एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

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jasmeet
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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by jasmeet » 02 Nov 2016 10:41

“तेरी जुबान तुझे बहुत भयानक मौत दिलवाएगी आज.” साइको ने बात रोहित के सर पर वार करने के लिए ऊपर आकास की और उठा लिया. मगर तभी कुछ सोच कर वो रुक गया, “नहीं तड़पा-तड़पा कर मारूँगा तुझे मैं. क्यों ना एक गेम हो जाए. पूजा डार्लिंग को लेकर आता हूँ. तुम लोग उसे कमरे में ढूंढ. रहे थे और वो पेड़ के पीछे छुपी थी. एक नंबर की कामिनी है साली. अभी लेकर आता हूँ रंडी को. गेम का मुख्य हिस्सा उसे ही बनाएँगे. लेकिन पहले ये बंदूकें हटा लंड यहां से. गेम का मजा खराब कर सकती हैं ये… हहेहहे. तुम्हारे पास मोबाइल भी होंगे वो भी मुझे दे दो जहन्नुम में मोबाइल का क्या काम…हिहिहीही. ” साइको गन्स और मोब्लेस ले कर वहां से चला गया.

“मोहित…तू ठीक तो है ना” रोहित ने कहा.

“यार हाथ पाँव काम नहीं कर रहे. अब वो पूजा को ला रहा है. मेरी आंखों के सामने कोई घिनोनी गेम खेलगा वो और मैं कुछ भी नहीं कर पऊंगा.” मोहित ने कहा.

“ऐसा मत सोचो मोहित. जब हम सोचते हैं की हम कुछ नहीं कर पाएँगे, वही से एक नयी संभावना तैयार होती है कुछ अलग और बेहतर करने की.”

“मेरा शरीर बॉम्ब ब्लास्ट के कारण बुरी तरह ज़ख्मी है, ऊपर से उसने मर-मर कर रही सही जान भी निकाल दी. मैं अपनी मर्जी से हाथ की उंगलियाँ भी नहीं हिला पा रहा हूँ, क्या बेहतर और अलग कर पऊंगा.”

“मेरा भी यही हाल है दोस्त वरना तो क्या वो मेरी जेब से मोबाइल निकाल कर ले जाता. लेकिन मैं उतुंगा जरूर तू देखना. साइको के हातो मौत मुझे मंजूर नहीं. मुझे यकीन है की कुछ तो बच्चा हुआ है मेरे अंदर अभी भी जीशके सहारे मैं उठ सकता हूँ.” रोहित ने उठने की पूरी कोशिश की पर उठ नहीं पाया.

साइको पूजा को वहां ले आया. एक हाथ से उसने पूजा को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ में कुल्हाड़ी थाम रखी थी उसने. रोहित को उठने की कोशिश करते देख साइको ने कहा, “बहुत खूब मिस्टर पांडे. अभी भी बहुत जान बाकी है तुम में. मेरा बॉम्ब ज्यादा कामयाब नहीं रहा लगता है. चलो कोई बात नहीं. दूसरा बॉम्ब हाज़िर है. मुझे यकीन है की पूजा नाम का ये आइटम बॉम्ब जरूर काम करेगा. क्यों पूजा डार्लिंग सही कहा ना मैंने. चल जा पहले अपने यार से मिल जाकर, देख तो ले वो जींदा है या मर गया. बिलकुल परवाह नहीं करती तुम अपने आशिक की. मेरे कहने से पहले ही मोहित से चिपक जाना चाहिए था तुम्हें.” साइको ने पूजा को मोहित के ऊपर ढकैयल दिया.

“मोहित…तुम ठीक तो हो” पूजा ने रोते हुए पूछा.

“कुछ मत पूछो…कॉलेज से कैसे उठा लिया इसने तुम्हें पूजा.”

“कॉलेज से नहीं उठाया इसने मुझे. मैं कॉलेज से जल्दी निकल गयी थी.”

“क्यों”

“तुम्हारे लिए कुछ खरीदना था. एक पेंट शर्ट गिफ्ट देना चाहती थी तुम्हें. शॉपिंग करके कॉलेज वापिस आ ही रही थी की इसने मुझे किडनॅप कर लिया.” पूजा ने सुबकते हुए कहा.

“बस मुलाकात का वक्त समाप्त हुआ. अब गेम खेलने का वक्त आ गया है. गेम बहुत ही ज्यादा सिंपल है तुम दोनों प्रेमियों के लिए. आओ पूजा ये कुल्हाड़ी लो और इसे कमीने रोहित पांडे की गर्दन काट दो इसे कुल्हाड़ी से. सिर्फ़ 5 मिनट का वक्त है तुम्हारे पास ये काम करने का. ये काम नहीं किया तो ये बंदूक देख रही हो….तुम्हारे आशिक का भेजा उड़ा दूँगा मैं…हहेहेहहे…लेट्स स्टार्ट.” साइको ने कहा.

“नहीं प्लीज़ मैं ये नहीं कर सकती.” पूजा गिड़गिड़ाई.

“ठीक है फिर मैं इसे कुल्हाड़ी से मोहित की गर्दन काट देता हूँ. देखा मोहित कितनी दगाबाज़ निकली ये लड़की. इसे लड़की के जरूर रोहित के साथ नज़ायज़ संबंध हैं नहीं तो ये ऐसा कभी ना कहती. ये साली रोहित से चुत मरवाती है तेरी पीठ पीछे और प्यार का नाटक तेरे साथ करती है.” साइको ने कहा.

“बकवास बंद कर साले.” मोहित चिल्लाया.

“चल पूजा दूसरी गेम खेलते हैं. रोहित की ज़िप खोल कर इसका लंड निकाल बाहर और उसे अपने मुंह में लेकर प्यारी सी ब्लो जॉब दे. दर्द से राहत मिलेगी बेचारे को. मोहित को पता चलना चाहिए की तू कितनी स्किल्लफूल्ल है लंड चूसने में. लंड को खूब चिकना करके बाद में चुत में लेकर भी दीखाना अपने आशिक को. मोहित के सामने ही चुत मरवा अपनी आज तू… कब तक च्छूपति रहेगी ये राज हहेहेहहे.”

“चुत उप यू बस्टर्ड. तुम इंसान नहीं हैवान हो.” पूजा चिल्लाई.

“ओह रियली.” साइको ने बाल पकड़ कर पूजा को मोहित से अलग किया और बोला, “अब तेरी आंखों के सामने तेरे आशिक के टुकड़े-टुकड़े करूँगा मैं. कितनी बेशरम है तू अपने आशिक के लिए ये छोटा सा काम भी नहीं कर सकती. धिक्कार है ऐसे प्यार पर. छी छी…”

साइको ने पूजा को एक तरफ ढकैयल दिया और मोहित की गर्दन पर कुल्हाड़ी रख दी, “मिस्टर मोहित कैसा लग रहा है तुम्हें. देखा धोका दे दिया तुम्हारी प्रेमिका ने तुम्हें. ये औरत जात बड़ी धोकेबाज होती है. इन पर विश्वास करना ठीक नहीं. अगले जन्म में ये बात याद रखना. वैसे इतनी भयानक मौत दूँगा तुम्हें मैं की तुम शायद ही अगले जन्म की कामना करो हहेहेहहे. गुड बायें मिस्टर मोहित…..” साइको ने कुल्हाड़ी वार करने के लिए ऊपर उठा ली.

“रुको…” पूजा चिल्लाई.

“क्यों रुकु… हिहिहीही. गेम खेलोगी तो ही रुकुंगा.”

“हाँ मैं खेलूँगी.” पूजा ने सुबकते हुए कहा.

“कोन सी गेम खेलोगी जान से मारने वाली या चुत मारने वाली हिहिहीही.”

“मुझे थोड़ा वक्त दो सोचने के लिए….”

“एक सेकेंड है तुम्हारे पास डिसाइड करने के लिए. जल्दी बोलो वरना गर्दन धड़ से अलग हो जाएगी.”

“पूजा भाग जाओ यहां से. ऋण.” मोहित चिल्लाया.

“तुझे बीच में बोलने को किशणे कहा. गेम के बीच में डिस्टर्बेन्स पसंद नहीं मुझे. और ये नंगी कहा भागेगी बेचारी. लोग सड़क पर घर कर गान्ड मर लेंगे इसे कुतिया की.” साइको ने मोहित के मुंह पर लात मर कर कहा.

“उसे मत मारो प्लीज़…” पूजा गिड़गिड़ाई.

“तन डिसाइड फास्ट यू बिच.”

“ओके ई गो फॉर सेकेंड वन.” पूजा ने कहा.

“पता था मुझे तू वही चुनेगी. जो काम चुप चुप कर करती हो वो खुले आम करने में क्या दिक्कत है. तू सच में रंडी है. चल अब शुरू हो जा. वरना मेरा दिमाग घूम गया तो एक मिनट में 100 टुकड़े कर दूँगा तेरे आशिक के.”

पूजा झीजकते हुए रोहित की तरफ बढ़ी और उसके पास बैठ गयी.

“पूजा मुझे मर देती तो ज्यादा अतचा था. ये तो मौत से भी ज्यादा भयानक सजा हो जाएगी मेरे लिए. तुमसे कभी मिला नहीं पर मोहित अक्सर तुम्हारे बारे में बताता रहता था. तुम्हें छोटी बहन की तरह मानता हूँ मैं. प्लीज़ ऐसा अनर्थ मत करना.” रोहित ने कहा.

“वाह क्या नाटक है. पूजा जल्दी खेल शुरू करो क्योंकि मेरे सब्र का बाँध टूट गया तो पछताॉगी तुम.” साइको चिल्लाया.

पूजा उठी और मोहित के ऊपर लेट गयी. “मुझे नहीं खेलना कुछ भी. दो वॉटेवर यू कॅन.” पूजा ने कहा.

“ये हुई ना बात. मुझे यकीन था की मेरी पूजा इतनी कमजोर नहीं हो सकती. चल भी नपुंश्क कर जो करना है तुझे.” मोहित ने कहा.

साइको का चेहरा गुस्से से लाल हो गया ये सुन कर. उसने पूजा के बाल पकड़ कर मोहित के ऊपर से खींचा और ज़मीन पर पटक दिया. फिर उसके पेट में इतनी लात मारी उसने की बेहोश हो गयी पूजा.

“साली रंडी…मेरी गेम खराब कर दी हरांज़ड़ी ने.”

“छोड दे उसे कमीने.” मोहित चिल्लाया.

“बस अब कोई गेम नहीं होगी. तुरंत तुम लोगों के टुकड़े टुकड़े करके तुम्हें जहन्नुम पहुँचा दूँगा. मिस्टर रोहित पांडे से शुरू करता हूँ.” साइको ने रोहित की गर्दन काटने के लिए कुल्हाड़ी ऊपर उठा ली.

“जहां हो वही रुक जाओ वरना गोली सर के आर-पार हो जाएगी तुम्हारे.” शालिनी साइको से कोई 10 कदम दूर थी और उसने उसके सर को निशाना बना रखा था. उसके साथ मिनी भी बंदूक ताने खड़ी थी.

“ओह आस्प साहिबा. आप भी हैं यहां. बहुत खूब. अब और मजा आएगा.” साइको ने कहा.

“ये कुल्हाड़ी एक तरफ गिरा दो और हाथ ऊपर करो अपने.” शालिनी ने कहा.

साइको ने कुल्हाड़ी ज़मीन पर गिरा दी लेकिन बहुत फुर्ती से उसने अपनी जेब से पिस्तौल निकाल और शालिनी की तरफ फायर किया. शालिनी के हाथ से बंदूक गिर गयी क्योंकि गोली शालिनी के उसी हाथ में लगी थी जीशमे बंदूक थी. मिनी ने तुरंत फायर किया साइको पर. गोली छाती पर लगी उसके पर वो मुश्कूराता हुआ आगे बढ़ता रहा.

“सर में गोली मारो मिनी… आहह” शालिनी ने दर्द से कराहते हुए कहा. उसके हाथ से खून बह रहा था.

“अपनी बंदूक नीचे फेंक दो वरना आस्प साहिबा की खोपड़ी मेरे निशाने पर है.”

“मेरी चिंता मत करो….चुत थे बस्टर्ड.” शालिनी ने कहा.

मगर अगले ही पल मिनी के हाथ से भी बंदूक गिर गयी. उसके हाथ से भी खून बहने लगा.

“मेरा निशाना कभी नहीं चुकता. तुम्हारा भेजा भी उड़ा सकता था. मगर जब तुम दोनों हिम्मत करके यहां तक आए हो तो तुम्हारी मौत कुछ खास होनी चाहिए.

स्प शालिनी के पास आया और उसने उसके ऊपर लात बरसानी शुरू कर दी. “साली बड़ी बेशरम है तू. खाई से गिरकर भी बच गयी.”

“कुत्ते दूर हाथ जा उनसे नहीं तो.” रोहित चिल्लाया.

“अरे मर इसे कुतिया को रहा हूँ और चिल्ला ये कुत्ता रहा है. कुछ कनेक्षन लगता है. इंट्रेस्टिंग सिचुयेशन. कुतिया जल्दी बता क्यों चिल्ला रहा है ये तेरे लिए. तुम लोग ड्यूटी करते थे या इश्क फरमाते थे. तभी कहूँ मुझे पकड़ क्यों नहीं पाए हिहिहीही. खूब समझता था तुझे कुछ करो…कुछ करो. पर तू तो शायद रोहित का लंड लेकर पड़ी रहती होगी बिस्तर पर. मुझे पकड़ने का टाइम ही नहीं होगा तुम्हारे पास.”

“ऐसी बेहूदा बातें मत कर कमीने. आअहह…” रोहित बोलते बोलते दर्द से कराह उठा.

……………………………….

पद्‍मिनी बहुत देर हो गयी है मैडम को गये. उन्होंने भी कोई फोन नहीं किया.

“तो फोन करो ना उन्हें. पूछो की क्या बात है.” पद्‍मिनी ने कहा.

“हाँ मैं डर रहा था की कही दाँत ना पड़ जाए.” राजू ने कहा.

