Re: एक पगली की कहानी- Hindi Kahani (Completed)
Posted: 06 Oct 2015 11:12
अगले दिन, सुबह के 10 बजे:
राकेश दूर बेल बजा रहा था. साहबरा नही हो रहा हो जैसे उससे, हर 10 सेकेंड पे एक बार फिर बजा डालता. करीब 2 मिनिट इंतेज़ार किया उसने और फिर दूर खुलता है.
राकेश – क्या आंटी मैं कब से यहा…..(बोलते बोलते वो अश्कार्या से भर जाता है, और एक तक देखता रहता है)
शीला – अरे. क्या हुआ. बोलो भी. (मुस्कुराते हुए)
राकेश – वो. वो वो… मा मा . मैं यहा घंटी बजा रहा था… (राकेश बस शीला को देखता रह जाता है और उसकी बोली लड़खरने लगती है)
शीला – अंदर आओ. सॉरी मैने थोड़ा लाते से खोला दरवाज़ा. मैं नहा रही थी… आओ बैठो. मैं बस आती हू अभी चेंज कर के.
राकेश सोफा पे बैठ जाता है. पर उसकी निगाहें लगातार शीला के जिस्म पे टिकी थी. शीला दर असल सिर्फ़ एक टवल में थी. छाती के उपर से उसके घुतनो तक, सिर्फ़ एक टोलिए में. शीला को कभी ऐसी हालत में नही देखा था उसने. बाल खुले हुए, और उनमे से शॅमपू की खुश्बू आ रही थी. उसकी मखमली टाँगे भीगी हुई होने के कारण चमक रही थी. हक्का बक्का सा राकेश शीला को बेडरूम के तरफ जाता देखता रह गया. लंड पूरे उबाल पे आ चुका था उसका. पर वो पूरा कंट्रोल किए था.
10 मिनिट में शीला आ जाती है ड्रॉयिंग रूम में राकेश के पास. उसने एक वाय्लेट कलर का गाउन पहना था. सिल्क से बना हो जैसे, गाउन की चमक से लग रहा था. बाल अभी भी खुले थे. और होंठो पे एक हल्की सी ग्लॉस की चमक दिख रही थी.
शीला आती है और बगल वाले सोफे पे बैठ जाती है. राकेश की निगाहें फिर से स्कॅनिंग मोड पे आ जाती हैं.
शीला – सॉरी राकेश तुमेह मेरे चलते इतना इंतेज़ार करना परा. (अजीब सा साद फेस बनाए हुए शीला बोलती है)
राकेश – अरे नही शीला आंटी. मैं तो आपके लिए ज़िंदगी भर इंतेज़ार कर सकता हू. (मुस्कुराते हुए बोलता है)
शीला – अफ चल हट. फिरसे मत फ्लर्ट कर. मैं बोला था ना की एक गर्ल फ्रेंड ढूँढ लो.
राकेश – ढूँढ तो लिया ना.
शीला – कौन?
राकेश – आप! (मुस्कुराते हुए, पर कॉन्फिडेन्स में)
शीला – अरे यार. सुधार जेया. तू बच्चा है. और जनता है मेरी एज क्या है?
राकेश – ई आम ऑफ 18 सेंॉरिता, टर्निंग 19 वेरी सून. और आपकी एज भी क्या है, वो ही 25 या 26.
शीला – सो स्वीट ऑफ यू. बट मैं 25-26 की नही.
राकेश – पर मेरी पसंद तो तुम ही होना आंटी, और ये जगह और कोई नही ले सकता(राकेश थोड़ा शीला के सोफे के तरफ सरक के बोलता है)
शीला – अओ! मेरे प्यारे लवर! (शीला भी थोड़ा राकेश की तरफ झुकते हुए बोलती है)
राकेश की नज़रे उभरो की घाटी, शीला की छाती के तरफ बढ़ जाती है.
शीला – क्या मेरा लवर जनता है की मैने उसको यहा क्यू बुलाया था? मेरे किचन में मेरा गॅस स्टोव काम नही कर रहा. कल रात से मैने चाय तक नही पी.
