एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 27 Oct 2016 09:42

“मेरे अंकल ने मेरे लिए लड़का ढूंढ. लिया है रोहित. उन्हें मना नहीं कर पा रही हूँ मैं.” शालिनी ने कहा.

रोहित शालिनी से दूर हाथ गया और बोला, “कोई बात नहीं मैडम. मैं बस साइको के पीछे जाने से पहले अपने दिल की बात कहना चाहता था. क्योंकि जींदगी का कोई भरोसा नहीं है. आप ने मेरी बात प्यार से सुन ली वही बहुत है मेरे लिए. गोद ब्लेस्स यू.”

“रोहित मुझे साथ नहीं ले जाओगे.”

“मुश्किल से आपके घाव भरे हैं. बहुत दीनों बाद आप बिस्तर से उठी हैं. अभी बस 2-3 दिन ही तो हुए हैं. आप घर जाओ और आराम करो.”

“नहीं रोहित मैं चलूंगी तुम्हारे साथ. मुझे अपनी ड्यूटी भी तो करनी है.”

“अभी जाय्न नहीं किया है आपने. आपको मेरी कसम है…घर जाओ आप. मेरी इतनी सी बात तो मान लो. होगी मुझे. बाकी आपकी मर्जी है. आस्प साहिबा हैं आप. हम कोन होते हैं आपको कुछ कहने वाले.”

दो आँसू टपक गये शालिनी की आंखों से.
“अपना ख्याल रखना रोहित.”

रोहित जाते जाते मुड़ा और बोला, “आपके बहुत नज़दीक पहुँच गया था आज. ये रात कभी नहीं भूलूंगा मैं. पूर्णिमा का चाँद चमक रहा है ऊपर. बहुत सुंदर दीख रहा है आज वो. लेकिन एक चाँद ज़मीन पर भी है. वो भी बहुत सुंदर दीख रहा है आज. उसके बहुत करीब पहुँच गया था मैं. सांसें टकरा रही थी हमारी. चूम लेना चाहता था अपने चाँद को. पर मेरा चाँद मुझसे रूठ गया. मुंह फेयर लिया उसने. भूला नहीं पऊंगा इसे चाँदनी रात को. अपने चाँद के नज़दीक आकर बहुत दूर हो गया मैं.जब-जब ऐसी रात आएगी…मुझे तेरी याद आएगी. ख़ूस्स रहें आप हमेशा यही ड्यूवा है. मेरी उमर आपको लग जाए. चलता हूँ अब…घर चली जाना…यहां मत रुकना.”

रोहित कह कर चल दिया.

शालिनी थाम नहीं पाई खुद को और रो पड़ी, “पता नहीं क्यों हो रहा है ऐसा मेरे साथ. अंकल को बताया भी की मुझे रोहित पसंद है पर वो सुन-ने को तैयार ही नहीं. उन्हें तो मुझे ईयेज़ के घर ही भेजना है. इतना पढ़ लिख कर, इतनी बड़ी ऑफिसर बन कर भी कोई कंट्रोल नहीं मेरा अपनी जींदगी पर. सच ही कहा है किसी ने, नारी कुछ भी कर ले मगर अपनी औकात नहीं बदल सकती समाज में. उसकी किस्मत का फैसला फिर भी दूसरे ही करते हैं.”

रोहित दिल में गम लिए चल पड़ा था शालिनी को वहां छोड कर. आंखें इतनी नाम हो गयी थी की कभी भी ज़ोर शोर से बरस सकती थी. अपना गम तो वो जानता था पर उसे ये नहीं पता था की वो शालिनी को रोते हुए छोड आया है अपने पीछे. प्यार हो तो जाता है दो दिलों को पर कभी कभी हालात ऐसे होते हैं की प्यार को ज़बरदस्ती दबा देना पड़ता है दिल के किसी कोने में. ऐसा ही कुछ रोहित और शालिनी के साथ हो रहा था.

मोहित ने जब रोहित को देखा ऐसी हालत में तो बोला, “क्या हुआ भाई…सब ठीक तो है.”

“भाई बस कुछ पूछो मत मुझसे अभी…कुछ भी नहीं बता पऊंगा मैं.”

“समझ रहा हूँ कुछ-कुछ”

“छोड ये सब…अपनी पूरी टीम को इकट्ठा करना होगा हमें.”

“ऐसा करते हैं राजू के घर चलते हैं. वही बुला लेते हैं सब को.”

“ठीक है.”

कुछ देर बाद राजू के छोटे से कमरे में पूरी टास्क फोर्स इकट्ठा होती है.

“साइको का पता तो चल गया मगर अब उसे ट्रॅप करना भी एक चुनोती से कम नहीं है. स्प साहिब के घर पर काफी सुरक्षा इंतजाम हैं. हर तरफ गन्मन हैं. उसके घर में किसी भी परकार का आर्टिस्टिक मर्डर संभव नहीं है. किसी भी तरह उसे उसके घर से बाहर निकालना होगा. तभी हम कुछ कर पाएँगे. हमारे पास ज्यादा वक्त भी नहीं है. जो भी करना है आज की रात ही करना है क्योंकि पूजा की जान खतरे में है. हमें साइको को भी मारना है और पूजा को भी बचाना है.” रोहित ने कहा.

“लेकिन उसे बाहर निकालेंगे कैसे.” मोहित ने कहा.

रोहित ने सभी को अपना प्लान बताया. उसका प्लान सुन कर सभी के होश उड़ गये. सभी एक दूसरे की तरफ देख रहे थे.

“यार रोहित बहुत ही चॅलेंजिंग है ये काम. पर इसे करेगा कौन. हम में से कोई भी वहां गया तो उसे शक हो जाएगा.”

“ये काम मिनी बहुत अतचे ढंग से कर सकती है” रोहित ने कहा.

ये शुंते ही मिनी चौंक गयी. “ क्या?”

“हाँ मिनी इसे वक्त तुम्हीं हमारी होप हो”

“यार हम पुलिस को इन्वॉल्व क्यों नहीं करते…ये कोई बच्चों का खेल नहीं है.”

“पुलिस फोर्स उसके हाथ में है. उसके खिलाफ ऑपरेशन स्टार्ट करने से पहले ही उसे खबर मिल जाएगी. और हो सकता है हम सभी को जेल में डाल दिया जाए. ये काम सिर्फ़ हमें ही करना होगा.”

“मुझसे ये नहीं होगा…मैं वहां जा कर फँस गयी तो. मेरी पैंटिंग ना बन जाए कही इसे चक्कर में.” मिनी ने कहा.

तभी अचानक कमरे का दरवाजा खड़का. सभी फौरन हरकत में आ गये. राजू,रोहित और मोहित ने अपनी अपनी पिस्तौल निकाल ली.

“कौन हो सकता है?”

“वैसे मैंने भोलू को कुछ समान लाने को बोला था हो सकता है वो हो.”

“मैं देखता हूँ सर की कौन है.” राजू ने कहा.

“राजू….ध्यान से.” पद्‍मिनी ने कहा.

“शुक्र है पद्‍मिनी कुछ तो बोली. राजू तो छा गया.” मोहित ने चुस्की ली.

“गुरु…” राजू ने मोहित की तरफ पद्‍मिनिन को लेकर मज़ाक ना करने का इशारा किया.

“हूँ इस तीस.” राजू ने अंदर से आवाज़ लगाई.

“राजवीर दरवाजा खोलो”

“ये तो आस्प साहिबा की आवाज़ है.” राजू ने कहा.

रोहित ने तुरंत आगे तरफ कर दरवाजा खोला. दरवाजे के बाहर सच में शालिनी खड़ी थी.