“लाओ फिर मैं बात करती हूँ.” पद्‍मिनी ने फोन ले लिया राजू से.

“क्या हुआ….उठाया क्या उन्होंने फोन.”

“नहीं बस रिंग जा रही है.”

“पद्‍मिनी अब तो मुझे जाना ही होगा. लगता है सब लोग मुसीबत में हैं.” राजू ने कहा.

“हाँ जाना भी चाहिए. मगर तुम्हें अकेले नहीं जाने दूँगी मैं.”

“पद्‍मिनी वहां खतरा है…तुम्हें कुछ हो गया तो मैं मर जाऊंगा.” राजू ने पद्‍मिनी के चेहरे पर हाथ रख कर कहा.

“मेरी भी तो यही क्न्सर्न है. तुम्हें कुछ हो गया तो मैं भी नहीं जी पवँगी. मुझे खुद से दूर मत करो. हमें हर चीज़ का सामना एक साथ करना चाहिए.”

“ओह पद्‍मिनी…तुम्हारे लिए बहुत पोज़ेसिव हूँ ना इसलिए डरता हूँ इतना. पता नहीं क्या हो रहा है वहां. लेकिन मुझे ना जाने क्यों किसी अनहोनी का अंदेसा हो रहा है.”

“मुझे भी यही अंदेसा है. वरना कोई तो फोन करता हमें. हमें देर नहीं करनी चाहिए राजू चलो जल्दी.”

“हाँ चलो. थाम लो बंदूक हाथ में. और घबराना मत बिलकुल भी.”

“अपनी चिंता नहीं है मुझे. बस तुम्हारी चिंता है. जबसे तुमसे प्यार हुआ है अपनी चिंता छोड दी मैंने.”

“सो क्यूट…लेकिन जब बिस्तर पर होगी ना मेरे साथ तो अपनी चिंता करनी पड़ेगी तुम्हें. किसी भी हद तक जा सकता हूँ मैं…..हिहिहीही.”

“अफ….चलें अब”

“मेरे ख्याल से झाड़ियों के रास्ते जाना ही ठीक रहेगा.” राजू ने कहा.

“हाँ यही ठीक रहेगा.” पद्‍मिनी ने सहमति जताई.

साइको बड़ी बहरहमी से पीठ रहा था शालिनी को. बीच बीच में एक-दो लात मिनी को भी मर रहा था. साइको अचानक मारता-मारता रुक गया.

“वो दर्द दूँगा तुझे मैं आज की दुबारा जन्म नहीं लेगी इसे धरती पर. मुझे बिलकुल बर्दाश्त नहीं की मेरी आर्ट का कोई हिस्सा जींदा घूमता फायर. खाई से जींदा बच गयी तू साली लेकिन आज नहीं बचेगी” साइको बोल कर वहां से चला गया. उसने शालिनी और मिनी की बंदूक और मोबाइल भी अपने कब्जे में ले लिए.

एक मिनट बाद वो वापिस आया तो उसके हाथ में एक बेसबॉल बात था जिसके ऊपर बार्ब वाइयर लिपटी हुई थी.

रोहित ने साइको के हाथ में बेसबॉल बात देखा तो रूह काँप उठी उसकी. “ओह नो. कुछ करना होगा मुझे. मैं मैडम को कुछ नहीं होने दूँगा.”

रोहित के हाथ पाँव ब्लास्ट की वजह से और उसके बाद की साइको की मर की वजह से बुरी तरह ज़ख्मी थे. खड़ा होना मुश्किल था उसके लिए. उसने बड़ी मुश्किल से डाई तरफ करवट ली और पेट के बाल लेट कर खुद को ज़मीन पर घसीट-था हुआ शालिनी के पास आ गया.

“इसलिए मना कर रहा था आपको. लेकिन आप मेरी बात शुंती ही कहा हैं. आपके शरीर पर जो चोट लगेगी उसका दर्द भी मुझे ही होगा. बल्कि ये दर्द ज्यादा दुखदायी होगा मेरे लिए. काश आप मेरा प्यार समझ पति.” रोहित ने भावुक आवाज़ में कहा.

“रोहित कैसे हुआ ये सब.” शालिनी की आवाज़ में बहुत दर्द था.

“बॉम्ब लगा रखा था कमीने ने कमरे में. मैं और मोहित ब्लास्ट की चपेट में आ गये. हाथ पाँव बुरी तरह घायल हैं.”

“हे भगवान. पूरा प्लान फैल हो गया मतलब.”

“हाँ इसे आंटिडोट पहले ही मिल गयी थी. ये बस हमें फँसाने के लिए नाटक कर रहा था.”

“वाह क्या बात है. बहुत गरमा गरम चक्कर लगता है तुम दोनों का. प्यारी प्यारी बातें हो रही हैं शायद. काम के वक्त बातें बिलकुल पसंद नहीं मुझे. मिस्टर पांडे अतचा हुआ जो की तुम यहां आ गये. अब नज़दीक से देखना की कैसे खाल उधेड़ता हूँ मैं आस्प साहिबा की.” साइको ने बेसबॉल बात हवा में ऊपर उठाया वार करने के लिए.

“रुको…” रोहित चिल्लाया और कराहते हुए अपने शरीर को घसीट-ते हुए शालिनी के ऊपर आ गया.

“वाह क्या बात है. ये प्यार बड़ी कुट्टी चीज़ है. पांडे जी आस्प साहिबा की सजा खुद भुगतना चाहते हैं. ग्रेट. मुझे कोई दिक्कत नहीं है. देखता हूँ कब तक रहोगे इसे बात और शालिनी के बीच हहेहहे.”

“रोहित ये क्या कर रहे हो… हाथ जाओ तुम.” शालिनी ने रोहित को धक्का देने की कोशिश की.

“प्लीज़ मेरा हक़ मुझसे मत चीनो. बहुत प्यार करता हूँ मैं आपसे. मेरे जीते जी आपको कुछ हो गया तो मेरा जीना बेकार है. आअहह.” अगले ही पल छींख गूँज गयी रोहित की चारों तरफ.

बार्ब वाइयर से लिपटा बेसबॉल बात रोहित की पीठ पर बहुत ज़ोर से मारा था साइको ने.

“रोहित प्लीज़ हाथ जाओ तुम मेरे ऊपर से. तुम ऑलरेडी बहुत ज़ख्मी हो.” शालिनी ने कहा.

“नहीं ये दर्द मैं तो सह लूँगा पर आपको मिला तो मर जाऊंगा. और तो कुछ बस में नहीं है मेरे इसे वक्त. इतना तो कर ही सकता हूँ अपने प्यार के लिए.” रोहित ने कहा.

“इतना प्यार क्यों करते हो मुझे तुम.” शालिनी ने पूछा.

तभी एक और वार हुआ रोहित की पीठ पर. “आआअहह…प्यार बस हो गया आपसे…. क्यों करता हूँ नहीं जानता.”

फार्म हाउस की दीवार से राजू और पद्‍मिनी ने जब अंदर झाँक कर देखा तो उनकी रूह काँप उठी.

“राजू चुत हिं.” पद्‍मिनी ने धीरे से कहा

“श चुप रहो…ऐसे बिना सोचे समझे कुछ नहीं करना है. देखो अगर मेरा निशाना चूक गया तो वो बोखलाहट में सभी को गोलियों से भून सकता है. उसका निशाना बहुत तेज है. इतनी दूर से मैं फायर तो कर सकता हूँ पर ये शुरेटी नहीं दे सकता की गोली उसे ही लगेगी. और ज़रा सी चूक सबकी जान जोखिम में डाल सकती है. अभी वो टॉर्चर कर रहा है सभी को. और उसे गोली लग भी गयी तो हमारा मकसद अधूरा रही जाएगा. इसे तड़पा-तड़पा कर मारना है पद्‍मिनी.” राजू ने कहा.

“हाँ इसी चक्कर में ये सब उसके चंगुल में फँस गये हैं. तुम समझते क्यों नहीं. चुत हिं इन थे हेड और फिनिश हिं फॉर गुड.”

“हाँ वो सब तो ठीक है पर मैं ये कह रहा हूँ की अगर निशाना चूक गया तो क्या होगा. शीने पर गोली मारने का भी कोई फायदा नहीं क्योंकि बुलेटप्रूफ जॅकेट पहन रखी होगी इसने.”

“तो क्या हम चुपचाप यहां खड़े तमाशा देखते रहें.”

तभी उन्हें साइको के चिल्लाने की आवाज़ सुनाई दी, “मिस्टर रोहित अब अगला वार तुम्हारे सर पर होगा. मुझे यकीन है की तुम्हारी खोपड़ी फॅट जाएगी इसे वार से और तुम तुरंत जहन्नुम चले जाओगे. बचना चाहते हो तो हाथ जाओ इसे कुतिया के ऊपर से.”

“कर जो करना है. मैं हटने वाला नहीं हूँ यू बस्टर्ड.” रोहित चिल्लाया.

“रोहित प्लीज़ तुम हाथ जाओ. सर पर वार तुम्हारी जान ले लेगा. नहीं देख पवँगी मैं ये. प्लीज़. लेट में फेस इट.” शालिनी ने बहुत कोशिश की पर रोहित नहीं हटा उसके ऊपर से.

“गुड बायें मिस्टर पांडे…गो तो हेल.” साइको चिल्लाया.

राजू ने अब रुकना ठीक नहीं समझा. उसने साइको के सर पर निशाना लगाया और तुरंत फायर कर दिया. गोली साइको के कान को छू कर निकल गयी.

गोली चला कर राजू और पद्‍मिनी तुरंत नीचे बैठ गये. “ओह गोद वो बच गया…” राजू ने कहा.

“आअहह…कोन है मादरचोड़ वहां. सामने आओ जल्दी वरना इन दोनों को गोलियों से भून दूँगा.” साइको चिल्लाया. उसके कान से खून बह रहा था.

“जिस बात का डर था वही हुआ. अब क्या करे.” राजू ने कहा.

“मैं जाती हूँ दीवार कूद कर. तुम तब तक कुछ सोचो.” पद्‍मिनी ने कहा.

“नहीं तुम कही नहीं जाओगी.” राजू ने पद्‍मिनी का हाथ थाम लिया.

“राजू वो गोली मर देगा उनको. हमें कुछ तो करना होगा ना.”

“तुम यही रुको मैं जा रहा हूँ. तुम वहां गयी तो मैं कुछ नहीं कर पऊंगा.”

“नहीं तुम यहां रुकोगे तो कुछ उम्मीद रहेगी. मैं यहां रुक कर क्या करूँगी.”

“तुम्हें मेरे सर की कसम. प्लीज़ मुझे जाने दो. और अपनी बंदूक मुझे दे दो. एक बंदूक हाथ में रखूँगा और एक छुपा कर रखूँगा.”

“ये गलत बात है. कसम देना चीटिंग मना जाता है.” पद्‍मिनी ने कहा

“मैं 10 तक गिनूंगा जल्दी सामने आओ वरना सभी को गोली मर दूँगा मैं.” साइको चिल्लाया.

“पद्‍मिनी एक किस दे दो जाते-जाते. पता नहीं बाद में मौका लगे या ना लगे.” राजू ने पद्‍मिनी के चेहरे पर हाथ रख कर कहा.

“चुत उप… ऐसा मत बोलो. मुझे अपने अंग-अंग पर तुम्हारे होठों की चुवन महसूस करनी है…तुम्हें बस एक किस की पड़ी है. तुम्हें कुछ नहीं होगा…..जाओ” पद्‍मिनी ने कहा.

“सोच लो. मैं जानवर बन सकता हूँ तुम्हारे साथ.”

“देखा जाएगा.”

“ई लव यू पद्‍मिनी…तुम यही रुकना. चाहे कुछ हो जाए…यहां से हिलना मत.” राजू ने कहा.

“5…6….7…8….9…” साइको गिनती गिन रहा था.

“आबे आ रहा हूँ क्यों चूतिया की तरह गिनती गिन रहे हो. कॉलेज में नहीं सीखी थी क्या ये गिनती. पता नहीं कैसे-कैसे चूतिया हैं दुनिया में.” राजू ने दीवार फाँदते हुए कहा.

वैसे तो चाँदनी रात एक खूबसूरत रात होती है और ऐसी चाँदनी रात में बहुत सुंदर फंसाने बने हुए हैं. लेकिन ये चाँदनी रात बहुत भयानक रूप ले रही थी. फार्म हाउस पर जो कुछ भी हो रहा था उसके कारण ये चाँदनी रात अमावस्या की रात में बदल गयी थी.

जब राजू फार्म हाउस की दीवार कूद रहा था तब पद्‍मिनी यही ड्यूवा कर रही थी की उसकी उमर राजू को लग जाए और उस पर आने वाली अनहोनी उस पर आ जाए. प्यार में इंसान खुद को भूल कर सिर्फ़ उसे याद रखता है जिसे वो बहुत प्यार करता है. रोहित अपनी परवाह किए बिना शालिनी के ऊपर पड़ा था क्योंकि उसे मर खाते नहीं देख सकता था. खुद को भुला देना आसान नहीं होता. बारे-बारे साधु महात्मा भी नहीं कर पाते हैं ये काम. लेकिन प्यार में डूबे प्रेमी बड़ी आसानी से कर लेते हैं. तभी शायद प्यार सबसे बड़ी साधना है और परमात्मा को पाने का सबसे सच्चा और पवित्र रास्ता है. प्रेम-साधना में, साधना ने भी कुछ ऐसा ही रास्ता दिखाया था हमें.

“मैं अपने प्यार को कुछ नहीं होने दूँगी चाहे मुझे अपनी जान ही क्यों ना देनी पड़े. लेकिन मैं क्या करूँ भगवान कुछ समझ नहीं आ रहा. क्या मैं यही बैठी रहूं. कुछ तो करना होगा मुझे.मुझे रास्ता दीखाओ भगवान…रास्ता दीखाओ मुझे.” पद्‍मिनी ने आंखें बंद करके प्रेयर की.