राकेश अपनी नज़रे शीला की क्लीवेज पर से उठा के उसके चेहरे पे ले आता है, और अजीब सा लुक देता है जैसे की कितनी दीस्सापॉइंटमेंट हुई उससे.
ये चीज़ भाँपते हुए शीला हंस पार्टी है.
शीला – क्यूँ लवर. तुमको तो आता है ना गॅस स्टोव बनाना. मेरी हेल्प नही कर दोगे?
राकेश – आपके लिए कुछ भी कर दूँगा शीला आंटी. (थोड़ा और सरकते हुए शीला की तरफ बोलता है)
राकेश – पर मेरी छोटी सी फीस है आंटी. मैने तो बताया था ना. आपको याद तो है ना?
शीला – क्या बताया था. मुझे तो याद नही.
राकेश – अरे मैने बताया था ना. ऐसे मत बोलिए. (थोड़ा और सरकते हुए बोलता है, साद सा फेस बनाते हुए)
शीला – नही याद सच में. बताओ ना फिरसे. याद आ जाएगा शायद.
राकेश – वो मैने बोला था ना…. उम्म्म. किस के लिए…. वो ही फीस (थोड़ा और सरकते हुए बोलता है. इस टाइम तक वो अपने सोफे के एक दम किनारे तक आ जाता है. अब उसके और शीला के बीच सिर्फ़ एक फुट का डिस्टेन्स था.)
शीला – किस. क्या किस? (राकेश की तरफ थोड़ा और झुकती हुई)
राकेश शीला की होंठो की तरफ एक तक देखते हुए. उसके होंठ खुल रहे थे पर कुछ आवाज़ नही निकल रहा था. अपने मुँह से छोटा ‘ओ‚ बनाते हुए…
शीला – बोलो ना.
राकेश – आप किस करोगी मुझे… (हकलाते हुए बोलता है)
शीला अचानक से बिल्कुल करीब आए राकेश का चेहरा अपने बाएँ हाथ से पाकराती है और उसके एक गाल पे किस कर देती है. एक हल्की सी ‘एम्म्म पुचह‚ की आवाज़ आती है और तेज़ी से शीला सोफे पे से उठ जाती है.
शीला – चलो चलो. जल्दी से किचन में आओ. अभी तो ऑफीस भी निकलना है 11 बजे तक. और अभी ये स्टोव ठीक नही हुआ तो मुझे रात का खाना भी बाहर खाना परेगा. (ये सब कहते हुए वो किचन की ओर बढ़ने लगती है.)
राकेश एक दम से उसके गाल पे हुए हमले से शॉक में था. नाज़ुक होंठो का गरम एहसास उसके गालो से अलग हो जाने के बाद भी महसूस कर पा रहा था.
राकेश – पर… पर मैं होंठो पे किस के लिए बोला था.
शीला – उफफफ्फ़. अब आओ भी किचन में मेरे लवर. लाते हो जौंगी मैं ऑफीस के लिए(राकेश की तरफ देखते हुए बोलती है)
राकेश का लंड पूरा खड़ा हो चुका था. बड़ी मुस्किल से छुपाने की नाकाम कोशिश के साथ किचन में आता है. शीला ने नोटीस कर लिया था उसका खड़ा लंड, पर ना हासने का डिसाइड किया.
राकेश बिना कुछ बोले औज़ार लेके रिपेर करने लगता है स्टोव. करीबन 10-15 मिनिट हुए होंगे और स्टोव काम करने लगा. तब जाके राकेश बोलता है, ‘आंटी, काम करने लगा. आप एक बार खुद चेक कर लीजिए.‚ शीला चेक कराती है. सब कुछ ठीक काम कर रहा था. तब तक वॉशबेसिन में राकेश अपना हाथ धो लेता है. वॉश बेसिन में हाथ धो के जैसे ही घूमता है तो देखता है शीला एक दम सात के उससे खड़ी है. चौंक के हल्का पीछे होता है.
