Xossip - Hum bewafa hargiz na the हम बेवफा हरगीज़ न थें

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sexy
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Xossip - Hum bewafa hargiz na the हम बेवफा हरगीज़ न थें

Unread post by sexy » 03 Mar 2016 14:39

Hum Bewafa Hargiz Na The
Par Hum Wafa Kar Na Sake
Humko Mili Uski Sazaa
Hum Jo Khata Kar Na Sake......


Hello dosto main apni pahli nayi story likhne jaa raha hu umeed hai ki aapko meri pahli kahani pasand aayeghi,yeh kahani hai do dosto ki jo saath main hi padhe khele khudhe hassi mazak mean samjo dono lagothia yaar hai. yeh kahani love stories,romance aur kuch update entertainment hai abh aate hai kahani par....

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Introduction:


Lalita devi: Umar 55 saal ki,yeh jaane maane actress thi, saadi ke baad filmo ke kaam karna band kar diya aur abh yeh ek xxxx state ki chief minister hai log isse bahut aadar aur samaan dete hai,vyatighaat se uska swabhav bahut acha hai aur humesa gareebo ki madad karna aur insaf ke liye apni jaan bhi kurban denewalo main se thi.

Manav: Lalita devi ka pati sirf 45 main umar main uski mrityu ho gayi thi,Manav ek businessman the, Manav ke jaane ke baad Lalita devi ne uska saare karobar sambal fir uske baad usne saare business ko non profit organisation main tabdeel kar di.

Vishal: Umar 18 saal ka,Lalita aur Manav ka beta,kahani ka main character humesa masti mazakiya ladka usne kabhi zindgi seriously nahi li,padhne main average student,log usse vishu ke naam se jaante hai,uska ek lagothi yaar hai aur uske college main group friend hai jo sirf college tak hi dosti seemat hai.

Raj: umar 19 saal, second main character Vishu ka lagothi yaar, Raj ke choti umar main hi mata-pita terroist attack main maare gaye the iske baad lalita devi ne usse apne ghar le aayi, Vishu ka lagothi yaar hai toh jahir hai saat saath khel khude hai,Raj ek honehar student humesa padhai main top 10 rank ke under aata hai.

Vithika : Vithika story ki jaan,Vithika ki umar 18 saal hai .

Karishma: Umar 18 saal,raj aur vishu ki special dost.

Group dost: xossip ke readers.

Yeh kahani sirf kalpanik hai,isme jeevan ya mrityu se asli duniya se koi lena dena nahi.



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Re: Xossip - Hum bewafa hargiz na the हम बेवफा हरगीज़ न थें

Unread post by sexy » 03 Mar 2016 14:51

अप्देत नं १

ललिता देवी कार्यालय: दोपहर के २ बज रहे थे और लंच का समय हुआ था.ललिता देवी अपनी कूरस्सी मै बेतकर अपनी जीवन के यादो मे कोई चली जाती हैं जैसे उसने अपना जीवन सारे कारोबार संभाला हैं ,जैसे उसने समय कम होने से विशु की देखबाल नहीं कर पायी और विशु को माँ की कमी महसूस हुई ,विशु को समय ना देने से कारन माँ बेटे मै रिश्ते कट्टास पैंदा हो गई थीं विशु के सहारा रह गया था वो है सिर्फ उसका दोस्त राज अगर राज नहीं होता तो विशु का बचपन हमेशा अकेला बीत जाता था, सोचते सोचते अचानाक उसे दरवाजे पर खथत् खथत् हुई और ललिता देवी का ध्यान थूथ गया और अंदर आने को कहती हैं .दरवाजे के बहार मुख्य सचिव मिश्रा थें।

मिश्रा: मैडम आपका 03:30 pm को महत्वपूर्ण बैठक है जो दयानंदनगर गांव मै पानी की समस्या के लिए बैठक हैं.