मुश्किल वक्त में इंसान सबसे पहले भगवान को याद करता है. पद्‍मिनी भी वही कर रही थी. कुछ सोच कर पद्‍मिनी उठी और दीवार के साथ झुक कर उस जगह से आगे तरफ गयी. उसने कुछ करने की ठान ली थी.

राजू फार्म हाउस में कूद कर दीवार के साथ ही खड़ा रहा.

“क्या कहा तुमने मुझे…चूतिया…हां…ये बंदूक वही गिरा कर चुपचाप यहां आजा. मैं तुझे बताता हूँ की चूतिया किसे कहते हैं.” साइको कठोर शब्दों में कहा.

“ओके फाइन… ये लो गिरा दी बंदूक मैंने. और मुझे पता है चूतिया किसे कहते हैं. तुझसे बड़ा चूतिया मिलेगा क्या कही. बिना मतलब लोगों को मारता फिरता है. तुझे मिलता क्या है ये सब करके?”

“एक आर्टिस्ट को जो मिलता है…वही मुझे मिलता है. मैं लोगों को खास तरीके से मारता हूँ. एक खूबसूरत मौत देता हूँ उन्हें. आज मेरी जींदगी का सबसे बड़ा दिन है. आज एक साथ इतने लोगों को मारने का मौका मिल रहा है. तुम नहीं समझ सकते की क्या मजा है इसे आर्ट में. ये सिर्फ़ मैं ही जानता हूँ. चुपचाप यहां आओ तुम्हारी खातिरदारी करता हूँ. तुम्हारे हर सवाल का जवाब मिलेगा तुम्हें…हिहिहीही.”

राजू बिना कुछ कहे चुपचाप साइको के करीब आ गया.

“बहुत दिन से मैंने किसी की खोपड़ी नहीं उड़ाई अपनी बंदूक से. सोचता हूँ आज ये कमी पूरी कर दी जाए. मेरे सर पर निशाना लगाया था तूने हां. मेरे कान को ज़ख्मी कर दिया तूने. तुम्हारा निशाना तो चूक गया पर मेरा नहीं चूकेगा. उड़ती चिड़िया को गिरा सकता हूँ मैं ज़मीन पर गोली मर कर. तो सोचो तुम्हारी खोपड़ी कैसे बचेगी…हिहिहिहीही.”

ये सुन कर एक पल को राजू के होश उड़ गये. “इसे से पहले ये मेरी खोपड़ी उड़ाए मुझे इसकी उड़ा देनी चाहिए.” राजू ने फुर्ती से गुण निकाली पीठ के पीछे से. लेकिन फायर नहीं कर पाया क्योंकि बंदूक उसके हाथ से चुत चुकी थी.

“हाहहहाहा…अब बताओ कोन है चूतिया. मेरे सामने कोई बंदूक लेकर खड़ा नहीं हो सकता. कोई डाउट हो तो अपनी आस्प साहिबा से पूछ लो. या फिर इसे रिपोर्टर से पूछ लो. कोई और बंदूक हो तो वो भी निकाल कर ट्राइ कर लो.”

“होती तो ट्राइ जरूर करता” राजू ने कहा.

साइको ने राजू के हाथ से छुट्टी बंदूक उठा ली और उसमें से गोलियां निकाल कर उसे दूर फेंक दिया.

“बहुत खूब…तुम्हारे साथ गेम खेलने में मजा आएगा. तुम्हारी खोपड़ी उड़ाने के लिए तड़प रहा हूँ मैं. तुरंत तुम्हें गोली मारने का मान कर रहा है. लेकिन तुम एक काम करोगे तो मैं ये तड़प भूल जाऊंगा और तुम्हें यहां से जाने दूँगा. ये देखो तुम्हारे सामने आस्प साहिबा पड़ी हैं. इनके ऊपर मिस्टर रोहित पांडे पड़ें हैं. हद है ना बेशर्मी की. इन दोनों की इन्हीं हरकतों की वजह से शहर में क्राइम तरफ रहा है. ये तो मैंने मिस्टर पांडे को किसी लायक छोडा नहीं है वरना तो ये अभी हमारे सामने ही चुत मर रहा होता आस्प साहिबा की.” साइको ने कहा.

“चुत उप यू बस्टर्ड. शर्म आनी चाहिए तुम्हें ऐसा बोलते हुए.” बहुत ज्यादा दर्द था शालिनी की आवाज़ में. इतना दर्द की राजू की आंखें भी नाम हो गयी उसकी आवाज़ सुन कर.

“अगर तुम जींदा रहना चाहते हो तो तुम्हें इन दोनों बेशार्मो को मारना होगा. ये बेसबॉल बात लो और मर डालो इन दोनों को. जितना ज्यादा खून बहेगा उतना अतचा रहेगा. मुझे यकीन है अपनी खोपड़ी बचाने के लिए तुम इतना तो कर ही सकते हो. बहुत मजा आएगा चलो शुरू हो जाओ.”

साइको ने बेसबॉल बात राजू की तरफ फेंका और बोला, “उठाओ इसे और जल्दी शुरू हो जाओ. सिर्फ़ 10 मिनट का टाइम है तुम्हारे पास इन दोनों को मारने का. नहीं मर पाए इन दोनों को तो तुम्हारी खोपड़ी में अपनी बंदूक की सारी की सारी गोलियां उतार दूँगा.और हाँ अब कोई चालाकी मत करना…हर वक्त तुम्हारी खोपड़ी मेरे निशाने पर है हिहिहिहीही.”

राजू अजीब असमंजस में पड़ गया. उसे मारना मंजूर नहीं था. ना ही वो शालिनी और रोहित को मर सकता था. वो बात उठाने के लिए नीचे झुका.
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 56

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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by jasmeet » 02 Nov 2016 10:44

“क्या हुआ बुजदिल…. कायर…खुद क्यों नहीं मारते हमें. तू नपुंश्क है और नपुंश्क ही रहेगा.” रोहित ने कहा

साइको गुस्से से तिलमिला उठा ये सुन कर. उसने तुरंत रोहित के सर को निशाना बनाया. राजू ने जब देखा की साइको का ध्यान चूक गया है, उसने बड़ी फुर्ती से साइको की तरफ तरफ कर बेसबॉल बात से उसके उसी हाथ पर वार किया जीशमें उसने गुण पकड़ रखी थी. वार इतनी ज़ोर का था की बंदूक ना जाने कहा गिरी जाकर और साइको का हाथ खून से लथपथ हो गया.

“अब इसे बेसबॉल बात से पीट-पीट कर मैं तुझे जहन्नुम पहुँचा दूँगा. चल कुत्ते की तरह पीटने के लिए तैयार हो जा. पागल कुत्तों को ऐसे बेसबॉल बात की मर की ही जरूरत होती है.” राजू ने कहा.

“हाहहहाहा….तू मुझे मारेगा. अपनी औकात से कुछ ज्यादा ही सोच लिया तूने. अब देख मैं तेरा क्या हाल करता हूँ.” साइको ने अपनी जेब से एक बड़ा से चाकू निकाल लिया.

पद्‍मिनी इसे सब से अंजान दीवार के सहारे चलते-चलते काफी दूर आ गयी वहां से. वो चुपचाप बिना आवाज़ किए दीवार पर चढ़ कर अंदर कूद गयी. वो उस कमरे के पीछे पहुँच गयी थी जीशके आगे साइको का घिनौना खेल चल रहा था.

साइको ने चाकू बायें हाथ में लेकर बहुत ज़ोर से राजू की तरफ फेंका. चाकू सीधा उसके पेट में लगा जाकर. राजू दर्द से कराह उठा.

“क्यों कैसी रही…मुझे मारने चले थे हां….”

साइको राजू की तरफ आगे बढ़ा. राजू ने दर्द की परवाह किए बिना उसके सर को निशाना बना कर बात घुमाया पर साइको झुक गया और झुक कर उसने राजू के पेट में लात से वार किया. वार इतनी ज़ोर का था की राजू संभाल नहीं पाया और वो हाथ में बात लिए रोहित और शालिनी के ऊपर गिर गया पीठ के बाल. साइको ने तुरंत आगे तरफ कर चाकू राजू के पेट से निकाल कर उसके पेट में दूसरी तरफ गाड़ दिया पूरा का पूरा. राजू की छींख गूँज गयी चारों तरफ.

“रोहित…रोहित…हमें राजवीर की मदद करनी चाहिए.” शालिनी ने कहा.

मगर रोहित की कोई आवाज़ नहीं आई. वो बेहोश हो चुका था. शालिनी भी इसे हालत में नहीं थी की उठ कर कुछ कर सके. बहुत बेरहमी से पीता गया था उसे.

पद्‍मिनी उस वक्त जस्ट पहुँची ही थी वहां. उसने पेड़ के पीछे से राजू को गिरते हुए देखा और फिर साइको को उसे चाकू मारते हुए देखा. ना चाहते हुए भी पद्‍मिनी की छींख निकल गयी, “नहियीईईईईई.” छींख के साथ ही उसकी आंखें भी बरस पड़ी. उसे लगा की राजू मर गया है.

पद्‍मिनी उसी जगह खड़ी थी जहां साइको ने पूजा को छुपा रखा था. वही उसने बहुत सारे हथियार भी रख रखे थे. पद्‍मिनी की नज़र एक तलवार पर पड़ी. उसने अपने आँसू पोंछे और तलवार उठा ली, “नहीं छोड़ूँगी मैं तुम्हें. तुमने मेरा सब कुछ छीन लिया.”

साइको छींख सुन कर चौंक गया और उसने चारों तरफ नज़र दौड़ाई. मगर उसे कोई नहीं दीखा.

“अब कोन है जो मेरे हाथों मारना चाहता है. आज तो जॅकपॉट लग गया मेरा. आवाज़ तो किसी लड़की की लगती है. अगर ऐसा है तो मजा ही आ जाएगा.” साइको ने सोचा. उसने अपनी बंदूक की तलाश शुरू कर दी.

“रोहित…” शालिनी ने रोहित के सर पर हाथ रख कर कहा.

शालिनी के हाथों की चुवन को रोहित ने अपने सर पर महसूस किया तो तुरंत उसकी आँख खुल गयी, “आपने कुछ कहा…मेरे ऊपर कोन पड़ा है ये.?”

“राजवीर है. साइको ने उसे चाकू मर दिया.”

“ओह गोद ये क्या हो रहा है.”

“रोहित हम हार नहीं सकते…कुछ करना होगा हमें.” शालिनी ने कहा.

“मेरा शरीर साथ नहीं दे रहा है…नहीं तो मैं कुछ भी कर जाता.” रोहित ने कहा.

“खाई में गिरे थे हम तब भी कुछ ऐसी ही हालत थी हमारी. तुम मुझे बचाने के लिए उठ गये थे. क्या याद है तुम्हें वो सब?”

“वो कैसे भूल सकता हूँ मैं.”

“हमें उतना होगा रोहित. वो बंदूक ढूंढ. रहा है. इसे से पहले बंदूक उसके हाथ आए हमें उतना होगा.” शालिनी ने कहा.

“राजू…” रोहित ने राजू को आवाज़ दी.

“हाँ सर….आअहह” राजू ने कहा.

“तुम्हारे पास कोई हथियार है क्या?”

“मेरे हाथ में बेसबॉल बात है…”

“गुड…अब मेरे ऊपर से थोड़ा सा हाथ जाओ…मैं उठने की कोशिश करता हूँ. आस्प साहिबा का आर्डर है..उतना तो पड़ेगा ही.” रोहित ने कहा.

राजू का पेट बुरी तरह से ज़ख्मी था. वो धीरे से रोहित के ऊपर से सरक गया.

“राजवीर हम अभी हारे नहीं है. अभी विल दो सम्तिंग.” शालिनी ने कहा.

पद्‍मिनी ने तलवार तो उठा ली थी पर बहुत ज्यादा सदमें में थी. बार-बार राजू का चेहरा उसकी आंखों में घूम रहा था. उसने किसी तरह अपने इमोशन को काबू में किया और तलवार को दोनों हाथों से मजबूती से थाम कर साइको की तरफ चल पड़ी. तब तक साइको को अपनी बंदूक मिल गयी थी. जब पद्‍मिनी उसके नज़दीक पहुँची तो उसने उसे पहचान लिया.

“अरे मैं ख्वाब तो नहीं देख रहा. ऑम्ग… नहीं ये तो हकीकत है. आओ पद्‍मिनी आओ. स्वागत है तुम्हारा यहां.

“मैं तुम्हें जींदा नहीं छोड़ूँगी…तुमने मेरी जींदगी बर्बाद कर दी.” पद्‍मिनी चिल्लाई.

“हाहहहाहा….आती सुंदर. एक हसीना के मुंह से ये सुन-ना कितना अतचा लग रहा है. तुमने आज साबित कर दिया की तुम मेरी बेस्ट आर्ट का हिस्सा बन-ने के लायक हो. ये तलवार किसी काम नहीं आएगी तुम्हारे क्योंकि मेरे पास बंदूक है. इसलिए ये गिरा कर मेरे पास आ जाओ चुपचाप.”

“पद्‍मिनी क्यों आई तुम यहां…तुम्हें वही रुकने को कहा था ना मैंने.” राजू दर्द भारी आवाज़ में बोला.

राजू की आवाज़ शुंते ही पद्‍मिनी की जान में जान आई.

“राजू तुम ठीक हो ना?” पद्‍मिनी ने पूछा.

“बस कुछ पल का महमान है बेचारा. वैसे तुम्हें इतनी चिंता क्यों है उसकी. तेरा यार है क्या ये.” साइको ने कहा.

“हाँ मेरा यार भी है और मेरा प्यार भी है…मेरा सब कुछ है. मेरे प्यार को जख्मी करने की सजा मैं दूँगी तुम्हें.”

“हाहहहाहा…क्या बात है. पद्‍मिनी मान गये. जब पहली बार मिली थी तो गान्ड फॅट रही थी तुम्हारी. आज बिना खौफ के मेरे सामने खड़ी हो. ऐसे मजा नहीं आएगा बात का. कुछ खौफ पैदा करो अपने अंदर. रुको एक गोली मारता हूँ तुम्हें…जब तुम्हें दर्द मिलेगा तो खूबसूरत खौफ अपने आप पैदा हो जाएगा….हिहिहिहीही.”