रोहित अपने पीछे दरवाजा बंद करके शालिनी का हाथ पकड़ कर उसे एक तरफ ले गया.

“आप यहां क्या कर रही हैं.”

“रोक नहीं पाई खुद को रोहित. प्लीज़ मुझे अपने साथ रहने दो. मैं घर जा कर भी तो बेचैन ही रहूंगी.”

“मेरे साथ क्यों रहना चाहती हैं आप.”

“ई केर फॉर यू”

“काश झूठ ही सही एक बार तो कह देती मुझे वो बात जिसे सुन ने के लिए मैं दिन रात बेचैन रहता हूँ.”

“कहना तो बहुत कुछ चाहती थी पर……” शालिनी बोलते बोलते रुक गयी फिर गहरी साँस ले कर बोली, “खैर चोदा”

“अब आप यहां आ ही गयी हैं तो अकेले वापिस भी नहीं भेज सकता. आपने हर्ट किया है मुझे. मेरी कोई भी बात नहीं मानती हैं आप. हाँ भाई आस्प साहिबा जो हैं आप….क्यों मानेगी मेरी बात आप.”

“प्लीज़ रोहित ये ताना देना बंद करो…मैं साथ रहूंगी तो कुछ मदद ही करूँगी. कोई बोझ नहीं बनूँगी तुम पर.”

“ठीक है आओ अंदर.”

शालिनी रोहित के पीछे-पीछे अंदर आ गयी.

“ही एवेरिवन…मुझे उम्मीद है की मेरी उपस्थिति किसी को परेशान नहीं करेगी.” शालिनी ने कहा.

“मैं आपको ब्रीफ में सारी सिचुयेशन बताता हूँ.” रोहित ने शालिनी को अपना प्लान बताया.

“हम मगर पहले हमें ये पता करना होगा की साइको घर पर है की नहीं.”

“वो मैंने पता कर लिया है. वो घर पर ही है”

“हम लेकिन उसे घर से बाहर कोन लाएगा.”

“मिनी से रिकवेस्ट कर रहे हैं हम. पर ये डर रही है.”

“डरने की बात भी है. बहुत चालाक और धूर्त है साइको.वो आसानी से इसे जाल में फासने वाला नहीं है.”

“लेकिन हम क्या करे. हमारे पास वक्त कम है. जो भी करना है तुरंत करना है.”

“लेकिन ये सीसी कोन है. स्प का नाम तो राहुल महाजन है.” शालिनी ने कहा.

“इसका जवाब तो साइको को ही देना होगा. हम बहुत परेशान रहे इसे सीसी को लेकर. बस अब और नहीं. “ रोहित ने कहा.

“पद्‍मिनी कैसे पहचाना तुमने साइको को. कब और कैसे आई उसकी फोटो तुम्हारे सामने.” शालिनी ने पूछा

पद्‍मिनी की तो साँस अटक गयी ये सवाल सुन कर. उसने राजू की तरफ देखा. राजू मान ही मान हंस दिया पद्‍मिनी की हालत पर. उसे पता था की पद्‍मिनी दुविधा में है इसलिए शालिनी के प्रशण का जवाब खुद दे दिया, “पद्‍मिनी कुछ बुक्स उठा रही थी टेबल से. उठाते वक्त एक किताब नीचे गिर गयी. उसमें कुछ फोटोस थी. एक फोटो स्प साहिब की भी थी उसमें.”

“लेकिन आप लोग एक बात का जवाब दे. स्प से तो काफी फ्रीक्वेंट्ली मिलते होंगे आप लोग. फिर आपने उसकी अस्वाज क्यों नहीं पहचानी कभी.” मिनी ने पूछा.

“क्योंकि साइको के रूप में, स्प बिलकुल डिफरेंट आवाज़ रखता होगा. तुम ये बताओ…ये काम तुम करोगी की नहीं. रिपोर्टर होने के कारण तुम ये काम आसानी से कर सकती हो.” रोहित ने कहा.

“ठीक है मैं तैयार हूँ. मुझे कैसे…कैसे क्या करना है सब बता दो.”

“आअहह….” पूजा कराह रही थी ज़मीन पर पड़ी हुई. आंखें बंद थी अभी भी उसकी. बेहोशी अभी पूरी तरह टूटी नहीं थी. बेख़बर थी इसे बात से वो की वो साइको के कब्जे में है और एक अंजान जगह पर एक अंजान कमरे में पड़ी है. धीरे-धीरे वो होश में आ रही थी. बेहोशी में हाथ पाँव हिला रही थी वो.

धीरे से आंखें खोली उसने. एक पल को उसे लगा की वो कोई सपना देख रही है. मगर अगले ही पल डर और खौफ ने उसके पूरे अस्तिताव को घर लिया. वो तर-तर काँपने लगी. उसे अहसाह हो गया था की वो फार्स पर पड़ी है और उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं है. बड़ी मुषलकील से उठ पाई वो फार्स से क्योंकि हाथ पाँव तर-तर काँप रहे थे. उठ कर चारों तरफ देखा उसने. कमरे में बस एक दरवाजा था. एक छोटी सी टेबल रखी थी कमरे में जिस पर की एक छोटे से पठार के नीचे एक पेपर रखा था.

“हे भगवान मैं यहां कैसे पहुँच गयी?” पूजा ने कहा.

कॉलेज से जल्दी निकल गयी थी पूजा. मार्केट जाना था उसे एक जरूरी काम के लिए. पॉकेट मनी बच्चा रखी थी कुछ उसने. खर्च करना चाहती थी उसे आज वो. जिसे वो बहुत प्यार करती थी उसके लिए एक गिफ्ट लेना चाहती थी. एक पेंट और शर्ट लेने का प्लान था उसका. सोच रही थी की शाम को जब मोहित उसे कॉलेज लेने आएगा डिनर के लिए तो उसे सर्प्राइज़ देगी. बहुत ख़ूस्स थी गिफ्ट खरीद कर. दिल में प्यार और उमंग लिए शॉप से निकली थी वो. मगर अचानक उसे पीछे से दबोच लिया साइको ने और कोई नासीली चीज़ सूँघा कर बेहोश कर दिया. आगे क्या हुआ उसे कुछ याद नहीं.

पूजा को ये पूरा दृश्या याद आ गया था. ये सब याद आने के बाद उसकी हालत और नाज़ुक हो गयी.

“मोहित प्लीज़ मुझे बच्चा लो…कहा हो तुम…अब तो जीना शुरू किया था मैंने तुम्हारे प्यार के कारण. मैं अब मारना नहीं चाहती. प्लीज़ मुझे बच्चा लो.” पूजा रो पड़ी.

रोते-रोते पूजा की नज़र टेबल पर रखे पेपर पर पड़ी. उसे दूर से ऐसा लग रहा था की उस पर कुछ लिखा है. वो लड़खड़ाते कदमों से टेबल की तरफ बढ़ी. कांम्पते हाथों से उसने पेपर टेबल से उठाया.
वो उस पेपर को पढ़ने लगी तो चेहरे पर खौफ और ज्यादा उभर आया.

