Xossip - Hum bewafa hargiz na the हम बेवफा हरगीज़ न थें

romantic stories collection, all English or hindi romantic stories, long romantic stories in English and hindi. Love stories collection. couple stories..
User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: Xossip - Hum bewafa hargiz na the हम बेवफा हरगीज़ न थें

Unread post by sexy » 05 Mar 2016 18:53


अप्देत नं ६

नृत्य के अंत के बाद पाँचों ताली बजाते है ओर विशु कहने लगता वाह काका और मौसी क्या नृत्य किया मजा आ गया क्यूं राज?

राज: हा काका मौसी मजा आया आप लोगो के नृत्य करने मै डांस क्लब को पीछै चोद दिया।

विशु: चलो काका-मौसी कौन पहले आया घोषणा करने का वक्त आ गया ।

अब आगे,

इसे पहले विशु घोषणा करता

रामू काका: नहीं विशु बाबा हमे कोई इनाम नहीं चाहिए,हमने नृत्य किया वो ही हमारा ईनाम था ,इतने सालो बाद नृत्य किये हमे इतना खुशी हुई हम आपको बता नहीं सकते।

नाटु काका: हा विशु बाबा इतने सालो बाद नृत्य करके मज़ा आ गया हम को भी कोई इनाम नहीं चाहिए , इतना सब कुछ बोल दिया तो चंदा मौसी भी केसे चुप रहती,

चंदा मौसी: हमे भी नहीं चाही इनाम रोज घरो का काम करके ठक से गए थे इतना मजा जिंदगी मे कभी नहीं आया,

इतना सब सूनकर विशु बोलता है
आपको इनाम तो राज ने दे ही दिया , सब राज की तरफ देखते राज तो खुद भ्रमित मे है , मन मे कहते हुए इसे मेने कब इनाम दिया, इनाम तो दूर कौन जीता वो भी मुझे नहीं मालूम ,

विशु: राज मैं आपको इनाम मैं आपको टोडी देर ही सही हम सब ने मिलकर आनंद किया वो बड़ी इनाम से कम हो सकती नहीं,आप सब दिन बर काम करते है ऐसे मै काम से तनाव आ ही जाता है और मै ये कहना चाहता हू की मैं आपको तीनों नृत्य करवाने का योजना मेरा था जरासल मै आप के लोगो से नृत्य करवाना चाहता था तो आपसे सीधा सीधा कहता तो आप मना कर लेते इसलिए आपको उकसाया ताकी आप तीनों नृत्य आपकी मर्जी से ही नृत्य करे, मेरा कोई मंशा नही थी की मैं आपको कोई तकलीफ देने की अगर मैं आपको मेरे तरफ से कोई भी तकलीफ हुई तो माफी मागंता हू ओर इतना कहकर चुप हो गया।

नाटु काका: नहीं विशु बाबा आपने कोई गलती नहीं की आप माफी नहीं मागेंगे।

रामू काका: हा विशु बाबा आप माफी नहीं मागेंगे।

चंदा मौसी: विशु बाबा आप सही कह रहे थे अगर आप सीधा सीधा कहते तो हम सब नृत्य के लिए मना करते आप ने सही किया ।

विशु: तो आप सब को आपत्ती नहीं हुई।

तीनो कहने लगे नहीं।

विशु: बहुत बहुत धन्यावाद आपका ओर राज ने तो इनाम दे दिया मैं आपको मेरे तरफ से भी अभी मैं आपको इनाम मिलेंगा ओर कोई मना नहीं करेंगे अगर कोई मना करेंगे तो मैं समझूगा आपने मुझे माफ नहीं किया ओर कुछ भी बहाना नहीं सुनूगा

चंदा मौसी: विशु बाबा आपने कह ही दिया तो कौन मना कर सकता है।

विशु: आपने तीनों ने बहुत अच्छा नृत्य, नृत्य क्या पूरा हिला दाला चरण को इसलिए आप तीनों ही विजेता हे ओर मैं आपको इनाम मे रामू काका नाटु काका को और चंदा मौसी को हर एक को ५०-५० हजार ₹ इनाम मिलते है।

तालीया, हम पाँचो ने मिलकर फिर से तालीया बजाई प्राथमिकी तीनों को इनाम देखकर आज का कार्यक्रम खत्म होने की घोषणा कर दी ओर रामू काका और चंदा मौसी वापस चले गए ओर नाटु काका रसोई मे।

विशु: राज कैसा लगा पार्टी?