शीला थोड़ा और एज बढ़ती है. राकेश अब पूरी तरह से बेसिन से चिपक जाता है. शीला मुस्कुरा रही थी. उसने अपना एक हाथ राकेश के गर्दन के पीछे रखा और दूसरा उसके कंधे पे. राकेश और शीला दोनो एक ही हाइट के थे. दोनो बिल्कुल आमने सामने, राकेश तो बस टकटकी बँधे देखा जा रहा था, ऐसा मानो जैसे की उसकी आँखें पलकें झपकना ही भूल गये थे. धीरे धीरे शीला अपने चेहरे को एज बढ़ती है. राकेश उसकी साँसे फील करना शुरू कर दिया अपने फेस पे.
शीला बची हुई चेहरो के बीच की दूरी हो हटा देती है, और हल्के ज़ोर से अपने बंद होंठ राकेश के होंठ पे जर देती है. वही सुनी सी आवाज़ राकेश के कानो में पहुँचती है, ‘म्म्म्ममममम पुउऊउक्ककचह!!!!‚
शीला के होंठो से राकेश के होंठो पे ‘पुच्छ‚ की आवाज़ इस बार पछले बार के मुक़ाबले थोड़ी लंबी आती है. 5 सेक का ही किस था, पर जिस मादक अंदाज़ से शीला ने किस किया वो राकेश कभी नही भूल सकता था.
होंठ अलग करते हुए शीला राकेश के तरफ से थोड़ी पीछे होती है और अपने हाथ उसपे से हटा लेती है. वो मुस्कुरा रही थी.
राकेश – बाथरूम किस तरफ है आंटी.
शीला – आओ आओ. इधर है. (ज़ोर से हंसते हुए…)
राकेश अपना खड़ा लॉरा हाथ से चुपाता हुआ बाथरूम की तरफ भागता है. शीला अभी भी ज़ोर से हंस रही थी.
शाम के 4 बाज रहे थे. राकेश दिन भर आज सुबह के बड़े में सोच रहा था. शीला के चुममे का एहसास जैसे हो अभी भी ले पा रहा था. लंड तो मानो की ठंडा होने का नाम ना ले रहा हो. सुबह से अब तक में टीन बार मूठ मार चुका था. पर अंदर का उबाल शांत नही हो रहा था. ठीक 4 बजे उसने कॉल करने का सोचा रवि को. पर कॉल क्या करें, चल के खुद ही हाल बयान करने का सोचा.
4.10 में रवि के कमरे पे राकेश नॉक कराता है.
रवि – अरे राकेश. अभी. अभी कैसे?
राकेश – क्यूँ बे. नही आ सकता क्या (अंदर आ के रवि के बेड पे शान से लेट जाता है.)
रवि- सेयेल चप्पल तो निकल के लेट ना. ग़रीब का बिस्तर क्यूँ खराब कर रहा है.
राकेश – ग़रीब. साले इतनी बड़ी माल के यहा आना जाना शुरू हो गया है. अब तू मालदार हो चुका है भोसड़ी..
राकेश – आ! क्या किस थी यार. मज़ा आ गया.
रवि – किस?
राकेश – हाँ यार. आज किस कर ही लिया मैने शीला को. (गर्व से मुस्कुराते हुए)
रवि – क्या बात कर रहा है बे. तू सच बोल रहा है? (राकेश के पास बैठते हुए बोलता है.)
राकेश आज सुबह की हुई बातें रवि को बतने लगता है. रवि एक तक हो के सब सुनता जा रहा था.
रवि – आबे मुझे विश्वास नही हो रहा भाई.
राकेश – यार कसम से. क्या किस था. अब सोचता हूँ उसके होंठो के एहसास के बड़े में, तो मॅन कराता है की मैने उसे काट क्यू नही लिया. ज़ोर से एक दम चूस के सारा रस क्यू नही निचोर लिया.
रवि – आबे ऐसे किस करते हैं क्या. जानवर है क्या तू.
राकेश – हाँ बे जानवर ही हू. जानवर बना दिया है भाई मुझे शीला ने. (आहें भराते हुए बोलता है)
रवि – अच्छा. कोई फोटो नही शीला की? मतलब मैं देखना चाहता था.
राकेश – तू फ़ेसबुक पे है क्या?
रवि-नही. क्यूँ?
राकेश – शीला मेरे फ़ेसबुक मे आडेड है. तू भी सेयेल अकाउंट बना ले. आज कल माल लोग फ़ेसबुक पे ही पटा ती हैं. समझा क्या? रुक तेरे को मैं शीला का प्रोफाइल पिक दिखता हू.