“ही पूजा,

यही नाम है ना तुम्हारा. कैसी हो तुम. तुमसे पूछे बिना तुम्हें यहां उठा लाया. सॉरी नहीं बोलूँगा क्योंकि मैं अपनी मर्जी का मालिक हूँ. तुम यहां मोहित की वजह से हो. मोहित की प्रेमिका ना होती तुम तो मेरा तुम पर ध्यान ही नहीं जाता. बहुत सुंदर हो तुम पूजा. मैंने तुम्हारी खूबसूरती बारे करीब से देखी है. तुम्हारे कपड़े मैंने ही तो उतारे हैं. तुम्हारे बूब्स पर फीडा हो गया मैं. थे अरे अमेज़िंग पीस ऑफ टिट्स. तुम्हारी चुत के तो क्या कहने. एक दम चिकनी है. लगता है मोहित के लिए चुत सजा कर रखी हुई है तुम्हें हहहे. तुम्हारी गान्ड भी कम नहीं है. गान्ड पर खूब चाकू रगड़ा मैंने तुम्हारी. तुम नींद में थी इसलिए जान नहीं पाई. मेरी आर्ट के लिए तुम परफेक्ट हो. एक सुंदर मौत दूँगा तुम्हें मैं. वो भी तुम्हारे आशिक के सामने. मोहित के सामने चुत मारूँगा मैं तुम्हारी. पूरा चाकू गुस्सा दूँगा तुम्हारी चुत में. घबरा गयी. अरे घबराओ मत ऐसा करने से एक खूबसूरत मौत मिलेगी तुम्हें. एक परफेक्ट आर्ट का हिस्सा बन जाओगी तुम. तुम्हें गर्व होगा की तुम मुझसे चुदी. बस इसे चुदाई में मजे की बजाए दर्द होगा. उतना तो तुम सह ही सकती हो. आख़िर खूबसूरत मौत हर किसी को नहीं मिलती. ना ही मैं हर किसी को इसे काबिल समझता हूँ. लेकिन इसे मौत के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा तुम्हें. तुम्हारे आशिक को भी तो आना है यहां. तुम बस चेहरे पर खौफ बनाए रखो…बाकी सब मुझ पर छोड दो. इंतजार इसे मौत को और ज्यादा खूबसूरत बना देगा.”
हाथ कुछ इसे कदर काँप रहे थे पूजा के की पेपर चुत गया उसके काँपते हाथों से. उसे विश्वास नहीं हो रहा था की उसके साथ ये सब हो रहा है. वो दीवार के सहारे घुटने पर सर रख कर बैठ गयी.

“मोहित…क्या हमारे सपने, हमारी उम्मीदें सब बिखर जाएँगे. क्या हमारे प्यार का यही अंज़ाम लिखा है भगवान ने. बहुत डर लग रहा है मुझे. इतनी भयानक मौत भगवान किसी को ना दे. और ना ही किसी के प्यार को इसे तरह से जुड़ा करे.” पूजा सुबकते हुए सोच रही थी.

42 इंच ल्क्ड पर साइको सब कुछ देख रहा था. “बहुत खूब पूजा….बहुत खूब. मुझे तुमसे ऐसे ही खौफ की उम्मीद थी.तुम्हारी जितनी तारीफ की जाए कम है. अब बस मोहित को लाना है तुम्हारे पास. तुम चिंता मत करो तुम्हें ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. तुम आ गयी हो तो वो भी आ ही जाएगा. मैं बस उसे तड़पा रहा हूँ हाहहाहा.”

………………………………………………..

राजू के घर सभी बैठे रोहित का इंतजार कर रहे हैं.

“कहा रही गये रोहित सर…इतना टाइम नहीं है हमारे पास.” राजू ने कहा.

“रोहित आता ही होगा…कीप पटेंसे.” शालिनी ने कहा.तभी कमरे का दरवाजा खड़का. राजू ने फौरन दरवाजा खोला.

“कहा रही गये थे सर आप. हमें चिंता हो रही थी.”

“हाँ थोड़ा टाइम लग गया.”

कोई 10 मिनट पूरे प्लान के बारे में कमरे में फिर से डिस्कशन हुई. डिस्कशन के बाद सभी राजू के घर से निकल दिए.

रोहित और शालिनी मिनी के साथ उष्किन मीडिया वाली गाड़ी में थे. राजू पद्‍मिनी और मोहित उनकी कार के पीछे दूसरी कार में थे.

“रोहित हुलिया चेंज करने में भी एक्सपर्ट बन गये हो तुम.” शालिनी ने कहा.

“पर क्या फायदा इसे एक्सपर्टीस का. आपने तो मुझे पहचान ही लिया था.” रोहित ने कहा.

“मेरी बात और है. तुमको तुम्हारी आंखों से पहचाना था मैंने.”

“ये चाँदनी रात हमेशा याद रहेगी ना मैडम. पहली बार इतने करीब आए थे हम. जब-जब ऐसी रात आएगी क्या आपको भी मेरी याद आएगी.”

“अपना ख्याल रखना रोहित. अपना ध्यान बस इसे मिशन पर रखो.” शालिनी ने कहा.

“काश तुम मुझसे एक बार कहो…तुमको मुझसे प्यार हो गया
वादे वफ़ा इकरार करो…तुमको मुझसे प्यार हो गया” रोहित ने ये गीत गुनगुना दिया.

“अरे वाह रोहित तुम तो दरवाजा भी हो. क्या बात है. बहुत प्यारा सॉंग है. पूरा गाओ ना ये गाना. मौत के मुंह में जाने से पहले थोड़ा ध्यान डाइवर्ट हो जाएगा.” मिनी ने कहा.

“नहीं पूरा नहीं गया पऊंगा.”

“क्यों?” मिनी ने कहा.

“कोई इतना ही नहीं सुन पा रहा है. पूरा गवँगा तो पता नहीं क्या होगा.” रोहित ने शालिनी की तरफ देखते हुए कहा. शालिनी की आंखों में आँसू थे.

मिनी के कुछ समझ में नहीं आया. वो रोहित और शालिनी के अनकहे प्यार को नहीं जानती थी.

“हम पहुँचने वाले हैं रोहित. मुझे डर लग रहा है.” मिनी ने कहा.

“हिम्मत रखो मिनी…ये काम हमें हर हाल में करना है. ” रोहित ने कहा और मोहित को फोन मिलाया.

“मोहित मैं मिनी के साथ जा रहा हूँ अंदर. तुम पीछे ही रुकना. पूरी नज़र रखना चारों तरफ.” रोहित ने कहा.

शालिनी ने रोहित का हाथ थाम कर कहा, “ताकि केर रोहित.”

“आपको अलर्ट रहना होगा हर वक्त. हमें अभी पता नहीं की किस आग से खेल रहे हैं हम लोग. हमारे पास वक्त कम था इसलिए जल्दबाज़ी में ये प्लान एक्सेक्यूट कर रहे हैं. वैसे आपके लिए खतरा कम है यहां क्योंकि सभी पुलिस वाले यहां आपको अतचे से जानते हैं.”

“सब ठीक होगा रोहित. प्लान अतचा है तुम्हारा.बस अपना ध्यान रखना.” शालिनी ने कहा.

शालिनी को गाड़ी में ही छोड कर मिनी और रोहित स्प के घर के दरवाजा की तरफ बढ़े. मिनी के हाथ में माइक था और रोहित के हाथ में कमरा.

“हे दरवाजा खोलो हमें स्प साहिब का इंटरव्यू लेना है.” मिनी ने दरवाजा पर खड़े सेक्यूरिटी गार्ड से कहा.

“स्प साहिब इंटरव्यू नहीं देते हैं…आपको मालूम होना चाहिए. पहले भी आ चुकी हैं आप यहां.”

“सारे आम एक लड़की की शादी के दिन हत्या हो गयी और पुलिस शो रही है. हमें स्प साहिब से जवाब चाहिए नहीं तो हम न्यूज में बताएँगे की कितने इनसेन्सिटिव हैं स्प साहिब. उन्हें बताना पड़ेगा की साइको अब तक पकड़ा क्यों नहीं गया.”