*राज: सुपर यार तेरे दिमाग मे ऐसे विचार केसे आते हे?

*विशु: सरल है यार मुझे पहले ही पता था रामू काका और चंदा मौसी के दोनो के बीच ३६ का आंकदा है बस दोनो को उकसाह रहा था और अपना काम हो गया।

राज: मतलब की तुमने योजना पहले से ही बनाया था अगर तेरा योजना असफल हो जाता तो, काका और मौसी नहीं मानते ? ।

विशु: प्रतियोगिता हो या ना हो ये मायने नहीं थी मेरे लिये, मैं ५० हजार पहले ही तीनों को देनेवाला था, मैं चाहता था की ५० हजार तीनों को उपहार की तरह जेसे मिले ना की बोनस की तरह बाल्की तीनों ये ना सोचेंगे मेने बोनस दिया है ओर योजना असफल भी हो जाता तो कुछ नही होता हम दोनों का खाना इस वक़्त खत्म हो गया होता ओर क्या लंगोटियार हे भूख नहीं लगी हे क्या? या तो फिर मेरे हाथ से खाना बना हुआ नहीं चाहता ?।

राज: यार तू भी न चल खाना खाते हे।

विशु: तो चल खाना खाने ओर नाटु काका से कहता हे की काका खाना गरम करके खाने की मेज मे दाल दे ओर राज को देखते तो महाशय तयार हे रात के खाने के लिए ।

राज: हा तयार हू तोडे धिम्मी आवाज मे।

विशु जान लेता हे की राज नर्वस मे हे ओर कुछ सोचते हुए।

विशु:फिर कहता हे राज क्या कल के लिए बाथरूम मे कमरे बुक कर ली ओर कहकर हंसने लगता हे

ओर विशु की बात सूनकर राज ओर घबरा जाता हे

राज: अबे दरा मत पहले ही रात के खाने के तूमने बनाया है ये सोचकर दिमाग फटा जा रहा है ।

विशु: धरता क्यु है मै भी तो खानेवाला हू ओर तुझे क्या लगा मै आधे दिल के ठुकदे को कोई तकलीफ दुंगा?

राज: कह तो तू रहा सही पर ये तो पता तू हमेशा मुझे प्यार से आधा दिल का टुकरा क्यु कहता है?

विशु: देख यार हर दिल मे किसी कोने मे कोई न कोई तो रहता हे जेसे की दोस्त हो, प्रेमकी हो फिर माता-पिता हो सममूल्य दिल मे एक विशेष जगह होती जिसे दिल धकड़ता हे उसमे से तू आधा दिल का ठुकरा हे समझा और हा आधा दिल का ठुकरा तेरी होनेवाली भाभी के लिए है।

ओर नाटु काका खाने की मेज पर रात के खाने लगा लेता है ।

विशु: तो राज तयार हो जा आज की सरप्राइज़ रात के खाने की।

नोट: तो बताओ पाठक रात के खाने के मै क्या बनाया होगा ओर क्या खाना खाने लायक रहेंगा या खाना स्वादिष्ट होगा?