ललिता देवी: ठीक है थोड़ी देर मै निकलते है।

मिश्रा: ठीक है मैडम।

बैठक जाने के ललिता देवी निकल जाती हैं.मीटिंग खत्म होने के बाद घर के लिए निकल जाती है, करीब दो घंटे बाद घर पहुँच जाती है हेरि को आवाज देती है हेरि हेरि.हेरि घर का नौकर का प्रधान है, माल्किन की आवाज़ सूनकर हेरि धोड़कर आया ,

हरि: जी माल्किन।

ललिता देवी: हेरि विशु घर मै आया?

हेरि: नहीं माल्किन,विशु बाबा घर नहीं आये वो तो राज के साथ मानववीस घर मै ही हैं।

ललिता देवी: ठीक है, डिनर के लिए तैयार रख लो मैं थोड़ी दैर मै आती हूँ
ये कहकर ललिता देवी अपनी कमरा मै आ जाती है तयार होकर प्राथमिकी खाने के हॉल मैं चली आती हैं, डिनर के बाद अपना कमरा मै आ कर विशु को कॉल करती हैं।

मानववीस हाउस

थोदी समय पहले:

राज: यार कॉलेज ४ दिन के बाद ओपन होनेवाला हैं और साले तू अभी भी पार्टी के लिए योजना बना रहा हैं।

विशु: अरे मेरे आधे दिल के टुकडे , मेरा लंगोटियार मेरा सब कुछ, कल की पार्टी में मेरी तरफ से हैं।

राज: कमीना तू सूधरेगा नहीं हमेशा उलता जवाब देता रहता है १.५ महीने मै मौज मस्ती छुट्टी यात्रा की पार्टी की और कह रहा है कल की पार्टी में मेरी तरफ से।

विशु: अरे बूरा क्यूं मान रहा है कल आखिरी पार्टी करते है फिर तो कॉलेज मै तो पढ़ाई ही करना हैं।

राज: हा हा साले तू और पढ़ाई साले अगर कॉलेज मैं तू एक दिन भी पढ़ाई की तो उस दिन मै समझूगा की दूनिया का आठ़वा अजूबा आ गया हैं.

विशु: अरे यार पढ़कर क्या मिलेंगा एक दिन की जिदंगी है फिर क्या पता कल हो ना हो।

राज: थोधे गूस्सा होकर साले कितने बार बोला हे ऐसे मत बोला कर मेरी बात सूनता नहीं है आईदा ऐसे भोला ना मेरे से भूरा कोई नहीं होगा।

विशु: अरे यार बूरा क्यूं मानता है, मैं तो मजाक कर रहा था, चल चोद इस बात को जल्दी फ्रेश हो जा आज मैं तुझे सरप्राइज़ पार्टी देते हू ।

राज: सरप्राइज़ पार्टी अबे ये क्या है मेरा कोई मूड नहीं पार्टी के मै जाने का।

विशु: तू आ या ना आ तेरी मर्जी लेकिन आज सरप्राइज़ पार्टी तो होकर ही रहेंगी.

राज: साले तुझे अच्छी तरह से जानता हूँ मैं नहीं जाऊगा तो तू भी नहीं जाएगा, कुछ भी कर ले मै नहीं जानेवाला।

विशु: तुझे कौन भुला रहा है, मै तो घर मै पार्टी दे रहा हुँ ओर ये नहीं पुछेगा की सरप्राइज़ पार्टी क्या है?

राज: तू कुछ भी कर मै नहीं आऊगा, घर मै भी की पार्टी है तो

विशु: चल ठीक हैं तू मत आ और मैं बता हूँ सरप्राइज़ पार्टी क्या है.

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Re: Xossip - Hum bewafa hargiz na the हम बेवफा हरगीज़ न थें

Unread post by sexy » 03 Mar 2016 14:52

अप्देत नं २



राज: तू कुछ भी कर मै नहीं आऊगा, घर मै भी की पार्टी है तो

विशु: चल ठीक हैं तू मत आ और मैं बता हूँ सरप्राइज़ पार्टी क्या है.