अचानक साइको की छींख गूँज उठी और वो लड़खड़ा कर नीचे गिर गया. रोहित ने उसकी टाँगों पर घुटनों के नीचे बेसबॉल बात से वार किया था. साइको के गिरते ही रोहित भी गिर गया. बड़ी मुश्किल से उठा था वो और अपनी पूरी ताक़त उसने साइको की टाँग पर बात मारने में लगा दी थी.

जैसे ही साइको नीचे गिरा पद्‍मिनी ने बिना वक्त गवायें उसके दायें हाथ पर तलवार से वार किया. हाथ बंदूक सहित साइको की कलाई से अलग हो गया. साइको की छींख गूँज उठी चारों तरफ.

“साली…कुतिया…रंडी…आआहह… मेरा हाथ….नहीं छोड़ूंगा तुझे मैं.” साइको दर्द से कराहता हुआ उठ खड़ा हुआ और अपनी जेब से एक और चाकू निकाला उसने बायें हाथ से.

“तेरे आशिक की तरह तुझे भी टपका दूँगा मैं.”

तभी साइको फिर से नीचे गिर गया. इसे बार शालिनी ने वार किया था बात से साइको के टाँग पर घुटनों के ठीक नीचे.

पद्‍मिनी ने तुरंत बिना मौका गवायें पहली बार की तरह साइको के बायें हाथ पर वार किया और साइको का बायन हाथ चाकू सहित उसकी कलाई से अलग हो गया. फिर से दर्दनाक छींख गूँज उठी वहां साइको की.

“जो खौफ तुमने लोगों को दिया वही खौफ आज तुम्हारी आंखों में दिख रहा है. बहुत सुंदर खौफ है ये. मैं तुम्हें एक मिनट के लिए भी जींदा नहीं देखना चाहती.” पद्‍मिनी ने तलवार साइको के पेट में गाड़ने के लिए उप्पर उठाई.

“नहीं पद्‍मिनी…रुक जाओ. इतनी जल्दी मौत नहीं देनी है इसे.” रोहित चिल्लाया.
पद्‍मिनी ने तलवार एक तरफ फेंक दी और दौड़ कर राजू के पास आ गयी. “राजू तुम ठीक हो ना.”

“जीशके पास तुम्हारे जैसी प्रेमिका हो उसे क्या हो सकता है.”

“मैंने उसके दोनों हाथ काट दिए. उन्हीं हाथों से उसने तुम्हें मारा था ना. उन्हीं हाथों से मेरे मम्मी- अंकल को बेरहमी से मारा था. उन्हीं हाथों से सभी को इतना दर्द दिया उसने आज. मैंने काट दिए उसके हाथ राजू… अब वो हमें कोई नुकसान नहीं पहुँचा सकता.”

“ठीक किया तुमने. मुझे नहीं पता था की मेरी पद्‍मिनी ऐसा भी कर सकती है.”

“सब कुछ तुम्हारे लिए किया. तुम पर वार किया इसने तो बर्दास्त नहीं कर पाई. प्यार करती हूँ तुमसे कोई मज़ाक नहीं.”

“जानता हूँ मैं…”

रोहित बड़ी मुश्किल से उठा दुबारा और बोला, “सभी थोड़ी सी हिम्मत करो और यहां आ जाओ. हमने बहुत कुछ सहा है आज. पर अब वो वक्त आ गया है जीशके लिए हम सब एक साथ जुड़े थे. मोहित आ जाओ भाई…अब एक गेम हो जाए इसे पागल कुत्ते के साथ.”

शालिनी ने तलवार उठा ली और साइको के पास खड़ी हो गयी ताकि वो भागने की कोशिश ना करे. “ज़रा भी हिलने की कोशिश की तो काट डालूंगी तुम्हें मैं.” शालिनी ने कहा.

रोहित पद्‍मिनी के पास आया और बोला, “पद्‍मिनी तुमने बहुत बहादुरी से काम लिया आज. ये तलवार कहा से मिली तुम्हें.”

“वहां उस पेड़ के पीछे पड़ी थी. और हथियार भी पड़े हैं वहां.” पद्‍मिनी ने हाथ के इशारे से बताया.

“क्या वहां कुल्हाड़ी भी है.”

“हाँ शायद है.”

“राजू बस थोड़ी देर और फिर हम हॉस्पिटल चलेंगे. हांग ऑन.” रोहित ने कहा.

“मेरी चिंता मत करो…इसे ऐसी मौत देना की दुबारा किसी जन्म में ऐसी हरकत करने की सोचे भी नहीं.” राजू ने कहा.

रोहित ने मिनी को भी उठाया. “ठीक हो ना तुम.”

“कमबख्त ने सर में ऐसी लात मारी की सर घूम रहा है. पेट में भी बहुत दर्द है.” मिनी ने कहा.

“मेरे शरीर का बुरा हाल है पर किसी तरह से उठ ही गया हूँ. आओ साइको के साथ एक गेम हो जाए.” रोहित ने कहा.

मिनी को उठाने के बाद रोहित, मोहित के पास गया और उसे बोला, “उठो दोस्त. गेम तुम्हारे बिना अधूरी रहेगी.”

मोहित उठा बड़ी मुश्किल से . उसने अपनी शर्ट उतार कर पूजा को दे दी. “ये पहन लो फिलहाल. ये शर्ट तुम्हारे शरीर को घुटने तक ढक लेगी.”

रोहित मोहित के पास से सीधा उस पेड़ की तरफ बढ़ा जिसकी तरफ पद्‍मिनी ने इशारा किया था. वहां से उसने कुल्हाड़ी उठा ली और लड़खदाता हुआ वापिस साइको के पास आ गया. सभी वहां साइको को घर कर खड़े थे. साइको ज़मीन पर पड़ा था. राजू खड़ा नहीं हो सकता था. पद्‍मिनी नीचे बैठ गयी थी और उसके घुटने पर राजू सर टिकाए पड़ा था.

“कैसा लग रहा है आपको सर….ओह मैं भूल गया आपको तो अतचा ही लग रहा होगा. बल्कि आप तो ये सोच कर ख़ूस्स हो रहे होंगे की आपके दोनों हाथ एक लड़की ने तलवार से काट दिए. आप खुद को किस्मत वाले समझ रहे होंगे. अब आप ये बतायें की क्या सजा दी जाए आपको.” रोहित ने कहा.

“रोहित मैं अपना गुनाह कबूल करता हूँ. मुझे कानून के हवाले कर दो. मुझे गिरफ्तार कर लो. जेल में डाल दो मुझे. मुझे अपने सभी गुनाह कबूल हैं.” साइको गिड़गिदाया.

“सॉरी तो से स्प साहिब. मगर मैं तो अंदर सस्पेन्षन हूँ…आपको गिरफ्तार नहीं कर सकता. आस्प साहिबा ने अभी जाय्न ही नहीं किया है वापिस क्योंकि आपके दिए घाव अभी भरे ही नहीं थे ठीक से. यहां कोई नहीं है ऐसा जो गिरफ्तार कर सके आपको. कोई और रास्ता बतायें इंसाफ का.” रोहित ने कहा.

“दूसरे पुलिस वालो को बुला लो. सिकेण्दर को बुला लो….या फिर चौहान को बुला लो.”

“बुला लेंगे पहले एक गेम हो जाए. आपने बहुत गेम खेली हमारे साथ अब हमें भी थोड़ा सा मौका दीजिए.” रोहित ने कहा.

“गेम कैसी गेम…” साइको के चेहरे का रंग उड़ गया.

“मैं कुछ सवाल करूँगा तुम जवाब देते जाना. अगर एक मिनट में जवाब नहीं दिया तो ये कुल्हाड़ी चल जाएगी और तुम्हारे शरीर से कुछ काट कर अलग हो जाएगा.” रोहित ने कहा.
“मैं किसी सवाल का जवाब नहीं दूँगा. मेरे हाथ काट गये हैं. ई नींद मेडिकल अटेन्शन फर्स्ट. जेल में पूछ लेना जो पूछना है.” साइको चिल्लाया.

“सीसी… कोन है?” रोहित ने सवाल किया.

“मुझे नहीं पता.”

“बस एक मिनट है तुम्हारे पास. दुबारा नहीं पूछूँगा मैं. जवाब नहीं दिया तुमने एक मिनट में तो तुम्हारा बायन पाँव काट दूँगा इसे कुल्हाड़ी से.” रोहित ने कहा.

“एक मिनट बीत गया पर साइको ने कोई जवाब नहीं दिया.”

रोहित ने कुल्हाड़ी उठाई पाँव काटने के लिए तो साइको तुरंत बोला, “मैं ही सीसी हूँ.”

“वो कैसे…तुम्हारा नाम तो राहुल महाजन है ना.” रोहित ने आश्चर्य में कहा.

“हाँ मेरे कुछ दोस्त मुझे कॉलेज टाइम से सीसी बोलते हैं.”

“तो क्या सुरिंदर और कर्नल देवेंदर सिंग तुम्हारे कॉलेज के दोस्त थे.”

“हाँ….”

“तो क्या तुमने ही सुरिंदर को कहा था पद्‍मिनी के खिलाफ गवाही देने के लिए. और वो राजी क्यों हुआ.” मोहित ने पूछा.

“मैंने उसे कन्विन्स किया की पद्‍मिनी ही साइको है…तुम गवाही दे दो क्योंकि मैं स्प होने के नाते गवाही देता अतचा नहीं लगूंगा. दोस्त था मेरा मेरी बात मान गया.”

“अपने ही दोस्त को फिर तुमने मर दिया.” रोहित ने कहा.

“मारना जरूरी था उसे नहीं तो मेरा राज खुल सकता था कभी भी.” साइको ने कहा.

“देवेंदर सिंग के घर पर तुम ही रही रहे थे…है ना.” मोहित ने पूछा.

“हाँ…देवेंदर ज्यादातर शहर से बाहर ही रहता था. इसलिए उसका घर किराए पर ले लिया.”

“कर्नल है कहा?”

“उसने एक दिन पैंटिंग देख ली थी मेरी. इसलिए मारना पड़ा उसे भी. मर कर जंगल में गाड़ दिया उसे.”

“क्या सब इंस्पेक्टर विजय से तुम्हारा कोई रिश्ता था?” रोहित ने पूछा.

“रागिनी को जंगल के ठिकाने पर ले जा रहा था मैं तो विजय ने देख लिया था मुझे. वो जंगल में एक लड़की के साथ रंगरलिया मना रहा था. मैं उसे और उसके साथ जो लड़की थी दोनों को मर देना चाहता था पर विजय मेरे पैरों में गिर गया. बोला मुझे अपने साथ मिला लो. मैंने उसे उसके साथ जो लड़की थी उसे मारने को कहा. उसने तुरंत उसका गला काट दिया. मैंने रागिनी के मर्डर की वीडियो उसे दी थी ताकि वो आर्टिस्टिक मर्डर सीख पाए.”

“हाँ देखी है मैंने वो सीडी…लेकिन वो अधूरी ही थी.” रोहित ने कहा.

“2 सीडी दी थी मैंने उसे.” साइको ने कहा.

“ब्लैक स्कॉर्पियो किशकि उसे करते थे. तुम्हारे नाम तो कोई ब्लैक स्कॉर्पियो नहीं थी.”

“अपने नाम की गाड़ी उसे क्यों करता भला. मैं कर्नल की गाड़ी उसे कर रहा था.”

“बहुत खूब…कॉलेज के दोस्त की गाड़ी भी हथिया ली और घर भी हथिया लिया.” रोहित ने कहा.

“और फिर बेचारे को मर कर जंगल में गाड़ दिया.” मिनी ने कहा.

“तुम पर कोई हमला नहीं हुआ था है ना. तुम ज़बरदस्ती नाटक करके हमें गुमराह करने के लिए हॉस्पिटल में रहे ताकि तुम पर शक ना जाए. डॉक्टर अनिल तुम्हारे दोस्त हैं, इसलिए ज्यादा दिक्कत नहीं हुई तुम्हें. आइक्यू में पड़े रहे बिना मतलब. पद्‍मिनी के घर पर हमला तुमने ही किया था ना. और जब सब कुछ तुम्हारे कंट्रोल में था तब तुम भाग क्यों गये थे वहां से.” रोहित ने पूछा.

“हाँ मैं ही गया था डॉक्टर अनिल को बोल कर की सीक्रेट ऑपरेशन पर जा रहा हूँ. मगर जब पद्‍मिनी के घर सब अंदर कंट्रोल था तभी डॉक्टर अनिल का फोन आया और उसने मुझे बताया की जल्दी वापिस आ जाओ तुम्हारा कोई जुनीऔर तुम्हें ढूंढ. रहा है यहां. बाद में पता चला की चौहान आया था मुझसे मिलने. खैर मुझे सब कुछ छोड कर बीच में ही जाना पड़ा. काश उस दिन इसे रंडी को उठा लाता तो ये नौबत ना आती.”

“मिनी ये बेसबॉल बात देना मुझे” रोहित ने मिनी से कहा. मिनी बात थामे खड़ी थी.

रोहित ने बात से साइको के घुटने पर ज़ोर डर वार किया. उसकी छींख गूँज उठी चारों तरफ. “दुबारा किसी को भी गाली दी तो अंजाम बुरा होगा. समझ लो तुम.”

“जंगल में आस्प साहिबा पर गोली किशणे चलाई थी…तुमने या विजय ने.” रोहित ने पूछा.

“विजय ने चलाई थी. डिपार्टमेंट की गोलियां उसे की थी साले ने…जंगल का मेरा ठिकाना खतरे में आ गया था उसके कारण. तुम लोगों को उसी घटना के बाद जंगल पर शक हुआ. खैर मेरे पास तिकानो की कमी नहीं थी पर जंगल का कोई मुकाबला नहीं था.” साइको ने कहा.

