एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

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jasmeet
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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by jasmeet » 02 Nov 2016 10:47

“देखो हर कोई प्यार में बोल्ड स्टेप नहीं उठा सकता. आंटी -बाप को इग्नोर करना इतना आसान नहीं होता. उसकी सिचुयेशन तुम नहीं समझ रहे हो.”

“समझ रहा हूँ पर यार इतना भी कोई मजबूर नहीं हो सकता की अपने प्यार का गला घोत दे.”

“वो सब ठीक है. अब जब तुम जा ही रहे हो यहां से तो क्या नाराज़ हो कर जाना जरूरी है. उस से मिल कर जाओ.”

“वही करना चाहता था. कल मेरी उस से बहस हो गयी और उसने मुझे अपने कमरे से दफा हो जाने को कहा. प्यार के दो बोल तो बोले नहीं आज तक ‘गेट आउट’ बड़ी जल्दी बोल दिया. खुद को पता नहीं क्या समझती है. बहुत दुख हुआ मुझे कल. कल मुझे अहसास हुआ की मैंने किस जालिम से प्यार किया है.”

“वो जालिम होती तो रो कर ना जाती यहां से.”

“पूजा को कोई गलत फ़हमी हुई होगी. वो रो ही नहीं सकती मैं शर्त लगा सकता हूँ इस बात की.”

“पूजा इधर आना.” मोहित ने पूजा को आवाज़ दी.

पूजा भी उठ कर उनके पास आ गयी.

“क्या बात है मोहित?”

“तुमने देखा था ना अपनी आंखों से शालिनी को रोते हुए.” मोहित ने पूछा.

“हाँ मैंने देखा था.”

“अरे उसकी आँख में कुछ गिर गया होगा…इसलिए नाम हो गयी होंगी आंखें.” रोहित मान-ने को तैयार नहीं था.

“उसकी आंखें बरस रही थी रोहित. होठों तक आँसू आ गये थे उसके. ऐसा आंखों में कुछ गिरने से नहीं होता. ऐसा तभी होता है जब किसी के दिल पर चोट लगती है. तुमने उसे इग्नोर क्यों किया रोहित?”

“पूजा तुम नहीं समझोगी” रोहित ने कहा.

“रोहित जाओ यार उसके पीछे…बात करो उस से. जिसे प्यार करते हो उसे ऐसे दुख देना सही नहीं है.”

“दुख तो मुझे मिल रहा है. उसे क्या दुख मिलेगा. मैं किसी के पीछे नहीं जाने वाला. मैं कल यहां से जा रहा हूँ कोई टेन्शन नहीं चाहता मैं जाते जाते. कोई रोता है तो रोता रहे. खुद को मजबूर उसने बना रखा है मैंने नहीं. अपने आँसुओ के लिए वो खुद जिम्मेदार है.”

“ये आँसू तुमने उसे दिए हैं…उसे इग्नोर करके.” पूजा ने कहा.

मोहित ने पूजा का हाथ पकड़ा और बोला, “चोदा रोहित…तुम शादी एंजाय करो…हम क्यों बेकार की बहस कर रहे हैं…चलो पूजा बैठते हैं अपनी हॉट सीट पर.”

पूजा ने मोहित को सवालिया नज़रो से देखा. सीट पर बैठ कर मोहित ने पूजा के कान में कहा, “नाटक कर रहा है ये. अभी देखना कैसे दौड़ के जाएगा उसके पीछे. उसके चेहरे पर हल्की से शिकन भी ये बर्दास्त नहीं कर सकता आँसू तो बहुत बड़ी चीज़ है.”

“अतचा…काश ऐसा प्यार हमें भी करे कोई.” पूजा हंसते हुए बोली.

“तुम रो कर तो दीखाओ…मैं तुम्हारे हर आँसू के लिए प्यार की एक दास्तान लिख दूँगा. बहुत प्यार करता हूँ तुम्हें.”

“पता है मुझे.”

“हम भी हैं यहां गुरु. तुम दोनों हमें इग्नोर करोगे तो मैडम की तरह हम भी रो कर उतार जाएँगे स्टेज से.”

“उतार जाओ यार जल्दी. डिस्टर्ब मत करो हमें.” मोहित ने कहा.

“चलो पद्‍मिनी यहां हमारी किसी को जरूरत नहीं है.” राजू ने पद्‍मिनी का हाथ पकड़ कर कहा.

“अरे रुको मोहित मज़ाक कर रहा है” पूजा ने आवाज़ दी.

“जानता हूँ….मगर दूसरे लोग इंतजार कर रहे हैं. हम ही स्टेज घेरे रहेंगे तो बाकी लोग सेगन कैसे देंगे….अरे रोहित सर कहा गये.” राजू ने कहा.

मोहित और पूजा ने तुरंत पीछे मूंड़ कर देखा. “देखा गया ना शालिनी के पीछे.” मोहित ने कहा.

“क्या पता कही और गया हो?” पूजा ने कहा.

“हो ही नहीं सकता. वो उसी के पीछे गया है. तुमने उस रात नहीं देखा. जब साइको शालिनी को बार्ब वाइयर लिपटे बेसबॉल बात से पीटने वाला था तो रोहित शालिनी के ऊपर लेट गया था. पूरी कमर चील गयी थी उसकी मगर हटा नहीं था शालिनी के ऊपर से.”

“जब रोहित इतना प्यार करता है शालिनी से तो वो कही और शादी क्यों कर रही है.” पूजा ने पूछा.

“कुछ तो मजबूरी है उनकी वरना यू ही कोई बेवफा नहीं होता.” मोहित ने कहा.

“ये बात भी है. मुझसे तो देखे ही नहीं गये उसके आँसू. एक पल को तो मैं हैरान रही गयी. मुझे यकीन ही नहीं हुआ की शालिनी ऐसे रो सकती थी.”

“प्यार इंसान से सब कुछ करवा देता है. वैसे आँसू तुम्हारे भी निकलेंगे थोड़ी देर में.”

“हाँ बापू बहुत ख़ूस्स हैं. दीदी भी बहुत खुश है. मैं सबसे ज्यादा खुश हूँ. रोने का मान नहीं है पर रोना आ जाएगा क्योंकि ही इतनी ज्यादा है.” पूजा ने कहा.

………………………………………………………………………

शालिनी स्टेज से उतार कर सीधी अपनी कार के पास आ गयी थी. आँसुओ को थाम रही थी वो पर जब भावनाओं का उफान आता था तो उसकी हर कोशिश बेकार जाती थी.

“मेरी तरफ देखा तक नहीं तुमने. कितनी बेचैन थी तुमसे मिलने के लिए मैं. पर तुम्हें क्या फर्क पड़ता है. कहने को तुम मुझे प्यार करते हो पर मेरी बिलकुल परवाह नहीं तुम्हें. ई हटे यू…”

रोहित जब वहां पहुँचा तो शालिनी अपनी कार का दरवाजा खोल रही थी. रोहित ने तुरंत भाग कर उसका हाथ पकड़ लिया.

“कैसी हो तुम.” रोहित ने पूछा.

“हाथ चोदा मेरा.” शालिनी ने बिना पीछे मुड़े कहा. वो अपने आँसू रोहित को नहीं दीखाना चाहती थी.

रोहित ने शालिनी के हाथ पर पकड़ और मजबूत कर दी. “तुम रो क्यों रही थी.”

“तुमने कब देखा मुझे रोते हुए…तुम तो मुझे देख भी नहीं रहे थे.” शालिनी की आवाज़ में दर्द था.

“माफ करदो मुझे उस गुस्ताख़ी के लिए. तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ मैं. तुम्हें ना देख कर खुद को ही सजा दी मैंने.”

“मुझे कुछ नहीं सुन-ना तुमसे. चोदा मेरा हाथ.” शालिनी ने हाथ को ज़ोर से झटका. रोहित ने हाथ छोड दिया.

“लो छोड दिया हाथ तुम्हारा. मुझे कोई शॉंक नहीं है तुम्हारा हाथ पकड़ने का.”

शालिनी ने कार का दरवाजा खोला और अंदर बैठ कर कार स्टार्ट करके वहां से निकल गयी. शालिनी बहुत बढ़ता से नीलकी वहां से.