अब आगे:

विशु: थोड़े जूता भावनात्मक होकर सरप्राइज़ पार्टी मै आज मेरे लंगोटियार के लिए मेने अपने हाथ से विशेष रात का खाना बना रहा हूँ.लोग तो दोस्त के लिए तो जान दे देते और मेरा एक लंगोटियार है जो मेरे हाथ का स्वादिष्ट खाने नहीं खा सकता।

राज: चौकर अबे क्या बोल रहा है आज रात के खाने तू बना रहा है ,क्या पागल हो गया तुझे खाना कब से बनाने आता हैं?

विशु: तुझे उसे क्या, मै बना रहा हूँ ये सरप्राइज़ से कम है क्या और अब बोल आता है की नहीं पार्टी में।

राज: अबे तू बना रहा है तो जहर भी खा जाऊ और कह रहा है पार्टी मे आ रहा है और एक मिनट पार्टी क्यूं बोल रहा ये तो सरप्राइज़ रात के खाने के है, सरप्राइज़ रात के खाने के नहीं बोल सकता था?

विशु: बोल तो सकता, मै सोचा तू आ जाएगा इसलिए बोल दिया सरप्राइज़ पार्टी, मुझे क्या पता नाटक करेगा।

राज: ठीक हैं, पर ये तो पता क्या बना रहा हैं?

विशु: बता तू तो सरप्राइज़ क्या रहा जाएगा अभी रात के खाने के क्या है वो तो सरप्राइज़ रहने दे.चल बहुत बात हो गई मैं चला कुक करने।

राज: ठीक है साले अच्छा बनाना नहीं तो कल बाथरूम मै कैदी नहीं बन्ना है मुझे।

विशु: जाते जाते अबे फिक्कर मत कर खाना अच्छा नहीं बना तो बाथरूम मै कंपनी देने के लिए आ जाऊगा और कहकर निकल पदा रसोई की तरफ।

उसके कुछ मिनट बाद ललिता देवी का फोन बज जाता है, विशु का फोन कमरा मै था.राज की नजर फोन पर जाती है.फोन नं देखकर फोन उठा हुए।

राज: हैलो।

ललिता देवी:हैलो विशु ।

राज: हैलो मे राज बोल रहा हू माताजी।

ललिता देवी: राज बेटे केसे हो?

राज: मै ठीक हू माताजी, कहिए माताजी आपने कैसे याद किया?

ललिता देवी:अरे बेटा मै तो विशु की तबीयत के बारे मै पुछने के लिए फोन किया था और बहुत दिन हो गए विशु कब आ रहा है दिल्ली, विशु को फोन तो दे जरा?।

राज: विशु बिल्कू ठीक है माताजी वो अभी रसोई पर गया है।

ललिता देवी:तोडे जोर से क्या सब नौकर कहा गए?

राज: माताजी ऐसे कोई बात नहीं जरासल विशु आज सरप्राइज़ रात का खाना देना चाहता है वो हमारे रात के खाने के लिए अपना हाथ से रात के खाने के बना चाहता है।

ललिता देवी: क्या है ये, क्या पागलपन है.ये लड़का भी ना चल कोई बात नहीं खास मै भी आ पाती थोदी बावूक होते हूए, कोई बात नहीं क्या बना रहा है रात के खाने पर?

राज: पता नहीं माताजी वही सरप्राइज़ है।

ललिता देवी: ठीक है पहले भी कभी खाना बनाया है?

राज: नहीं माताजी विशु पहली बार बना रहा है।

ललिता देवी: अच्छा बेटा उसे बात तो करवा।

राज: माफ माताजी विशु रसोई पर है अभी उसे बात नहीं करवा सकते।

ललिता देवी: कोई बात नही, रात के खाने के बाद मुझे फोन करने को बोल देना।

राज: ठीक हे माताजी।

ललिता देवी: अलविदा बेटा फोन जरूर करना।

राज: ठीक है माताजी।

और फोन कट हो जाता है।

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