Re: एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story
Posted: 02 Nov 2016 10:41
“तेरी जुबान तुझे बहुत भयानक मौत दिलवाएगी आज.” साइको ने बात रोहित के सर पर वार करने के लिए ऊपर आकास की और उठा लिया. मगर तभी कुछ सोच कर वो रुक गया, “नहीं तड़पा-तड़पा कर मारूँगा तुझे मैं. क्यों ना एक गेम हो जाए. पूजा डार्लिंग को लेकर आता हूँ. तुम लोग उसे कमरे में ढूंढ. रहे थे और वो पेड़ के पीछे छुपी थी. एक नंबर की कामिनी है साली. अभी लेकर आता हूँ रंडी को. गेम का मुख्य हिस्सा उसे ही बनाएँगे. लेकिन पहले ये बंदूकें हटा लंड यहां से. गेम का मजा खराब कर सकती हैं ये… हहेहहे. तुम्हारे पास मोबाइल भी होंगे वो भी मुझे दे दो जहन्नुम में मोबाइल का क्या काम…हिहिहीही. ” साइको गन्स और मोब्लेस ले कर वहां से चला गया.
“मोहित…तू ठीक तो है ना” रोहित ने कहा.
“यार हाथ पाँव काम नहीं कर रहे. अब वो पूजा को ला रहा है. मेरी आंखों के सामने कोई घिनोनी गेम खेलगा वो और मैं कुछ भी नहीं कर पऊंगा.” मोहित ने कहा.
“ऐसा मत सोचो मोहित. जब हम सोचते हैं की हम कुछ नहीं कर पाएँगे, वही से एक नयी संभावना तैयार होती है कुछ अलग और बेहतर करने की.”
“मेरा शरीर बॉम्ब ब्लास्ट के कारण बुरी तरह ज़ख्मी है, ऊपर से उसने मर-मर कर रही सही जान भी निकाल दी. मैं अपनी मर्जी से हाथ की उंगलियाँ भी नहीं हिला पा रहा हूँ, क्या बेहतर और अलग कर पऊंगा.”
“मेरा भी यही हाल है दोस्त वरना तो क्या वो मेरी जेब से मोबाइल निकाल कर ले जाता. लेकिन मैं उतुंगा जरूर तू देखना. साइको के हातो मौत मुझे मंजूर नहीं. मुझे यकीन है की कुछ तो बच्चा हुआ है मेरे अंदर अभी भी जीशके सहारे मैं उठ सकता हूँ.” रोहित ने उठने की पूरी कोशिश की पर उठ नहीं पाया.
साइको पूजा को वहां ले आया. एक हाथ से उसने पूजा को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ में कुल्हाड़ी थाम रखी थी उसने. रोहित को उठने की कोशिश करते देख साइको ने कहा, “बहुत खूब मिस्टर पांडे. अभी भी बहुत जान बाकी है तुम में. मेरा बॉम्ब ज्यादा कामयाब नहीं रहा लगता है. चलो कोई बात नहीं. दूसरा बॉम्ब हाज़िर है. मुझे यकीन है की पूजा नाम का ये आइटम बॉम्ब जरूर काम करेगा. क्यों पूजा डार्लिंग सही कहा ना मैंने. चल जा पहले अपने यार से मिल जाकर, देख तो ले वो जींदा है या मर गया. बिलकुल परवाह नहीं करती तुम अपने आशिक की. मेरे कहने से पहले ही मोहित से चिपक जाना चाहिए था तुम्हें.” साइको ने पूजा को मोहित के ऊपर ढकैयल दिया.
“मोहित…तुम ठीक तो हो” पूजा ने रोते हुए पूछा.
“कुछ मत पूछो…कॉलेज से कैसे उठा लिया इसने तुम्हें पूजा.”
“कॉलेज से नहीं उठाया इसने मुझे. मैं कॉलेज से जल्दी निकल गयी थी.”
“क्यों”
“तुम्हारे लिए कुछ खरीदना था. एक पेंट शर्ट गिफ्ट देना चाहती थी तुम्हें. शॉपिंग करके कॉलेज वापिस आ ही रही थी की इसने मुझे किडनॅप कर लिया.” पूजा ने सुबकते हुए कहा.
“बस मुलाकात का वक्त समाप्त हुआ. अब गेम खेलने का वक्त आ गया है. गेम बहुत ही ज्यादा सिंपल है तुम दोनों प्रेमियों के लिए. आओ पूजा ये कुल्हाड़ी लो और इसे कमीने रोहित पांडे की गर्दन काट दो इसे कुल्हाड़ी से. सिर्फ़ 5 मिनट का वक्त है तुम्हारे पास ये काम करने का. ये काम नहीं किया तो ये बंदूक देख रही हो….तुम्हारे आशिक का भेजा उड़ा दूँगा मैं…हहेहेहहे…लेट्स स्टार्ट.” साइको ने कहा.
“नहीं प्लीज़ मैं ये नहीं कर सकती.” पूजा गिड़गिड़ाई.
“ठीक है फिर मैं इसे कुल्हाड़ी से मोहित की गर्दन काट देता हूँ. देखा मोहित कितनी दगाबाज़ निकली ये लड़की. इसे लड़की के जरूर रोहित के साथ नज़ायज़ संबंध हैं नहीं तो ये ऐसा कभी ना कहती. ये साली रोहित से चुत मरवाती है तेरी पीठ पीछे और प्यार का नाटक तेरे साथ करती है.” साइको ने कहा.
“बकवास बंद कर साले.” मोहित चिल्लाया.
“चल पूजा दूसरी गेम खेलते हैं. रोहित की ज़िप खोल कर इसका लंड निकाल बाहर और उसे अपने मुंह में लेकर प्यारी सी ब्लो जॉब दे. दर्द से राहत मिलेगी बेचारे को. मोहित को पता चलना चाहिए की तू कितनी स्किल्लफूल्ल है लंड चूसने में. लंड को खूब चिकना करके बाद में चुत में लेकर भी दीखाना अपने आशिक को. मोहित के सामने ही चुत मरवा अपनी आज तू… कब तक च्छूपति रहेगी ये राज हहेहेहहे.”
“चुत उप यू बस्टर्ड. तुम इंसान नहीं हैवान हो.” पूजा चिल्लाई.
“ओह रियली.” साइको ने बाल पकड़ कर पूजा को मोहित से अलग किया और बोला, “अब तेरी आंखों के सामने तेरे आशिक के टुकड़े-टुकड़े करूँगा मैं. कितनी बेशरम है तू अपने आशिक के लिए ये छोटा सा काम भी नहीं कर सकती. धिक्कार है ऐसे प्यार पर. छी छी…”
साइको ने पूजा को एक तरफ ढकैयल दिया और मोहित की गर्दन पर कुल्हाड़ी रख दी, “मिस्टर मोहित कैसा लग रहा है तुम्हें. देखा धोका दे दिया तुम्हारी प्रेमिका ने तुम्हें. ये औरत जात बड़ी धोकेबाज होती है. इन पर विश्वास करना ठीक नहीं. अगले जन्म में ये बात याद रखना. वैसे इतनी भयानक मौत दूँगा तुम्हें मैं की तुम शायद ही अगले जन्म की कामना करो हहेहेहहे. गुड बायें मिस्टर मोहित…..” साइको ने कुल्हाड़ी वार करने के लिए ऊपर उठा ली.
“रुको…” पूजा चिल्लाई.
“क्यों रुकु… हिहिहीही. गेम खेलोगी तो ही रुकुंगा.”
“हाँ मैं खेलूँगी.” पूजा ने सुबकते हुए कहा.
“कोन सी गेम खेलोगी जान से मारने वाली या चुत मारने वाली हिहिहीही.”
“मुझे थोड़ा वक्त दो सोचने के लिए….”
“एक सेकेंड है तुम्हारे पास डिसाइड करने के लिए. जल्दी बोलो वरना गर्दन धड़ से अलग हो जाएगी.”
“पूजा भाग जाओ यहां से. ऋण.” मोहित चिल्लाया.
“तुझे बीच में बोलने को किशणे कहा. गेम के बीच में डिस्टर्बेन्स पसंद नहीं मुझे. और ये नंगी कहा भागेगी बेचारी. लोग सड़क पर घर कर गान्ड मर लेंगे इसे कुतिया की.” साइको ने मोहित के मुंह पर लात मर कर कहा.