“पागल हो गयी है लगता है. इतनी बढ़ता से भागने की क्या जरूरत थी.” रोहित भी भाग कर अपनी कार में आया और कार स्टार्ट करके शालिनी के पीछे चल दिया.

शालिनी इतने गुस्से में थी की उसे ध्यान ही नहीं रहा की वो गलत रास्ते से मूंड़ गयी है. उसने कार जंगल के रास्ते पर मोड़ ली थी. उसे पता चल गया था की रोहित पीछे आ रहा है इसलिए उसने कार घूमने की कोशिश नहीं की. वैसे जंगल पार करके एक सड़क उसके घर तक जाती थी, इसलिए भी उसने गाड़ी नहीं मोदी.

“अब क्यों आ रहे हो तुम मेरे पीछे. कल से तो ना जाने कहा गायब हो गये थे. पहली बार इतना रोई मैं जींदगी में. तुम्हें कभी माफ नहीं करूँगी मैं.”

अचानक शालिनी की नज़र सड़क के बीचो बीच खड़ी कार पर गयी. अभी वो कार से बहुत दूर थी मगर उसे ये साफ दीखाई दे रहा था की कार सड़क के बीच में खड़ी है.

“ये सड़क के बीच में किसने पार्क कर रखी है कार.” शालिनी हैरत में पड़ गयी.

ना चाहते हुए भी शालिनी को ब्रेक लगाने पड़े. शालिनी ने कार में बैठे बैठे देखा गौर से उस कार को.

“कोई नज़र नहीं आ रहा कार में.”

चारों तरफ अंधेरा था. बस अपनी कार की लाइट की रंगे में ही देख पा रही थी शालिनी.

अचानक एक छींख सुनाई दी शालिनी को. “हेल्प…आहह ओह नो प्लीज़.”

शालिनी ने अपने पर्स से गुण निकाली और कार से बाहर आ कर जंगल की तरफ बढ़ी. तब तक रोहित भी पहुँच गया था वहां. रोहित तुरंत अपनी कार से बाहर आया शालिनी का हाथ पकड़ लिया, “रुको कहा जा रही हो तुम?”

“ष्ह चुप रहो….संबडी नीड्स हेल्प.”

“आस्प हो पर अकल एक ढेले की नहीं है. पहले देख तो लें की माजरा क्या है.”

रोहित सड़क के बीच खड़ी कार के पास आया. उसने झाँक कर देखा कार में. अगली सीट पर ड्राइवर की लाश पड़ी थी. उसके सर से खून बह रहा था.

“सर में गोली मारी गयी है इसके.”

तभी फिर से एक छींख सुनाई दी, “नहियीईई….प्लीज़……”

“किसी लड़की की आवाज़ है ये.” रोहित ने कहा.

“तुम जाओ यहां से मैं संभाल लूँगी.”

“अकेली क्या संभालॉगी तुम यहां.”

“पुलिस पार्टी बुला रही हूँ. तुम जाओ अपना काम देखो…क्या भूल गये तुम की तुम रिज़ाइन कर चुके हो. तुम्हें यहां रुकने का कोई हक़ नहीं है.”

“कैसे बुलाऊंगी यहां जंगल में सिग्नल ही नहीं आता फोन पर.” रोहित ने कहा.

“तो मैं खुद देख लूँगी की क्या करना है. यू गेट थे हेल आउट ऑफ हियर.” शालिनी ने कहा.

तभी एक और छींख सुनाई दी उन्हें. इस बार छींख किसी आदमी की थी.

शालिनी भाग कर जंगल में घुस गयी. रोहित भाग कर अपनी कार के पास आया.

“मेरी गुण कहा है यार. ये आस्प साहिबा मेरी जान ले लेगी.”

गुण सीट के नीचे पड़ी थी. 1 मिनट खराब हुआ गुण ढूंढ़ने में. गुण मिलते ही रोहित शालिनी के पीछे जंगल में घुस गया.

अंधेरा बहुत था जंगल में. रोहित भाग कर आया था जंगल में. शालिनी दीखाई नहीं दी और टकरा गया उस से. गिरते-गिरते बची वो.

“ये क्या बदतमीज़ी है.” शालिनी चिल्लाई.

“श… चुप रहो मैडम जी. गलती से टक्कर लग गयी. जान बुझ कर नहीं मारी मैंने.”

तभी गोली चलने की आवाज़ आई. रोहित ने शालिनी का हाथ पकड़ा और उसे एक पेड़ के पीछे ले आया.

“क्या कर रहे हो तुम.”

“गोली चली…सुना नहीं क्या तुम्हें. हो सकता है हम पर चलाई गयी हो. पेड़ के पीछे रहना ठीक है.”

शालिनी भी गुस्से में थी और रोहित भी गुस्से में था. दोनों एक दूसरे से खफा थे. पेड़ से सात कर खड़े थे दोनों साथ साथ. उनका आधा ध्यान क्राइम को हैंडिल करने पर था और आधा ध्यान अपने बीच हो रही कशमकश पर था. कुछ-कुछ कोल्ड वॉर जैसी स्थिति बनी हुई थी.

“क्यों आए तुम मेरे पीछे.” शालिनी ने कहा.

“मान तो नहीं था आने का पर दिल से मजबूर हो कर आना पड़ा.” रोहित ने जवाब दिया.

“समझते क्या हो तुम खुद को…जब दिल किया मुझसे दूर चले जाओगे और जब दिल किया पास आ जाओगे. तुम…..”

“ष्ह…कोई इसी तरफ आ रहा है.” रोहित ने शालिनी के मुंह पर हाथ रख दिया.

“यही कही होने चाहिए वो लोग.”

“2 कार खड़ी हैं सड़क पर. मुझे डर लग रहा है. जग्गू चल उन दोनों का काम तमाम करके जल्दी निकलते हैं यहां से.”

“बब्बल तू संजू के पास वापिस जा. मैं देखता हूँ की ये कोन हमारे काम में टाँग अदाने आ गये. और हाँ लड़की से दूर रहना अभी. पहले मैं लूँगा उसकी. मस्त आइटम है साली.”

बब्बल के जाने के बाद जग्गू बंदूक ताने वही आस पास घूमता रहा. जब वो उस पेड़ के पास से गुजरा जिसके पीछे रोहित और शालिनी छुपे थे तो रोहित ने तुरंत पीछे से आकर उसके सर पर बंदूक रख दी.

“तू सुधरा नहीं जग्गू हां….ये बंदूक नीचे फेंक दे.” रोहित ने कहा.

“सर आप…”

“हाँ मैं…बंदूक नीचे फेंक जल्दी और हाथ ऊपर कर वरना भेजा उड़ा दूँगा तेरा.”

“गोली मत चलना सर…ये लीजिए फेंक दी बंदूक मैंने.”

“गुड…. अब बताओ क्या चल रहा है यहां.” रोहित ने दृढ़ता से पूछा.

“कुछ नहीं चल रहा सर.”

“झूठ मत बोल तेरी खोपड़ी खोल दूँगा मैं.”

“सुपारी ले रखी है मैंने. अपना काम कर रहा था बस.”

“चल मुझे अपने साथियों के पास ले चल. ज़रा भी चालाकी की तो तेरा भेजा उड़ा दूँगा.”

“गोली मत चलना सर…मैं उनको छोड दूँगा.”

जग्गू चल दिया जंगल के अंदर की और. रोहित उसके पीछे पीछे उसके सर पर बंदूक रखे चल रहा था. शालिनी रोहित के पीछे थी. उसने भी बंदूक तन रखी थी हाथ में.

ज्यादा दूर नहीं जाना पड़ा उन्हें. जब वो वहां पहुँचे तो रोहित ने देखा की संजू और बब्बल लड़की के कपड़े उतारने की कोशिश कर रहे थे.

“रुक जाओ वरना दोनों को चुत कर दूँगी मैं.” शालिनी चिल्लाई.

संजू और बब्बल तुरंत रुक गये शालिनी की आवाज़ सुन कर.

“सर आपके साथ कोन हैं?”
“आस्प साहिबा हैं. अपने साथियों से कहो की तुरंत दोनों को छोड देन.”