राकेश दूर बेल बजा रहा था. साहबरा नही हो रहा हो जैसे उससे, हर 10 सेकेंड पे एक बार फिर बजा डालता. करीब 2 मिनिट इंतेज़ार किया उसने और फिर दूर खुलता है.
राकेश – क्या आंटी मैं कब से यहा…..(बोलते बोलते वो अश्कार्या से भर जाता है, और एक तक देखता रहता है)
शीला – अरे. क्या हुआ. बोलो भी. (मुस्कुराते हुए)
राकेश – वो. वो वो… मा मा . मैं यहा घंटी बजा रहा था… (राकेश बस शीला को देखता रह जाता है और उसकी बोली लड़खरने लगती है)
शीला – अंदर आओ. सॉरी मैने थोड़ा लाते से खोला दरवाज़ा. मैं नहा रही थी… आओ बैठो. मैं बस आती हू अभी चेंज कर के.
राकेश सोफा पे बैठ जाता है. पर उसकी निगाहें लगातार शीला के जिस्म पे टिकी थी. शीला दर असल सिर्फ़ एक टवल में थी. छाती के उपर से उसके घुतनो तक, सिर्फ़ एक टोलिए में. शीला को कभी ऐसी हालत में नही देखा था उसने. बाल खुले हुए, और उनमे से शॅमपू की खुश्बू आ रही थी. उसकी मखमली टाँगे भीगी हुई होने के कारण चमक रही थी. हक्का बक्का सा राकेश शीला को बेडरूम के तरफ जाता देखता रह गया. लंड पूरे उबाल पे आ चुका था उसका. पर वो पूरा कंट्रोल किए था.
10 मिनिट में शीला आ जाती है ड्रॉयिंग रूम में राकेश के पास. उसने एक वाय्लेट कलर का गाउन पहना था. सिल्क से बना हो जैसे, गाउन की चमक से लग रहा था. बाल अभी भी खुले थे. और होंठो पे एक हल्की सी ग्लॉस की चमक दिख रही थी.
शीला आती है और बगल वाले सोफे पे बैठ जाती है. राकेश की निगाहें फिर से स्कॅनिंग मोड पे आ जाती हैं.
शीला – सॉरी राकेश तुमेह मेरे चलते इतना इंतेज़ार करना परा. (अजीब सा साद फेस बनाए हुए शीला बोलती है)
राकेश – अरे नही शीला आंटी. मैं तो आपके लिए ज़िंदगी भर इंतेज़ार कर सकता हू. (मुस्कुराते हुए बोलता है)
शीला – अफ चल हट. फिरसे मत फ्लर्ट कर. मैं बोला था ना की एक गर्ल फ्रेंड ढूँढ लो.
राकेश – ढूँढ तो लिया ना.
शीला – कौन?
राकेश – आप! (मुस्कुराते हुए, पर कॉन्फिडेन्स में)
शीला – अरे यार. सुधार जेया. तू बच्चा है. और जनता है मेरी एज क्या है?
राकेश – ई आम ऑफ 18 सेंॉरिता, टर्निंग 19 वेरी सून. और आपकी एज भी क्या है, वो ही 25 या 26.
शीला – सो स्वीट ऑफ यू. बट मैं 25-26 की नही.
राकेश – पर मेरी पसंद तो तुम ही होना आंटी, और ये जगह और कोई नही ले सकता(राकेश थोड़ा शीला के सोफे के तरफ सरक के बोलता है)
शीला – अओ! मेरे प्यारे लवर! (शीला भी थोड़ा राकेश की तरफ झुकते हुए बोलती है)
राकेश की नज़रे उभरो की घाटी, शीला की छाती के तरफ बढ़ जाती है.
शीला – क्या मेरा लवर जनता है की मैने उसको यहा क्यू बुलाया था? मेरे किचन में मेरा गॅस स्टोव काम नही कर रहा. कल रात से मैने चाय तक नही पी.
राकेश अपनी नज़रे शीला की क्लीवेज पर से उठा के उसके चेहरे पे ले आता है, और अजीब सा लुक देता है जैसे की कितनी दीस्सापॉइंटमेंट हुई उससे.