“उसे मत मारो प्लीज़…” पूजा गिड़गिड़ाई.
“तन डिसाइड फास्ट यू बिच.”
“ओके ई गो फॉर सेकेंड वन.” पूजा ने कहा.
“पता था मुझे तू वही चुनेगी. जो काम चुप चुप कर करती हो वो खुले आम करने में क्या दिक्कत है. तू सच में रंडी है. चल अब शुरू हो जा. वरना मेरा दिमाग घूम गया तो एक मिनट में 100 टुकड़े कर दूँगा तेरे आशिक के.”
पूजा झीजकते हुए रोहित की तरफ बढ़ी और उसके पास बैठ गयी.
“पूजा मुझे मर देती तो ज्यादा अतचा था. ये तो मौत से भी ज्यादा भयानक सजा हो जाएगी मेरे लिए. तुमसे कभी मिला नहीं पर मोहित अक्सर तुम्हारे बारे में बताता रहता था. तुम्हें छोटी बहन की तरह मानता हूँ मैं. प्लीज़ ऐसा अनर्थ मत करना.” रोहित ने कहा.
“वाह क्या नाटक है. पूजा जल्दी खेल शुरू करो क्योंकि मेरे सब्र का बाँध टूट गया तो पछताॉगी तुम.” साइको चिल्लाया.
पूजा उठी और मोहित के ऊपर लेट गयी. “मुझे नहीं खेलना कुछ भी. दो वॉटेवर यू कॅन.” पूजा ने कहा.
“ये हुई ना बात. मुझे यकीन था की मेरी पूजा इतनी कमजोर नहीं हो सकती. चल भी नपुंश्क कर जो करना है तुझे.” मोहित ने कहा.
साइको का चेहरा गुस्से से लाल हो गया ये सुन कर. उसने पूजा के बाल पकड़ कर मोहित के ऊपर से खींचा और ज़मीन पर पटक दिया. फिर उसके पेट में इतनी लात मारी उसने की बेहोश हो गयी पूजा.
“साली रंडी…मेरी गेम खराब कर दी हरांज़ड़ी ने.”
“छोड दे उसे कमीने.” मोहित चिल्लाया.
“बस अब कोई गेम नहीं होगी. तुरंत तुम लोगों के टुकड़े टुकड़े करके तुम्हें जहन्नुम पहुँचा दूँगा. मिस्टर रोहित पांडे से शुरू करता हूँ.” साइको ने रोहित की गर्दन काटने के लिए कुल्हाड़ी ऊपर उठा ली.
“जहां हो वही रुक जाओ वरना गोली सर के आर-पार हो जाएगी तुम्हारे.” शालिनी साइको से कोई 10 कदम दूर थी और उसने उसके सर को निशाना बना रखा था. उसके साथ मिनी भी बंदूक ताने खड़ी थी.
“ओह आस्प साहिबा. आप भी हैं यहां. बहुत खूब. अब और मजा आएगा.” साइको ने कहा.
“ये कुल्हाड़ी एक तरफ गिरा दो और हाथ ऊपर करो अपने.” शालिनी ने कहा.
साइको ने कुल्हाड़ी ज़मीन पर गिरा दी लेकिन बहुत फुर्ती से उसने अपनी जेब से पिस्तौल निकाल और शालिनी की तरफ फायर किया. शालिनी के हाथ से बंदूक गिर गयी क्योंकि गोली शालिनी के उसी हाथ में लगी थी जीशमे बंदूक थी. मिनी ने तुरंत फायर किया साइको पर. गोली छाती पर लगी उसके पर वो मुश्कूराता हुआ आगे बढ़ता रहा.
“सर में गोली मारो मिनी… आहह” शालिनी ने दर्द से कराहते हुए कहा. उसके हाथ से खून बह रहा था.
“अपनी बंदूक नीचे फेंक दो वरना आस्प साहिबा की खोपड़ी मेरे निशाने पर है.”
“मेरी चिंता मत करो….चुत थे बस्टर्ड.” शालिनी ने कहा.
मगर अगले ही पल मिनी के हाथ से भी बंदूक गिर गयी. उसके हाथ से भी खून बहने लगा.
“मेरा निशाना कभी नहीं चुकता. तुम्हारा भेजा भी उड़ा सकता था. मगर जब तुम दोनों हिम्मत करके यहां तक आए हो तो तुम्हारी मौत कुछ खास होनी चाहिए.
स्प शालिनी के पास आया और उसने उसके ऊपर लात बरसानी शुरू कर दी. “साली बड़ी बेशरम है तू. खाई से गिरकर भी बच गयी.”
“कुत्ते दूर हाथ जा उनसे नहीं तो.” रोहित चिल्लाया.
“अरे मर इसे कुतिया को रहा हूँ और चिल्ला ये कुत्ता रहा है. कुछ कनेक्षन लगता है. इंट्रेस्टिंग सिचुयेशन. कुतिया जल्दी बता क्यों चिल्ला रहा है ये तेरे लिए. तुम लोग ड्यूटी करते थे या इश्क फरमाते थे. तभी कहूँ मुझे पकड़ क्यों नहीं पाए हिहिहीही. खूब समझता था तुझे कुछ करो…कुछ करो. पर तू तो शायद रोहित का लंड लेकर पड़ी रहती होगी बिस्तर पर. मुझे पकड़ने का टाइम ही नहीं होगा तुम्हारे पास.”
“ऐसी बेहूदा बातें मत कर कमीने. आअहह…” रोहित बोलते बोलते दर्द से कराह उठा.
……………………………….
पद्मिनी बहुत देर हो गयी है मैडम को गये. उन्होंने भी कोई फोन नहीं किया.
“तो फोन करो ना उन्हें. पूछो की क्या बात है.” पद्मिनी ने कहा.
“हाँ मैं डर रहा था की कही दाँत ना पड़ जाए.” राजू ने कहा.
“लाओ फिर मैं बात करती हूँ.” पद्मिनी ने फोन ले लिया राजू से.
“क्या हुआ….उठाया क्या उन्होंने फोन.”
“नहीं बस रिंग जा रही है.”
“पद्मिनी अब तो मुझे जाना ही होगा. लगता है सब लोग मुसीबत में हैं.” राजू ने कहा.
“हाँ जाना भी चाहिए. मगर तुम्हें अकेले नहीं जाने दूँगी मैं.”
“पद्मिनी वहां खतरा है…तुम्हें कुछ हो गया तो मैं मर जाऊंगा.” राजू ने पद्मिनी के चेहरे पर हाथ रख कर कहा.
“मेरी भी तो यही क्न्सर्न है. तुम्हें कुछ हो गया तो मैं भी नहीं जी पवँगी. मुझे खुद से दूर मत करो. हमें हर चीज़ का सामना एक साथ करना चाहिए.”
“ओह पद्मिनी…तुम्हारे लिए बहुत पोज़ेसिव हूँ ना इसलिए डरता हूँ इतना. पता नहीं क्या हो रहा है वहां. लेकिन मुझे ना जाने क्यों किसी अनहोनी का अंदेसा हो रहा है.”
“मुझे भी यही अंदेसा है. वरना कोई तो फोन करता हमें. हमें देर नहीं करनी चाहिए राजू चलो जल्दी.”
“हाँ चलो. थाम लो बंदूक हाथ में. और घबराना मत बिलकुल भी.”
“अपनी चिंता नहीं है मुझे. बस तुम्हारी चिंता है. जबसे तुमसे प्यार हुआ है अपनी चिंता छोड दी मैंने.”
“सो क्यूट…लेकिन जब बिस्तर पर होगी ना मेरे साथ तो अपनी चिंता करनी पड़ेगी तुम्हें. किसी भी हद तक जा सकता हूँ मैं…..हिहिहीही.”
“अफ….चलें अब”
“मेरे ख्याल से झाड़ियों के रास्ते जाना ही ठीक रहेगा.” राजू ने कहा.
“हाँ यही ठीक रहेगा.” पद्मिनी ने सहमति जताई.
साइको बड़ी बहरहमी से पीठ रहा था शालिनी को. बीच बीच में एक-दो लात मिनी को भी मर रहा था. साइको अचानक मारता-मारता रुक गया.