User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: Xossip - Hum bewafa hargiz na the हम बेवफा हरगीज़ न थें

Unread post by sexy » 05 Mar 2016 18:54

अप्देत नं ७

विशु: देख यार हर दिल मे किसी कोने मे कोई न कोई तो रहता हे जेसे की दोस्त हो, प्रेमकी हो फिर माता-पिता हो सममूल्य दिल मे एक विशेष जगह होती जिसे दिल धकड़ता हे उसमे से तू आधा दिल का ठुकरा हे समझा और हा आधा दिल का ठुकरा तेरी होनेवाली भाभी के लिए है।

ओर नाटु काका खाने की मेज पर रात के खाने लगा लेता है ।

विशु: तो राज तयार हो जा आज की सरप्राइज़ रात के खाने की।

अब आगे,

विशु बोलता हे नाटु काका आप रहने दीजिए रात के खाने के सर्व करता हुँ रात के खाने हो जाने कै बाद मैं आपको भुला लूंगा और नाटु काका चले जाते है .तो राज तयार रहिए दुनिया का सबसे बड़ा चैफ के हाथ यानी विशु चैफ के साथ रात के खाने के लिए जो आप बेसबर से इंतजार कर रहें।

राज: सोचता हे कितना नौटंकी करता है सीधा दावत दे नहीं सकता पहले नाटु काका रामू काका और चंदा मौसी का नृत्य करवाया ओर अब रात के खाने के मे भी भाषण दे रहा हे पता नहीं होनेवाली भाभी इसे केसे जेलेंगी, भाभी को तो बाद मे देखेंगे अभी तो पढ़ाई पूरी करनी हे साला खुद फ़ादु हे मुझे भी फ़ादु बनाकर चोदेंगा, तभी

विशु: राज राज की आवाज़ लगाता हे ओर बोलता हे अबे बार बार दुसरे दुनिया मे क्यु चला जाता है ? कभी भी देखु सोचता रहता है।

राज: अरे यार तू अपना भाषण देने मे नहीं टकता तो मैं दूसरे दूनिया में जाता हुँ तुझे क्यु समस्या हो रही हैं?

*विशु: वाह क्या जवाब दिया और मेरे साथ रहते रहते कितना स्मार्ट हो गया तू? लगे रहे ऐसे ही मज़ा आता है ऐसे जवाब सुनकर।

बेचारा राज क्या बोल पाता चुप रहना ही अपनी भलाई समझी ओर कुछ कहुँगा तो ओर भाषण देता रहेंगा

राज: अरे यार बहुत भुख लगी है देख ०९:४० हो रहे हे ओर खाने के बाद प्राथमिकी बात करते है जब कुभ गप्पे लड़ा आएगे, पेठ मे चुँहा धोड़ रहा हे ओर दिमाग भी काम करना बंद कर दिया और इंतजार नहीं होता।

विशु: चल ठीक हे पहले खाते है ओर प्लेट राज की तरफ देती है ओर एक एक पकवान खुला करता है।

रात के खाने के पर चीनी पनीर मिर्च, ष्छेज़्वन् फ़ाईद राईस ,हक्का नूडल था।

राज खाना देखकर भुख और बड़ गयी

राज: विशु वाह क्या कमल का मेनू हैं,खाने मे तो मज़ा आ जाएगा ओर तुझे चीनी खाना कब से बनाना आती हैं?

विशु: अबे ये रात के खाने के तो बच्चा भी बनवा सकता हैं, कल स्मार्टफोन मे विज्ञापन देखा था ये सब तो तत्काल प्रतिबंध जाता है ओर हंसने लगता हैं।

राज: तू भी ना चल खाना खाते है ओर दोनो खाने लगते है,

खाने के बाद

राज: यार खाना बहुत स्वादिष्ट था सच्ची।

विशु: यार अच्छा क्यूं नहीं लगेंगा दूनिया का सबसे बड़ा चैफ ने जो बनाया हैं।

ओर नाटु काका को बोलता है नाटु काका खाना खा लिया है आप सब लेखकर जा सकते है ओर दोनो कमरे की तरफ जाते है।

विशु चल राज मेरे कमरे मे और दोनो विशु के कमरे मे जाते है

विशु: राज मे बाथरूम मे जा रहा हु ओर बोलकर बाथरूम मै गुस्स जाता है ।

ओर राज माताजी को कॉल फोन डायल करता है ओर ललिता देवी कॉल लेने करती है ।

ललिता देवी: हैलो।

राज: हैलो माताजी मे राज बोल रहा हू।

ललिता देवी: हा राज बेटा कितनी देर लगा दी फोन करने मे।

राज: माताजी रात के खाने के अभी थत्म हुआ ओर सीधा मैं आपको फोन लगा दिया।

ललिता देवी: इतना देर सब ठीक तो था ना?