ये चीज़ भाँपते हुए शीला हंस पार्टी है.
शीला – क्यूँ लवर. तुमको तो आता है ना गॅस स्टोव बनाना. मेरी हेल्प नही कर दोगे?
राकेश – आपके लिए कुछ भी कर दूँगा शीला आंटी. (थोड़ा और सरकते हुए शीला की तरफ बोलता है)
राकेश – पर मेरी छोटी सी फीस है आंटी. मैने तो बताया था ना. आपको याद तो है ना?
शीला – क्या बताया था. मुझे तो याद नही.
राकेश – अरे मैने बताया था ना. ऐसे मत बोलिए. (थोड़ा और सरकते हुए बोलता है, साद सा फेस बनाते हुए)
शीला – नही याद सच में. बताओ ना फिरसे. याद आ जाएगा शायद.
राकेश – वो मैने बोला था ना…. उम्म्म. किस के लिए…. वो ही फीस (थोड़ा और सरकते हुए बोलता है. इस टाइम तक वो अपने सोफे के एक दम किनारे तक आ जाता है. अब उसके और शीला के बीच सिर्फ़ एक फुट का डिस्टेन्स था.)
शीला – किस. क्या किस? (राकेश की तरफ थोड़ा और झुकती हुई)
राकेश शीला की होंठो की तरफ एक तक देखते हुए. उसके होंठ खुल रहे थे पर कुछ आवाज़ नही निकल रहा था. अपने मुँह से छोटा ‘ओ‚ बनाते हुए…
शीला – बोलो ना.
राकेश – आप किस करोगी मुझे… (हकलाते हुए बोलता है)
शीला अचानक से बिल्कुल करीब आए राकेश का चेहरा अपने बाएँ हाथ से पाकराती है और उसके एक गाल पे किस कर देती है. एक हल्की सी ‘एम्म्म पुचह‚ की आवाज़ आती है और तेज़ी से शीला सोफे पे से उठ जाती है.
शीला – चलो चलो. जल्दी से किचन में आओ. अभी तो ऑफीस भी निकलना है 11 बजे तक. और अभी ये स्टोव ठीक नही हुआ तो मुझे रात का खाना भी बाहर खाना परेगा. (ये सब कहते हुए वो किचन की ओर बढ़ने लगती है.)
राकेश एक दम से उसके गाल पे हुए हमले से शॉक में था. नाज़ुक होंठो का गरम एहसास उसके गालो से अलग हो जाने के बाद भी महसूस कर पा रहा था.
राकेश – पर… पर मैं होंठो पे किस के लिए बोला था.
शीला – उफफफ्फ़. अब आओ भी किचन में मेरे लवर. लाते हो जौंगी मैं ऑफीस के लिए(राकेश की तरफ देखते हुए बोलती है)
राकेश का लंड पूरा खड़ा हो चुका था. बड़ी मुस्किल से छुपाने की नाकाम कोशिश के साथ किचन में आता है. शीला ने नोटीस कर लिया था उसका खड़ा लंड, पर ना हासने का डिसाइड किया.
राकेश बिना कुछ बोले औज़ार लेके रिपेर करने लगता है स्टोव. करीबन 10-15 मिनिट हुए होंगे और स्टोव काम करने लगा. तब जाके राकेश बोलता है, ‘आंटी, काम करने लगा. आप एक बार खुद चेक कर लीजिए.‚ शीला चेक कराती है. सब कुछ ठीक काम कर रहा था. तब तक वॉशबेसिन में राकेश अपना हाथ धो लेता है. वॉश बेसिन में हाथ धो के जैसे ही घूमता है तो देखता है शीला एक दम सात के उससे खड़ी है. चौंक के हल्का पीछे होता है.
शीला थोड़ा और एज बढ़ती है. राकेश अब पूरी तरह से बेसिन से चिपक जाता है. शीला मुस्कुरा रही थी. उसने अपना एक हाथ राकेश के गर्दन के पीछे रखा और दूसरा उसके कंधे पे. राकेश और शीला दोनो एक ही हाइट के थे. दोनो बिल्कुल आमने सामने, राकेश तो बस टकटकी बँधे देखा जा रहा था, ऐसा मानो जैसे की उसकी आँखें पलकें झपकना ही भूल गये थे. धीरे धीरे शीला अपने चेहरे को एज बढ़ती है. राकेश उसकी साँसे फील करना शुरू कर दिया अपने फेस पे.