“वो दर्द दूँगा तुझे मैं आज की दुबारा जन्म नहीं लेगी इसे धरती पर. मुझे बिलकुल बर्दाश्त नहीं की मेरी आर्ट का कोई हिस्सा जींदा घूमता फायर. खाई से जींदा बच गयी तू साली लेकिन आज नहीं बचेगी” साइको बोल कर वहां से चला गया. उसने शालिनी और मिनी की बंदूक और मोबाइल भी अपने कब्जे में ले लिए.
एक मिनट बाद वो वापिस आया तो उसके हाथ में एक बेसबॉल बात था जिसके ऊपर बार्ब वाइयर लिपटी हुई थी.
रोहित ने साइको के हाथ में बेसबॉल बात देखा तो रूह काँप उठी उसकी. “ओह नो. कुछ करना होगा मुझे. मैं मैडम को कुछ नहीं होने दूँगा.”
रोहित के हाथ पाँव ब्लास्ट की वजह से और उसके बाद की साइको की मर की वजह से बुरी तरह ज़ख्मी थे. खड़ा होना मुश्किल था उसके लिए. उसने बड़ी मुश्किल से डाई तरफ करवट ली और पेट के बाल लेट कर खुद को ज़मीन पर घसीट-था हुआ शालिनी के पास आ गया.
“इसलिए मना कर रहा था आपको. लेकिन आप मेरी बात शुंती ही कहा हैं. आपके शरीर पर जो चोट लगेगी उसका दर्द भी मुझे ही होगा. बल्कि ये दर्द ज्यादा दुखदायी होगा मेरे लिए. काश आप मेरा प्यार समझ पति.” रोहित ने भावुक आवाज़ में कहा.
“रोहित कैसे हुआ ये सब.” शालिनी की आवाज़ में बहुत दर्द था.
“बॉम्ब लगा रखा था कमीने ने कमरे में. मैं और मोहित ब्लास्ट की चपेट में आ गये. हाथ पाँव बुरी तरह घायल हैं.”
“हे भगवान. पूरा प्लान फैल हो गया मतलब.”
“हाँ इसे आंटिडोट पहले ही मिल गयी थी. ये बस हमें फँसाने के लिए नाटक कर रहा था.”
“वाह क्या बात है. बहुत गरमा गरम चक्कर लगता है तुम दोनों का. प्यारी प्यारी बातें हो रही हैं शायद. काम के वक्त बातें बिलकुल पसंद नहीं मुझे. मिस्टर पांडे अतचा हुआ जो की तुम यहां आ गये. अब नज़दीक से देखना की कैसे खाल उधेड़ता हूँ मैं आस्प साहिबा की.” साइको ने बेसबॉल बात हवा में ऊपर उठाया वार करने के लिए.
“रुको…” रोहित चिल्लाया और कराहते हुए अपने शरीर को घसीट-ते हुए शालिनी के ऊपर आ गया.
“वाह क्या बात है. ये प्यार बड़ी कुट्टी चीज़ है. पांडे जी आस्प साहिबा की सजा खुद भुगतना चाहते हैं. ग्रेट. मुझे कोई दिक्कत नहीं है. देखता हूँ कब तक रहोगे इसे बात और शालिनी के बीच हहेहहे.”
“रोहित ये क्या कर रहे हो… हाथ जाओ तुम.” शालिनी ने रोहित को धक्का देने की कोशिश की.
“प्लीज़ मेरा हक़ मुझसे मत चीनो. बहुत प्यार करता हूँ मैं आपसे. मेरे जीते जी आपको कुछ हो गया तो मेरा जीना बेकार है. आअहह.” अगले ही पल छींख गूँज गयी रोहित की चारों तरफ.
बार्ब वाइयर से लिपटा बेसबॉल बात रोहित की पीठ पर बहुत ज़ोर से मारा था साइको ने.
“रोहित प्लीज़ हाथ जाओ तुम मेरे ऊपर से. तुम ऑलरेडी बहुत ज़ख्मी हो.” शालिनी ने कहा.
“नहीं ये दर्द मैं तो सह लूँगा पर आपको मिला तो मर जाऊंगा. और तो कुछ बस में नहीं है मेरे इसे वक्त. इतना तो कर ही सकता हूँ अपने प्यार के लिए.” रोहित ने कहा.
“इतना प्यार क्यों करते हो मुझे तुम.” शालिनी ने पूछा.
तभी एक और वार हुआ रोहित की पीठ पर. “आआअहह…प्यार बस हो गया आपसे…. क्यों करता हूँ नहीं जानता.”
फार्म हाउस की दीवार से राजू और पद्मिनी ने जब अंदर झाँक कर देखा तो उनकी रूह काँप उठी.
“राजू चुत हिं.” पद्मिनी ने धीरे से कहा
“श चुप रहो…ऐसे बिना सोचे समझे कुछ नहीं करना है. देखो अगर मेरा निशाना चूक गया तो वो बोखलाहट में सभी को गोलियों से भून सकता है. उसका निशाना बहुत तेज है. इतनी दूर से मैं फायर तो कर सकता हूँ पर ये शुरेटी नहीं दे सकता की गोली उसे ही लगेगी. और ज़रा सी चूक सबकी जान जोखिम में डाल सकती है. अभी वो टॉर्चर कर रहा है सभी को. और उसे गोली लग भी गयी तो हमारा मकसद अधूरा रही जाएगा. इसे तड़पा-तड़पा कर मारना है पद्मिनी.” राजू ने कहा.
“हाँ इसी चक्कर में ये सब उसके चंगुल में फँस गये हैं. तुम समझते क्यों नहीं. चुत हिं इन थे हेड और फिनिश हिं फॉर गुड.”
“हाँ वो सब तो ठीक है पर मैं ये कह रहा हूँ की अगर निशाना चूक गया तो क्या होगा. शीने पर गोली मारने का भी कोई फायदा नहीं क्योंकि बुलेटप्रूफ जॅकेट पहन रखी होगी इसने.”
“तो क्या हम चुपचाप यहां खड़े तमाशा देखते रहें.”
तभी उन्हें साइको के चिल्लाने की आवाज़ सुनाई दी, “मिस्टर रोहित अब अगला वार तुम्हारे सर पर होगा. मुझे यकीन है की तुम्हारी खोपड़ी फॅट जाएगी इसे वार से और तुम तुरंत जहन्नुम चले जाओगे. बचना चाहते हो तो हाथ जाओ इसे कुतिया के ऊपर से.”
“कर जो करना है. मैं हटने वाला नहीं हूँ यू बस्टर्ड.” रोहित चिल्लाया.
“रोहित प्लीज़ तुम हाथ जाओ. सर पर वार तुम्हारी जान ले लेगा. नहीं देख पवँगी मैं ये. प्लीज़. लेट में फेस इट.” शालिनी ने बहुत कोशिश की पर रोहित नहीं हटा उसके ऊपर से.
“गुड बायें मिस्टर पांडे…गो तो हेल.” साइको चिल्लाया.
राजू ने अब रुकना ठीक नहीं समझा. उसने साइको के सर पर निशाना लगाया और तुरंत फायर कर दिया. गोली साइको के कान को छू कर निकल गयी.
गोली चला कर राजू और पद्मिनी तुरंत नीचे बैठ गये. “ओह गोद वो बच गया…” राजू ने कहा.
“आअहह…कोन है मादरचोड़ वहां. सामने आओ जल्दी वरना इन दोनों को गोलियों से भून दूँगा.” साइको चिल्लाया. उसके कान से खून बह रहा था.
“जिस बात का डर था वही हुआ. अब क्या करे.” राजू ने कहा.
“मैं जाती हूँ दीवार कूद कर. तुम तब तक कुछ सोचो.” पद्मिनी ने कहा.
“नहीं तुम कही नहीं जाओगी.” राजू ने पद्मिनी का हाथ थाम लिया.
“राजू वो गोली मर देगा उनको. हमें कुछ तो करना होगा ना.”
“तुम यही रुको मैं जा रहा हूँ. तुम वहां गयी तो मैं कुछ नहीं कर पऊंगा.”
“नहीं तुम यहां रुकोगे तो कुछ उम्मीद रहेगी. मैं यहां रुक कर क्या करूँगी.”
“तुम्हें मेरे सर की कसम. प्लीज़ मुझे जाने दो. और अपनी बंदूक मुझे दे दो. एक बंदूक हाथ में रखूँगा और एक छुपा कर रखूँगा.”