अचानक संजू ने रोहित के सर की तरफ फायर किया. गोली सर के बिलकुल पास से गुजर गयी. रोहित ने तुरंत उसकी तरफ फायर किया. मौके का फायदा उठा कर जग्गू ने रोहित को धक्का दिया और वहां से भाग गया. बब्बल और संजू भी वहां से भाग खड़े हुए. अंधेरे में वो तुरंत आंखों से ओझल हो गये. रोहित ने 2-3 फायर किए पर कोई फायदा नहीं हुआ. शालिनी उस लड़की के पास आई.

“कोन हो तुम. डरने की जरूरत नहीं है हम पुलिस वाले हैं?” शालिनी ने कहा.

“मेरा नाम गीता है. ये मेरे पति हैं सेखार. हम मुस्सूरीए जा रहे थे.”

“तुम दोनों को मारने की सुपारी दी गयी थी.” रोहित ने कहा.

“क्या हमें मारने की सुपारी?” सेखार ने हैरानी में कहा. वो बड़ी मुश्किल से उठा. बहुत बुरी तरह पीता गया था उसे.

“हाँ सुपारी…क्या बता सकते हो की कोन है ऐसा जो तुम्हें मारना चाहेगा.”

“हमारी तो किसी से दुश्मनी नहीं है. पता नहीं किसने दी ये सुपारी.” सेखार ने कहा.

अतचणक झाड़ियों में कुछ हलचल हुई और शालिनी गुण लेकर उस तरफ चल दी.

“अरे रुको कहा जा रही हो तुम?”

रोहित ने अपनी कार की चाबी सेखार के हाथ में रख कर कहा, “जाओ किसी होटल में रुक जाओ जाकर. तुम मुस्सूरीए नहीं जा सकते अभी जब तक तहकीकात पूरी नहीं हो जाती. तुम लोगों की कार भी यही रहेगी क्योंकि उसमें लाश पड़ी है.”

“आप अपनी कार दे रहे हैं हमें. आपको पता कैसे कहलेगा की हम कहा हैं और कोन से होटल में हैं. मोबाइल नो दे दीजिए अपना.”

“मेरी कार मेरे मोबाइल से कनेक्टेड है. तुम चिंता मत करो मैं ट्रेस कर लूँगा. जाओ तुम दोनों.”

उन दोनों के जाने के बाद रोहित शालिनी के पीछे गया.

शालिनी दबे पाँव आगे तरफ रही थी. रोहित ने उसके कंधे पर हाथ रखा और बोला, “क्या करना चाहती हो तुम. कहा जा रही हो.”

“ष्ह…झाड़ियों में कुछ हलचल हुई थी.”

“जंगल है… होगा कोई जानवर. चलो चलतें हैं.”

“मुझे लगता है उन तीनों में से कोई है”

“अरे वो यहां क्यों छुपे रहेंगे. इतना बड़ा जंगल है…वो बहुत दूर निकल गये होंगे.” रोहित ने कहा.

“तुम्हें क्या लेना देना मैं कुछ भी करूँ…कोन होते हो तुम मुझे टोकने वाले.” शालिनी चिल्लाई.

“जान बुझ कर ये सब नाटक कर रही हो ताकि मैं यही तुम्हारे साथ उलझा रहूं और कल सुबह की मेरी ट्रेन मिस हो जाए.”

“तुम्हें ये नाटक लग रहा है. मैं अपनी ड्यूटी कर रही हूँ और तुम बाधा डाल रहे हो. जाओ यहां से…… मुझे अकेला छोड दो.”

“शालिनी…तुम मुझसे गुस्सा हो जानता हूँ. गुस्से में ये सब करने की जरूरत नहीं है तुम्हें. चलो घर जाओ चुपचाप.”

“मैं चली जाऊंगी…तुम जाओ यहां से.”

रोहित ने शालिनी को दोनों कंधों से काश कर पकड़ लिया और उसे एक पेड़ से सटा दिया.

“ये क्या पागल पान है. मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी. बिना सोचे समझे कुछ भी किए जा रही हो” रोहित गुस्से में बोला.

“मुझे भी तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी जैसा तुमने मेरे साथ किया” शालिनी ने कहा
“दो यू लव में शालिनी.”

शालिनी ने रोहित को ज़ोर से धक्का दिया. धक्का इतनी ज़ोर का था की रोहित धदाम से नीचे गिरा. उसका सर एक पठार से टकराया. खून तो नहीं निकला पर दर्द बहुत हुआ. एक मिनट के लिए सर घूम गया रोहित का.

शालिनी दौड़ कर उसके पास आई, “चोट तो नहीं लगी तुम्हें.”

“मेरी यही औकात है तुम्हारी जींदगी में. काफी दफा हो जाने को बोल दो, कभी गेट आउट बोल दो और आज तो हद ही हो गयी. ऐसे धक्का दिया तुमने मुझे जैसे की मैं रेप अटेंप्ट कर रहा था तुम पर.” रोहित ने उठते हुए कहा.

शालिनी ने रोहित के कंधे पर हाथ रखा और बोली, “सॉरी रोहित मैंने कुछ जान बुझ कर नहीं किया.”

“वाह पहले कत्ल कर दो और फिर सॉरी बोल दो. अरे मरने वाला तो मर गया ना. तुम्हारे सॉरी बोलने से क्या होगा अब.” रोहित ने कहा.

“तुम्हें जो समझना है समझो…मैं जा रही हूँ.” शालिनी वहां से चल पड़ी सड़क की तरफ. सड़क पर आकर शालिनी ने देखा की रोहित की कार वहां नहीं है.

“रोहित की कार कोन ले गया.” शालिनी ने अंदाज़ा लगाया की रोहित ने जरूर अपनी कार गीता और सेखार को दे दी होगी.

“मुझे क्या लेना देना मैं चलती हूँ यहां से.” शालिनी कार में बैठ गयी. इंजिन स्टार्ट कर लिया उसने पर कार को आगे नहीं बढ़ा पाई. वो बार बार जंगल की तरफ देख रही थी. 10 मिनट बीत गये पर रोहित नहीं आया. शालिनी बैठी रही चुपचाप कार में. बार बार इंजिन स्टार्ट करके बंद कर देती थी. दिमाग वहां से जाने को कह रहा था क्योंकि जंगल का एरिया था पर दिल वहां से जाने को तैयार नहीं था. जब आधा घंटा बीत गया तो शालिनी खुद को रोक नहीं पाई. वो कार से बाहर आकर उसी जगह वापिस आ गयी जहां वो रोहित को छोड कर गयी थी.

रोहित वही बैठा था जहां शालिनी उसे छोड कर गयी थी.

“क्या रात भर यही बैठने का इरादा है तुम्हारा. सादे 12 बज रहे हैं.” शालिनी ने कहा.

“मेरी कार मैंने उन दोनों को दे दी. तुम जाओ…”

“चलो मैं तुम्हें घर छोड दूँगी…”

“तुम्हारे साथ नहीं जाऊंगा मैं…तुम जाओ… ई कॅन ताकि केर माइसेल्फ.”

“रोहित प्लीज़ उठो. मैं तुम्हें यहां छोड कर कैसे जा सकती हूँ”

“शालिनी तुम जाओ…मैं तुम्हारे साथ नहीं चल सकता.”

“ज़िद्द मत करो रोहित. उठो.”

“तुम जाओ ना…क्यों अपना वक्त बर्बाद कर रही हो.”

“ई केर फॉर यू रोहित.”

रोहित ये शुंते ही उठा और शालिनी को फिर से कंधों से पकड़ कर पेड़ से सटा दिया.

“सच बताओ ये केर है या कुछ और?” रोहित ने पूछा.

“क्या मतलब… मैं कुछ समझी नहीं.”

“समझोगी भी नहीं क्योंकि तुम समझना ही नहीं चाहती.”

“रोहित प्लीज़ फिर से वही बहस शुरू मत करो.” शालिनी गिड़गिड़ाई.