“तुम रुको यही मैं स्प साहिब से बात करके आता हूँ.” गार्ड ने कहा.

स्प अपने कमरे में बैठा ल्क्ड टीवी पर पूजा को देख रहा था. अपनी ज़िप खोल कर उसने अपने मुरझाए हुए लिंग को बाहर निकाल रखा था और उसे एक हाथ से सहला रहा था. उसके दूसरे हाथ में एक चाकू था. “बहुत मजा आएगा ये चाकू तेरी चुत में डालने में पूजा. लंड से ज्यादा सेक्सी है ये चाकू. हहेहहे.”

तभी दरवास्जे पर दस्तक हुई और स्प हंसता हंसता रुक गया. स्प ने टीवी बंद किया और चाकू को एक तरफ रख दिया. उसने दरवाजा खोला और चिल्ला कर बोला, “क्या बात है. कितनी बार कहा है मुझे डिस्टर्ब मत किया करो.”

“सर बाहर मीडिया वाले आए हैं.”

“पता है मुझे. सी सी टी अभी कमरा मैंने शॉंकिया नहीं लगा रखे. दफा करो उन्हें यहां से.”

“सर वो रिपोर्टर बोल बोल रही है की अगर आप नहीं मिलेंगे उनसे तो टीवी पर आपको इनसेन्सिटिव बताया जाएगा. वो साइको के केस के बारे में जानकारी चाहती है.”

“ठीक है भेजो उसे अंदर और ड्रॉयिंग रूम में बीताओ. लेकिन उनसे कहना कमरा बंद रखें अपना. मेरी वीडियो लेने की कोशिश ना करे.” स्प ने कहा.

“ओके सर.”

रोहित और मिनी अंदर आ गये. मिनी बहुत घबराई हुई थी. अपने डर को वो अपनी हँसी से छुपाने की कोशिश कर रही थी.

“कमरा बंद रखने को क्यों कहा उसने?” मिनी ने रोहित को धीरे से कहा.

“उसे डर हैं ना की कही पद्‍मिनी उसे टीवी पर देख कर पहचान ना ले.”

“अब समझ में आया की ये इंटरव्यू क्यों नहीं दे रहा था. इसका मतलब डरता बहुत है ये एक्सपोज़ होने से.”

“हर क्रिमिनल डरता है. ये एक नॅचुरल रिएक्शन है.” रोहित ने कहा.

“कही उसे शक तो नहीं हो जाएगा हम पर?” मिनी ने कहा.

“तुम ऐसा वैसा कुछ मत सोचो बस इंटरव्यू लेने पर ध्यान दो.” रोहित ने कहा.

कुछ देर बाद स्प कमरे में दाखिल हुआ.

उसके आते ही मिनी और रोहित सोफे से उठ कर खड़े हो गये. “गुड ईवनिंग सर मैं रात तक न्यूज चॅनेल से हूँ.”

“हम… तभी आप रात को आ गयी मेरा इंटरव्यू लेने.” स्प ने हंसते हुए कहा.

“सर आज तो हद हो गयी. शादी के दिन हत्या कर दी एक लड़की की साइको ने. रीमा नाम था उसका. आप ये बतायें आपकी पुलिस फोर्स कुछ कर क्यों नहीं पा रही है. सभी शहर वासी खौफ के साए में जी रहे हैं. आख़िर कब तक चलता रहेगा ये.”

“हमसे गलती हो गयी थी साइको का केस इंस्पेक्टर रोहित को दे कर. उसने कुछ भी नहीं किया साइको को पकड़ने के लिए. अब हमने अपनी भूल सुधार दी है. हमने एक नये होनहार इंस्पेक्टर को ये केस दिया है. सिकेण्दर नाम है नये इंस्पेक्टर का. मुझे उम्मीद है की वो जल्द से जल्द कुछ परिणाम देगा हमें.”

“वो तो अंधेरे में अकेले घूमते रहते हैं सर…वो क्या परिणाम देंगे हमें.” रोहित ने कहा.

“हूँ आर यू?” स्प ने रोहित से पूछा.

“सर ये मेरा कॅमरमन है.” मिनी ने कहा.

“ओके…इसे से कहो बीच में ना बोले. सिकेण्दर इंटेलिजेंट इंस्पेक्टर है. वो जरूर कुछ ना कुछ करेगा. बाकी पुलिस वाले भी इसी काम पर लगे हैं.” स्प ने कहा.

“सर आपके पीछे जो पैंटिंग तंगी है क्या मैं उसे करीब से देख सकता हूँ. बहुत प्यारी पैंटिंग है ये.” रोहित ने कहा.

“नहीं देख सकते करीब से…और कुछ. जिस काम के लिए आए हो उस पर ध्यान दो.”

“सॉरी सर…मैं बस वैसे ही…” रोहित ने सॉरी फील किया.

“सर एक बहुत ही सीक्रेट सी बात है. क्या आपके पास आकर काहु. क्योंकि दीवारों के भी कान होते हैं.”

“हाँ आओ…बेझिझक बताओ बात क्या है.” स्प ने कहा.

मिनी स्प के करीब जा कर बैठ गयी.

“सर मुझे लगता है की इंस्पेक्टर रोहित ही साइको है…आपको क्या लगता है.” मिनी ने कहा.

“वैसे उस पर शक की कोई वजह नहीं है मगर कुछ भी हो सकता है.” स्प ने कहा.

मिनी अपना प्लान एक्सेक्यूट करने का मान बना चुकी थी. राइटिंग पड़ के नीचे उसके हाथ में इंजेक्शन था.

“सर वो तस्वीर किशकि है.” मिनी ने दीवार पर तंगी तस्वीर की और इशारा किया.

जैसे ही स्प ने गर्दन घुमाई मिनी हरकत में आ गयी. इंजेक्शन स्प की गर्दन में गाड़ने ही वाला था की स्प ने उसका हाथ पकड़ लिया.

“एक आँख मैं हमेशा पीछे रखता हूँ” स्प ने कहा.

रोहित फौरन हरकत में आया मगर स्प ने जेब से बंदूक निकल कर गोली मर दी रोहित को. 3 बार फायर किया स्प ने रोहित की छाती पर. ज़रा भी आवाज़ नहीं हुई गोली की. साइलेनसर जो लगा रखा था उसने.

“रोहित!” मिनी चिल्लाई.

“रोहित…हम अब पूरी बात समझ में आई. तुम्हारा तो मैं वो हाल करूँगा की रूह काँप उठेगी तुम्हारी.” स्प ने मिनी को कहा.

मिनी ने एक ज़ोर डर किक मारी स्प के पेट पर. वो गिर गया मगर उसने निशाना लगा लिया मिनी पर, “बस अब कोई और हरकत की तो भेजा उड़ा दूँगा.

स्प उठा फार्स से और बंदूक ताने हुए मिनी की तरफ बढ़ा. “तुम्हारी पैंटिंग भी बनेगी अब. मुझ पर हाथ उठाने वाले को मैं जींदा नहीं चोद्ता.”

अचानक एक इंजेक्शन गड़ गया स्प की गर्दन में. उसने मूंड़ कर देखा तो उसके पीछे रोहित खड़ा था.

स्प के हाथ काँपने लगे इंजेक्शन लगते ही. बंदूक चुत गयी उसके हाथ से. “ये क्या लगा दिया तुमने मुझे.”

“किल्लर07 इंजेक्शन है ये. तुम्हारे ऑर्गन्स को अंदर से डेस्ट्राय करेगा. शुरूवात हो चुकी है. 30 मिनट बाद तुम तड़प तड़प कर मर जाओगे.”

