Re: Xossip - Hum bewafa hargiz na the हम बेवफा हरगीज़ न थें
Posted: 03 Mar 2016 14:52
अप्देत नं ३
ललिता देवी: कोई बात नही, रात के खाने के बाद मुझे फोन करने को बोल देना।
राज: ठीक हे माताजी।
ललिता देवी: अलविदा बेटा फोन जरूर करना।
राज: ठीक है माताजी।
और फोन कट हो जाता है।
अब आगे,
कुछ समय बाद:
विशु रात के खाने के तयार करके राज के कमरा मे आ जाता है अबे राज कहा पर हैं? राज जवाब देता है, अरे मैं फ्रेश हो रहा हूँ |
विशु: अबे इतना समय लगाता है क्या फ्रेश होने में?
राज जवाब देता है, नहीं भाई माताजी का फोन आया था ,
विशु अच्छा ठीक है जल्दी फ्रेश हो जा मैं अपने कमरा मे फ्रेश होकर आता हूँ और हा रात के खाने के लिए तैयार हैं, सीधा खाने की मेज पर आ जाना, राज कहता ठीक है ओर विशु अपने कमरा मे फ्रेश होकर खाने की मेज की ओर निकल जाता है, जब विशु खाने की मेज की तरफ आ रहा था तो राज भी खाने की मेज की ओर बद रहा था, राज विशु को आवाज देता है। विशु पीछे मुधकर राज को देकता है ओर दोनो साथ मे खाने की मेज पर की तरफ जाने लगते हे।
विशु: चल तोदा नृत्य कर लेते है।
राज: नहीं यार नृत्य का मूड नहीं है ओर सिर्फ हम दोनो नृत्य करेगे मजा नहीं आऐगा।
विशु: कौन कहता हे सिर्फ हम दोनो करेगें घर मे ओर भी लोग है रामू काका, नाटू काका, चंदा मौसी (घर को सम्भाल ने वाले नौकर) आज उनके साथ नृत्य करेंगे।
राज: चिड़ते हए अरे यार क्यूं इन लोगो को मजबूर कर रहा है नृत्य करने में, अगर तू कहेंगा भी तो मना कर लेगे ओर तू इसके साथ जबरदस्त नहीं करेगें, काका ओर मौसी को कितना अजीब लगेंगा |
विशु: अबे कौन कह रहा इसे जबरदस्ती नृत्य करवाऊगा, जानता हू काका-मौसी मना करेगें नृत्य के लिए, मैं तो सिर्फ उसे आज आनंद करवाऊगा तू सिर्फ देकता जा काका ओर मौसी को केसे आनंद करवाता हूँ बस तू मेरे साथ दे ।
राज: ठीक हे मै तेरे साथ देने के लिए तयार हूँ लेकिन काका-मौसी नहीं मानेंगे तो मे तेरे साथ नहीं दुंगा।
विशु: चल अब मे जेसे जेसे बोलता हूँ वेसे मेरे हा मे हा मिलता जा
ओर दोनो खाने की मेज के बदले हॉल पर आ जाते है, विशु राज से कहता हे तैयार हे ना राज कहता हे तयार इतना कहकर विशु नाटू काका को आवाज देता हे , नाटू काका आवाज सूनकर विशु बाबा से कहता हे रात का खाना खाने की मेज पर रख लू ?.
विशु: नहीं काका जरा रामू काका ओर चंदा मौसी को भुला लाओ।
नाटू काका चंदा मौसी ओर रामू काका को भुला लाता हे, तोडे मिनट बाद रामू, नाटु ओर चंदा हॉल पर आ जाते है, रामू काका और नाटू काका दोनो भाई हैं|
विशु: नाटू काका ओर रामू काका गांव मे काकी केसी है ओर घर मै सब केसे चल रहा हैं?
नाटू काका: भगवान के दया से विमला (नाटू काका की पत्नी) सब कुछ ठीक हे ओर घर मै कोई भी समस्या नहीं हैं।
विशु: ओर रामू काका आपका?
रामू काका: जी बाबा, शीला (रामू की पत्नी) भी ठीक है और जैसे नाटू भाई ने कहा घर मै सबकुच ठीक चल रहा।
विशु: और चंदा मौसी आपके दोनो बेटे केसे हैं?
चंदा मौसी: दोनो बेटे ठीक है विशु बाबा, अगले महीने १५ तारिक से स्कूल भी चालू हो जाएगा।
विशु: ठीक है चंदा मौसी आप अगले हफ्ते मे गावों चले जाओ ओर हा कल हम यहाँ नहीं रहेंगे ओर मैं आपको ४५ दिन की छूट्टी देता हूँ।
चंदा मौसी: खुश होकर सच बाबा?
विशु: हा सच, ये सूनकर रामू ओर नाटू काका को मूह छोटा हो जाता है ओर हा रामू काका और नाटू काका आप भी ४५ दिन की छूट्टी देता हूँ लेकिन चंदा मौसी के आने के बाद यानी दूसरे अगले महीने पर, आखिर घर मे संभालनेवाला भी तो होना चाहीए। रामू काका और नाटू काका ४५ दिन की छूट्टी सूनकर खुश हो जाते।
विशु: क्यूं राज को आँख मार के सही कह रहा हू ना?
