Re: दोस्त का परिवार compleet family sex story
Posted: 26 Apr 2018 09:30
दोस्त का परिवार पार्ट--3
गतान्क से आगे.............
जैसे ही मेरा उंगली उनके चूत के दाने से टकराया उन्होने ज़ोर से सिसकारी ले कर अपनी जाँघो को कस कर बंद कर लिया और चूतर उठा उठा कर मेरे हाथ को चोदने लगी.
कुच्छ देर बाद उनकी चूत से पानी बह रहा था. थोरी देर तक ऐसे ही मज़ा लेने के बाद मैने अपनी उंगली उनकी चूत से बाहर निकाल लिया और सीधा हो कर उनके उपर लेट गया. उन्होने अपनी टाँगे फैला दी और मेरे फरफ़रते हुए लंड को पकड़ कर सुपरा चूत के मुहाने पर रख लिया. उनकी झांतो का स्पर्श मुझे पागल बना रहा था, फिर मा ने कहा “अब अपना लॉरा मेरी बुर मे घुसाओ, प्यार से घुसेरना नही तो मुझे दर्द होगा, अहह!” मैं नौसीखिया था इसीलिए शुरू शुरू मे मुझे अपना लंड उनकी टाइट चूत मे घुसाने मे काफ़ी परेशानी हुई. मैने जब ज़ोर लगा कर लंड अंदर डालना चाहा तो उन्हे दर्द भी हुआ. लेकिन पहले से उंगली से चुदवा कर उनकी चूत काफ़ी गीली हो गयी थी.
फिर मा अपने हाथ से लंड को निशाने पर लगा कर रास्ता दिखा रही थी और रास्ता मिलते ही मेरा एक ही धक्के मे सुपरा अंदर चला गया. इससे पहले की मा संभले , मैने दूसरा धक्का लगाया और पूरा का पूरा लंड मक्खन जैसी चूत की जन्नत मे दाखिल हो गया. मा चिल्लइ, “उईईइ ईईईईईई ईईईई माआआ उहुहुहह ओह बता, ऐसे ही कुछ देर हिलना डुलना नही, हाई! बरा जालिम है तुम्हारा लंड. मार ही डाला मुझे तुमने दीनू.” मैने सोचा लगता है मा को काफ़ी दर्द हो रहा है.
पहेली बार जो इतना मोटा और लंबा लंड उनके बुर मे घुसा था. मैं अपना लंड उनकी चूत मे घुसा कर चुप चाप पड़ा था. मा की चूत फदाक रही थी और अंदर ही अंदर मेरे लौरे को मसल रही थी. उनकी उठी उठी चूंचिया काफ़ी तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी. मैने हाथ बढ़ा कर दोनो चूंची को पकाद लिया और मुँह मे लेकर चूसने लगा. थोड़ी देर बाद मा को कुछ राहत मिली और उन्होने कमर हिलानी शुरू कर दी और मुझसे बोली, “बेटा शुरू करो, चोदो मुझे. लेलो मज़ा जवानी का मेरे राज्ज्ज्जा,” और अपनी गंद हिलाने लगी.
मैं थोडा अनारी. समझ नहीं पाया कि कैसे शुरू करूँ. पहले अपनी कमर उपर किया तो लंड चूत से बाहर आ गया. फिर जब नीचे किया तो ठीक निशाने पर नही बैठा और मा की चूत को रगदता हुआ नीचे फिसल कर गंद मे जाकर फँस गया. मैने दो तीन धक्के लगाया पर लंड चूत मे वापस जाने की बजाय फिसल कर गंद मे चला जाता. मा से रहा नही गया और तिलमिला कर ताना देती हुई बोली, “ अनारी से चुदवाना चूत का सत्यानाश करवाना होता है, अरे मेरे भोले दीनू बेटे ज़रा ठीक से निशाना लगा कर अंदर डालो नही तो चूत के उपर लॉरा रगर रगर कर झार जाऊगे.” मैं बोला, “ अपने इस अनारी बेटे को कुछ सिख़ाओ, जिंदगी भर तुम्हे अपना गुरु मानूँगा और जब चाहोगी मेरे लंड की दक्षिणा दूँगा.”
मा लंबी सांस लेती हुए बोली, “हाँ बेटे, मुझे ही कुछ करना होगा नही तो और मेरा हाथ अपनी चूंची पर से हटाया और मेरे लंड पर रखती हुई बोली, “इससे पकड़ कर मेरी चूत के मुँह पर रखो और लगाओ धक्का ज़ोर से.” मैने वैसे ही किया और मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया. फिर वो बोली, “अब लंड को बाहर निकालो, लेकिन पूरा नही. सुपरा अंदर ही रहने देना और फिर दोबारा पूरा लंड अंदर पेल देना, बस इसी तरह से करते रहो.”