“यू बस्टर्ड…मैं तुम्हें छोड़ूंगा नहीं.”

“अपनी चिंता कर साले…10 मिनट में तुझे आंटिडोट नहीं मिली इसकी तो तड़प-तड़प कर मरेगा. उसके बाद हर 15 मिनट बाद तुझे एक आंटिडोट की जरूरत पड़ेगी. 10 आंटिडोट लेनी होगी तुझे तब जाकर तेरी जान बचेगी. और ये किल्लर07 इंजेक्शन इंपोर्टेड है. यहां इंडिया में ना ये इंजेक्शन मिलेगा और ना ही इसका आंटिडोट. इंजेक्शन भी मेरे पास है और आंटिडोट भी.”

स्प के मुंह से खून निकालने लगा. उसके चेहरे पर खौफ साफ दीखाई दे रहा था.

“क्या बात है. बहुत सुंदर खौफ है आपके चेहरे पर. पूजा कहा है जल्दी बताओ वरना कोई आंटिडोट नहीं मिलेगी तुम्हें.”

“पहले मुझे पहली आंटिडोट दो फिर बतावँगा.”

“नहीं मिलेगी. जल्दी बताओ वरना तुम्हें कोई भी आंटिडोट नहीं मिलेगी.”

“ठीक है बताता हूँ आहह.” स्प कराहते हुए बोला.

स्प ने उस जगह का पता बता दिया जहां उसने पूजा को छुपा रखा था.

“वेरी गुड. अब 10 मिनट में जंगल पहुँचो. पहली आंटिडोट तुम्हें वही मिलेगी. ये पेन अपनी जेब में रखना. कमरा लगा है इसमें. कोई भी ऐसी वैसी हरकत की तो मेरा मूंड़ खराब हो जाएगा और मैं सारी आंटिडोट्स डेस्ट्राय कर दूँगा.” रोहित ने कहा

“10 मिनट में मैं जंगल नहीं पहुँच सकता.” स्प गिड़गिदाया.

“वो मेरी प्राब्लम नहीं है. चलो मिनी चलते हैं.”

“मुझे पहली आंटिडोट तो दे दो आहह.” स्प दर्द से कराहते हुए बोला.

“जंगल पहुँचने से पहले कोई आंटिडोट नहीं मिलेगी तुम्हें. तुम्हारा खेल खत्म हुआ मिस्टर साइको अब हमारी बड़ी है.”

जैसे ही स्प की जेब में पेन रखा था रोहित ने गाड़ी में बैठी शालिनी को लॅपटॉप पर लाइव पिक्चर मिलने लगी थी.

“ग्रेट रोहित…प्लान कामयाब रहा. देखते हैं अब स्प साहिब चुपचाप जंगल आते हैं की नहीं. मुझे उम्मीद है की पूजा का पता तो तुमने लगा ही लिया होगा.” शालिनी ने कहा

रोहित और मिनी स्प के कमरे से निकल कर चुपचाप दरवाजा की तरफ तरफ रहे थे.

“शुक्र है बुलेटप्रूफ जॅकेट पहन रखी थी नहीं तो आज गया था काम से.” रोहित ने धीमी आवाज़ में कहा.

“तुम्हें क्या लगता है क्या वो आएगा जंगल में.” मिनी ने पूछा.

“उसे आना पड़ेगा. हमने अपना काम कर दिया है. जस्ट इंतजार और वॉच की आगे क्या होता है. और अगर वो नहीं भी आया जंगल तो भी मौत तो उसकी निश्चित है ही. उसे कोई नहीं बच्चा सकता. किल्लर07 से कोई नहीं बच्चा आज तक. ये इंजेक्शन ज्यादातर इंटरनॅशनल स्पाइस उसे करते हैं. मोस्ट सीक्रेट वेपन है और उतना ही लीतल भी.” रोहित ने कहा.

“तुम्हें कैसे पता इतना कुछ. और ये इंजेक्शन तुम्हें मिला कैसे.”

“मेरा एक बहुत खास दोस्त सीया एजेंट है. पीछे साल वो इंडिया आया हुआ था एक खास मिशन पर. उसी ने मुझे दिया था ये. मैंने सोचा भी नहीं था तब की कभी इसका उसे भी करूँगा. मगर मैंने इसे संभाल कर रख लिया था. देखो आज काम आ गया.”

बातें करते-करते रोहित और मिनी दरवाजा से बाहर आ गये. वो गाड़ी में घुसे ही थे की शालिनी ने कहा, “तुमने कमरा ठीक से लगाया था ना”

“हाँ क्यों क्या हुआ?”

“कोई वीडियो नहीं आ रही है. मुश्किल से एक मिनट वीडियो आई फिर अचानक बंद हो गयी.” शालिनी ने कहा.

“क्या! ऐसा कैसे हो सकता है.” रोहित हैरान रही गया.

“स्प ने जरूर कुछ गड़बड़ कर दी होगी कमरा में” मिनी ने कहा.

“मुझे भी यही लगता है. ” शालिनी ने कहा.

“अब क्या होगा रोहित. हम ये नहीं जान पाएँगे की वो क्या कर रहा है.” मिनी ने कहा.

“तुम लोग चिंता मत करो उसकी जींदगी हमारी मुट्ठी में है. हम……” रोहित बोलता बोलता रुक गया क्योंकि शालिनी बीच में बोल पड़ी,”ऑम्ग क्या ये पूजा है!”

रोहित ने तुरंत लॅपटॉप स्क्रीन पर देखा, “शायद… मैं पूजा से कभी नहीं मिला. वही होगी.”

“क्या हालत बना दी है उसने उसकी. ओह गोद एक भी कपड़ा नहीं है उसके शरीर पर. मुझसे नहीं देखा जाता ये.” मिनी ने कहा.

“आख़िर ये चाहता क्या है. क्या उसे अपनी जान प्यारी नहीं है.” शालिनी ने कहा.

“साइको है वो. कब क्या करेगा कुछ भरोसा नहीं. लेकिन जो भी हो किल्लर07 से वो नहीं बचेगा.”
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 54

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 27 Oct 2016 09:42

“मगर पूजा का क्या होगा?” शालिनी ने सवाल किया.

“हम उसे कुछ नहीं….” रोहित बोलते बोलते रुक गया क्योंकि तभी उसका फोन बजने लगा था.

“हेलो”

“आअहह…मिस्टर रोहित पांडे कमाल कर दिया तुमने. बहुत सुना था किल्लर07 के बारे में. तुमने ये मुझपर उसे किया. बहुत बढ़िया गेम खेली तुमने मेरे साथ.”

“आतची लगी ना गेम. अभी तो शुरूवात है बेटा आगे देख क्या क्या होता है तेरे साथ.” रोहित ने कहा.

“आगे जो भी होगा मेरी मर्जी से होगा. ये गेम अब मेरे तरीके से आगे बढ़ेगी. तुम्हें पूजा की लाइव वीडियो आ रही होगी. बहुत बेचैन नज़र आ रही है बेचारी मेरी आर्ट का हिस्सा बन-ने के लिए. 10 मिनट में मैं पहुँच रहा हूँ उसके पास उसकी आर्ट बनाने के लिए. अगर उसे जींदा देखना चाहते हो तो आंटिडोट की सारी डोस मुझे दे दो चुपचाप. मैं वादा करता हूँ की उसे कुछ नहीं करूँगा. अड्रेस तुम्हें बता ही दिया है मैंने. वही पहुँच जाओ आंटिडोट ले कर. नहीं आए तो नतीजा बहुत बुरा होगा. मैं तो मारूँगा पर तुम्हारे लिए और तुम्हारे दोस्त मोहित के लिए ऐसी आर्ट छोड जाऊंगा पूजा की, जिसे तुम जींदगी भर नहीं भूल पाओगे. चाय्स तुम्हारी है…” साइको ने फोन काट दिया.

