए अभी पूरी लाइफ पड़ी है....लेकिन आज जो मौका हमे मिला है पहले उसका अच्छे से इस्तेमाल तो कर ले...''
इतना कहते हुए उसने एक बार फिर से कुणाल के लंड को अपनी गिरफ़्त में लेकर उसे चूसना शुरू कर दिया...
और कुणाल अपनी आँखे बंद करके कराहते हुए यही सोचने लगा की एक ही रात में इस लड़की ने उसके दिमाग़ के सारे फ्यूज़ उड़ा कर रख दिए है...
आगे पता नहीं और क्या-2 देखने को मिलेगा..
रात भर कामिनी वहीं रही...
और पूरी रात वो एक दूसरे के नंगे जिस्मों का आनंद लेते रहे...
जब मन करता चुदाई शुरू कर देते और जब मन करता सकिंग.
सुबह एक साथ नहाते हुए भी जोरदार चुदाई की उन्होने...
कामिनी को दीवार के सहारे खड़ा करके बाथरूम में उसकी चूत मारते हुए जब कुणाल ने उसकी बाहर निकली हुई गांड को देखा तो उसने उसे पकड़ कर ज़ोर से भींच दिया...
उसकी हमेशा से यही फेंटसी रही थी की ऐसी भरे कूल्हे वाली लड़की को वो नंगा करके चोदे और मौका मिले तो उसकी गांड भी मारे
कुणाल ने अपनी उंगली जैसे ही उसकी गांड के छेद पर लगाई वो उछल पड़ी और बोली : "ओये मिस्टर....इतनी जल्दी क्या है वो दूसरा दरवाजा खोलने की...पहले जी भरकर इस दरवाजे के तो मज़े ले लो...''
कुणाल मुस्कुरा दिया...
यानी कामिनी को कोई प्राब्लम नही थी अपनी गांड मरवाने में भी...
ऐसी मस्त गांड मारने में कितना मज़ा आएगा, ये सोचते हुए वो और ज़ोर लगाकर उसकी चूत का बेंड बजाने लगा..
नहा धोकर दोनो बाहर आए, कपड़े पहने और कामिनी ने दोनो के लिए नाश्ता बनाया जो सच में काफ़ी स्वादिष्ट था..
कुणाल को तो उसकी हर अदा पर उससे प्यार होता जा रहा था.उसने तभी डिसाईड कर लिया की वो शादी करने के लिए हर लिहाज से परफेक्ट है, इसलिए उसने भी अपनी तरफ से हाँ कर दी.
जो कामिनी के कुंवारेपन का सबूत था.
दोनो बाथरूम में गये और अच्छे से एक दूसरे के अंगो को सॉफ किया..
करीब आधे घंटे बाद कामिनी के नंगे जिस्म को अपनी बाहों मे लेकर अपने बिस्तर पर नंगा लेटा हुआ था
अब उसे अपने दिल में उठ रहे उन सभी सवालों के जवाब लेने थे जो उसे काफी समय से परेशान कर रहे थे
कुणाल : "मुझे एक बात समझ नही आ रही कामिनी...तुम मुझसे आज ही मिली हो....और पहली ही बार में तुमने अपने आप को मेरे सुपुर्द कर दिया...अपनी वर्जिनिटी मुझे सौंप दी''
कामिनी ने मुस्कुराते हुए उसे देखा और बोली : "किसने कहा की मैं तुमसे आज ही मिली हूँ .... मैने तो तुम्हे अक्सर उस बार में देखा है...एक कोने में आकर बैठ जाते हो अपने दोस्त के साथ और चुपचाप बियर पीकर निकल जाते हो....कभी ये देखने की कोशिश भी नही की की कोई तुम्हे भी देख रहा है...और सच कहूं मुझे तो तुम्हे देखकर पहली बार में ही लव हो गया था...मेरी सहेली है ना रजनी , वो जो मेरे साथ कार्ड गेम खेल रही थी, ये उसी का आइडिया था...उसके बर्थडे पर हमने शोर मचाकर तुम्हारा ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया....मुझे अपनी खूबसूरती का एहसास है और इतना कॉन्फिडेंस तो है ही की एक बार जो मुझे देख ले तो अपनी नज़रें मुझसे दूर नही रख सकता...इसलिए तुमने जब मुझे देखा तो बार-2 देखने लगे...और फिर हमने वो गेम प्लान की ताकि तुम्हे किस्स करके मैं रिझा सकूँ ...''
इतना कहकर वो चुप हो गयी..
कुणाल का चेहरा देखने लायक था उसके बाद...
यानी वो जिसे अभी तक इत्तेफ़ाक़ समझ रहा था वो उसकी सोची समझी चाल थी...
पर जो भी थी, उसे इस बात का ज़रा भी बुरा नही लग रहा था...