रोहित कुछ देर खामोश रहा फिर गहरी साँस ले कर बोला, “प्लीज़ एक बार बता दो मुझे. क्या तुम मुझे प्यार करती हो. सिर्फ़ हाँ या ना में जवाब दे दो. आखिरी बार पूछ रहा हूँ तुमसे. फिर कभी नहीं पूछूँगा मैं”

शालिनी कुछ नहीं बोली. वो अजीब दुविधा में पड़ गयी थी. हाँ वो बोलना नहीं चाहती थी और ना कहने की उसमें हिम्मत नहीं थी.

“कुछ तो बोलो प्लीज़…मेरी खातिर.” रोहित गिड़गिडया.

शालिनी खामोश खड़ी रही.

रोहित आगे बढ़ा और अपने चेहरे को शालिनी के चेहरे के बहुत नज़दीक ले आया. दोनों की गरम गरम सांसें आपस में टकरा रही थी. रोहित ने अपने होंठ शालिनी के होठों पर रखने की कोशिश की तो शालिनी ने चेहरा घुमा लिया.

रोहित इतना भावुक हो गया की तुरंत उसकी आंखों में आँसू भर आए. कब उसका माता शालिनी की छाती पर टिक गया उसे पता भी नहीं चला. वो बस भावनाओं में बह कर रोए जा रहा था. शालिनी ने सर पर हाथ रख लिया रोहित के और वो भी रो पड़ी. बहुत ही इमोशनल पल था वो दोनों के बीच. दोनों उस पेड़ के नीचे खड़े रोए जा रहे थे उस प्यार के लिए जो उनके बीच था.

“शालिनी एक बात पूछूँ?” रोहित ने दर्द भारी आवाज़ में कहा.

“हाँ पूछो ना.”

“चोदा जाने दो. तुम जवाब तो देती नहीं हो.”

“पूछो प्लीज़…” शालिनी सुबकते हुए बोली.

“तुम क्यों रो रही हो. मैं तो इसलिए रो रहा हूँ क्योंकि तुम्हें खो दिया मैंने.”

“मैंने कल सुबह फिर से अंकल से बात की थी तुम्हारे बारे में. वो मान-ने को तैयार ही नहीं हैं. मुझे चेतावनी भी दे दी है उन्होंने की दुबारा बात की तुम्हारे बारे में तो उनका मारा मुंह देखूँगी. तुम्हें सिर्फ़ अपना प्यार दिखता है…मेरा प्यार तुम्हें दिखाई नहीं देता.”

“शुक्र है तुमने कबूल तो किया की तुम मुझे प्यार करती हो.” रोहित ने शालिनी की छाती से सर उठा कर कहा.

“हाँ करती हूँ प्यार. बहुत ज्यादा प्यार करती हूँ तुम्हें. प्यार का इजहार करके अपने कदम वापिस नहीं खींचना चाहती थी इसलिए खामोस रहती थी.”

“आज क्यों बोल रही हो फिर.”

“क्योंकि मैंने तैय कर लिया है की मैं वहां शादी नहीं करूँगी जहां अंकल चाहते हैं. अगर उन्हें मेरी पसंद मंजूर नहीं तो मुझे भी उनकी मंजूर नहीं. मैंने शादी ना करने का फैसला किया है. शादी करूँगी तो तुमसे नहीं तो नहीं करूँगी.”

“कब किया ये फैसला.”

“अभी जब तुम मेरे शीने से लग कर रो रहे थे. मैं किसी और के साथ नहीं रही सकती रोहित.”

“तुम्हें नहीं पता की कितनी बड़ी दी है तुमने मुझे आज ये बात बोल कर. तुम्हारे प्यार के इस इजहार को हमेशा दिल में छुपा कर रखूँगा मैं.”

“रोहित”

“हाँ बोलो.”

“ई लव यू.”

“बस अब जान ले लाओगी क्या तुम. कहा तो बोल ही नहीं रही थी… कहा अब प्यार की वर्षा कर रही हो मेरे ऊपर.”

“बहुत दिन से दबा रखा था ना दिल में ये प्यार… आज निकल रहा है…तुम्हारे लिए.”

दोनों भावनाओं में बह रहे थे. रोहित अपना चेहरा शालिनी के चेहरे के बहुत करीब ले आया. दोनों की गरम-गरम सांसें आपस में टकरा कर प्यार की गर्मी बढ़ा रही थी. एक पल के लिए वक्त थाम गया. दोनों एक दूसरे से कुछ नहीं बोल रहे थे. बहुत धीरे से रोहित ने अपने होंठ शालिनी के होठों की तरफ बढ़ाए. इस बार शालिनी ने अपना चेहरा नहीं घुमाया. जब दोनों के होंठ आपस में टकराए तो ऐसा लगा जैसे बरसों के मिलन की प्यास पूरी हो गयी. दोनों पूरी तरह डूब गये एक दूसरे में. उन्हें ये अहसास भी नहीं रहा की वो उस वक्त जंगल में हैं.

भावनायें भड़क रही थी दोनों की और ऐसा लग रहा था की एक दूसरे के लिए जन्मो से प्यासे हैं. रोहित ने किस करते करते एक हाथ से शालिनी के उभार को थाम लिया और उसे ज़ोर से मसलने लगा. सब कुछ अपने आप हो रहा था. शालिनी को जब रोहित का हाथ अपने उभार पर महसूस हुआ तो उसने अपने होंठ रोहित के होठों से अलग करने की कोशिश की. पर रोहित ने उसके होठों को काश कर दबा लिया अपने होठों में. कुछ देर बाद उसने खुद को अपनी भावनाओं के हवाले कर दिया. प्यार करती थी वो रोहित से. बहुत ज्यादा प्यार. उसे रोंका नहीं चाहती थी अब. बह जाना चाहती थी प्यार में वो. अचानक रोहित हाथ गया और शालिनी को गोदी में उठा लिया.

“क्या कर रहे हो.”

“घर चलते हैं…यहां हम एक दूसरे में खो नहीं पाएँगे.”

शालिनी ने बिना कुछ कहे अपनी आंखें बंद कर ली.

कार में बैठ कर वो घर की तरफ चल दिए. जंगल से बाहर निकल कर शालिनी ने चौहान को फोन करके जंगल में सड़क पर कार में पड़ी लाश का पोस्टमारतें करने को बोल दिया. पूरा रास्ता शालिनी खामोश रही. रोहित ड्राइव कर रहा था. शालिनी उसके कंधे पर सर रख कर बैठी थी. दोनों खामोशी से अपने प्यार का जशन मना रहे थे. कई बार खामोशी का जशन शोर शराबे वाले जशन से ज्यादा सुंदर होता है.

रोहित ने घर के बाहर कार रोक कर कहा, “चलें…”

“पहली बार तुमसे डर लग रहा है मुझे.”

“आस्प साहिबा क्यों डर रही हैं?”

“मैं इस सब के लिए तैयार नहीं थी. ई आम इन शॉक.”

“मैंने भी कहा सोचा था. मुझे तो ये लगता था की हमारी किस मुमकिन ही नहीं हैं क्योंकि आप दाँत दपट कर मुझे दूर ही रखेंगी.”

“हहेहेहहे….फिर क्यों किस किया मुझे.”
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 59

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by jasmeet » 02 Nov 2016 10:47

“इमोशनल हो गया था. रोक नहीं पाया खुद को.”

“सेम हियर. रोक पति खुद को तो रोक लेती.”

“जो भी है तुमने बहुत अतचे से प्यार किया मेरे होठों को.”

शालिनी शर्मा गयी रोहित की इस बात पर.

“अफ… आस्प साहिबा शरमाती भी हैं. सो क्यूट.”

“रोहित दुबारा मत बोलना ऐसा नहीं तो…”

“सस्पेंड ही करोगी ना….मैं रिज़ाइन कर चुका हूँ मैडम. बहुत सोच समझ कर फैसला लिया था मैंने.”

“रिज़ाइन क्या इसलिए किया था तुमने .”

“जस्ट किडिंग…. आओ ना मुझे तड़पा मत. जल्दी आओ.. प्यार में ज्यादा लंबा ब्रेक नहीं लेना चाहिए.”

रोहित शालिनी का हाथ पकड़ कर उसे घर के अंदर ले आया.