“क्या हुआ रोहित…क्या ये स्प का फोन था.” शालिनी ने पूछा.

“हाँ…वो ये गेम अपने तरीके से खेलना चाहता है. आंटिडोट चाहता है वो. इसके बदले पूजा को छोडने के लिए तैयार है. मुझे आंटिडोट लेकर उसी जगह बुलाया है जहां पूजा को कैद कर रखा है उसने.”

“कहा है पूजा?” शालिनी ने पूछा.

“मुस्सूरीए की तरफ जो रास्ता जाता है उसी पर एक फार्म हाउस पर छुपा रखा है उसने उसे. लोकेशन पता है मुझे.”

“तो क्या इरादा है तुम्हारा?” शालिनी ने कहा.

“देखो इसे वक्त पूजा सबसे बड़ी प्राइयारिटी है. स्प साइको है कुछ भी कर सकता है. फिलहाल तो वो भी यही है और हम भी यही हैं. हमें उस से पहले पहुँचना होगा फार्म हाउस. चलो जल्दी…मिनी तुम हटो मैं ड्राइव करता हूँ.” रोहित ने कहा. गाड़ी स्टार्ट करते ही रोहित ने मोहित को फोन मिलाया और सारी सिचुयेशन उसे बता दी.

“रोहित हम सब को वहां नहीं जाना चाहिए. पता नहीं क्या गेम है उसकी. हम दोनों चलते हैं वहां.” मोहित ने कहा.

राजू सब कुछ सुन रहा था, “ऐसा क्यों बोल रहे हो गुरु. मुझे एक दम से पराया कर दिया. मैं भी साथ चलूँगा.”

“राजू सिचुयेशन हमारे कंट्रोल में नहीं है. पता नहीं क्या गेम है उसकी. और पद्‍मिनी के साथ भी तो किसी का होना जरूरी है.”

“पद्‍मिनी को उसके घर ड्रॉप कर देते हैं. सेक्यूरिटी तो है ही वहां.” राजू ने कहा.

“नहीं मैं भी साथ ही रहूंगी. घर में मुझे ज्यादा डर लगेगा. और ये टीम क्या मज़ाक में बनाई थी तुम लोगों ने. मैं कही नहीं जाऊंगी सुन लो तुम दोनों. और जो जख्म साइको ने मुझे दिया है वो तभी भरेगा जब मैं उसे अपनी आंखों से मरते हुए देखूँगी.” पद्‍मिनी ने कहा.

“सोच लो पद्‍मिनी वहां बहुत खतरा है. वो जरूर कोई खतरनाक खेल खेलने के चक्कर में है.” मोहित ने कहा.

“कुछ भी हो मुझे राजू के साथ रहना है. मैंने सपना देखा था….”

“चोदा भी उस सपने को पद्‍मिनी. मेरा वो बाल भी बांका नहीं कर सकता.” राजू ने कहा.

“सच में यार तुम दोनों तो पागल हो गये हो एक दूसरे के प्यार में.” मोहित ने कहा.

“क्या तुम पागल नहीं हो पूजा के लिए गुरु जो हमें बोल रहे हो.” राजू ने कहा.

“हूँ तो सही. यार उसे कुछ हो गया तो मैं मर जाऊंगा.” मोहित ने कहा.

“उसे कुछ नहीं होने देंगे हम. चिंता मत करो.” राजू ने मोहित के कंधे पर हाथ रख कर कहा.

रोहित फोन पर सब सुन रहा था, “यार मेरे से भी बात कर लो कोई.”

“ओह सॉरी मैं भूल गया था की तुम फोन पर हो. मैं राजू और पद्‍मिनी के साथ बातों में लग गया था.”

“हाँ मैंने शुनि तुम लोगों की बातें. मैं भी यही चाहता हूँ की हम सब वहां ना जायें. हम दोनों चलते हैं. बाकी लोग सुरक्षित जगह पर रुक जायें.” रोहित ने कहा.

“बहुत बढ़िया. मैं कही नहीं जा रही हूँ. भूल गये तुमने मुझे कहा था की आप खुद गोली मारेंगी साइको को. आज वो मौका आया है तो मुझे साथ नहीं रखना चाहते.” शालिनी ने कहा.

“मैडम पर आप 100% फिट नहीं हैं. और आप साथ होंगी तो ध्यान आप पर ही रहेगा मेरा.” रोहित ने कहा.

“मैडम पर ध्यान क्यों रहेगा… ..” मिनी कन्फ्यूज़ हो गयी.

“अरे बॉस हैं मेरी…इन पर ध्यान नहीं रखूँगा तो सस्पेंड कर देंगी…समझा करो.” रोहित ने बात घूमने की कोशिश की.

“लेकिन मैडम ठीक कह रही हैं. हम सभी चलेंगे वहां. मेरे लिए ये स्टोरी बहुत इंपॉर्टेंट है. मीडिया में मेरा कैरियर सुरक्षित हो जाएगा इसे स्टोरी के बाद.”

“रोहित अब क्या करे कोई भी रुकने को तैयार नहीं है. वहां बहुत खतरा है…कोई समझने को तैयार ही नहीं है.” मोहित ने कहा.

“हमारे पास किसी को कही ड्रॉप करने का वक्त है भी नहीं. हमें तुरंत पहुँचना होगा उस फार्म हाउस पर. फुल बढ़ता से चलें तब भी हमें 20 मिनट से ज्यादा टाइम लगेगा. चलते हैं सभी…जो होगा देखा जाएगा.” रोहित ने कहा.

“ऐसा करते हैं फिर की सभी एक ही कार में हो जाते हैं. अलग अलग रहने से दिक्कत आ सकती है. तुम अपनी कार रोको हम उसी में आ जाते हैं. उसमें स्पेस भी काफी है.” मोहित ने कहा.

“हम ठीक है मैं कार रोकता हूँ.” रोहित ने ब्रेक लगा दिए.

मोहित ने कार सड़क किनारे पार्क कर दी. तीनों भाग कर मिनी की कार में घुस गये.

कार में घुसते ही मोहित की नज़र लॅपटॉप स्क्रीन पर पड़ी. पूजा डरी सहमी एक कोने में बैठी थी. पूजा को देख कर मोहित चिल्लाया, “पूजा…ऑम्ग ये क्या हाल बना दिया उसने मेरी पूजा का. रोहित तुमने बताया नहीं की लाइव वीडियो आ रही है लॅपटॉप पर पूजा की.” मोहित की आंखें नाम हो गयी बोलते हुए.

“कैसे बताता यार. हमसे ही नहीं देखा गया ये सब. तुम्हें कैसे बताते.” रोहित ने कहा.

“तो किल्लर07 कुछ काम नहीं आया. हम उसके साथ गेम खेलने चले थे मगर अब खुद उसकी गेम में फँसते नज़र आ रहे हैं.” मोहित पूजा को देख कर डिप्रेस्ड हो गया था.

“ऐसा नहीं है. वो नेगोशियेशन कर रहा है उसके कारण.” रोहित ने कहा.

“हाँ पर हमारे कंट्रोल में कुछ नहीं है. ये गेम हमने शुरू की थी पर कंट्रोल वो कर रहा है.” मोहित ने कहा.

“हाँ क्योंकि हमें पूजा की चिंता है. अगर पूजा उसके कब्जे में ना होती तो उसे गेम खेलना सीखा देते आज हम.” रोहित ने कहा.