शीला बची हुई चेहरो के बीच की दूरी हो हटा देती है, और हल्के ज़ोर से अपने बंद होंठ राकेश के होंठ पे जर देती है. वही सुनी सी आवाज़ राकेश के कानो में पहुँचती है, ‘म्म्म्ममममम पुउऊउक्ककचह!!!!‚
शीला के होंठो से राकेश के होंठो पे ‘पुच्छ‚ की आवाज़ इस बार पछले बार के मुक़ाबले थोड़ी लंबी आती है. 5 सेक का ही किस था, पर जिस मादक अंदाज़ से शीला ने किस किया वो राकेश कभी नही भूल सकता था.
होंठ अलग करते हुए शीला राकेश के तरफ से थोड़ी पीछे होती है और अपने हाथ उसपे से हटा लेती है. वो मुस्कुरा रही थी.
राकेश – बाथरूम किस तरफ है आंटी.
शीला – आओ आओ. इधर है. (ज़ोर से हंसते हुए…)
राकेश अपना खड़ा लॉरा हाथ से चुपाता हुआ बाथरूम की तरफ भागता है. शीला अभी भी ज़ोर से हंस रही थी.
शाम के 4 बाज रहे थे. राकेश दिन भर आज सुबह के बड़े में सोच रहा था. शीला के चुममे का एहसास जैसे हो अभी भी ले पा रहा था. लंड तो मानो की ठंडा होने का नाम ना ले रहा हो. सुबह से अब तक में टीन बार मूठ मार चुका था. पर अंदर का उबाल शांत नही हो रहा था. ठीक 4 बजे उसने कॉल करने का सोचा रवि को. पर कॉल क्या करें, चल के खुद ही हाल बयान करने का सोचा.
4.10 में रवि के कमरे पे राकेश नॉक कराता है.
रवि – अरे राकेश. अभी. अभी कैसे?
राकेश – क्यूँ बे. नही आ सकता क्या (अंदर आ के रवि के बेड पे शान से लेट जाता है.)
रवि- सेयेल चप्पल तो निकल के लेट ना. ग़रीब का बिस्तर क्यूँ खराब कर रहा है.
राकेश – ग़रीब. साले इतनी बड़ी माल के यहा आना जाना शुरू हो गया है. अब तू मालदार हो चुका है भोसड़ी..
राकेश – आ! क्या किस थी यार. मज़ा आ गया.
रवि – किस?
राकेश – हाँ यार. आज किस कर ही लिया मैने शीला को. (गर्व से मुस्कुराते हुए)
रवि – क्या बात कर रहा है बे. तू सच बोल रहा है? (राकेश के पास बैठते हुए बोलता है.)
राकेश आज सुबह की हुई बातें रवि को बतने लगता है. रवि एक तक हो के सब सुनता जा रहा था.
रवि – आबे मुझे विश्वास नही हो रहा भाई.
राकेश – यार कसम से. क्या किस था. अब सोचता हूँ उसके होंठो के एहसास के बड़े में, तो मॅन कराता है की मैने उसे काट क्यू नही लिया. ज़ोर से एक दम चूस के सारा रस क्यू नही निचोर लिया.
रवि – आबे ऐसे किस करते हैं क्या. जानवर है क्या तू.
राकेश – हाँ बे जानवर ही हू. जानवर बना दिया है भाई मुझे शीला ने. (आहें भराते हुए बोलता है)
रवि – अच्छा. कोई फोटो नही शीला की? मतलब मैं देखना चाहता था.
राकेश – तू फ़ेसबुक पे है क्या?
रवि-नही. क्यूँ?
राकेश – शीला मेरे फ़ेसबुक मे आडेड है. तू भी सेयेल अकाउंट बना ले. आज कल माल लोग फ़ेसबुक पे ही पटा ती हैं. समझा क्या? रुक तेरे को मैं शीला का प्रोफाइल पिक दिखता हू.