मैने वैसे ही करना शुरू किया और मेरा लंड धीरे धीरे उनकी चूत मे अंदर-बाहर होने लगा. फिर मा ने स्पीड बढ़ा कर करने को कहा. मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज़ी से लंड अंदर-बाहर करने लगा. मा को पूरी मस्ती आ रही थी और वो नीचे से कमर उठा उठा कर हर शॉट का जवाब देने लगी. लेकिन ज़यादा स्पीड होने से बार बार मेरा लंड बाहर निकल जाता. इससे चुदाई का सिलसिला टूट जाता.
आख़िर मा से रहा नही गया और करवट ले कर मुझे अपने उपर से उतार दिया और मुझको चित लेटा कर मेरे उपर चढ़ गयी.
अपनी जाँघो को फैला कर बगल कर के अपने गद्देदार चूतर रखकर बैठ गयी. उनकी चूत मेरे लंड पर थी और हाथसे मेरी कमर को पकड़े हुए थी और बोली, “मैं दिखाती हूँ कि कैसे चोद्ते है,” और मेरे उपर लेट कर धक्का लगाया. मेरा लंड घाप से चूत के अंदर दाखिल हो गया. मा ने अपनी रसीली चूंची मेरी छाती पर रगर्ते हुए अपने गुलाबी होन्ट मेरे होन्ट पर रख दिए और मेरे मुँह मे जीभ डाल दी.
फिर उन्होने मज़े से कमर हिला हिला कर शॉट लगाना शुरू किया. बड़े कस कस कर शॉट लगा रही थी. चूत मेरे लंड को अपने मे समाए हुए तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी. मुझे लग रहा था कि मैं जन्नत मे पहुँच गया हूँ. अब पोज़िशन उल्टी हो गयी थी. मा मानो मर्द थी जो कि अपनी मसूका को कस कस कर चोद रहा था. जैसे जैसे मा की मस्ती बढ़ रही थी उनके शॉट भी तेज़ होते जा रहे थे.
अब वो मेरे उपर मेरे कंधो को पकड़ कर घुटने के बल बैठ गयी और ज़ोर ज़ोर से कमर हिला कर लंड को तेज़ी से अंदर-बाहर लेने लगी. उनका सारा बदन हिल रहा था और साँसे तेज़ तेज़ चल रही थी. मा की चूंचीआ तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी. मुझसे रहा नही गया और हाथ बढ़ा कर दोनो चूंची को पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा.
मा एक साधे हुए खिलाड़ी की तरह कमान अपने हाथो मे लिए हुए कस कस कर शॉट लगा रही थी. जैसे जैसे वो झरने के करीब आ रही थी उनकी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी. कमरे मे फ़च फ़च की आवाज़ गूँज रही थी. जब उनकी सांस फूल गयी तो खुद नीचे आकर मुझे अपने उपर खीच लिया और टाँगो को फैला कर उपर उठा लिया और बोली, “मैं थक गयी मेरे राज्ज्ज्जा, अब तुम मोर्चा सम्भालो.”मैं झट उनकी जाँघो के बीच बैठ गया और निशाना लगा कर झटके से लंड चूत के अंदर डाल दिया और उनके उपर लेट कर दनादन शॉट लगाने लगा.
मा ने अपनी टांग को मेरी कमर पर रख कर मुझे जाकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से चूतर उठा उठा कर चुदाई मे साथ देने लगी. मैं भी अब उतना अनारी नही रहा और उनकी चूंची को मसल्ते हुए दनादन शॉट लगा रहा था. पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाज़ से गूँज उठा था. मा अपनी कमर हिला कर चूतर उठा उठा कर चुदवा रही थी और बोले जा रही थी, “आह आअहह उनह ऊओह ऊऊहह हाआआं हययाआयी मीईरए राज्ज्जज्जा, माआआअर गाययययययए रीईए, ललल्ल्ल्ल्ल चूऊओद रे चूऊओद. उईईईईईई मीईईरीईई माआअ, फ़ाआआअत गाआआईई रीईई आआआज तो मेरी चूत. मीईएरा तो दम निकककककल दिया तुउउउउने तूऊ आआज. बारयाआया जाआअलीएम हाआऐरे तुउउउंहाआआरा लौरा, मैं भी बोल रहा था, “लीईए मेरिइई रनीई, लीई लीईए मेरा लॉरा अप्नीईइ चूत मीईए. बारयाआया तरपेयययययया है तूने मुझे. ले ले, ले मेरिइई राआआआआनि यह लंड आब्ब्ब्बब तेरा शाइयियी है. अहह! उहह क्या जन्नत का मज़ाआअ सिखाया तूने.
मैं तो तेरा गुलाम हू गयाआ.”मा गंद उछाल उछाल कर मेरा लंड अपनी चूत मे ले रही थी और मैं भी पूरे जोश के साथ उनकी चुन्चिओ को मसल मसल कर अपने गहरे दोस्त की मा की गहरी चुदाई कर रहा था.