घर के अंदर आते ही शालिनी रोहित से चिपक गयी और बोली, “रोहित वैसे तुम्हें रोकना नहीं चाहती कुछ करने से. क्योंकि तुम्हारा हक़ है मुझ पर. जींदगी भर तुम्हारी रहूंगी मैं. मैं भी खो जाना चाहती हूँ तुम्हारे प्यार में जबकि डर भी लग रहा है मुझे. बस एक बात कहना चाहती हूँ.”

“हाँ बोलो ना क्या बात है.” रोहित ने शालिनी के सर पर हाथ फिराते हुए कहा.

“मुझे यकीन है की एक ना एक दिन घर वाले मान ही जाएँगे. क्योंकि मैं कही और शादी नहीं करूँगी तो उनके पास भी कोई चारा नहीं रहेगा. देखना वो राजी हो ही जाएँगे. इसलिए चाहती थी की हम थोड़ा रुक जायें तो अतचा रहेगा. मैं भी बहक रही हूँ और हर हद पार कर जाना चाहती हूँ आज तुम्हारे साथ. पर दिल के एक कोने में ये अहसास भी है की हमें इंतजार करना चाहिए.”

“मैं तुम्हारे साथ हूँ पूरी तरह. मुझे भी कोई जल्दी नहीं है. वो हम किस करते-करते बहक गये थे नहीं तो ऐसा सोचते भी नहीं अभी.”

“थॅंक्स रोहित…”

“तुम बैठो मैं चाय लाता हूँ तुम्हारे लिए.” रोहित शालिनी से अलग हो गया.

“यू नो वॉट…मुझे किचन का कोई काम नहीं आता. यहां तक की गॅस चलानी भी नहीं आती.”

“क्या …गयी भंस पानी में. मुझे ऐसी बीवी चाहिए थी जो खाना अतचा बनाती हो.”

“तो प्यार सोच समझ कर करना चाहिए था तुम्हें… ..मुझे किचन में घुसना भी पसंद नहीं है.”

“क्या बात है…. आस्प साहिबा की हर अदा निराली है.”

“ये तारीफ है या मज़ाक.”

“तारीफ है जी…आपकी हर अदा वाकई में निराली है.” रोहित ने हंसते हुए कहा.

“मैं सीख लूँगी रोहित ज्यादा ताने मत मारो…”

“अरे बुरा मत मानो…जस्ट किडिंग…वैसे गुस्से में क्या कमाल लगती हो तुम.”

“आज अचानक तुमने मुझे आप से तुम कहना शुरू किया…अतचा लगा मुझे.”

“तुम्हारे अंदर नहीं हूँ ना अब. सस्पेन्षन का डर नहीं है. इसलिए आप से तुम पर उतार आया …”

“वेरी फन्नी…वैसे कल कहा गायब हो गये थे. तुम्हारे कारण पूरा दिन और पूरी रात परेशान रही मैं. पता है दिन भर मैंने कुछ नहीं खाया. रात को बस एक संद्वितच लिया था.”

“तुमने मुझे ‘गेट आउट’ बोला तो बहुत बुरा लगा मुझे. यकीन नहीं हो रहा था की तुम ऐसा बोल सकती हो मुझे. फोन स्विच्ड ऑफ करके मुस्सूरीए चला गया था. वहां एक होटल में पड़ा रहा चुपचाप.”

“सॉरी रोहित. कल सुबह अंकल से हुई बहस के कारण मूंड़ खराब था. सारा गुस्सा तुम पर उतार गया.”

“कोई बात नहीं… मेरी बाहों में आ जाओ…अब सब समझ रहा हूँ मैं.” रोहित ने शालिनी को बाहों में भर लिया और उसके होठों पर होंठ रख दिए.

उनकी ये दूसरी किस पहले से भी ज्यादा कामुक थी. रोहित ने शालिनी को काश कर भींच रखा था अपनी बाहों में और उनके होंठ बारे कामुक अंदाज़ से एक दूसरे से खेल रहे थे. अचानक रोहित ने शालिनी के नितंबों को पकड़ कर अपनी और दबाव बनाया. शालिनी को अपनी योनि के थोड़ा ऊपर कुछ महसूस हुआ तो वो सिहर उठी. उसकी सांसें तेज चलने लगी. वो फिर से रोहित के साथ बहक रही थी और फिर से खुद को रोकना नहीं चाहती थी. ऐसा लग रहा था जैसे की दोनों ही थोड़ी देर पहले किए अपने फैसले को भूल गये थे. बहुत देर तक चूमते रहे दोनों एक दूसरे को.

अचानक रोहित, शालिनी के होठों को छोड कर हाथ गया और उसे गोदी में उठा कर बेडरूम में ले आया.

शालिनी ने अपनी आंखें बंद कर रखी थी. रोहित ने उसे प्यार से बिस्तर पर लेटाया और उसके ऊपर चढ़ गया. ”

“हम फिर से बहक गये रोहित…ये ठीक नहीं है.”

“अगर प्यार सच्चा है अपना तो ये बातें मायने नहीं रखती. ई लव यू फ्रॉम थे बॉटम ऑफ में हार्ट.”

“ई लव यू टू रोहित.”

दोनों के होंठ एक दूसरे पर बरस पड़े. रोहित के लिए एक पल भी रुकना मुश्किल हो रहा था. रोहित ने शालिनी की सलवार का नाडा खोलने की कोशिश की तो शालिनी ने उसका हाथ पकड़ लिया.शालिनी के हाथ पैर काँपने लगे थे.

“रुक जाओ मुझे कुछ अजीब सा लग रहा है.”

“अजीब क्यों लग रहा है तुम्हें…ये प्यार ही तो है.”

शालिनी वर्जिन थी और सेक्स के बारे में कोई अनुभव नहीं रखती थी. उसका डर स्वाभाविक था.

रोहित ने शालिनी के हाथ एक तरफ हटाए और एक झटके में उसका नाडा खोल कर उसकी सलवार नीचे सरका दी. शालिनी ने अपने दोनों हाथों से अपना चेहरा ढक लिया. वो वाकई इस सब के लिए मेंतली प्रिपेर नहीं थी. रोहित को रोकना उसके लिए मुश्किल हो रहा था. शालिनी का एक मान था की बह जाए भावनाओं में और एक मान था की रोहित को रोक दे वही. मगर वो कोई फैसला नहीं कर पा रही थी. जब रोहित ने उसकी पैंटी नीचे सर्काय तो उसने अपनी योनि को अपने दोनों हाथों से ढक लिया. लेकिन शर्म से लाल चेहरा अब रोहित के सामने था.

“वाह आस्प साहिबा तो शर्म से लाल हो गयी…हिहिहीही”

“हँसो मत नहीं तो मारूँगी तुम्हें मैं…”

“देखने तो दीजिए क्या छुपा रखा है हाथों के पीछे…हिहीही.” रोहित ने शालिनी के हाथ हटाने की कोशिश की. मगर शालिनी ने नहीं हटाए.

“प्लीज़…”

“ऐसे नहीं चलेगा…मुझे हक़ है तुम्हें देखने का.” रोहित ने शालिनी के हाथ पकड़ कर उसकी योनि से हटा दिए.

“वाउ…ब्यूटिफुल…कांट इंतजार तो प्लंडर तीस ब्यूटी.”

“चुत उप.”

रोहित ने शालिनी की योनि पर हाथ रखा तो पाया की वो पूरी तरह भीगी हुई है.

“हम…आप तो तैयार हैं प्यार के लिए मैडम…क्या ख्याल है.”

शालिनी ने दोनों हाथों से अपना चेहरा ढक लिया. उसकी सांसें बहुत तेज चल रही थी.

रोहित मान ही मान मुस्कराया शालिनी को शरमाते देख. उसने देर करना उचित नहीं समझा क्योंकि शालिनी का मूंड़ कभी भी बदल सकता था और वो अपने प्यार को पाना चाहता था.

रोहित ने फुर्ती से अपने कपड़े उतारे और शालिनी के ऊपर आ गया. शालिनी ने अभी भी अपने चेहरे को हाथों से ढक रखा था.

रोहित ने शालिनी की टांगों को अपने कंधे पर रखा और अपने लिंग को शालिनी की योनि पर लगा दिया. शालिनी अपनी योनि पर लिंग को महसूस करते ही काँपने लगी. सांसें और ज्यादा तेज हो गयी उसकी.