“जान खतरे में है उसकी…फिर भी गेम खेलना चाहता है. एक नंबर का कमीना है.” राजू ने कहा.

“साइको है ना. अपनी आदत से मजबूर है.” रोहित ने कहा.

“अरे स्क्रीन से वीडियो गायब हो गयी..” मोहित ने कहा.

“ये साइको साला कुछ ना कुछ करता रहता है. चैन से नहीं बैठता एक मिनट भी.” रोहित ने कहा.

“उसने वीडियो क्योब बंद कर दी?” शालिनी ने पूछा.

“ये तो वही बता सकता है मैडम. वहां जाकर देखते हैं की क्या माजरा है.”

“वो जगह बहुत सुनसान है रोहित. चारों तरफ खेत हैं. मुस्सूरीए की पहाड़ियाँ भी नज़दीक ही हैं. हमें बहुत ज्यादा सतर्क रहना होगा.” मोहित ने कहा.

15 मिनट में वो लोग उस फार्म हाउस के नज़दीक पहुँच गये. रोहित ने अचानक गाड़ी को राइट टर्न दिया और गाड़ी झाड़ियों में गुस्सा दी.

“क्या कर रहे हो रोहित” शालिनी ने तुरंत उसे टोका.

रोहित ने झाड़ियों के बीच गाड़ी रोक दी और बोला, “यहां से पैदल ही जाऊंगा मैं. यहां से 10 मिनट पैदल का रास्ता है. फार्म हाउस के ज्यादा नज़दीक जाना ठीक नहीं होगा. तुम सब लोग अपने मोबाइल चेक करो, सिग्नल है की नहीं. मोहित तुम झाड़ियों के रास्ते वहां पहुँचना और नज़र रखना चारों तरफ.”

“क्या! तुम वहां अकेले जाओगे?” शालिनी ने कहा.

“हाँ उसने मुझे ही बुलाया है आंटिडोट लेकर.मैं सामने के रास्ते से जाऊंगा और मोहित झाड़ियों के रास्ते से.तुम सभी पिस्तौल थाम लो हाथों में. हमारा सामना किस चीज़ से होने वाला है हमें कुछ नहीं पता. हर वक्त सतर्क रहना. मैं चलता हूँ.” रोहित ने आंटिडोट निकाल ली बैग से और गाड़ी का दरवाजा खोलने लगा.

“रोहित!” शालिनी ने आवाज़ दी.

“हाँ मैडम?”

“ताकि केर”

“ऑफ कोर्स.” रोहित गाड़ी से बाहर आ गया. आंटिडोट्स उसने अपनी पॉकेट में डाल ली और झाड़ियों से बाहर आकर फार्म हाउस की तरफ चल दिया.

चाँदनी रात थी इसलिए सड़क पर काफी रोशनी थी. मगर हर तरफ खौफनाक सन्नाटा था. वहां के सन्नाटे को देख कर किसी की भी रूह काँप सकती थी. दूर-दूर तक कोई भी दीखाई नहीं दे रहा था. सड़क पूरी तरह सुनसान थी.

मोहित झाड़ियों के रास्ते दबे पाँव फार्म हाउस की तरफ तरफ रहा था. हाथ में पिस्तौल थी उसके. उसकी आंखों में हर वक्त बस पूजा का चेहरा घूम रहा था. “मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगा पूजा. कुछ नहीं होने दूँगा.”

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by sexy » 27 Oct 2016 09:42

रोहित 10 मिनट में तेज कदमों से फार्म हाउस के बाहर पहुँच गया. फार्म हाउस काफी बड़ा था और चारों तरफ चार दीवारी थी उसके. “क्या यही वो फार्म हाउस है जहां उसने पूजा को छुपा रखा है. यहां तो बस एक छोटा सा कमरा दिख रहा है. कही हम गलत जगह तो नहीं आ गये,” रोहित ने सोचा.

जब मोहित झाड़ियों से होता हुआ चार दीवारी के नज़दीक पहुँचा तो उसने भी कुछ ऐसा हो सोचा जैसा की रोहित सोच रहा था. “ये फार्म हाउस तो नहीं लगता. सिर्फ़ एक छोटा सा कमरा है.” मोहित ने सोचा.

मोहित दीवार फाँद कर अंदर आ गया और झाड़ियों में छूपते छिपाते उस छोटे से कमरे की तरफ बढ़ने लगा. रोहित भी पूरी सतर्कता से चारों तरफ देखता हुआ उसी कमरे की तरफ तरफ रहा था. दोनों ने एक दूसरे को देख लिया था.

दोनों एक साथ कमरे के नज़दीक पहुँचे. मोहित उस कमरे के बाईं तरफ था और रोहित डायन तरफ. दोनों दबे पाँव कमरे की दीवार से आकर सात गये.

“तुम्हें क्या लगता है, क्या हम सही जगह पर हैं.” मोहित ने कहा.
“जगह तो यही होनी चाहिए. वैसे बहुत अजीब बिहेव कर रहा है ये साइको. ढूंढ़ना तो उसे हमें चाहिए आंटिडोट लेने के लिए.” रोहित ने कहा.

“उस मिल गयी होगी आंटिडोट तभी वो ऐसे बिहेव कर रहा है.” मोहित ने कहा.

“नहीं ऐसा नहीं हो सकता. मानता हूँ की इंडिया में ये किसी ना किसी के पास मिल सकती है पर वक्त तो लगेगा ना ढूंढ़ने में.”

“हाँ पर इसे संभावना से इनकार तो नहीं किया जा सकता ना.” मोहित ने कहा.

“हाँ पॉसिबिलिटी तो है…इसमें कोई शक की बात नहीं है.”

“इसे कमरे पर ताला लगा है, इसे खोल कर देंखे. अगर यही वो फार्म हाउस है तो पूजा को यही होना चाहिए” मोहित ने कहा.

“हाँ तुम ताला तोडो मैं तुम्हें कवर करता हूँ.”

“भाई मैं तोधनके को नहीं बोल रहा हूँ. इसे मैं खोलने जा रहा हूँ.” मोहित ने धीरे से कहा.

ज्यादा वक्त नहीं लगाया मोहित ने ताला खोलने में.

मोहित और रोहित दरवाजा खुलते ही बंदूक तन कर अंदर घुस गये.

“यहां तो कोई भी नहीं है.” मोहित ने कहा.

“एक मिनट लेकिन ये वही कमरा है जीशमे की उसने पूजा को रख रखा था.”

“ओह हाँ वो देखो दीवार पर कमरा लगे हैं”

“आख़िर क्या चाहता है ये हरामी. क्या उसे आंटिडोट नहीं चाहिए.” रोहित ने कहा.

“मेरी बात मान उसे आंटिडोट मिल चुकी है. नहीं तो वो हमसे पहले मौजूद होता यहां”

“हमसे पहले तो वो आया ही था और कुछ करके गया है यहां. क्या करके गया है यही सोचने की बात है” बोलते बोलते रोहित की नज़र कमरे के एक कोने में रखे डस्टबिन पर गयी. “ऑम्ग मोहित निकलो यहां से उसने बॉम्ब रखा है शायद यहां,” रोहित चिल्लाया.

उन दोनों ने कमरे से कदम बाहर रखे ही थे की धदाम की आवाज़ के साथ पूरी धरती हिल गयी. ब्लास्ट बहुत भयानक था.

“ये कैसी आवाज़ थी?” पद्‍मिनी ने कहा.

“ऐसा लगता है जैसे की बॉम्ब ब्लास्ट हुआ है” शालिनी ने तुरंत जवाब दिया.