“ये गलत बात है. कसम देना चीटिंग मना जाता है.” पद्मिनी ने कहा
“मैं 10 तक गिनूंगा जल्दी सामने आओ वरना सभी को गोली मर दूँगा मैं.” साइको चिल्लाया.
“पद्मिनी एक किस दे दो जाते-जाते. पता नहीं बाद में मौका लगे या ना लगे.” राजू ने पद्मिनी के चेहरे पर हाथ रख कर कहा.
“चुत उप… ऐसा मत बोलो. मुझे अपने अंग-अंग पर तुम्हारे होठों की चुवन महसूस करनी है…तुम्हें बस एक किस की पड़ी है. तुम्हें कुछ नहीं होगा…..जाओ” पद्मिनी ने कहा.
“सोच लो. मैं जानवर बन सकता हूँ तुम्हारे साथ.”
“देखा जाएगा.”
“ई लव यू पद्मिनी…तुम यही रुकना. चाहे कुछ हो जाए…यहां से हिलना मत.” राजू ने कहा.
“5…6….7…8….9…” साइको गिनती गिन रहा था.
“आबे आ रहा हूँ क्यों चूतिया की तरह गिनती गिन रहे हो. कॉलेज में नहीं सीखी थी क्या ये गिनती. पता नहीं कैसे-कैसे चूतिया हैं दुनिया में.” राजू ने दीवार फाँदते हुए कहा.
वैसे तो चाँदनी रात एक खूबसूरत रात होती है और ऐसी चाँदनी रात में बहुत सुंदर फंसाने बने हुए हैं. लेकिन ये चाँदनी रात बहुत भयानक रूप ले रही थी. फार्म हाउस पर जो कुछ भी हो रहा था उसके कारण ये चाँदनी रात अमावस्या की रात में बदल गयी थी.
जब राजू फार्म हाउस की दीवार कूद रहा था तब पद्मिनी यही ड्यूवा कर रही थी की उसकी उमर राजू को लग जाए और उस पर आने वाली अनहोनी उस पर आ जाए. प्यार में इंसान खुद को भूल कर सिर्फ़ उसे याद रखता है जिसे वो बहुत प्यार करता है. रोहित अपनी परवाह किए बिना शालिनी के ऊपर पड़ा था क्योंकि उसे मर खाते नहीं देख सकता था. खुद को भुला देना आसान नहीं होता. बारे-बारे साधु महात्मा भी नहीं कर पाते हैं ये काम. लेकिन प्यार में डूबे प्रेमी बड़ी आसानी से कर लेते हैं. तभी शायद प्यार सबसे बड़ी साधना है और परमात्मा को पाने का सबसे सच्चा और पवित्र रास्ता है. प्रेम-साधना में, साधना ने भी कुछ ऐसा ही रास्ता दिखाया था हमें.
“मैं अपने प्यार को कुछ नहीं होने दूँगी चाहे मुझे अपनी जान ही क्यों ना देनी पड़े. लेकिन मैं क्या करूँ भगवान कुछ समझ नहीं आ रहा. क्या मैं यही बैठी रहूं. कुछ तो करना होगा मुझे.मुझे रास्ता दीखाओ भगवान…रास्ता दीखाओ मुझे.” पद्मिनी ने आंखें बंद करके प्रेयर की.
मुश्किल वक्त में इंसान सबसे पहले भगवान को याद करता है. पद्मिनी भी वही कर रही थी. कुछ सोच कर पद्मिनी उठी और दीवार के साथ झुक कर उस जगह से आगे तरफ गयी. उसने कुछ करने की ठान ली थी.
राजू फार्म हाउस में कूद कर दीवार के साथ ही खड़ा रहा.
“क्या कहा तुमने मुझे…चूतिया…हां…ये बंदूक वही गिरा कर चुपचाप यहां आजा. मैं तुझे बताता हूँ की चूतिया किसे कहते हैं.” साइको कठोर शब्दों में कहा.
“ओके फाइन… ये लो गिरा दी बंदूक मैंने. और मुझे पता है चूतिया किसे कहते हैं. तुझसे बड़ा चूतिया मिलेगा क्या कही. बिना मतलब लोगों को मारता फिरता है. तुझे मिलता क्या है ये सब करके?”
“एक आर्टिस्ट को जो मिलता है…वही मुझे मिलता है. मैं लोगों को खास तरीके से मारता हूँ. एक खूबसूरत मौत देता हूँ उन्हें. आज मेरी जींदगी का सबसे बड़ा दिन है. आज एक साथ इतने लोगों को मारने का मौका मिल रहा है. तुम नहीं समझ सकते की क्या मजा है इसे आर्ट में. ये सिर्फ़ मैं ही जानता हूँ. चुपचाप यहां आओ तुम्हारी खातिरदारी करता हूँ. तुम्हारे हर सवाल का जवाब मिलेगा तुम्हें…हिहिहीही.”
राजू बिना कुछ कहे चुपचाप साइको के करीब आ गया.
“बहुत दिन से मैंने किसी की खोपड़ी नहीं उड़ाई अपनी बंदूक से. सोचता हूँ आज ये कमी पूरी कर दी जाए. मेरे सर पर निशाना लगाया था तूने हां. मेरे कान को ज़ख्मी कर दिया तूने. तुम्हारा निशाना तो चूक गया पर मेरा नहीं चूकेगा. उड़ती चिड़िया को गिरा सकता हूँ मैं ज़मीन पर गोली मर कर. तो सोचो तुम्हारी खोपड़ी कैसे बचेगी…हिहिहिहीही.”
ये सुन कर एक पल को राजू के होश उड़ गये. “इसे से पहले ये मेरी खोपड़ी उड़ाए मुझे इसकी उड़ा देनी चाहिए.” राजू ने फुर्ती से गुण निकाली पीठ के पीछे से. लेकिन फायर नहीं कर पाया क्योंकि बंदूक उसके हाथ से चुत चुकी थी.
“हाहहहाहा…अब बताओ कोन है चूतिया. मेरे सामने कोई बंदूक लेकर खड़ा नहीं हो सकता. कोई डाउट हो तो अपनी आस्प साहिबा से पूछ लो. या फिर इसे रिपोर्टर से पूछ लो. कोई और बंदूक हो तो वो भी निकाल कर ट्राइ कर लो.”
“होती तो ट्राइ जरूर करता” राजू ने कहा.
साइको ने राजू के हाथ से छुट्टी बंदूक उठा ली और उसमें से गोलियां निकाल कर उसे दूर फेंक दिया.
“बहुत खूब…तुम्हारे साथ गेम खेलने में मजा आएगा. तुम्हारी खोपड़ी उड़ाने के लिए तड़प रहा हूँ मैं. तुरंत तुम्हें गोली मारने का मान कर रहा है. लेकिन तुम एक काम करोगे तो मैं ये तड़प भूल जाऊंगा और तुम्हें यहां से जाने दूँगा. ये देखो तुम्हारे सामने आस्प साहिबा पड़ी हैं. इनके ऊपर मिस्टर रोहित पांडे पड़ें हैं. हद है ना बेशर्मी की. इन दोनों की इन्हीं हरकतों की वजह से शहर में क्राइम तरफ रहा है. ये तो मैंने मिस्टर पांडे को किसी लायक छोडा नहीं है वरना तो ये अभी हमारे सामने ही चुत मर रहा होता आस्प साहिबा की.” साइको ने कहा.
“चुत उप यू बस्टर्ड. शर्म आनी चाहिए तुम्हें ऐसा बोलते हुए.” बहुत ज्यादा दर्द था शालिनी की आवाज़ में. इतना दर्द की राजू की आंखें भी नाम हो गयी उसकी आवाज़ सुन कर.
“अगर तुम जींदा रहना चाहते हो तो तुम्हें इन दोनों बेशार्मो को मारना होगा. ये बेसबॉल बात लो और मर डालो इन दोनों को. जितना ज्यादा खून बहेगा उतना अतचा रहेगा. मुझे यकीन है अपनी खोपड़ी बचाने के लिए तुम इतना तो कर ही सकते हो. बहुत मजा आएगा चलो शुरू हो जाओ.”