आख़िर एक लड़की ने अपनी भावना को व्यक्त करने का जो तरीका सही समझा उसने वो वही किया...
इस बात से साबित होता है की वो कितने खुले विचारो की है..
कामिनी : "और सच कहूं ..तुम्हे देखने से पहले मैने अपने आप को किसी से टच भी नही करवाया था...एक दो लड़कों ने गुस्ताख़ी की थी, पर उनके हाथ तोड़कर रख दिए थे मैने...उसके बाद किसी की हिम्मत नही हुई थी मुझसे पंगा लेने की...इनफॅक्ट मैने तो पहली बार किस्स भी आज ही किया...''
कुणाल ये सब सुनकर हैरान हो रहा था...
उसने तो उसे मन में चालू और ना जाने क्या-2 सोच लिया था...
और ये कामिनी तो अपने पहली नज़र के प्यार के लिए ये सब कर रही थी...
कुणाल : "पर...ये ये मेरे साथ ही क्यों...और ये फकिंग...इसकी क्या ज़रूरत थी...और वो भी पहली ही बार में ...''
कामिनी : "मैने तो मन में तुम्हे अपना सब कुछ मान लिया है..इनफॅक्ट मैं तो तुमसे शादी भी करना चाहती हूँ ..पर ... ये तुमपर डिपेंड करता है...मैं कोई दबाव नही बना रही तुमपर...और रही बात इस फकिंग की तो ये भी मैने आज गेम में हारकर ही करवाई है...तुम्हे याद है वो डेयरिंग वाली गेम ...जिसमें आज मैं हार गयी थी...वो इसलिए ही थी की मैं हारने के बाद तुमसे फकिंग करवाउंगी ...''
कुणाल हैरान रह गया...
की कैसे सिर्फ़ एक गेम के लिए उसने अपनी चूत की बाजी लगा दी ...
हालाँकि इसके पीछे उसका प्यार भी शामिल था, पर कोई लड़की अपना कुँवारापन भला कैसे दाँव पर लगा सकती है...
इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता था की ये जुआ उसकी लाइफ में कितना महत्व रखता है...
कामिनी ने उसके चेहरे के भाव पड़ लिए और बोली : "तुम इस बात को लेकर इतना परेशान मत हो जाओ....हमे एक दूसरे को सोचने और समझने के लिए अभी पूरी लाइफ पड़ी है....लेकिन आज जो मौका हमे मिला है पहले उसका अच्छे से इस्तेमाल तो कर ले...''
इतना कहते हुए उसने एक बार फिर से कुणाल के लंड को अपनी गिरफ़्त में लेकर उसे चूसना शुरू कर दिया...
और कुणाल अपनी आँखे बंद करके कराहते हुए यही सोचने लगा की एक ही रात में इस लड़की ने उसके दिमाग़ के सारे फ्यूज़ उड़ा कर रख दिए है...
आगे पता नहीं और क्या-2 देखने को मिलेगा..
रात भर कामिनी वहीं रही...
और पूरी रात वो एक दूसरे के नंगे जिस्मों का आनंद लेते रहे...
जब मन करता चुदाई शुरू कर देते और जब मन करता सकिंग.
सुबह एक साथ नहाते हुए भी जोरदार चुदाई की उन्होने...
कामिनी को दीवार के सहारे खड़ा करके बाथरूम में उसकी चूत मारते हुए जब कुणाल ने उसकी बाहर निकली हुई गांड को देखा तो उसने उसे पकड़ कर ज़ोर से भींच दिया...
उसकी हमेशा से यही फेंटसी रही थी की ऐसी भरे कूल्हे वाली लड़की को वो नंगा करके चोदे और मौका मिले तो उसकी गांड भी मारे
कुणाल ने अपनी उंगली जैसे ही उसकी गांड के छेद पर लगाई वो उछल पड़ी और बोली : "ओये मिस्टर....इतनी जल्दी क्या है वो दूसरा दरवाजा खोलने की...पहले जी भरकर इस दरवाजे के तो मज़े ले लो...''
कुणाल मुस्कुरा दिया...
यानी कामिनी को कोई प्राब्लम नही थी अपनी गांड मरवाने में भी...
ऐसी मस्त गांड मारने में कितना मज़ा आएगा, ये सोचते हुए वो और ज़ोर लगाकर उसकी चूत का बेंड बजाने लगा..
नहा धोकर दोनो बाहर आए, कपड़े पहने और कामिनी ने दोनो के लिए नाश्ता बनाया जो सच में काफ़ी स्वादिष्ट था..
कुणाल को तो उसकी हर अदा पर उससे प्यार होता जा रहा था.उसने तभी डिसाईड कर लिया की वो शादी करने के लिए हर लिहाज से परफेक्ट है, इसलिए उसने भी अपनी तरफ से हाँ कर दी.