मा मुझको ललकार कर कहती, लगाओ शॉट मेरे राजा”, और मैं जवाब देता, “यह ले मेरी रानी, ले ले अपनी चूत मे”. “ज़रा और ज़ोर से सरकाओ अपना लंड मेरी चूत मे मेरे राजा”, “यह ले मेरी रानी, यह लंड तो तेरे लिए ही है.” “देखो राज्ज्ज्जा मेरी चूत तो तेरे लंड की दीवानी हो गयी, और ज़ोर से और ज़ोर से आआईईईई मेरे राज्ज्जज्ज्ज्जा. मैं गइईईईई रीई,” कहते हुए मा ने मुझको कस कर अपनी बाहों मे जाकड़ लिया और उनकी चूत ने ज्वालामुखी का लावा छोड़ दिया.
अब तक मेरा भी लंड पानी छोड़ने वाला था और मैं बोला, “मैं भी अयाआआ मेरी जाआअन,” और मेने भी अपना लंड का पानी छोड़ दिया और मैं हाफ्ते हुए उनकी चूंची पर सिर रख कर कस के चिपक कर लेट गया. यह मेरी पहली चुदाई थी. इसीलिए मुझे काफ़ी थकान महसूस हो रही थी. मैं मा के सीने पर सर रख कर सो गया. वो भी एक हाथ से मेरे सिर को धीरे धीरे से सहलाते हुए दूसरे हाथ से मेरी पीठ सहला रही थी
कुछ देर बाद होश आया तो मैने उनके रसीले होंठो का चुंबन लेकर उन्हे जगाया. मा ने करवट लेकर मुझे अपने उपर से हटाया और मुझे अपनी बाहों मे कस कर कान मे फूस-फूसा कर बोली, “बेटा तुमने और तुम्हारे मोटे लंबे लंड नेतो कमाल कर दिया, क्या गजब का ताक़त है तुम्हारे लंड मे.” मैने उत्तर दिया, “कमाल तो आपने कर दिया है , आजतक तो मुझे मालूम ही नही था कि अपने लंड को इस्तेमाल कैसे करना है.
यह तो आपकी मेहेरबानी है जो कि आज मेरे लंड को आपकी चूत की सेवा करने का मौका मिला.” अबतक मेरा लंड उनकी चूत के बाहर झांतो के जंगल मे रगर मार रहा था. मा ने अपनी मुलायम हथेलिओं मे मेरा लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू किया. उनकी उंगली मेरे आंडो से खेल रही थी. उनकी नाज़ुक उँगलिओ का स्पर्श पाकर मेरा लंड भी जाग गया और एक अंगराई लेकर मा की चूत पर ठोकर मारने लगा. मा ने कस कर मेरे लंड को क़ैद कर लिया और बोली, “बहुत जान है तुम्हारे लंड मे, देखो फिर से फड़-फादाने लगा, अब मैं इसको नहीं छोड़ूँगी.”
हम दोनो अगल बगल लेटे हुए थे. मा ने मुझको चित लेटा दिया, और मेरी टांग पर अपनी टांग चढ़ा कर लंड को हाथ से उमेठेने लगी. साथ ही साथ अपनी कमर हिलाते हुए अपनी झांट और चूत मेरी जाँघ पर रगर्ने लगी. उनकी चूत पिछली चुदाई से अभीतक गीली थी और उसका स्पर्श मुझे पागल बनाए हुए था. अब मुझसे रहा नही गया और करवट लेकर मा की तरफ मुँह करके लेट गया. उनकी चूंची को मुँह मे दबा कर चूस्ते हुए अपनी उंगली चूत मे घुसा कर सहलाने लगा. उन्होने एक सिसकारी लेकर मुझे कस कर चिप्टा लिया और ज़ोर ज़ोर से कमर हिलाते हुए मेरी उंगली से चुदवाने लगी. अपने हाथ से मेरे लंड को कस कर ज़ोर ज़ोर से मूठ मार रही थी.
मेरा लंड पूरे जोश मे आकर लोहे की तरह सख़्त हो गया था. अब मा की हद से ज़्यादा बेताबी बढ़ गयी थी और खुद चित हो कर मुझे अपने उपर खीच लिया. मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रखती हुई बोली, “आओ मेरे राजा, सेकेंड राउंड हो जाए.”मैने झट कमर उठा कर धक्का दिया और मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ जड़ तक धँस गया. मा चिल्ला उठी और बोली, “जीओ मेरे राजा, क्या शॉट मारा है अब मेरे सिखाए हुए तरीके से शॉट पर शॉट मारो और फार दो मेरी चूत को.”