“वैसे तो मेरा मान तुम्हारे 1000 टुकड़े करने का है पर कुछ कार्नो से खुद को रोक रहा हूँ. एक तो मैं तुम्हारे जितना गिरना नहीं चाहता और हमारे एक साथी को तुरंत हॉस्पिटल पहुँचना होगा. वैसे तो हम सभी को जरूरत है मेडिकल अटेन्शन की पर राजू को सबसे ज्यादा है. ये गेम खेलने के लिए शुक्रिया स्प साहिब. नाउ गेम ओवर….जिसे याद करना है कर लो मैं कुल्हाड़ी से तुम्हारी गर्दन काटने जा रहा हूँ.”

“मैंने सभी सवालों के जवाब दिए हैं. प्लीज़ मुझे कानून के हवाले कर दो.” स्प गिड़गिदाया.

“कानून तो आपका है स्प साहिब. मैं खूब समझ रहा हूँ आपकी बात. मगर मुझे न्याय में देरी बिलकुल बर्दास्त नहीं है. यहां जो लोग भी मौजूद हैं वो ज्यूरी का हिस्सा हैं. तो मैं सभी से पूछता हूँ की ज्यूरी का क्या फैसला है.”

“इसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी जाए….” मोहित ने कहा.

बाकी सब ने भी मोहित का साथ दिया, “हाँ इसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी जाए.”

“सॉरी स्प साहिब ज्यूरी का फैसला ताला नहीं जा सकता. गो तो हेल…………………” रोहित ने कुल्हाड़ी ऊपर की तो सॅप ने उठने की कोशिश की. मोहित ने तुरंत बात उठाया और एक ज़ोर डर वार किया उसके माथे पर. बार्ब वाइयर के कारण स्प का माता चील गया और पूरा चेहरा खून से सन गया.

स्प वापिस ज़मीन पर गिर गया.

“अब दुबारा उठने की कोशिश मत करना मिस्टर साइको…. आक्सेप्ट थे फॅक्ट डेठ युवर गेम इस ओवर….नाउ इट्स टाइम तो गो तो हेल…..बायें….” रोहित ने एक झटके में साइको की गर्दन धड़ से अलग कर दी.

“मिनी कल सुबह ये न्यूज आनी चाहिए की साइको ने एक और मर्डर कर दिया. स्प पर साइको पहले भी हमला कर चुका है. इसे बार उसने स्प को जान से मर दिया.” रोहित ने कहा.

“ठीक है काम हो जाएगा.” मिनी ने कहा.

“पर इसे नये इंस्पेक्टर सिकेण्दर का क्या करेंगे. उसे कही शक ना हो जाए हम लोगों पर. हमें यहां कोई निशान नहीं छोड़ना चाहिए अपनी मौजूदगी का.” मोहित ने कहा.

“मोहित ठीक कह रहा है. साइको को ज़मीन में गाड़ दो और यहां पर मौजूद हर निशान मिटा दो. कोई नहीं समझेगा की हमने ऐसा क्यों किया.” शालिनी ने कहा.

“ठीक है मैं और मोहित ये काम करते हैं तुम लोग तुरंत हॉस्पिटल पहुँचो.” रोहित ने कहा.

“पर मेडिकल अटेन्शन की तुम्हें भी तो जरूरत है.” शालिनी ने कहा.

“मुझे आपकी अटेन्शन मिल गयी….बस वही काफी है…सब घाव भर जाएँगे.” रोहित ने हंसते हुए कहा.

“मज़ाक मत करो.”

“अरे हम भी आ जाएँगे हॉस्पिटल आप लोग चलिए. यहां का काम निपटाना जरूरी है. मिनी न्यूज वाला प्लान कॅन्सल. स्प साहिब को गायब हो जाने दो.”

“ओके आस यू विश.” मिनी ने कहा.

इसे रात में बहुत कुछ देखा हमने. साइको की हैवानियत और दरिंदगी की इम्तहान देखी हमने. मगर हमने बेन्तेहा प्यार भी देखा इसे चाँदनी रात में. ये ऐसा प्यार था जो की साइको की दरिंदगी के आगे शीना ताने खड़ा रहा. अगर प्यार ना होता तो शायद सभी पत्रा बिखर जाते. प्यार ने उन्हें हिम्मत दी और कुछ करने का जज़्बा दिया. अगर पद्‍मिनी राजू से सच्चा प्यार ना करती तो वो शायद ही तलवार उठाती. जिस तरह से उसने साइको के दोनों हाथ काटे तलवार से उस से यही लगता है की वो अपने प्यार के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.

इसे चाँदनी रात में इंसाफ होते हुए भी देखा हमने. साइको को कुछ उसी तरह की मौत मिली जैसी की वो लोगों को देता आया था.

पूरी टास्क फोर्स हॉस्पिटल में मौजूद थी. राजू का ऑपरेशन सक्सेस्फुल रहा था और वो खतरे से बाहर था. शालिनी के हाथ में पट्टी बाँधी गयी. उसके पेट में कोई नया जखम नहीं बना था. हाँ दर्द हो रहा था, उसके लिए उसे पेनकिलर दे दिया गया था. उसे हॉस्पिटल में स्टे की कोई जरूरत नहीं थी पर वो सभी के कारण रुकी हुई थी. मिनी के हाथ में भी पट्टी बाँधी गयी. अपने सीनियर की कॉल के कारण उसे तुरंत वहां से जाना पड़ा. उसे कोई न्यूज कवर करनी थी. रोहित और मोहित की हालत बॉम्ब ब्लास्ट के कारण नाज़ुक थी. रोहित बेसबॉल की मर के कारण और ज्यादा घायल था. उसकी पीठ बुरी तरह चिली हुई थी. मगर वो दोनों भी खतरे से बाहर थे. माइनर स्टिचस लगे दोनों को. रोहित को पीठ पर थोड़े ज्यादा लगे. हाँ कई जगह पट्टी बाँधी गयी. हाथ पाँव पूरी तरह पट्टी से ढक गये.

2 दिन बाद सभी हॉस्पिटल में राजू के कमरे में बैठे थे.

“यार राजू ये तो बता की स्प की फोटो तेरे घर में क्या कर रही थी.” मोहित ने पूछा.

“अरे गलती से आ गयी थी. एक फंक्षन में मेरी भी कई फोटो खींची थी फोटोग्राफर ने. मैंने फोटोग्राफर से अपनी स्नॅप्स के आर्डर दिए थे. उसने गलती से एक फोटो स्प की भी दे दी मुझे. मैंने घर पर एक बुक में रख दी थी स्प की फोटो. उसमें कुछ और फोटोस भी थी. वापिस देनी थी मुझे स्प की फोटो फोटोग्राफर को पर बार-बार भूल जाता था.”

“वैसे कितना बड़ा कोयिन्सिडेन्स है की पद्‍मिनी से वो किताब गिर गयी. ना वो किताब गिरती ना हमें पता चलता की साइको कोन है.” शालिनी ने कहा.

“ष्ह…धीरे बोलिए…दीवारों के भी कान होते हैं.” रोहित ने कहा.

“हाहहहाहा….” मोहित हँसने लगा.

“क्या हुआ भाई मैंने कोई चुटकुला बोला क्या?”

“राजू दीवारों के भी कान होते हैं…कुछ याद आया…हिहिहीही…” मोहित ने कहा.

“तुम बस मेरी फ़ज़ीहत करने पर लगे रहा करो. आगे कुछ मत बोलना.” राजू ने कहा.

“अरे यार बात क्या है कोई हमें भी तो बताए.” रोहित ने कहा.

“पद्‍मिनी से पूछो…वो बनाएगी…” मोहित ने कहा.

“कोई बात नहीं है…और मुझे अब कुछ याद भी नहीं है.” पद्‍मिनी ने गुस्से में कहा.

“सॉरी पद्‍मिनी मैं बस मज़ाक कर रहा था.” मोहित ने कहा.

“दुबारा ऐसा मज़ाक मत करना…” पद्‍मिनी ने कहा.

सभी एक दूसरे के बहुत अतचे दोस्त बन गये थे. दोस्ती में प्यार और तकरार चलता रहता था.

साइको को भूलने लगे थे लोग क्योंकि 2 महीने से बिलकुल शांति थी शहर में. किसी को नहीं पता था की साइको मर चुका है. स्प की तलास की जा रही थी हर तरफ. यही अंदाज़ा लगाया जा रहा था की शायद साइको ने स्प को किडनॅप कर लिया है और उन्हें मर दिया है. मीडिया में भी यही चर्चा थी. टास्क फोर्स के लिए ये आतची बात थी. मगर एक और आतची बात होने जा रही थी. शादी हो रही थी पूजा और मोहित की. मोहित बिना किसी दहेज के शादी कर रहा था पूजा से. पूजा के बापू बहुत ख़ूस्स थे. नगमा भी फूली नहीं समा रही थी.

लॅडीस डांस हो रहा था. नगमा खूब झूम-झूम कर नाच रही थी. चारों तरफ लॅडीस ने गोल घेरा बना रखा था. पद्‍मिनी भी नगमा को डांस करते हुए देख रही थी. पिंक कलर का लहंगा-चोली पहन रखा था उसने. अचानक एक गाना चला और नगमा ने पद्‍मिनी को भी खींच लिया.

कूदिया दे बीच फायर हस्दी खेददी
गुट दी प्रंडी तेरी नाग वांगु महलदी
कॉलेज नू जावे नहीं तू नाग वांगु महलदी
आशिकन नू दर्श दिखाया करो जी
कड़ी शादी गली भूल के अभी आया करो जी
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 57

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jasmeet
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Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story

Unread post by jasmeet » 02 Nov 2016 10:45

कुछ देर तो पद्‍मिनी शरमाई मगर जब उसके पाँव थिरकने लगे तो वो पूरे जोश में आ गयी. टानू वेड्स मानो का ये गाना उसका फेवरेट था इसलिए झूम-झूम कर नाच रही थी. पद्‍मिनी इतना अतचा थिरक रही थी की नगमा पीछे हाथ गयी. बाकी लड़कियाँ भी वहां से हाथ गयी. सिर्फ़ पद्‍मिनी रही गयी वहां. उसकी पतली कमर के झटके किसी की भी जान ले सकते थे. एक सुंदर नारी जब नृत्या करती है तो बारे से बारे साधु भी घायल हो जाते हैं. बहुत ही कामुक नृत्या था पद्‍मिनी का. अंग-अंग म्यूज़िक के साथ लहराता मालूम हो रहा था.

नगमा भाग कर गयी राजू के पास और उसे बोली, “चल जल्दी तेरी पद्‍मिनी नाच रही है.”

“मज़ाक मत कर. उसे डांस नहीं आता.” राजू ने कहा.

“झूठ बोला होगा उसने तुझे…चल देख अपनी आंखों से दिल जख्मी ना हो गया तेरा तो कहना.”

राजू वहां पहुँचा तो उसे अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ.

“ऑम्ग पद्‍मिनी इतना अतचा डांस करती है. मेरा भी मान कर रहा है उसके साथ डांस करने का” राजू ने नगमा से कहा.

“ये लॅडीस महफ़िल है. जाओ अब… बस एक झलक दीखनी थी तुम्हें.” नगमा ने कहा.

“नहीं मैं पद्‍मिनी का पूरा डांस देख कर जाऊंगा. कम से कम इसे गाने को तो खत्म हो जाने दो.”

“ओके मगर चुपचाप खड़े रहना.” नगमा ने कहा.

जब गाना थमा तो पद्‍मिनी भी थाम गयी. अचानक उसकी नज़र राजू पर पड़ी तो शर्म से पानी-पानी हो गयी. उसका पूरा जीशाम पसीने से लथपथ था. कुछ लड़कियों ने उसे घर लिया बधाई देने के लिए. वो सभी की बधाई लेकर भीड़ से बाहर आ गयी.

“गज़ब पद्‍मिनी…गज़ब…यार मर डाला तुमने मुझे आज. मैं पहले से ही घायल था तुम्हारे प्यार में. क्या नाचती हो तुम.”

“मेरे कपड़े गीले हो गये हैं. चेंज करके आती हूँ.” पद्‍मिनी ने बात टालने की कोशिश की.

“घर जाओगी क्या वापिस?”

“हाँ जाना ही पड़ेगा. दूसरे कपड़े तो कार में पड़े हैं पर यहां चेंज करने की जगह नहीं है.”

“मेरे घर चलते हैं…नज़दीक पड़ेगा.”

“नहीं वहां नहीं जाऊंगी.”

“क्यों…”

“तुम मुझे जिस तरह देख रहे हो…मुझे लगता है तुम्हारे साथ जाना ठीक नहीं.”

“ऐसा मत कहो पद्‍मिनी…. प्यार करता हूँ तुमसे. कहा नहीं जाऊंगा तुम्हें. चलो…” राजू पद्‍मिनी का हाथ पकड़ कर कार की तरफ चल पड़ा.

पद्‍मिनी का दिल ढक-ढक करने लगा. 15 मिनट में वो राजू के घर पहुँच गये.

“वैसे इसे ड्रेस में सितम ढा रही हो तुम. ऊपर से ऐसा डांस दिखा दिया मुझे.” राजू ने पद्‍मिनी को बाहों में भर लिया.

“मैंने तुम्हें नहीं बुलाया था. तुम क्यों आए वहां.”

“नगमा ले गयी थी मुझे ज़बरदस्ती. मैं वहां ना जाता तो मुझे पता ही ना चलता की मेरी पद्‍मिनी इतना अतचा नाचती है.”

“मैं बस यू ही थिरक रही थी गाने के साथ…मुझे नाचना नहीं आता.”

“तुम्हारा अंग-अंग म्यूज़िक के साथ सागर की लहरों की तरह झूम रहा था. ये हर कोई नहीं कर सकता. तुम्हारे नितंब क्या झटके मर रहे थे. और पतली कमर का तो क्या कहना.”

“क्या कहा तुमने…नितंब हिहिहीही…सभ्य भाषा पर्योग कर रहें हैं आज आप.” पद्‍मिनी ने हंसते हुए कहा.