साइको ने बेसबॉल बात राजू की तरफ फेंका और बोला, “उठाओ इसे और जल्दी शुरू हो जाओ. सिर्फ़ 10 मिनट का टाइम है तुम्हारे पास इन दोनों को मारने का. नहीं मर पाए इन दोनों को तो तुम्हारी खोपड़ी में अपनी बंदूक की सारी की सारी गोलियां उतार दूँगा.और हाँ अब कोई चालाकी मत करना…हर वक्त तुम्हारी खोपड़ी मेरे निशाने पर है हिहिहिहीही.”
राजू अजीब असमंजस में पड़ गया. उसे मारना मंजूर नहीं था. ना ही वो शालिनी और रोहित को मर सकता था. वो बात उठाने के लिए नीचे झुका.
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 56
“मोहित…तू ठीक तो है ना” रोहित ने कहा.
“यार हाथ पाँव काम नहीं कर रहे. अब वो पूजा को ला रहा है. मेरी आंखों के सामने कोई घिनोनी गेम खेलगा वो और मैं कुछ भी नहीं कर पऊंगा.” मोहित ने कहा.
“ऐसा मत सोचो मोहित. जब हम सोचते हैं की हम कुछ नहीं कर पाएँगे, वही से एक नयी संभावना तैयार होती है कुछ अलग और बेहतर करने की.”
“मेरा शरीर बॉम्ब ब्लास्ट के कारण बुरी तरह ज़ख्मी है, ऊपर से उसने मर-मर कर रही सही जान भी निकाल दी. मैं अपनी मर्जी से हाथ की उंगलियाँ भी नहीं हिला पा रहा हूँ, क्या बेहतर और अलग कर पऊंगा.”
“मेरा भी यही हाल है दोस्त वरना तो क्या वो मेरी जेब से मोबाइल निकाल कर ले जाता. लेकिन मैं उतुंगा जरूर तू देखना. साइको के हातो मौत मुझे मंजूर नहीं. मुझे यकीन है की कुछ तो बच्चा हुआ है मेरे अंदर अभी भी जीशके सहारे मैं उठ सकता हूँ.” रोहित ने उठने की पूरी कोशिश की पर उठ नहीं पाया.
साइको पूजा को वहां ले आया. एक हाथ से उसने पूजा को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ में कुल्हाड़ी थाम रखी थी उसने. रोहित को उठने की कोशिश करते देख साइको ने कहा, “बहुत खूब मिस्टर पांडे. अभी भी बहुत जान बाकी है तुम में. मेरा बॉम्ब ज्यादा कामयाब नहीं रहा लगता है. चलो कोई बात नहीं. दूसरा बॉम्ब हाज़िर है. मुझे यकीन है की पूजा नाम का ये आइटम बॉम्ब जरूर काम करेगा. क्यों पूजा डार्लिंग सही कहा ना मैंने. चल जा पहले अपने यार से मिल जाकर, देख तो ले वो जींदा है या मर गया. बिलकुल परवाह नहीं करती तुम अपने आशिक की. मेरे कहने से पहले ही मोहित से चिपक जाना चाहिए था तुम्हें.” साइको ने पूजा को मोहित के ऊपर ढकैयल दिया.
“मोहित…तुम ठीक तो हो” पूजा ने रोते हुए पूछा.
“कुछ मत पूछो…कॉलेज से कैसे उठा लिया इसने तुम्हें पूजा.”
“कॉलेज से नहीं उठाया इसने मुझे. मैं कॉलेज से जल्दी निकल गयी थी.”
“क्यों”
“तुम्हारे लिए कुछ खरीदना था. एक पेंट शर्ट गिफ्ट देना चाहती थी तुम्हें. शॉपिंग करके कॉलेज वापिस आ ही रही थी की इसने मुझे किडनॅप कर लिया.” पूजा ने सुबकते हुए कहा.
“बस मुलाकात का वक्त समाप्त हुआ. अब गेम खेलने का वक्त आ गया है. गेम बहुत ही ज्यादा सिंपल है तुम दोनों प्रेमियों के लिए. आओ पूजा ये कुल्हाड़ी लो और इसे कमीने रोहित पांडे की गर्दन काट दो इसे कुल्हाड़ी से. सिर्फ़ 5 मिनट का वक्त है तुम्हारे पास ये काम करने का. ये काम नहीं किया तो ये बंदूक देख रही हो….तुम्हारे आशिक का भेजा उड़ा दूँगा मैं…हहेहेहहे…लेट्स स्टार्ट.” साइको ने कहा.
“नहीं प्लीज़ मैं ये नहीं कर सकती.” पूजा गिड़गिड़ाई.
“ठीक है फिर मैं इसे कुल्हाड़ी से मोहित की गर्दन काट देता हूँ. देखा मोहित कितनी दगाबाज़ निकली ये लड़की. इसे लड़की के जरूर रोहित के साथ नज़ायज़ संबंध हैं नहीं तो ये ऐसा कभी ना कहती. ये साली रोहित से चुत मरवाती है तेरी पीठ पीछे और प्यार का नाटक तेरे साथ करती है.” साइको ने कहा.
“बकवास बंद कर साले.” मोहित चिल्लाया.
“चल पूजा दूसरी गेम खेलते हैं. रोहित की ज़िप खोल कर इसका लंड निकाल बाहर और उसे अपने मुंह में लेकर प्यारी सी ब्लो जॉब दे. दर्द से राहत मिलेगी बेचारे को. मोहित को पता चलना चाहिए की तू कितनी स्किल्लफूल्ल है लंड चूसने में. लंड को खूब चिकना करके बाद में चुत में लेकर भी दीखाना अपने आशिक को. मोहित के सामने ही चुत मरवा अपनी आज तू… कब तक च्छूपति रहेगी ये राज हहेहेहहे.”
“चुत उप यू बस्टर्ड. तुम इंसान नहीं हैवान हो.” पूजा चिल्लाई.
“ओह रियली.” साइको ने बाल पकड़ कर पूजा को मोहित से अलग किया और बोला, “अब तेरी आंखों के सामने तेरे आशिक के टुकड़े-टुकड़े करूँगा मैं. कितनी बेशरम है तू अपने आशिक के लिए ये छोटा सा काम भी नहीं कर सकती. धिक्कार है ऐसे प्यार पर. छी छी…”
साइको ने पूजा को एक तरफ ढकैयल दिया और मोहित की गर्दन पर कुल्हाड़ी रख दी, “मिस्टर मोहित कैसा लग रहा है तुम्हें. देखा धोका दे दिया तुम्हारी प्रेमिका ने तुम्हें. ये औरत जात बड़ी धोकेबाज होती है. इन पर विश्वास करना ठीक नहीं. अगले जन्म में ये बात याद रखना. वैसे इतनी भयानक मौत दूँगा तुम्हें मैं की तुम शायद ही अगले जन्म की कामना करो हहेहेहहे. गुड बायें मिस्टर मोहित…..” साइको ने कुल्हाड़ी वार करने के लिए ऊपर उठा ली.
“रुको…” पूजा चिल्लाई.
“क्यों रुकु… हिहिहीही. गेम खेलोगी तो ही रुकुंगा.”
“हाँ मैं खेलूँगी.” पूजा ने सुबकते हुए कहा.
“कोन सी गेम खेलोगी जान से मारने वाली या चुत मारने वाली हिहिहीही.”
“मुझे थोड़ा वक्त दो सोचने के लिए….”
“एक सेकेंड है तुम्हारे पास डिसाइड करने के लिए. जल्दी बोलो वरना गर्दन धड़ से अलग हो जाएगी.”
“पूजा भाग जाओ यहां से. ऋण.” मोहित चिल्लाया.
“तुझे बीच में बोलने को किशणे कहा. गेम के बीच में डिस्टर्बेन्स पसंद नहीं मुझे. और ये नंगी कहा भागेगी बेचारी. लोग सड़क पर घर कर गान्ड मर लेंगे इसे कुतिया की.” साइको ने मोहित के मुंह पर लात मर कर कहा.
“उसे मत मारो प्लीज़…” पूजा गिड़गिड़ाई.
“तन डिसाइड फास्ट यू बिच.”
“ओके ई गो फॉर सेकेंड वन.” पूजा ने कहा.
“पता था मुझे तू वही चुनेगी. जो काम चुप चुप कर करती हो वो खुले आम करने में क्या दिक्कत है. तू सच में रंडी है. चल अब शुरू हो जा. वरना मेरा दिमाग घूम गया तो एक मिनट में 100 टुकड़े कर दूँगा तेरे आशिक के.”