मा का आदेश पा-कर मैं दूने जोश मे आ गया और उनकी चूंची को पकड़ कर हुमच हुमच कर मा की चूत मे लंड पेलने लगा. उंगली की चुदाई से उनकी की चूत गीली हो गयी थी और मेरा लंड सतसट अंदर-बाहर हो रहा था. वो भी नीचे से कमर उठा उठा कर हर शॉट का जवाब पूरे जोश के साथ दे रही थी.
मा ने दोनो हाथो से मेरी कमर को पकड़ रखा था और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत मे लंड घुस्वा रही थी. वो मुझे इतना उठाती थी कि बस लंड का सुपरा अंदर रहता और फिर ज़ोर नीचे खिचति हुई घाप से लंड चूत मे घुस्वा लेती थी. पूरे कमरे मे हमारी सांस और घपा-घाप, फ़च-फ़च की आवाज़ गूँज रही थी. जब हम दोनो की ताल से ताल मिल गयी तब मा ने अपने हाथ नीचे लाकर मेरे चूतर को पकड़ लिया और कस कस कर दबोचते हुए मज़ा लेने लगी. कुछ देर बाद मा ने कहा, “आओ एक नया आसान सिखाती हूँ,” और मुझे अपने उपर से हटा कर किनारे कर दिया. मेरा लंड ‘पक’ की आवाज़ साथ बाहर निकल आया.
मैं चित लेटा हुआ था और मेरा लंड पूरे जोश के साथ सीधा खरा था. मा उठ कर घुटनो और हथेलिओं पर मेरे बगल मे बैठ गयी. मैं लंड को हाथ मे पकड़ कर उनकी हरकत देखता रहा. मा ने मेरा लंड पर से हाथ हटा कर मुझे खींचते हुए कहा, “ऐसे पड़े पड़े क्या देख रहे हो, चलो अब उठ कर पीछे से मेरी चूत मे अपना लंड को घुसाओ.” मैं भी उठ कर उनके के पीछे आकर घुटने के बल बैठ गया और लंड को हाथ से पकड़ कर उनकी चूत पर रगर्ने लगा.
क्या मस्त गोल गोल गद्दे दार गंद थी. मा ने जाँघ को फैला कर अपने चूतर उपर को उठा दिए जिससे कि उनकी रसीली चूत साफ नज़र आने लगी. उनका का इशारा समझ कर मैने लंड का सुपरा उनकी चूत पर रख कर धक्का दिया और मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ जड़ तक धँस गया.
मा ने एक सिसकारी भर कर अपनी गंद पीछे कर के मेरी जाँघ से चिपका दी. मैं भी मा की पीठ से चिपक कर लेट गया और बगल से हाथ डाल कर उनकी दोनो चुची को पकड़ कर मसल्ने लगा. वो भी मस्ती मे धीरे धीरे चूतर को आगे-पीछे करके मज़े लेने लगी. उनके मुलायम चूतर मेरी मस्ती को दोगुना कर रहे थे. मेरा लंड उनकी रसीली चूत मे आराम से आगे-पीछे हो रहा था.
कुछ देर तक चुदाई का मज़ा लेने के बाद मा बोली, “चलो राज्ज्जा अब आगे उठा कर शॉट लगाओ, अब रहा नही जाता.” मैं उठा कर सीधा हो गया और मा के चूतर को दोनो हाथों से कस कर पकड़ कर चूत मे हमला शुरू कर दिया. जैसा कि मा ने सिखाया था मैं पूरा लंड धीरे से बाहर निकाल कर ज़ोर से अंदर कर देता.
शुरू मे तो मैने धीरे धीरे किया लेकिन जोश बढता गया और धक्को की रफ़्तार बढ़ती गयी. धक्का लगाते समय मैं मा के चूतर को कस के अपनी ओर खीच लेता ताकि शॉट तगरा परे. मा भी उसी रफ़्तार से अपने चूतर को आगे-पीछे कर रही थी. हम दोनो की साँसे तेज हो गयी थी. मा की मस्ती पूरे परवान पर थी.
नंगे जिस्म जब आपस मे टकराते तो घाप-घाप की आवाज़ आती. काफ़ी देर तक मैं उन्हे कमर पकड़ धक्का लगाता रहा. जब हालत बेकाबू होने लगी तब मा को फिर से चित लेटा कर उन पर सवार हो गया और चुदाई का दौर चालू रखा. हम दोनो ही पसीने से लथपथ हो गये थे पर कोइ भी रुकने का नाम नही ले रहा था.
तभी मा ने मुझे कस कर जाकड़ लिया और अपनी टाँगे मेरे चूतर पर रख दिया और कस कर ज़ोर ज़ोर से कमर हिलाते हुए चिपक कर झार गयी. उनके झरने के बाद मैं भी भाभी की चूंची को मसल्ते हुए झार गया और हाफ्ते हुए उनके उपर लेट गया. हम दोनो की साँसे ज़ोर ज़ोर से चल रही थी और हम दोनो काफ़ी देर तक एक-दूसरे से चिपक कर पड़े रहे.