राज: हा हा क्यूं नहीं ऐसे मै आप तीनो को लंबी छूट्टी भी मिल जाऐगी ओर सोचने लगता है ये विशु आखिर करना क्या चाहता हे।
ललिता देवी: कोई बात नही, रात के खाने के बाद मुझे फोन करने को बोल देना।
राज: ठीक हे माताजी।
ललिता देवी: अलविदा बेटा फोन जरूर करना।
राज: ठीक है माताजी।
और फोन कट हो जाता है।
अब आगे,
कुछ समय बाद:
विशु रात के खाने के तयार करके राज के कमरा मे आ जाता है अबे राज कहा पर हैं? राज जवाब देता है, अरे मैं फ्रेश हो रहा हूँ |
विशु: अबे इतना समय लगाता है क्या फ्रेश होने में?
राज जवाब देता है, नहीं भाई माताजी का फोन आया था ,
विशु अच्छा ठीक है जल्दी फ्रेश हो जा मैं अपने कमरा मे फ्रेश होकर आता हूँ और हा रात के खाने के लिए तैयार हैं, सीधा खाने की मेज पर आ जाना, राज कहता ठीक है ओर विशु अपने कमरा मे फ्रेश होकर खाने की मेज की ओर निकल जाता है, जब विशु खाने की मेज की तरफ आ रहा था तो राज भी खाने की मेज की ओर बद रहा था, राज विशु को आवाज देता है। विशु पीछे मुधकर राज को देकता है ओर दोनो साथ मे खाने की मेज पर की तरफ जाने लगते हे।
विशु: चल तोदा नृत्य कर लेते है।
राज: नहीं यार नृत्य का मूड नहीं है ओर सिर्फ हम दोनो नृत्य करेगे मजा नहीं आऐगा।
विशु: कौन कहता हे सिर्फ हम दोनो करेगें घर मे ओर भी लोग है रामू काका, नाटू काका, चंदा मौसी (घर को सम्भाल ने वाले नौकर) आज उनके साथ नृत्य करेंगे।
राज: चिड़ते हए अरे यार क्यूं इन लोगो को मजबूर कर रहा है नृत्य करने में, अगर तू कहेंगा भी तो मना कर लेगे ओर तू इसके साथ जबरदस्त नहीं करेगें, काका ओर मौसी को कितना अजीब लगेंगा |
विशु: अबे कौन कह रहा इसे जबरदस्ती नृत्य करवाऊगा, जानता हू काका-मौसी मना करेगें नृत्य के लिए, मैं तो सिर्फ उसे आज आनंद करवाऊगा तू सिर्फ देकता जा काका ओर मौसी को केसे आनंद करवाता हूँ बस तू मेरे साथ दे ।
राज: ठीक हे मै तेरे साथ देने के लिए तयार हूँ लेकिन काका-मौसी नहीं मानेंगे तो मे तेरे साथ नहीं दुंगा।
विशु: चल अब मे जेसे जेसे बोलता हूँ वेसे मेरे हा मे हा मिलता जा
ओर दोनो खाने की मेज के बदले हॉल पर आ जाते है, विशु राज से कहता हे तैयार हे ना राज कहता हे तयार इतना कहकर विशु नाटू काका को आवाज देता हे , नाटू काका आवाज सूनकर विशु बाबा से कहता हे रात का खाना खाने की मेज पर रख लू ?.
विशु: नहीं काका जरा रामू काका ओर चंदा मौसी को भुला लाओ।
नाटू काका चंदा मौसी ओर रामू काका को भुला लाता हे, तोडे मिनट बाद रामू, नाटु ओर चंदा हॉल पर आ जाते है, रामू काका और नाटू काका दोनो भाई हैं|
विशु: नाटू काका ओर रामू काका गांव मे काकी केसी है ओर घर मै सब केसे चल रहा हैं?
नाटू काका: भगवान के दया से विमला (नाटू काका की पत्नी) सब कुछ ठीक हे ओर घर मै कोई भी समस्या नहीं हैं।
विशु: ओर रामू काका आपका?
रामू काका: जी बाबा, शीला (रामू की पत्नी) भी ठीक है और जैसे नाटू भाई ने कहा घर मै सबकुच ठीक चल रहा।
विशु: और चंदा मौसी आपके दोनो बेटे केसे हैं?
चंदा मौसी: दोनो बेटे ठीक है विशु बाबा, अगले महीने १५ तारिक से स्कूल भी चालू हो जाएगा।
विशु: ठीक है चंदा मौसी आप अगले हफ्ते मे गावों चले जाओ ओर हा कल हम यहाँ नहीं रहेंगे ओर मैं आपको ४५ दिन की छूट्टी देता हूँ।
चंदा मौसी: खुश होकर सच बाबा?
विशु: हा सच, ये सूनकर रामू ओर नाटू काका को मूह छोटा हो जाता है ओर हा रामू काका और नाटू काका आप भी ४५ दिन की छूट्टी देता हूँ लेकिन चंदा मौसी के आने के बाद यानी दूसरे अगले महीने पर, आखिर घर मे संभालनेवाला भी तो होना चाहीए। रामू काका और नाटू काका ४५ दिन की छूट्टी सूनकर खुश हो जाते।
विशु: क्यूं राज को आँख मार के सही कह रहा हू ना?
राज: हा हा क्यूं नहीं ऐसे मै आप तीनो को लंबी छूट्टी भी मिल जाऐगी ओर सोचने लगता है ये विशु आखिर करना क्या चाहता हे।