पूजा झीजकते हुए रोहित की तरफ बढ़ी और उसके पास बैठ गयी.
“पूजा मुझे मर देती तो ज्यादा अतचा था. ये तो मौत से भी ज्यादा भयानक सजा हो जाएगी मेरे लिए. तुमसे कभी मिला नहीं पर मोहित अक्सर तुम्हारे बारे में बताता रहता था. तुम्हें छोटी बहन की तरह मानता हूँ मैं. प्लीज़ ऐसा अनर्थ मत करना.” रोहित ने कहा.
“वाह क्या नाटक है. पूजा जल्दी खेल शुरू करो क्योंकि मेरे सब्र का बाँध टूट गया तो पछताॉगी तुम.” साइको चिल्लाया.
पूजा उठी और मोहित के ऊपर लेट गयी. “मुझे नहीं खेलना कुछ भी. दो वॉटेवर यू कॅन.” पूजा ने कहा.
“ये हुई ना बात. मुझे यकीन था की मेरी पूजा इतनी कमजोर नहीं हो सकती. चल भी नपुंश्क कर जो करना है तुझे.” मोहित ने कहा.
साइको का चेहरा गुस्से से लाल हो गया ये सुन कर. उसने पूजा के बाल पकड़ कर मोहित के ऊपर से खींचा और ज़मीन पर पटक दिया. फिर उसके पेट में इतनी लात मारी उसने की बेहोश हो गयी पूजा.
“साली रंडी…मेरी गेम खराब कर दी हरांज़ड़ी ने.”
“छोड दे उसे कमीने.” मोहित चिल्लाया.
“बस अब कोई गेम नहीं होगी. तुरंत तुम लोगों के टुकड़े टुकड़े करके तुम्हें जहन्नुम पहुँचा दूँगा. मिस्टर रोहित पांडे से शुरू करता हूँ.” साइको ने रोहित की गर्दन काटने के लिए कुल्हाड़ी ऊपर उठा ली.
“जहां हो वही रुक जाओ वरना गोली सर के आर-पार हो जाएगी तुम्हारे.” शालिनी साइको से कोई 10 कदम दूर थी और उसने उसके सर को निशाना बना रखा था. उसके साथ मिनी भी बंदूक ताने खड़ी थी.
“ओह आस्प साहिबा. आप भी हैं यहां. बहुत खूब. अब और मजा आएगा.” साइको ने कहा.
“ये कुल्हाड़ी एक तरफ गिरा दो और हाथ ऊपर करो अपने.” शालिनी ने कहा.
साइको ने कुल्हाड़ी ज़मीन पर गिरा दी लेकिन बहुत फुर्ती से उसने अपनी जेब से पिस्तौल निकाल और शालिनी की तरफ फायर किया. शालिनी के हाथ से बंदूक गिर गयी क्योंकि गोली शालिनी के उसी हाथ में लगी थी जीशमे बंदूक थी. मिनी ने तुरंत फायर किया साइको पर. गोली छाती पर लगी उसके पर वो मुश्कूराता हुआ आगे बढ़ता रहा.
“सर में गोली मारो मिनी… आहह” शालिनी ने दर्द से कराहते हुए कहा. उसके हाथ से खून बह रहा था.
“अपनी बंदूक नीचे फेंक दो वरना आस्प साहिबा की खोपड़ी मेरे निशाने पर है.”
“मेरी चिंता मत करो….चुत थे बस्टर्ड.” शालिनी ने कहा.
मगर अगले ही पल मिनी के हाथ से भी बंदूक गिर गयी. उसके हाथ से भी खून बहने लगा.
“मेरा निशाना कभी नहीं चुकता. तुम्हारा भेजा भी उड़ा सकता था. मगर जब तुम दोनों हिम्मत करके यहां तक आए हो तो तुम्हारी मौत कुछ खास होनी चाहिए.
स्प शालिनी के पास आया और उसने उसके ऊपर लात बरसानी शुरू कर दी. “साली बड़ी बेशरम है तू. खाई से गिरकर भी बच गयी.”
“कुत्ते दूर हाथ जा उनसे नहीं तो.” रोहित चिल्लाया.
“अरे मर इसे कुतिया को रहा हूँ और चिल्ला ये कुत्ता रहा है. कुछ कनेक्षन लगता है. इंट्रेस्टिंग सिचुयेशन. कुतिया जल्दी बता क्यों चिल्ला रहा है ये तेरे लिए. तुम लोग ड्यूटी करते थे या इश्क फरमाते थे. तभी कहूँ मुझे पकड़ क्यों नहीं पाए हिहिहीही. खूब समझता था तुझे कुछ करो…कुछ करो. पर तू तो शायद रोहित का लंड लेकर पड़ी रहती होगी बिस्तर पर. मुझे पकड़ने का टाइम ही नहीं होगा तुम्हारे पास.”
“ऐसी बेहूदा बातें मत कर कमीने. आअहह…” रोहित बोलते बोलते दर्द से कराह उठा.
……………………………….
पद्मिनी बहुत देर हो गयी है मैडम को गये. उन्होंने भी कोई फोन नहीं किया.
“तो फोन करो ना उन्हें. पूछो की क्या बात है.” पद्मिनी ने कहा.
“हाँ मैं डर रहा था की कही दाँत ना पड़ जाए.” राजू ने कहा.
“लाओ फिर मैं बात करती हूँ.” पद्मिनी ने फोन ले लिया राजू से.
“क्या हुआ….उठाया क्या उन्होंने फोन.”
“नहीं बस रिंग जा रही है.”
“पद्मिनी अब तो मुझे जाना ही होगा. लगता है सब लोग मुसीबत में हैं.” राजू ने कहा.
“हाँ जाना भी चाहिए. मगर तुम्हें अकेले नहीं जाने दूँगी मैं.”
“पद्मिनी वहां खतरा है…तुम्हें कुछ हो गया तो मैं मर जाऊंगा.” राजू ने पद्मिनी के चेहरे पर हाथ रख कर कहा.
“मेरी भी तो यही क्न्सर्न है. तुम्हें कुछ हो गया तो मैं भी नहीं जी पवँगी. मुझे खुद से दूर मत करो. हमें हर चीज़ का सामना एक साथ करना चाहिए.”
“ओह पद्मिनी…तुम्हारे लिए बहुत पोज़ेसिव हूँ ना इसलिए डरता हूँ इतना. पता नहीं क्या हो रहा है वहां. लेकिन मुझे ना जाने क्यों किसी अनहोनी का अंदेसा हो रहा है.”
“मुझे भी यही अंदेसा है. वरना कोई तो फोन करता हमें. हमें देर नहीं करनी चाहिए राजू चलो जल्दी.”
“हाँ चलो. थाम लो बंदूक हाथ में. और घबराना मत बिलकुल भी.”
“अपनी चिंता नहीं है मुझे. बस तुम्हारी चिंता है. जबसे तुमसे प्यार हुआ है अपनी चिंता छोड दी मैंने.”
“सो क्यूट…लेकिन जब बिस्तर पर होगी ना मेरे साथ तो अपनी चिंता करनी पड़ेगी तुम्हें. किसी भी हद तक जा सकता हूँ मैं…..हिहिहीही.”
“अफ….चलें अब”
“मेरे ख्याल से झाड़ियों के रास्ते जाना ही ठीक रहेगा.” राजू ने कहा.
“हाँ यही ठीक रहेगा.” पद्मिनी ने सहमति जताई.
साइको बड़ी बहरहमी से पीठ रहा था शालिनी को. बीच बीच में एक-दो लात मिनी को भी मर रहा था. साइको अचानक मारता-मारता रुक गया.
“वो दर्द दूँगा तुझे मैं आज की दुबारा जन्म नहीं लेगी इसे धरती पर. मुझे बिलकुल बर्दाश्त नहीं की मेरी आर्ट का कोई हिस्सा जींदा घूमता फायर. खाई से जींदा बच गयी तू साली लेकिन आज नहीं बचेगी” साइको बोल कर वहां से चला गया. उसने शालिनी और मिनी की बंदूक और मोबाइल भी अपने कब्जे में ले लिए.
एक मिनट बाद वो वापिस आया तो उसके हाथ में एक बेसबॉल बात था जिसके ऊपर बार्ब वाइयर लिपटी हुई थी.