गतान्क से आगे.............
जैसे ही मेरा उंगली उनके चूत के दाने से टकराया उन्होने ज़ोर से सिसकारी ले कर अपनी जाँघो को कस कर बंद कर लिया और चूतर उठा उठा कर मेरे हाथ को चोदने लगी.
कुच्छ देर बाद उनकी चूत से पानी बह रहा था. थोरी देर तक ऐसे ही मज़ा लेने के बाद मैने अपनी उंगली उनकी चूत से बाहर निकाल लिया और सीधा हो कर उनके उपर लेट गया. उन्होने अपनी टाँगे फैला दी और मेरे फरफ़रते हुए लंड को पकड़ कर सुपरा चूत के मुहाने पर रख लिया. उनकी झांतो का स्पर्श मुझे पागल बना रहा था, फिर मा ने कहा “अब अपना लॉरा मेरी बुर मे घुसाओ, प्यार से घुसेरना नही तो मुझे दर्द होगा, अहह!” मैं नौसीखिया था इसीलिए शुरू शुरू मे मुझे अपना लंड उनकी टाइट चूत मे घुसाने मे काफ़ी परेशानी हुई. मैने जब ज़ोर लगा कर लंड अंदर डालना चाहा तो उन्हे दर्द भी हुआ. लेकिन पहले से उंगली से चुदवा कर उनकी चूत काफ़ी गीली हो गयी थी.
फिर मा अपने हाथ से लंड को निशाने पर लगा कर रास्ता दिखा रही थी और रास्ता मिलते ही मेरा एक ही धक्के मे सुपरा अंदर चला गया. इससे पहले की मा संभले , मैने दूसरा धक्का लगाया और पूरा का पूरा लंड मक्खन जैसी चूत की जन्नत मे दाखिल हो गया. मा चिल्लइ, “उईईइ ईईईईईई ईईईई माआआ उहुहुहह ओह बता, ऐसे ही कुछ देर हिलना डुलना नही, हाई! बरा जालिम है तुम्हारा लंड. मार ही डाला मुझे तुमने दीनू.” मैने सोचा लगता है मा को काफ़ी दर्द हो रहा है.
पहेली बार जो इतना मोटा और लंबा लंड उनके बुर मे घुसा था. मैं अपना लंड उनकी चूत मे घुसा कर चुप चाप पड़ा था. मा की चूत फदाक रही थी और अंदर ही अंदर मेरे लौरे को मसल रही थी. उनकी उठी उठी चूंचिया काफ़ी तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी. मैने हाथ बढ़ा कर दोनो चूंची को पकाद लिया और मुँह मे लेकर चूसने लगा. थोड़ी देर बाद मा को कुछ राहत मिली और उन्होने कमर हिलानी शुरू कर दी और मुझसे बोली, “बेटा शुरू करो, चोदो मुझे. लेलो मज़ा जवानी का मेरे राज्ज्ज्जा,” और अपनी गंद हिलाने लगी.
मैं थोडा अनारी. समझ नहीं पाया कि कैसे शुरू करूँ. पहले अपनी कमर उपर किया तो लंड चूत से बाहर आ गया. फिर जब नीचे किया तो ठीक निशाने पर नही बैठा और मा की चूत को रगदता हुआ नीचे फिसल कर गंद मे जाकर फँस गया. मैने दो तीन धक्के लगाया पर लंड चूत मे वापस जाने की बजाय फिसल कर गंद मे चला जाता. मा से रहा नही गया और तिलमिला कर ताना देती हुई बोली, “ अनारी से चुदवाना चूत का सत्यानाश करवाना होता है, अरे मेरे भोले दीनू बेटे ज़रा ठीक से निशाना लगा कर अंदर डालो नही तो चूत के उपर लॉरा रगर रगर कर झार जाऊगे.” मैं बोला, “ अपने इस अनारी बेटे को कुछ सिख़ाओ, जिंदगी भर तुम्हे अपना गुरु मानूँगा और जब चाहोगी मेरे लंड की दक्षिणा दूँगा.”
मा लंबी सांस लेती हुए बोली, “हाँ बेटे, मुझे ही कुछ करना होगा नही तो और मेरा हाथ अपनी चूंची पर से हटाया और मेरे लंड पर रखती हुई बोली, “इससे पकड़ कर मेरी चूत के मुँह पर रखो और लगाओ धक्का ज़ोर से.” मैने वैसे ही किया और मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया. फिर वो बोली, “अब लंड को बाहर निकालो, लेकिन पूरा नही. सुपरा अंदर ही रहने देना और फिर दोबारा पूरा लंड अंदर पेल देना, बस इसी तरह से करते रहो.”