“हाँ गान्ड कहूँगा तो कही तुम भड़क ना जाओ. फिर मुझे कुछ नहीं मिलेगा. मुझे आज उस दिन का आधुंरा काम पूरा करना है. आज प्लीज़ कोई बुक मत गिराना.”

“राजू बस एक महीने की बात और है. डाइवोर्स होते ही हम शादी कर लेंगे. देखो 2 महीने रुके रहे तुम. एक महीना और रुक जाओ. मैं तो तुम्हारी हूँ…तुम्हारी रहूंगी.”

“वही तो मैं कह रहा हूँ. जब तुम मेरी हो तो ये शादी की फॉरमॅलिटी क्यों. तुम्हें पत्नी मानता हूँ मैं और क्या रही गया. शादी के इंतजार में मेरी जान ना चली जाए.” राजू ने कहा.

पद्‍मिनी ने तुरंत राजू के मुंह पर हाथ रख दिया, “ऐसा मत कहो.”

“तुमने उस दिन फार्म हाउस पर कहा था की मैं अपने अंग-अंग पर तुम्हारे होठों की चुवन महसूस करना चाहती हूँ. आज मेरे होठों को ये मौका दे दो ना.”

“मेरा पूरा शरीर पसीने में डूबा हुआ है. मुंह कड़वा हो जाएगा तुम्हारा.”

“अतचा देखूं तो…” राजू ने पद्‍मिनी की गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया.

पद्‍मिनी उसे चाह कर भी रोक नहीं पाई.

“तुम तो बहुत टेस्टी लग रही हो. कोई भी कड़वपन नहीं है. मजा आएगा.”

“अफ…यू अरे टू मच…अतचा मुझे नहा लेने दो पहले. फिर देखते हैं आगे क्या करना है.”

“नहीं मैंने अपने होठों के प्रेम रस से नहलवँगा तुम्हें आज.”

“तुम पागल हो सच में.”

“वैसे तुमने आज तक नहीं बताया की उस दिन कैसा लगा था तुम्हें.”

“दर्द हुआ था बहुत ज्यादा. मैंने उसी दिन बता दिया था तुम्हें. क्यों पूछते हो बार-बार.”

“हुआ यू की हमारे लिंग महोदया बस अंदर गये ही थे आपके की आपने वो पुस्तक गिरा दी. हमारे लिंग महोदया को आपकी योनि के अंदर प्रेम घर्सन करने का अवसर ही नहीं मिला. अन्यथा आप इसे वक्त दर्द को याद ना करती.”

“अंदाज़ बड़ा निराला है आपका. ये सब कहा से सीखा.”

“आपके प्रेम ने सभ्य भाषा सीखा दी. क्या करे प्यार करते हैं आपसे कोई मज़ाक नहीं.”

“हम भी प्यार करते हैं आपसे कोई मज़ाक नहीं.” पद्‍मिनी ने कहा.

राजू ने पद्‍मिनी के होठों को प्यार से किस किया और बोला, “चलो पद्‍मिनी इसे प्यार में आज डूब जायें हम दोनों. जब इतना प्यार करते हैं हम एक दूसरे से तो हक़ बनता है ये हमारा.”

पद्‍मिनी कुछ नहीं बोली. बस राजू की छाती पर सर टीका कर चिपक गयी उसके साथ. बहुत काश कर जकड़ लिया था उसने राजू को.

“मेरी महबूबा का स्वीकृति देने का अंदाज़ बड़ा निराला है.” राजू ने पद्‍मिनी के नितंबों को जकड़ लिया दोनों हाथों में.

राजू ने पद्‍मिनी को खुद से अलग किया और उसे गोदी में उठा लिया. पद्‍मिनी ने अपनी आंखें बंद कर ली. राजू ने बारे प्यार से उसे बिस्तर पर लेता दिया. पद्‍मिनी आंखें बंद किए पड़ी रही चुपचाप. जब कुछ देर उसे राजू की कोई चुवन महसूस नहीं हुई तो उसने आंखें खोल कर देखा. राजू पूरे कपड़े उतार चुका था. लिंग पूरे तनाव में था. पद्‍मिनी की नज़र जैसे ही राजू के लिंग पर पड़ी उसने अपने दोनों हाथों में अपना चेहरा ढक लिया, “ऑम्ग…अब पता चला उस दिन इतना दर्द क्यों हुआ था.”

“उस दिन के दर्द का कारण बता चुके हैं हम आपको. उसका हमारे लिंग महोदया की लंबाई-चौड़ाई से कोई लेना देना नहीं है.”

राजू पद्‍मिनी के ऊपर चढ़ गया और उसके कपड़े उतारने लगा.

“कपड़े रहने दो प्लीज़. मुझे शर्म आएगी.”

“कपड़े नहीं उतारोगी तो मैं तुम्हारे अंग-अंग पर अपने होठों को कैसे रखूँगा. चलो ये चोली उतारते हैं पहले.” राजू ने चोली उतार दी. पद्‍मिनी बिना कुछ कहे सहयोग कर रही थी.

“वाउ…ब्यूटिफुल. इन उभारों को ब्रा के चंगुल से बाद में आज़ाद करेंगे पहले ये लहंगा उतार लेते हैं.” राजू ने कहा.

राजू ने पद्‍मिनी के नितंबों के नीचे हाथ सरकाए और लहँगे को पकड़ कर नीचे खींच लिया.

“जितना सुंदर चेहरा…उतना ही सुंदर शरीर. मान भी सुंदर पाया है तुमने. वॉट आ रेर कॉंबिनेशन. “ राजू ने लहँगे को पद्‍मिनी के शरीर से अलग करते हुए कहा.

“तुम नाच रही थी तो तुम्हारे उभार जब ऊपर नीचे हिल रहे थे तो मेरा दिल भी ऊपर नीचे उछाल रहा था. मान कर रहा था की पकड़ लंड तुम्हें जा कर और टूट पड़ून इन उछलते उभारों पर.” राजू ने ब्रा खोलते हुए कहा.

“कैसी बातें करते हो तुम…मुझे शर्म आ रही है…प्लीज़ मुंह बंद रखो अपना.”

“क्या करूँ दीवाना हूँ तुम्हारा. तुम्हारी तारीफ किए बिना रही ही नहीं सकता.”

राजू ने पद्‍मिनी के बायें उभार के निप्पल को होठों में दबा लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया. पद्‍मिनी की सिसकियाँ गूंजने लगी कमरे में.

“कैसा लग रहा है तुम्हें.” राजू ने पूछा.

पद्‍मिनी ने कोई जवाब नहीं दिया. उसने राजू के सर को थाम लिया और उसके सर पर हल्का सा दबाव बनाया ताकि उसके होंठ वापिस निपल्स पर टिक जायें.

“लगता है तुम्हें मजा आ रहा है…हहेहेहहे…वैसे मैं दूसरे निप्पल पर जा रहा था. तुम कहती हो तो इसे ही चूसता रहता हूँ.”

पद्‍मिनी शर्म से पानी-पानी हो गयी. “नहीं मेरा वो मतलब नहीं था. तुम करो जो करना है.”

“आपकी इन्हीं अदाओं पे तो प्यार आता है…थोड़ा नहीं बेसुमार आता है. बस एक बार हमें ये बता दो. इन अदाओं का तूफान कहा से आता है.”

“तुम ऐसी बातें करोगे तो कोई भी शर्मा जाएगा.”

“चलो इसी निप्पल को सक करता हूँ. लगता है ये ज्यादा मजा दे रहा है तुम्हें…हिहिहीही..”

राजू फिर से डूब गया पद्‍मिनी के उभारों में. पद्‍मिनी फिर से आहें भरने लगी. बड़ी-बड़ी से दोनों उभारों को प्यार कर रहा था राजू. पद्‍मिनी की सिसकियाँ तेज होती जा रही थी.

अचानक राजू पद्‍मिनी के निपल्स छोड कर हाथ गया और पद्‍मिनी की पैंटी को धीरे से नीचे सरका कर पद्‍मिनी के शरीर से अलग कर दिया. पद्‍मिनी की टांगे काँपने लगी और उसकी सांसें बहुत तेज चलने लगी.

राजू के लिए एक पल भी रुकना मुश्किल हो रहा था. उसने पद्‍मिनी की टांगों को अपने कंधे पर रख लिया और पद्‍मिनी के चेहरे पर हाथ रख कर बोला, “मुझे कभी किसी का प्यार नहीं मिला पद्‍मिनी. जींदगी भर प्यार के लिए तरसता रहा. ऐसा नहीं था की मैंने कोशिश नहीं की. जो भी लड़कियाँ जींदगी में आईं उन्होंने मेरे दिल में झाँक कर देखा ही नहीं. मैं प्यार ढूंढ. रहा था हमेशा…लेकिन जींदगी पता नहीं कब बस सेक्स में उलझ गयी. प्यार की तलाश इसलिए भी थी शायद क्योंकि बचपन से अनाथ था. तुम्हें प्यार तो करने लगा था पर डरता था की दिल टूट ना जाए. लेकिन मैं आज बहुत ख़ूस्स हूँ क्योंकि मेरा दिल बहुत प्यार से संभाल कर रखा है तुमने. इतना प्यार कभी नहीं मिला पद्‍मिनी. ई लव यू सो मच.”

“ई लव यू टू…राजू. झूठ नहीं बोलूँगी. तुमसे प्यार करना नहीं चाहती थी. तुमसे दूर ही रहना चाहती थी. पर ना जाने क्या जादू किया तुमने की मैं तुम्हारे प्यार में फँस गयी.”

“वैसे दूर क्यों भागती थी मुझसे तुम.”

“मैंने सपना देखा था. जीशमे तुम मेरे साथ…ये सब कर रहे थे.”

“ये सब मतलब…सेक्स.”

“हाँ…. हम खुले में थे. किसी खेत का दृश्या था शायद. अचानक मुझे नगमा दिखी चारपाई पर लेती हुई. मैंने तुम्हें रोकने की कोशिश की ये कह कर की नगमा देख लेगी. पर तुम नहीं रुके. अचानक साइको आ गया वहां और मेरी आँख खुल गयी. इसे सपने ने बहुत डरा दिया था मुझे. इसलिए तुमसे दूर भागती थी.”

“हाहहहहाहा….अब पता चला सारा चक्कर. तो तुम अपनी योनि बचाने के चक्कर में थी.”

“चुत उप…” पद्‍मिनी गुस्से में बोली.”

“वैसे सपना सच हुआ है तुम्हारा. उस दिन टेबल पर झुका रखा था तुम्हें तो नगमा की फोटो भी गिरी थी नीचे. उसके ऊपर स्प की फोटो थी. क्या सपने में भी पीछे से थोक रहा था तुम्हें.”

“मुझे कुछ याद नहीं है अब….” पद्‍मिनी हंसते हुए बोली.

“सो स्वीट पद्‍मिनी. हमेशा यू ही हँसती रहना.”

“तुम मुझे यू ही प्यार करोगे तो मैं यू ही हँसती रहूंगी.”

“पद्‍मिनी क्या मैं समा जाऊं तुम में.”

“मना करूँगी तो क्या रुक जाओगे.”

“बोल कर तो देखो.”

“रुक जाओ फिर…” पद्‍मिनी ने बोलते ही आंखें बंद कर ली. क्योंकि उसे यकीन था की राजू तुरंत समा जाएगा उसके अंदर. पर ऐसा कुछ नहीं हुआ. पद्‍मिनी ने एक मिनट बाद आँख खोली और बोली, “क्या हुआ तुम तो सच में रुक गये. तुम तो ऐसे नहीं थे.”

“पद्‍मिनी मैं चाहता हूँ की तुम अपनी आंखें खुली रखो. ताकि हम एक दूसरे की आंखों में देख सकें और जान सके की दूसरा क्या महसूस कर रहा है. हमारा मिलन हमारे प्यार के जितना ही पवित्र है. हमें आंखों से आंखें मिला कर उतरना चाहिए इसे संभोग में. सिर्फ़ मेरा लिंग ही नहीं जाएगा तुम्हारे अंदर. मेरा प्यार और मेरी आत्मा भी समा जाएगी तुम्हारे अंदर. बस कुछ देर के लिए आंखें खुली रखो फिर तो आंखें वैसे भी खुद-भी-खुद बंद हो जाएँगी क्योंकि हम प्यार में डूब जाएँगे.”

पद्‍मिनी ने राजू के चेहरे पर हाथ रखा और बोली, “मुझे यकीन नहीं था की कभी इतनी गहरी बातें भी करोगे. पावर ऑफ नाउ की याद दिला दी तुमने मुझे. ठीक है मेरे दीवाने मैं आंखें खुली रखूँगी.”

राजू ने एक हाथ से लिंग को पकड़ा और पद्‍मिनी के योनि द्वार पर टीका दिया. पद्‍मिनी के शरीर में बीजली की लहर दौड़ गयी. उसके होंठ काँपने लगे.

“मेरी कोशिश रहेगी की आज दर्द ना हो…थोड़ा बहुत हो तो संभाल लेना.” राजू ने खुद को पुश किया.

पद्‍मिनी ने अपने दाँत भींच लिए लेकिन आंखें बंद नहीं की. दोनों की आंखें लगातार एक दूसरे से जुड़ी हुई थी. बहुत कुछ कह रही थी दोनों की आंखें एक दूसरे से. प्यार का अनमोल इजहार हो रहा था आंखों के जरिए.

ना राजू ने मुंह से कुछ कहा और ना पद्‍मिनी ने मुंह से कुछ कहा. सभी बातें आंखों के जरिए हो रही थी. धीरे-धीरे राजू पूरा समा गया पद्‍मिनी के अंदर और राजू ने पलके झपका कर पद्‍मिनी को इशारा किया की तुम अब आंखें बंद कर सकती हो. दोनों ने आंखें बंद कर ली और उनके होंठ खुद-भी-खुद एक दूसरे से जुड़ गये. पद्‍मिनी राजू के प्यार में दर्द पूरी तरह भूल गयी थी.