रोहित ने ज़ोर से धक्का मारा और उसका आधा लिंग शालिनी की योनि को चीरता हुआ अंदर चला गया.

“नूऊऊऊओ……..रोहित….स्टॉप इट.” शालिनी ने सोचा भी नहीं था की इतना दर्द होगा.

“इंतजार आ मिनट…थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा.” रोहित ने कहा.

“स्टॉप इट ई से…आआअहह…इसे बाहर निकालो.” शालिनी दर्द से कराहते हुए बोली.

“थोड़ा धारया रखो सब ठीक हो जाएगा.” रोहित ने हल्का सा धक्का मारा और उसका लिंग थोड़ा और शालिनी के अंदर सरक गया.

“नूऊऊ….इट्स टू मच…” शालिनी ने रोहित को ज़ोर से धक्का मारा. धक्का इतनी ज़ोर का था की वो बेड से नीचे जाकर गिरा.

“क्या हुआ शालिनी?”

“इतना दर्द हो रहा है..और तुम इंतजार आ मिनट बोल रहे हो. पास मत आना मेरे तुम.” शालिनी चिल्लाई.

रोहित ने अपने कपड़े वापिस पहन लिए. शालिनी ने भी अपने कपड़े पहन लिए और बोली, “मैं जा रही हूँ.”

“नाराज़ हो गयी मुझसे.” रोहित ने शालिनी का हाथ पकड़ लिया.

शालिनी रोहित का हाथ झटक कर बाहर आ गयी. रोहित वही बिस्तर पर सर पकड़ कर बैठ गया और बोला, “हे भगवान ये किस कयामत से प्यार कर लिया मैंने. ये सच में कयामत है.”

शालिनी घर से बाहर निकल कर अपनी कार में बैठ कर अपने घर की तरफ चल दी.वो बहुत गुस्से में थी.

“क्या यही प्यार है? मुझे नहीं चाहिए ऐसा प्यार.” शालिनी ने मान ही मान सोचा.

रोहित थोड़ी देर बाद बेडरूम से बाहर आया तो उसने शालिनी को हर तरफ देखा. उसे नहीं पता था की शालिनी जा चुकी है. घर में हर तरफ देखने के बाद उसने बाहर देखा.

“उसकी कार यहां नहीं है. मतलब की वो चली गयी. बिना कुछ कहे…बिना कुछ बोले. तीस इस नोट लव. ये प्यार नहीं ज़हर है मेरे लिए जो मुझे बर्बाद कर देगा.”

……………………………………….

शालिनी घर आते ही अपने बेडरूम में आकर बिस्तर पर गिर गयी और रोने लगी. “रोहित क्यों किया ऐसा तुमने मेरे साथ. क्या ये सब करना जरूरी था…मैं रोक रही थी और तुम रुक ही नहीं रहे थे. क्या यही प्यार है.”

बहुत देर तक यू ही पड़ी रही शालिनी और उसकी आंखों से रही-रही कर आँसू टपकते रहे. कब आँख लग गयी उसकी, उसे पता ही नहीं चला.

सुबह अचानक 5 बजे आँख खुल गयी उसकी. उसने घड़ी में टाइम देखा. टाइम देखते ही उसे ख्याल आया, “6 बजे की ट्रेन थी रोहित की. कही वो चला तो नहीं जाएगा.” अब उसका गुस्सा थोड़ा शांत हो गया था.

शालिनी ने तुरंत रोहित को फोन मिलाया. रिंग जाती रही पर फोन नहीं उठाया रोहित ने.

“पिक उप थे फोन रोहित…प्लीज़…”

शालिनी ने कई बार ट्राइ किया फोन पर कोई रेस्पॉन्स नहीं मिला.

“कही वो जा तो नहीं रहा मुझे छोड कर?” ये ख्याल आते ही शालिनी फौरन बिस्तर से उठ गयी. अपनी कार की चाबी उठाई उसने और चुपचाप घर से बाहर आ गयी. कार में बैठ कर वो रोहित के घर की तरफ चल दी. जब वो रोहित के घर पहुँची तो उसे ताला टंगा मिला.

“मुझसे बात किए बिना चले गये तुम रोहित. क्या इतने नाराज़ हो गये मुझसे?. क्या सारी गलती मेरी ही है…क्या तुम्हारी कोई गलती नहीं थी.” शालिनी ने मान ही मान सोचा.

शालिनी ने कार तुरंत रेलवे स्टेशन की तरफ मोड़ ली. रेलवे स्टेशन पहुँच कर उसने एंक्वाइरी से पता किया की पुणे जाने वाली ट्रेन कोन से प्लेटफॉर्म पर मिलेगी. वो तुरंत प्लेटफॉर्म नो 3 की तरफ दौड़ी.

रोहित उसे प्लेटफॉर्म पर ही मिल गया. वो एक बेंच पर गुमसूँ बैठा था. सर लटका हुआ था उसका और एक तक ज़मीन की तरफ देख रहा था वो. शालिनी चुपचाप उसके पास आकर बैठ गयी.

“जा रहे हो मुझे छोड कर तुम.” शालिनी बारे प्यार से बोली.

रोहित ने कोई जवाब नहीं दिया.

“क्या बात भी नहीं करोगे मुझसे.” शालिनी ने रोहित के कंधे पर हाथ रख कर कहा.

रोहित चुपचाप बैठा रहा.

“ई आम सॉरी रोहित…प्लीज़ मुझे यू छोड कर मत जाओ.” शालिनी गिड़गिड़ाई

“कल कोन गया था छोड कर. तुम ही थी ना. क्या हक़ है तुम्हें मुझे रोकने का.” रोहित ने गुस्से में कहा.

“रोहित मुझे कोई भी सजा दे दो पर मुझे छोड कर मत जाओ.”

“तुम्हारा प्यार ज़हर बन गया है मेरे लिए. दिल करता है मर जाऊं कही जाकर.” रोहित गुस्से में बोला.

शालिनी फूट-फूट कर रोने लगी रोहित की बात सुन कर. “प्लीज़ ऐसा मत कहो…जो भी सजा देनी है दे दो नुजे पर ऐसा मत क्म.”

“नाटक मत करो मेरे सामने. दफा हो जाओ यहां से….मैं तुमसे कोई बात नहीं करना चाहता” रोहित गुस्से में बोला.

“कर लेना जो करना है तुम्हें मेरे साथ. नहीं रोकूंगी तुम्हें…छोटी सी गलती की इतनी बड़ी सजा मत दो मुझे.”

“हाँ जैसे की मैं तो तुम्हारे शरीर का भूखा हूँ. कल भी कुछ ऐसा ही बोल रही थी. तुमने ही गिराया था ना मुझे बेड से नीचे. अभी तक कमर दुख रही है मेरी.”

“मुझे भी दर्द है अभी तक वहां. मुझसे सहा नहीं जा रहा था. और तुम हाथ नहीं रहे थे…मुझे गुस्सा आ गया था. तुम मेरी जगह होते तो क्या करते?”

“चलो ठीक है धक्का दिया कोई बात नहीं. गिरने से मेरी कमर टूट गयी उसकी भी कोई बात नहीं. तुम तो भाग गयी बिना बताए. मैं घर में ढूंढ़ा रहा तुम्हें पागलों की तरह. पर तुम वहां होती तो मिलती. तुमसे प्यार करना मेरी जींदगी की सबसे बड़ी भूल साबित हो रही है.”

शालिनी रोहित के कदमों में बैठ गयी. “मर जाऊंगी मैं अगर तुम गये मुझे छोड कर तो…प्लीज़ मुझे माफ कर दो.”

“उठो लोग देख रहे हैं. किसी ने तुम्हें पहचान लिया तो किरकिरी होगी तुम्हारी.” रोहित ने कहा.
“होने दो….मुझे उसकी चिंता नहीं है…तुम चले गये तो मैं बिखर जाऊंगी.”

“अजीब हो तुम भी. कल तो मुझे छोड कर भाग गयी थी. अब मैं जा रहा हूँ तो मुझे रोक रही हो.”