मैने वैसे ही करना शुरू किया और मेरा लंड धीरे धीरे उनकी चूत मे अंदर-बाहर होने लगा. फिर मा ने स्पीड बढ़ा कर करने को कहा. मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज़ी से लंड अंदर-बाहर करने लगा. मा को पूरी मस्ती आ रही थी और वो नीचे से कमर उठा उठा कर हर शॉट का जवाब देने लगी. लेकिन ज़यादा स्पीड होने से बार बार मेरा लंड बाहर निकल जाता. इससे चुदाई का सिलसिला टूट जाता.
आख़िर मा से रहा नही गया और करवट ले कर मुझे अपने उपर से उतार दिया और मुझको चित लेटा कर मेरे उपर चढ़ गयी.
अपनी जाँघो को फैला कर बगल कर के अपने गद्देदार चूतर रखकर बैठ गयी. उनकी चूत मेरे लंड पर थी और हाथसे मेरी कमर को पकड़े हुए थी और बोली, “मैं दिखाती हूँ कि कैसे चोद्ते है,” और मेरे उपर लेट कर धक्का लगाया. मेरा लंड घाप से चूत के अंदर दाखिल हो गया. मा ने अपनी रसीली चूंची मेरी छाती पर रगर्ते हुए अपने गुलाबी होन्ट मेरे होन्ट पर रख दिए और मेरे मुँह मे जीभ डाल दी.
फिर उन्होने मज़े से कमर हिला हिला कर शॉट लगाना शुरू किया. बड़े कस कस कर शॉट लगा रही थी. चूत मेरे लंड को अपने मे समाए हुए तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी. मुझे लग रहा था कि मैं जन्नत मे पहुँच गया हूँ. अब पोज़िशन उल्टी हो गयी थी. मा मानो मर्द थी जो कि अपनी मसूका को कस कस कर चोद रहा था. जैसे जैसे मा की मस्ती बढ़ रही थी उनके शॉट भी तेज़ होते जा रहे थे.
अब वो मेरे उपर मेरे कंधो को पकड़ कर घुटने के बल बैठ गयी और ज़ोर ज़ोर से कमर हिला कर लंड को तेज़ी से अंदर-बाहर लेने लगी. उनका सारा बदन हिल रहा था और साँसे तेज़ तेज़ चल रही थी. मा की चूंचीआ तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी. मुझसे रहा नही गया और हाथ बढ़ा कर दोनो चूंची को पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा.
मा एक साधे हुए खिलाड़ी की तरह कमान अपने हाथो मे लिए हुए कस कस कर शॉट लगा रही थी. जैसे जैसे वो झरने के करीब आ रही थी उनकी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी. कमरे मे फ़च फ़च की आवाज़ गूँज रही थी. जब उनकी सांस फूल गयी तो खुद नीचे आकर मुझे अपने उपर खीच लिया और टाँगो को फैला कर उपर उठा लिया और बोली, “मैं थक गयी मेरे राज्ज्ज्जा, अब तुम मोर्चा सम्भालो.”मैं झट उनकी जाँघो के बीच बैठ गया और निशाना लगा कर झटके से लंड चूत के अंदर डाल दिया और उनके उपर लेट कर दनादन शॉट लगाने लगा.
मा ने अपनी टांग को मेरी कमर पर रख कर मुझे जाकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से चूतर उठा उठा कर चुदाई मे साथ देने लगी. मैं भी अब उतना अनारी नही रहा और उनकी चूंची को मसल्ते हुए दनादन शॉट लगा रहा था. पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाज़ से गूँज उठा था. मा अपनी कमर हिला कर चूतर उठा उठा कर चुदवा रही थी और बोले जा रही थी, “आह आअहह उनह ऊओह ऊऊहह हाआआं हययाआयी मीईरए राज्ज्जज्जा, माआआअर गाययययययए रीईए, ललल्ल्ल्ल्ल चूऊओद रे चूऊओद. उईईईईईई मीईईरीईई माआअ, फ़ाआआअत गाआआईई रीईई आआआज तो मेरी चूत. मीईएरा तो दम निकककककल दिया तुउउउउने तूऊ आआज. बारयाआया जाआअलीएम हाआऐरे तुउउउंहाआआरा लौरा, मैं भी बोल रहा था, “लीईए मेरिइई रनीई, लीई लीईए मेरा लॉरा अप्नीईइ चूत मीईए. बारयाआया तरपेयययययया है तूने मुझे. ले ले, ले मेरिइई राआआआआनि यह लंड आब्ब्ब्बब तेरा शाइयियी है. अहह! उहह क्या जन्नत का मज़ाआअ सिखाया तूने.
मैं तो तेरा गुलाम हू गयाआ.”मा गंद उछाल उछाल कर मेरा लंड अपनी चूत मे ले रही थी और मैं भी पूरे जोश के साथ उनकी चुन्चिओ को मसल मसल कर अपने गहरे दोस्त की मा की गहरी चुदाई कर रहा था.