राज: हा माताजी ओर विशु के सारे का कार्यक्रम बता दिया और खाना कैसा था वो भी बता दिया।

ओर दूसरी तरफ विशु बाथरूम से बहार आते है राज और माँ की सारी बाते सुन रहा था।

माताजी: राज बेटा जरा विशु को फोन दे

राज: जी माताजी अभी देता हू।

राज बाथरूम की ओर देखकर विशु बहार ही था

राज: विशु माताजी का फोन आया हैं।

नोट: मानववीस घर कैसा दिखता है वो मैं आपको ये कहानी का दुसरा हिस्सा मे मिलेंगा अभी कहानी तो बहुत बाकी है ओर मानववीस घर इस कहानी की मुख्य भूमिका यानी वीथिका का बेटा बताएगा क्युकी मानववीस घर कहानी मे बहुत विशेष हैं।

User avatar
sexy
Platinum Member
Posts: 4069
Joined: 30 Jul 2015 19:39

Re: Xossip - Hum bewafa hargiz na the हम बेवफा हरगीज़ न थें

Unread post by sexy » 05 Mar 2016 18:54

अप्देत नं ८

माताजी: राज बेटा जरा विशु को फोन दे

राज: जी माताजी अभी देता हू।

राज बाथरूम की ओर देखकर विशु बहार ही था

राज: विशु माताजी का फोन आया हैं।

अब आगे,

विशु राज से फोन लेकर,

विशु: हैलो माँ।

ललिता देवी: कैसा है मेरा बच्चा कितने दिन हुआ है तुझे देख कर, तेरे कॉलेज भी ४ दिन को बाद चालू हो रहा है एक बार मिल्ने के लिए आ जा ?

विशु: माँ, मैं ठीक हू, बिलकुल फिट और ठीक राज मेरा पूरा ख्याल रख रहा हैं।

ललिता देवी: बेटा मैं सब जानती हू,तूम दोनो ही एक दूसरे का बहुत ख्याल रखते हो।

विशु: हा माँ, हम एक दूसरे का बहुत ख्याल रखते हे आप जरा भी फिकर मत कीजिए,मैं और राज हम दोनों पर्सो सूबह सूबह आ जाऐगें ओर शाम को कॉलेज के लिए निकल जाऐगें ।

ललिता देवी: अच्छा ठीक हे बेटा, मैं तेरा इंतजार करूगीं।

विशु: ठीक है मां

ललिता देवी: ठीक अलविदा बेटा, शुभ रात्रि।

विशु: शुभरात्रि।

विशु: चल घर के पीछे चलते हैं।

राज: चल फिर।

राज और विशु घर के पीछे नदीं के किनारे मे आ जाते हे ओर साथ मे दो बोतल शराब ले आते हैं।

विशु: राज कितने दिन के बाद दारू पी रहे है।

राज: अबे गए हफ्ते ही तो पी थी और पीने के चक्कर मे हम दोनो घर के दरवाजे पर ही लुड़क गए किसी तरह घर तो आ गए वरना सड़क मे सोना पढ़ता।

दोनो राज और विशु शराब पीने सुरु करते हैं।

विशु: हा यार इसलिए तो तुझे घर के पीछे बोला वरना तू मना कर देता बहार पीने मे।

अब धीरे धीरे नशा चड़ने लगती हैं।

विशु: यार साला एक बोतल खत्म नहीं होती दारू चड़ने लगती हे।

राज: हा यार लोग तो साले आराम से दो टंकी खाली कर देते हे ओर हम साले आधी बोतल में चड़ जाती हे।