राजू ने पद्‍मिनी की योनि में लिंग का घर्षण शुरू कर दिया. मगर दोनों के होंठ लगातार एक दूसरे से जुड़े रहे. धीरे-धीरे राजू ने बढ़ता बधाई तो पद्‍मिनी की छींख गूंजने लगी कमरे में. ये छींखे दर्द की नहीं बल्कि बल्कि उस आनंद की थी जो पद्‍मिनी को राजू के साथ हो रहे मिलन से मिल रहा था. पद्‍मिनी अपना सर दायें-बायें बहुत तेजी से घुमा रही थी. राजू भी पूरी तरह खो गया था पद्‍मिनी में. आंखें बंद थी उसकी भी और वो बार-बार पद्‍मिनी के अंदर और अंदर जाने की कोशिश कर रहा था. प्यार अंतिम शीमा तक पशुंचने की कोशिश करता है. इसलिए राजू हर बार पद्‍मिनी के और अंदर उतार जाना चाहता था.

अचानक पद्‍मिनी बहुत ज़ोर से चिल्लाई, “राजू….बस…और नहीं….रुक जाओ….” पद्‍मिनी का ऑर्गॅज़म हो चुका था. मगर राजू नहीं रुका तो उसे आश्चर्य हुआ की वो एक और ऑर्गॅज़म की तरफ तरफ रही है. ऐसा पहली बार हो रहा था उसके साथ. वो दुबारा चिल्लाई, “राजू बस…अब रुक जाओ…प्लेअएसस्स्स्स्स्सस्स.”

राजू बिना कुछ कहे पद्‍मिनी के और ज्यादा अंदर जाने की कोशिश में लगा रहा. अचानक उसकी बढ़ता बहुत तेज हो गयी. इतनी तेज की पूरा बिस्तर हिलने लगा. पद्‍मिनी की तो सांसें अटकने लगी. साँस लेना बहुत मुश्किल हो गया था उसके लिए. तूफान ही कुछ ऐसा मचा दिया था राजू ने.

“पद्‍मिनी!” बहुत ज़ोर से चिल्लाया राजू और ढेर हो गया पद्‍मिनी के ऊपर. दोनों की गरम-गरम सांसें आपस में टकरा रही थी.

कुछ देर तक यू ही पड़े रहे दोनों. दोनों को नींद की झपकी लग गयी थी. अचानक राजू की आँख खुली, “ऑम्ग मोहित मेरी जान ले लेगा.”

पद्‍मिनी ने राजू को काश कर थाम लिया. राजू ने पद्‍मिनी की आंखों में देखा तो पाया की उसकी आंखें नाम हैं.

“क्या हुआ मेरी महबूबा को.” राजू ने पूछा.

“मुझे हमेशा यू ही प्यार करना राजू.”

“मेरा प्यार नहीं बदलेगा पगली…चाहे ये दुनिया बदल जाए.”

“हमने कोई प्रोटेक्शन उसे नहीं किया…कुछ ऐसा वैसा हो गया तो.” पद्‍मिनी ने कहा.

“ओह हाँ… आगे से ध्यान रखेंगे. अभी बच्चों का नहीं सोचेंगे. पहले खुल कर इसे प्यार को एंजाय कर लें फिर सोचेंगे.”

“चलें अब…” पद्‍मिनी ने हंसते हुए कहा.

“मेरा तो फिर से मान कर रहा है.”

“चलो..चलो लेट हो जाएँगे.” पद्‍मिनी ने प्यार से कहा.

………………………………………………………………

शालिनी शादी की भीड़- भाड़ में अकेली परेशान सी घूम रही थी. उसकी नज़र राजू और पद्‍मिनी पर पड़ी तो तुरंत उनके पास आई दौड़ कर.

“तुम लोगों ने रोहित को देखा कहीं. उसका फोन भी नहीं मिल रहा.” शालिनी ने पूछा.

“मैडम हम अभी आए हैं. पद्‍मिनी को ड्रेस चेंज करनी थी. घर गये थे.” राजू ने कहा.

“रोहित पुणे वापिस जा रहा है ना कल. शायद पेकिंग में बिज़ी होगा.” पद्‍मिनी ने कहा.

“वैसे रोहित सर ने रिज़ाइन करके ठीक नहीं किया. उनका सस्पेन्षन तो वापिस हो ही गया था.” राजू ने कहा.

“हम…अतचा तुम लोगों को रोहित कहीं दिखे तो उसे बोल देना की मुझसे मिल ले.” शालिनी ने कहा.

“तुम्हारी इंग़ेज़मेंट है ना परसों. मैं तो भूल ही गयी थी.” पद्‍मिनी ने कहा

“हाँ…प्लीज़ मेरा मेसेज जरूर दे देना उसे.”

“हाँ दे देंगे आप छीना मत कीजिए.”

कल जबसे रोहित शालिनी के रूम से निकला था गुस्से में तबसे शालिनी की उस से बात नहीं हुई थी. कल से ही फोन ऑफ था उसका. शालिनी जब घर गयी रोहित के तो वहां ताला मिला उसे. यही कारण था की शालिनी बहुत बेआचाईन थी रोहित से मिलने के लिए और शादी के समारोह में बस उसे ही ढूंढ. रही थी. वो शादी में आए हर व्यक्ति को गौर से देख रही थी. दिल बस यही ड्यूवा कर रहा था की काश रोहित दिख जाए.
कल का पूरा दिन शालिनी के लिए बहुत अजीब गुजरा था. जब सुबह उसकी आँख खुली थी तो आंखों में आंसेऊ भर आए थे उसकी. सपना ही कुछ ऐसा देखा था उसने.

सपने में वो रोहित के साथ थी. दोनों डिनर कर रहे थे. डिनर की जगह बड़ी अजीब थी. थाने की बिल्डिंग की छत्त पर थे दोनों. वहां एक टेबल लगी थी जिसके दोनों तरफ कुर्सियों पर रोहित और शालिनी बैठे थे.

खाते हुए दोनों प्यारी-प्यारी बातें कर रहे थे. अचानक शालिनी ने प्यारी सी मुस्कान के साथ कहा, “रोहित तुम जान-ना चाहते थे ना मेरे दिल की बात. क्या बोल दम आज.”

“हाँ बोलो ना मैं तो कब से इंतजार कर रहा हूँ. बताओ क्या है तुम्हारे दिल में.”

“मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ रोहित. मगर इस प्यार में दो कदम भी साथ नहीं चल सकती तुम्हारे.”

“प्यार करती हो और दो कदम भी साथ नहीं चल सकती. आस्प साहिबा इतनी कमजोर निकलेगी सोचा भी नहीं था मैंने. मैं तुमसे कोई बात नहीं करना चाहता.”

“रोहित प्लीज़ सुनो तो.”

“क्या सुनू मैं…प्यार का मज़ाक बना रखा है तुमने. प्यार का ऐसा बेहूदा इजहार आज तक ना देखा ना सुना मैंने. ई हटे यू.”

तभी शालिनी की आँख खुल गयी थी और उसकी आंखों में आँसू भर आए थे. रोहित की बात किसी काँटे की तरह चुभ रही थी शालिनी के दिल में.

“इसीलिए मैंने प्यार का इजहार नहीं लिया अब तक. प्यार का इजहार करके इस प्यार को ठुकराना नहीं चाहती मैं. इसीलिए दिल में दबा कर रखती हूँ इस प्यार को. पर रोहित तुम जानते तो हो ना की मैं प्यार करती हूँ तुम्हें. मैं कहूँ या ना कहूँ पर तुमसे कुछ छुपा तो नहीं है ना. काश तुम्हें कह पति एक बार की कितना प्यार करती हूँ तुम्हें पर किस्मत मुझे मौका ही नहीं दे रही. काश घर में तुम्हारे बारे में बात करने से पहले ही तुम्हें ‘ई लव यू’ बोल देती तो दिल पर बोझ ना रहता. पता नहीं अंकल क्यों इतना नापसंद करते हैं तुम्हें.” शालिनी चुपचाप बिस्तर पर पड़ी सब सोच रही थी.

कुछ देर शालिनी यू ही चुपचाप पड़ी रही. अचानक उसे ख्याल आया, “आज फिर से अंकल से बात करके देखती हूँ तुम्हारे बारे में. पूरी कोशिश करूँगी उन्हें मनाने की. अगर वो मान गये तो तुम्हें अपने दिल में छुपा प्यार दिखा दूँगी आज.” शालिनी दिल में एक उम्मीद ले कर बिस्तर से उठ गयी.

सुबह के 7 बज रहे थे. शालिनी के दादी ड्रॉयिंग रूम में बैठे अख़बार पढ़ रहे थे. शालिनी चुपचाप उनके पास आकर बैठ गयी.

“गुड मॉर्निंग पापा.”

“गुड मॉर्निंग बेटा. बड़ी जल्दी उठ गयी आज तुम.”

“एक बात करनी थी आपसे.”

“हाँ बोलो क्या बात है.”

“ अंकल क्या मेरी पसंद नापसंद कोई मायने नहीं रखती?”

“क्या मतलब… मैं कुछ समझा नहीं.”

“मैं रोहित को पसंद करती हूँ और आप ज़बरदस्ती मेरी शादी कही और करना चाहते हैं. क्या आपको नहीं लगता की ये गलत है.”

“कैसे गलत है. कहा मदन और कहा रोहित. एक ईयेज़ ऑफिसर है और एक इंस्पेक्टर. कोई कंपॅरिज़न ही नहीं है.”

“लेकिन मैं उस इंस्पेक्टर को पसंद करती हूँ. क्या इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता आपको.”

“तुम पागल हो गयी हो क्या. इतना अतचा रिश्ता दूँगा है तुम्हारे लिए और तुम उस निक्कममे इंस्पेक्टर की बातें कर रही हो फिर से. मैंने पहले ही क्लीयर कर दिया था तुम्हें की मुझे ये मंजूर नहीं फिर क्यों दुबारा वही बात कर रही हो.”

“मदन में क्या बुराई है. तुम दोनों का कॅड्रर भी एक है. एक ऑफिसर, ऑफिसर से ही शादी करे तो अतचा है वरना बात नहीं बनेगी.”

“बात बुराई की नहीं है पापा. मैं रोहित को पसंद करती हूँ मदन को नहीं.”

“शादी हो जाएगी तो पसंद करने लगोगी.”

“नहीं करूँगी मैं ये शादी.” शालिनी ने कहा.

शालिनी की आंटी भी आ गयी दोनों की बहस सुन कर.

“मत करो. इसी दिन के लिए पाल पॉश कर बड़ा किया था हमनें तुम्हें. पहली बार जुबान लड़ा रही हो तुम मुझसे. मैंने अपना फैसला बता दिया था फिर भी तुमने आज ये मुद्दा उठाया.”

“ अंकल मैं जबान नहीं लड़ा रही. बस अपने दिल की बात कह रही हूँ.”

“दिल की बात करने से जींदगी नहीं संवार जाएगी तुम्हारी. दिमाग से काम लो. तुम्हारा भला चाहता हूँ मैं. मदन के परिवार वालो को अतचे से जानता हूँ मैं. उसके अंकल मेरे कॉलेज के दोस्त हैं. अपने दिल की बात पर अपने दिमाग से गौर करो. जींदगी भर खुश रहोगी तुम उस घर में.”

“कोन जानता है की खुश रहूंगी या दुखी रहूंगी.”

“हाँ हम तो तुम्हारे दुश्मन है जो तुम्हें दुख झेलने के लिए मजबूर कर रहे हैं. अगर ऐसा है तो जाओ कर लो जो करना है. तुम बालिग हो. अपने फैसले खुद करने का क़ानूनी अधिकार है तुम्हें. पुलिस ऑफिसर भी हो. हमारी औकात ही क्या है तुम्हें कुछ कहने की अब. जाओ बेटा कर लो जो करना है.”
“नहीं अंकल प्लीज़. ऐसा मत बोलिए. आपकी इतचा के बिना एक कदम भी नहीं उठा सकती मैं आप ये अतचे से जानते हैं.” शालिनी भावुक हो गयी.

“मेरी इतचा की इतना परवाह है तुम्हें तो क्यों दुबारा रोहित की बात की तुमने. मुझे वो लड़का बिलकुल पसंद नहीं है. दुबारा तुमने इस बारे में बात की तो मेरा मारा मुंह देखोगी तुम.”

शालिनी अपने अंकल के कदमों में बैठ गयी और बोली, “ अंकल प्लीज़ ऐसा मत बोलिए. मैं वही करूँगी जो आप कहेंगे.”

“मेरी मर्जी तुम जानती हो. दुबारा इस मुद्दे पर बात मत करना मुझसे. बहुत दुख होता है मुझे. तुमने भूल कर भी रोहित का नाम लिया मेरे सामने तो तेरा मेरा रिश्ता हमेशा के लिए खाँ हो जाएगा. भूल जाऊंगा मैं की तुम मेरी बेटी हो.” ये बोल कर शालिनी के अंकल वहां से चले गये.

बहुत उम्मीद ले कर आई थी शालिनी अपने अंकल से बात करने.मगर उसकी उम्मीद गहरी निरासा में बदल गयी. बड़ी मुश्किल से थाने जाने के लिए तैयार हुई थी वो. मान इतना उदास था की बिना नाश्ता किए घर से निकल गयी थी.

शालिनी को थाने पहुँचते ही अपने रूम में फॅक्स मिला की रोहित का सस्पेन्षन वापिस हो गया है. शालिनी के दुखी मान को कुछ राहत मिली. बहुत कोशिश की थी उसने रोहित के लिए. वो खुश थी की उसकी कोशिश कामयाब रही. उसने तुरंत रोहित को फोन मिलाया.

“हेलो रोहित. क्या इसी वक्त थाने आ सकते हो.” शालिनी फोन पर कुछ नहीं बताना चाहती थी.

“मैं थाने ही आ रहा हूँ. रास्ते में हूँ. बस 10 मिनट में पहुँच रहा हूँ मैं.”

रोहित जब शालिनी के रूम पहुँचा तो वो चौहान को कुछ डाइरेक्षन्स दे रही थी. रोहित दरवाजे पर ही रुक गया.