मा मुझको ललकार कर कहती, लगाओ शॉट मेरे राजा”, और मैं जवाब देता, “यह ले मेरी रानी, ले ले अपनी चूत मे”. “ज़रा और ज़ोर से सरकाओ अपना लंड मेरी चूत मे मेरे राजा”, “यह ले मेरी रानी, यह लंड तो तेरे लिए ही है.” “देखो राज्ज्ज्जा मेरी चूत तो तेरे लंड की दीवानी हो गयी, और ज़ोर से और ज़ोर से आआईईईई मेरे राज्ज्जज्ज्ज्जा. मैं गइईईईई रीई,” कहते हुए मा ने मुझको कस कर अपनी बाहों मे जाकड़ लिया और उनकी चूत ने ज्वालामुखी का लावा छोड़ दिया.
अब तक मेरा भी लंड पानी छोड़ने वाला था और मैं बोला, “मैं भी अयाआआ मेरी जाआअन,” और मेने भी अपना लंड का पानी छोड़ दिया और मैं हाफ्ते हुए उनकी चूंची पर सिर रख कर कस के चिपक कर लेट गया. यह मेरी पहली चुदाई थी. इसीलिए मुझे काफ़ी थकान महसूस हो रही थी. मैं मा के सीने पर सर रख कर सो गया. वो भी एक हाथ से मेरे सिर को धीरे धीरे से सहलाते हुए दूसरे हाथ से मेरी पीठ सहला रही थी
कुछ देर बाद होश आया तो मैने उनके रसीले होंठो का चुंबन लेकर उन्हे जगाया. मा ने करवट लेकर मुझे अपने उपर से हटाया और मुझे अपनी बाहों मे कस कर कान मे फूस-फूसा कर बोली, “बेटा तुमने और तुम्हारे मोटे लंबे लंड नेतो कमाल कर दिया, क्या गजब का ताक़त है तुम्हारे लंड मे.” मैने उत्तर दिया, “कमाल तो आपने कर दिया है , आजतक तो मुझे मालूम ही नही था कि अपने लंड को इस्तेमाल कैसे करना है.
यह तो आपकी मेहेरबानी है जो कि आज मेरे लंड को आपकी चूत की सेवा करने का मौका मिला.” अबतक मेरा लंड उनकी चूत के बाहर झांतो के जंगल मे रगर मार रहा था. मा ने अपनी मुलायम हथेलिओं मे मेरा लंड को पकड़ कर सहलाना शुरू किया. उनकी उंगली मेरे आंडो से खेल रही थी. उनकी नाज़ुक उँगलिओ का स्पर्श पाकर मेरा लंड भी जाग गया और एक अंगराई लेकर मा की चूत पर ठोकर मारने लगा. मा ने कस कर मेरे लंड को क़ैद कर लिया और बोली, “बहुत जान है तुम्हारे लंड मे, देखो फिर से फड़-फादाने लगा, अब मैं इसको नहीं छोड़ूँगी.”
हम दोनो अगल बगल लेटे हुए थे. मा ने मुझको चित लेटा दिया, और मेरी टांग पर अपनी टांग चढ़ा कर लंड को हाथ से उमेठेने लगी. साथ ही साथ अपनी कमर हिलाते हुए अपनी झांट और चूत मेरी जाँघ पर रगर्ने लगी. उनकी चूत पिछली चुदाई से अभीतक गीली थी और उसका स्पर्श मुझे पागल बनाए हुए था. अब मुझसे रहा नही गया और करवट लेकर मा की तरफ मुँह करके लेट गया. उनकी चूंची को मुँह मे दबा कर चूस्ते हुए अपनी उंगली चूत मे घुसा कर सहलाने लगा. उन्होने एक सिसकारी लेकर मुझे कस कर चिप्टा लिया और ज़ोर ज़ोर से कमर हिलाते हुए मेरी उंगली से चुदवाने लगी. अपने हाथ से मेरे लंड को कस कर ज़ोर ज़ोर से मूठ मार रही थी.
मेरा लंड पूरे जोश मे आकर लोहे की तरह सख़्त हो गया था. अब मा की हद से ज़्यादा बेताबी बढ़ गयी थी और खुद चित हो कर मुझे अपने उपर खीच लिया. मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर रखती हुई बोली, “आओ मेरे राजा, सेकेंड राउंड हो जाए.”मैने झट कमर उठा कर धक्का दिया और मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ जड़ तक धँस गया. मा चिल्ला उठी और बोली, “जीओ मेरे राजा, क्या शॉट मारा है अब मेरे सिखाए हुए तरीके से शॉट पर शॉट मारो और फार दो मेरी चूत को.”