“हाँ मैडम मुझे भी ऐसा ही लगता है. मैं जा कर देखता हूँ” राजू उठने लगा तो पद्‍मिनी ने उसे रोक दिया. “नहीं अकेले वहां जाना ठीक नहीं है. रोहित को फोन मिलाओ और पूछो की क्या बात है”

पद्‍मिनी के बोलने से पहले ही शालिनी रोहित के नंबर पर कॉल कर चुकी थी. “रिंग जा रही है पर वो उठा नहीं रहा.”

पूरी रिंग जाने के बाद भी रोहित का कोई रेस्पॉन्स नहीं आया तो शालिनी ने दुबारा ट्राइ किया.

“फोन क्यों नहीं उठा रहे हो रोहित. कम ऑन पिक उप थे डॅम फोन.” शालिनी ने कहा.

“मैं मोहित का फोन ट्राइ करता हूँ” राजू ने मोहित का नंबर डायल किया.

“गुरु भी फोन नहीं उठा रहा. जरूर कुछ गड़बड़ है. पद्‍मिनी मुझे जाना होगा वो जरूर किसी मुसीबत में हैं” राजू ने कहा.

पद्‍मिनी असमंजस में पड़ गयी. “मैं भी साथ चलूंगी फिर”

“अरे यार तुम्हारे प्यार ने तो बेड़ियाँ डाल दी मेरे पैरों में. तुम साथ क्यों चलेगी भला. वहां कोई पिकनिक मनाने नहीं जा रहा हूँ. यही रुको तुम मैं फोन करके बतावँगा तुम्हें की क्या सिचुयेशन है.” राजू ने धीरे से कहा ताकि सिर्फ़ पद्‍मिनी को छूने.

“राजू तुम यहां सतर्क रहना मैं जा रही हूँ वहां.” शालिनी ने कहा.

“नहीं मैडम आप रहने दीजिए मैं जाकर देखता हूँ की आख़िर बात क्या है.” राजू ने कहा.

“नहीं तुम यही रुको. मैं जा रही हूँ.” शालिनी ने आर्डर दिया.

“मैडम मैं आपके साथ चलती हूँ.” मिनी ने कहा.

“क्या तुम्हें बंदूक चलानी आती है?” शालिनी ने पूछा.

“हाँ बंदूक भी चलानी आती है और हाथ भी चलाने आते हैं.” मिनी ने जवाब दिया.

“हम ठीक है फिर चलो.” शालिनी ने कहा.

फार्म हाउस पर बहुत ही भयानक मंजर था. खून से लथपथ पड़े थे रोहित और मोहित ज़मीन पर. कमरे से बाहर कदम तो रख लिया था दोनों ने मगर फिर भी ब्लास्ट की चपेट में आ ही गये थे. दोनों के ही हाथों से बंदूक चुत चुकी थी और उन्हें ये होश भी नहीं था की वो इसे वक्त कहा पड़े हैं.

मोहित ने आँख खोल कर देखी तो उसे कुछ ऐसा दीखा जिसे देख कर उसकी रूह काँप उठी. “रोहित! वो आ रहा है. तुम्हारी गुण है ना तुम्हारे पास मेरी तो ना जाने कहा गयी.”

“आअहह…. मोहित मेरी गुण भी पता नहीं कहा है. मुझसे तो उठा भी नहीं जा रहा है.” रोहित ने कहा.

“उतना होगा रोहित अपने डाई तरफ देखो वो हमारी तरफ आ रहा है.” मोहित ने कहा.

रोहित ने डायन तरफ गर्दन घुमा कर देखा,“ओह गोद…तुम सही कह रहे थे. इसे आंटिडोट मिल गया है. ये सिर्फ़ नाटक कर रहा था हमें यहां बुलाने के लिए.”

साइको उनकी तरफ तरफ रहा था. उसके हाथ में एक बेसबॉल बात था.

“कैसा लग रहा है आप दोनों को. उम्मीद करता हूँ की आप यहां कंफर्टबल महसूस कर रहे होंगे. बॉम्ब ब्लास्ट का हिस्सा बन-ना भी किस्मत वालो को ही नसीब होता है…हिहिहिहीही.” साइको ने कहा.

“तो तू खुद क्यों नहीं हिस्सा बना इसे ब्लास्ट का साले. कभी खुद को भी मौका दिया कर.” रोहित चिल्लाया.

“हम… रस्सी जल गयी पर बाल नहीं गये. कोई बात नहीं…अभी बाल निकाल देता हूँ सारे.” साइको ने बेसबॉल बात बरसाना शुरू कर दिया रोहित के ऊपर.

सबसे ज्यादा उसे टांगों पर वार किया ताकि वो उठ ना पाए. पेट में भी कई वार किए उसने. रोहित के मुंह से खून बहने लगा पेट पर बेसबॉल के वार के कारण. मोहित पड़ा पड़ा चुपचाप सब देख रहा था. बहुत कोशिश की उसने उठने की पर उठ नहीं पाया. जब साइको का ध्यान मोहित पर गया तो वो रोहित को छोड कर उस पर टूट पड़ा. उसकी भी टांगों पर बेसुमार वार किए उसने बेसबॉल बात के. पेट में भी अनगिनत बार मारा बात उसने. मोहित की हालत भी रोहित जैसी हो गयी. बॉम्ब ब्लास्ट के बाद साइको की ये मर एक तरह से डबल जेपर्डी थी उन दोनों के लिए.

“कहा से मिला आंटिडोट तुझे…आअहह..” रोहित ने पूछा

“बहुत बढ़िया गेम खेली थी तूने मेरे साथ. मैं तो ऑलमोस्ट फँस ही गया था. मगर मैंने होश से काम लिया. तुम्हारा पेन हटाया सबसे पहले अपनी जेब से. फिर अपने दोस्त डॉक्टर अनिल को फोन मिलाया. वैसे किल्लर07, सीक्रेट वेपन है पर इसका तौड उसे पता था. मेरे घर के नज़दीक ही घर है उसका. उसने तुरंत आ कर मुझे मास्टर डोस दे दी. उसी से बात बन गयी… क्यों कैसी रही…हहेहहे.”

“बहुत बढ़िया रही सर. लेकिन जो भी है सर आज आपने साबित कर दिया की आप सच में नपुंश्क हैं. धोके से बॉम्ब से उड़ा दिया हमें…और अब कायर की तरह हमारे शरीर का कचूमर बना दिया…आअहह.” रोहित ने कहा.

“चुप कर ज्यादा बकवास मत कर तुझे नहीं पता की मुझे नपुंश्क कहने पर क्या हाल किया था मैंने अपनी बीवी का.”

“तुम्हारी बीवी भी थी…किस बेवकूफ़ ने शादी की तुमसे…हाहहाहा,” रोहित ने कहा.

“हाँ थी. मेरी पीठ पीछे मेरे ही छोटे भाई से गान्ड मरवाती थी. मैंने रंगे हाथों पकड़ लिया तो उसने नपुंश्क कहा मुझे. बस कुल्हाड़ी ले कर काट दिया मैंने उसे और अपने छोटे भाई को. बहुत मजा आया था मुझे पहला खून करते वक्त. बहुत देर तक उन दोनों के खून से खेलता रहा था मैं. आज भी वो दिन याद करता हूँ तो दिल झूम उठता है. वो मेरा अब तक का बेस्ट मर्डर था.” साइको बड़ी करूरता से सब कुछ बता रहा था.

“तो मेरा शक सही निकला तू सच में नपुंश्क है. बल्कि नपुंश्क से बढ़कर बुजदिल और कायर भी है.” रोहित ने कहा.

एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 55

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