रोहित ने साइको के हाथ में बेसबॉल बात देखा तो रूह काँप उठी उसकी. “ओह नो. कुछ करना होगा मुझे. मैं मैडम को कुछ नहीं होने दूँगा.”
रोहित के हाथ पाँव ब्लास्ट की वजह से और उसके बाद की साइको की मर की वजह से बुरी तरह ज़ख्मी थे. खड़ा होना मुश्किल था उसके लिए. उसने बड़ी मुश्किल से डाई तरफ करवट ली और पेट के बाल लेट कर खुद को ज़मीन पर घसीट-था हुआ शालिनी के पास आ गया.
“इसलिए मना कर रहा था आपको. लेकिन आप मेरी बात शुंती ही कहा हैं. आपके शरीर पर जो चोट लगेगी उसका दर्द भी मुझे ही होगा. बल्कि ये दर्द ज्यादा दुखदायी होगा मेरे लिए. काश आप मेरा प्यार समझ पति.” रोहित ने भावुक आवाज़ में कहा.
“रोहित कैसे हुआ ये सब.” शालिनी की आवाज़ में बहुत दर्द था.
“बॉम्ब लगा रखा था कमीने ने कमरे में. मैं और मोहित ब्लास्ट की चपेट में आ गये. हाथ पाँव बुरी तरह घायल हैं.”
“हे भगवान. पूरा प्लान फैल हो गया मतलब.”
“हाँ इसे आंटिडोट पहले ही मिल गयी थी. ये बस हमें फँसाने के लिए नाटक कर रहा था.”
“वाह क्या बात है. बहुत गरमा गरम चक्कर लगता है तुम दोनों का. प्यारी प्यारी बातें हो रही हैं शायद. काम के वक्त बातें बिलकुल पसंद नहीं मुझे. मिस्टर पांडे अतचा हुआ जो की तुम यहां आ गये. अब नज़दीक से देखना की कैसे खाल उधेड़ता हूँ मैं आस्प साहिबा की.” साइको ने बेसबॉल बात हवा में ऊपर उठाया वार करने के लिए.
“रुको…” रोहित चिल्लाया और कराहते हुए अपने शरीर को घसीट-ते हुए शालिनी के ऊपर आ गया.
“वाह क्या बात है. ये प्यार बड़ी कुट्टी चीज़ है. पांडे जी आस्प साहिबा की सजा खुद भुगतना चाहते हैं. ग्रेट. मुझे कोई दिक्कत नहीं है. देखता हूँ कब तक रहोगे इसे बात और शालिनी के बीच हहेहहे.”
“रोहित ये क्या कर रहे हो… हाथ जाओ तुम.” शालिनी ने रोहित को धक्का देने की कोशिश की.
“प्लीज़ मेरा हक़ मुझसे मत चीनो. बहुत प्यार करता हूँ मैं आपसे. मेरे जीते जी आपको कुछ हो गया तो मेरा जीना बेकार है. आअहह.” अगले ही पल छींख गूँज गयी रोहित की चारों तरफ.
बार्ब वाइयर से लिपटा बेसबॉल बात रोहित की पीठ पर बहुत ज़ोर से मारा था साइको ने.
“रोहित प्लीज़ हाथ जाओ तुम मेरे ऊपर से. तुम ऑलरेडी बहुत ज़ख्मी हो.” शालिनी ने कहा.
“नहीं ये दर्द मैं तो सह लूँगा पर आपको मिला तो मर जाऊंगा. और तो कुछ बस में नहीं है मेरे इसे वक्त. इतना तो कर ही सकता हूँ अपने प्यार के लिए.” रोहित ने कहा.
“इतना प्यार क्यों करते हो मुझे तुम.” शालिनी ने पूछा.
तभी एक और वार हुआ रोहित की पीठ पर. “आआअहह…प्यार बस हो गया आपसे…. क्यों करता हूँ नहीं जानता.”
फार्म हाउस की दीवार से राजू और पद्मिनी ने जब अंदर झाँक कर देखा तो उनकी रूह काँप उठी.
“राजू चुत हिं.” पद्मिनी ने धीरे से कहा
“श चुप रहो…ऐसे बिना सोचे समझे कुछ नहीं करना है. देखो अगर मेरा निशाना चूक गया तो वो बोखलाहट में सभी को गोलियों से भून सकता है. उसका निशाना बहुत तेज है. इतनी दूर से मैं फायर तो कर सकता हूँ पर ये शुरेटी नहीं दे सकता की गोली उसे ही लगेगी. और ज़रा सी चूक सबकी जान जोखिम में डाल सकती है. अभी वो टॉर्चर कर रहा है सभी को. और उसे गोली लग भी गयी तो हमारा मकसद अधूरा रही जाएगा. इसे तड़पा-तड़पा कर मारना है पद्मिनी.” राजू ने कहा.
“हाँ इसी चक्कर में ये सब उसके चंगुल में फँस गये हैं. तुम समझते क्यों नहीं. चुत हिं इन थे हेड और फिनिश हिं फॉर गुड.”
“हाँ वो सब तो ठीक है पर मैं ये कह रहा हूँ की अगर निशाना चूक गया तो क्या होगा. शीने पर गोली मारने का भी कोई फायदा नहीं क्योंकि बुलेटप्रूफ जॅकेट पहन रखी होगी इसने.”
“तो क्या हम चुपचाप यहां खड़े तमाशा देखते रहें.”
तभी उन्हें साइको के चिल्लाने की आवाज़ सुनाई दी, “मिस्टर रोहित अब अगला वार तुम्हारे सर पर होगा. मुझे यकीन है की तुम्हारी खोपड़ी फॅट जाएगी इसे वार से और तुम तुरंत जहन्नुम चले जाओगे. बचना चाहते हो तो हाथ जाओ इसे कुतिया के ऊपर से.”
“कर जो करना है. मैं हटने वाला नहीं हूँ यू बस्टर्ड.” रोहित चिल्लाया.
“रोहित प्लीज़ तुम हाथ जाओ. सर पर वार तुम्हारी जान ले लेगा. नहीं देख पवँगी मैं ये. प्लीज़. लेट में फेस इट.” शालिनी ने बहुत कोशिश की पर रोहित नहीं हटा उसके ऊपर से.
“गुड बायें मिस्टर पांडे…गो तो हेल.” साइको चिल्लाया.
राजू ने अब रुकना ठीक नहीं समझा. उसने साइको के सर पर निशाना लगाया और तुरंत फायर कर दिया. गोली साइको के कान को छू कर निकल गयी.
गोली चला कर राजू और पद्मिनी तुरंत नीचे बैठ गये. “ओह गोद वो बच गया…” राजू ने कहा.
“आअहह…कोन है मादरचोड़ वहां. सामने आओ जल्दी वरना इन दोनों को गोलियों से भून दूँगा.” साइको चिल्लाया. उसके कान से खून बह रहा था.
“जिस बात का डर था वही हुआ. अब क्या करे.” राजू ने कहा.
“मैं जाती हूँ दीवार कूद कर. तुम तब तक कुछ सोचो.” पद्मिनी ने कहा.
“नहीं तुम कही नहीं जाओगी.” राजू ने पद्मिनी का हाथ थाम लिया.
“राजू वो गोली मर देगा उनको. हमें कुछ तो करना होगा ना.”
“तुम यही रुको मैं जा रहा हूँ. तुम वहां गयी तो मैं कुछ नहीं कर पऊंगा.”
“नहीं तुम यहां रुकोगे तो कुछ उम्मीद रहेगी. मैं यहां रुक कर क्या करूँगी.”
“तुम्हें मेरे सर की कसम. प्लीज़ मुझे जाने दो. और अपनी बंदूक मुझे दे दो. एक बंदूक हाथ में रखूँगा और एक छुपा कर रखूँगा.”
“ये गलत बात है. कसम देना चीटिंग मना जाता है.” पद्मिनी ने कहा
“मैं 10 तक गिनूंगा जल्दी सामने आओ वरना सभी को गोली मर दूँगा मैं.” साइको चिल्लाया.
“पद्मिनी एक किस दे दो जाते-जाते. पता नहीं बाद में मौका लगे या ना लगे.” राजू ने पद्मिनी के चेहरे पर हाथ रख कर कहा.
“चुत उप… ऐसा मत बोलो. मुझे अपने अंग-अंग पर तुम्हारे होठों की चुवन महसूस करनी है…तुम्हें बस एक किस की पड़ी है. तुम्हें कुछ नहीं होगा…..जाओ” पद्मिनी ने कहा.