मा का आदेश पा-कर मैं दूने जोश मे आ गया और उनकी चूंची को पकड़ कर हुमच हुमच कर मा की चूत मे लंड पेलने लगा. उंगली की चुदाई से उनकी की चूत गीली हो गयी थी और मेरा लंड सतसट अंदर-बाहर हो रहा था. वो भी नीचे से कमर उठा उठा कर हर शॉट का जवाब पूरे जोश के साथ दे रही थी.
मा ने दोनो हाथो से मेरी कमर को पकड़ रखा था और ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत मे लंड घुस्वा रही थी. वो मुझे इतना उठाती थी कि बस लंड का सुपरा अंदर रहता और फिर ज़ोर नीचे खिचति हुई घाप से लंड चूत मे घुस्वा लेती थी. पूरे कमरे मे हमारी सांस और घपा-घाप, फ़च-फ़च की आवाज़ गूँज रही थी. जब हम दोनो की ताल से ताल मिल गयी तब मा ने अपने हाथ नीचे लाकर मेरे चूतर को पकड़ लिया और कस कस कर दबोचते हुए मज़ा लेने लगी. कुछ देर बाद मा ने कहा, “आओ एक नया आसान सिखाती हूँ,” और मुझे अपने उपर से हटा कर किनारे कर दिया. मेरा लंड ‘पक’ की आवाज़ साथ बाहर निकल आया.
मैं चित लेटा हुआ था और मेरा लंड पूरे जोश के साथ सीधा खरा था. मा उठ कर घुटनो और हथेलिओं पर मेरे बगल मे बैठ गयी. मैं लंड को हाथ मे पकड़ कर उनकी हरकत देखता रहा. मा ने मेरा लंड पर से हाथ हटा कर मुझे खींचते हुए कहा, “ऐसे पड़े पड़े क्या देख रहे हो, चलो अब उठ कर पीछे से मेरी चूत मे अपना लंड को घुसाओ.” मैं भी उठ कर उनके के पीछे आकर घुटने के बल बैठ गया और लंड को हाथ से पकड़ कर उनकी चूत पर रगर्ने लगा.
क्या मस्त गोल गोल गद्दे दार गंद थी. मा ने जाँघ को फैला कर अपने चूतर उपर को उठा दिए जिससे कि उनकी रसीली चूत साफ नज़र आने लगी. उनका का इशारा समझ कर मैने लंड का सुपरा उनकी चूत पर रख कर धक्का दिया और मेरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ जड़ तक धँस गया.
मा ने एक सिसकारी भर कर अपनी गंद पीछे कर के मेरी जाँघ से चिपका दी. मैं भी मा की पीठ से चिपक कर लेट गया और बगल से हाथ डाल कर उनकी दोनो चुची को पकड़ कर मसल्ने लगा. वो भी मस्ती मे धीरे धीरे चूतर को आगे-पीछे करके मज़े लेने लगी. उनके मुलायम चूतर मेरी मस्ती को दोगुना कर रहे थे. मेरा लंड उनकी रसीली चूत मे आराम से आगे-पीछे हो रहा था.
कुछ देर तक चुदाई का मज़ा लेने के बाद मा बोली, “चलो राज्ज्जा अब आगे उठा कर शॉट लगाओ, अब रहा नही जाता.” मैं उठा कर सीधा हो गया और मा के चूतर को दोनो हाथों से कस कर पकड़ कर चूत मे हमला शुरू कर दिया. जैसा कि मा ने सिखाया था मैं पूरा लंड धीरे से बाहर निकाल कर ज़ोर से अंदर कर देता.
शुरू मे तो मैने धीरे धीरे किया लेकिन जोश बढता गया और धक्को की रफ़्तार बढ़ती गयी. धक्का लगाते समय मैं मा के चूतर को कस के अपनी ओर खीच लेता ताकि शॉट तगरा परे. मा भी उसी रफ़्तार से अपने चूतर को आगे-पीछे कर रही थी. हम दोनो की साँसे तेज हो गयी थी. मा की मस्ती पूरे परवान पर थी.
नंगे जिस्म जब आपस मे टकराते तो घाप-घाप की आवाज़ आती. काफ़ी देर तक मैं उन्हे कमर पकड़ धक्का लगाता रहा. जब हालत बेकाबू होने लगी तब मा को फिर से चित लेटा कर उन पर सवार हो गया और चुदाई का दौर चालू रखा. हम दोनो ही पसीने से लथपथ हो गये थे पर कोइ भी रुकने का नाम नही ले रहा था.
तभी मा ने मुझे कस कर जाकड़ लिया और अपनी टाँगे मेरे चूतर पर रख दिया और कस कर ज़ोर ज़ोर से कमर हिलाते हुए चिपक कर झार गयी. उनके झरने के बाद मैं भी भाभी की चूंची को मसल्ते हुए झार गया और हाफ्ते हुए उनके उपर लेट गया. हम दोनो की साँसे ज़ोर ज़ोर से चल रही थी और हम दोनो काफ़ी देर तक एक-दूसरे से चिपक कर पड़े रहे.