“दिल के हाथों मजबूर हूँ ना… क्या करूँ…तुम्हारे बिना नहीं जी सकती मैं.” शालिनी सुबकते हुए बोली

“सोचो मुझ पर क्या बीती होगी जब तुम घर से बिना बताए चली गयी थी.” रोहित ने कहा.

“मुझे अपनी भूल का अहसास है रोहित. तुम जो सजा दोगे मुझे मंजूर होगी.”

“तुम्हारे साथ सेक्स नहीं कर पऊंगा अब मैं. तुम्हें छूने का मान नहीं करेगा अब.”

“अगर तुम्हें लगता है की यही मेरी सजा है तो मंजूर है मुझे. वैसे इस से बड़ी सजा हो भी नहीं सकती मेरे लिए की मेरा प्यार मुझे प्यार ना करे.” शालिनी रोते हुए बोली.

“मैं मजबूर हूँ. कल की घटना के बाद तुम्हारे पास आने का मान नहीं करेगा.”

“ठीक है मेरे करीब मत आना. मेरे साथ तो रहोगे ना.” शालिनी ने कहा.

तभी शालिनी का फोन बज उठा. फोन उसके अंकल का था.

“कहा हो तुम बेटा…सुबह सुबह कहा चली गयी.?”

“ अंकल मैं रोहित के साथ हूँ.मैं घर नहीं आऊंगी अब. मैं रोहित से शादी कर रही हूँ आज. मुझे माफ कर दीजिएगा. अगर आपको मंजूर नहीं तो मुझे मंदिर में आकर गोली मर दीजिएगा. आज मैंने रोहित से शादी नहीं की तो मैं मर जाऊंगी. सॉरी पापा…पर मैं अपने दिल के हाथों मजबूर हूँ.” शालिनी ने फोन काट दिया.

भावनाओं में बह कर शालिनी वो बोल गयी जो होश में कभी भी नहीं बोल सकती थी.

“ये क्या बोल रही हो. ये अचानक शादी का प्लान कैसे बन गया.” रोहित ने पूछा.

“क्या तुम ख़ूस्स नहीं हो. क्या मुझसे शादी नहीं करना चाहते.”

“करना चाहता हूँ…पर.” रोहित सोच में पड़ गया.

“पर…वार कुछ नहीं. अपने अंकल को बोल चुकी हूँ मैं. हम आज ही शादी करेंगे.” शालिनी सुबकते हुए बोली.

रोहित गहरी सोच में डूब गया.

“तुम शादी नहीं करना चाहते मुझसे है ना. मैंने तुम्हारी जींदगी ज़हर बना दी है इसलिए तुम शादी नहीं करना चाहते मुझसे. मेरी छोटी सी भूल की बहुत बड़ी सजा दे रहे हो तुम मुझे.” शालिनी की आंखें भर आई.

रोहित ने शालिनी को बाहों में भर लिया, “बस..बस चुप हो जाओ. इतना प्यार मत दो मुझे की मैं संभाल भी ना पऔन. मुझे नहीं पता था की इतना प्यार करती हो तुम मुझे. मुझे यही लग रहा था की मेरा ही दिमाग खराब है. पर जब तुमने अपने अंकल से शादी के बारे में बोल दिया तो मैं हैरान रही गया. मुझे यकीन नहीं हो रहा था की तुम ही हो मेरे सामने. मुझे ये सब सपना सा लग रहा है.”

“ये सपना नहीं हकीकत है रोहित. बहुत प्यार करती हूँ तुम्हें मैं. शालिनी ने कहा.

“क्यों चली गयी थी तुम कल मुझे अकेला छोड कर.”

“कह तो रही हूँ मुझसे भूल हो गयी. आगे से ऐसा नहीं होगा.”

“आओ घर चलते हैं. आराम से बैठ कर डिसाइड करते हैं की शादी कैसे और कहा करनी है. पद्‍मिनी, राजू, मोहित, पूजा और मिनी को भी बुला लेंगे. थोड़ी हेल्प हो जाएगी.”

2 घंटे बाद रोहित के घर पूरी टास्क फोर्स इकट्ठा थी. रोहित और शालिनी की शादी की प्लॅनिंग हो रही थी.

“यार 2-3 दिन का वक्त तो दो तैयारी के लिए. एक दम से सब कुछ कैसे होगा.” मोहित ने कहा.

“देखो भाई शालिनी अपने अंकल को बोल चुकी है की आज ही शादी कर रही है वो मुझसे. इसलिए हम शादी आज ही करेंगे.”

“फिर तो मंदिर में कर लो जाकर. भगवान का घर है….उनका भी आशीर्वाद मिल जाएगा.” मोहित ने कहा.

“हाँ वैसे शालिनी ने मंदिर ही बोला है अपने अंकल को.” रोहित ने कहा.

“ठीक है फिर…मंदिर सबसे आतची ऑप्शन है इस वक्त.” मोहित ने कहा.

“मिनी प्लीज़ न्यूज में मत डालना. पता चले, कल टीवी पर न्यूज आ रही है ‘आस्प साहिबा ने मंदिर में शादी की’..” रोहित ने कहा

“रोहित पागल हो क्या. मैं भला ऐसा क्यों करूँगी.” मिनी ने कहा.

“जस्ट किडिंग मिनी…” रोहित ने हंसते हुए कहा

राजू और मोहित ने मंदिर में शादी का पूरा इंतजाम कर दिया. मंदिर में जाते वक्त शालिनी ने अपने अंकल को फोन मिलाया.

“ अंकल अगर आप आएँगे तो होगी मुझे.”

“बेटा मैं तो नहीं आ पऊंगा. खुश रहो जहां भी रहो.” इतना कह कर शालिनी के अंकल ने फोन काट दिया.

“क्या हुआ…”रोहित ने पूछा.

“वो नहीं आएँगे.”

“शालिनी सोच लो. हम शादी फिर कभी कर सकते हैं.” रोहित ने कहा.

“नहीं आज ही करेंगे. डिले करेंगे तो अंकल फिर से समझाएँगे आकर. फिर वही बातें होंगी. जब तैय कर लिया है हमने तो कर ही लेते हैं.” शालिनी ने कहा.

“ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी.” रोहित ने कहा.

रोहित और शालिनी को फेरे लेते देख राजू, पद्‍मिनी के कान में बोला, “अब बस हम रही गये.”

“अगले महीने हम भी कर लेंगे.” पद्‍मिनी ने कहा. दोनों एक दूसरे की तरफ हंस दिए.

शादी की सभी रस्मे पूरी होने के बाद सभी ने होटल में जाकर लंच किया.

रोहित और शालिनी को अपने घर वापिस आते-आते शाम हो गयी.

“सब कुछ कितना जल्दी-जल्दी हो गया. अजीब सी बात हुई. ना मेरे घर से कोई आ पाया ना तुम्हारे घर से. मेरे आंटी दादी मुंबई में थे वरना वो तो शामिल हो ही जाते. पिंकी कॉलेज के तोर पर गयी है. ” रोहित ने कहा.

“तुम्हारे आंटी अंकल को कोई ऐतराज़ तो नहीं होगा ना?” शालिनी ने पूछा.

“शादी से ऐतराज़ नहीं होगा. मगर जब वो देखेंगे की तुम्हें घर का कोई काम नहीं आता तब दिक्कत आएगी.”

“डराव मत मुझे. मैं आज से ही सीखना शुरू कर देती हूँ. चलो किचन में मुझे गॅस चलना सीख़ाओ.” शालिनी ने कहा.

“आस्प साहिबा जी…पहले प्यार करना सीख लें. वो ज्यादा जरूरी है.” रोहित ने शालिनी को बाहों में भर लिया.

“क्या… ….मुझे लगा था तुम मेरे करीब नहीं आओगे.”

“बहुत प्यार करता हूँ तुम्हें मैं. चाह कर भी तुमसे दूर नहीं रही सकता…आओ प्यार करते हैं सब कुछ भूल कर.” रोहित शालिनी का हाथ पकड़ कर उसे बेडरूम में ले आया. शालिनी की टांगे काँपने लगी. उसे रही..रही कर कल का वो दर्द याद आ रहा था

“मैडम जी काँप क्यों रही हैं आप.”