“मिस्टर चौहान यू में गो नाउ. जैसा कहा है वैसे ही करना.” शालिनी ने चौहान को कहा.

चौहान रोहित को घूरता हुआ बाहर चला गया.

“रोहित आओ ना वही खड़े रहोगे क्या. आओ तुम्हें एक खूसखबरी देनी थी.” शालिनी ने कहा.

रोहित चुपचाप बिना कुछ कहे शालिनी के सामने कुर्सी पर आकर बैठ गया.

“क्या बात है कुछ खोए-खोए से हो.”

“नहीं बस यू ही…”

“रोहित तुम्हारा सस्पेन्षन कॅन्सल हो गया है. तुम अभी आज से ही जाय्न कर सकते हो.”

रोहित हल्का सा मुस्कराया ये सुन कर और बिना कुछ कहे शालिनी की टेबल पर एक लीफाफा रख दिया.

शालिनी रोहित के इस रिएक्शन पर हैरान रही गयी.

“क्या बात है रोहित. तुम्हें कोई नहीं हुई इस बात की.”

“ तो बहुत है. आपने बहुत कोशिश की इसके लिए. आपका बहुत बहुत शुक्रिया”

“ नज़र नहीं आ रही तुम्हारे चेहरे पर. इस लीफाफ़े में क्या है?”

“खोल के देख लीजिए.”

शालिनी ने लीफाफ़े में से लेटर निकाला. वो उसे पढ़ कर चौंक गयी.

“रोहित ये क्या मज़ाक है. रिज़ाइन क्यों कर रहे हो तुम. बड़ी मुश्किल से मैंने सस्पेन्षन कॅन्सल करवाया है और तुम रिज़ाइन कर रहे हो. क्या पूछ सकती हूँ मैं की ऐसा क्यों कर रहे हो तुम.”

“परसों पुणे वापिस जा रहा हूँ मैं. पुलिस की नौकरी कभी भी पसंद नहीं थी मुझे. मेरे दादी के कारण जाय्न किया था मैंने यहां.”

शालिनी को एक और झटका लगा. “पुणे जा रहे हो?…पर क्यों.”

“यहां नहीं रही सकता मैं. मेरी कुछ मजबूरी है.”

“मेरे अंदर काम नहीं करना चाहते तुम अब है ना. यही मजबूरी है ना तुम्हारी. तुम्हारी मेल ईगो अब तुम्हें मेरे अंदर काम करने की इजाज़त नहीं देती.”

“ऐसा कुछ नहीं है.”

“फिर बोलो क्या बात है. क्यों जा रहे हो मुझसे इतनी दूर तुम.”

“आपको मेरे चले जाने से फर्क पड़ेगा क्या कोई.”

“फर्क नहीं पड़ता तो क्या मैं परेशान होती इस वक्त. तुम यही रहो रोहित मेरे पास. मुझे अकेला चोद कर मत जाओ यहां.”

“आपने आज तक अपने मुंह से प्यार का इजहार तक नहीं किया. आज मैं जाने की बात कर रहा हूँ तो आपको तकलीफ हो रही है.”

“रोहित एक बात बताओ. क्या तुम्हारा और मेरा रिश्ता बस प्यार का ही हो सकता है? …. क्या हम दोस्त बन कर नहीं रही सकते.”

“क्या हम दोस्त थे कभी जो अब दोस्त बन कर रहें. हम प्यार करते हैं एक दूसरे से. इस प्यार को दोस्ती में नहीं बदल सकता मैं.”

“क्यों नहीं बदल सकते. दोस्ती भी तो प्यार का ही एक रूप है.”

“पहले प्यार तो कबूल कर लेती आप फिर मैं कुछ सोचता भी इस बारे में. बेकार में बहस कर रही हैं आप मेरे साथ इस बारे में.”

“तुम मुझसे क्या चाहते हो रोहित?”

“आपसे कोई चाहत तो तब रखता जब आप ये हक़ देती मुझे. क्योंकि मेरा प्यार एक तरफ़ा है शायद… इसलिए कुछ नहीं चाहता आपसे मैं. यहां से जा रहा हूँ क्योंकि अपने प्यार को किसी और के साथ शादी करते हुए नहीं देख सकता. यहां रहूँगा तो हर पल घुट-घुट कर जीऊँगा मैं. इसलिए यहां से जा रहा हूँ.”

“तो ये नौकरी और शहर तुम मेरे कारण छोड रहे हो.” शालिनी की आवाज़ में अजीब सा दर्द था.

“ये नौकरी तो मुझे छ्चोड़नी ही थी. मैंने कहा ना मुझे पुलिस की नौकरी कभी पसंद नहीं थी.”

“हाँ पर फिलहाल तो तुम मेरे कारण कर रहे हो ना ये सब. क्या इस से बड़ी सजा दे सकते हो तुम मुझे.”

“सजा आपको नहीं दे रहा हूँ बल्कि खुद को दे रहा हूँ. बहुत प्यार करता हूँ आपसे मैं….आपको सजा कैसे दे सकता हूँ.”

“रोहित प्लीज़ ऐसा मत करो मेरे साथ. प्लीज़ ये रेसिग्नेशन वापिस ले लो और यही रहो इसी शहर में.”

“हाँ यही रहूं और आपको शादी करते देखूं…फिर बच्चे पैदा करते देखूं. मुझसे ये नहीं होगा.”

“चुत उप रोहित.”

“क्यों चुप रहूं. मेरे प्यार का मज़ाक बना दिया आपने.”

“मैंने तुम्हें नहीं कहा था प्यार करने के लिए.” शालिनी ने कड़ी आवाज़ में कहा.

“आप कभी कह भी नहीं सकती थी. मेरा ही दिमाग खराब था जो दिल लगा बैठा आपसे. मुझे क्या पता था की मेरे प्यार का यू मज़ाक उड़ाया जाएगा.”

“देखो रोहित मैं इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहती तुमसे. मेरी बस यही रिकवेस्ट है की जब प्यार मुमकिन नहीं हमारे बीच तो हम दोस्त बन कर रहें तो ज्यादा अतचा है.”

“ठीक है मंजूर है दोस्ती आपकी मुझे. लेकिन ये दोस्ती निभाने के लिए यहां रहना जरूरी नहीं है. फोन पर दोस्ती जारी रख सकते हैं हम.”

ये शुंते ही शालिनी भड़क गयी. “जाओ फिर दफा हो जाओ यहां से,” शालिनी चिल्लाई.

“छील्लाओ मत मेरे ऊपर. गुस्सा मुझे भी आता है. एक तो प्यार का अपमान करती हो ऊपर से छील्लती हो. आस्प साहिबा हो कर अपनी जींदगी के फैसले दूसरे लोगों पर छोड रखें हैं आपने.”

“दूसरे लोग नहीं हैं वो…मेरे आंटी -बाप हैं. उनके बारे में एक शब्द भी मत बोलना.”

“क्यों ना बोलूं उनके बारे में. मेरे प्यार को मुझसे छीन रहे हैं वो और आप उनका साथ दे रही हैं. अपने फैसले आपको खुद लेने चाहिए. आंटी -बाप अपनी जगह है. उनके लिए अपनी खुशियों का गला मत घोटो.”

“चुत उप रोहित.”

“हाँ मेरी जुबान पर ताले लगा दो. कुछ गलत नहीं कहा मैंने. आपके पेरेंट्स आपकी खुशियों का गला घोत रहें हैं और आप उनका साथ दे रही हो . और मुझे कहती हैं आप की मैं रुक जाऊं यहां. ताकि आपकी शादी शुदा जींदगी को पहलते फूलते देख सकूँ.”

“गेट आउट फ्रॉम हियर. दुबारा मत आना यहां तुम. जाओ जहां जाना है. ई डोंट केर.” शालिनी गुस्से में बोली.

तभी चौहान आ गया कमरे में और बोला, “मैडम ये फाइल देख लीजिए. इसमें सारी डीटेल है.”

रोहित चौहान के अंदर आते ही तुरंत उठ कर बाहर आ गया.

कुछ देर बाद जब शालिनी का गुस्सा शांत हुआ तो उसने रोहित को फोन मिलाया. मगर फोन स्विच्ड ऑफ था. कुछ देर बाद शालिनी घर गयी रोहित के मगर वहां ताला टंगा मिला उसे. शालिनी का पूरा दिन और पूरी रात बेचैनी भारी गुज़री. बार बार फोन ट्राइ किया शालिनी ने रोहित का मगर फोन हर बार स्विच्ड ऑफ ही मिला.

शालिनी को उम्मीद थी की रोहित, मोहित की शादी में जरूर आएगा इसलिए शादी के महोत्सव में बस उसे ही ढूंढ. रही थी.

वार माला हो गयी थी मोहित और पूजा की और वो दोनों फूलो से सजे स्टेज पर बैठे थे. राजू और पद्‍मिनी दूल्हा दुल्हन को बधाई देने पहुँचे तो मोहित ने पूछा, “थे कहा तुम दोनों. फोन भी नहीं उठा रहे थे. ये कोई तरीका है क्या. मेरी शादी हो रही है और सभी दोस्त गायब हैं.”

“सॉरी गुरु…हम घर गये थे…पद्‍मिनी को कपड़े चेंज करने थे.”

“तो ये चली जाती तुम साथ क्यों गये थे. यहां कोई भी नहीं है कुछ संभालने वाला. तुम्हारी शादी होगी ना तो मैं भी गायब हो जाऊंगा.” मोहित ने गुस्से में कहा.

“हाँ पद्‍मिनी बहुत बुरा लग रहा है मुझे. हमारी शादी हो रही है और कोई हमारे साथ नहीं है. शालिनी भी नहीं दिख रही कही. एक बार दिखी थी फिर ना जाने कहा गायब हो गयी.” पूजा ने कहा.

“रोहित का भी कुछ आता पता नहीं. उसका फोन भी नहीं मिल रहा. पता नहीं इतना बिज़ी कैसे हो गया की शादी में आने का वक्त भी नहीं है उसके पास.” मोहित ने कहा.

“शालिनी को तो पता होगा उसके बारे में?” पूजा ने पूछा.

“नहीं उसे भी नहीं पता कुछ…वो तो खुद हमसे पूछ रही थी रोहित के बारे में.” पद्‍मिनी ने कहा.

शालिनी ने राजू और पद्‍मिनी को स्टेज पर देखा तो उसने सोचा की वो भी उन्हीं के साथ जा कर सेगन दे दे. वो भी स्टेज पर चढ़ गयी.

“मिल गयी फुर्सत आपको हमसे मिलने की?” पूजा ने कहा.

शालिनी कुछ नहीं बोल पाई.

“शालिनी रोहित कहा है. क्या उसके पास मेरी शादी में आने का भी वक्त नहीं है?” मोहित ने कहा.

शालिनी ने सेगन का लीफाफा पूजा को थमा दिया और बोली, “मुझे नहीं पता वो कहा है.”

“ये लो शैतान का नाम लिया और शैतान हाज़िर.” मोहित ने कहा.

शालिनी ने तुरंत पीछे मूंड़ कर देखा. रोहित स्टेज की तरफ ही आ रहा था.

रोहित ने शालिनी को छोड कर सभी को विश किया. शालिनी प्यासी निगाहों से उसकी तरफ देखती रही पर रोहित ने एक बार भी उसकी तरफ नहीं देखा.

“मिल गया वक्त तुम्हें मेरी शादी में आने का. मुझे तो लग रहा था की तुम आओगे ही नहीं.” मोहित ने कहा.

“सॉरी यार मैं किसी काम में बिज़ी था.”

शालिनी बस रोहित को ही देख रही थी. उसका दिल बहुत भारी हो रहा था ये देख कर की वो उसे इग्नोर कर रहा है. वो सभी से हंस कर बातें कर रहा था मगर शालिनी की तरफ देख भी नहीं रहा था. बर्दाश्त नहीं कर पाई शालिनी ये तिरस्कार. दिल बहुत भावुक हो गया उसका. जिसके लिए वो कल से परेशान थी वो उसे एक नज़र देख भी नहीं रहा था. बहुत थमा शालिनी ने खुद को मगर भावनाओं को संभाल नहीं पाई और जब आँसू बरसने शुरू हुए तो फिर थामे नहीं. वो अपने आँसू किसी को दिखना नहीं चाहती थी इसलिए तुरंत बिना कुछ कहे स्टेज से उतार गयी. बस पूजा ने देखे उसके आँसू बाकी सभी बातों में खोए थे.

“अरे शालिनी को क्या हुआ…वो बिना कुछ कहे चली गयी.?” मोहित ने कहा.

“जाने दो उसे…आस्प साहिबा हैं वो बहुत बिज़ी रहती हैं काम में. आ गया होगा कोई काम.” रोहित ने कहा.

“नहीं वो रोते हुए गयी है यहां से.” पूजा तुरंत बोली.

“रोते हुए पर क्यों?” मोहित ने कहा.

“ये तो रोहित ही बता सकता है. बहुत देर से ढूंढ. रही थी तुम्हें वो रोहित. और मैंने नोट किया की तुमने उसके साथ बात तक नहीं की.” पद्‍मिनी ने कहा.

“मुझे ढूंढ. रही थी. तुम्हें कोई गलत फ़हमी हुई होगी.” रोहित ने कहा.

मोहित उठा अपनी सीट से और रोहित का हाथ पकड़ कर एक तरफ ले गया.

“बात क्या है रोहित…क्या मुझे बताओगे.”

“कुछ नहीं है यार. कुछ मत पूछ मुझसे. मैं कोई बात नहीं करना चाहता इस बारे में.” रोहित ने कहा.

“अतचा मुझे कुछ जान-ने का हक़ नहीं है क्या. क्या दोस्ती सिर्फ़ नाम की है ये. बताओ मुझे क्या बात है.”

“प्यार करती है वो मुझसे और अपने आंटी -बाप के कारण शादी कही और कर रही है. इसीलिए मैं ये शहर और नौकरी छोड कर जा रहा हूँ.”

“क्योंकि मैं घुट घुट कर नहीं जीना चाहती शादी के बाद. आख़िर बुराई क्या है रोहित में.”
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 58

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