“सोच लो. मैं जानवर बन सकता हूँ तुम्हारे साथ.”
“देखा जाएगा.”
“ई लव यू पद्मिनी…तुम यही रुकना. चाहे कुछ हो जाए…यहां से हिलना मत.” राजू ने कहा.
“5…6….7…8….9…” साइको गिनती गिन रहा था.
“आबे आ रहा हूँ क्यों चूतिया की तरह गिनती गिन रहे हो. कॉलेज में नहीं सीखी थी क्या ये गिनती. पता नहीं कैसे-कैसे चूतिया हैं दुनिया में.” राजू ने दीवार फाँदते हुए कहा.
वैसे तो चाँदनी रात एक खूबसूरत रात होती है और ऐसी चाँदनी रात में बहुत सुंदर फंसाने बने हुए हैं. लेकिन ये चाँदनी रात बहुत भयानक रूप ले रही थी. फार्म हाउस पर जो कुछ भी हो रहा था उसके कारण ये चाँदनी रात अमावस्या की रात में बदल गयी थी.
जब राजू फार्म हाउस की दीवार कूद रहा था तब पद्मिनी यही ड्यूवा कर रही थी की उसकी उमर राजू को लग जाए और उस पर आने वाली अनहोनी उस पर आ जाए. प्यार में इंसान खुद को भूल कर सिर्फ़ उसे याद रखता है जिसे वो बहुत प्यार करता है. रोहित अपनी परवाह किए बिना शालिनी के ऊपर पड़ा था क्योंकि उसे मर खाते नहीं देख सकता था. खुद को भुला देना आसान नहीं होता. बारे-बारे साधु महात्मा भी नहीं कर पाते हैं ये काम. लेकिन प्यार में डूबे प्रेमी बड़ी आसानी से कर लेते हैं. तभी शायद प्यार सबसे बड़ी साधना है और परमात्मा को पाने का सबसे सच्चा और पवित्र रास्ता है. प्रेम-साधना में, साधना ने भी कुछ ऐसा ही रास्ता दिखाया था हमें.
“मैं अपने प्यार को कुछ नहीं होने दूँगी चाहे मुझे अपनी जान ही क्यों ना देनी पड़े. लेकिन मैं क्या करूँ भगवान कुछ समझ नहीं आ रहा. क्या मैं यही बैठी रहूं. कुछ तो करना होगा मुझे.मुझे रास्ता दीखाओ भगवान…रास्ता दीखाओ मुझे.” पद्मिनी ने आंखें बंद करके प्रेयर की.
मुश्किल वक्त में इंसान सबसे पहले भगवान को याद करता है. पद्मिनी भी वही कर रही थी. कुछ सोच कर पद्मिनी उठी और दीवार के साथ झुक कर उस जगह से आगे तरफ गयी. उसने कुछ करने की ठान ली थी.
राजू फार्म हाउस में कूद कर दीवार के साथ ही खड़ा रहा.
“क्या कहा तुमने मुझे…चूतिया…हां…ये बंदूक वही गिरा कर चुपचाप यहां आजा. मैं तुझे बताता हूँ की चूतिया किसे कहते हैं.” साइको कठोर शब्दों में कहा.
“ओके फाइन… ये लो गिरा दी बंदूक मैंने. और मुझे पता है चूतिया किसे कहते हैं. तुझसे बड़ा चूतिया मिलेगा क्या कही. बिना मतलब लोगों को मारता फिरता है. तुझे मिलता क्या है ये सब करके?”
“एक आर्टिस्ट को जो मिलता है…वही मुझे मिलता है. मैं लोगों को खास तरीके से मारता हूँ. एक खूबसूरत मौत देता हूँ उन्हें. आज मेरी जींदगी का सबसे बड़ा दिन है. आज एक साथ इतने लोगों को मारने का मौका मिल रहा है. तुम नहीं समझ सकते की क्या मजा है इसे आर्ट में. ये सिर्फ़ मैं ही जानता हूँ. चुपचाप यहां आओ तुम्हारी खातिरदारी करता हूँ. तुम्हारे हर सवाल का जवाब मिलेगा तुम्हें…हिहिहीही.”
राजू बिना कुछ कहे चुपचाप साइको के करीब आ गया.
“बहुत दिन से मैंने किसी की खोपड़ी नहीं उड़ाई अपनी बंदूक से. सोचता हूँ आज ये कमी पूरी कर दी जाए. मेरे सर पर निशाना लगाया था तूने हां. मेरे कान को ज़ख्मी कर दिया तूने. तुम्हारा निशाना तो चूक गया पर मेरा नहीं चूकेगा. उड़ती चिड़िया को गिरा सकता हूँ मैं ज़मीन पर गोली मर कर. तो सोचो तुम्हारी खोपड़ी कैसे बचेगी…हिहिहिहीही.”
ये सुन कर एक पल को राजू के होश उड़ गये. “इसे से पहले ये मेरी खोपड़ी उड़ाए मुझे इसकी उड़ा देनी चाहिए.” राजू ने फुर्ती से गुण निकाली पीठ के पीछे से. लेकिन फायर नहीं कर पाया क्योंकि बंदूक उसके हाथ से चुत चुकी थी.
“हाहहहाहा…अब बताओ कोन है चूतिया. मेरे सामने कोई बंदूक लेकर खड़ा नहीं हो सकता. कोई डाउट हो तो अपनी आस्प साहिबा से पूछ लो. या फिर इसे रिपोर्टर से पूछ लो. कोई और बंदूक हो तो वो भी निकाल कर ट्राइ कर लो.”
“होती तो ट्राइ जरूर करता” राजू ने कहा.
साइको ने राजू के हाथ से छुट्टी बंदूक उठा ली और उसमें से गोलियां निकाल कर उसे दूर फेंक दिया.
“बहुत खूब…तुम्हारे साथ गेम खेलने में मजा आएगा. तुम्हारी खोपड़ी उड़ाने के लिए तड़प रहा हूँ मैं. तुरंत तुम्हें गोली मारने का मान कर रहा है. लेकिन तुम एक काम करोगे तो मैं ये तड़प भूल जाऊंगा और तुम्हें यहां से जाने दूँगा. ये देखो तुम्हारे सामने आस्प साहिबा पड़ी हैं. इनके ऊपर मिस्टर रोहित पांडे पड़ें हैं. हद है ना बेशर्मी की. इन दोनों की इन्हीं हरकतों की वजह से शहर में क्राइम तरफ रहा है. ये तो मैंने मिस्टर पांडे को किसी लायक छोडा नहीं है वरना तो ये अभी हमारे सामने ही चुत मर रहा होता आस्प साहिबा की.” साइको ने कहा.
“चुत उप यू बस्टर्ड. शर्म आनी चाहिए तुम्हें ऐसा बोलते हुए.” बहुत ज्यादा दर्द था शालिनी की आवाज़ में. इतना दर्द की राजू की आंखें भी नाम हो गयी उसकी आवाज़ सुन कर.
“अगर तुम जींदा रहना चाहते हो तो तुम्हें इन दोनों बेशार्मो को मारना होगा. ये बेसबॉल बात लो और मर डालो इन दोनों को. जितना ज्यादा खून बहेगा उतना अतचा रहेगा. मुझे यकीन है अपनी खोपड़ी बचाने के लिए तुम इतना तो कर ही सकते हो. बहुत मजा आएगा चलो शुरू हो जाओ.”
साइको ने बेसबॉल बात राजू की तरफ फेंका और बोला, “उठाओ इसे और जल्दी शुरू हो जाओ. सिर्फ़ 10 मिनट का टाइम है तुम्हारे पास इन दोनों को मारने का. नहीं मर पाए इन दोनों को तो तुम्हारी खोपड़ी में अपनी बंदूक की सारी की सारी गोलियां उतार दूँगा.और हाँ अब कोई चालाकी मत करना…हर वक्त तुम्हारी खोपड़ी मेरे निशाने पर है हिहिहिहीही.”
राजू अजीब असमंजस में पड़ गया. उसे मारना मंजूर नहीं था. ना ही वो शालिनी और रोहित को मर सकता था. वो बात उठाने के लिए नीचे झुका.
एक खौफनाक रात – Hindi Thriller Story- 56