“के..कहा काँप रही हूँ. तुम्हें यू ही लग रहा है.”

“डरने की जरूरत नहीं है. प्यार कभी नुकसान नहीं पहुँचता.” रोहित ने शालिनी के माथे को चूम लिया. शालिनी का डर कुछ कम हुआ.

डन एक दूसरे से चिपक कर लेट गये बिस्तर पर. शुरूवात प्यार में भीगे चुंबन से हुई. दोनों बहकने लगे तो एक-एक करके धीरे धीरे दोनों के कपड़े उतरने लगे. भावनाएं भड़क रही थी दोनों की. दोनों तरफ आग बराबर थी. जब दोनों पूरे कपड़े उतार कर एक दूसरे के गले मिले तो उन्हें लगा की कपड़ों की बहुत मोटी दीवार थी उन दोनों के बीच. होठों से होंठ टकराए….छाती से छाती टकराई. कुछ ऐसे चिपके हुए थे दोनों एक दूसरे से की हवा भी नहीं थी उन दोनों के दरमियान.

अचानक रोहित शालिनी से अलग हो गया.

“क्या हुआ?”

“एक मिनट…अभी आया.”

रोहित कमरे से बाहर आ गया. एक मिनट बाद वो एक गद्दा ले कर आया कमरे में और उसे वही रख दिया जहां वो पीछले दिन गिरा था.

“ये क्या कर रहे हो …”

“अपनी कमर को बचाने का इंतजाम कर रहा हूँ.”

“हाहहाहा….धक्का नहीं दूँगी तुम्हें आज चिंता मत करो.”

“तुम्हारे मूंड़ का कुछ भरोसा नहीं. अपनी कमर बचाने का इंतजाम करना जरूरी है.”

रोहित बेड पर चढ़ कर शालिनी के ऊपर आ गया और उसकी टांगों को उठा कर अपने कंधों पर रख लिया. रोहित ने अपने लिंग को पकड़ कर शालिनी की योनि पर रखा तो वो काँप उठी. आंखें बंद करली उसने अपनी.

“शालिनी दर्द देना नहीं चाहता तुम्हें पर दिल के हाथों मजबूर हूँ. थोड़ा सा सहना होगा तुम्हें.

“ये प्यार दर्द क्यों देता है रोहित.”

“दर्द में भी मजा आएगा मैडम…आंखें बंद करके इस पल में खोने की कोशिश करो…हहहे.”

“हँसो मत वरना गिरा दूँगी तुम्हें.”

“नहीं ऐसा मत करना. मेरी कमर पहले ही दुख रही है.”

रोहित ने अपने लिंग को शालिनी की योनि पर रगड़ा तो शालिनी ने तुरंत आंखें बंद करके अपना मुंह भींच लिया.

“हाहहाहा…अभी वक्त है मैडम जी…अभी उन्हें गले मिल लेने दो.”

“मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं पता. प्लीज़ मेरा मज़ाक मत उदाओ…”

“आस्प साहिबा बहुत दाँत पीलाई है आपने मुझे. अब मेरी बड़ी है आपको सताने की.”

“अफ कहा फँस गयी मैं.”

“बहुत आतची जगह फाँसी हो. अब मैं आ रहा हूँ तुम्हारे अंदर…भींच लो दाँत अपने हहेहहे.”

ये शुंते ही शालिनी के चेहरे पर शिकन आ गयी. उसने अपना मुंह भींच लिया और बिस्तर पर बिछी चादर को मुट्ठी में दबोच लिया.

रोहित ने शालिनी के अंदर प्रवेश शुरू किया तो शालिनी ने और ज़ोर से मुंह भींच लिया. उसकी सांसें बहुत तेज चलने लगी. असहनिया पीड़ा हो रही थी शालिनी को मगर उसने अफ तक नहीं की. जब उसने रोहित के लिंग पर ध्यान केंद्रित किया और उसे खुद में समाते हुए महसूस किया तो पीड़ा का अहसास खत्म होता गया और मिलन की धीरे धीरे उसके चेहरे पर उभरने लगी. दोनों अब एक सुंदर संभोग के लिए तैयार थे.

प्यार में आई इस बाधा को पार कर लिया दोनों ने. प्यार वैसे कभी किसी बाधा को टिकने भी नहीं देता. बहुत खूबसूरत संभोग हुआ दोनों के बीच. जितना अनमोल उनका प्यार था उतना ही अनमोल उनका संभोग था. दोनों पूरे जोश में प्यार कर रहे थे. पूरा बिस्तर हिल रहा था उनके प्यार के झटकों के साथ. तूफान थमने का नाम ही नहीं ले रहा था. दोनों पसीने-पसीने हो गये थे पर रुकने को तैयार नहीं थे. ऐसा तूफानी प्यार सिर्फ़ प्यार में डूबे लोग ही कर सकते हैं. जो सिर्फ़ सेक्स के लिए एक दूसरे के करीब आते हैं वो इस तूफान को कभी महसूस नहीं कर पाते.

जब तूफान थमा तो दोनों बुरी तरह हांप रहे थे. सांसें बहुत तेज चल रही थी दोनों की.

“आस्प साहिबा ये क्या किया.”

“क्या हुआ?”

“आज नीचे नहीं गिराया तो मेरी पीठ चील डाली तुमने नाखून मर मर कर.”

“सॉरी मुझे होश ही नहीं रहा. आगे से ध्यान रखूँगी.” शालिनी ने कहा.

“आगे से और ज्यादा मारना. ई लाइक इट. मुझे फीडबॅक मिलता रहता है की हर एक धक्का तुम्हें कितना आनंद दे रहा है.”

“चुप हो जाओ वरना…”

“रिज़ाइन कर चुका हूँ मैं भूल गयी…. हहेहहे.”

“क्या तुम जाय्न नहीं करोगे?”

“नहीं…मेरा मान कुछ और करने का है. मोहित के साथ डीटेक्टिव एजेन्सी खोने का प्लान बना रहा हूँ.”

“डीटेक्टिव एजेन्सी वाउ…ग्रेट.”

“हाँ…देखना खूब तर्ृाक्की करेंगे हम.”

“जानती हूँ मैं.तुम जो भी काम करोगे तर्ृाक्की मिलेगी ही मिलेगी… क्योंकि बहुत मेहनत से करते हो सब कुछ.”

“हम… बातें कम काम ज्यादा. एक बार और हो जाए प्यार…बोलिए क्या है इरादा.” रोहित ने कहा.

“जैसी तुम्हारी मर्जी. तुम्हारी पत्नी हूँ मैं तुम्हारी बॉस नहीं. मुझसे पूछने की जरूरत नहीं है.”

दोनों के होंठ एक दूसरे से जुड़ गये और प्यार का तूफान फिरसे शुरू हो गया.

……………………………………..

एक महीने बाद राजू और पद्‍मिनी ने भी शादी कर ली. नगमा के लिए उसके बापू ने लड़का ढूंढ. लिया है. उम्मीद है की कम दहेज में बात बन जाएगी. रोहित और मोहित ने मिल कर डीटेक्टिव एजेन्सी खोल ली है जो धीरे-धीरे नाम कमा रही है.

हमने इस कहानी में देखा की प्यार एक ऐसी ताक़त है जो इंसान को बदल देती है. प्यार की ताक़त हो तो इंसान कुछ भी कर जाता है. पद्‍मिनी के द्वारा तलवार उठाना और साइको के हाथ काटना प्यार की इसी ताक़त को डरसाता है. साइको का सामना प्यार करने वालो से ना पड़ता तो शायद वो कभी नहीं मरता. साइको का मारना प्यार की जीत थी और दरिंदगी और नफरत की हार थी.

हमें लगता है कई बार की प्यार हमारी कमज़ोरी है. मगर वक्त आने पर यही कमज़ोरी हमारी सबसे बड़ी ताक़त बन जाती है. बात एक रात की के जरिए हमने प्यार के इसी पहलू को समझने की कोशिश की है. इसी के साथ हम बात एक रात की को समाप्त करते हैं. आप सभी साथ रहे मेरे और दिल से इस कहानी को पढ़ा उसके लिए बहुत आभारी हूँ.

एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 60

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