विशु: अबेबे हे फ़ादुउउ येएए वाईनन है बीयररर नहीं ओर हमारीईई ऊमररर भी कितनी हे १९ साललल।

राज: अबेबे १९ का मेइइ हुउउ तू १८ का हेएए।

विशु: हा याररर मैं १८ का हू अच्छा हुआआ तेरीईई सालल बेकारर हुआआ देखख मुझेझे कितनानन फायदादद हुआ अबब हमम दोनोनन एकक हीहह साथथथ मेएए हैंअअ।

राज: अरेरे हा यारर बचपनन मेंमम तेरीईई मेहरबानीईई थींईई वरनानन अलगग वर्ग में मज़ाजज नहींहह आतातत।

विशु: तेरीईई लिएएए कितनेनन पापददद बेलेललल मेंनेननन।

अब चलते हे छोटा सा

फ्लैशबैक,

८ साल पहले स्कूल अलग वर्ग होने से दोनो के बीच ज्यादा मज़ा नहीं आता ऐसे में विशु योजना बनाता हे राज भाई तुझे एक बात बोलनी हैं हा बोलना विशु, देख राज तेरा और मेरा बीच एक वर्ग में फर्क हें मैं चाहता हू ये वर्ग में तू असफल हो जा, जानता हू तू शीर्ष छात्र है तेरे असफल होने से तुझे अच्छा नहीं लगेंगा लेकिन तू असफल हो जाएगा तो हम दोनों वर्ग एक हो जाएगा

राज: विशु भाई बोल तो तू सही रहा मुझे भी ये वर्ग ज्यादा पसंद नहीं हैं लेकिन मैं अपनी मर्जी से असफल हू तो घर में सबको पता चल जाएगा, ऐसे में

विशु देख शुरवात में तू पड़ाई कम कर दे जिसे तीसरे और आखिरी सेमेस्टर मैं तुझे ज्यादा पड़ाई करने पदें , तीसरे सेमेस्टर में तू बिमार का बहाना बना लेंगे जेसे सब को लगे बिमार के कारन तुझे मार्कस कम मिले और आखिरी सेमेस्टर में टोनी के ऊपर जूता झगड़ा कर ले इतिहास के पेपर में जिसे तुझे और टोनी को सेमेस्टर परीक्षा में बेठ़ने नहीं देंगे तू तो जानता है टोनी इतिहास में हमेशा होशियार रहता है बस परीक्षा के कुछ मिनट पहले तू झगड़ा कर लेना किसी भी तरह ओर तू इतिहास का पेपर तोड़ा ही लिखना जिसे तू असफल हो सके बस इतना याद रखना ये साल हम दोनो ज्यादा बात नहीं करेंगे ऐसे में तू असफल हो जाएगा ओर किसकी को शक नहीं होगा , राज योजना अच्छा हे तू फीकर मत कर तुमने केसे भोला हे मैं वेसे ही करूँगा लेकिन विशु भाई आप असफल मत हो जाना, विशु बोलता हे तू फीकर मतकर मैं पूरी मेहनत करूँगा योजना के मुताबीक सब वेसे ही चल रहा था जेसे सोचा था और किस्मत से लास्त कागज इतिहास ही था बस आखिरी सेमेस्टर में टोनी और राज के बीच ज्यादा ही झगड़ा हुआ जिसे राज और टोनी को माता-पिता बुलाना पड़ा (राज की तरफ से ललिता देवी आयी थी) .योजना सफल हुआ ओर राज फैल हो गया और टोनी पारित हो गया था, राज को थोड़ा बूरा लगा असफल होने पर लेकिन विशु और राज एक वर्ग को आने से खुश था ओर उसी समय से राज और विशु दोनो साथ खेले पड़े और दोनो लंकोटियार हो गए।

फ़्लैश बैक अंत

नोट: कुछ पाठकों को अंतराल रहा होगा शब्द के आखरीर में वर्तनी की गलती हुआ हे तो मैं बता बता दु की राज और विशु दोनो नशे में हें इसलिए ऐसा लिखा गया हैं।

Post Reply